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केंद्र से क्यों नाराज हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, कहा- किया गया वादा क्यों नहीं निभाया?

#vicepresidentjagdeepdhankharangryontheissueof_farmers

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किसान एक बार फिर सड़कों पर हैं। किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर एक बार फिर सियासी पारा चढ़ता दिख रहा है। दरअसल, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी किसानों के समर्थन में आए। किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, 'मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।'

मुंबई में एक कार्यक्रम में मंगलवार को जगदीप धनखड़ ने कहा कि जिनको गले लगाना है, उनको दुत्कारा नहीं जा सकता। मेरे कठोर शब्द हैं। कई बार गंभीर बीमारी के इलाज के लिए कड़वी दवाई पीनी पड़ती है। मैं किसान भाइयों से आह्वान करता हूं कि मेरी बात सुनें, समझें। आप अर्थव्यवस्था की धुरी हैं। राजनीति को प्रभावित करते हैं। भारत की विकास यात्रा के आप महत्वपूर्ण अंग हैं। सामाजिक समरसता की मिसाल हैं। बातचीत के लिए आपको भी आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या हम किसान और सरकार के बीच एक सीमा बना सकते हैं? मुझे समझ में नहीं आता कि किसानों के साथ कोई बातचीत क्यों नहीं हो रही है। मेरी चिंता यह है कि यह पहल अब तक क्यों नहीं हुई।

जगदीप धनखड के तीखे सवाल

उप राष्ट्रपति धनखड़ ने किसानों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा,'कृषि मंत्री जी एक एक पल आपका भारी है। मेरा आपसे आग्रह है, भारत के सिद्धांत के तहत दूसरे पद विराजमान व्यक्ति आपसे अनुरोध कर रहा है। कृप्या करके मुझे बताइए क्या किसान से वादा किया गया था और किया हुआ वादा क्यों नहीं निभाया गया।' जगदीप धनखड़ यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा,'किसानों से किया गया वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं। पिछले साल भी आंदोलन था और इस वर्ष भी आंदोलन है। काल चक्र घूम रहा है और हम कुछ कर नहीं रहे हैं।'

हमारी पॉलिसी मेकिंग सही ट्रैक पर नहीं है-धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, 'ये समय मेरे लिए कष्टदायक है क्योंकि मैं राष्ट्रधर्म से ओतप्रोत हूं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था, दुनिया में हमारी साख पहले कभी इतनी नहीं थी, भारत का पीएम आज विश्व के शीर्ष नेताओं में गिना जाता है, जब ऐसा कोहरा है तो मेरा किसान परेशान क्यों है? ये बहुत गहराई का मुद्दा है। इसको हल्के में लेने का मतलब है कि हम प्रैक्टिकल नहीं हैं। हमारी पॉलिसी मेकिंग सही ट्रैक पर नहीं है। कौन हैं वो लोग जो किसानों को कहते हैं कि उसके उत्पाद का उचित मूल्य दे देंगे? मुझे समझ नहीं आता कि कोई पहाड़ गिरेगा। किसान अकेला है, जो असहाय है। '

कांग्रेस ने जताई खुशी

इस मामले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने खुशी जताई है, उन्होंने कहा कि जिन मामलों पर उपराष्ट्रपति ने सवाल किए हैं, यही मामले हमारी पार्टी और राहुल गांधी पिछले 5 सालों से उठा रहे हैं।कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हम उपराष्ट्रपति का सम्मान करते हैं, उन्होंने आगे कहा कि वे राज्यसभा के संरक्षक और संविधान के रक्षक हैं। उन्होंने कृषि मंत्री से जो सवाल पूछा, कांग्रेस पार्टी भी पिछले 4-5 साल से वही सवाल प्रधानमंत्री से पूछ रही है। हम इसी बात पर चर्चा चाहते हैं, और हमने इसके लिए नोटिस भी दिया है, हमें खुशी है कि उपराष्ट्रपति ने ये सवाल पूछा है।

केंद्र से क्यों नाराज हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, कहा- किया गया वादा क्यों नहीं निभाया?

#vice_president_jagdeep_dhankhar_angry_on_the_issue_of_farmers

किसान एक बार फिर सड़कों पर हैं। किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर एक बार फिर सियासी पारा चढ़ता दिख रहा है। दरअसल, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी किसानों के समर्थन में आए। किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, 'मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।'

मुंबई में एक कार्यक्रम में मंगलवार को जगदीप धनखड़ ने कहा कि जिनको गले लगाना है, उनको दुत्कारा नहीं जा सकता। मेरे कठोर शब्द हैं। कई बार गंभीर बीमारी के इलाज के लिए कड़वी दवाई पीनी पड़ती है। मैं किसान भाइयों से आह्वान करता हूं कि मेरी बात सुनें, समझें। आप अर्थव्यवस्था की धुरी हैं। राजनीति को प्रभावित करते हैं। भारत की विकास यात्रा के आप महत्वपूर्ण अंग हैं। सामाजिक समरसता की मिसाल हैं। बातचीत के लिए आपको भी आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या हम किसान और सरकार के बीच एक सीमा बना सकते हैं? मुझे समझ में नहीं आता कि किसानों के साथ कोई बातचीत क्यों नहीं हो रही है। मेरी चिंता यह है कि यह पहल अब तक क्यों नहीं हुई।

जगदीप धनखड के तीखे सवाल

उप राष्ट्रपति धनखड़ ने किसानों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा,'कृषि मंत्री जी एक एक पल आपका भारी है। मेरा आपसे आग्रह है, भारत के सिद्धांत के तहत दूसरे पद विराजमान व्यक्ति आपसे अनुरोध कर रहा है। कृप्या करके मुझे बताइए क्या किसान से वादा किया गया था और किया हुआ वादा क्यों नहीं निभाया गया।' जगदीप धनखड़ यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा,'किसानों से किया गया वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं। पिछले साल भी आंदोलन था और इस वर्ष भी आंदोलन है। काल चक्र घूम रहा है और हम कुछ कर नहीं रहे हैं।'

हमारी पॉलिसी मेकिंग सही ट्रैक पर नहीं है-धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, 'ये समय मेरे लिए कष्टदायक है क्योंकि मैं राष्ट्रधर्म से ओतप्रोत हूं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था, दुनिया में हमारी साख पहले कभी इतनी नहीं थी, भारत का पीएम आज विश्व के शीर्ष नेताओं में गिना जाता है, जब ऐसा कोहरा है तो मेरा किसान परेशान क्यों है? ये बहुत गहराई का मुद्दा है। इसको हल्के में लेने का मतलब है कि हम प्रैक्टिकल नहीं हैं। हमारी पॉलिसी मेकिंग सही ट्रैक पर नहीं है। कौन हैं वो लोग जो किसानों को कहते हैं कि उसके उत्पाद का उचित मूल्य दे देंगे? मुझे समझ नहीं आता कि कोई पहाड़ गिरेगा। किसान अकेला है, जो असहाय है। '

कांग्रेस ने जताई खुशी

इस मामले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने खुशी जताई है, उन्होंने कहा कि जिन मामलों पर उपराष्ट्रपति ने सवाल किए हैं, यही मामले हमारी पार्टी और राहुल गांधी पिछले 5 सालों से उठा रहे हैं।कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हम उपराष्ट्रपति का सम्मान करते हैं, उन्होंने आगे कहा कि वे राज्यसभा के संरक्षक और संविधान के रक्षक हैं। उन्होंने कृषि मंत्री से जो सवाल पूछा, कांग्रेस पार्टी भी पिछले 4-5 साल से वही सवाल प्रधानमंत्री से पूछ रही है। हम इसी बात पर चर्चा चाहते हैं, और हमने इसके लिए नोटिस भी दिया है, हमें खुशी है कि उपराष्ट्रपति ने ये सवाल पूछा है।

297 दिनों बाद फिर दिल्ली कूच करने की तैयारी में किसान, सड़कों पर जगह-जगह जाम, 4000 जवान तैनात

#farmerprotestkisandillichalo_march

दिल्ली में एक बार फिर किसानों का जमावड़ा होने वाला है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आज यानी सोमवार को हजारों किसान नोएडा से दिल्ली की तरफ कूच करने की तैयारी में हैं। नोएडा से दिल्ली में संसद भवन तक विरोध मार्च निकालेंगे। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में धरना प्रदर्शन करने वाले हैं। वे नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की अपनी पांच प्रमुख मांगों पर जोर देंगे। किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर में बैरिकेड लगाने और रूट डायवर्ट करने सहित सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए हैं। भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) समेत कई किसान संगठन नए कृषि कानूनों के तहत उचित मुआवजा और लाभ की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे। बीकेपी का मार्च 2 दिसंबर यानी आज से नोएडा से शुरू होगा, जबकि अन्य संगठन 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच करेंगे। पंजाब-हरियाणा सीमा पर मौजूद किसान भी इस प्रदर्शन में शामिल होंगे।

