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अमेरिका को बर्दाश्त नहीं भारत-रूस की दोस्ती, जाते-जाते बाइडेन ने चलाया ऐसा चाबुक, बढ़ेगी टेंशन

#petroldieselpricemayhikeinindiaafterusaimposebanonrussia 

अमेरिका रूस के खिलाफ यूक्रेन युद्ध की वजह से नए प्रतिबंधों का ऐलान किया। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के मुताबिक अमेरिका ने रूस की 200 से ज्यादा कंपनियों और व्यक्तियों के साथ 180 से ज्यादा शिप्स पर बैन लगा दिया। इसके अलावा दो भारतीय कंपनी स्काईहार्ट मैनेजमेंट सर्विसेज और एविजन मैनेजमेंट सर्विसेज भी बैन लगाया गया है।

रूस और यूक्रेन का युद्ध रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। ऐसे में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। उनका उद्देश्य यह है कि रूस को मिल रहा राजस्व कम किया जाए, जिससे यूक्रेन से युद्ध में वह इसका इस्तेमाल न कर सके। इसीलिए उसने 200 से अधिक रूसी संस्थानों और लोगों पर बैन लगाए गए हैं। इनमें बीमा कंपनियां, व्यापारी और तेल टैंकर आदि शामिल हैं।

अमेरिकी ने रूस की तेल उत्पादक कंपनियों और तेल ले जाने वाले जहाजों पर प्रतिबंध लगाया है। अमेरिका ने आरोप लगाया कि रूस, भारत और चीन जैसे देशों को सस्ता क्रूड ऑयल बेचकर यूक्रेन के साथ युद्ध की फंडिंग कर रहा है। इसी खीज में अमेरिका ने रूसी तेल उत्पादकों के साथ-साथ रूसी तेल ले जाने वाले 183 जहाजों पर प्रतिबंध लगा दिया। इस बैन की वजह से क्रूड ऑयल की सप्लाई में परेशानी आने लगी है।

क्रूड ऑयल की कीमतों में आई तेजी

अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी आ गई है, क्रूड ऑयल की कीमतें 3% तक का बढ़ गई। कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल को पार हो गई। अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते भारत और चीन को रूस से ऑयल इंपोर्ट करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते सोमवार को ब्रेंट क्रूड का भाव 1.83 प्रतिशत चढ़कर 81.22 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इस तेजी के साथ की कच्चे तेल की कीमत चार महीने के हाई पर पहुंच गई है।

रूस ने की प्रतिबंधों की आलोचना

रूस के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इन प्रतिबंधों की आलोचना की है। रूस ने कहा कि यह अमेरिका की रूसी अर्थव्‍यवस्‍था को नुकसान पहुंचाने की चाल है। उसने कहा कि अमेरिका के इस कदम से वैश्विक बाजार में खतरा बढ़ेगा। रूस ने कहा कि वह बड़े तेल और गैस प्राजेक्‍ट पर काम करना जारी रखेगा। अमेरिका ने जो नए प्रतिबंध लगाए हैं, उससे 143 टैंकर प्रभावित होंगे जो 53 करोड़ बैरल रूसी तेल पिछले साल लेकर गए थे।

भारत पर भी होगा असर

रूसी तेल सप्लाई में आने वाली दिक्कतों के बीच आने वाले दिनों में भारत को ऊंचे दामों पर खाड़ी के देशों से कच्चा तेल खरीदना पड़ सकता है। अगर ऐसा ही रहा तो भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी आ सकती है। कच्चे तेल की कीमतों में ये तेजी जारी रही तो आपको महंगाई का झटका झेलना पड़ सकता है। यानी आने वाले दिनों में आपको महंगे तेल की कीमतों से दो-चार होना पड़ सकता है। पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने का सीधा असर सप्लाई चेन पर होगा। खाने-पीने से लेकर हर चीज महंगी होने लगेगी।

भारत ने बांग्लादेश को उसी की भाषा मे दिया जवाब, डिप्टी हाईकमिश्नर को किया तलब

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भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में तनाव बढ़ता जा रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बदलती परिस्थितियों पर चर्चा के लिए बांग्लादेश के उप-उच्चायुक्त नुरल इस्लाम को तलब किया। एक दिन पहले रविवार को बांग्लादेश ने ढाका में तैनात भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया था। विवाद की ताजा वजह सीमा पर बाड़ लगाने का भारत की कोशिशें हैं। बांग्लादेश का आरोप है कि भारत 4,156 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर पांच जगहों पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है। उसका दावा है कि यह द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है।

बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकने के लिए भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सुरक्षा को सख्त कर दिया है। बॉर्डर एरिया पर बीएसएफ की पैनी नजर है जिसके चलते बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की सरकार बौखला गई है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने रविवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया था और सीमा पर भारत की गतिविधियों पर चिंता जताई थी। सोमवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी नई दिल्ली में मौजूद बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त नूरुल इस्लाम को तलब किया है।

बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के अनुसार, रविवार को विदेश सचिव जशीम उद्दीन के साथ प्रणय वर्मा की बैठक लगभग 45 मिनट तक चली थी। एक अधिकारी ने कहा, 'ढाका और नई दिल्ली के बीच सुरक्षा के लिए सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर समझौता है। हमारे दोनों सीमा सुरक्षा बल – बीएसएफ और बीजीबी (सीमा सुरक्षा बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) इस संबंध में बातचीत कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इस समझौते को लागू किया जाएगा और सीमा पर अपराधों से निपटने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।

भारत और बांग्लादेश के बीच 4,156 किलोमीटर का बॉर्डर है। इसमें से 3271 किलोमीटर एरिया में भारत ने फेंसिंग कर दी है। 885 किलोमीटर बॉर्डर पर अभी फेंसिंग का काम चल रहा है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 2010 से लेकर 2023 तक 160 जगहों पर फेंसिंग का काम किया था। 10 जनवरी से BSF ने फिर से यह काम शुरू किया। इनमें से 5 जगहों चपैनवाबगंज, लालमोनिरहाट में तीन बीघा कॉरिडोर, नौगांव में पटनीताला, फेनी, कुश्तिया और कुमिला में फेंसिंग को लेकर विवाद है।

*India's T20 team announced, Shami will wear India's jersey after 431 days, return home to Eden*

Sports

Khabar kolkata sports Desk: India will play the first T20 against England on January 22. That game will be at Eden Gardens in Kolkata. Shami can be seen in the first eleven there. Shami returned to domestic cricket after recovering from injury. He played Ranji, Syed Mushtaq Ali T20 and Vijay Hazare Trophy for Bengal. This time he returned to India's T20 team.

Shamir has no more problems with fitness. One of the best fast bowlers in the country is ready to take the field in international cricket. Due to fitness issues, Shami was eventually unable to travel to Australia to play the Border-Gaoskar Trophy. Despite recovering from an ankle injury and playing for Bengal in various domestic competitions including the Ranji Trophy, he had fitness issues. He was not in a condition to take the pressure of playing a five-day match. Apart from that, he got a slight knee injury while playing for Bengal. So finally the Indian Cricket Board (BCCI) decided not to send Shami to Australia. The board bosses and the national selectors wanted Shami fresh in time for the upcoming Champions Trophy without rushing. Ajit Agarkar was relieved that Shami had been cleared by the NCA before the team was announced for the tournament. So he has been included in England series team.

