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जो बाइडेन प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के हड्डियों तक फैली बीमारी

#bidendiagnosedwithprostatecancer

अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर होने की पुष्टि हुई है, जो अब हड्डियों तक फैल चुका है। बाइडन की सेहत को लेकर उनके कार्यालय से एक बयान जारी किया है।82 वर्षीय बाइडेन को पिछले सप्ताह पेशाब से जुड़ी समस्याएं हुईं, जिसके बाद जांच में यह बीमारी सामने आई।

जो बइडन के प्रवक्ता केली स्कली ने रविवार को एक आधिकारिक बयान जारी किया। बयान में बताया गया कि बाइडेन ने पहले यूरिन इन्फेक्शन संबंधी शिकायत की, जिसके बाद डॉक्टरों ने जांच में कैंसर की पुष्टि की। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की सेहत को लेकर जारी बयान में कहा गया कि बाइडन की वर्तमान स्थिति हड्डी में मेटास्टेसिस का संकेत देती है।

ट्रंप ने की जल्द स्वस्थ होने की कामना

बाइडन को कैंसर का पता चलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि उन्हें और मेलानिया को इस बारे में सुनकर दुख हुआ। हम बाइडन के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं। बाइडन के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति रहीं कमला हैरिस ने एक्स पर लिखा कि वह और उनके पति डग एम्हॉफ बाइडन परिवार के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। हैरिस ने कहा कि बाइडन एक योद्धा हैं और मुझे उम्मीद है कि वह इस चुनौती का सामना पूरी ताकत के साथ करेंगे।

'कैंसर की स्टेज चिंताजनक'

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर और प्रोस्टेट कैंसर के डॉक्टर विलियम दाहुत ने बीबीसी से कहा है कि अगर कैंसर हड्डियों तक फैल गया है, तो हम इसे ठीक होने वाला कैंसर नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मरीज शुरुआती इलाज पर अच्छी प्रतिक्रिया देते हैं लेकिन ये बहुत आसान स्थिति नहीं है। हालांकि लोग इस बीमारी के साथ कई सालों तक जी सकते हैं।

2023 में बाइडन को हुआ था स्किन कैंसर

इससे पहले 2023 में बाइडेन को स्किन कैंसर हुआ था। व्हाइट हाउस के डॉक्टर ने बताया था कि उनकी छाती पर बेसल सेल कार्सिनोमा पाया गया था, जो एक सामान्य प्रकार का त्वचा कैंसर था। इस घाव को फरवरी में सर्जरी के दौरान हटा दिया गया था। 82 साल के जो बाइडन ने 2020 में डोनाल्ड ट्रंप को हराया था और पिछले साल फिर से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनकी उम्र और मानसिक स्थिति पर सवाल उठने की वजह से उन्होंने राष्ट्रपति पद की रेस से हटने का फैसला किया था।

वाशिंगटन डीसी विमान हादसे में सभी 67 लोगों की मौत, जानें राष्ट्रपति ट्रंप ने किसे ठहराया जिम्मेदार

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अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में बुधवार रात यात्री विमान और हेलिकॉप्टर में हुई टक्कर में सभी 67 लोगों की मौत हो गई हैं। प्लेन में 4 क्रू मेंबर समेत 64 और हेलिकॉप्टर में 3 लोग सवार थे। अधिकारियों ने सभी की मौत की पुष्टि की है। डीसी के रीगन नेशनल एयरपोर्ट के पास यात्री विमान और सेना के हेलीकॉप्टर की भयावह टक्कर के बाद दोनों पोटोमैक नदी में गिर गए थे। हादसे को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने हेलिकॉप्टर के पायलट की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। इसके साथ ही ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और जो बाइडन पर पर हवाई सुरक्षा मानकों को कम करने का आरोप लगाया है।

पिछले 25 साल के अमेरिकी इतिहास की ये सबसे घातक विमानन दुर्घटना है। हादसे के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, हवाई जहाज हवाई अड्डे के लिए एकदम सही जा रहा था। वो लंबे समय तक विमान की ओर सीधे जा रहा था। रात बिल्कुल साफ थी और विमान की लाइटें जल रही थीं। ऐसे में हेलीकॉप्टर मुड़ा क्यों नहीं। कंट्रोल टावर ने हेलीकॉप्टर को यह क्यों नहीं बताया कि उसे क्या करना है, बजाय इसके पूछा, क्या उन्हें विमान दिख रहा है। यह एक भयावाह स्थिति है जिसे रोका जाना चाहिए था, ये अच्छा नहीं है।

ट्रंप ने ओबामा-बाइडेन की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया

डोनाल्ड ट्रंप ने हादसे के लिए ओबामा और बाइडेन प्रशासन के दौरान लागू की गई डीईआई (विविधता, समानता और समावेश) की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। ट्रंप के मुताबिक इन नीतियों की वजह से एयर हवाई सुरक्षा से जुड़े मानकों से समझौता किया गया, जिसके चलते ये हादसा हुआ। व्हाइट हाउस में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ट्रंप ने दावा किया डीईआई प्रोग्राम की वजह से फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी। ट्रंप ने पूर्व ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी पीट बटिगिएग पर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के पदों पर दिव्यांग और मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों को भर्ती करने का आरोप लगाया है। ट्रंप अमेरिका में डीईआई प्रोग्राम पर पहले ही रोक लगा चुके हैं।

ट्रंप ने नहीं दिया सबूत

हालांकि, ट्रंप ने इस बात का कोई सबूत नहीं दिया कि कथित अयोग्य लोगों को हवाई यातायात नियंत्रण जैसी अहम जिम्मेदारियों वाले पदों पर रखा जा रहा था। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि रीगन नेशनल एयरपोर्ट के हवाई यातायात नियंत्रकों ने कोई गलती की हो।

कैसे हुआ हादसा

बता दें कि अमेरिकी एयरलाइंस अमेरिकी ईगल्स का एक विमान बुधवार की रात करीब नौ बजे वॉशिंगटन डीसी में पोटोमैक नदी के ऊपर एक सैन्य हेलीकॉप्टर से हवा में टकरा गया। हादसे के वक्त विमान में 64 लोग सवार थे। हादसे का वीडियो सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि विमान और हेलीकॉप्टर की हवा में सीधे टक्कर हुई और तेज धमाके के साथ दोनों नदी में गिर गए। एयरलाइंस का विमान कंसास से वॉशिंगटन आ रहा था। जब विमान लैंड करने वाला था, उसी दौरान विमान अमेरिकी सेना के ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर से टकरा गया। सेना का हेलीकॉप्टर उस वक्त परीक्षण उड़ान पर था और उसमें तीन सैनिक सवार थे। हादसा व्हाइट हाउस से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर हुआ।

मैं डोनाल्ड ट्रंप को हरा सकता था', राष्ट्रपति पद की रेस से हटने पर जो बाइडन ने पहली बार तोड़ी चुप्पी

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अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश में हुए राष्ट्रपति चुनावों के करीब 2 महीने बाद एक बड़ा बयान दिया है। बाइडेन ने कहा है कि वह नवंबर में हुए आम चुनावों में ट्रंप को हरा देते लेकिन उन्होंने डेमोक्रिटिक पार्टी की एकजुटता की खातिर चुनाव के बीच अपनी उम्मीदवारी को वापस लेने का फैसला किया। बता दें कि राष्ट्रपति चुनावों में बाइडेन की जगह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनाया गया था जिन्हें डोनाल्ड ट्रंप के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी।

जो बाइडन से यहां व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया, राष्ट्रपति महोदय, क्या आपको चुनाव न लड़ने के अपने फैसले पर खेद है? क्या आपको लगता है कि आपने अपने पूर्ववर्ती (ट्रंप) को अपना उत्तराधिकारी बनने का आसान मौका दिया? इसपर बाइडन ने कहा, मुझे ऐसा नहीं लगता। मुझे लगता है कि मैं ट्रंप को हरा देता, हरा सकता था। मुझे लगता है कि कमला हैरिस ट्रंप को हरा सकती थीं।