दिल्ली पुलिस के साथ गौतमबुद्ध नगर पुलिस अलर्ट

किसानों के दिल्ली मार्च की सूचना पर दिल्ली पुलिस के साथ गौतमबुद्ध नगर पुलिस अलर्ट हो गई। इसी के साथ दिल्ली बॉर्डर पर चेकिंग शुरू हो गई। गौतमबुद्ध नगर से दिल्ली जाने वाले सभी मार्गों पर बैरियर लगाया गया है, जिससे जाम की स्थिति बन गई है। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने इस परिस्थिति को देखते हुए वाहन चालकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी। गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर की ओर से जारी इस एडवाइजरी में कहा गया कि दिल्ली बॉर्डर पर ट्रैफिक प्रेशर बढ़ने की स्थिति में कई सड़कों पर रूट डायवर्जन किया जाएगा। इस दौरान जाम एवं अन्य समस्याओं से बचने के लिए लोग मेट्रो सेवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ऐसे निकलेंगे वाहन

पुलिस के मुताबिक यमुना एक्सप्रेस-वे से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के रास्ते दिल्ली की ओर जाने वाले तथा सिरसा से परीचौक के रास्ते सूरजपुर जाने वाले मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन बंद रहेगा। इन दोनों ही सड़कों पर किसी तरह के मालवाहक वाहनों की आवाजाही नहीं है। इसी प्रकार चिल्ला बॉर्डर से ग्रेटर-नोएडा की ओर जाने वाले वाहनों को सैक्टर 14ए फ्लाई ओवर से गोलचक्कर चौक सैक्टर 15 के रास्ते संदीप पेपर मिल चौक होते हुए झुण्डपुरा चौक से निकाला जा रहा है। इसी प्रकार डीएनडी बॉर्डर से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को फिल्मसिटी फ्लाईओवर से सैक्टर 18 एलीवेटेड के रास्ते निकाला जा रहा है। कालिन्दी बॉर्डर दिल्ली से नोएडा की ओर आने वाले वाहन महामाया फ्लाई ओवर के रास्ते सैक्टर 37 होते हुए गन्तव्य की ओर रवाना हो सकेंगे।

कौन-कौन से किसान संगठन साथ?

जानकारी के मुताबिक किसानों के इस दिल्ली मार्च में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 10 से अधिक किसान संगठन शामिल हो रहे हैं। किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा सहित विभिन्न किसान संगठन भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। ये समूह 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर अपना मार्च शुरू करेंगे। इसके अलावा,केरल,उत्तराखंड और तमिलनाडु में किसान यूनियन उसी दिन अपनी-अपनी विधानसभाओं तक प्रतीकात्मक मार्च निकालने की योजना बना रहे हैं। पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं। वे दिल्ली की ओर अपने रुके हुए मार्च का विरोध कर रहे हैं। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने घोषणा की कि ये किसान 6 दिसंबर के मार्च में शामिल होंगे।

297 दिन बाद किसान दिल्ली कर रहे हैं कूच

मालूम हो कि किसान इसी साल 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। अब लगभग 297 दिनों बाद किसानों ने एक बार फिर से दिल्ली चलो का ऐलान किया है। बॉर्डर पर बैठे किसान 12 अन्य मांगों के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।

किसानों की मांगें

➤कानूनी गारंटी वाला न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)

➤कृषि ऋण माफ

➤किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन

➤पिछले विरोध प्रदर्शनों के दौरान दर्ज किए गए पुलिस मामलों को वापस लेना

➤2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय

➤भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करना

➤2020-21 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा

कर्नाटक में वक्फ बोर्ड के अतिक्रमण के खिलाफ लोगों में गुस्सा, सड़कों पर उतरे साधु-संत और किसान

#karnataka_hindu_saints_farmers_started_protest

कर्नाटक समेत देशभर में जिस तेजी से वक्फ बोर्ड मनमाने तरीके से संपत्तियों को क्लेम करता जा रहा है उसके खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इसका नतीजा यह हो रहा है कि उसके खिलाफ अब लोग सड़कों पर उतरने लगे हैं। ताजा मामला कलबुर्गी का है, जहां साधु-संतों, किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने वक्फ बोर्ड की ओर से कथित अतिक्रमण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान विशाल रैली निकालकर आक्रोश जताया गया।

वक्फ बोर्ड की मनमानियों के खिलाफ नेगिलायोगी स्वाभिमान वेदिके के बैनर तले प्रदेश के मठों के हिन्दू संत, भाजपा नेताओं और किसान समर्थक संगठनों के सदस्यों ने “वक्फ हटाओ, अन्नदाता बचाओ” तीन दिवसीय विरोध मार्च निकाला है। इस दौरान प्रदर्शन करते हुए संतों और भाजपा नेताओं ने प्रदेश के कांग्रेसी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया औऱ अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बी जेड जमीर अहमद के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग की। विरोध मार्च कलबुर्गी के नागेश्वर स्कूल से निकाला गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथों में “ज़मीर हटाओ, ज़मीन बचाओ”, “रायता देशदा आस्थी”, “वक्फ हटाओ, अन्नदाता बचाओ” नारे लिखी तख्तियां ले रखा था।

इस मौके पर कर्नाटक विधान परिषद के नेता चालावाड़ी नारायणस्वामी ने कहा कि आप स्थिति देख सकते हैं। किसानों की जमीनें छीनी जा रही हैं। यह विरोध प्रदर्शन कलबुर्गी में हो रहा है। हम मंत्री ज़मीर अहमद खान और कांग्रेस सरकार के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

इससे पहले बीजेपी प्रदेश महासचिव प्रीतम गौड़ा ने कहाा था कि कहा कि हजारों प्रभावित व्यक्तियों और किसानों को अपनी शिकायतें प्रस्तुत करने के लिए पूरे दिन मंच पर आमंत्रित किया गया है। हम जिलेवार मुद्दों की गंभीरता की समीक्षा कर रहे हैं। राज्य बीजेपी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने इन चिंताओं को दूर करने के लिए पहले ही तीन टीमों की घोषणा कर दी है। ये टीमें किसानों, धार्मिक संस्थाओं और जनता की शिकायतों को सुनने के लिए जिलों में जाएंगी और उनके निष्कर्षों पर आगामी बेलगावी विधानसभा सत्र में चर्चा की जाएगी।

పంట వ్యర్థాలు తగలబెట్టే రైతులకు రెట్టింపు జరిమానా

 దేశ రాజధాని ఢిల్లీలో వాయు కాలుష్యం (Air Pollution) రోజురోజుకూ తీవ్రమవుతోంది. పొరుగు రాష్ట్రాలైన పంజాబ్‌, హర్యానాల్లో రైతులు తమ పంట వ్యర్థాలను తగలబెడుతుండటంతో రాజధాని ప్రాంతంలో ఈ పరిస్థితి తలెత్తుతోంది. ఈ నేపథ్యంలో కేంద్రం కీలక నిర్ణయం తీసుకుంది.

దేశ రాజధాని ఢిల్లీలో వాయు కాలుష్యం (Air Pollution) రోజురోజుకూ తీవ్రమవుతోంది. గత కొన్ని రోజులుగా ఢిల్లీ – ఎన్సీఆర్‌ ప్రాంతంలో గాలి నాణ్యత చాలా పేలవమైన స్థాయిలో నమోదవుతోంది. ఏక్యూఐ లెవల్స్‌ రాజధాని ప్రాంతంలో 400కుపైనే నమోదవుతోంది. పొరుగు రాష్ట్రాలైన పంజాబ్‌, హర్యానాల్లో రైతులు తమ పంట వ్యర్థాలను తగలబెడుతుండటంతో రాజధాని ప్రాంతంలో ఈ పరిస్థితి తలెత్తుతోంది.