भारत से ब्रह्मोस खरीदेगा इंडोनेशिया, गणतंत्र पर आ रहे राष्ट्रपति प्रबोवो फाइनल करेंगे डील

#indonesiatobuybrahmosmissilefromindia 

भारत की ब्रह्मोस मिसाइलों की दुनिया भर में डिमांड बढ़ रही है। कभी हथियारों के सबसे बड़े आयातक रहे भारत के लिए यह बड़ी सफलता है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो इस बार गणतंत्र दिवस 2025 समारोह के मुख्य अतिथि हो सकते हैं। उनकी यात्रा से ब्रह्मोस मिसाइलों के प्रस्तावित निर्यात सहित द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को बढ़ावा मिल सकता है। 

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के आयात के लिए इंडोनेशिया से बातचीत अंतिम चरण में है। हालांकि, इस सौदे पर पहले ही हस्ताक्षर हो सकते थे, लेकिन इंडोनेशिया के आंतरिक मामलों की वजह से इसमें देरी हुई। पूर्व रक्षा मंत्री और इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति और ताकतवर नेता सुहार्तो के दामाद प्रबोवो भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भी रिपब्लिक डे के मौके पर भारत आ रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश के राष्ट्राध्यक्ष के साथ भारत कई समझौते कर सकता है। इनमें से एक समझौता ब्रह्मोस मिसाइलों को लेकर भी होने वाला है। 

मिसाइल की खासियत

इस मिसाइल को भारत, रूस ने संयुक्त रूप से तैयार किया है। ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत यह है कि इसे जल, जमीन और हवा से लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल दुश्मन को करीब 650 किलोमीटर दूर तक मार गिरा सकती है। यह दूर से ही अपने तय लक्ष्य को भेद सकती है। खास बात यह है कि यह मिसाइल इस तरह से डिजाइन की गई है कि सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को भेदने के दौरान भी वह रास्ता न भटके। यह मिसाइल समुद्र से लेकर ऊंचे पर्वतों तक पर दुश्मन के ठिकानों को भेद सकती है।

भारत और इंडोनेशिया के संबंध

भारत और इंडोनेशिया के द्विपक्षीय संबंध बीते कुछ सालों में मजबूत हुए हैं। भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी में इंडोनेशिया को महत्वपूर्ण साझेदार देश माना जा रहा है। 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडोनेशिया दौरे के बाद दोनों देशों के बीच साझेदारी बढ़ गई थी। दोनों देशों के बीच इस साझेदारी का मुख्य स्तंभ समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग पर आधारित है. 2018 में भारतीय नौसेना, इंडोनेशियाई नौसेना का द्विपक्षीय सैन्याम्यास समुद्र शक्ति हुआ था। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ रही उपस्थिति और नतूना द्वीप के पास चीन की गतिविधियां बढ़ने की वजह से भारत और इंडोनेशिया समुद्री सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।

Dipnock: Innovating Business Growth Through Next-Generation Software

In a world where technological advancements define success, businesses are increasingly seeking innovative solutions to stay competitive. DIPNOCK, a prominent software development company, has steadily gained recognition for delivering customized solutions and driving digital transformation.

A Journey of Innovation

DIPNOCK began its journey by developing visitor management systems and real estate management software. Over time, it expanded its expertise to cater to a wide range of industries, emphasizing innovation, automation, and artificial intelligence (AI). In the past year alone, the company successfully delivered solutions to 13 clients, showcasing its ability to address diverse business challenges with precision and excellence.

Visionary Leadership

The operational and strategic growth of DIPNOCK is driven by its founder, Tinku Krishnan, a visionary leader committed to transforming businesses through technology. Under his guidance, the organization has established a dedicated Research and Development (R&D) team specializing in AI-driven automation. This team focuses on integrating AI to streamline operations, enhance efficiency, and unlock new opportunities for businesses.

Global Reach

DIPNOCK operates with a head office in Sharjah, UAE, and software development teams based in Sharjah and Bangalore, India. This dual presence enables the company to combine global reach with local expertise, ensuring agile and effective delivery of tailored solutions.

Focus on Artificial Intelligence

DIPNOCK's emphasis on AI and automation positions it as a leader in helping businesses adapt to an ever-evolving technological landscape. Its R&D team is at the forefront of leveraging AI to develop advanced solutions that enable businesses to streamline processes, improve efficiency, and stay ahead of the competition.

A Commitment to Exceed Expectations

According to Tinku Krishnan, businesses today require more than just conventional solutions—they need forward-thinking strategies that address immediate challenges while anticipating future demands. As he states, “The goal is to help businesses exceed their expectations by leveraging cutting-edge technologies and robust infrastructure.”

Why Businesses Choose DIPNOCK

Customized Solutions: Software tailored to specific business needs.

AI and Automation: Focus on integrating advanced technologies to enhance efficiency.

Experienced R&D Team: Dedicated to innovation and pushing technological boundaries.

Global Presence: Operations in the UAE and India for seamless collaboration.

A Partner for Transformation

For businesses planning to upgrade their operations, DIPNOCK provides solutions designed to go beyond expectations. With its expertise in innovation and advanced technologies, DIPNOCK is transforming businesses into future-ready enterprises.

This article highlights the impact DIPNOCK is making in the world of customized software development, innovation, and AI-driven automation. Organizations looking to navigate the complexities of digital transformation would benefit greatly from aligning with DIPNOCK’s vision and expertise.

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बिहार में नकली नोट तस्करों के सक्रिय होने की सूचना, ऐसे करें 500 के नोट के असली-नकली की पहचान

* डेस्क : प्रदेश में नकली नोट के तस्करों के एकबार फिर से सक्रिय होने की खबर हैं। बाजार में बड़े पैमाने पर 500 रुपए के नकली नोट उतारे जाने की खुफिया सूचना के बाद पटना पुलिस चौकस हो गई है। नकली नोट खपाने की खुफिया जानकारी के बाद तस्करों के मंसूबे नाकाम करने में पुलिस जुट गई है। बिहार पुलिस की विशेष शाखा ने पटना सहित सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है। डीएम के साथ एसएसपी और एसपी को इस बाबत पत्र लिखा है। इसमें नकली नोट के धंधे पर रोक लगाने के लिए विशेष जांच अभियान चलाने को कहा गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विशेष शाखा की आसूचना एवं सुरक्षा प्रभाग को जानकारी मिली है कि तस्कर पांच सौ रुपए के नकली नोट बाजार में खपा रहे हैं। नोट को बारिकी से तैयार किया गया है लेकिन तस्करों ने एक बड़ी चूक कर दी है। बाजार में जो नकली नोट भेजे गए हैं उसमें अंग्रेजी में Reserve Bank of India की जगह Resarve Bank of India छपा है। विशेष शाखा ने तस्करों की इस गलती को पकड़ते हुए नोट का नमूना भी अपने पत्र के साथ जिलों को भेजा है।
दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट की सूची में भारत 5 पायदान नीचे खिसका; सिंगापुर पहले स्थान पर

#indiaseesadownfallinpassportindex

TOI

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 के अनुसार, दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट की सूची में भारत की रैंकिंग 80वें से गिरकर 85वें स्थान पर आ गई है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स सभी 199 पासपोर्ट को उन गंतव्यों की संख्या के अनुसार रैंक करता है, जहाँ वे वीज़ा-मुक्त पहुँच सकते हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) के अनन्य टिमैटिक डेटा पर आधारित है। इसकी नवीनतम स्थिति के अनुसार, एक भारतीय पासपोर्ट धारक 57 गंतव्यों पर वीज़ा-मुक्त यात्रा कर सकता है। देश इक्वेटोरियल गिनी और नाइजर के साथ अपना स्थान साझा करता है।

सूची में शीर्ष स्थान किसने प्राप्त किया है?