बाइडन ने कहा, पार्टी को एकजुट करना महत्वपूर्ण है और जब पार्टी इस बात को लेकर चिंतित थी कि मैं आगे बढ़ पाऊंगा या नहीं, तो मैंने सोचा कि पार्टी को एकजुट करना बेहतर होगा। हालांकि मुझे लगा था कि मैं फिर से जीत सकता हूं।

बता दें कि जून में अटलांटा में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हुई ‘डिबेट’ में 82 वर्षीय बाइडेन का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था। डिबेट के बाद बाइडेन की पार्टी के लोग ही उनकी उम्मीदवारी पर सवाल उठाने लगे थे और अंत में बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला कर लिया। बाइडेन के दौड़ से हटने के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया था। हालांकि उन्हें ट्रंप के हाथों हार का सामना करना पड़ा।

पीएम मोदी ने बाइडेन की पत्नी को दिया इतना महंगा गिफ्ट, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश

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राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके परिवार को 2023 में विदेशी नेताओं से हजारों डॉलर के गिफ्ट मिले। इसमें जो बाइडेन को सबसे महंगा गिफ्ट भारत की ओर से दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी और यूएस की प्रथम महिला जिल बाइडेन को 20 हजार अमेरिकी डॉलर (लगभग 17,15,440 रुपये) का उपहार भेंट किया था। पीएम मोदी ने बाइडन की पत्नी को 7.5 कैरेट का हीरा गिफ्ट किया था। 2023 में जो बाइडेन परिवार को दिया गया ये सबसे महंगा तोहफा है।

विदेश मंत्रालय की तरफ से प्रकाशित वार्षिक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई। विदेश मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी किए गए वार्षिक लेखा-जोखा के अनुसार, पीएम मोदी की ओर से दिया गया 7.5 कैरेट का हीरा 2023 में राष्ट्रपति के परिवार के किसी भी सदस्य को मिला सबसे महंगा उपहार है। मंत्रालय के दस्तावेज के अनुसार, पीएम मोदी द्वारा भेंट किया गया 20 हजार अमेरिकी डॉलर का हीरा ‘व्हाइट हाउस’ के ईस्ट विंग में रखा गया है जबकि राष्ट्रपति तथा प्रथम महिला को मिले अन्य उपहार अभिलेखागार में भेज दिए गए हैं।

राष्ट्रपति के परिवार को मिले अन्य गिफ्ट

पीएम मोदी के अलावा बाइडेन और उनके परिवार को यूक्रेन के राजदूत से 14,063 अमेरिकी डॉलर का एक ‘ब्रोच’, मिस्र के राष्ट्रपति तथा प्रथम महिला से 4,510 अमेरिकी डॉलर का एक ‘ब्रेसलेट’, ब्रोच और फोटो एल्बम भी मिली।

राष्ट्रपति बाइडन को भी मिले कई महंगे गिफ्ट

अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन को स्वयं कई महंगे उपहार मिले। इनमें दक्षिण कोरिया के वर्तमान में महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक येओल से 7,100 अमेरिकी डॉलर का एक फोटो एल्बम, मंगोलियाई प्रधानमंत्री से 3,495 अमेरिकी डॉलर की मंगोल योद्धाओं की मूर्ति, ब्रुनेई के सुल्तान से 3,300 अमेरिकी डॉलर का चांदी का कटोरा, इज़राइल के राष्ट्रपति से 3,160 अमेरिकी डॉलर की चांदी की ट्रे और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से 2,400 अमेरिकी डॉलर का कोलाज शामिल हैं।

डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले जयशंकर पहुंचे अमेरिका, क्या ट्रंप से होगी मुलाकात?

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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपत‍ि डोनाल्‍ड ट्रंप 20 जनवरी को पदभार संभालेंगे। ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर मंगलवार से अमेरिका की छह दिवसीय यात्रा पर हैं। डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद भारत की ओर से अमेरिका की यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा होगी। ऐसे में विदेश मंत्री एस जयशंकर बाइडन प्रशासन के सदस्यों के साथ-साथ ट्रंप 2.0 के प्रमुख सदस्यों से मिलने के लिए अमेरिका के दौरे पर हैं। इस दौरान वह आने वाले प्रशासन की प्राथमिकताओं और अगले चार वर्षों के लिए भारत की अपेक्षाओं पर चर्चा की जा सके।

विदेश मंत्रालय ने उनके दौरे का पूरा कार्यक्रम तो शेयर नहीं क‍िया है, लेकिन सूत्रों के मुता‍बिक, जयशंकर ट्रंप की टीम को भारत की जरूरतें समझाने की कोश‍िश करेंगे। सबसे बड़ा मुद्दा टैर‍िफ को लेकर है। डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते टैर‍िफ को लेकर भारत के प्रति अध‍िक सख्त रुख अपनाने के संकेत द‍िए थे। ट्रंप ने कहा था क‍ि अगर वे हम पर कर लगाते हैं, तो हम भी उन पर उतना ही कर लगाएंगे। उन्‍होंने कहा, ‘म्‍यूचुअल’ शब्द काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि अगर भारत हमसे 100 प्रतिशत टैक्‍स लेता है, तो क्या हम उससे इसके लिए कुछ भी नहीं लेंगे? आप जानते हैं, वे साइकिल भेजते हैं, और हम उन्हें साइकिल भेजते हैं। वे हमसे 100 और 200 फीसदी टैर‍िफ लेते हैं। भारत बहुत ज़्यादा टैक्‍स लेता है। ब्राजील बहुत ज्‍यादा टैक्‍स लेता है। अगर वे हमसे टैक्‍स लेना चाहते हैं, तो ठीक है, लेकिन हम उनसे वही टैक्‍स वसूलेंगे।

विदेश मंत्री जयशंकर प्रमुख द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अपने अमेरिकी समकक्षों से मुलाकात करेंगे। जयशंकर के एजेंडा में क्वाड समिट शामिल है। भारत 2025 में इसकी मेजबानी करने वाला है। आईसीईटी, दक्षिण एशिया की स्थिति, खालिस्तानी उग्रवाद और रक्षा साझेदारी इसमें प्रमुख मुद्दा रहेगा। ट्रंप टीम के साथ चर्चा, व्यापार और टैरिफ पर राष्ट्रपति के फोकस के अलावा, इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में प्रौद्योगिकी, भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर साझेदारी के इर्द-गिर्द केंद्रित रहने की संभावना है। विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि एस जयशंकर अमेरिका में स्थित भारत के महावाणिज्य दूत के एक सम्मेलन की भी अध्यक्षता करेंगे।

इसी साल जून में मोदी सरकार के सत्‍ता में आने के बाद जयशंकर की यह दूसरी अमेर‍िकी यात्रा है. जयशंकर ने पिछली बार अमेरिका का दौरा तब किया था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति जो बा‍इडेन, ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानी और पूर्व जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ क्वाड लीडर्स समिट में भाग लेने के लिए अमेर‍िका गए थे. तब बा‍इडेन ने डेलावेयर के विलमिंगटन में अपने निजी आवास पर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया था

కుమారుడికి బైడెన్‌ క్షమాభిక్ష

మరికొన్ని రోజుల్లో పదవి నుంచి దిగిపోతున్న అమెరికా అధ్యక్షుడు జో బైడెన్‌ (Joe Biden) సంచలన నిర్ణయం తీసుకున్నారు. తన కుమారుడు హంటర్‌ బైడెన్‌కు భారీ ఊరట కల్పించారు.

మరికొన్ని రోజుల్లో పదవి నుంచి దిగిపోతున్న అమెరికా అధ్యక్షుడు జో బైడెన్‌ (Joe Biden) సంచలన నిర్ణయం తీసుకున్నారు. తన కుమారుడు హంటర్‌ బైడెన్‌కు భారీ ఊరట కల్పించారు. రెండు క్రిమినల్‌ కేసుల్లో (Criminal Cases) హంటర్‌కు బైడెన్‌ (Hunter Biden) క్షమాభిక్ష ప్రసాదించారు. తండ్రిగా, అధ్యక్షుడిగా ఈ నిర్ణయం ఎందుకు తీసుకోవాల్సి వచ్చిందో ప్రజలు అర్థం చేసుకుంటారని భావిస్తున్నట్టు ఈ సందర్భంగా బైడెన్‌ పేర్కొన్నారు.

