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व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले बाइडन का बड़ा ऐलान, बेटे हंटर को दिया क्षमादान, क्या ट्रंप बदल सकेंगे ये फैसला

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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल के अब चंद दिन बचे हुए हैं। इससे पहले जो बाइडन ने बड़ा फैसला लिया है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने बेटे पर अवैध तरीके से बंदूक रखने और इनकम टैक्स की चोरी के मामले में उसे माफी दे दी है। राष्ट्रपति बाइडन ने 1 दिसंबर को स्टेटमेंट जारी कर इसके बारे में जानकारी दी है।राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, आज मैंने अपने बेटे हंटर के लिए क्षमादान पर हस्ताक्षर किया। बता दे कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे जोसेफ हंटर बाइडन पर टैक्स चोरी से लेकर गैरकानूनी ढंग से हथियार रखने, सरकारी पैसे का गलत इस्तेमाल करने और झूठी गवाही देने के आरोप लगे हैं। डेलावेयर की कोर्ट में हंटर ने टैक्स चोरी और गैरकानूनी ढंग से हथियार रखने की बाद स्वीकार कर ली थी। जिसके बाद हाल ही में उन्हें बंदूक अपराध और टैक्स से जुड़े मामले में दोषी करार दिया गया था।

अपने बयान में राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, “आज, मैंने अपने बेटे हंटर के लिए एक माफी पर हस्ताक्षर किया है। जब से मैंने अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभाला है, मैंने कहा था कि मैं न्याय विभाग की ओर से लिए गए फैसलों में दखल नहीं दूंगा और मैंने अपने इस वादे का निभाया भी है। लेकिन मैंने देखा कि मेरे बेटे को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है और उस पर मुकदमें चलाए जा रहे हैं। उस पर लगाए आरोप राजनीति से प्रेरित थे, ताकि उससे मुझ पर हमला किया जा सके और मेरी चुनावी प्रक्रिया का विरोध किया जा सके।”

बाइडन ने आगे कहा, “मैंने अपने पूरे करियर में एक साधारण सिद्धांत को फॉलो किया है कि अमेरिकी लोगों को केवल सच बताओ। यह सच है कि मुझे न्याय प्रणाली पर पूरा विश्वास है, लेकिन जब मैंने इसके साथ संघर्ष किया तो मुझे लगा कि राजनीति ने इस प्रक्रिया को भी संक्रमित कर दिया है। मुझे उम्मीद है कि अमेरिकी लोग यह समझेंगे कि एक पिता और एक राष्ट्रपति ने ऐसा फैसला क्यों लिया।”

बाइडन के लिए हुए इस फैसले को उनके पूर्व में किए गए वादे पर उनका यूटर्न कहा जा रहा है। राष्ट्रपति बाइडन अपने उस वादे से मुकर गए हैं, जिसमें उन्होंने बार-बार कहा था कि वह अपने बेटे को माफ या उसकी सजा कम करने के लिए अपने कार्यकारी अधिकार का इस्तेमाल नहीं करेंगे। ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद भी राष्ट्रपति और व्हाइट हाउस के शीर्ष प्रवक्ता ने सजा माफ न करने की बात दोहराई थी। क्षमा का मतलब है कि हंटर को उनके अपराधों की सजा नहीं मिलेगी। यह उन्हें जेल भेजने की संभावना को खत्म करता है।

अमेरिका में मतदान शुरू, ट्रंप और कमला हैरिस में कांटे की टक्कर, वोटिंग के बीच 7 स्विंग स्टेट्स पर सबकी नजर

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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। भारतीय समय के मुताबिक शाम 6 बजे से मतदान शुरू हो गया है। जहां डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है।ट्रंप अगर जीत हासिल करते हैं तो वो दूसरी बार राष्ट्रपति बनेंगे। वहीं, अगर कमला हैरिस को जीत मिलती है तो वो पहली बार राष्ट्रपति बनेंगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कई राज्यों में मतदान जारी है। वैसे तो मतदान की तारीख आज यानि कि 5 नवंबर है. लेकिन इससे पहले ही करोड़ों लोग वोटिंग कर चुके हैं. यह सुविधा में अमेरिका में है, इसे अर्ली वोटिंग कहते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के इलेक्शन लैब के मुताबिक, अमेरिका के कई हिस्सों में हो रही अर्ली वोटिंग में अब तक लगभग आठ करोड़ लोग वोट डाल चुके हैं। वहीं, आज फ्लोरिडा, जॉर्जिया, इलिनॉइस, लुइसियाना, मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स, मिशिगन, मिसौरी, पेंसिल्वेनिया, रोड आइलैंड, साउथ कैरोलाइना और वॉशिंगटन में वोटिंग हो रही है।

अमेरिका के पेन्सिलवेनिया राज्‍य पर दुनिया की नजरें

इस चुनाव में जॉर्जिया, मिशिगन, और पेंसिल्वेनिया जैसे महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट्स का खास महत्व है। विशेष रूप से पेंसिल्वेनिया को चुनावी परिणामों के लिहाज से अहम माना जा रहा है। यह राज्‍य अमेरिका के स्विंग स्‍टेट का हिस्‍सा है। अमेरिका में 7 स्विंग स्‍टेट हैं और यही फैसला करते हैं कि अगला राष्‍ट्रपति कौन होगा। पेन्सिलवेनिया में कुल 19 इलेक्‍टोरल वोट हैं जो किसी अन्‍य राज्‍य की तुलना में ज्‍यादा है। यहां अब तक कमला हैरिस की डेमोक्रेटिक पार्टी का दबदबा था।

किस 'स्विंग स्टेट' में कौन आगे?

अमेरिका चुनाव से पहले ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक नेवादा में ट्रंप को 51.2 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि हैरिस को 46 प्रतिशत। इसी तर्ज पर नॉर्थ कैरोलिना में ट्रंप को 50.5 प्रतिशत और हैरिस को 47.1 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है। उधर, जॉर्जिया की बात की जाए तो यहां डोनाल्‍ड ट्रंप को 50.1% से 47.6% के अंतर से कमला हैरिस से आगे हैं। मिशिगन में ट्रंप को 49.7 प्रतिशत तो हैरिस को 48.2 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। ऐसे ही पेंसिल्वेनिया में ट्रंप को 49.6 प्रतिशत के मुकाबले हैरिस को 47.8 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। उधर, विस्कॉन्सिन में ट्रंप 49.7 प्रतिशत और कमला हैरिस 48.6 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद हैं।

स्विंग स्टेट क्या हैं और वे महत्वपूर्ण क्यों हैं?

जैसा कि उनके नाम से पता चलता है, स्विंग स्टेट - जिन्हें बैटलग्राउंड स्टेट भी कहा जाता है - राष्ट्रीय चुनाव के नतीजे को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। अमेरिकी राजनीति में, राष्ट्रपति चुनाव एक वेटेज वोटिंग सिस्टम द्वारा तय किए जाते हैं जिसे इलेक्टोरल कॉलेज के रूप में जाना जाता है, न कि लोकप्रिय वोट द्वारा। इस वजह से, स्विंग स्टेट नतीजे तय करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। 50 राज्यों में से प्रत्येक को उनकी जनसंख्या के अनुपात में एक निश्चित संख्या में इलेक्टोरल कॉलेज वोट आवंटित किए जाते हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को जीतने के लिए 270 इलेक्टर हासिल करने होंगे।

राष्ट्रपति चुनाव के बीच अमेरिका एजेंसियां किस बात से डरी? घोषित किया 84 करोड़ का इनाम

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जल्द ही अमेरिका को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा। अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव में डोनाल्‍ड ट्रंप जीतेंगे या फिर कमला हैरिस, ये तो वक्‍त ही बताएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का सारी दुनिया इंतजार कर रही है।इसी बीच दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका को राष्ट्रपति चुनाव में बाहरी ताकतों के दखल का डर सताने लगा है।अमेरिका को चुनाव के दौरान बाहरी ताकतों के दखल देने या अड़ंगा डालने की खुफिया सूचना मिली है। जिसके बाद अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसियों ने बाहरी दखल से बचने के लिए इससे जुड़ी जानकारी देने वाले को 10 मिलियन डॉलर यानी भारतीय करेंसी में 84 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा भी कर दी है।

ईरानी साइबर फर्म पर आरोप

अमेरिका की राजनीतिक सुरक्षा सेवा न्याय विभाग में इस बाबत बाकायदा पोस्टर निकाल कर जानकारी भी आम लोगों से साझा की है। इसमें उसने ईरानी साइबर फर्म पर आरोप लगाया है कि उसने साल 2020 की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया था। अमेरिकी एजेंसी को डर है कि यह साइबर फर्म एक बार फिर ऐसी कोशिश कर सकती है।

ईरान और रूस से जुड़े लोगों की तस्वीरें जारी

ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कार्पस से जुड़े कुछ लोगों की तस्वीर जारी करते हुए कहा गया है कि इन लोगों ने 2024 के अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने के प्रयास में अनेक साइबर ऑपरेशन किए है। अगर किसी के पास इन व्यक्तियों के बारे में जानकारी है तो सूचना देने पर उसे 10 मिलियन डॉलर तक का इनाम दिया जा सकता है।

अमेरिकी प्रशासन द्वारा एक रूसी मीडिया संगठन से जुड़े लोगों की कुछ तस्वीरें भी जारी की गई है और कहा गया है कि इन लोगों ने 2024 की अमेरिकी चुनाव को टारगेट करते हुए अनेक दुष्प्रचार और गलत सूचनाओं फैलाई है।

बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज 5 नवम्बर को मतदान होने जा रहा है। राष्ट्रपति पद की रेस के लिए रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की उनकी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। अमेरिका भर में प्रारंभिक मतदान और डाक से मतदान पर नजर रखने वाले फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के ‘इलेक्शन लैब’ के अनुसार, 7.8 करोड़ से अधिक अमेरिकी पहले ही अपने वोट डाल चुके हैं। सात अहम राज्यों में से पेंसिल्वेनिया सबसे महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरा है, जिसके पास 19 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावःकैसे चुना जाता है नया राष्ट्रपति, क्या है 'इलेक्टोरल कॉलेज' सिस्टम

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अमेरिका में आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जाने हैं, अब से कुछ ही घंटों बाद जब अमेरिका में सुबह होगी तो लाखों करोड़ों अमेरिकी अपने-अपने मतों का इस्तेमाल करने घर से बाहर निकलेंगे। अमेरिका में महीनों से चल रही राष्ट्रपति पद की रेस का प्रचार 4 नवंबर की रात थम गया। अब इंतजार है मंगलवार की सुबह 7 बजे से शुरु होने वाले मतदान का जो तय करेगा कि व्हाइट हाउस में अगले 4 साल के लिए कौन सा चेहरा होगा। अमेरिका के दो सबसे प्रमुख राजनीतिक दल रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस चुनावी मैदान में हैं। दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होनी है, लिहाजा चुनावी नतीजे भी काफी चौंकाने वाले हो सकते हैं।