కాలుష్య నియంత్రణకు పాలకులు ఎన్ని చర్యలు చేపట్టినా ఫలితం ఉండటం లేదు. రోజురోజుకూ గాలి నాణ్యత క్షీణిస్తోంది. ఈ నేపథ్యంలో కేంద్రం కీలక నిర్ణయం తీసుకుంది. పంట వ్యర్థాలను దహనం చేసే రైతులకు రెట్టింపు జరిమానా విధించేలా నిబంధనలను (Farmers to face fines) సవరించింది. రూ.30 వేల వరకూ జరిమానాను పెంచింది. ఈ నిబంధనలు తక్షణమే అమల్లోకి వస్తాయని తెలిపింది. కేంద్ర నిబంధనల ప్రకారం.. రెండు ఎకరాల్లోపు భూమి ఉన్న రైతులకు రూ.5 వేల జరిమానా విధించనున్నారు. రెండు నుంచి ఐదు ఎకరాల మధ్య ఉన్న వారికి రూ.10 వేలు, ఐదెకరాల కంటే ఎక్కువ భూమి ఉన్న రైతులకు రూ.30 వేలు జరిమానా విధించనున్నారు.

కాగా, కేంద్ర కాలుష్య నియంత్రణ మండలి ప్రకారం.. ఉదయం 9 గంటలకు ఢిల్లీలో గాలి నాణ్యత 367గా నమోదైంది. ఆనంద్‌ విహార్‌, జహంగీర్‌పురి, అశోక్‌ విహార్‌, బావన, ముంద్కల్‌, రోహిని, సోనియా విహార్‌, వివేక్‌ విహార్‌, వాజీపూర్‌.. ఈ తొమ్మిది ప్రాంతాల్లో గాలి నాణ్యత తీవ్రమైన కేటగిరీలో ఉందని కాలుష్య నియంత్రణ మండలి తెలిపింది. మరోవైపు కాలుష్యం కారణంగా ఢిల్లీ వాసులు తీవ్ర ఇబ్బందులుపడుతున్నారు. ఓ వైపు వాయు కాలుష్యంతో ఊపిరితీసుకోవడం ఇబ్బందికరంగా మారగా.. మరో వైపు నీటి కాలుష్యంతోనూ సతమతమవుతున్నారు. యయునా నదిలో కాలుష్య స్థాయి విపరీతంగా ఉన్నది.

రైతు తెలివి మామూలుగా లేదుగా..

సోషల్ మీడియాలో ఓ వీడియో తెగ వైరల్ అవుతోంది. చాలా మంది రైతులు తమ పంట పొలాలను జంతువుల బారి నుంచి రక్షించుకునేందుకు లక్షలు ఖర్చు చేస్తుంటారు. అయితే కొందరు రైతులు మాత్రం రూపాయి ఖర్చు చేయకుండా అందుబాటులో ఉన్న వస్తువులతోనే వినూత్న ప్రయోగాలు చేస్తుంటారు.

అడవి జంతువుల కారణంగా పంట సాగు చేసే రైతులు కొన్నిసార్లు తీవ్రంగా నష్టపోతుంటారు. తీరా పంట చేతికొచ్చే సమయంలో ఏ మూల నుంచి ఏ పందులో, ఏనుగులో వచ్చి నాశనం చేస్తుంటాయి. దీంతో వారు తీవ్రంగా నష్టపోవాల్సిన పరిస్థితి వస్తుంటుంది. దీంతో చాలా మంది అడవి జంతువులు తమ పొలాల్లోకి రాకుండా ఉండేందుకు ఏవేవో ప్రత్యామ్నాయ ఏర్పాట్లు చేసుకుంటుంటారు. ఈ క్రమంలో అయితే కొందరు రైతులు తెలివితేటలు చూసినప్పుడు ఆశ్చర్యం కలుగుతుంటుంది. ప్రస్తుతం సోషల్ మీడియా అందుబాటులో ఉండడంతో ఇందుకు సంబంధించిన వీడియోలు తెగ వైరల్ అవుతుంటాయి. తాజాగా, ఇలాంటి వీడియో ఒకటి నెట్టింట చక్కర్లు కొడుతోంది. ఓ రైతు తన పంట పొలాన్ని జంతువుల బారి నుంచి రక్షించుకునేందుకు చేసిన ఏర్పాట్లు చూసి అంతా అవాక్కవుతున్నారు.

సోషల్ మీడియాలో ఓ వీడియో (Viral Video) తెగ వైరల్ అవుతోంది. చాలా మంది రైతులు (Farmers) తమ పంట పొలాలను జంతువుల బారి నుంచి రక్షించుకునేందుకు లక్షలు ఖర్చు చేస్తుంటారు. అయితే కొందరు రైతులు మాత్రం రూపాయి ఖర్చు చేయకుండా అందుబాటులో ఉన్న వస్తువులతోనే వినూత్న ప్రయోగాలు చేస్తుంటారు. తద్వారా తమ పంటకు రక్షణ కల్పిస్తుంటారు.

తాజాగా, ఓ రైతు చేసిన ఏర్పాట్లు చూసి అంతా అవాక్కవుతున్నారు. అతను తన పంట పొలంలోకి జంతువులు రాకుండా ఉండేందుకు పెద్ద పెద్ద శబ్ధాలు వచ్చేలా చేశాడు. ఇందుకోసం మనుషుల అవసరం లేకుండా.. తన తెలివిని ఉపయోగించి అద్భుతమైన ఏర్పాట్లు చేశాడు. ముందుగా రెండు వైపులా పొడవాటి కర్రలను పాతాడు. దానికి మధ్యలో ఇనుప రేకును ఉంచాడు. అలాగే దానికి పైన ఓ కర్రను కట్టి, అది పైకి కిందకు కదిలేలా చివర్లో ఓ ప్లాస్టిక్ డబ్బాను కట్టి ఉంచాడు. అందులో నీళ్లు పడగానే కర్ర పైకి, కిందకు కదులుతూ రేకును తాకుతుంది.

దీనివల్ల పెద్ద పెద్ద శబ్ధాలు వస్తున్నాయి. దీంతో చుట్టుపక్కల ఉన్న అడవి జంతువులు భయంతో పారిపోతున్నాయి. ఇలా రూపాయి ఖర్చు చేయకుండా తన తెలివితేటలతో ఈ రైతు చేసిన ఏర్పాట్లు చూసి అంతా షాక్ అవుతున్నారు. కాగా, ఈ వీడియో ప్రస్తుతం సోషల్ మీడియాలో తెగ వైరల్ అవుతోంది. ‘‘ఈ రైతు ఆలోచన మామూలుగా లేదుగా’’.. అంటూ కొందరు, ‘‘ఐడియా బాగానే ఉంది కానీ.. ఇలా చేయడం వల్ల నీళ్లన్నీ వృథా అయిపోతాయిగా’’.. అంటూ మరికొందరు, వివిధ రకాల ఎమోజీలతో ఇంకొందరు కామెంట్లు చేస్తున్నారు. ఈ వీడియో ప్రస్తుతం 70 వేలకు పైగా లైక్‌లు, 7.1 మిలియన్‌కు పైగా వ్యూస్‌ను సొంతం చేసుకుంది.

తెలంగాణ రైతులకు గుడ్ న్యూస్.. త్వరలోనే మీ పొలాలకు..

తెలంగాణ రాష్ట్ర ప్రభుత్వం న్యూ ఎనర్జీ పాలసీపై కసరత్తు చేస్తోందని డిప్యూటీ సీఎం భట్టి విక్రమార్క తెలిపారు. త్వరలోనే రైతుల బోరు బావులకు ప్రభుత్వ ఖర్చుతో సోలార్ పంపు సెట్లు ఏర్పాటు చేయనున్నట్లు ఆయన చెప్పారు.

తెలంగాణ రైతులకు(Farmers) ఉప ముఖ్యమంత్రి భట్టి విక్రమార్క (Bhatti Vikramarka) శుభవార్త చెప్పారు. రైతుల బోరు బావులకు కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వం ఉచితంగా సోలార్ పంపు సెట్లు ఏర్పాటు చేయనున్నట్లు ఆయన తెలిపారు. దీని ద్వారా అన్నదాతలకు అదనపు ఆదాయం వస్తుందని భట్టి ఆశాభావం వ్యక్తం చేశారు. అశ్వరావుపేట ఆయిల్ పామ్ ఫ్యాక్టరీలో నిర్మించిన పవర్ ప్లాంట్ ప్రారంభోత్సవంలో డిప్యూటీ సీఎం పాల్గొన్నారు. రూ.36కోట్లతో నిర్మించిన 2.5 మెగావాట్ల పవర్ ప్లాంట్‌ను డిప్యూటీ సీఎం భట్టితోపాటు మంత్రులు తుమ్మల నాగేశ్వరరావు, పొంగులేటి శ్రీనివాసరెడ్డి ప్రారంభించారు.