అక్రమంగా తుపాకీ కొనుగోలు, ఆదాయపు పన్ను విషయంలో తప్పుడు సమాచారం ఇచ్చారని డెలావెర్‌, కాలిఫోర్నియాలో హంటర్‌పై కేసులు నమోదైన విషయం తెలిసిందే. ఆయుధం కొనుగోలు వ్యవహారంలో నమోదైన కేసులో హంటర్‌ను న్యాయస్థానం దోషిగా తేల్చింది.

అయితే, ఇప్పటి వరకూ శిక్ష మాత్రం ఖరారు చేయలేదు. దీనిపై అప్పట్లో బైడెన్‌ స్పందిస్తూ.. హంటర్‌ దోషిగా తేలిన సమయంలో క్షమాభిక్షకు యత్నించబోనని స్పష్టంగా పేర్కొన్నారు. ఇప్పుడు మాత్రం అధ్యక్ష పీఠం నుంచి దిగిపోయే సమయంలో కుమారుడికి క్షమాభిక్ష ప్రసాదించే అవకాశాన్ని వినియోగించుకున్నారు. బైడెన్‌ నిర్ణయం ప్రస్తుతం సర్వత్రా చర్చనీయాంశంగా మారింది.

ఈ ఏడాది నవంబర్‌లో జరిగిన అమెరికా అధ్యక్ష ఎన్నికల్లో రిపబ్లికన్‌ పార్టీ అభ్యర్థి, మాజీ అధ్యక్షుడు డొనాల్డ్‌ ట్రంప్‌ ఘన విజయం సాధించిన విషయం తెలిసిందే. వచ్చే ఏడాది జనవరి 20న రెండోసారి అధ్యక్షుడిగా ప్రమాణ స్వీకారం చేయనున్నారు.

व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले बाइडन का बड़ा ऐलान, बेटे हंटर को दिया क्षमादान, क्या ट्रंप बदल सकेंगे ये फैसला

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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल के अब चंद दिन बचे हुए हैं। इससे पहले जो बाइडन ने बड़ा फैसला लिया है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने बेटे पर अवैध तरीके से बंदूक रखने और इनकम टैक्स की चोरी के मामले में उसे माफी दे दी है। राष्ट्रपति बाइडन ने 1 दिसंबर को स्टेटमेंट जारी कर इसके बारे में जानकारी दी है।राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, आज मैंने अपने बेटे हंटर के लिए क्षमादान पर हस्ताक्षर किया। बता दे कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे जोसेफ हंटर बाइडन पर टैक्स चोरी से लेकर गैरकानूनी ढंग से हथियार रखने, सरकारी पैसे का गलत इस्तेमाल करने और झूठी गवाही देने के आरोप लगे हैं। डेलावेयर की कोर्ट में हंटर ने टैक्स चोरी और गैरकानूनी ढंग से हथियार रखने की बाद स्वीकार कर ली थी। जिसके बाद हाल ही में उन्हें बंदूक अपराध और टैक्स से जुड़े मामले में दोषी करार दिया गया था।

अपने बयान में राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, “आज, मैंने अपने बेटे हंटर के लिए एक माफी पर हस्ताक्षर किया है। जब से मैंने अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभाला है, मैंने कहा था कि मैं न्याय विभाग की ओर से लिए गए फैसलों में दखल नहीं दूंगा और मैंने अपने इस वादे का निभाया भी है। लेकिन मैंने देखा कि मेरे बेटे को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है और उस पर मुकदमें चलाए जा रहे हैं। उस पर लगाए आरोप राजनीति से प्रेरित थे, ताकि उससे मुझ पर हमला किया जा सके और मेरी चुनावी प्रक्रिया का विरोध किया जा सके।”

बाइडन ने आगे कहा, “मैंने अपने पूरे करियर में एक साधारण सिद्धांत को फॉलो किया है कि अमेरिकी लोगों को केवल सच बताओ। यह सच है कि मुझे न्याय प्रणाली पर पूरा विश्वास है, लेकिन जब मैंने इसके साथ संघर्ष किया तो मुझे लगा कि राजनीति ने इस प्रक्रिया को भी संक्रमित कर दिया है। मुझे उम्मीद है कि अमेरिकी लोग यह समझेंगे कि एक पिता और एक राष्ट्रपति ने ऐसा फैसला क्यों लिया।”

बाइडन के लिए हुए इस फैसले को उनके पूर्व में किए गए वादे पर उनका यूटर्न कहा जा रहा है। राष्ट्रपति बाइडन अपने उस वादे से मुकर गए हैं, जिसमें उन्होंने बार-बार कहा था कि वह अपने बेटे को माफ या उसकी सजा कम करने के लिए अपने कार्यकारी अधिकार का इस्तेमाल नहीं करेंगे। ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद भी राष्ट्रपति और व्हाइट हाउस के शीर्ष प्रवक्ता ने सजा माफ न करने की बात दोहराई थी। क्षमा का मतलब है कि हंटर को उनके अपराधों की सजा नहीं मिलेगी। यह उन्हें जेल भेजने की संभावना को खत्म करता है।