वोटिंग का समय क्या है?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग अलग-अलग राज्यों के स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे से लेकर 9 बजे के बीच शुरू होगी। यह भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे से लेकर रात 9:30 बजे तक का समय होगा। वहीं मतदान के लिए अंतिम समय की बात करें तो ज्यादातर वोटिंग सेंटर्स शाम 6 बजे से लेकर देर रात तक जारी रह सकते हैं। यानी अमेरिका में वोटिंग खत्म होने तक भारत में अगला दिन शुरू हो जाएगा। यानी अमेरिका में मतदान भारतीय समयानुसार बुधवार की सुबह 4:30 बजे तक खत्म हो सकते हैं। कई राज्यों में यह समय और अधिक हो सकता है क्योंकि अमेरिका के राज्य कई अलग-अलग टाइम जोन में बंटे हुए हैं।

कब आएंगे नतीजे?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग खत्म होते ही मतों की गिनती शुरू हो जाएगी। काउंटिंग खत्म होने पर पॉपुलर वोट (जनता के वोट) का विजेता घोषित किया जाता है, लेकिन यह हर बार जरूरी नहीं कि जिस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा पॉपुलर वोट मिले हैं वह वाकई में राष्ट्रपति पद का विजेता हो। क्योंकि अमेरिका में असल में राष्ट्रपति का चुनाव पॉपुलर वोट्स नहीं बल्कि इलेक्टोरल कॉलेज करते हैं। इसके अलावा कई बार ऐसा भी हो सकता है कि किसी राज्य में अनुमानित विजेता घोषित किया जा रहा हो जबकि दूसरे में वोटिंग जारी हो। लिहाजा कई बार सटीक नतीजे आने में एक-दो दिन का समय लग जाता है। वहीं दिसंबर में इलेक्टर्स की वोटिंग के बाद 25 दिसंबर तक सारे इलेक्टोरल सर्टिफिकेट सीनेट के प्रेसिडेंट को सौंप दिए जाएंगे। इसके बाद 6 जनवरी, 2025 को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में इलेक्टर्स के वोटों की गिनती होगी, इसी दिन उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस सदन में विजेता के नाम का ऐलान करेंगी।

इलेक्टोरल कॉलेज क्या होते हैं?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज की भूमिका सबसे अहम होती है। इलेक्टोरल कॉलेज अमेरिका के हर राज्य के लिए तय किए गए इलेक्टर्स की संख्या है। किसी भी उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए 538 में से 270 इलेक्टोरल कॉलेज जीतने होंगे। हर राज्य को यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और अमेरिकी सीनेट में उसके प्रतिनिधियों की संख्या के अनुसार ही इलेक्टर्स मिलते हैं। वर्तमान में सबसे ज्यादा 55 इलेक्टर्स कैलिफोर्निया स्टेट में हैं, वहीं सबसे कम इलेक्टर्स की संख्या 3 है, जो कि अमेरिका के वायोमिंग समेत 6 राज्यों में हैं। हालांकि सबसे ज्यादा अहमियत 7 स्विंग स्टेट्स की होती है क्योंकि ज्यादातर राज्यों की तरह इनका रुख पहले से साफ नहीं होता है और यही वजह है कि इन स्विंग स्टेट्स को प्रमुख ‘बैटल फील्ड’ माना जाता है।

किस 'स्विंग स्टेट' में कौन आगे?

अमेरिका चुनाव से पहले ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक नेवादा में ट्रंप को 51.2 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि हैरिस को 46 प्रतिशत। इसी तर्ज पर नॉर्थ कैरोलिना में ट्रंप को 50.5 प्रतिशत और हैरिस को 47.1 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है। उधर, जॉर्जिया की बात की जाए तो यहां डोनाल्‍ड ट्रंप को 50.1% से 47.6% के अंतर से कमला हैरिस से आगे हैं। मिशिगन में ट्रंप को 49.7 प्रतिशत तो हैरिस को 48.2 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। ऐसे ही पेंसिल्वेनिया में ट्रंप को 49.6 प्रतिशत के मुकाबले हैरिस को 47.8 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। उधर, विस्कॉन्सिन में ट्रंप 49.7 प्रतिशत और कमला हैरिस 48.6 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद हैं।

क्या होते हैं स्विंग स्टेट?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में स्विंग स्टेट्स या युद्धक्षेत्र वाले राज्य, उन राज्यों को कहा जाता है, जो चुनाव में डेमोक्रेट या रिपब्लिकन पार्टी, किसी भी तरफ झुक सकते हैं। अमेरिका में कई राज्य अक्सर किसी एक ही पार्टी को वोट देते आए हैं, लेकिन जिन राज्यों में मुकाबला कड़ा रहता है और जिनका तय नहीं है कि वे किस तरफ जाएंगे, उन्हें ही स्विंग स्टेट कहा जाता है। इन राज्यों में दोनों पार्टी के उम्मीदवार प्रचार के दौरान ज्यादा धन और समय लगाते हैं। स्विंग स्टेट की पहचान के लिए कोई परिभाषा या नियम नहीं है और चुनाव के दौरान ही इन राज्यों का निर्धारण होता है।

'नॉर्थेर्न लाइट्स' से जगमगाने वाला है अमेरिका का आसमान, 11 सालों में सबसे अधिक होगा असर

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The Northern Lights, America

अमेरिका का आसमान इस सप्ताह अंत तक एक रंगीन महाकाव्य अवतार धारण करने के लिए तैयार है, क्योंकि अक्टूबर में हमारे सौर मंडल को उग्र प्रकोप से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। स्पेस डॉट कॉम के अनुसार, सूर्य के विशिष्ट 'आग के गोले' के अस्तित्व ने महीने की शुरुआत धमाकेदार तरीके से की और इस सप्ताह की शुरुआत में "अपनी तरह की सबसे शक्तिशाली" सौर ज्वाला को प्रज्वलित किया। हाल ही में हुई सौर ज्वाला के बाद, कुछ उत्तरी अमेरिकी राज्यों के निवासी ऑरोरा बोरेलिस और इसकी आश्चर्यजनक ब्रह्मांडीय आतिशबाजी को देख सकते हैं। स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (SWPC) ने शुक्रवार, 4 अक्टूबर से रविवार, 6 अक्टूबर तक के लिए G3 (मजबूत) जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म वॉच जारी की।

SWPC ने 4 अक्टूबर को ट्वीट किया: “भू-चुंबकीय तूफान श्रेणी G3 का पूर्वानुमान लगाया गया

दिन के हिसाब से उच्चतम तूफान स्तर का पूर्वानुमान लगाया गया:

अक्टूबर 05: G3 (मजबूत) अक्टूबर 06: G3 (मजबूत) अक्टूबर 07: G1 (मामूली)

जारी करने का समय: 2024 अक्टूबर 04 1857 UTC."

राष्ट्रीय महासागर और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) ने शुरू में पूर्वानुमान लगाया था कि जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म वॉच शनिवार को समाप्त हो जाएगी, लेकिन बाद के अपडेट ने अवधि को रविवार तक बढ़ा दिया। मौसम विज्ञान एजेंसी ने पुष्टि की कि जब तक मौसम अनुकूल है, ऑरोरा चेज़र संभवतः "देखने में काफी सुखद" नृत्य करने वाली ध्रुवीय रोशनी का एक प्रभावशाली दृश्य देख पाएंगे। ध्रुवीय रोशनी के प्रमुख दृश्य के लिए, NOAA ने स्टारगेज़र को ध्रुवों के करीब यात्रा करने की सलाह दी और प्रकाश से बचने की चेतावनी दी। 

उत्तरी लाइट्स कहाँ दिखाई देने की उम्मीद है?

क्लिक ऑन डेट्रॉइट ने बताया कि मिशिगन के सभी लोगों को ध्रुवीय इंद्रधनुष देखने का मौका मिलेगा। फोर्ब्स के अनुसार, महाद्वीपीय अमेरिकी राज्य जो ऑरोरा बोरेलिस के अलौकिक दृश्यों से धन्य हो सकते हैं, उनमें वाशिंगटन, इडाहो, मोंटाना, व्योमिंग, नॉर्थ डकोटा, साउथ डकोटा, मिनेसोटा, आयोवा, विस्कॉन्सिन, मिशिगन, न्यूयॉर्क, वर्मोंट, न्यू हैम्पशायर और मेन शामिल हैं।

हाल ही में हुए सौर फ्लेयर्स के बारे में अधिक जानकारी

सूर्य का 11 साल लंबा चक्र भू-चुंबकीय तूफानों के लिए जिम्मेदार रहा है, जिसके परिणामस्वरूप आकाश में उत्तरी लाइट्स उत्पन्न हुई हैं। सौर चक्र 25 दिसंबर 2019 में शुरू हुआ, और नासा का अनुमान है कि यह अगले साल तक जारी रहेगा। इसके चल रहे चक्र के 2024 के अंत और 2026 की शुरुआत के बीच चरम पर पहुंचने की उम्मीद है, जिससे और अधिक भू-चुंबकीय तूफान आएंगे। बुधवार को X7.1 की तीव्र सौर ज्वाला के बाद गुरुवार को X9.0 की सौर ज्वाला देखी गई - यह असामान्य विकास चक्र 25 में सबसे तीव्र है।

सौर चक्र औसतन 11 वर्ष की अवधि है, जिसके दौरान सूर्य न्यूनतम गतिविधि से अधिकतम और फिर न्यूनतम पर चला जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हर 11 साल में सूर्य अपने चुंबकीय ध्रुवों को पलट देता है," NOAA के प्रवक्ता ने फॉक्स न्यूज़ डिजिटल को बताया। "हालांकि यह कहना मुश्किल है कि भू-चुंबकीय तूफानों के दौरान ऑरोरल सीमा वास्तव में क्या हो सकती है - आम तौर पर G3 [भू-चुंबकीय तूफान] स्तर का ऊपरी छोर उत्तरी न्यूयॉर्क के निवासियों के लिए ऑरोरा देखना संभव बना सकता है," उन्होंने कहा। 

భారత్‌కు గుడ్ న్యూస్.. ఆ సంపదను తిరిగిచ్చేస్తున్న అమెరికా..

 4 వేల పురాతన వస్తువులను అమెరికా.. భారత్‌కు ఇచ్చేయడానికి సిద్ధమైంది. భారత్ నుంచి అక్రమంగా తరలించిన అత్యంత విలువైన పురాతన వస్తువులను తిరిగిచ్చేందుకు అమెరికా నిర్ణయం తీసుకుంది. భారత ప్రధానమంత్రి నరేంద్రమోదీ అమెరికా పర్యటన సందర్భంగా ఆ దేశం ఈ నిర్ణయం తీసుకుంది.