सिंगापुर ने दुनिया के सबसे मजबूत पासपोर्ट की सूची में अपना दबदबा बनाए रखा है, और 2025 में भी शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, सिंगापुर का पासपोर्ट रखने वाला व्यक्ति दुनिया भर में 195 गंतव्यों पर वीज़ा-मुक्त यात्रा कर सकता है।

इसके बाद जापान (193 देश), फिनलैंड (192 देश), फ्रांस (192 देश), जर्मनी (192 देश), इटली (192 देश), दक्षिण कोरिया (192 देश), स्पेन (192 देश), ऑस्ट्रिया (191 देश) और डेनमार्क (191 देश) का स्थान है।

क्रमांक देश

1 सिंगापुर

2 जापान

3 फिनलैंड

4 फ्रांस

5 जर्मनी

6 इटली

7 दक्षिण कोरिया

8 स्पेन

9 ऑस्ट्रिया

10 डेनमार्क

यूएई पिछले एक दशक में सूचकांक पर सबसे बड़े चढ़ने वालों में से एक रहा है, जिसने 2015 से अतिरिक्त 72 गंतव्यों तक पहुंच हासिल की है, जिससे यह दुनिया भर में 185 गंतव्यों तक वीजा-मुक्त पहुंच के साथ 32 स्थानों की छलांग लगाकर 10वें स्थान पर पहुंच गया है।

आश्चर्यजनक रूप से, हेनले एंड पार्टनर्स की एक विज्ञप्ति के अनुसार, 2015 और 2025 के बीच वेनेजुएला के बाद अमेरिका दूसरा सबसे बड़ा गिरावट वाला देश है, जो दूसरे स्थान से सात स्थानों की गिरावट के साथ वर्तमान 9वें स्थान पर आ गया है। “ट्रम्प के दूसरे राष्ट्रपति बनने से पहले ही, अमेरिकी राजनीतिक रुझान उल्लेखनीय रूप से अंतर्मुखी और अलगाववादी हो गए थे। भले ही अमेरिका की आर्थिक सेहत आव्रजन, पर्यटन और व्यापार पर बहुत अधिक निर्भर करती है, लेकिन 2024 के राष्ट्रपति अभियान के दौरान मतदाताओं को यह कहानी सुनाई गई कि अमेरिका अकेला खड़ा हो सकता है (और होना भी चाहिए)…" वाशिंगटन थिंकटैंक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज की वरिष्ठ सहयोगी एनी फोर्ज़हाइमर ने कहा।

सबसे नीचे कौन है?

2025 में, पाकिस्तान और यमन हेनले पासपोर्ट इंडेक्स पर 103वें स्थान पर थे, दोनों के पास केवल 33 देशों में वीजा-मुक्त पहुँच थी। उनके बाद इराक (31 देश), सीरिया और (27 देश) और अफ़गानिस्तान (26 देश) हैं।

बच्चों को चपेट में ले रहा HMPV वायरस, देश के 5 राज्यों में आए केस, जारी हुई ये एडवाइजरी

#hmpvinindiahealthminisrtyadvisorytoallhospitals

कोविड 19 वायरस के बाद अब चीन के नए वायरस ने लोगों में दहशत फैला दी है। इसे हूयमन मेटान्‍यूमोवायरस (HMPV) कहा जाता है। इसके लक्षण कोरोना वायरस के समान हैं और ये कमजोर इम्‍यूनिटी वाले लोगों को अपना शिकार बनाता है। भारत में इसके मामले सामने आने लगे हैं। अब तक 5 राज्यों में केस मिले हैं। कुल 8 मामले सामने आ चुके हैं। सोमवार को एचमपीवी वायरस के कर्नाटक में दो, गुजरात में एक और तमिलनाडु में 2 मरीज मिले। आज मंगलवार को नागपुर में भी दो नए केस मिले हैं।

वायरस बच्चों को ले रहा चपेट में

भारत में अब तक HMP वायरस के जितने भी केस मिले हैं उसमें छोटे बच्चे ही संक्रमित हुए हैं। बेंगलुरु में 8 महीने के एक बच्चे को बुखार की वजह से एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और जांच के दौरान बच्चे में HMP वायरस पाया गया। दूसरा मामला भी बेंगलुरू के ही अस्पताल में मिला। इस बार 3 महीने के एक बच्चे में HMP वायरस मिला। इस बच्चे को ब्रोंकोन्यूमोनिया के चलते हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।

तीसरा मामला गुजरात में मिला और मरीज 2 महीने का एक बच्चा है। ये बच्चा पिछले 15 दिन से बीमार था और उसे राजस्थान के डूंगरपुर से अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, इसलिए राजस्थान में भी HMP वायरस के केस मिलने की आशंका बढ़ गई है। HMP वायरस का चौथा मामला पश्चिम बंगाल से है, जहां कोलकाता में 5 महीने का एक बच्चा HMPV पॉजिटिव पाया गया है। ये बच्चा बुखार, डायरिया, और उल्टी जैसे लक्षणों के साथ डॉक्टर के पास लाया गया था और वायरस PCR टेस्ट के बाद बच्चे में HMP वायरस होने की पुष्टि हो गई। इस बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने की वजह से रेस्परेटरी सपोर्ट पर रखा गया।

पांचवां और छठा मामला चेन्नई से सामने आया है। दो बच्चों को HMP वायरस की पुष्टि हुई है।

केंद्र सरकार अलर्ट

देश और दुनिया भर में स्थिति को बिगड़ता देख अब केंद्र सरकार पूरी तरह से अलर्ट हो गई है। अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से HMPV को लेकर लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में बताया गया है कि लोगों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। भारत में HMPV के दस्तक के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इसे लेकर पैनिक होने की जरुरत नहीं है। ये वायरस भारत में पहले से ही मौजूद है। फिलहाल हेल्थ मिनिस्ट्री पूरे मामले को मॉनिटर कर रही है और लोगों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

एडवाइजरी में क्या कहा गया है?

1. एडवाइजरी में अस्पतालों से सभी तरह के सांसों से संबंधी संक्रामक बीमारियों के लिए रियल टाइम रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कहा गया है। साथ ही सीवर एक्यूट रिस्पाइरेटरी इंफेक्शन से संबंधित इन मामलों को तत्काल इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम वाले पोर्टल में एंट्री करने के लिए कहा गया है।

2. एडवाइजरी में कहा गया कि सीवर एक्यूट रिस्पाइरेटरी इंफेक्शन के सबी मामले और इंफ्लूएंजा के सभी मामलों को आईएचआईपी पोर्टल में सूचीबद्ध करें।

3. एडवाइजरी के मुताबिक अस्पतालों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जब भी कोई इस तरह के संदेहास्पद मरीज आए तो उनके आइसोलेशन की व्यवस्था हो और तत्काल प्रभाव से उनका इलाज प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित हो कि संक्रामक बीमारी का प्रसार अन्य में न हो।

4. अस्पतालों से कहा गया है कि वह निजी अस्पतालों के साथ समन्वय स्थापित कर संक्रामक बीमारियों की सही रिपोर्टिंग और उपचार सुनिश्चित करें।

5. हर हाल में मरीज की सुरक्षा सुनिश्चित हो और अस्पतालों में इलाज के लिए कोई असुविधा न हो।