*जी-20 नेताओं की ग्रुप फोटोः बगल में खड़े थे ट्रूडो, बाइडेन ने मोदी को दी ज्यादा तरजीह*
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भारत और कनाडा के बीच दुश्मनी की तलवार खींच गई है। जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तान प्रेम की वजह से दोनों देशों के रिश्तों निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं। इसका असर ब्राजील में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में भी दिखा। जब कनाडा के पीएम ट्रूडो को भारत ने पूरी तरह से अनदेखा कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिखर सम्मेलन से अलग दुनिया भर के नेताओं से द्विपक्षीय मीटिंग की। पीएम मोदी ने इससे जुड़ी तस्वीरें शेयर की। लेकिन उनकी जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की कोई भी फोटो सामने नहीं आई। जी-20 से जुड़ा एक वीडियो अब वायरल हो रहा है, जिसमें पीएम मोदी जस्टिन ट्रूडो को इग्नोर करते दिख रहे हैं। दरअसल वीडियो तब का है जब जी-20 के सभी मेहमान फोटो खिंचवाने के लिए खड़े हुए थे। ट्रूडो और पीएम मोदी के बीच में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन मौजूद थे। इस दौरान पीएम मोदी के कंधे पर उनका हाथ रखा हुआ था और वह ट्रूडो से कुछ कह रहे थे। पीएम मोदी इस दौरान ट्रूडो को देख रहे थे। वीडियो में दिख रहा है कि बाइडन ने कुछ कहा जिस पर पीएम मोदी हंसने लगे। लेकिन उन्होंने बातचीत को आगे नहीं बढ़ाया। बाद में वह दूसरी तरफ देखने लगे तस्वीर में देखा जा रहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के दायीं तरफ कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो खड़े हैं। वहीं बायीं तरफ पीएम मोदी हैं और उनके साथ ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा भी मौजूद हैं। इस दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन और लूला डी सिल्वा पीएम मोदी का हाथ अपने हाथों में लेकर भारत के साथ अपने मजबूत संबंधों को दर्शाते नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो अपने दोस्त मुल्क अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन के बगल खड़े होकर भी अलग-थलग पड़े दिख रहे हैं। जबकि बाइडेन इस दौरान पीएम मोदी को ट्रूडो से ज्यादा तरजीह देते दिख रहे हैं। इससे ट्रूडो की हंसी में भी निराशा झलकती दिख रही है। दरअसल, जी20 समिट से जो तस्वीर सामने आई है, वह भारत के ग्लोबल दमखम को दिखाती है। जी20 समिट के फोटो में सेंटर में जो बाइडन के साथ पीएम मोदी दिख रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन जिस तरह से पीएम मोदी को इज्जत देते हैं और भारत की अहमियत को समझते हैं, उससे जस्टिन ट्रूडो भी वाकिफ हैं। यही वजह है कि जस्टिन ट्रूडो का पीएम मोदी के सामने जी20 के मंच पर नरम और अलग तेवर दिखा। जी20 के फैमिली फोटो में एक चीज और गौर करने वाली है। इस तस्वीर में पीएम मोदी जो बाइडन के करीब सेंटर में दिख रहे हैं। बता दें कि ब्राजील के रियो डी जेनेरियो पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन में दुनिया भर के नेताओं, पश्चिम और वैश्विक दक्षिण से मुलाकात की है। जी20 शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी ने सोमवार को औपचारिक बैठकें और अनौपचारिक बैठकें भी कीं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की। दोनों राष्ट्राध्यक्षों और विदेश मंत्री जयशंकर की मौजूदगी वाले प्रतिनिधिमंडल ने भारत और इटली से जुड़े अहम द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर संक्षिप्त मुलाकात की। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यहां ब्राजील, चिली और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति से मुलाकात की तथा रक्षा, ऊर्जा, जैव ईंधन एवं कृषि जैसे विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की। नाइजीरिया की दो दिवसीय यात्रा के बाद, रविवार को ब्राजील के रियो डी जेनेरियो शहर पहुंचे मोदी ने यहां जी20 शिखर सम्मेलन से इतर राष्ट्रपति लुइज इनासियो लुला डा सिल्वा से मुलाकात की और जी20 की अध्यक्षता के दौरान ब्राजील की ओर से किये गए विभिन्न प्रयासों के लिए उनकी सराहना की।
*जी 20 समिट में मोदी-बाइडेन के बीच मुलाकात, हाथों में हाथ डाले दिखे दोनों नेता, कुछ ऐसी रही मुलाकात
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* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरियो में हैं। सोमवार को 19वीं जी20 समिट की शुरुआत हो गई है। जी20 समिट दो दिन 18 और 19 नवंबर को होगी। पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दुनिया के बाकी वर्ल्ड लीडर्स वेन्यू पर पहुंचे, जहां ब्राजीली राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा और उनकी पत्नी ने मेहमानों का स्वागत किया। समिट के दौरान पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक-दूसरे से मुलाकात की।यह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद उनकी पहली मुलाकात थी। मोदी ने मुलाकात की एक तस्वीर के साथ सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “रियो डी जेनेरियो में जी 20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ। उनसे मिलकर हमेशा खुशी होती है।” फोटो में मोदी और बाइडेन एक-दूसरे का हाथ थाम कर चर्चा करते नजर आ रहे हैं। हालांकि, यह अभी तक पता नहीं चल पाया है कि मोदी और बाइडेन के बीच क्या बातचीत हुई। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और बाइडेन के बीच द्विपक्षीय बैठक को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है। अगर जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच कोई पूर्व-निर्धारित वार्ता नहीं होती है, तो यह संक्षिप्त मुलाकात अगले साल बाइडेन द्वारा रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी राष्ट्रपति पद सौंपने से पहले उनकी अंतिम आमने-सामने की मुलाकात हो सकती है। अमेरिका में हाल में खत्म हुए राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत हुई है। वैसे बाइडन चुनावी रेस से बीच में बाहर हो गए थे, लेकिन मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस चुनावी मैदान में थीं और उन्हें ट्रंप ने हरा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राज़ील में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के अलावा फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी और ब्रिटेन के पीएम केर स्टार्मर से भी मुलाकात की। तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की हैं।
‘तीसरा विश्व युद्ध होगा शुरू': ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने से पहले ‘आक्रामक’ नीतियों को आगे बढ़ाने का आरोप

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Donald Trump and Joe Biden

डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर ने बिडेन प्रशासन पर आरोप लगाया है कि वह जनवरी में अपने पिता के व्हाइट हाउस में लौटने से पहले तनाव को बढ़ावा दे रहा है, जो “तीसरा विश्व युद्ध” का कारण बन सकता है। यह दावा राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा यूक्रेनी सेना को रूसी क्षेत्र को निशाना बनाने के लिए अमेरिकी आपूर्ति की गई लंबी दूरी की मिसाइलों का उपयोग करने के लिए अधिकृत करने के बाद किया गया है, एक ऐसा कदम जो अमेरिका और रूस के बीच तनाव को बढ़ा सकता है - ट्रम्प का दावा है कि तनाव को आसानी से संभाला जा सकता है।

रिपोर्ट बताती हैं कि उत्तर कोरिया ने कुर्स्क क्षेत्र में 15,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है, जबकि कीव कथित तौर पर रूस के भीतर महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर हमला करने के लिए उन्नत मिसाइलों का उपयोग करने की तैयारी कर रहा है।

ट्रम्प जूनियर ने बिडेन की नीतियों और सैन्य-औद्योगिक परिसर की आलोचना की

"सैन्य औद्योगिक परिसर यह सुनिश्चित करना चाहता है कि मेरे पिता को शांति स्थापित करने और लोगों की जान बचाने का मौका मिलने से पहले ही वे तीसरा विश्व युद्ध शुरू कर दें," ट्रम्प जूनियर, 46, ने 18 नवंबर को ट्वीट किया, कुछ ही समय पहले रिपोर्टों ने पुष्टि की थी कि यूक्रेनी सेना को रूस को निशाना बनाने के लिए पूर्वोत्तर सीमा पर सेना की सामरिक मिसाइल प्रणालियों का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी। यह यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के महीनों के अनुरोधों के बाद हुआ है, जबकि ट्रम्प ने बिडेन के उत्तराधिकारी बनने के बाद युद्ध को समाप्त करने की कसम खाई थी। जैसा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने अभियान के दौरान कहा है, वह एकमात्र व्यक्ति हैं जो शांति वार्ता के लिए दोनों पक्षों को एक साथ ला सकते हैं, और युद्ध को समाप्त करने और हत्या को रोकने की दिशा में काम कर सकते हैं," ट्रम्प के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने पहले NY पोस्ट को बताया था।

तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत?

जवाब में, रूस के फेडरेशन काउंसिल के एक वरिष्ठ सदस्य आंद्रेई क्लिशास ने टेलीग्राम के माध्यम से चेतावनी दी कि पश्चिम की ओर से की गई कार्रवाई "सुबह तक" यूक्रेनी राज्य के पूर्ण पतन का कारण बन सकती है, रॉयटर्स के अनुसार।

रूस के ऊपरी सदन अंतर्राष्ट्रीय मामलों की समिति के प्रथम उप प्रमुख व्लादिमीर दज़बारोव ने चेतावनी दी कि मॉस्को की प्रतिक्रिया तेज़ होगी, उन्होंने इस कार्रवाई को "तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत की ओर एक बहुत बड़ा कदम" बताया। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सितंबर में पहले कहा था कि यूक्रेन को पश्चिम से मिसाइलों के साथ रूसी भूमि पर हमला करने देने से पश्चिम और रूस के बीच सीधी लड़ाई होगी, जिससे पूरे संघर्ष की प्रकृति बदल जाएगी।

बाइडेन के इस फैसले ने ऑनलाइन भी भारी प्रतिक्रिया को जन्म दिया है, जिसमें कई लोगों ने इस कृत्य को "मूर्खतापूर्ण" करार दिया है। "बाइडेन तीसरा विश्व युद्ध शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। यह रोगात्मक और पूरी तरह से पागलपन है। अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल रूस के अंदरूनी हिस्सों में गोलीबारी करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए! कल्पना कीजिए कि अगर रूस ने अमेरिका में मिसाइलें दागने के लिए आपूर्ति की होती!" MAGA समर्थक चार्ली किर्क ने कहा। "अमेरिकी लोगों ने शांति लाने के लिए ट्रम्प को भारी मतों से वोट दिया, और अब बिडेन हमें तीसरे विश्व युद्ध की ओर ले जा रहे हैं," एक अन्य नेटिजन ने टिप्पणी की।