 4 వేల పురాతన వస్తువులను (4 Thousand Antiques) అమెరికా (America).. భారత్‌ (India)కు ఇచ్చేయడానికి సిద్ధమైంది. భారత్ నుంచి అక్రమంగా తరలించిన అత్యంత విలువైన పురాతన వస్తువులను తిరిగిచ్చేందుకు అమెరికా నిర్ణయం తీసుకుంది. భారత ప్రధానమంత్రి నరేంద్రమోదీ (PM Modi) అమెరికా పర్యటన (America Tour) సందర్భంగా ఆ దేశం ఈ నిర్ణయం తీసుకుంది. ఇందులో 2వేలు బీసీఈ (BCE) – 19వేల సీఈ (СЕ) - వరకు అంటే 4వేళ ఏళ్ల పరిధిలోని యాంటిక్విటీస్ ఉన్నాయని భారత్ అధికారులు తెలిపారు. ఇండియాకు రానున్న తూర్పు భారతంలోని టెర్రకోట బొమ్మలు, కళాకృతులు; ఇతర ప్రాంతాల్లోని రాతి, లోహ, కలప, ఐవరీ శిల్పాలు.. త్వరలోనే వీటిని భారత్‌కు తరలించనున్నట్లు విదేశాంగ శాఖ అధికారులు ప్రకటించారు.

కాగా ‘‘క్వాడ్‌ కూటమి ఏ దేశానికీ వ్యతిరేకం కాదు. అన్ని దేశాల సార్వభౌమత్వాన్ని గౌరవిస్తాం. భద్రత, అభివృద్ధి చెందుతున్న సాంకేతికత, వాతావరణ మార్పులు, సామర్థ్య నిర్మాణమే మా లక్ష్యం. సమస్యలను శాంతియుతంగా పరిష్కరించుకోవడమే క్వాడ్‌ అభిమతం. మేం(క్వాడ్‌ కూటమి) నిలబడతాం.. బలపడతాం’’ అని భారత ప్రధాని నరేంద్ర మోదీ ఉద్ఘాటించారు. అమెరికా అధ్యక్షుడు జోబైడెన్‌ స్వస్థలమైన విల్మింగ్టన్‌లో ఆదివారం జరిగిన క్వాడ్‌ దేశాధినేతల శిఖరాగ్ర సదస్సులో ఆయన మాట్లాడారు. నాలుగేళ్లక్రితం ఇండో-పసిఫిక్‌ రీజియన్‌లో స్వేచ్ఛాయుత వాణిజ్యం, భద్రత వంటి అంశాలతో అమెరికా, ఆస్ట్రేలియా, జపాన్‌, భారత్‌ కలిసి క్వాడ్‌ కూటమిగా ఏర్పడ్డ విషయం తెలిసిందే..! ఈ కూటమి ఏర్పడి నాలుగేళ్లు పూర్తయిన సందర్భంగా జరిగిన సదస్సులో మోదీ, బైడెన్‌తోపాటు.. ఆస్ట్రేలియా ప్రధాని అల్బనెస్‌, జపాన్‌ ప్రధాని కిషిదా పాల్గొన్నారు.

క్వాడ్‌కు వ్యతిరేకంగా చైనా వ్యాఖ్యలు చేస్తున్న నేపథ్యంలో.. మోదీ ఆ దేశం పేరును ప్రస్తావించకుండా తాము అన్ని దేశాల సార్వభౌమత్వాన్ని గౌరవిస్తామని, ఎవరికీ వ్యతిరేకం కాదని స్పష్టం చేశారు. తమ సందేశం ఒక్కటేనని, బలంగా నిలబడి, సభ్యదేశాల సహకారానికి కృషిచేస్తామని పేర్కొన్నారు. ‘‘ప్రపంచంలో ఉద్రిక్తతలు, సంఘర్షణలు చోటుచేసుకుంటున్న సమయంలో క్వాడ్‌ కూటమి ఏర్పాటైంది. మానవాళి శ్రేయస్సుకు, ప్రజాస్వామ్య విలువల పరిరక్షణకు కంకణబద్ధమైంది. క్వాడ్‌ సదస్సులో ఫలవంతమైన చర్చలు జరిగాయి.

ప్రపంచానికి మేలు జరిగేలా ఇంకా సమర్థంగా పనిచేయాలని నిర్ణయించాం’’ అని ఆయన వ్యాఖ్యానించారు. ఇండో-పసిఫిక్‌ రీజియన్‌లో స్వేచ్ఛాయుత వాణిజ్యానికి సహకరించేందుకు భారత్‌ కట్టుబడి ఉందన్నారు. అంతకు ముందు ఆయన ‘క్వాడ్‌ క్యాన్సర్‌ మూన్‌షాట్‌ ఈవెంట్‌’లో మాట్లాడుతూ.. ఇండో-పసిఫిక్‌ రీజియన్‌ దేశాల్లో గర్భాశయ ముఖద్వార క్యాన్సర్‌ పరీక్షలు, గుర్తింపు, చికిత్సకు భారత్‌ తరఫున రూ.62.61 కోట్ల(7.5 మిలియన్‌ డాలర్లు)ను అందజేస్తామని ప్రకటిస్తూ.. తమ లక్ష్యం ‘ఒక భూగోళం.. ఒక ఆరోగ్యం’ అంటూ నినదించారు. ఈ రీజియన్‌లోని దేశాలకు 4 కోట్ల డోసుల క్యాన్సర్‌ టీకాలను అందజేస్తామన్నారు.

క్వాడ్‌ దేశాధినేతల తదుపరి సదస్సు వచ్చే ఏడాది భారత్‌లో జరగనుంది. నాలుగేళ్ల క్రితం ఈ సంస్థ ఆవిర్భవించగా.. అమెరికా, ఆస్ట్రేలియా, జపాన్‌, భారత్‌లలో సదస్సులు నిర్వహించాలని నిర్ణయించారు. నిజానికి ఈ సంవత్సరం భారత్‌ వంతు కాగా.. తన పదవీకాలం ముగుస్తున్న నేపథ్యంలో తన స్వస్థలంలో సమ్మిట్‌కు అనుమతించాలని అమెరికా అధ్యక్షుడు బైడెన్‌ విజ్ఞప్తి చేశారు. దాంతో.. వచ్చే ఏడాది సదస్సును భారత్‌లో ఏర్పాటు చేయాలని తీర్మానించారు

విల్మింగ్టన్‌లో శనివారం బైడెన్‌-మోదీ ద్వైపాక్షిక చర్చలు జరిపిన విషయం తెలిసిందే..! ఈ చర్చల్లో భాగంగా మోదీపై బైడెన్‌ పొగడ్తల వర్షం కురిపించినట్లు విదేశాంగ శాఖ అధికారులు తెలిపారు. ముఖ్యంగా ఉక్రెయిన్‌లో మోదీ పర్యటన.. శాంతికోసం ఆయన చేస్తున్న కృషిని అభినందించినట్లు వివరించారు. కొవిడ్‌ సమయంలో ‘టీకా మైత్రి’ మొదలు.. ఇటీవలి జీ20 సమ్మిట్‌ వరకు ప్రపంచ క్షేమం కోసం భారత్‌ చేస్తున్న కృషిని కొనియాడినట్లు పేర్కొన్నారు. ఇరువురు నేతల భేటీలో.. సెమీకండక్టర్లు మొదలు.. అంతరిక్షం దాకా పలు అంశాలపై చర్చలు జరిగినట్లు తెలిపారు. భారత్‌-అమెరికా మధ్య కీలకమైన రక్షణ, క్లీన్‌ ఎనర్జీ, గ్లోబల్‌ హెల్త్‌పై ఒప్పందాలు కుదిరినట్లు వెల్లడించారు. ఐక్య రాజ్య సమితి(ఐరాస)లో భారత్‌ శాశ్వత సభ్యత్వానికి కృషిచేస్తానని బైడెన్‌ పేర్కొన్నట్లు వివరించారు.

चीन ने लद्दाख में दिल्ली जितनी जमीन पर कब्जा किया, यूएस में राहुल गांधी का दावा

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कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अमेरिका दौरे पर है। पिछले तीन दिनों से राहुल गांधी अमेरिका में अलग-अलग जगहों पर लोगों को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान उनके बयानों ने भारत में सियासी पारा हाई कर रखा है। यहां देश में उनके बयानों पर बहस छिड़ी हुई है। मंगलवार को आरक्षण खत्म करने को लेकर दिए गे बयान के बाद राहुल गांधी ने चीन को लेकर ऐसा दावा किया है, जिससे एक बार फिर सियासी भूचाल आना तय है। राहुल गांधा का दावा है कि चीनी सैनिकों ने लद्दाख में दिल्ली के आकार की जमीन पर कब्जा जमाया हुआ है।

4,000 वर्ग किलोमीटर में चीनी सैनिकों कब्जा-राहुल गांधी

अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा, अगर आप कहते हैं कि हमारे क्षेत्र के 4,000 वर्ग किलोमीटर में चीनी सैनिकों का होना किसी चीज़ से ठीक से निपटना है, तो शायद हमने लद्दाख में दिल्ली के आकार की ज़मीन पर चीनी सैनिकों का कब्ज़ा कर रखा है। मुझे लगता है कि यह एक आपदा है।

पीएम मोदी ने चीन से ठीक से नहीं निपटा-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने इसके साथ ही कहा, अगर कोई पड़ोसी देश आपकी 4000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्ज़ा करले तो अमेरिका की क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या कोई राष्ट्रपति यह कहकर बच निकल पाएगा कि उसने इसे ठीक से संभाला है? इसलिए मुझे नहीं लगता कि पीएम मोदी ने चीन से ठीक से निपटा है। मुझे लगता है कि कोई कारण नहीं है कि चीनी सैनिक हमारे क्षेत्र में बैठे रहें।

ये पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेता ने चीन को लेकर ऐसा दावा किया हो। पिछले साल भी राहुल गांधी ने इसी तरह का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर लद्दाख में भारत-चीन सीमा की स्थिति पर विपक्ष से झूठ बोलने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि चीन ने भारतीय जमीन छीन ली है। हालांकि, केन्द्र की बीजेपी सरकार कांग्रेस के इस दावे को बार-बार खारिज करती आ रही है।

अर्जेंटीना ने कोपा अमेरिका 2024 के फाइनल में कोलंबिया को 1-0 से हराया,आखिरी हाफ में मेसी हुए चोटिल, आंखों से निकले आंसू

कोफा अमेरिका के फाइनल (Copa America 2024 Final) में अर्जेंटीना ने आखिरकार अतिरिक्त समय में शानदार गोल करके कोलंबिया को 1-0 से हरा दिया. इस मैच में मेसी (Lionel Messi) चोटिल भी हो गए थे लेकिन इसके बाद भी अर्जेंटीना की टीम खिताब जीतने में सफल रही अर्जेंटीना ने लगातार दूसरी बार कोपा अमेरिका का खिताब जीत लिया. है. 2021 में भी टीम अर्जेंटीना ने खिताब पर कब्जा जमाया था. बता दें कि मैच के दौरान एक ऐसा मौका आया जब महान दिग्गज लियोनेल मेसी फूट फूट कर रोते हुए नजर आए. दरअसल, मैच के 66वें मिनट में मेसी रोते हुए मैदान से बाहर आए. इस तस्वीर को जिसने भी देखा वह इमोशनल हो गया.