6. एडवाइजरी के मुताबिक सभी अस्पतालों के सीएमओ से कहा गया है कि हल्के-फुल्के लक्षणों के लिए वे अस्पतालों में पैरासिटामोल, एंटीहिस्टामिन, ब्रोंकोडायलेटर, कफ सीरफ का स्टोरेज कर लें ताकि इन सबकी कोई कमी न रहे।

भारत सरकार ने एचएमपीवी वायरस पर क्या कहा?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आने के बाद सोमवार को कहा कि सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और देश में किसी भी सामान्य श्वसन वायरस रोगजनक में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है। जेपी नड्डा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि चीन में एचएमपीवी की हालिया खबरों के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर, देश की शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान संस्था और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) चीन और अन्य पड़ोसी देशों में स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने स्थिति का संज्ञान लिया है और शीघ्र ही रिपोर्ट हमारे साथ साझा करेगा।

मालदीव में विपक्ष ने लगाया मुइज्जू को हटाने की साजिश का आरोप, जोड़ा भारत का नाम

#indianameaddedconspiracytoremovemuizzubytheoppositionin_maldives

करीब एक साल पहले भारत के पड़ोसी देश मालदीव में सत्‍ता परिवर्तन। जिसके बाद मोहम्‍मद मुइज्जू की सरकार सत्‍ता में आई। सरकार गठन के बाद ही मुइज्जू के मंत्रियों ने भारत के खिलाफ जहर उगलना भी शुरू कर दिया। हालांकि मुइज्जू को जल्द पता चल गया की भारत से पंगा लेना उनके लिए आसान नहीं है। मुइज्जू की भाषा बदली, जिसको बाद दोनों देशों के रिश्ते पटरी पर आने लगे। इस बीच अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में एक हैरान करने वाला दावा किया है। जिसमें दावा किया गया कि भारत ने मुइज्‍जू की सरकार को गिराने की साजिश रची

अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव की विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के नेताओं ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को हटाने की साजिश के लिए भारत से सहायता मांगी। रिपोर्ट के मुताबिक कथित तौर पर भारत की खुफिया एजेंसी रॉ का एक एजेंट मालदीव के विपक्षी नेताओं के संपर्क में था, ताकि जनवरी में मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के कुछ ही महीनों बाद उन्हें सत्ता से हटाया जा सके।

साजिश में भारत की खुफिया एजेंसी की कथित संलिप्तता

डेमोक्रेटिक रिन्यूअल इनिशिएटिव नामक इस योजना का विवरण देने वाले आंतरिक दस्तावेज में वरिष्ठ सैन्य और पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देने तथा तीन प्रभावशाली आपराधिक गिरोहों से संपर्क करने की योजना का खुलासा है। कथित तौर पर भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से जुड़े व्यक्तियों के साथ जनवरी 2024 में चर्चा शुरू हुई। हालांकि, महीनों की गुप्त वार्ता के बाद अपर्याप्त समर्थन से महाभियोग की साजिश विफल हो गई।

द वाशिंगटन पोस्ट के दावे के मुताबिक अमेरिका में भारतीय दूतावास में रॉ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूर्व आईपीएस अधिकारी शिरीष थोरेट और पत्रकार-राजनेता सवियो रोड्रिग्स के साथ मिलकर मुइज्जू को हटाने की चर्चा की। रिपोर्ट के मुताबिक थोरेट और रोड्रिग्स ने योजना के अस्तित्व की पुष्टि की, लेकिन यह नहीं बताया कि वे भारत सरकार की ओर से काम कर रहे थे या नहीं। भारत ने अभी तक इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है।

साजिश के तहत भारत से मांगे गए 6 मिलियन डॉलर

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि मालदीव में विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पर महाभियोग चलाने की साजिश रची थी। इस साजिश में सांसदों को रिश्वत देना और आपराधिक गिरोहों की भर्ती करना शामिल था। रिपोर्ट में यह भी आरोप है कि इस साजिश के लिए भारत से 6 मिलियन डॉलर (करीब 50.40 करोड़ रुपये) की मांग की गई थी। हालांकि, साजिश सफल नहीं हुई।

पूर्व राष्ट्रपति ने किया भारत का समर्थन

अब इस मामले में विपक्षी नेता मोहम्‍मद नशीद का बयान सामने आया है। मालदीव के पूर्व राष्‍ट्रपति मोहम्मद नशीद ने अब इस रिपोर्ट को कोरी बकवास करार दिया है। इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत के दौरान उन्‍होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि भारत कभी इस तरह से सत्‍ता परिवर्तन में सहायता करने के लिए तैयार होगा। मेरे साथ कभी भी ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई। वाशिंगटन पोस्‍ट ने डेमोक्रेटिक रिन्यूअल इनिशिएटिव नाम के एक दस्तावेज का हवाला देते हुए दावा किया कि मालदीव के विपक्ष ने मुइज्‍जू के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए वोट देने के लिए 40 सांसदों को रिश्वत देने का प्रस्ताव रखा है। इसमें मुइज़ू की अपनी पार्टी के सांसद भी शामिल हैं।

भारत बहुत भाग्यशाली नहीं, दुश्मन अंदर भी हैं, बाहर भी", ऐसा क्यों बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह*

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत सुरक्षा के मोर्चे पर बहुत भाग्यशाली नहीं रहा है। देश को बाहरी और आंतरिक दोनों तरफ से खतरों का सामना करना पड़ता है। हमें लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।राजनाथ सिंह ने रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले स्थित महू छावनी में सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए सीमा पर सुरक्षा को लेकर ये बातें कहीं। साथ ही रक्षा मंत्री ने सेना के जवानों से आह्वान किया कि वे बाहरी और आंतरिक दुश्मनों पर कड़ी नजर रखें।

आंतरिक या बाहरी दुश्मन हमेशा सक्रिय-राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने रविवार को इंदौर से 25 किलोमीटर दूर महू छावनी में मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और इन्फैंट्री स्कूल, प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान आर्मी वॉर कॉलेज (एडब्ल्यूएस) के साथ-साथ इन्फैंट्री म्यूजियम और आर्मी मार्कस्मैनशिप यूनिट का दौरा किया। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, सुरक्षा के नजरिए से भारत बहुत भाग्यशाली देश नहीं है, क्योंकि हमारी उत्तरी सीमा और पश्चिमी सीमा लगातार चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने सैन्यकर्मियों से कहा, हमें आंतरिक मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी असुरक्षा के साथ हम बेफिक्र नहीं हो सकते। हमारे दुश्मन, चाहे आंतरिक हों या बाहरी, हमेशा सक्रिय रहते हैं। इन परिस्थितियों में हमें उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और उनके खिलाफ उचित और समय पर प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

शांति के समय में भी अनुशासन और समर्पण बहुत जरूरी-राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने जवानों से कहा कि शांति के समय में भी अनुशासन और समर्पण बहुत जरूरी है। अनुशासन के इस स्तर को बनाए रखने के लिए समर्पण और दृढ़ विश्वास की आवश्यकता होती है। जवानों का प्रशिक्षण युद्ध से कम नहीं है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित और आत्मनिर्भर देश बनाने के लिए सेना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।

सैन्यकर्मियों के मेहनत और प्रतिबद्धता की सराहना

रक्षामंत्री ने सैन्यकर्मियों से आगे कहा कि उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण देश और इसकी सीमाएं लगातार सुरक्षित और मजबूत होती जा रही हैं। रक्षा मंत्री ने कर्मियों को सैन्य रणनीतियों और युद्ध कौशल में निपुण बनाने में भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों के बहुमूल्य योगदान की भी सराहना की।