जो बाइडेन प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के हड्डियों तक फैली बीमारी

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अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर होने की पुष्टि हुई है, जो अब हड्डियों तक फैल चुका है। बाइडन की सेहत को लेकर उनके कार्यालय से एक बयान जारी किया है।82 वर्षीय बाइडेन को पिछले सप्ताह पेशाब से जुड़ी समस्याएं हुईं, जिसके बाद जांच में यह बीमारी सामने आई।

जो बइडन के प्रवक्ता केली स्कली ने रविवार को एक आधिकारिक बयान जारी किया। बयान में बताया गया कि बाइडेन ने पहले यूरिन इन्फेक्शन संबंधी शिकायत की, जिसके बाद डॉक्टरों ने जांच में कैंसर की पुष्टि की। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की सेहत को लेकर जारी बयान में कहा गया कि बाइडन की वर्तमान स्थिति हड्डी में मेटास्टेसिस का संकेत देती है।

ट्रंप ने की जल्द स्वस्थ होने की कामना

बाइडन को कैंसर का पता चलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि उन्हें और मेलानिया को इस बारे में सुनकर दुख हुआ। हम बाइडन के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं। बाइडन के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति रहीं कमला हैरिस ने एक्स पर लिखा कि वह और उनके पति डग एम्हॉफ बाइडन परिवार के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। हैरिस ने कहा कि बाइडन एक योद्धा हैं और मुझे उम्मीद है कि वह इस चुनौती का सामना पूरी ताकत के साथ करेंगे।

'कैंसर की स्टेज चिंताजनक'

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर और प्रोस्टेट कैंसर के डॉक्टर विलियम दाहुत ने बीबीसी से कहा है कि अगर कैंसर हड्डियों तक फैल गया है, तो हम इसे ठीक होने वाला कैंसर नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मरीज शुरुआती इलाज पर अच्छी प्रतिक्रिया देते हैं लेकिन ये बहुत आसान स्थिति नहीं है। हालांकि लोग इस बीमारी के साथ कई सालों तक जी सकते हैं।

2023 में बाइडन को हुआ था स्किन कैंसर

इससे पहले 2023 में बाइडेन को स्किन कैंसर हुआ था। व्हाइट हाउस के डॉक्टर ने बताया था कि उनकी छाती पर बेसल सेल कार्सिनोमा पाया गया था, जो एक सामान्य प्रकार का त्वचा कैंसर था। इस घाव को फरवरी में सर्जरी के दौरान हटा दिया गया था। 82 साल के जो बाइडन ने 2020 में डोनाल्ड ट्रंप को हराया था और पिछले साल फिर से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनकी उम्र और मानसिक स्थिति पर सवाल उठने की वजह से उन्होंने राष्ट्रपति पद की रेस से हटने का फैसला किया था।

वाशिंगटन डीसी विमान हादसे में सभी 67 लोगों की मौत, जानें राष्ट्रपति ट्रंप ने किसे ठहराया जिम्मेदार

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अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में बुधवार रात यात्री विमान और हेलिकॉप्टर में हुई टक्कर में सभी 67 लोगों की मौत हो गई हैं। प्लेन में 4 क्रू मेंबर समेत 64 और हेलिकॉप्टर में 3 लोग सवार थे। अधिकारियों ने सभी की मौत की पुष्टि की है। डीसी के रीगन नेशनल एयरपोर्ट के पास यात्री विमान और सेना के हेलीकॉप्टर की भयावह टक्कर के बाद दोनों पोटोमैक नदी में गिर गए थे। हादसे को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने हेलिकॉप्टर के पायलट की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। इसके साथ ही ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और जो बाइडन पर पर हवाई सुरक्षा मानकों को कम करने का आरोप लगाया है।

पिछले 25 साल के अमेरिकी इतिहास की ये सबसे घातक विमानन दुर्घटना है। हादसे के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, हवाई जहाज हवाई अड्डे के लिए एकदम सही जा रहा था। वो लंबे समय तक विमान की ओर सीधे जा रहा था। रात बिल्कुल साफ थी और विमान की लाइटें जल रही थीं। ऐसे में हेलीकॉप्टर मुड़ा क्यों नहीं। कंट्रोल टावर ने हेलीकॉप्टर को यह क्यों नहीं बताया कि उसे क्या करना है, बजाय इसके पूछा, क्या उन्हें विमान दिख रहा है। यह एक भयावाह स्थिति है जिसे रोका जाना चाहिए था, ये अच्छा नहीं है।

ट्रंप ने ओबामा-बाइडेन की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया

डोनाल्ड ट्रंप ने हादसे के लिए ओबामा और बाइडेन प्रशासन के दौरान लागू की गई डीईआई (विविधता, समानता और समावेश) की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। ट्रंप के मुताबिक इन नीतियों की वजह से एयर हवाई सुरक्षा से जुड़े मानकों से समझौता किया गया, जिसके चलते ये हादसा हुआ। व्हाइट हाउस में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ट्रंप ने दावा किया डीईआई प्रोग्राम की वजह से फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी। ट्रंप ने पूर्व ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी पीट बटिगिएग पर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के पदों पर दिव्यांग और मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों को भर्ती करने का आरोप लगाया है। ट्रंप अमेरिका में डीईआई प्रोग्राम पर पहले ही रोक लगा चुके हैं।

ट्रंप ने नहीं दिया सबूत

हालांकि, ट्रंप ने इस बात का कोई सबूत नहीं दिया कि कथित अयोग्य लोगों को हवाई यातायात नियंत्रण जैसी अहम जिम्मेदारियों वाले पदों पर रखा जा रहा था। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि रीगन नेशनल एयरपोर्ट के हवाई यातायात नियंत्रकों ने कोई गलती की हो।

कैसे हुआ हादसा

बता दें कि अमेरिकी एयरलाइंस अमेरिकी ईगल्स का एक विमान बुधवार की रात करीब नौ बजे वॉशिंगटन डीसी में पोटोमैक नदी के ऊपर एक सैन्य हेलीकॉप्टर से हवा में टकरा गया। हादसे के वक्त विमान में 64 लोग सवार थे। हादसे का वीडियो सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि विमान और हेलीकॉप्टर की हवा में सीधे टक्कर हुई और तेज धमाके के साथ दोनों नदी में गिर गए। एयरलाइंस का विमान कंसास से वॉशिंगटन आ रहा था। जब विमान लैंड करने वाला था, उसी दौरान विमान अमेरिकी सेना के ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर से टकरा गया। सेना का हेलीकॉप्टर उस वक्त परीक्षण उड़ान पर था और उसमें तीन सैनिक सवार थे। हादसा व्हाइट हाउस से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर हुआ।

मैं डोनाल्ड ट्रंप को हरा सकता था', राष्ट्रपति पद की रेस से हटने पर जो बाइडन ने पहली बार तोड़ी चुप्पी

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अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश में हुए राष्ट्रपति चुनावों के करीब 2 महीने बाद एक बड़ा बयान दिया है। बाइडेन ने कहा है कि वह नवंबर में हुए आम चुनावों में ट्रंप को हरा देते लेकिन उन्होंने डेमोक्रिटिक पार्टी की एकजुटता की खातिर चुनाव के बीच अपनी उम्मीदवारी को वापस लेने का फैसला किया। बता दें कि राष्ट्रपति चुनावों में बाइडेन की जगह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनाया गया था जिन्हें डोनाल्ड ट्रंप के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी।

जो बाइडन से यहां व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया, राष्ट्रपति महोदय, क्या आपको चुनाव न लड़ने के अपने फैसले पर खेद है? क्या आपको लगता है कि आपने अपने पूर्ववर्ती (ट्रंप) को अपना उत्तराधिकारी बनने का आसान मौका दिया? इसपर बाइडन ने कहा, मुझे ऐसा नहीं लगता। मुझे लगता है कि मैं ट्रंप को हरा देता, हरा सकता था। मुझे लगता है कि कमला हैरिस ट्रंप को हरा सकती थीं।