कोलंबिया के खिलाफ मैच के दौरान दूसरे हाफ में मेसी को मैदान छोड़कर बाहर जाना पड़ा था. उस समय दोनों टीमों का स्कोर -0-0 की बराबरी पर था. मैच के दौरान मेसी के दाहिने पैर के एंकल में चोट लग गई, दर्द और फाइनल मैच का जुड़ाव इतना था कि मेसी जब मैदान से बाहर जा रहे थे तो उनके आंखों में आंसू थे. फैन्स भी मेसी को इस तरह से देखकर काफी भावुक हो गए हैं.

मेसी चोट के कारण मैदान से बाहर गए , जिसके कारण उनके सबस्टिट्यूट के तौर पर निकोलस गोंजालेज को मैदान पर उतरना पड़ा था. वहीं, दूसरी ओर जब मेसी मैदान से बाहर गए और बेंच पर बैठकर मैच को देखकर रहे थे तो उनका चेहरा पूरी तरह से उतरा हुआ था. उनके आंखें से आंसू लगातार बह रहे हैं. मेसी ने अपने पैर पर आइस पैक लगाया हुआ था.

मैच का निर्धारित समय खत्म हुआ तो दोनों टीमों का स्कोर 0-0 की बराबरी पर था. दोनों टीमों ने कोई गोल नहीं किया था. फुल टाइम के बाद अर्जेंटिना 0 और कोलंबिया 0 पर थी. जिसके कारण मैच को एक्स्ट्रा टाइम तक ले जाया गया. लेकिन इसके बाद जो हुआ उसने फैन्स को हैरान करके रख दिया. 

 अर्जेंटिना ने जीता कोपा अमेरिका का खिताब

अर्जेंटीना ने कोपा अमेरिका 2024 के फाइनल में कोलंबिया को 1-0 से हराया. लियोनेल मेस्सी को चोट के कारण मैदान से बाहर होना पड़ा, लेकिन सुपर-सब लुटारो मार्टिनेज ने अतिरिक्त समय में अपनी टीम को जीत दिलाई. संभावित पेनल्टी पर देर से VAR जांच ने अर्जेंटीना के खिलाड़ियों को परेशान कर दिया, लेकिन रेफरी ने कहा कि फैसला लियोनेल मेस्सी की टीम के पक्ष में है. दरअसल, मैच के 112वें मिनट में अर्जेंटीना के लिए लुटारो मार्टिनेज ने गोल किया और अपनी बढ़त को बनाए रखा. आखिरकार मेसी की टीम ने अतिरिक्त समय में शानदार खेल दिखाकर 1-0 से मैच को जीत लिया. अर्जेंटीना ने 16वीं बार खिताब को अपने नाम करने में सफलता हासिल की

जीत मिलते ही उछल पड़े मेसी

वहीं, जब कोपा अमेरिका का खिताब अर्जेंटिना की टीम ने जीता तो बेंच पर बैठे मेसी खिलखिलाकर हंस पड़े. मेसी अपने दर्द को भूलकर जीत का जश्न मनाने लगे. मेसी के साथ-साथ उनके फैन्स भी इस जीत का जश्न मनाते हुए नजर आए. मेसी की खुशी देखने लायक थी. 

पाकिस्तान को मोदी जैसे नेता की जरूरत, पाकिस्‍तानी अमेरिकी अरबपति साजिद तरार का बड़ा बयान

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देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। बीजेपी को इस चुनाव में भी बंपर जीत का भरोसा है। बीजेपी पूरी तरह से आश्वस्त है कि नरेन्द्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। बीजेपी ही नहीं पाकिस्तान मूल के अमेरिकी कारोबारी ने भी दावा किया है कि भारत में चल रहे चुनाव में लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी को जीत मिलेगी और फिर से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। यही नहीं, साजिद तरार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक मजबूत नेता हैं जिन्होंने भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है और मोदी जैसे नेता की पाकिस्तान को भी जरूरत है।

पीएम मोदी की जमकर की तारीफ

पाकिस्तानी मूल के बिजनेसमैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप की जमकर तारीफ की है।बाल्टीमोर में रहने वाले पाकिस्तानी अमेरिकी कारोबारी साजिद तरार ने कहा कि मोदी न केवल भारत के लिए अच्छे हैं बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए भी अच्छे हैं।साजिद तरार ने कहा कि मोदी जैसे नेता की पाकिस्तान को भी जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान को भी उनके जैसा कोई नेता मिलेगा। तरार ने पीटीआई-भाषा से कहा, मोदी एक शानदार नेता हैं। वह ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में पाकिस्तान का दौरा किया। मैं उम्मीद कर रहा हूं कि मोदी जी पाकिस्तान के साथ संवाद और व्यापार शुरू करेंगे।

भविष्य में लोग भारतीय लोकतंत्र से सीखेंगे-तरार

साजिद तरार ने कहा कि हर जगह यही कहा जा रहा है कि नरेंद्र मोदी भारत के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा, यह चमत्कार से कम नहीं है कि भारत में 97 करोड़ लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। मैं वहां मोदी जी की लोकप्रियता देख रहा हूं और 2024 में भारत का शानदार उदय होते देख रहा हूं। आप भविष्य में देखेंगे कि लोग भारतीय लोकतंत्र से सीखेंगे।

पाकिस्तान के आर्थिक हालात का किया जिक्र

एक सवाल के जवाब में तरार ने कहा, पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है, इसके चलते पीओके समेत देश के कई हिस्सों में सामाजिक तनाव भी हो रहा है। तरार ने कहा पाकिस्तान में महंगाई बहुत है। पेट्रोल के दाम उच्च स्तर पर हैं। बिजली भी महंगी हो गई है। हम निर्यात नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा, पीओके में मुख्यता महंगी बिजली को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। इतना ही नहीं तरार ने कहा, जमीनी मुद्दों को हल नहीं किया जा रहा है. कैसे निर्यात बढ़ाया जाए? कैसे आतंकवाद पर कंट्रोल किया जाए और कानून व्यवस्था सुधारी जाए।

हांगकांग और सिंगापुर के बाद भारतीय मसालों पर अब अमेरिका भी अलर्ट, इन दो कंपनियों को लग सकता है बड़ा झटका

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भारतीय मसालों के दो सबसे पॉपुलर ब्रांड एवरेस्ट और एमडीएच को लेकर अब अमेरिका में भी सवाल खड़े हो रहे हैं।सिंगापुर और हांगकांग में कार्रवाई के बाद भारतीय मसालों पर संकट बढ़ता जा रहा है। सिंगापुर और हांगकांग ने इन मसालों में कथित तौर पर कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशक पाए जाने की बात कही थी। इसके बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने इनकी जांच के लिए देश भर से सैंपल मंगाने का आदेश दिया था। लेकिन इन मसालों का मामला थमता नहीं दिखाई दे रहा है। अब अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारी भी इस मामले में हरकत में आ गए हैं। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने दोनों भारतीय मसालों में कैंसर वाले केमिकल का पता लगाने के लिए जांच शुरू की है।

FDA के एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स को बताया, “FDA रिपोर्टों से अवगत है और स्थिति के बारे में अतिरिक्त जानकारी इकट्ठा कर रहा है।” हांगकांग और सिंगापुर के कदमों के बाद भारत में दो सबसे लोकप्रिय मसाला ब्रांड भी गुणवत्ता मानकों के लिए भारतीय नियामक की जांच के दायरे में हैं।

हांगकांग ने इस महीने फिश करी के लिए तीन एमडीएच मसाला मिश्रण और एक एवरेस्ट मसाला मिश्रण की बिक्री निलंबित कर दी है। वहीं, सिंगापुर ने एवरेस्ट मसाला मिश्रण को वापस लेने का आदेश देते हुए कहा कि इसमें एथिलीन ऑक्साइड का उच्च स्तर है, जो इंसानों के इस्तेमाल के लिए फिट नहीं है और लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से कैंसर का खतरा है। हांगकांग ने एडीएच के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्स पाउडर और करी पाउडर मिक्स्ड मसाला पर बैन लगाया है। जबकि सिंगापुर ने अपने नागरिकों को एवरेस्ट के फिश करी मसाला पाउडर इस्तेमाल करने से रोक दिया है। साथ कंपनी को इसे बाजार से वापस लेने का आदेश दिया है।

इस बीच खबर आई है कि भारत के पड़ोसी देश मालदीव ने भी एमडीएच और एवरेस्ट मसालों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। मालदीव फूड एंड ड्रग अथॉरिटी ने ये आदेश जारी किया है।

ईयू ने जारी की 527 प्रोडक्ट्स की लिस्ट

इस बीच यूरोपीय यूनियन ने 527 ऐसे भारतीय प्रोडक्ट्स की लिस्ट जारी की है, जिनमें एथिलीन ऑक्साइड या अन्य केमिकल्स की मौजूदगी पाई गई है. इनमें भारत से निर्यात होने वाले बादाम, मसाले, जड़ी-बूटी और यहां तक कि ऑर्गेनिक सर्टिफिकेट वाले कई प्रोडक्ट्स भी मौजूद हैं। यूरोपीय यूनियन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत से मंगाए गए 527 फूड प्रोडक्ट्स में से 313 ड्राई फ्रूट्स और तिल से बने आइटम्स, 60 तरह की जड़ी-बूटियों और मसाले, 48 डायट्री फूड और सप्लीमेंट आइटम्स और बाकी 34 अन्य प्रोडक्ट्स में भी कैंसर पैदा करने वाले केमिकल मिले हैं।

भारत सरकार कर रही समीक्षा

हांगकांग और सिंगापुर के बैन और यूरोपीय यूनियन की लिस्ट जारी होने के बीच भारत सरकार पूरे मामले को लेकर सजग है। सरकार ने सख्त आदेश दिए हैं कि सिंगापुर और हांगकांग जाने वाले प्रोडक्ट्स की जांच की जाए. वहीं भारतीय मसाला बोर्ड हांगकांग और सिंगापुर के बैन की समीक्षा कर रहा है। इतना ही नहीं भारत के फूड सेफ्टी रेग्युलेटर ‘भारतीय खाद्य संरक्षा और सुरक्षा मानक प्राधिकरण’ (एफएसएसएआई) ने देशभर से अलग-अलग ब्रांड्स के मसाला प्रोडक्ट्स जारी करने शुरू कर दिए हैं। वह इन सभी का क्वालिटी चेक्स कर रहा है। एफएसएसएआई का कहना है कि वह समय-समय पर ऐसे चेक्स करता रहता है।