अमेरिका को बर्दाश्त नहीं भारत-रूस की दोस्ती, जाते-जाते बाइडेन ने चलाया ऐसा चाबुक, बढ़ेगी टेंशन

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अमेरिका रूस के खिलाफ यूक्रेन युद्ध की वजह से नए प्रतिबंधों का ऐलान किया। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के मुताबिक अमेरिका ने रूस की 200 से ज्यादा कंपनियों और व्यक्तियों के साथ 180 से ज्यादा शिप्स पर बैन लगा दिया। इसके अलावा दो भारतीय कंपनी स्काईहार्ट मैनेजमेंट सर्विसेज और एविजन मैनेजमेंट सर्विसेज भी बैन लगाया गया है।

रूस और यूक्रेन का युद्ध रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। ऐसे में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। उनका उद्देश्य यह है कि रूस को मिल रहा राजस्व कम किया जाए, जिससे यूक्रेन से युद्ध में वह इसका इस्तेमाल न कर सके। इसीलिए उसने 200 से अधिक रूसी संस्थानों और लोगों पर बैन लगाए गए हैं। इनमें बीमा कंपनियां, व्यापारी और तेल टैंकर आदि शामिल हैं।

अमेरिकी ने रूस की तेल उत्पादक कंपनियों और तेल ले जाने वाले जहाजों पर प्रतिबंध लगाया है। अमेरिका ने आरोप लगाया कि रूस, भारत और चीन जैसे देशों को सस्ता क्रूड ऑयल बेचकर यूक्रेन के साथ युद्ध की फंडिंग कर रहा है। इसी खीज में अमेरिका ने रूसी तेल उत्पादकों के साथ-साथ रूसी तेल ले जाने वाले 183 जहाजों पर प्रतिबंध लगा दिया। इस बैन की वजह से क्रूड ऑयल की सप्लाई में परेशानी आने लगी है।

क्रूड ऑयल की कीमतों में आई तेजी

अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी आ गई है, क्रूड ऑयल की कीमतें 3% तक का बढ़ गई। कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल को पार हो गई। अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते भारत और चीन को रूस से ऑयल इंपोर्ट करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते सोमवार को ब्रेंट क्रूड का भाव 1.83 प्रतिशत चढ़कर 81.22 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इस तेजी के साथ की कच्चे तेल की कीमत चार महीने के हाई पर पहुंच गई है।

रूस ने की प्रतिबंधों की आलोचना

रूस के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इन प्रतिबंधों की आलोचना की है। रूस ने कहा कि यह अमेरिका की रूसी अर्थव्‍यवस्‍था को नुकसान पहुंचाने की चाल है। उसने कहा कि अमेरिका के इस कदम से वैश्विक बाजार में खतरा बढ़ेगा। रूस ने कहा कि वह बड़े तेल और गैस प्राजेक्‍ट पर काम करना जारी रखेगा। अमेरिका ने जो नए प्रतिबंध लगाए हैं, उससे 143 टैंकर प्रभावित होंगे जो 53 करोड़ बैरल रूसी तेल पिछले साल लेकर गए थे।

भारत पर भी होगा असर

रूसी तेल सप्लाई में आने वाली दिक्कतों के बीच आने वाले दिनों में भारत को ऊंचे दामों पर खाड़ी के देशों से कच्चा तेल खरीदना पड़ सकता है। अगर ऐसा ही रहा तो भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी आ सकती है। कच्चे तेल की कीमतों में ये तेजी जारी रही तो आपको महंगाई का झटका झेलना पड़ सकता है। यानी आने वाले दिनों में आपको महंगे तेल की कीमतों से दो-चार होना पड़ सकता है। पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने का सीधा असर सप्लाई चेन पर होगा। खाने-पीने से लेकर हर चीज महंगी होने लगेगी।

भारत ने बांग्लादेश को उसी की भाषा मे दिया जवाब, डिप्टी हाईकमिश्नर को किया तलब

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भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में तनाव बढ़ता जा रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बदलती परिस्थितियों पर चर्चा के लिए बांग्लादेश के उप-उच्चायुक्त नुरल इस्लाम को तलब किया। एक दिन पहले रविवार को बांग्लादेश ने ढाका में तैनात भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया था। विवाद की ताजा वजह सीमा पर बाड़ लगाने का भारत की कोशिशें हैं। बांग्लादेश का आरोप है कि भारत 4,156 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर पांच जगहों पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है। उसका दावा है कि यह द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है।

बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकने के लिए भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सुरक्षा को सख्त कर दिया है। बॉर्डर एरिया पर बीएसएफ की पैनी नजर है जिसके चलते बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की सरकार बौखला गई है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने रविवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया था और सीमा पर भारत की गतिविधियों पर चिंता जताई थी। सोमवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी नई दिल्ली में मौजूद बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त नूरुल इस्लाम को तलब किया है।

बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के अनुसार, रविवार को विदेश सचिव जशीम उद्दीन के साथ प्रणय वर्मा की बैठक लगभग 45 मिनट तक चली थी। एक अधिकारी ने कहा, 'ढाका और नई दिल्ली के बीच सुरक्षा के लिए सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर समझौता है। हमारे दोनों सीमा सुरक्षा बल – बीएसएफ और बीजीबी (सीमा सुरक्षा बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) इस संबंध में बातचीत कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इस समझौते को लागू किया जाएगा और सीमा पर अपराधों से निपटने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।

भारत और बांग्लादेश के बीच 4,156 किलोमीटर का बॉर्डर है। इसमें से 3271 किलोमीटर एरिया में भारत ने फेंसिंग कर दी है। 885 किलोमीटर बॉर्डर पर अभी फेंसिंग का काम चल रहा है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 2010 से लेकर 2023 तक 160 जगहों पर फेंसिंग का काम किया था। 10 जनवरी से BSF ने फिर से यह काम शुरू किया। इनमें से 5 जगहों चपैनवाबगंज, लालमोनिरहाट में तीन बीघा कॉरिडोर, नौगांव में पटनीताला, फेनी, कुश्तिया और कुमिला में फेंसिंग को लेकर विवाद है।

*India's T20 team announced, Shami will wear India's jersey after 431 days, return home to Eden*

Sports

Khabar kolkata sports Desk: India will play the first T20 against England on January 22. That game will be at Eden Gardens in Kolkata. Shami can be seen in the first eleven there. Shami returned to domestic cricket after recovering from injury. He played Ranji, Syed Mushtaq Ali T20 and Vijay Hazare Trophy for Bengal. This time he returned to India's T20 team.

Shamir has no more problems with fitness. One of the best fast bowlers in the country is ready to take the field in international cricket. Due to fitness issues, Shami was eventually unable to travel to Australia to play the Border-Gaoskar Trophy. Despite recovering from an ankle injury and playing for Bengal in various domestic competitions including the Ranji Trophy, he had fitness issues. He was not in a condition to take the pressure of playing a five-day match. Apart from that, he got a slight knee injury while playing for Bengal. So finally the Indian Cricket Board (BCCI) decided not to send Shami to Australia. The board bosses and the national selectors wanted Shami fresh in time for the upcoming Champions Trophy without rushing. Ajit Agarkar was relieved that Shami had been cleared by the NCA before the team was announced for the tournament. So he has been included in England series team.