बाइडन ने कहा, पार्टी को एकजुट करना महत्वपूर्ण है और जब पार्टी इस बात को लेकर चिंतित थी कि मैं आगे बढ़ पाऊंगा या नहीं, तो मैंने सोचा कि पार्टी को एकजुट करना बेहतर होगा। हालांकि मुझे लगा था कि मैं फिर से जीत सकता हूं।

बता दें कि जून में अटलांटा में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हुई ‘डिबेट’ में 82 वर्षीय बाइडेन का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था। डिबेट के बाद बाइडेन की पार्टी के लोग ही उनकी उम्मीदवारी पर सवाल उठाने लगे थे और अंत में बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला कर लिया। बाइडेन के दौड़ से हटने के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया था। हालांकि उन्हें ट्रंप के हाथों हार का सामना करना पड़ा।

पीएम मोदी ने बाइडेन की पत्नी को दिया इतना महंगा गिफ्ट, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश

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राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके परिवार को 2023 में विदेशी नेताओं से हजारों डॉलर के गिफ्ट मिले। इसमें जो बाइडेन को सबसे महंगा गिफ्ट भारत की ओर से दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी और यूएस की प्रथम महिला जिल बाइडेन को 20 हजार अमेरिकी डॉलर (लगभग 17,15,440 रुपये) का उपहार भेंट किया था। पीएम मोदी ने बाइडन की पत्नी को 7.5 कैरेट का हीरा गिफ्ट किया था। 2023 में जो बाइडेन परिवार को दिया गया ये सबसे महंगा तोहफा है।

विदेश मंत्रालय की तरफ से प्रकाशित वार्षिक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई। विदेश मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी किए गए वार्षिक लेखा-जोखा के अनुसार, पीएम मोदी की ओर से दिया गया 7.5 कैरेट का हीरा 2023 में राष्ट्रपति के परिवार के किसी भी सदस्य को मिला सबसे महंगा उपहार है। मंत्रालय के दस्तावेज के अनुसार, पीएम मोदी द्वारा भेंट किया गया 20 हजार अमेरिकी डॉलर का हीरा ‘व्हाइट हाउस’ के ईस्ट विंग में रखा गया है जबकि राष्ट्रपति तथा प्रथम महिला को मिले अन्य उपहार अभिलेखागार में भेज दिए गए हैं।

राष्ट्रपति के परिवार को मिले अन्य गिफ्ट

पीएम मोदी के अलावा बाइडेन और उनके परिवार को यूक्रेन के राजदूत से 14,063 अमेरिकी डॉलर का एक ‘ब्रोच’, मिस्र के राष्ट्रपति तथा प्रथम महिला से 4,510 अमेरिकी डॉलर का एक ‘ब्रेसलेट’, ब्रोच और फोटो एल्बम भी मिली।

राष्ट्रपति बाइडन को भी मिले कई महंगे गिफ्ट

अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन को स्वयं कई महंगे उपहार मिले। इनमें दक्षिण कोरिया के वर्तमान में महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक येओल से 7,100 अमेरिकी डॉलर का एक फोटो एल्बम, मंगोलियाई प्रधानमंत्री से 3,495 अमेरिकी डॉलर की मंगोल योद्धाओं की मूर्ति, ब्रुनेई के सुल्तान से 3,300 अमेरिकी डॉलर का चांदी का कटोरा, इज़राइल के राष्ट्रपति से 3,160 अमेरिकी डॉलर की चांदी की ट्रे और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से 2,400 अमेरिकी डॉलर का कोलाज शामिल हैं।

डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले जयशंकर पहुंचे अमेरिका, क्या ट्रंप से होगी मुलाकात?

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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपत‍ि डोनाल्‍ड ट्रंप 20 जनवरी को पदभार संभालेंगे। ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर मंगलवार से अमेरिका की छह दिवसीय यात्रा पर हैं। डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद भारत की ओर से अमेरिका की यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा होगी। ऐसे में विदेश मंत्री एस जयशंकर बाइडन प्रशासन के सदस्यों के साथ-साथ ट्रंप 2.0 के प्रमुख सदस्यों से मिलने के लिए अमेरिका के दौरे पर हैं। इस दौरान वह आने वाले प्रशासन की प्राथमिकताओं और अगले चार वर्षों के लिए भारत की अपेक्षाओं पर चर्चा की जा सके।

विदेश मंत्रालय ने उनके दौरे का पूरा कार्यक्रम तो शेयर नहीं क‍िया है, लेकिन सूत्रों के मुता‍बिक, जयशंकर ट्रंप की टीम को भारत की जरूरतें समझाने की कोश‍िश करेंगे। सबसे बड़ा मुद्दा टैर‍िफ को लेकर है। डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते टैर‍िफ को लेकर भारत के प्रति अध‍िक सख्त रुख अपनाने के संकेत द‍िए थे। ट्रंप ने कहा था क‍ि अगर वे हम पर कर लगाते हैं, तो हम भी उन पर उतना ही कर लगाएंगे। उन्‍होंने कहा, ‘म्‍यूचुअल’ शब्द काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि अगर भारत हमसे 100 प्रतिशत टैक्‍स लेता है, तो क्या हम उससे इसके लिए कुछ भी नहीं लेंगे? आप जानते हैं, वे साइकिल भेजते हैं, और हम उन्हें साइकिल भेजते हैं। वे हमसे 100 और 200 फीसदी टैर‍िफ लेते हैं। भारत बहुत ज़्यादा टैक्‍स लेता है। ब्राजील बहुत ज्‍यादा टैक्‍स लेता है। अगर वे हमसे टैक्‍स लेना चाहते हैं, तो ठीक है, लेकिन हम उनसे वही टैक्‍स वसूलेंगे।

विदेश मंत्री जयशंकर प्रमुख द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अपने अमेरिकी समकक्षों से मुलाकात करेंगे। जयशंकर के एजेंडा में क्वाड समिट शामिल है। भारत 2025 में इसकी मेजबानी करने वाला है। आईसीईटी, दक्षिण एशिया की स्थिति, खालिस्तानी उग्रवाद और रक्षा साझेदारी इसमें प्रमुख मुद्दा रहेगा। ट्रंप टीम के साथ चर्चा, व्यापार और टैरिफ पर राष्ट्रपति के फोकस के अलावा, इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में प्रौद्योगिकी, भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर साझेदारी के इर्द-गिर्द केंद्रित रहने की संभावना है। विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि एस जयशंकर अमेरिका में स्थित भारत के महावाणिज्य दूत के एक सम्मेलन की भी अध्यक्षता करेंगे।

इसी साल जून में मोदी सरकार के सत्‍ता में आने के बाद जयशंकर की यह दूसरी अमेर‍िकी यात्रा है. जयशंकर ने पिछली बार अमेरिका का दौरा तब किया था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति जो बा‍इडेन, ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानी और पूर्व जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ क्वाड लीडर्स समिट में भाग लेने के लिए अमेर‍िका गए थे. तब बा‍इडेन ने डेलावेयर के विलमिंगटन में अपने निजी आवास पर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया था

కుమారుడికి బైడెన్‌ క్షమాభిక్ష

మరికొన్ని రోజుల్లో పదవి నుంచి దిగిపోతున్న అమెరికా అధ్యక్షుడు జో బైడెన్‌ (Joe Biden) సంచలన నిర్ణయం తీసుకున్నారు. తన కుమారుడు హంటర్‌ బైడెన్‌కు భారీ ఊరట కల్పించారు.

మరికొన్ని రోజుల్లో పదవి నుంచి దిగిపోతున్న అమెరికా అధ్యక్షుడు జో బైడెన్‌ (Joe Biden) సంచలన నిర్ణయం తీసుకున్నారు. తన కుమారుడు హంటర్‌ బైడెన్‌కు భారీ ఊరట కల్పించారు. రెండు క్రిమినల్‌ కేసుల్లో (Criminal Cases) హంటర్‌కు బైడెన్‌ (Hunter Biden) క్షమాభిక్ష ప్రసాదించారు. తండ్రిగా, అధ్యక్షుడిగా ఈ నిర్ణయం ఎందుకు తీసుకోవాల్సి వచ్చిందో ప్రజలు అర్థం చేసుకుంటారని భావిస్తున్నట్టు ఈ సందర్భంగా బైడెన్‌ పేర్కొన్నారు.