ఈ సందర్భంగా ఉప ముఖ్యమంత్రి భట్టి విక్రమార్క మాట్లాడుతూ.." న్యూ ఎనర్జీ పాలసీపై తెలంగాణ ప్రభుత్వం కసరత్తు చేస్తోంది. త్వరలో రైతుల బోరు బావులకు ప్రభుత్వ ఖర్చుతో సోలార్ పంపు సెట్లు ఏర్పాటు చేస్తాం. దీని ద్వారా రైతులకు కరెంట్ ఖర్చు ఉండదు. పైగా సోలార్ ప్యానల్స్ ద్వారా మిగిలిన విద్యుత్‌ను గ్రిడ్‌కు సరఫరా చేయడం వల్ల రైతులకు అదనపు ఆదాయం వస్తుంది. పంటతోపాటు పవర్‌పైనా అన్నదాతలు అదనపు లాభం పొందేలా పైలట్ ప్రాజెక్టు చేపట్టనున్నాం. ముందుగా పైలట్ ప్రాజెక్టు కింద కొన్ని గ్రామాల్లో ప్రభుత్వ ఖర్చుతో రూఫ్ టాప్ సోలార్ ప్రాజెక్టు చేపడతాం. విజయ దశమి రోజు ఆయిల్ పామ్ ఫ్యాక్టరీలో బయో మాస్ పవర్ ప్లాంట్ ప్రారంభోత్సవం చేయడం ఎంతో సంతోషంగా ఉంది. ప్రపంచమంతా థర్మల్ పవర్ నుంచి గ్రీన్ పవర్ వైపు అడుగులు వేస్తోంది. తెలంగాణలో 20 వేల మెగావాట్ల గ్రీన్ ఎనర్జీ స్థాపనకు ప్రణాళికలు సిద్ధం చేస్తున్నాం. దేశ చరిత్రలో ఎక్కడా లేని విధంగా రుణమాఫీ చేశాం. బీఆర్ఎస్ పార్టీ నేతలు రుణమాఫీపై విమర్శలు చేస్తున్నారు. మేము చేసిన మంచిని చూసి వాళ్లు ఓర్వలేకపోతున్నారు. పంటల బీమా ప్రీమియం ప్రభుత్వమే చెల్లిస్తుంది. రూ.73వేల కోట్లు తెలంగాణ బడ్జెట్‌లో వ్యవసాయ రంగానికి కేటాయించాం" అని చెప్పారు.

అనంతరం అశ్వరావుపేటలో ఆయిల్ పామ్ రైతులకు సాగు, పంట విస్తరణపై అవగాహన సదస్సు నిర్వహించారు. ఆయిల్ ఫెడ్ ఆధ్వర్యంలో ప్రముఖ వ్యవసాయ శాస్త్రవేత్తలతో రైతులకు అవగాహన కల్పించారు. ఈ కార్యక్రమానికి ముఖ్య అతిథులుగా డిప్యూటీ సీఎం భట్టి విక్రమార్కతోపాటు మంత్రులు తుమ్మల నాగేశ్వరరావు, పొంగులేటి శ్రీనివాసరావు, ఎమ్మెల్యేలు జారే ఆదినారాయణ, కూనంనేని, రాగమయి, ఆయిల్ ఫెడ్ ఛైర్మన్ జంగా రాఘవరెడ్డి హాజరయ్యారు.

बीजेपी सांसद कंगना रनौत के बयान पर सियासत गर्म, जानें ऐसा क्या कहा कि बीजेपी ने भी कर लिया किनारा

#kangana_ranaut_on_farmers_farmers_protest 

भाजपा सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रैस कंगना रनौत के बयान पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष कंगना के बयान पर हमलावर है। अभिनेता से नेता बनी कंगना के किसानों पर बयान से बीजेपी ने किनारा कर लिया है। बीजेपी की हिदायत के बाद भी विपक्ष के हमले कम नहीं हुए हैं। कांग्रेस का कहना है कि या तो पार्टी माफी मांगे या कंगना किसानों से हाथ जोड़कर माफी मांगें।

भाजपा की किसान विरोधी नीति और नीयत का सबूत-राहुल गांधी

कंगना के बयान पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा- भाजपा सांसद द्वारा किसानों को बलात्कारी और विदेशी ताकतों का नुमाइंदा कहना भाजपा की किसान विरोधी नीति और नीयत का सबूत है। अन्नदाताओं के मान-सम्मान पर हमला करने से किसानों से किया गया मोदी सरकार का धोखा छिप नहीं सकता।

बयान से बीजेपी का किनारा

इससे पहले, कंगना के किसानों पर बयान से बीजेपी ने किनारा कर लिया है। सोमवार को पार्टी ने लिखित स्टेटमेंट जारी कर बताया, कंगना बयान देने के लिए पार्टी की ओर से अधिकृत नहीं हैं।साथ ही उन्हें भविष्य में ऐसे कमेंट न करने की सख्त हिदायत दी है। पार्टी ने एक लिखित स्टेटमेंट जारी किया है। इसमें लिखा है, ‘भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में दिया गया बयान, पार्टी का मत नहीं है। भाजपा कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है। पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत हैं।’

बीजेपी ने कंगना को हिदायत देते हुए कहा, ‘वे इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें।’ पार्टी ने कहा, ‘भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ तथा सामाजिक समरसता के सिद्धांतों पर चलने के लिए कृतसंकल्पित है।’

कंगना ने क्या कहा?

कंगना ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, ‘किसान आंदोलन के नाम पर बांग्लादेश जैसी अराजकता भारत में भी हो सकती थी। बाहरी ताकतें अंदरूनी लोगों की मदद से हमें बर्बाद करने की योजना बना रही थी। अगर हमारे नेतृत्व की दूरदर्शिता नहीं होती तो वे सफल हो जाते। पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे और वहां बलात्कार तथा हत्याएं हो रही थीं।’

Nirmalasitharaman VS Rahulgandi

RAHUL GANDHI : "Govt is not giving MSP Guarantee to Farmers"

FM NIRMALA SITHARAMAN - MSP report was junked by Congress, now shedding crocodile tears for farmers.

CONGRESS - "Only Specific states got funds in budget"

FM - 26 states were not named in 2009 Budget. State not being named doesn't mean it was not included in Budget

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संसद में किसानों से मिले राहुल गांधी, बोले- एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए सरकार पर डालेंगे दबाव

#rahul_gandhi_meets_farmer_leaders_in_parliament

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आज संसद में किसान नेताओं से मुलाकात की। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बैनर तले 12 किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल संसद में राहुल से मिलने पहुंचा और अपनी मांगों का एक पत्र सौंपा।बैठक के बाद राहुल ने कहा कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी के लिए सरकार पर दबाव डालेंगे।

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसान नेताओं को संसद में अपने कार्यालय में मिलने के लिए बुलाया था। मगर बवाल तब हो गया, जब किसानों को संसद के अंदर नहीं आने दिया। हालांकि, हंगामे और विरोध के बाद किसान नेताओं के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने लोकसभा प्रतिपक्ष नेता से मुलाकात की।

किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के तत्वावधान में देशभर से आए 12 किसान नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी से मुलाकात की। किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी के सामने प्राइवेट मेंबर्स बिल (निजी सदस्य विधेयक) लाने की बात रखी है। 

किसान नेताओं से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा, 'हमने अपने घोषणापत्र में कानूनी गारंटी के साथ एमएसपी का जिक्र किया है। हमने आकलन किया है और इसे लागू किया जा सकता है। हमने अभी एक बैठक की, जिसमें तय किया गया कि हम विपक्षी गठबंधन के दूसरे नेताओं से बात करेंगे और सरकार पर दबाव डालेंगे कि देश के किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए।'

क्या होता है प्राइवेट मेंबर बिल?

यह एक विधेयक है, जिसे संसद में मंत्री के बदले लोकसभा के सांसद पेश करते हैं। मंत्री जो विधेयक पेश करते हैं, उसे सरकारी विधेयक कहा जाता है। वहीं सांसद द्वारा पेश करने की वजह से इसे निजी विधेयक कहा जाता है। निजी विधेयक राज्यसभा या लोकसभा किसी में भी पेश किया जा सकता है। सदन में स्पीकर और सभापति के विचार करने के बाद इस पर बहस कराई जाती है. बहस के बाद जरूरत पड़ने पर वोटिंग भी कराई जाती है। देश के इतिहास में अब तक 14 निजी विधेयक कानून बन गए हैं। इनमें लोकसभा की कार्यवाही और सांसदों के वेतन भत्ते से जुड़े निजी विधेयक महत्वपूर्ण हैं. आखिरी बार 2021 में राज्यसभा में संविधान के प्रस्तावना में संशोधन को लेकर एक प्राइवेट मेंबर बिल सुर्खियों में आया था।

केंद्र से क्यों नाराज हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, कहा- किया गया वादा क्यों नहीं निभाया?

