केंद्र से क्यों नाराज हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, कहा- किया गया वादा क्यों नहीं निभाया?
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किसान एक बार फिर सड़कों पर हैं। किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर एक बार फिर सियासी पारा चढ़ता दिख रहा है। दरअसल, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी किसानों के समर्थन में आए। किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, 'मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।'
मुंबई में एक कार्यक्रम में मंगलवार को जगदीप धनखड़ ने कहा कि जिनको गले लगाना है, उनको दुत्कारा नहीं जा सकता। मेरे कठोर शब्द हैं। कई बार गंभीर बीमारी के इलाज के लिए कड़वी दवाई पीनी पड़ती है। मैं किसान भाइयों से आह्वान करता हूं कि मेरी बात सुनें, समझें। आप अर्थव्यवस्था की धुरी हैं। राजनीति को प्रभावित करते हैं। भारत की विकास यात्रा के आप महत्वपूर्ण अंग हैं। सामाजिक समरसता की मिसाल हैं। बातचीत के लिए आपको भी आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या हम किसान और सरकार के बीच एक सीमा बना सकते हैं? मुझे समझ में नहीं आता कि किसानों के साथ कोई बातचीत क्यों नहीं हो रही है। मेरी चिंता यह है कि यह पहल अब तक क्यों नहीं हुई।
जगदीप धनखड के तीखे सवाल
उप राष्ट्रपति धनखड़ ने किसानों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा,'कृषि मंत्री जी एक एक पल आपका भारी है। मेरा आपसे आग्रह है, भारत के सिद्धांत के तहत दूसरे पद विराजमान व्यक्ति आपसे अनुरोध कर रहा है। कृप्या करके मुझे बताइए क्या किसान से वादा किया गया था और किया हुआ वादा क्यों नहीं निभाया गया।' जगदीप धनखड़ यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा,'किसानों से किया गया वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं। पिछले साल भी आंदोलन था और इस वर्ष भी आंदोलन है। काल चक्र घूम रहा है और हम कुछ कर नहीं रहे हैं।'
हमारी पॉलिसी मेकिंग सही ट्रैक पर नहीं है-धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, 'ये समय मेरे लिए कष्टदायक है क्योंकि मैं राष्ट्रधर्म से ओतप्रोत हूं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था, दुनिया में हमारी साख पहले कभी इतनी नहीं थी, भारत का पीएम आज विश्व के शीर्ष नेताओं में गिना जाता है, जब ऐसा कोहरा है तो मेरा किसान परेशान क्यों है? ये बहुत गहराई का मुद्दा है। इसको हल्के में लेने का मतलब है कि हम प्रैक्टिकल नहीं हैं। हमारी पॉलिसी मेकिंग सही ट्रैक पर नहीं है। कौन हैं वो लोग जो किसानों को कहते हैं कि उसके उत्पाद का उचित मूल्य दे देंगे? मुझे समझ नहीं आता कि कोई पहाड़ गिरेगा। किसान अकेला है, जो असहाय है। '
कांग्रेस ने जताई खुशी
इस मामले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने खुशी जताई है, उन्होंने कहा कि जिन मामलों पर उपराष्ट्रपति ने सवाल किए हैं, यही मामले हमारी पार्टी और राहुल गांधी पिछले 5 सालों से उठा रहे हैं।कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हम उपराष्ट्रपति का सम्मान करते हैं, उन्होंने आगे कहा कि वे राज्यसभा के संरक्षक और संविधान के रक्षक हैं। उन्होंने कृषि मंत्री से जो सवाल पूछा, कांग्रेस पार्टी भी पिछले 4-5 साल से वही सवाल प्रधानमंत्री से पूछ रही है। हम इसी बात पर चर्चा चाहते हैं, और हमने इसके लिए नोटिस भी दिया है, हमें खुशी है कि उपराष्ट्रपति ने ये सवाल पूछा है।
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