అక్రమంగా తుపాకీ కొనుగోలు, ఆదాయపు పన్ను విషయంలో తప్పుడు సమాచారం ఇచ్చారని డెలావెర్‌, కాలిఫోర్నియాలో హంటర్‌పై కేసులు నమోదైన విషయం తెలిసిందే. ఆయుధం కొనుగోలు వ్యవహారంలో నమోదైన కేసులో హంటర్‌ను న్యాయస్థానం దోషిగా తేల్చింది.

అయితే, ఇప్పటి వరకూ శిక్ష మాత్రం ఖరారు చేయలేదు. దీనిపై అప్పట్లో బైడెన్‌ స్పందిస్తూ.. హంటర్‌ దోషిగా తేలిన సమయంలో క్షమాభిక్షకు యత్నించబోనని స్పష్టంగా పేర్కొన్నారు. ఇప్పుడు మాత్రం అధ్యక్ష పీఠం నుంచి దిగిపోయే సమయంలో కుమారుడికి క్షమాభిక్ష ప్రసాదించే అవకాశాన్ని వినియోగించుకున్నారు. బైడెన్‌ నిర్ణయం ప్రస్తుతం సర్వత్రా చర్చనీయాంశంగా మారింది.

ఈ ఏడాది నవంబర్‌లో జరిగిన అమెరికా అధ్యక్ష ఎన్నికల్లో రిపబ్లికన్‌ పార్టీ అభ్యర్థి, మాజీ అధ్యక్షుడు డొనాల్డ్‌ ట్రంప్‌ ఘన విజయం సాధించిన విషయం తెలిసిందే. వచ్చే ఏడాది జనవరి 20న రెండోసారి అధ్యక్షుడిగా ప్రమాణ స్వీకారం చేయనున్నారు.

व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले बाइडन का बड़ा ऐलान, बेटे हंटर को दिया क्षमादान, क्या ट्रंप बदल सकेंगे ये फैसला

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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल के अब चंद दिन बचे हुए हैं। इससे पहले जो बाइडन ने बड़ा फैसला लिया है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने बेटे पर अवैध तरीके से बंदूक रखने और इनकम टैक्स की चोरी के मामले में उसे माफी दे दी है। राष्ट्रपति बाइडन ने 1 दिसंबर को स्टेटमेंट जारी कर इसके बारे में जानकारी दी है।राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, आज मैंने अपने बेटे हंटर के लिए क्षमादान पर हस्ताक्षर किया। बता दे कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे जोसेफ हंटर बाइडन पर टैक्स चोरी से लेकर गैरकानूनी ढंग से हथियार रखने, सरकारी पैसे का गलत इस्तेमाल करने और झूठी गवाही देने के आरोप लगे हैं। डेलावेयर की कोर्ट में हंटर ने टैक्स चोरी और गैरकानूनी ढंग से हथियार रखने की बाद स्वीकार कर ली थी। जिसके बाद हाल ही में उन्हें बंदूक अपराध और टैक्स से जुड़े मामले में दोषी करार दिया गया था।

अपने बयान में राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, “आज, मैंने अपने बेटे हंटर के लिए एक माफी पर हस्ताक्षर किया है। जब से मैंने अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभाला है, मैंने कहा था कि मैं न्याय विभाग की ओर से लिए गए फैसलों में दखल नहीं दूंगा और मैंने अपने इस वादे का निभाया भी है। लेकिन मैंने देखा कि मेरे बेटे को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है और उस पर मुकदमें चलाए जा रहे हैं। उस पर लगाए आरोप राजनीति से प्रेरित थे, ताकि उससे मुझ पर हमला किया जा सके और मेरी चुनावी प्रक्रिया का विरोध किया जा सके।”

बाइडन ने आगे कहा, “मैंने अपने पूरे करियर में एक साधारण सिद्धांत को फॉलो किया है कि अमेरिकी लोगों को केवल सच बताओ। यह सच है कि मुझे न्याय प्रणाली पर पूरा विश्वास है, लेकिन जब मैंने इसके साथ संघर्ष किया तो मुझे लगा कि राजनीति ने इस प्रक्रिया को भी संक्रमित कर दिया है। मुझे उम्मीद है कि अमेरिकी लोग यह समझेंगे कि एक पिता और एक राष्ट्रपति ने ऐसा फैसला क्यों लिया।”

बाइडन के लिए हुए इस फैसले को उनके पूर्व में किए गए वादे पर उनका यूटर्न कहा जा रहा है। राष्ट्रपति बाइडन अपने उस वादे से मुकर गए हैं, जिसमें उन्होंने बार-बार कहा था कि वह अपने बेटे को माफ या उसकी सजा कम करने के लिए अपने कार्यकारी अधिकार का इस्तेमाल नहीं करेंगे। ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद भी राष्ट्रपति और व्हाइट हाउस के शीर्ष प्रवक्ता ने सजा माफ न करने की बात दोहराई थी। क्षमा का मतलब है कि हंटर को उनके अपराधों की सजा नहीं मिलेगी। यह उन्हें जेल भेजने की संभावना को खत्म करता है।