व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले बाइडन का बड़ा ऐलान, बेटे हंटर को दिया क्षमादान, क्या ट्रंप बदल सकेंगे ये फैसला

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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल के अब चंद दिन बचे हुए हैं। इससे पहले जो बाइडन ने बड़ा फैसला लिया है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने बेटे पर अवैध तरीके से बंदूक रखने और इनकम टैक्स की चोरी के मामले में उसे माफी दे दी है। राष्ट्रपति बाइडन ने 1 दिसंबर को स्टेटमेंट जारी कर इसके बारे में जानकारी दी है।राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, आज मैंने अपने बेटे हंटर के लिए क्षमादान पर हस्ताक्षर किया। बता दे कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे जोसेफ हंटर बाइडन पर टैक्स चोरी से लेकर गैरकानूनी ढंग से हथियार रखने, सरकारी पैसे का गलत इस्तेमाल करने और झूठी गवाही देने के आरोप लगे हैं। डेलावेयर की कोर्ट में हंटर ने टैक्स चोरी और गैरकानूनी ढंग से हथियार रखने की बाद स्वीकार कर ली थी। जिसके बाद हाल ही में उन्हें बंदूक अपराध और टैक्स से जुड़े मामले में दोषी करार दिया गया था।

अपने बयान में राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, “आज, मैंने अपने बेटे हंटर के लिए एक माफी पर हस्ताक्षर किया है। जब से मैंने अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभाला है, मैंने कहा था कि मैं न्याय विभाग की ओर से लिए गए फैसलों में दखल नहीं दूंगा और मैंने अपने इस वादे का निभाया भी है। लेकिन मैंने देखा कि मेरे बेटे को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है और उस पर मुकदमें चलाए जा रहे हैं। उस पर लगाए आरोप राजनीति से प्रेरित थे, ताकि उससे मुझ पर हमला किया जा सके और मेरी चुनावी प्रक्रिया का विरोध किया जा सके।”

बाइडन ने आगे कहा, “मैंने अपने पूरे करियर में एक साधारण सिद्धांत को फॉलो किया है कि अमेरिकी लोगों को केवल सच बताओ। यह सच है कि मुझे न्याय प्रणाली पर पूरा विश्वास है, लेकिन जब मैंने इसके साथ संघर्ष किया तो मुझे लगा कि राजनीति ने इस प्रक्रिया को भी संक्रमित कर दिया है। मुझे उम्मीद है कि अमेरिकी लोग यह समझेंगे कि एक पिता और एक राष्ट्रपति ने ऐसा फैसला क्यों लिया।”

बाइडन के लिए हुए इस फैसले को उनके पूर्व में किए गए वादे पर उनका यूटर्न कहा जा रहा है। राष्ट्रपति बाइडन अपने उस वादे से मुकर गए हैं, जिसमें उन्होंने बार-बार कहा था कि वह अपने बेटे को माफ या उसकी सजा कम करने के लिए अपने कार्यकारी अधिकार का इस्तेमाल नहीं करेंगे। ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद भी राष्ट्रपति और व्हाइट हाउस के शीर्ष प्रवक्ता ने सजा माफ न करने की बात दोहराई थी। क्षमा का मतलब है कि हंटर को उनके अपराधों की सजा नहीं मिलेगी। यह उन्हें जेल भेजने की संभावना को खत्म करता है।

अमेरिका में मतदान शुरू, ट्रंप और कमला हैरिस में कांटे की टक्कर, वोटिंग के बीच 7 स्विंग स्टेट्स पर सबकी नजर

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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। भारतीय समय के मुताबिक शाम 6 बजे से मतदान शुरू हो गया है। जहां डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है।ट्रंप अगर जीत हासिल करते हैं तो वो दूसरी बार राष्ट्रपति बनेंगे। वहीं, अगर कमला हैरिस को जीत मिलती है तो वो पहली बार राष्ट्रपति बनेंगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कई राज्यों में मतदान जारी है। वैसे तो मतदान की तारीख आज यानि कि 5 नवंबर है. लेकिन इससे पहले ही करोड़ों लोग वोटिंग कर चुके हैं. यह सुविधा में अमेरिका में है, इसे अर्ली वोटिंग कहते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के इलेक्शन लैब के मुताबिक, अमेरिका के कई हिस्सों में हो रही अर्ली वोटिंग में अब तक लगभग आठ करोड़ लोग वोट डाल चुके हैं। वहीं, आज फ्लोरिडा, जॉर्जिया, इलिनॉइस, लुइसियाना, मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स, मिशिगन, मिसौरी, पेंसिल्वेनिया, रोड आइलैंड, साउथ कैरोलाइना और वॉशिंगटन में वोटिंग हो रही है।

अमेरिका के पेन्सिलवेनिया राज्‍य पर दुनिया की नजरें

इस चुनाव में जॉर्जिया, मिशिगन, और पेंसिल्वेनिया जैसे महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट्स का खास महत्व है। विशेष रूप से पेंसिल्वेनिया को चुनावी परिणामों के लिहाज से अहम माना जा रहा है। यह राज्‍य अमेरिका के स्विंग स्‍टेट का हिस्‍सा है। अमेरिका में 7 स्विंग स्‍टेट हैं और यही फैसला करते हैं कि अगला राष्‍ट्रपति कौन होगा। पेन्सिलवेनिया में कुल 19 इलेक्‍टोरल वोट हैं जो किसी अन्‍य राज्‍य की तुलना में ज्‍यादा है। यहां अब तक कमला हैरिस की डेमोक्रेटिक पार्टी का दबदबा था।

किस 'स्विंग स्टेट' में कौन आगे?

अमेरिका चुनाव से पहले ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक नेवादा में ट्रंप को 51.2 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि हैरिस को 46 प्रतिशत। इसी तर्ज पर नॉर्थ कैरोलिना में ट्रंप को 50.5 प्रतिशत और हैरिस को 47.1 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है। उधर, जॉर्जिया की बात की जाए तो यहां डोनाल्‍ड ट्रंप को 50.1% से 47.6% के अंतर से कमला हैरिस से आगे हैं। मिशिगन में ट्रंप को 49.7 प्रतिशत तो हैरिस को 48.2 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। ऐसे ही पेंसिल्वेनिया में ट्रंप को 49.6 प्रतिशत के मुकाबले हैरिस को 47.8 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। उधर, विस्कॉन्सिन में ट्रंप 49.7 प्रतिशत और कमला हैरिस 48.6 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद हैं।

स्विंग स्टेट क्या हैं और वे महत्वपूर्ण क्यों हैं?

जैसा कि उनके नाम से पता चलता है, स्विंग स्टेट - जिन्हें बैटलग्राउंड स्टेट भी कहा जाता है - राष्ट्रीय चुनाव के नतीजे को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। अमेरिकी राजनीति में, राष्ट्रपति चुनाव एक वेटेज वोटिंग सिस्टम द्वारा तय किए जाते हैं जिसे इलेक्टोरल कॉलेज के रूप में जाना जाता है, न कि लोकप्रिय वोट द्वारा। इस वजह से, स्विंग स्टेट नतीजे तय करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। 50 राज्यों में से प्रत्येक को उनकी जनसंख्या के अनुपात में एक निश्चित संख्या में इलेक्टोरल कॉलेज वोट आवंटित किए जाते हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को जीतने के लिए 270 इलेक्टर हासिल करने होंगे।

राष्ट्रपति चुनाव के बीच अमेरिका एजेंसियां किस बात से डरी? घोषित किया 84 करोड़ का इनाम

#americagive10milliondollarswhogivesinformationrelatedelectioninterference

जल्द ही अमेरिका को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा। अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव में डोनाल्‍ड ट्रंप जीतेंगे या फिर कमला हैरिस, ये तो वक्‍त ही बताएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का सारी दुनिया इंतजार कर रही है।इसी बीच दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका को राष्ट्रपति चुनाव में बाहरी ताकतों के दखल का डर सताने लगा है।अमेरिका को चुनाव के दौरान बाहरी ताकतों के दखल देने या अड़ंगा डालने की खुफिया सूचना मिली है। जिसके बाद अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसियों ने बाहरी दखल से बचने के लिए इससे जुड़ी जानकारी देने वाले को 10 मिलियन डॉलर यानी भारतीय करेंसी में 84 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा भी कर दी है।

ईरानी साइबर फर्म पर आरोप

अमेरिका की राजनीतिक सुरक्षा सेवा न्याय विभाग में इस बाबत बाकायदा पोस्टर निकाल कर जानकारी भी आम लोगों से साझा की है। इसमें उसने ईरानी साइबर फर्म पर आरोप लगाया है कि उसने साल 2020 की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया था। अमेरिकी एजेंसी को डर है कि यह साइबर फर्म एक बार फिर ऐसी कोशिश कर सकती है।

ईरान और रूस से जुड़े लोगों की तस्वीरें जारी

ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कार्पस से जुड़े कुछ लोगों की तस्वीर जारी करते हुए कहा गया है कि इन लोगों ने 2024 के अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने के प्रयास में अनेक साइबर ऑपरेशन किए है। अगर किसी के पास इन व्यक्तियों के बारे में जानकारी है तो सूचना देने पर उसे 10 मिलियन डॉलर तक का इनाम दिया जा सकता है।

अमेरिकी प्रशासन द्वारा एक रूसी मीडिया संगठन से जुड़े लोगों की कुछ तस्वीरें भी जारी की गई है और कहा गया है कि इन लोगों ने 2024 की अमेरिकी चुनाव को टारगेट करते हुए अनेक दुष्प्रचार और गलत सूचनाओं फैलाई है।

बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज 5 नवम्बर को मतदान होने जा रहा है। राष्ट्रपति पद की रेस के लिए रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की उनकी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। अमेरिका भर में प्रारंभिक मतदान और डाक से मतदान पर नजर रखने वाले फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के ‘इलेक्शन लैब’ के अनुसार, 7.8 करोड़ से अधिक अमेरिकी पहले ही अपने वोट डाल चुके हैं। सात अहम राज्यों में से पेंसिल्वेनिया सबसे महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरा है, जिसके पास 19 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावःकैसे चुना जाता है नया राष्ट्रपति, क्या है 'इलेक्टोरल कॉलेज' सिस्टम

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अमेरिका में आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जाने हैं, अब से कुछ ही घंटों बाद जब अमेरिका में सुबह होगी तो लाखों करोड़ों अमेरिकी अपने-अपने मतों का इस्तेमाल करने घर से बाहर निकलेंगे। अमेरिका में महीनों से चल रही राष्ट्रपति पद की रेस का प्रचार 4 नवंबर की रात थम गया। अब इंतजार है मंगलवार की सुबह 7 बजे से शुरु होने वाले मतदान का जो तय करेगा कि व्हाइट हाउस में अगले 4 साल के लिए कौन सा चेहरा होगा। अमेरिका के दो सबसे प्रमुख राजनीतिक दल रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस चुनावी मैदान में हैं। दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होनी है, लिहाजा चुनावी नतीजे भी काफी चौंकाने वाले हो सकते हैं।