#vicepresidentjagdeepdhankharangryontheissueof_farmers

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किसान एक बार फिर सड़कों पर हैं। किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर एक बार फिर सियासी पारा चढ़ता दिख रहा है। दरअसल, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी किसानों के समर्थन में आए। किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, 'मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।'

मुंबई में एक कार्यक्रम में मंगलवार को जगदीप धनखड़ ने कहा कि जिनको गले लगाना है, उनको दुत्कारा नहीं जा सकता। मेरे कठोर शब्द हैं। कई बार गंभीर बीमारी के इलाज के लिए कड़वी दवाई पीनी पड़ती है। मैं किसान भाइयों से आह्वान करता हूं कि मेरी बात सुनें, समझें। आप अर्थव्यवस्था की धुरी हैं। राजनीति को प्रभावित करते हैं। भारत की विकास यात्रा के आप महत्वपूर्ण अंग हैं। सामाजिक समरसता की मिसाल हैं। बातचीत के लिए आपको भी आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या हम किसान और सरकार के बीच एक सीमा बना सकते हैं? मुझे समझ में नहीं आता कि किसानों के साथ कोई बातचीत क्यों नहीं हो रही है। मेरी चिंता यह है कि यह पहल अब तक क्यों नहीं हुई।

जगदीप धनखड के तीखे सवाल

उप राष्ट्रपति धनखड़ ने किसानों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा,'कृषि मंत्री जी एक एक पल आपका भारी है। मेरा आपसे आग्रह है, भारत के सिद्धांत के तहत दूसरे पद विराजमान व्यक्ति आपसे अनुरोध कर रहा है। कृप्या करके मुझे बताइए क्या किसान से वादा किया गया था और किया हुआ वादा क्यों नहीं निभाया गया।' जगदीप धनखड़ यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा,'किसानों से किया गया वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं। पिछले साल भी आंदोलन था और इस वर्ष भी आंदोलन है। काल चक्र घूम रहा है और हम कुछ कर नहीं रहे हैं।'

हमारी पॉलिसी मेकिंग सही ट्रैक पर नहीं है-धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, 'ये समय मेरे लिए कष्टदायक है क्योंकि मैं राष्ट्रधर्म से ओतप्रोत हूं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था, दुनिया में हमारी साख पहले कभी इतनी नहीं थी, भारत का पीएम आज विश्व के शीर्ष नेताओं में गिना जाता है, जब ऐसा कोहरा है तो मेरा किसान परेशान क्यों है? ये बहुत गहराई का मुद्दा है। इसको हल्के में लेने का मतलब है कि हम प्रैक्टिकल नहीं हैं। हमारी पॉलिसी मेकिंग सही ट्रैक पर नहीं है। कौन हैं वो लोग जो किसानों को कहते हैं कि उसके उत्पाद का उचित मूल्य दे देंगे? मुझे समझ नहीं आता कि कोई पहाड़ गिरेगा। किसान अकेला है, जो असहाय है। '

कांग्रेस ने जताई खुशी

इस मामले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने खुशी जताई है, उन्होंने कहा कि जिन मामलों पर उपराष्ट्रपति ने सवाल किए हैं, यही मामले हमारी पार्टी और राहुल गांधी पिछले 5 सालों से उठा रहे हैं।कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हम उपराष्ट्रपति का सम्मान करते हैं, उन्होंने आगे कहा कि वे राज्यसभा के संरक्षक और संविधान के रक्षक हैं। उन्होंने कृषि मंत्री से जो सवाल पूछा, कांग्रेस पार्टी भी पिछले 4-5 साल से वही सवाल प्रधानमंत्री से पूछ रही है। हम इसी बात पर चर्चा चाहते हैं, और हमने इसके लिए नोटिस भी दिया है, हमें खुशी है कि उपराष्ट्रपति ने ये सवाल पूछा है।

केंद्र से क्यों नाराज हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, कहा- किया गया वादा क्यों नहीं निभाया?

#vice_president_jagdeep_dhankhar_angry_on_the_issue_of_farmers

किसान एक बार फिर सड़कों पर हैं। किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर एक बार फिर सियासी पारा चढ़ता दिख रहा है। दरअसल, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी किसानों के समर्थन में आए। किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, 'मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।'

मुंबई में एक कार्यक्रम में मंगलवार को जगदीप धनखड़ ने कहा कि जिनको गले लगाना है, उनको दुत्कारा नहीं जा सकता। मेरे कठोर शब्द हैं। कई बार गंभीर बीमारी के इलाज के लिए कड़वी दवाई पीनी पड़ती है। मैं किसान भाइयों से आह्वान करता हूं कि मेरी बात सुनें, समझें। आप अर्थव्यवस्था की धुरी हैं। राजनीति को प्रभावित करते हैं। भारत की विकास यात्रा के आप महत्वपूर्ण अंग हैं। सामाजिक समरसता की मिसाल हैं। बातचीत के लिए आपको भी आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या हम किसान और सरकार के बीच एक सीमा बना सकते हैं? मुझे समझ में नहीं आता कि किसानों के साथ कोई बातचीत क्यों नहीं हो रही है। मेरी चिंता यह है कि यह पहल अब तक क्यों नहीं हुई।

जगदीप धनखड के तीखे सवाल

उप राष्ट्रपति धनखड़ ने किसानों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा,'कृषि मंत्री जी एक एक पल आपका भारी है। मेरा आपसे आग्रह है, भारत के सिद्धांत के तहत दूसरे पद विराजमान व्यक्ति आपसे अनुरोध कर रहा है। कृप्या करके मुझे बताइए क्या किसान से वादा किया गया था और किया हुआ वादा क्यों नहीं निभाया गया।' जगदीप धनखड़ यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा,'किसानों से किया गया वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं। पिछले साल भी आंदोलन था और इस वर्ष भी आंदोलन है। काल चक्र घूम रहा है और हम कुछ कर नहीं रहे हैं।'

हमारी पॉलिसी मेकिंग सही ट्रैक पर नहीं है-धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, 'ये समय मेरे लिए कष्टदायक है क्योंकि मैं राष्ट्रधर्म से ओतप्रोत हूं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था, दुनिया में हमारी साख पहले कभी इतनी नहीं थी, भारत का पीएम आज विश्व के शीर्ष नेताओं में गिना जाता है, जब ऐसा कोहरा है तो मेरा किसान परेशान क्यों है? ये बहुत गहराई का मुद्दा है। इसको हल्के में लेने का मतलब है कि हम प्रैक्टिकल नहीं हैं। हमारी पॉलिसी मेकिंग सही ट्रैक पर नहीं है। कौन हैं वो लोग जो किसानों को कहते हैं कि उसके उत्पाद का उचित मूल्य दे देंगे? मुझे समझ नहीं आता कि कोई पहाड़ गिरेगा। किसान अकेला है, जो असहाय है। '

कांग्रेस ने जताई खुशी

इस मामले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने खुशी जताई है, उन्होंने कहा कि जिन मामलों पर उपराष्ट्रपति ने सवाल किए हैं, यही मामले हमारी पार्टी और राहुल गांधी पिछले 5 सालों से उठा रहे हैं।कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हम उपराष्ट्रपति का सम्मान करते हैं, उन्होंने आगे कहा कि वे राज्यसभा के संरक्षक और संविधान के रक्षक हैं। उन्होंने कृषि मंत्री से जो सवाल पूछा, कांग्रेस पार्टी भी पिछले 4-5 साल से वही सवाल प्रधानमंत्री से पूछ रही है। हम इसी बात पर चर्चा चाहते हैं, और हमने इसके लिए नोटिस भी दिया है, हमें खुशी है कि उपराष्ट्रपति ने ये सवाल पूछा है।

297 दिनों बाद फिर दिल्ली कूच करने की तैयारी में किसान, सड़कों पर जगह-जगह जाम, 4000 जवान तैनात

#farmerprotestkisandillichalo_march

दिल्ली में एक बार फिर किसानों का जमावड़ा होने वाला है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आज यानी सोमवार को हजारों किसान नोएडा से दिल्ली की तरफ कूच करने की तैयारी में हैं। नोएडा से दिल्ली में संसद भवन तक विरोध मार्च निकालेंगे। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में धरना प्रदर्शन करने वाले हैं। वे नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की अपनी पांच प्रमुख मांगों पर जोर देंगे। किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर में बैरिकेड लगाने और रूट डायवर्ट करने सहित सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए हैं। भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) समेत कई किसान संगठन नए कृषि कानूनों के तहत उचित मुआवजा और लाभ की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे। बीकेपी का मार्च 2 दिसंबर यानी आज से नोएडा से शुरू होगा, जबकि अन्य संगठन 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच करेंगे। पंजाब-हरियाणा सीमा पर मौजूद किसान भी इस प्रदर्शन में शामिल होंगे।