भारत से ब्रह्मोस खरीदेगा इंडोनेशिया, गणतंत्र पर आ रहे राष्ट्रपति प्रबोवो फाइनल करेंगे डील

#indonesiatobuybrahmosmissilefromindia 

भारत की ब्रह्मोस मिसाइलों की दुनिया भर में डिमांड बढ़ रही है। कभी हथियारों के सबसे बड़े आयातक रहे भारत के लिए यह बड़ी सफलता है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो इस बार गणतंत्र दिवस 2025 समारोह के मुख्य अतिथि हो सकते हैं। उनकी यात्रा से ब्रह्मोस मिसाइलों के प्रस्तावित निर्यात सहित द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को बढ़ावा मिल सकता है। 

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के आयात के लिए इंडोनेशिया से बातचीत अंतिम चरण में है। हालांकि, इस सौदे पर पहले ही हस्ताक्षर हो सकते थे, लेकिन इंडोनेशिया के आंतरिक मामलों की वजह से इसमें देरी हुई। पूर्व रक्षा मंत्री और इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति और ताकतवर नेता सुहार्तो के दामाद प्रबोवो भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भी रिपब्लिक डे के मौके पर भारत आ रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश के राष्ट्राध्यक्ष के साथ भारत कई समझौते कर सकता है। इनमें से एक समझौता ब्रह्मोस मिसाइलों को लेकर भी होने वाला है। 

मिसाइल की खासियत

इस मिसाइल को भारत, रूस ने संयुक्त रूप से तैयार किया है। ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत यह है कि इसे जल, जमीन और हवा से लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल दुश्मन को करीब 650 किलोमीटर दूर तक मार गिरा सकती है। यह दूर से ही अपने तय लक्ष्य को भेद सकती है। खास बात यह है कि यह मिसाइल इस तरह से डिजाइन की गई है कि सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को भेदने के दौरान भी वह रास्ता न भटके। यह मिसाइल समुद्र से लेकर ऊंचे पर्वतों तक पर दुश्मन के ठिकानों को भेद सकती है।

भारत और इंडोनेशिया के संबंध

भारत और इंडोनेशिया के द्विपक्षीय संबंध बीते कुछ सालों में मजबूत हुए हैं। भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी में इंडोनेशिया को महत्वपूर्ण साझेदार देश माना जा रहा है। 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडोनेशिया दौरे के बाद दोनों देशों के बीच साझेदारी बढ़ गई थी। दोनों देशों के बीच इस साझेदारी का मुख्य स्तंभ समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग पर आधारित है. 2018 में भारतीय नौसेना, इंडोनेशियाई नौसेना का द्विपक्षीय सैन्याम्यास समुद्र शक्ति हुआ था। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ रही उपस्थिति और नतूना द्वीप के पास चीन की गतिविधियां बढ़ने की वजह से भारत और इंडोनेशिया समुद्री सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।

Dipnock: Innovating Business Growth Through Next-Generation Software

In a world where technological advancements define success, businesses are increasingly seeking innovative solutions to stay competitive. DIPNOCK, a prominent software development company, has steadily gained recognition for delivering customized solutions and driving digital transformation.

A Journey of Innovation

DIPNOCK began its journey by developing visitor management systems and real estate management software. Over time, it expanded its expertise to cater to a wide range of industries, emphasizing innovation, automation, and artificial intelligence (AI). In the past year alone, the company successfully delivered solutions to 13 clients, showcasing its ability to address diverse business challenges with precision and excellence.

Visionary Leadership

The operational and strategic growth of DIPNOCK is driven by its founder, Tinku Krishnan, a visionary leader committed to transforming businesses through technology. Under his guidance, the organization has established a dedicated Research and Development (R&D) team specializing in AI-driven automation. This team focuses on integrating AI to streamline operations, enhance efficiency, and unlock new opportunities for businesses.

Global Reach

DIPNOCK operates with a head office in Sharjah, UAE, and software development teams based in Sharjah and Bangalore, India. This dual presence enables the company to combine global reach with local expertise, ensuring agile and effective delivery of tailored solutions.

Focus on Artificial Intelligence

DIPNOCK's emphasis on AI and automation positions it as a leader in helping businesses adapt to an ever-evolving technological landscape. Its R&D team is at the forefront of leveraging AI to develop advanced solutions that enable businesses to streamline processes, improve efficiency, and stay ahead of the competition.

A Commitment to Exceed Expectations

According to Tinku Krishnan, businesses today require more than just conventional solutions—they need forward-thinking strategies that address immediate challenges while anticipating future demands. As he states, “The goal is to help businesses exceed their expectations by leveraging cutting-edge technologies and robust infrastructure.”

Why Businesses Choose DIPNOCK

Customized Solutions: Software tailored to specific business needs.

AI and Automation: Focus on integrating advanced technologies to enhance efficiency.

Experienced R&D Team: Dedicated to innovation and pushing technological boundaries.

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A Partner for Transformation

For businesses planning to upgrade their operations, DIPNOCK provides solutions designed to go beyond expectations. With its expertise in innovation and advanced technologies, DIPNOCK is transforming businesses into future-ready enterprises.

This article highlights the impact DIPNOCK is making in the world of customized software development, innovation, and AI-driven automation. Organizations looking to navigate the complexities of digital transformation would benefit greatly from aligning with DIPNOCK’s vision and expertise.

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बिहार में नकली नोट तस्करों के सक्रिय होने की सूचना, ऐसे करें 500 के नोट के असली-नकली की पहचान

* डेस्क : प्रदेश में नकली नोट के तस्करों के एकबार फिर से सक्रिय होने की खबर हैं। बाजार में बड़े पैमाने पर 500 रुपए के नकली नोट उतारे जाने की खुफिया सूचना के बाद पटना पुलिस चौकस हो गई है। नकली नोट खपाने की खुफिया जानकारी के बाद तस्करों के मंसूबे नाकाम करने में पुलिस जुट गई है। बिहार पुलिस की विशेष शाखा ने पटना सहित सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है। डीएम के साथ एसएसपी और एसपी को इस बाबत पत्र लिखा है। इसमें नकली नोट के धंधे पर रोक लगाने के लिए विशेष जांच अभियान चलाने को कहा गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विशेष शाखा की आसूचना एवं सुरक्षा प्रभाग को जानकारी मिली है कि तस्कर पांच सौ रुपए के नकली नोट बाजार में खपा रहे हैं। नोट को बारिकी से तैयार किया गया है लेकिन तस्करों ने एक बड़ी चूक कर दी है। बाजार में जो नकली नोट भेजे गए हैं उसमें अंग्रेजी में Reserve Bank of India की जगह Resarve Bank of India छपा है। विशेष शाखा ने तस्करों की इस गलती को पकड़ते हुए नोट का नमूना भी अपने पत्र के साथ जिलों को भेजा है।
दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट की सूची में भारत 5 पायदान नीचे खिसका; सिंगापुर पहले स्थान पर

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TOI

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 के अनुसार, दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट की सूची में भारत की रैंकिंग 80वें से गिरकर 85वें स्थान पर आ गई है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स सभी 199 पासपोर्ट को उन गंतव्यों की संख्या के अनुसार रैंक करता है, जहाँ वे वीज़ा-मुक्त पहुँच सकते हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) के अनन्य टिमैटिक डेटा पर आधारित है। इसकी नवीनतम स्थिति के अनुसार, एक भारतीय पासपोर्ट धारक 57 गंतव्यों पर वीज़ा-मुक्त यात्रा कर सकता है। देश इक्वेटोरियल गिनी और नाइजर के साथ अपना स्थान साझा करता है।

सूची में शीर्ष स्थान किसने प्राप्त किया है?

