आईए जानते है कार्तिक अमावस्या 20 अक्टूबर 2025 को दीपावली मनाई जाएगी -भूपेंद्रानंद महाराज
उपेन्द्र कुमार पांडेय,आजमगढ़। अमावस्या के दो दिन होने से तिथि-पर्व भ्रम को दूर करते हुए ज्योतिषाचार्य भूपेन्द्रानन्द गुरु जी ने बताया कि 20 अक्टूबर को प्रदोष और निशीथ काल (मध्य रात्रि) दोनों में कार्तिक अमावस्या तिथि का मिलन दीपावली को मनाने के लिए शास्त्र सम्मत है। 21 अक्टूबर को सूर्यास्त शाम 5.40 बजे होगा, जिससे अमावस्या 21 अक्टूबर को सूर्यास्त से पूर्व समाप्त हो जाएगी और शाम 4.26 के बाद कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि प्रारंभ होगी।
प्रदोष और रात्रि व्यापिनि कार्तिक अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को ही प्राप्त होगी। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद दो घटी रहता है, जिसमें एक घटी 24 मिनट की होती है। इस प्रकार, सूर्यास्त से 48 मिनट का समय प्रदोष काल होगा, जो 20 अक्टूबर को ही मिलेगा। वहीं, 21 अक्टूबर को कार्तिक अमावस्या स्नान-दान श्राद्ध की होगी। इस बार कार्तिक अमावस्या पर भौमवती अमावस्या होने से गंगा स्नान सहस्त्र सूर्य ग्रहण का फल देने वाला होगा।
दीपावली पूजन का मुख्य काल प्रदोष काल है, जिसमें स्थिर लग्न की प्रधानता आवश्यक है। स्थिर लग्न वृष शाम 7.10 बजे से रात 9.06 बजे तक रहेगा। इस वर्ष दिन का स्थिर लग्न कुंभ दिन में 2.34 बजे से शाम 4.05 बजे तक होगा। सिंह लग्न मध्य रात्रि के बाद आने से निशीथ काल में महाकाली पूजन होगा। ज्योतिष भूपेन्द्रानन्द गुरु जी।












Oct 18 2025, 20:02
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
1.5k