वोटिंग का समय क्या है?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग अलग-अलग राज्यों के स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे से लेकर 9 बजे के बीच शुरू होगी। यह भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे से लेकर रात 9:30 बजे तक का समय होगा। वहीं मतदान के लिए अंतिम समय की बात करें तो ज्यादातर वोटिंग सेंटर्स शाम 6 बजे से लेकर देर रात तक जारी रह सकते हैं। यानी अमेरिका में वोटिंग खत्म होने तक भारत में अगला दिन शुरू हो जाएगा। यानी अमेरिका में मतदान भारतीय समयानुसार बुधवार की सुबह 4:30 बजे तक खत्म हो सकते हैं। कई राज्यों में यह समय और अधिक हो सकता है क्योंकि अमेरिका के राज्य कई अलग-अलग टाइम जोन में बंटे हुए हैं।

कब आएंगे नतीजे?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग खत्म होते ही मतों की गिनती शुरू हो जाएगी। काउंटिंग खत्म होने पर पॉपुलर वोट (जनता के वोट) का विजेता घोषित किया जाता है, लेकिन यह हर बार जरूरी नहीं कि जिस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा पॉपुलर वोट मिले हैं वह वाकई में राष्ट्रपति पद का विजेता हो। क्योंकि अमेरिका में असल में राष्ट्रपति का चुनाव पॉपुलर वोट्स नहीं बल्कि इलेक्टोरल कॉलेज करते हैं। इसके अलावा कई बार ऐसा भी हो सकता है कि किसी राज्य में अनुमानित विजेता घोषित किया जा रहा हो जबकि दूसरे में वोटिंग जारी हो। लिहाजा कई बार सटीक नतीजे आने में एक-दो दिन का समय लग जाता है। वहीं दिसंबर में इलेक्टर्स की वोटिंग के बाद 25 दिसंबर तक सारे इलेक्टोरल सर्टिफिकेट सीनेट के प्रेसिडेंट को सौंप दिए जाएंगे। इसके बाद 6 जनवरी, 2025 को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में इलेक्टर्स के वोटों की गिनती होगी, इसी दिन उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस सदन में विजेता के नाम का ऐलान करेंगी।

इलेक्टोरल कॉलेज क्या होते हैं?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज की भूमिका सबसे अहम होती है। इलेक्टोरल कॉलेज अमेरिका के हर राज्य के लिए तय किए गए इलेक्टर्स की संख्या है। किसी भी उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए 538 में से 270 इलेक्टोरल कॉलेज जीतने होंगे। हर राज्य को यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और अमेरिकी सीनेट में उसके प्रतिनिधियों की संख्या के अनुसार ही इलेक्टर्स मिलते हैं। वर्तमान में सबसे ज्यादा 55 इलेक्टर्स कैलिफोर्निया स्टेट में हैं, वहीं सबसे कम इलेक्टर्स की संख्या 3 है, जो कि अमेरिका के वायोमिंग समेत 6 राज्यों में हैं। हालांकि सबसे ज्यादा अहमियत 7 स्विंग स्टेट्स की होती है क्योंकि ज्यादातर राज्यों की तरह इनका रुख पहले से साफ नहीं होता है और यही वजह है कि इन स्विंग स्टेट्स को प्रमुख ‘बैटल फील्ड’ माना जाता है।

किस 'स्विंग स्टेट' में कौन आगे?

अमेरिका चुनाव से पहले ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक नेवादा में ट्रंप को 51.2 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि हैरिस को 46 प्रतिशत। इसी तर्ज पर नॉर्थ कैरोलिना में ट्रंप को 50.5 प्रतिशत और हैरिस को 47.1 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है। उधर, जॉर्जिया की बात की जाए तो यहां डोनाल्‍ड ट्रंप को 50.1% से 47.6% के अंतर से कमला हैरिस से आगे हैं। मिशिगन में ट्रंप को 49.7 प्रतिशत तो हैरिस को 48.2 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। ऐसे ही पेंसिल्वेनिया में ट्रंप को 49.6 प्रतिशत के मुकाबले हैरिस को 47.8 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। उधर, विस्कॉन्सिन में ट्रंप 49.7 प्रतिशत और कमला हैरिस 48.6 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद हैं।

क्या होते हैं स्विंग स्टेट?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में स्विंग स्टेट्स या युद्धक्षेत्र वाले राज्य, उन राज्यों को कहा जाता है, जो चुनाव में डेमोक्रेट या रिपब्लिकन पार्टी, किसी भी तरफ झुक सकते हैं। अमेरिका में कई राज्य अक्सर किसी एक ही पार्टी को वोट देते आए हैं, लेकिन जिन राज्यों में मुकाबला कड़ा रहता है और जिनका तय नहीं है कि वे किस तरफ जाएंगे, उन्हें ही स्विंग स्टेट कहा जाता है। इन राज्यों में दोनों पार्टी के उम्मीदवार प्रचार के दौरान ज्यादा धन और समय लगाते हैं। स्विंग स्टेट की पहचान के लिए कोई परिभाषा या नियम नहीं है और चुनाव के दौरान ही इन राज्यों का निर्धारण होता है।

'नॉर्थेर्न लाइट्स' से जगमगाने वाला है अमेरिका का आसमान, 11 सालों में सबसे अधिक होगा असर

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The Northern Lights, America

अमेरिका का आसमान इस सप्ताह अंत तक एक रंगीन महाकाव्य अवतार धारण करने के लिए तैयार है, क्योंकि अक्टूबर में हमारे सौर मंडल को उग्र प्रकोप से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। स्पेस डॉट कॉम के अनुसार, सूर्य के विशिष्ट 'आग के गोले' के अस्तित्व ने महीने की शुरुआत धमाकेदार तरीके से की और इस सप्ताह की शुरुआत में "अपनी तरह की सबसे शक्तिशाली" सौर ज्वाला को प्रज्वलित किया। हाल ही में हुई सौर ज्वाला के बाद, कुछ उत्तरी अमेरिकी राज्यों के निवासी ऑरोरा बोरेलिस और इसकी आश्चर्यजनक ब्रह्मांडीय आतिशबाजी को देख सकते हैं। स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (SWPC) ने शुक्रवार, 4 अक्टूबर से रविवार, 6 अक्टूबर तक के लिए G3 (मजबूत) जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म वॉच जारी की।

SWPC ने 4 अक्टूबर को ट्वीट किया: “भू-चुंबकीय तूफान श्रेणी G3 का पूर्वानुमान लगाया गया

दिन के हिसाब से उच्चतम तूफान स्तर का पूर्वानुमान लगाया गया:

अक्टूबर 05: G3 (मजबूत) अक्टूबर 06: G3 (मजबूत) अक्टूबर 07: G1 (मामूली)

जारी करने का समय: 2024 अक्टूबर 04 1857 UTC."

राष्ट्रीय महासागर और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) ने शुरू में पूर्वानुमान लगाया था कि जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म वॉच शनिवार को समाप्त हो जाएगी, लेकिन बाद के अपडेट ने अवधि को रविवार तक बढ़ा दिया। मौसम विज्ञान एजेंसी ने पुष्टि की कि जब तक मौसम अनुकूल है, ऑरोरा चेज़र संभवतः "देखने में काफी सुखद" नृत्य करने वाली ध्रुवीय रोशनी का एक प्रभावशाली दृश्य देख पाएंगे। ध्रुवीय रोशनी के प्रमुख दृश्य के लिए, NOAA ने स्टारगेज़र को ध्रुवों के करीब यात्रा करने की सलाह दी और प्रकाश से बचने की चेतावनी दी। 

उत्तरी लाइट्स कहाँ दिखाई देने की उम्मीद है?

क्लिक ऑन डेट्रॉइट ने बताया कि मिशिगन के सभी लोगों को ध्रुवीय इंद्रधनुष देखने का मौका मिलेगा। फोर्ब्स के अनुसार, महाद्वीपीय अमेरिकी राज्य जो ऑरोरा बोरेलिस के अलौकिक दृश्यों से धन्य हो सकते हैं, उनमें वाशिंगटन, इडाहो, मोंटाना, व्योमिंग, नॉर्थ डकोटा, साउथ डकोटा, मिनेसोटा, आयोवा, विस्कॉन्सिन, मिशिगन, न्यूयॉर्क, वर्मोंट, न्यू हैम्पशायर और मेन शामिल हैं।

हाल ही में हुए सौर फ्लेयर्स के बारे में अधिक जानकारी

सूर्य का 11 साल लंबा चक्र भू-चुंबकीय तूफानों के लिए जिम्मेदार रहा है, जिसके परिणामस्वरूप आकाश में उत्तरी लाइट्स उत्पन्न हुई हैं। सौर चक्र 25 दिसंबर 2019 में शुरू हुआ, और नासा का अनुमान है कि यह अगले साल तक जारी रहेगा। इसके चल रहे चक्र के 2024 के अंत और 2026 की शुरुआत के बीच चरम पर पहुंचने की उम्मीद है, जिससे और अधिक भू-चुंबकीय तूफान आएंगे। बुधवार को X7.1 की तीव्र सौर ज्वाला के बाद गुरुवार को X9.0 की सौर ज्वाला देखी गई - यह असामान्य विकास चक्र 25 में सबसे तीव्र है।

सौर चक्र औसतन 11 वर्ष की अवधि है, जिसके दौरान सूर्य न्यूनतम गतिविधि से अधिकतम और फिर न्यूनतम पर चला जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हर 11 साल में सूर्य अपने चुंबकीय ध्रुवों को पलट देता है," NOAA के प्रवक्ता ने फॉक्स न्यूज़ डिजिटल को बताया। "हालांकि यह कहना मुश्किल है कि भू-चुंबकीय तूफानों के दौरान ऑरोरल सीमा वास्तव में क्या हो सकती है - आम तौर पर G3 [भू-चुंबकीय तूफान] स्तर का ऊपरी छोर उत्तरी न्यूयॉर्क के निवासियों के लिए ऑरोरा देखना संभव बना सकता है," उन्होंने कहा। 

భారత్‌కు గుడ్ న్యూస్.. ఆ సంపదను తిరిగిచ్చేస్తున్న అమెరికా..

 4 వేల పురాతన వస్తువులను అమెరికా.. భారత్‌కు ఇచ్చేయడానికి సిద్ధమైంది. భారత్ నుంచి అక్రమంగా తరలించిన అత్యంత విలువైన పురాతన వస్తువులను తిరిగిచ్చేందుకు అమెరికా నిర్ణయం తీసుకుంది. భారత ప్రధానమంత్రి నరేంద్రమోదీ అమెరికా పర్యటన సందర్భంగా ఆ దేశం ఈ నిర్ణయం తీసుకుంది.