सिंगापुर ने दुनिया के सबसे मजबूत पासपोर्ट की सूची में अपना दबदबा बनाए रखा है, और 2025 में भी शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, सिंगापुर का पासपोर्ट रखने वाला व्यक्ति दुनिया भर में 195 गंतव्यों पर वीज़ा-मुक्त यात्रा कर सकता है।

इसके बाद जापान (193 देश), फिनलैंड (192 देश), फ्रांस (192 देश), जर्मनी (192 देश), इटली (192 देश), दक्षिण कोरिया (192 देश), स्पेन (192 देश), ऑस्ट्रिया (191 देश) और डेनमार्क (191 देश) का स्थान है।

क्रमांक देश

1 सिंगापुर

2 जापान

3 फिनलैंड

4 फ्रांस

5 जर्मनी

6 इटली

7 दक्षिण कोरिया

8 स्पेन

9 ऑस्ट्रिया

10 डेनमार्क

यूएई पिछले एक दशक में सूचकांक पर सबसे बड़े चढ़ने वालों में से एक रहा है, जिसने 2015 से अतिरिक्त 72 गंतव्यों तक पहुंच हासिल की है, जिससे यह दुनिया भर में 185 गंतव्यों तक वीजा-मुक्त पहुंच के साथ 32 स्थानों की छलांग लगाकर 10वें स्थान पर पहुंच गया है।

आश्चर्यजनक रूप से, हेनले एंड पार्टनर्स की एक विज्ञप्ति के अनुसार, 2015 और 2025 के बीच वेनेजुएला के बाद अमेरिका दूसरा सबसे बड़ा गिरावट वाला देश है, जो दूसरे स्थान से सात स्थानों की गिरावट के साथ वर्तमान 9वें स्थान पर आ गया है। “ट्रम्प के दूसरे राष्ट्रपति बनने से पहले ही, अमेरिकी राजनीतिक रुझान उल्लेखनीय रूप से अंतर्मुखी और अलगाववादी हो गए थे। भले ही अमेरिका की आर्थिक सेहत आव्रजन, पर्यटन और व्यापार पर बहुत अधिक निर्भर करती है, लेकिन 2024 के राष्ट्रपति अभियान के दौरान मतदाताओं को यह कहानी सुनाई गई कि अमेरिका अकेला खड़ा हो सकता है (और होना भी चाहिए)…" वाशिंगटन थिंकटैंक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज की वरिष्ठ सहयोगी एनी फोर्ज़हाइमर ने कहा।

सबसे नीचे कौन है?

2025 में, पाकिस्तान और यमन हेनले पासपोर्ट इंडेक्स पर 103वें स्थान पर थे, दोनों के पास केवल 33 देशों में वीजा-मुक्त पहुँच थी। उनके बाद इराक (31 देश), सीरिया और (27 देश) और अफ़गानिस्तान (26 देश) हैं।

बच्चों को चपेट में ले रहा HMPV वायरस, देश के 5 राज्यों में आए केस, जारी हुई ये एडवाइजरी

#hmpvinindiahealthminisrtyadvisorytoallhospitals

कोविड 19 वायरस के बाद अब चीन के नए वायरस ने लोगों में दहशत फैला दी है। इसे हूयमन मेटान्‍यूमोवायरस (HMPV) कहा जाता है। इसके लक्षण कोरोना वायरस के समान हैं और ये कमजोर इम्‍यूनिटी वाले लोगों को अपना शिकार बनाता है। भारत में इसके मामले सामने आने लगे हैं। अब तक 5 राज्यों में केस मिले हैं। कुल 8 मामले सामने आ चुके हैं। सोमवार को एचमपीवी वायरस के कर्नाटक में दो, गुजरात में एक और तमिलनाडु में 2 मरीज मिले। आज मंगलवार को नागपुर में भी दो नए केस मिले हैं।

वायरस बच्चों को ले रहा चपेट में

भारत में अब तक HMP वायरस के जितने भी केस मिले हैं उसमें छोटे बच्चे ही संक्रमित हुए हैं। बेंगलुरु में 8 महीने के एक बच्चे को बुखार की वजह से एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और जांच के दौरान बच्चे में HMP वायरस पाया गया। दूसरा मामला भी बेंगलुरू के ही अस्पताल में मिला। इस बार 3 महीने के एक बच्चे में HMP वायरस मिला। इस बच्चे को ब्रोंकोन्यूमोनिया के चलते हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।

तीसरा मामला गुजरात में मिला और मरीज 2 महीने का एक बच्चा है। ये बच्चा पिछले 15 दिन से बीमार था और उसे राजस्थान के डूंगरपुर से अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, इसलिए राजस्थान में भी HMP वायरस के केस मिलने की आशंका बढ़ गई है। HMP वायरस का चौथा मामला पश्चिम बंगाल से है, जहां कोलकाता में 5 महीने का एक बच्चा HMPV पॉजिटिव पाया गया है। ये बच्चा बुखार, डायरिया, और उल्टी जैसे लक्षणों के साथ डॉक्टर के पास लाया गया था और वायरस PCR टेस्ट के बाद बच्चे में HMP वायरस होने की पुष्टि हो गई। इस बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने की वजह से रेस्परेटरी सपोर्ट पर रखा गया।

पांचवां और छठा मामला चेन्नई से सामने आया है। दो बच्चों को HMP वायरस की पुष्टि हुई है।

केंद्र सरकार अलर्ट

देश और दुनिया भर में स्थिति को बिगड़ता देख अब केंद्र सरकार पूरी तरह से अलर्ट हो गई है। अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से HMPV को लेकर लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में बताया गया है कि लोगों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। भारत में HMPV के दस्तक के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इसे लेकर पैनिक होने की जरुरत नहीं है। ये वायरस भारत में पहले से ही मौजूद है। फिलहाल हेल्थ मिनिस्ट्री पूरे मामले को मॉनिटर कर रही है और लोगों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

एडवाइजरी में क्या कहा गया है?

1. एडवाइजरी में अस्पतालों से सभी तरह के सांसों से संबंधी संक्रामक बीमारियों के लिए रियल टाइम रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कहा गया है। साथ ही सीवर एक्यूट रिस्पाइरेटरी इंफेक्शन से संबंधित इन मामलों को तत्काल इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम वाले पोर्टल में एंट्री करने के लिए कहा गया है।

2. एडवाइजरी में कहा गया कि सीवर एक्यूट रिस्पाइरेटरी इंफेक्शन के सबी मामले और इंफ्लूएंजा के सभी मामलों को आईएचआईपी पोर्टल में सूचीबद्ध करें।

3. एडवाइजरी के मुताबिक अस्पतालों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जब भी कोई इस तरह के संदेहास्पद मरीज आए तो उनके आइसोलेशन की व्यवस्था हो और तत्काल प्रभाव से उनका इलाज प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित हो कि संक्रामक बीमारी का प्रसार अन्य में न हो।

4. अस्पतालों से कहा गया है कि वह निजी अस्पतालों के साथ समन्वय स्थापित कर संक्रामक बीमारियों की सही रिपोर्टिंग और उपचार सुनिश्चित करें।

5. हर हाल में मरीज की सुरक्षा सुनिश्चित हो और अस्पतालों में इलाज के लिए कोई असुविधा न हो।

6. एडवाइजरी के मुताबिक सभी अस्पतालों के सीएमओ से कहा गया है कि हल्के-फुल्के लक्षणों के लिए वे अस्पतालों में पैरासिटामोल, एंटीहिस्टामिन, ब्रोंकोडायलेटर, कफ सीरफ का स्टोरेज कर लें ताकि इन सबकी कोई कमी न रहे।