दिल्ली पुलिस के साथ गौतमबुद्ध नगर पुलिस अलर्ट

किसानों के दिल्ली मार्च की सूचना पर दिल्ली पुलिस के साथ गौतमबुद्ध नगर पुलिस अलर्ट हो गई। इसी के साथ दिल्ली बॉर्डर पर चेकिंग शुरू हो गई। गौतमबुद्ध नगर से दिल्ली जाने वाले सभी मार्गों पर बैरियर लगाया गया है, जिससे जाम की स्थिति बन गई है। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने इस परिस्थिति को देखते हुए वाहन चालकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी। गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर की ओर से जारी इस एडवाइजरी में कहा गया कि दिल्ली बॉर्डर पर ट्रैफिक प्रेशर बढ़ने की स्थिति में कई सड़कों पर रूट डायवर्जन किया जाएगा। इस दौरान जाम एवं अन्य समस्याओं से बचने के लिए लोग मेट्रो सेवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ऐसे निकलेंगे वाहन

पुलिस के मुताबिक यमुना एक्सप्रेस-वे से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के रास्ते दिल्ली की ओर जाने वाले तथा सिरसा से परीचौक के रास्ते सूरजपुर जाने वाले मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन बंद रहेगा। इन दोनों ही सड़कों पर किसी तरह के मालवाहक वाहनों की आवाजाही नहीं है। इसी प्रकार चिल्ला बॉर्डर से ग्रेटर-नोएडा की ओर जाने वाले वाहनों को सैक्टर 14ए फ्लाई ओवर से गोलचक्कर चौक सैक्टर 15 के रास्ते संदीप पेपर मिल चौक होते हुए झुण्डपुरा चौक से निकाला जा रहा है। इसी प्रकार डीएनडी बॉर्डर से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को फिल्मसिटी फ्लाईओवर से सैक्टर 18 एलीवेटेड के रास्ते निकाला जा रहा है। कालिन्दी बॉर्डर दिल्ली से नोएडा की ओर आने वाले वाहन महामाया फ्लाई ओवर के रास्ते सैक्टर 37 होते हुए गन्तव्य की ओर रवाना हो सकेंगे।

कौन-कौन से किसान संगठन साथ?

जानकारी के मुताबिक किसानों के इस दिल्ली मार्च में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 10 से अधिक किसान संगठन शामिल हो रहे हैं। किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा सहित विभिन्न किसान संगठन भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। ये समूह 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर अपना मार्च शुरू करेंगे। इसके अलावा,केरल,उत्तराखंड और तमिलनाडु में किसान यूनियन उसी दिन अपनी-अपनी विधानसभाओं तक प्रतीकात्मक मार्च निकालने की योजना बना रहे हैं। पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं। वे दिल्ली की ओर अपने रुके हुए मार्च का विरोध कर रहे हैं। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने घोषणा की कि ये किसान 6 दिसंबर के मार्च में शामिल होंगे।

297 दिन बाद किसान दिल्ली कर रहे हैं कूच

मालूम हो कि किसान इसी साल 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। अब लगभग 297 दिनों बाद किसानों ने एक बार फिर से दिल्ली चलो का ऐलान किया है। बॉर्डर पर बैठे किसान 12 अन्य मांगों के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।

किसानों की मांगें

➤कानूनी गारंटी वाला न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)

➤कृषि ऋण माफ

➤किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन

➤पिछले विरोध प्रदर्शनों के दौरान दर्ज किए गए पुलिस मामलों को वापस लेना

➤2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय

➤भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करना

➤2020-21 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा

कर्नाटक में वक्फ बोर्ड के अतिक्रमण के खिलाफ लोगों में गुस्सा, सड़कों पर उतरे साधु-संत और किसान

#karnataka_hindu_saints_farmers_started_protest

कर्नाटक समेत देशभर में जिस तेजी से वक्फ बोर्ड मनमाने तरीके से संपत्तियों को क्लेम करता जा रहा है उसके खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इसका नतीजा यह हो रहा है कि उसके खिलाफ अब लोग सड़कों पर उतरने लगे हैं। ताजा मामला कलबुर्गी का है, जहां साधु-संतों, किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने वक्फ बोर्ड की ओर से कथित अतिक्रमण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान विशाल रैली निकालकर आक्रोश जताया गया।

वक्फ बोर्ड की मनमानियों के खिलाफ नेगिलायोगी स्वाभिमान वेदिके के बैनर तले प्रदेश के मठों के हिन्दू संत, भाजपा नेताओं और किसान समर्थक संगठनों के सदस्यों ने “वक्फ हटाओ, अन्नदाता बचाओ” तीन दिवसीय विरोध मार्च निकाला है। इस दौरान प्रदर्शन करते हुए संतों और भाजपा नेताओं ने प्रदेश के कांग्रेसी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया औऱ अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बी जेड जमीर अहमद के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग की। विरोध मार्च कलबुर्गी के नागेश्वर स्कूल से निकाला गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथों में “ज़मीर हटाओ, ज़मीन बचाओ”, “रायता देशदा आस्थी”, “वक्फ हटाओ, अन्नदाता बचाओ” नारे लिखी तख्तियां ले रखा था।

इस मौके पर कर्नाटक विधान परिषद के नेता चालावाड़ी नारायणस्वामी ने कहा कि आप स्थिति देख सकते हैं। किसानों की जमीनें छीनी जा रही हैं। यह विरोध प्रदर्शन कलबुर्गी में हो रहा है। हम मंत्री ज़मीर अहमद खान और कांग्रेस सरकार के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

इससे पहले बीजेपी प्रदेश महासचिव प्रीतम गौड़ा ने कहाा था कि कहा कि हजारों प्रभावित व्यक्तियों और किसानों को अपनी शिकायतें प्रस्तुत करने के लिए पूरे दिन मंच पर आमंत्रित किया गया है। हम जिलेवार मुद्दों की गंभीरता की समीक्षा कर रहे हैं। राज्य बीजेपी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने इन चिंताओं को दूर करने के लिए पहले ही तीन टीमों की घोषणा कर दी है। ये टीमें किसानों, धार्मिक संस्थाओं और जनता की शिकायतों को सुनने के लिए जिलों में जाएंगी और उनके निष्कर्षों पर आगामी बेलगावी विधानसभा सत्र में चर्चा की जाएगी।

పంట వ్యర్థాలు తగలబెట్టే రైతులకు రెట్టింపు జరిమానా

 దేశ రాజధాని ఢిల్లీలో వాయు కాలుష్యం (Air Pollution) రోజురోజుకూ తీవ్రమవుతోంది. పొరుగు రాష్ట్రాలైన పంజాబ్‌, హర్యానాల్లో రైతులు తమ పంట వ్యర్థాలను తగలబెడుతుండటంతో రాజధాని ప్రాంతంలో ఈ పరిస్థితి తలెత్తుతోంది. ఈ నేపథ్యంలో కేంద్రం కీలక నిర్ణయం తీసుకుంది.

దేశ రాజధాని ఢిల్లీలో వాయు కాలుష్యం (Air Pollution) రోజురోజుకూ తీవ్రమవుతోంది. గత కొన్ని రోజులుగా ఢిల్లీ – ఎన్సీఆర్‌ ప్రాంతంలో గాలి నాణ్యత చాలా పేలవమైన స్థాయిలో నమోదవుతోంది. ఏక్యూఐ లెవల్స్‌ రాజధాని ప్రాంతంలో 400కుపైనే నమోదవుతోంది. పొరుగు రాష్ట్రాలైన పంజాబ్‌, హర్యానాల్లో రైతులు తమ పంట వ్యర్థాలను తగలబెడుతుండటంతో రాజధాని ప్రాంతంలో ఈ పరిస్థితి తలెత్తుతోంది.

