संविधान दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू का संबोधन, बोलीं-संविधान से हमारा स्वाभिमान सुनिश्चित हुआ
#presidentmurmuaddressesbothparliamenthousestodayonconstitution_day
![]()
पूरा भारत आज संविधान दिवस मना रहा है। आज ही के दिन 1949 में भारत ने अपने संविधान को अंगीकार किया था। इस मौके पर विशेष समारोह पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत का लोकतंत्र दुनिया के लिए मिसाल है। संविधान से हमारा स्वाभिमान सुनिश्चित हुआ है।
संसद भवन के सेंट्रल हॉल से बोलते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज के दिन 26 नवंबर 1949 में संविधान सभा के सदस्यों ने भारत संविधान के निर्माण का कार्य संपन्न किया था। आज के दिन उस पर हम भारत के लोगों ने अपने संविधान को अपनाया था। स्वाधीनता के बाद संविधान सभा ने भारत की अंतरिम संसद के रूप में भी कर्तव्य का निर्वाहन किया।
25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालना बड़ी उपलब्धि
अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संविधान औपनिवेशिक मानसिकता छोड़कर राष्ट्रवादी सोच अपनाने का मार्गदर्शक दस्तावेज है। 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालना देश की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे संविधान-निर्माता चाहते थे कि हमारे व्यक्तिगत और लोकतांत्रिक अधिकार हमेशा सुरक्षित रहें।
तीन तलाक से लेकर आर्टिकल-370 तक का जिक्र
संविधान दिवस के मौके पर संसद में आयोजित विशेष कार्यक्रम में देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीन तलाक को खत्म करना और जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 को हटाने का जिक्र किया। तीन तलाक को खत्म करने के कदम को राष्ट्रपति मुर्मू ने महिलाओं के सशक्तीकरण से जोड़ा। राष्ट्रपति ने कहा, तीन तलाक से जुड़ी सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाकर संसद ने हमारी बहनों और बेटियों के सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए। देश के आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), लागू किया गया। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से एक ऐसी बाधा दूर हुई जो देश के समग्र राजनीतिक एकीकरण में रुकावट डाल रही थी। नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला नेतृत्व वाले विकास के एक नए युग की शुरुआत करेगा। इस वर्ष 7 नवंबर से शुरू होकर, हमारे राष्ट्रगान वंदे मातरम की रचना के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव आयोजित किया जा रहा है।
9 भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण जारी
इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया सहित 9 भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण जारी किया।







1 hour and 24 min ago
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
2.1k