भारत सरकार ने एचएमपीवी वायरस पर क्या कहा?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आने के बाद सोमवार को कहा कि सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और देश में किसी भी सामान्य श्वसन वायरस रोगजनक में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है। जेपी नड्डा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि चीन में एचएमपीवी की हालिया खबरों के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर, देश की शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान संस्था और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) चीन और अन्य पड़ोसी देशों में स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने स्थिति का संज्ञान लिया है और शीघ्र ही रिपोर्ट हमारे साथ साझा करेगा।

मालदीव में विपक्ष ने लगाया मुइज्जू को हटाने की साजिश का आरोप, जोड़ा भारत का नाम

#indianameaddedconspiracytoremovemuizzubytheoppositionin_maldives

करीब एक साल पहले भारत के पड़ोसी देश मालदीव में सत्‍ता परिवर्तन। जिसके बाद मोहम्‍मद मुइज्जू की सरकार सत्‍ता में आई। सरकार गठन के बाद ही मुइज्जू के मंत्रियों ने भारत के खिलाफ जहर उगलना भी शुरू कर दिया। हालांकि मुइज्जू को जल्द पता चल गया की भारत से पंगा लेना उनके लिए आसान नहीं है। मुइज्जू की भाषा बदली, जिसको बाद दोनों देशों के रिश्ते पटरी पर आने लगे। इस बीच अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में एक हैरान करने वाला दावा किया है। जिसमें दावा किया गया कि भारत ने मुइज्‍जू की सरकार को गिराने की साजिश रची

अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव की विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के नेताओं ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को हटाने की साजिश के लिए भारत से सहायता मांगी। रिपोर्ट के मुताबिक कथित तौर पर भारत की खुफिया एजेंसी रॉ का एक एजेंट मालदीव के विपक्षी नेताओं के संपर्क में था, ताकि जनवरी में मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के कुछ ही महीनों बाद उन्हें सत्ता से हटाया जा सके।

साजिश में भारत की खुफिया एजेंसी की कथित संलिप्तता

डेमोक्रेटिक रिन्यूअल इनिशिएटिव नामक इस योजना का विवरण देने वाले आंतरिक दस्तावेज में वरिष्ठ सैन्य और पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देने तथा तीन प्रभावशाली आपराधिक गिरोहों से संपर्क करने की योजना का खुलासा है। कथित तौर पर भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से जुड़े व्यक्तियों के साथ जनवरी 2024 में चर्चा शुरू हुई। हालांकि, महीनों की गुप्त वार्ता के बाद अपर्याप्त समर्थन से महाभियोग की साजिश विफल हो गई।

द वाशिंगटन पोस्ट के दावे के मुताबिक अमेरिका में भारतीय दूतावास में रॉ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूर्व आईपीएस अधिकारी शिरीष थोरेट और पत्रकार-राजनेता सवियो रोड्रिग्स के साथ मिलकर मुइज्जू को हटाने की चर्चा की। रिपोर्ट के मुताबिक थोरेट और रोड्रिग्स ने योजना के अस्तित्व की पुष्टि की, लेकिन यह नहीं बताया कि वे भारत सरकार की ओर से काम कर रहे थे या नहीं। भारत ने अभी तक इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है।

साजिश के तहत भारत से मांगे गए 6 मिलियन डॉलर

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि मालदीव में विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पर महाभियोग चलाने की साजिश रची थी। इस साजिश में सांसदों को रिश्वत देना और आपराधिक गिरोहों की भर्ती करना शामिल था। रिपोर्ट में यह भी आरोप है कि इस साजिश के लिए भारत से 6 मिलियन डॉलर (करीब 50.40 करोड़ रुपये) की मांग की गई थी। हालांकि, साजिश सफल नहीं हुई।

पूर्व राष्ट्रपति ने किया भारत का समर्थन

अब इस मामले में विपक्षी नेता मोहम्‍मद नशीद का बयान सामने आया है। मालदीव के पूर्व राष्‍ट्रपति मोहम्मद नशीद ने अब इस रिपोर्ट को कोरी बकवास करार दिया है। इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत के दौरान उन्‍होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि भारत कभी इस तरह से सत्‍ता परिवर्तन में सहायता करने के लिए तैयार होगा। मेरे साथ कभी भी ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई। वाशिंगटन पोस्‍ट ने डेमोक्रेटिक रिन्यूअल इनिशिएटिव नाम के एक दस्तावेज का हवाला देते हुए दावा किया कि मालदीव के विपक्ष ने मुइज्‍जू के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए वोट देने के लिए 40 सांसदों को रिश्वत देने का प्रस्ताव रखा है। इसमें मुइज़ू की अपनी पार्टी के सांसद भी शामिल हैं।

भारत बहुत भाग्यशाली नहीं, दुश्मन अंदर भी हैं, बाहर भी", ऐसा क्यों बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह*

#rajnathsinghindianotveryluckycannotsitquietunconcerned

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत सुरक्षा के मोर्चे पर बहुत भाग्यशाली नहीं रहा है। देश को बाहरी और आंतरिक दोनों तरफ से खतरों का सामना करना पड़ता है। हमें लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।राजनाथ सिंह ने रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले स्थित महू छावनी में सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए सीमा पर सुरक्षा को लेकर ये बातें कहीं। साथ ही रक्षा मंत्री ने सेना के जवानों से आह्वान किया कि वे बाहरी और आंतरिक दुश्मनों पर कड़ी नजर रखें।

आंतरिक या बाहरी दुश्मन हमेशा सक्रिय-राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने रविवार को इंदौर से 25 किलोमीटर दूर महू छावनी में मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और इन्फैंट्री स्कूल, प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान आर्मी वॉर कॉलेज (एडब्ल्यूएस) के साथ-साथ इन्फैंट्री म्यूजियम और आर्मी मार्कस्मैनशिप यूनिट का दौरा किया। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, सुरक्षा के नजरिए से भारत बहुत भाग्यशाली देश नहीं है, क्योंकि हमारी उत्तरी सीमा और पश्चिमी सीमा लगातार चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने सैन्यकर्मियों से कहा, हमें आंतरिक मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी असुरक्षा के साथ हम बेफिक्र नहीं हो सकते। हमारे दुश्मन, चाहे आंतरिक हों या बाहरी, हमेशा सक्रिय रहते हैं। इन परिस्थितियों में हमें उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और उनके खिलाफ उचित और समय पर प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

शांति के समय में भी अनुशासन और समर्पण बहुत जरूरी-राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने जवानों से कहा कि शांति के समय में भी अनुशासन और समर्पण बहुत जरूरी है। अनुशासन के इस स्तर को बनाए रखने के लिए समर्पण और दृढ़ विश्वास की आवश्यकता होती है। जवानों का प्रशिक्षण युद्ध से कम नहीं है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित और आत्मनिर्भर देश बनाने के लिए सेना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।

सैन्यकर्मियों के मेहनत और प्रतिबद्धता की सराहना

रक्षामंत्री ने सैन्यकर्मियों से आगे कहा कि उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण देश और इसकी सीमाएं लगातार सुरक्षित और मजबूत होती जा रही हैं। रक्षा मंत्री ने कर्मियों को सैन्य रणनीतियों और युद्ध कौशल में निपुण बनाने में भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों के बहुमूल्य योगदान की भी सराहना की।