కాలుష్య నియంత్రణకు పాలకులు ఎన్ని చర్యలు చేపట్టినా ఫలితం ఉండటం లేదు. రోజురోజుకూ గాలి నాణ్యత క్షీణిస్తోంది. ఈ నేపథ్యంలో కేంద్రం కీలక నిర్ణయం తీసుకుంది. పంట వ్యర్థాలను దహనం చేసే రైతులకు రెట్టింపు జరిమానా విధించేలా నిబంధనలను (Farmers to face fines) సవరించింది. రూ.30 వేల వరకూ జరిమానాను పెంచింది. ఈ నిబంధనలు తక్షణమే అమల్లోకి వస్తాయని తెలిపింది. కేంద్ర నిబంధనల ప్రకారం.. రెండు ఎకరాల్లోపు భూమి ఉన్న రైతులకు రూ.5 వేల జరిమానా విధించనున్నారు. రెండు నుంచి ఐదు ఎకరాల మధ్య ఉన్న వారికి రూ.10 వేలు, ఐదెకరాల కంటే ఎక్కువ భూమి ఉన్న రైతులకు రూ.30 వేలు జరిమానా విధించనున్నారు.

కాగా, కేంద్ర కాలుష్య నియంత్రణ మండలి ప్రకారం.. ఉదయం 9 గంటలకు ఢిల్లీలో గాలి నాణ్యత 367గా నమోదైంది. ఆనంద్‌ విహార్‌, జహంగీర్‌పురి, అశోక్‌ విహార్‌, బావన, ముంద్కల్‌, రోహిని, సోనియా విహార్‌, వివేక్‌ విహార్‌, వాజీపూర్‌.. ఈ తొమ్మిది ప్రాంతాల్లో గాలి నాణ్యత తీవ్రమైన కేటగిరీలో ఉందని కాలుష్య నియంత్రణ మండలి తెలిపింది. మరోవైపు కాలుష్యం కారణంగా ఢిల్లీ వాసులు తీవ్ర ఇబ్బందులుపడుతున్నారు. ఓ వైపు వాయు కాలుష్యంతో ఊపిరితీసుకోవడం ఇబ్బందికరంగా మారగా.. మరో వైపు నీటి కాలుష్యంతోనూ సతమతమవుతున్నారు. యయునా నదిలో కాలుష్య స్థాయి విపరీతంగా ఉన్నది.

రైతు తెలివి మామూలుగా లేదుగా..

సోషల్ మీడియాలో ఓ వీడియో తెగ వైరల్ అవుతోంది. చాలా మంది రైతులు తమ పంట పొలాలను జంతువుల బారి నుంచి రక్షించుకునేందుకు లక్షలు ఖర్చు చేస్తుంటారు. అయితే కొందరు రైతులు మాత్రం రూపాయి ఖర్చు చేయకుండా అందుబాటులో ఉన్న వస్తువులతోనే వినూత్న ప్రయోగాలు చేస్తుంటారు.

అడవి జంతువుల కారణంగా పంట సాగు చేసే రైతులు కొన్నిసార్లు తీవ్రంగా నష్టపోతుంటారు. తీరా పంట చేతికొచ్చే సమయంలో ఏ మూల నుంచి ఏ పందులో, ఏనుగులో వచ్చి నాశనం చేస్తుంటాయి. దీంతో వారు తీవ్రంగా నష్టపోవాల్సిన పరిస్థితి వస్తుంటుంది. దీంతో చాలా మంది అడవి జంతువులు తమ పొలాల్లోకి రాకుండా ఉండేందుకు ఏవేవో ప్రత్యామ్నాయ ఏర్పాట్లు చేసుకుంటుంటారు. ఈ క్రమంలో అయితే కొందరు రైతులు తెలివితేటలు చూసినప్పుడు ఆశ్చర్యం కలుగుతుంటుంది. ప్రస్తుతం సోషల్ మీడియా అందుబాటులో ఉండడంతో ఇందుకు సంబంధించిన వీడియోలు తెగ వైరల్ అవుతుంటాయి. తాజాగా, ఇలాంటి వీడియో ఒకటి నెట్టింట చక్కర్లు కొడుతోంది. ఓ రైతు తన పంట పొలాన్ని జంతువుల బారి నుంచి రక్షించుకునేందుకు చేసిన ఏర్పాట్లు చూసి అంతా అవాక్కవుతున్నారు.

సోషల్ మీడియాలో ఓ వీడియో (Viral Video) తెగ వైరల్ అవుతోంది. చాలా మంది రైతులు (Farmers) తమ పంట పొలాలను జంతువుల బారి నుంచి రక్షించుకునేందుకు లక్షలు ఖర్చు చేస్తుంటారు. అయితే కొందరు రైతులు మాత్రం రూపాయి ఖర్చు చేయకుండా అందుబాటులో ఉన్న వస్తువులతోనే వినూత్న ప్రయోగాలు చేస్తుంటారు. తద్వారా తమ పంటకు రక్షణ కల్పిస్తుంటారు.

తాజాగా, ఓ రైతు చేసిన ఏర్పాట్లు చూసి అంతా అవాక్కవుతున్నారు. అతను తన పంట పొలంలోకి జంతువులు రాకుండా ఉండేందుకు పెద్ద పెద్ద శబ్ధాలు వచ్చేలా చేశాడు. ఇందుకోసం మనుషుల అవసరం లేకుండా.. తన తెలివిని ఉపయోగించి అద్భుతమైన ఏర్పాట్లు చేశాడు. ముందుగా రెండు వైపులా పొడవాటి కర్రలను పాతాడు. దానికి మధ్యలో ఇనుప రేకును ఉంచాడు. అలాగే దానికి పైన ఓ కర్రను కట్టి, అది పైకి కిందకు కదిలేలా చివర్లో ఓ ప్లాస్టిక్ డబ్బాను కట్టి ఉంచాడు. అందులో నీళ్లు పడగానే కర్ర పైకి, కిందకు కదులుతూ రేకును తాకుతుంది.

దీనివల్ల పెద్ద పెద్ద శబ్ధాలు వస్తున్నాయి. దీంతో చుట్టుపక్కల ఉన్న అడవి జంతువులు భయంతో పారిపోతున్నాయి. ఇలా రూపాయి ఖర్చు చేయకుండా తన తెలివితేటలతో ఈ రైతు చేసిన ఏర్పాట్లు చూసి అంతా షాక్ అవుతున్నారు. కాగా, ఈ వీడియో ప్రస్తుతం సోషల్ మీడియాలో తెగ వైరల్ అవుతోంది. ‘‘ఈ రైతు ఆలోచన మామూలుగా లేదుగా’’.. అంటూ కొందరు, ‘‘ఐడియా బాగానే ఉంది కానీ.. ఇలా చేయడం వల్ల నీళ్లన్నీ వృథా అయిపోతాయిగా’’.. అంటూ మరికొందరు, వివిధ రకాల ఎమోజీలతో ఇంకొందరు కామెంట్లు చేస్తున్నారు. ఈ వీడియో ప్రస్తుతం 70 వేలకు పైగా లైక్‌లు, 7.1 మిలియన్‌కు పైగా వ్యూస్‌ను సొంతం చేసుకుంది.

తెలంగాణ రైతులకు గుడ్ న్యూస్.. త్వరలోనే మీ పొలాలకు..

తెలంగాణ రాష్ట్ర ప్రభుత్వం న్యూ ఎనర్జీ పాలసీపై కసరత్తు చేస్తోందని డిప్యూటీ సీఎం భట్టి విక్రమార్క తెలిపారు. త్వరలోనే రైతుల బోరు బావులకు ప్రభుత్వ ఖర్చుతో సోలార్ పంపు సెట్లు ఏర్పాటు చేయనున్నట్లు ఆయన చెప్పారు.

తెలంగాణ రైతులకు(Farmers) ఉప ముఖ్యమంత్రి భట్టి విక్రమార్క (Bhatti Vikramarka) శుభవార్త చెప్పారు. రైతుల బోరు బావులకు కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వం ఉచితంగా సోలార్ పంపు సెట్లు ఏర్పాటు చేయనున్నట్లు ఆయన తెలిపారు. దీని ద్వారా అన్నదాతలకు అదనపు ఆదాయం వస్తుందని భట్టి ఆశాభావం వ్యక్తం చేశారు. అశ్వరావుపేట ఆయిల్ పామ్ ఫ్యాక్టరీలో నిర్మించిన పవర్ ప్లాంట్ ప్రారంభోత్సవంలో డిప్యూటీ సీఎం పాల్గొన్నారు. రూ.36కోట్లతో నిర్మించిన 2.5 మెగావాట్ల పవర్ ప్లాంట్‌ను డిప్యూటీ సీఎం భట్టితోపాటు మంత్రులు తుమ్మల నాగేశ్వరరావు, పొంగులేటి శ్రీనివాసరెడ్డి ప్రారంభించారు.