 4 వేల పురాతన వస్తువులను (4 Thousand Antiques) అమెరికా (America).. భారత్‌ (India)కు ఇచ్చేయడానికి సిద్ధమైంది. భారత్ నుంచి అక్రమంగా తరలించిన అత్యంత విలువైన పురాతన వస్తువులను తిరిగిచ్చేందుకు అమెరికా నిర్ణయం తీసుకుంది. భారత ప్రధానమంత్రి నరేంద్రమోదీ (PM Modi) అమెరికా పర్యటన (America Tour) సందర్భంగా ఆ దేశం ఈ నిర్ణయం తీసుకుంది. ఇందులో 2వేలు బీసీఈ (BCE) – 19వేల సీఈ (СЕ) - వరకు అంటే 4వేళ ఏళ్ల పరిధిలోని యాంటిక్విటీస్ ఉన్నాయని భారత్ అధికారులు తెలిపారు. ఇండియాకు రానున్న తూర్పు భారతంలోని టెర్రకోట బొమ్మలు, కళాకృతులు; ఇతర ప్రాంతాల్లోని రాతి, లోహ, కలప, ఐవరీ శిల్పాలు.. త్వరలోనే వీటిని భారత్‌కు తరలించనున్నట్లు విదేశాంగ శాఖ అధికారులు ప్రకటించారు.

కాగా ‘‘క్వాడ్‌ కూటమి ఏ దేశానికీ వ్యతిరేకం కాదు. అన్ని దేశాల సార్వభౌమత్వాన్ని గౌరవిస్తాం. భద్రత, అభివృద్ధి చెందుతున్న సాంకేతికత, వాతావరణ మార్పులు, సామర్థ్య నిర్మాణమే మా లక్ష్యం. సమస్యలను శాంతియుతంగా పరిష్కరించుకోవడమే క్వాడ్‌ అభిమతం. మేం(క్వాడ్‌ కూటమి) నిలబడతాం.. బలపడతాం’’ అని భారత ప్రధాని నరేంద్ర మోదీ ఉద్ఘాటించారు. అమెరికా అధ్యక్షుడు జోబైడెన్‌ స్వస్థలమైన విల్మింగ్టన్‌లో ఆదివారం జరిగిన క్వాడ్‌ దేశాధినేతల శిఖరాగ్ర సదస్సులో ఆయన మాట్లాడారు. నాలుగేళ్లక్రితం ఇండో-పసిఫిక్‌ రీజియన్‌లో స్వేచ్ఛాయుత వాణిజ్యం, భద్రత వంటి అంశాలతో అమెరికా, ఆస్ట్రేలియా, జపాన్‌, భారత్‌ కలిసి క్వాడ్‌ కూటమిగా ఏర్పడ్డ విషయం తెలిసిందే..! ఈ కూటమి ఏర్పడి నాలుగేళ్లు పూర్తయిన సందర్భంగా జరిగిన సదస్సులో మోదీ, బైడెన్‌తోపాటు.. ఆస్ట్రేలియా ప్రధాని అల్బనెస్‌, జపాన్‌ ప్రధాని కిషిదా పాల్గొన్నారు.

క్వాడ్‌కు వ్యతిరేకంగా చైనా వ్యాఖ్యలు చేస్తున్న నేపథ్యంలో.. మోదీ ఆ దేశం పేరును ప్రస్తావించకుండా తాము అన్ని దేశాల సార్వభౌమత్వాన్ని గౌరవిస్తామని, ఎవరికీ వ్యతిరేకం కాదని స్పష్టం చేశారు. తమ సందేశం ఒక్కటేనని, బలంగా నిలబడి, సభ్యదేశాల సహకారానికి కృషిచేస్తామని పేర్కొన్నారు. ‘‘ప్రపంచంలో ఉద్రిక్తతలు, సంఘర్షణలు చోటుచేసుకుంటున్న సమయంలో క్వాడ్‌ కూటమి ఏర్పాటైంది. మానవాళి శ్రేయస్సుకు, ప్రజాస్వామ్య విలువల పరిరక్షణకు కంకణబద్ధమైంది. క్వాడ్‌ సదస్సులో ఫలవంతమైన చర్చలు జరిగాయి.

ప్రపంచానికి మేలు జరిగేలా ఇంకా సమర్థంగా పనిచేయాలని నిర్ణయించాం’’ అని ఆయన వ్యాఖ్యానించారు. ఇండో-పసిఫిక్‌ రీజియన్‌లో స్వేచ్ఛాయుత వాణిజ్యానికి సహకరించేందుకు భారత్‌ కట్టుబడి ఉందన్నారు. అంతకు ముందు ఆయన ‘క్వాడ్‌ క్యాన్సర్‌ మూన్‌షాట్‌ ఈవెంట్‌’లో మాట్లాడుతూ.. ఇండో-పసిఫిక్‌ రీజియన్‌ దేశాల్లో గర్భాశయ ముఖద్వార క్యాన్సర్‌ పరీక్షలు, గుర్తింపు, చికిత్సకు భారత్‌ తరఫున రూ.62.61 కోట్ల(7.5 మిలియన్‌ డాలర్లు)ను అందజేస్తామని ప్రకటిస్తూ.. తమ లక్ష్యం ‘ఒక భూగోళం.. ఒక ఆరోగ్యం’ అంటూ నినదించారు. ఈ రీజియన్‌లోని దేశాలకు 4 కోట్ల డోసుల క్యాన్సర్‌ టీకాలను అందజేస్తామన్నారు.

క్వాడ్‌ దేశాధినేతల తదుపరి సదస్సు వచ్చే ఏడాది భారత్‌లో జరగనుంది. నాలుగేళ్ల క్రితం ఈ సంస్థ ఆవిర్భవించగా.. అమెరికా, ఆస్ట్రేలియా, జపాన్‌, భారత్‌లలో సదస్సులు నిర్వహించాలని నిర్ణయించారు. నిజానికి ఈ సంవత్సరం భారత్‌ వంతు కాగా.. తన పదవీకాలం ముగుస్తున్న నేపథ్యంలో తన స్వస్థలంలో సమ్మిట్‌కు అనుమతించాలని అమెరికా అధ్యక్షుడు బైడెన్‌ విజ్ఞప్తి చేశారు. దాంతో.. వచ్చే ఏడాది సదస్సును భారత్‌లో ఏర్పాటు చేయాలని తీర్మానించారు

విల్మింగ్టన్‌లో శనివారం బైడెన్‌-మోదీ ద్వైపాక్షిక చర్చలు జరిపిన విషయం తెలిసిందే..! ఈ చర్చల్లో భాగంగా మోదీపై బైడెన్‌ పొగడ్తల వర్షం కురిపించినట్లు విదేశాంగ శాఖ అధికారులు తెలిపారు. ముఖ్యంగా ఉక్రెయిన్‌లో మోదీ పర్యటన.. శాంతికోసం ఆయన చేస్తున్న కృషిని అభినందించినట్లు వివరించారు. కొవిడ్‌ సమయంలో ‘టీకా మైత్రి’ మొదలు.. ఇటీవలి జీ20 సమ్మిట్‌ వరకు ప్రపంచ క్షేమం కోసం భారత్‌ చేస్తున్న కృషిని కొనియాడినట్లు పేర్కొన్నారు. ఇరువురు నేతల భేటీలో.. సెమీకండక్టర్లు మొదలు.. అంతరిక్షం దాకా పలు అంశాలపై చర్చలు జరిగినట్లు తెలిపారు. భారత్‌-అమెరికా మధ్య కీలకమైన రక్షణ, క్లీన్‌ ఎనర్జీ, గ్లోబల్‌ హెల్త్‌పై ఒప్పందాలు కుదిరినట్లు వెల్లడించారు. ఐక్య రాజ్య సమితి(ఐరాస)లో భారత్‌ శాశ్వత సభ్యత్వానికి కృషిచేస్తానని బైడెన్‌ పేర్కొన్నట్లు వివరించారు.

चीन ने लद्दाख में दिल्ली जितनी जमीन पर कब्जा किया, यूएस में राहुल गांधी का दावा

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कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अमेरिका दौरे पर है। पिछले तीन दिनों से राहुल गांधी अमेरिका में अलग-अलग जगहों पर लोगों को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान उनके बयानों ने भारत में सियासी पारा हाई कर रखा है। यहां देश में उनके बयानों पर बहस छिड़ी हुई है। मंगलवार को आरक्षण खत्म करने को लेकर दिए गे बयान के बाद राहुल गांधी ने चीन को लेकर ऐसा दावा किया है, जिससे एक बार फिर सियासी भूचाल आना तय है। राहुल गांधा का दावा है कि चीनी सैनिकों ने लद्दाख में दिल्ली के आकार की जमीन पर कब्जा जमाया हुआ है।

4,000 वर्ग किलोमीटर में चीनी सैनिकों कब्जा-राहुल गांधी

अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा, अगर आप कहते हैं कि हमारे क्षेत्र के 4,000 वर्ग किलोमीटर में चीनी सैनिकों का होना किसी चीज़ से ठीक से निपटना है, तो शायद हमने लद्दाख में दिल्ली के आकार की ज़मीन पर चीनी सैनिकों का कब्ज़ा कर रखा है। मुझे लगता है कि यह एक आपदा है।

पीएम मोदी ने चीन से ठीक से नहीं निपटा-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने इसके साथ ही कहा, अगर कोई पड़ोसी देश आपकी 4000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्ज़ा करले तो अमेरिका की क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या कोई राष्ट्रपति यह कहकर बच निकल पाएगा कि उसने इसे ठीक से संभाला है? इसलिए मुझे नहीं लगता कि पीएम मोदी ने चीन से ठीक से निपटा है। मुझे लगता है कि कोई कारण नहीं है कि चीनी सैनिक हमारे क्षेत्र में बैठे रहें।

ये पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेता ने चीन को लेकर ऐसा दावा किया हो। पिछले साल भी राहुल गांधी ने इसी तरह का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर लद्दाख में भारत-चीन सीमा की स्थिति पर विपक्ष से झूठ बोलने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि चीन ने भारतीय जमीन छीन ली है। हालांकि, केन्द्र की बीजेपी सरकार कांग्रेस के इस दावे को बार-बार खारिज करती आ रही है।

अर्जेंटीना ने कोपा अमेरिका 2024 के फाइनल में कोलंबिया को 1-0 से हराया,आखिरी हाफ में मेसी हुए चोटिल, आंखों से निकले आंसू

कोफा अमेरिका के फाइनल (Copa America 2024 Final) में अर्जेंटीना ने आखिरकार अतिरिक्त समय में शानदार गोल करके कोलंबिया को 1-0 से हरा दिया. इस मैच में मेसी (Lionel Messi) चोटिल भी हो गए थे लेकिन इसके बाद भी अर्जेंटीना की टीम खिताब जीतने में सफल रही अर्जेंटीना ने लगातार दूसरी बार कोपा अमेरिका का खिताब जीत लिया. है. 2021 में भी टीम अर्जेंटीना ने खिताब पर कब्जा जमाया था. बता दें कि मैच के दौरान एक ऐसा मौका आया जब महान दिग्गज लियोनेल मेसी फूट फूट कर रोते हुए नजर आए. दरअसल, मैच के 66वें मिनट में मेसी रोते हुए मैदान से बाहर आए. इस तस्वीर को जिसने भी देखा वह इमोशनल हो गया.