*जी-20 नेताओं की ग्रुप फोटोः बगल में खड़े थे ट्रूडो, बाइडेन ने मोदी को दी ज्यादा तरजीह*
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भारत और कनाडा के बीच दुश्मनी की तलवार खींच गई है। जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तान प्रेम की वजह से दोनों देशों के रिश्तों निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं। इसका असर ब्राजील में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में भी दिखा। जब कनाडा के पीएम ट्रूडो को भारत ने पूरी तरह से अनदेखा कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिखर सम्मेलन से अलग दुनिया भर के नेताओं से द्विपक्षीय मीटिंग की। पीएम मोदी ने इससे जुड़ी तस्वीरें शेयर की। लेकिन उनकी जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की कोई भी फोटो सामने नहीं आई। जी-20 से जुड़ा एक वीडियो अब वायरल हो रहा है, जिसमें पीएम मोदी जस्टिन ट्रूडो को इग्नोर करते दिख रहे हैं। दरअसल वीडियो तब का है जब जी-20 के सभी मेहमान फोटो खिंचवाने के लिए खड़े हुए थे। ट्रूडो और पीएम मोदी के बीच में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन मौजूद थे। इस दौरान पीएम मोदी के कंधे पर उनका हाथ रखा हुआ था और वह ट्रूडो से कुछ कह रहे थे। पीएम मोदी इस दौरान ट्रूडो को देख रहे थे। वीडियो में दिख रहा है कि बाइडन ने कुछ कहा जिस पर पीएम मोदी हंसने लगे। लेकिन उन्होंने बातचीत को आगे नहीं बढ़ाया। बाद में वह दूसरी तरफ देखने लगे तस्वीर में देखा जा रहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के दायीं तरफ कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो खड़े हैं। वहीं बायीं तरफ पीएम मोदी हैं और उनके साथ ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा भी मौजूद हैं। इस दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन और लूला डी सिल्वा पीएम मोदी का हाथ अपने हाथों में लेकर भारत के साथ अपने मजबूत संबंधों को दर्शाते नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो अपने दोस्त मुल्क अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन के बगल खड़े होकर भी अलग-थलग पड़े दिख रहे हैं। जबकि बाइडेन इस दौरान पीएम मोदी को ट्रूडो से ज्यादा तरजीह देते दिख रहे हैं। इससे ट्रूडो की हंसी में भी निराशा झलकती दिख रही है। दरअसल, जी20 समिट से जो तस्वीर सामने आई है, वह भारत के ग्लोबल दमखम को दिखाती है। जी20 समिट के फोटो में सेंटर में जो बाइडन के साथ पीएम मोदी दिख रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन जिस तरह से पीएम मोदी को इज्जत देते हैं और भारत की अहमियत को समझते हैं, उससे जस्टिन ट्रूडो भी वाकिफ हैं। यही वजह है कि जस्टिन ट्रूडो का पीएम मोदी के सामने जी20 के मंच पर नरम और अलग तेवर दिखा। जी20 के फैमिली फोटो में एक चीज और गौर करने वाली है। इस तस्वीर में पीएम मोदी जो बाइडन के करीब सेंटर में दिख रहे हैं। बता दें कि ब्राजील के रियो डी जेनेरियो पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन में दुनिया भर के नेताओं, पश्चिम और वैश्विक दक्षिण से मुलाकात की है। जी20 शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी ने सोमवार को औपचारिक बैठकें और अनौपचारिक बैठकें भी कीं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की। दोनों राष्ट्राध्यक्षों और विदेश मंत्री जयशंकर की मौजूदगी वाले प्रतिनिधिमंडल ने भारत और इटली से जुड़े अहम द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर संक्षिप्त मुलाकात की। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यहां ब्राजील, चिली और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति से मुलाकात की तथा रक्षा, ऊर्जा, जैव ईंधन एवं कृषि जैसे विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की। नाइजीरिया की दो दिवसीय यात्रा के बाद, रविवार को ब्राजील के रियो डी जेनेरियो शहर पहुंचे मोदी ने यहां जी20 शिखर सम्मेलन से इतर राष्ट्रपति लुइज इनासियो लुला डा सिल्वा से मुलाकात की और जी20 की अध्यक्षता के दौरान ब्राजील की ओर से किये गए विभिन्न प्रयासों के लिए उनकी सराहना की।
*जी 20 समिट में मोदी-बाइडेन के बीच मुलाकात, हाथों में हाथ डाले दिखे दोनों नेता, कुछ ऐसी रही मुलाकात
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* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरियो में हैं। सोमवार को 19वीं जी20 समिट की शुरुआत हो गई है। जी20 समिट दो दिन 18 और 19 नवंबर को होगी। पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दुनिया के बाकी वर्ल्ड लीडर्स वेन्यू पर पहुंचे, जहां ब्राजीली राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा और उनकी पत्नी ने मेहमानों का स्वागत किया। समिट के दौरान पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक-दूसरे से मुलाकात की।यह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद उनकी पहली मुलाकात थी। मोदी ने मुलाकात की एक तस्वीर के साथ सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “रियो डी जेनेरियो में जी 20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ। उनसे मिलकर हमेशा खुशी होती है।” फोटो में मोदी और बाइडेन एक-दूसरे का हाथ थाम कर चर्चा करते नजर आ रहे हैं। हालांकि, यह अभी तक पता नहीं चल पाया है कि मोदी और बाइडेन के बीच क्या बातचीत हुई। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और बाइडेन के बीच द्विपक्षीय बैठक को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है। अगर जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच कोई पूर्व-निर्धारित वार्ता नहीं होती है, तो यह संक्षिप्त मुलाकात अगले साल बाइडेन द्वारा रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी राष्ट्रपति पद सौंपने से पहले उनकी अंतिम आमने-सामने की मुलाकात हो सकती है। अमेरिका में हाल में खत्म हुए राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत हुई है। वैसे बाइडन चुनावी रेस से बीच में बाहर हो गए थे, लेकिन मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस चुनावी मैदान में थीं और उन्हें ट्रंप ने हरा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राज़ील में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के अलावा फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी और ब्रिटेन के पीएम केर स्टार्मर से भी मुलाकात की। तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की हैं।
‘तीसरा विश्व युद्ध होगा शुरू': ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने से पहले ‘आक्रामक’ नीतियों को आगे बढ़ाने का आरोप

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Donald Trump and Joe Biden

डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर ने बिडेन प्रशासन पर आरोप लगाया है कि वह जनवरी में अपने पिता के व्हाइट हाउस में लौटने से पहले तनाव को बढ़ावा दे रहा है, जो “तीसरा विश्व युद्ध” का कारण बन सकता है। यह दावा राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा यूक्रेनी सेना को रूसी क्षेत्र को निशाना बनाने के लिए अमेरिकी आपूर्ति की गई लंबी दूरी की मिसाइलों का उपयोग करने के लिए अधिकृत करने के बाद किया गया है, एक ऐसा कदम जो अमेरिका और रूस के बीच तनाव को बढ़ा सकता है - ट्रम्प का दावा है कि तनाव को आसानी से संभाला जा सकता है।

रिपोर्ट बताती हैं कि उत्तर कोरिया ने कुर्स्क क्षेत्र में 15,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है, जबकि कीव कथित तौर पर रूस के भीतर महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर हमला करने के लिए उन्नत मिसाइलों का उपयोग करने की तैयारी कर रहा है।

ट्रम्प जूनियर ने बिडेन की नीतियों और सैन्य-औद्योगिक परिसर की आलोचना की

"सैन्य औद्योगिक परिसर यह सुनिश्चित करना चाहता है कि मेरे पिता को शांति स्थापित करने और लोगों की जान बचाने का मौका मिलने से पहले ही वे तीसरा विश्व युद्ध शुरू कर दें," ट्रम्प जूनियर, 46, ने 18 नवंबर को ट्वीट किया, कुछ ही समय पहले रिपोर्टों ने पुष्टि की थी कि यूक्रेनी सेना को रूस को निशाना बनाने के लिए पूर्वोत्तर सीमा पर सेना की सामरिक मिसाइल प्रणालियों का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी। यह यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के महीनों के अनुरोधों के बाद हुआ है, जबकि ट्रम्प ने बिडेन के उत्तराधिकारी बनने के बाद युद्ध को समाप्त करने की कसम खाई थी। जैसा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने अभियान के दौरान कहा है, वह एकमात्र व्यक्ति हैं जो शांति वार्ता के लिए दोनों पक्षों को एक साथ ला सकते हैं, और युद्ध को समाप्त करने और हत्या को रोकने की दिशा में काम कर सकते हैं," ट्रम्प के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने पहले NY पोस्ट को बताया था।

तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत?

जवाब में, रूस के फेडरेशन काउंसिल के एक वरिष्ठ सदस्य आंद्रेई क्लिशास ने टेलीग्राम के माध्यम से चेतावनी दी कि पश्चिम की ओर से की गई कार्रवाई "सुबह तक" यूक्रेनी राज्य के पूर्ण पतन का कारण बन सकती है, रॉयटर्स के अनुसार।

रूस के ऊपरी सदन अंतर्राष्ट्रीय मामलों की समिति के प्रथम उप प्रमुख व्लादिमीर दज़बारोव ने चेतावनी दी कि मॉस्को की प्रतिक्रिया तेज़ होगी, उन्होंने इस कार्रवाई को "तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत की ओर एक बहुत बड़ा कदम" बताया। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सितंबर में पहले कहा था कि यूक्रेन को पश्चिम से मिसाइलों के साथ रूसी भूमि पर हमला करने देने से पश्चिम और रूस के बीच सीधी लड़ाई होगी, जिससे पूरे संघर्ष की प्रकृति बदल जाएगी।

बाइडेन के इस फैसले ने ऑनलाइन भी भारी प्रतिक्रिया को जन्म दिया है, जिसमें कई लोगों ने इस कृत्य को "मूर्खतापूर्ण" करार दिया है। "बाइडेन तीसरा विश्व युद्ध शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। यह रोगात्मक और पूरी तरह से पागलपन है। अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल रूस के अंदरूनी हिस्सों में गोलीबारी करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए! कल्पना कीजिए कि अगर रूस ने अमेरिका में मिसाइलें दागने के लिए आपूर्ति की होती!" MAGA समर्थक चार्ली किर्क ने कहा। "अमेरिकी लोगों ने शांति लाने के लिए ट्रम्प को भारी मतों से वोट दिया, और अब बिडेन हमें तीसरे विश्व युद्ध की ओर ले जा रहे हैं," एक अन्य नेटिजन ने टिप्पणी की।