ఈ సందర్భంగా ఉప ముఖ్యమంత్రి భట్టి విక్రమార్క మాట్లాడుతూ.." న్యూ ఎనర్జీ పాలసీపై తెలంగాణ ప్రభుత్వం కసరత్తు చేస్తోంది. త్వరలో రైతుల బోరు బావులకు ప్రభుత్వ ఖర్చుతో సోలార్ పంపు సెట్లు ఏర్పాటు చేస్తాం. దీని ద్వారా రైతులకు కరెంట్ ఖర్చు ఉండదు. పైగా సోలార్ ప్యానల్స్ ద్వారా మిగిలిన విద్యుత్‌ను గ్రిడ్‌కు సరఫరా చేయడం వల్ల రైతులకు అదనపు ఆదాయం వస్తుంది. పంటతోపాటు పవర్‌పైనా అన్నదాతలు అదనపు లాభం పొందేలా పైలట్ ప్రాజెక్టు చేపట్టనున్నాం. ముందుగా పైలట్ ప్రాజెక్టు కింద కొన్ని గ్రామాల్లో ప్రభుత్వ ఖర్చుతో రూఫ్ టాప్ సోలార్ ప్రాజెక్టు చేపడతాం. విజయ దశమి రోజు ఆయిల్ పామ్ ఫ్యాక్టరీలో బయో మాస్ పవర్ ప్లాంట్ ప్రారంభోత్సవం చేయడం ఎంతో సంతోషంగా ఉంది. ప్రపంచమంతా థర్మల్ పవర్ నుంచి గ్రీన్ పవర్ వైపు అడుగులు వేస్తోంది. తెలంగాణలో 20 వేల మెగావాట్ల గ్రీన్ ఎనర్జీ స్థాపనకు ప్రణాళికలు సిద్ధం చేస్తున్నాం. దేశ చరిత్రలో ఎక్కడా లేని విధంగా రుణమాఫీ చేశాం. బీఆర్ఎస్ పార్టీ నేతలు రుణమాఫీపై విమర్శలు చేస్తున్నారు. మేము చేసిన మంచిని చూసి వాళ్లు ఓర్వలేకపోతున్నారు. పంటల బీమా ప్రీమియం ప్రభుత్వమే చెల్లిస్తుంది. రూ.73వేల కోట్లు తెలంగాణ బడ్జెట్‌లో వ్యవసాయ రంగానికి కేటాయించాం" అని చెప్పారు.

అనంతరం అశ్వరావుపేటలో ఆయిల్ పామ్ రైతులకు సాగు, పంట విస్తరణపై అవగాహన సదస్సు నిర్వహించారు. ఆయిల్ ఫెడ్ ఆధ్వర్యంలో ప్రముఖ వ్యవసాయ శాస్త్రవేత్తలతో రైతులకు అవగాహన కల్పించారు. ఈ కార్యక్రమానికి ముఖ్య అతిథులుగా డిప్యూటీ సీఎం భట్టి విక్రమార్కతోపాటు మంత్రులు తుమ్మల నాగేశ్వరరావు, పొంగులేటి శ్రీనివాసరావు, ఎమ్మెల్యేలు జారే ఆదినారాయణ, కూనంనేని, రాగమయి, ఆయిల్ ఫెడ్ ఛైర్మన్ జంగా రాఘవరెడ్డి హాజరయ్యారు.

बीजेपी सांसद कंगना रनौत के बयान पर सियासत गर्म, जानें ऐसा क्या कहा कि बीजेपी ने भी कर लिया किनारा

#kangana_ranaut_on_farmers_farmers_protest 

भाजपा सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रैस कंगना रनौत के बयान पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष कंगना के बयान पर हमलावर है। अभिनेता से नेता बनी कंगना के किसानों पर बयान से बीजेपी ने किनारा कर लिया है। बीजेपी की हिदायत के बाद भी विपक्ष के हमले कम नहीं हुए हैं। कांग्रेस का कहना है कि या तो पार्टी माफी मांगे या कंगना किसानों से हाथ जोड़कर माफी मांगें।

भाजपा की किसान विरोधी नीति और नीयत का सबूत-राहुल गांधी

कंगना के बयान पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा- भाजपा सांसद द्वारा किसानों को बलात्कारी और विदेशी ताकतों का नुमाइंदा कहना भाजपा की किसान विरोधी नीति और नीयत का सबूत है। अन्नदाताओं के मान-सम्मान पर हमला करने से किसानों से किया गया मोदी सरकार का धोखा छिप नहीं सकता।

बयान से बीजेपी का किनारा

इससे पहले, कंगना के किसानों पर बयान से बीजेपी ने किनारा कर लिया है। सोमवार को पार्टी ने लिखित स्टेटमेंट जारी कर बताया, कंगना बयान देने के लिए पार्टी की ओर से अधिकृत नहीं हैं।साथ ही उन्हें भविष्य में ऐसे कमेंट न करने की सख्त हिदायत दी है। पार्टी ने एक लिखित स्टेटमेंट जारी किया है। इसमें लिखा है, ‘भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में दिया गया बयान, पार्टी का मत नहीं है। भाजपा कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है। पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत हैं।’

बीजेपी ने कंगना को हिदायत देते हुए कहा, ‘वे इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें।’ पार्टी ने कहा, ‘भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ तथा सामाजिक समरसता के सिद्धांतों पर चलने के लिए कृतसंकल्पित है।’

कंगना ने क्या कहा?

कंगना ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, ‘किसान आंदोलन के नाम पर बांग्लादेश जैसी अराजकता भारत में भी हो सकती थी। बाहरी ताकतें अंदरूनी लोगों की मदद से हमें बर्बाद करने की योजना बना रही थी। अगर हमारे नेतृत्व की दूरदर्शिता नहीं होती तो वे सफल हो जाते। पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे और वहां बलात्कार तथा हत्याएं हो रही थीं।’

Nirmalasitharaman VS Rahulgandi

RAHUL GANDHI : "Govt is not giving MSP Guarantee to Farmers"

FM NIRMALA SITHARAMAN - MSP report was junked by Congress, now shedding crocodile tears for farmers.

CONGRESS - "Only Specific states got funds in budget"

FM - 26 states were not named in 2009 Budget. State not being named doesn't mean it was not included in Budget

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संसद में किसानों से मिले राहुल गांधी, बोले- एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए सरकार पर डालेंगे दबाव

#rahul_gandhi_meets_farmer_leaders_in_parliament

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आज संसद में किसान नेताओं से मुलाकात की। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बैनर तले 12 किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल संसद में राहुल से मिलने पहुंचा और अपनी मांगों का एक पत्र सौंपा।बैठक के बाद राहुल ने कहा कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी के लिए सरकार पर दबाव डालेंगे।

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसान नेताओं को संसद में अपने कार्यालय में मिलने के लिए बुलाया था। मगर बवाल तब हो गया, जब किसानों को संसद के अंदर नहीं आने दिया। हालांकि, हंगामे और विरोध के बाद किसान नेताओं के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने लोकसभा प्रतिपक्ष नेता से मुलाकात की।

किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के तत्वावधान में देशभर से आए 12 किसान नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी से मुलाकात की। किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी के सामने प्राइवेट मेंबर्स बिल (निजी सदस्य विधेयक) लाने की बात रखी है। 

किसान नेताओं से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा, 'हमने अपने घोषणापत्र में कानूनी गारंटी के साथ एमएसपी का जिक्र किया है। हमने आकलन किया है और इसे लागू किया जा सकता है। हमने अभी एक बैठक की, जिसमें तय किया गया कि हम विपक्षी गठबंधन के दूसरे नेताओं से बात करेंगे और सरकार पर दबाव डालेंगे कि देश के किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए।'

क्या होता है प्राइवेट मेंबर बिल?

यह एक विधेयक है, जिसे संसद में मंत्री के बदले लोकसभा के सांसद पेश करते हैं। मंत्री जो विधेयक पेश करते हैं, उसे सरकारी विधेयक कहा जाता है। वहीं सांसद द्वारा पेश करने की वजह से इसे निजी विधेयक कहा जाता है। निजी विधेयक राज्यसभा या लोकसभा किसी में भी पेश किया जा सकता है। सदन में स्पीकर और सभापति के विचार करने के बाद इस पर बहस कराई जाती है. बहस के बाद जरूरत पड़ने पर वोटिंग भी कराई जाती है। देश के इतिहास में अब तक 14 निजी विधेयक कानून बन गए हैं। इनमें लोकसभा की कार्यवाही और सांसदों के वेतन भत्ते से जुड़े निजी विधेयक महत्वपूर्ण हैं. आखिरी बार 2021 में राज्यसभा में संविधान के प्रस्तावना में संशोधन को लेकर एक प्राइवेट मेंबर बिल सुर्खियों में आया था।