कोलंबिया के खिलाफ मैच के दौरान दूसरे हाफ में मेसी को मैदान छोड़कर बाहर जाना पड़ा था. उस समय दोनों टीमों का स्कोर -0-0 की बराबरी पर था. मैच के दौरान मेसी के दाहिने पैर के एंकल में चोट लग गई, दर्द और फाइनल मैच का जुड़ाव इतना था कि मेसी जब मैदान से बाहर जा रहे थे तो उनके आंखों में आंसू थे. फैन्स भी मेसी को इस तरह से देखकर काफी भावुक हो गए हैं.

मेसी चोट के कारण मैदान से बाहर गए , जिसके कारण उनके सबस्टिट्यूट के तौर पर निकोलस गोंजालेज को मैदान पर उतरना पड़ा था. वहीं, दूसरी ओर जब मेसी मैदान से बाहर गए और बेंच पर बैठकर मैच को देखकर रहे थे तो उनका चेहरा पूरी तरह से उतरा हुआ था. उनके आंखें से आंसू लगातार बह रहे हैं. मेसी ने अपने पैर पर आइस पैक लगाया हुआ था.

मैच का निर्धारित समय खत्म हुआ तो दोनों टीमों का स्कोर 0-0 की बराबरी पर था. दोनों टीमों ने कोई गोल नहीं किया था. फुल टाइम के बाद अर्जेंटिना 0 और कोलंबिया 0 पर थी. जिसके कारण मैच को एक्स्ट्रा टाइम तक ले जाया गया. लेकिन इसके बाद जो हुआ उसने फैन्स को हैरान करके रख दिया. 

 अर्जेंटिना ने जीता कोपा अमेरिका का खिताब

अर्जेंटीना ने कोपा अमेरिका 2024 के फाइनल में कोलंबिया को 1-0 से हराया. लियोनेल मेस्सी को चोट के कारण मैदान से बाहर होना पड़ा, लेकिन सुपर-सब लुटारो मार्टिनेज ने अतिरिक्त समय में अपनी टीम को जीत दिलाई. संभावित पेनल्टी पर देर से VAR जांच ने अर्जेंटीना के खिलाड़ियों को परेशान कर दिया, लेकिन रेफरी ने कहा कि फैसला लियोनेल मेस्सी की टीम के पक्ष में है. दरअसल, मैच के 112वें मिनट में अर्जेंटीना के लिए लुटारो मार्टिनेज ने गोल किया और अपनी बढ़त को बनाए रखा. आखिरकार मेसी की टीम ने अतिरिक्त समय में शानदार खेल दिखाकर 1-0 से मैच को जीत लिया. अर्जेंटीना ने 16वीं बार खिताब को अपने नाम करने में सफलता हासिल की

जीत मिलते ही उछल पड़े मेसी

वहीं, जब कोपा अमेरिका का खिताब अर्जेंटिना की टीम ने जीता तो बेंच पर बैठे मेसी खिलखिलाकर हंस पड़े. मेसी अपने दर्द को भूलकर जीत का जश्न मनाने लगे. मेसी के साथ-साथ उनके फैन्स भी इस जीत का जश्न मनाते हुए नजर आए. मेसी की खुशी देखने लायक थी. 

पाकिस्तान को मोदी जैसे नेता की जरूरत, पाकिस्‍तानी अमेरिकी अरबपति साजिद तरार का बड़ा बयान

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देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। बीजेपी को इस चुनाव में भी बंपर जीत का भरोसा है। बीजेपी पूरी तरह से आश्वस्त है कि नरेन्द्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। बीजेपी ही नहीं पाकिस्तान मूल के अमेरिकी कारोबारी ने भी दावा किया है कि भारत में चल रहे चुनाव में लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी को जीत मिलेगी और फिर से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। यही नहीं, साजिद तरार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक मजबूत नेता हैं जिन्होंने भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है और मोदी जैसे नेता की पाकिस्तान को भी जरूरत है।

पीएम मोदी की जमकर की तारीफ

पाकिस्तानी मूल के बिजनेसमैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप की जमकर तारीफ की है।बाल्टीमोर में रहने वाले पाकिस्तानी अमेरिकी कारोबारी साजिद तरार ने कहा कि मोदी न केवल भारत के लिए अच्छे हैं बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए भी अच्छे हैं।साजिद तरार ने कहा कि मोदी जैसे नेता की पाकिस्तान को भी जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान को भी उनके जैसा कोई नेता मिलेगा। तरार ने पीटीआई-भाषा से कहा, मोदी एक शानदार नेता हैं। वह ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में पाकिस्तान का दौरा किया। मैं उम्मीद कर रहा हूं कि मोदी जी पाकिस्तान के साथ संवाद और व्यापार शुरू करेंगे।

भविष्य में लोग भारतीय लोकतंत्र से सीखेंगे-तरार

साजिद तरार ने कहा कि हर जगह यही कहा जा रहा है कि नरेंद्र मोदी भारत के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा, यह चमत्कार से कम नहीं है कि भारत में 97 करोड़ लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। मैं वहां मोदी जी की लोकप्रियता देख रहा हूं और 2024 में भारत का शानदार उदय होते देख रहा हूं। आप भविष्य में देखेंगे कि लोग भारतीय लोकतंत्र से सीखेंगे।

पाकिस्तान के आर्थिक हालात का किया जिक्र

एक सवाल के जवाब में तरार ने कहा, पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है, इसके चलते पीओके समेत देश के कई हिस्सों में सामाजिक तनाव भी हो रहा है। तरार ने कहा पाकिस्तान में महंगाई बहुत है। पेट्रोल के दाम उच्च स्तर पर हैं। बिजली भी महंगी हो गई है। हम निर्यात नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा, पीओके में मुख्यता महंगी बिजली को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। इतना ही नहीं तरार ने कहा, जमीनी मुद्दों को हल नहीं किया जा रहा है. कैसे निर्यात बढ़ाया जाए? कैसे आतंकवाद पर कंट्रोल किया जाए और कानून व्यवस्था सुधारी जाए।

हांगकांग और सिंगापुर के बाद भारतीय मसालों पर अब अमेरिका भी अलर्ट, इन दो कंपनियों को लग सकता है बड़ा झटका

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भारतीय मसालों के दो सबसे पॉपुलर ब्रांड एवरेस्ट और एमडीएच को लेकर अब अमेरिका में भी सवाल खड़े हो रहे हैं।सिंगापुर और हांगकांग में कार्रवाई के बाद भारतीय मसालों पर संकट बढ़ता जा रहा है। सिंगापुर और हांगकांग ने इन मसालों में कथित तौर पर कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशक पाए जाने की बात कही थी। इसके बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने इनकी जांच के लिए देश भर से सैंपल मंगाने का आदेश दिया था। लेकिन इन मसालों का मामला थमता नहीं दिखाई दे रहा है। अब अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारी भी इस मामले में हरकत में आ गए हैं। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने दोनों भारतीय मसालों में कैंसर वाले केमिकल का पता लगाने के लिए जांच शुरू की है।

FDA के एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स को बताया, “FDA रिपोर्टों से अवगत है और स्थिति के बारे में अतिरिक्त जानकारी इकट्ठा कर रहा है।” हांगकांग और सिंगापुर के कदमों के बाद भारत में दो सबसे लोकप्रिय मसाला ब्रांड भी गुणवत्ता मानकों के लिए भारतीय नियामक की जांच के दायरे में हैं।

हांगकांग ने इस महीने फिश करी के लिए तीन एमडीएच मसाला मिश्रण और एक एवरेस्ट मसाला मिश्रण की बिक्री निलंबित कर दी है। वहीं, सिंगापुर ने एवरेस्ट मसाला मिश्रण को वापस लेने का आदेश देते हुए कहा कि इसमें एथिलीन ऑक्साइड का उच्च स्तर है, जो इंसानों के इस्तेमाल के लिए फिट नहीं है और लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से कैंसर का खतरा है। हांगकांग ने एडीएच के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्स पाउडर और करी पाउडर मिक्स्ड मसाला पर बैन लगाया है। जबकि सिंगापुर ने अपने नागरिकों को एवरेस्ट के फिश करी मसाला पाउडर इस्तेमाल करने से रोक दिया है। साथ कंपनी को इसे बाजार से वापस लेने का आदेश दिया है।

इस बीच खबर आई है कि भारत के पड़ोसी देश मालदीव ने भी एमडीएच और एवरेस्ट मसालों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। मालदीव फूड एंड ड्रग अथॉरिटी ने ये आदेश जारी किया है।

ईयू ने जारी की 527 प्रोडक्ट्स की लिस्ट

इस बीच यूरोपीय यूनियन ने 527 ऐसे भारतीय प्रोडक्ट्स की लिस्ट जारी की है, जिनमें एथिलीन ऑक्साइड या अन्य केमिकल्स की मौजूदगी पाई गई है. इनमें भारत से निर्यात होने वाले बादाम, मसाले, जड़ी-बूटी और यहां तक कि ऑर्गेनिक सर्टिफिकेट वाले कई प्रोडक्ट्स भी मौजूद हैं। यूरोपीय यूनियन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत से मंगाए गए 527 फूड प्रोडक्ट्स में से 313 ड्राई फ्रूट्स और तिल से बने आइटम्स, 60 तरह की जड़ी-बूटियों और मसाले, 48 डायट्री फूड और सप्लीमेंट आइटम्स और बाकी 34 अन्य प्रोडक्ट्स में भी कैंसर पैदा करने वाले केमिकल मिले हैं।

भारत सरकार कर रही समीक्षा

हांगकांग और सिंगापुर के बैन और यूरोपीय यूनियन की लिस्ट जारी होने के बीच भारत सरकार पूरे मामले को लेकर सजग है। सरकार ने सख्त आदेश दिए हैं कि सिंगापुर और हांगकांग जाने वाले प्रोडक्ट्स की जांच की जाए. वहीं भारतीय मसाला बोर्ड हांगकांग और सिंगापुर के बैन की समीक्षा कर रहा है। इतना ही नहीं भारत के फूड सेफ्टी रेग्युलेटर ‘भारतीय खाद्य संरक्षा और सुरक्षा मानक प्राधिकरण’ (एफएसएसएआई) ने देशभर से अलग-अलग ब्रांड्स के मसाला प्रोडक्ट्स जारी करने शुरू कर दिए हैं। वह इन सभी का क्वालिटी चेक्स कर रहा है। एफएसएसएआई का कहना है कि वह समय-समय पर ऐसे चेक्स करता रहता है।