गया: पितृपक्ष मेला महासंगम के सफल आयोजन के बाद सम्मान समारोह पर विवाद
गया: पितृपक्ष मेला महासंगम 2025 के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद आयोजित सम्मान समारोह की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। नमो फाउंडेशन के बिहार प्रदेश सचिव संदीप मिश्रा ने आरोप लगाया है कि मेले की सफलता में वास्तविक योगदान देने वाले कई महत्वपूर्ण लोगों को सम्मान से वंचित रखा गया है।
सम्मान समारोह पर उठे सवाल
मेले का सफल आयोजन जिलाधिकारी शशांक शुभंकर के नेतृत्व में हुआ था, जिसमें विष्णुपद मंदिर समिति, नगर निगम के सफाई कर्मचारी, पुलिस बल, मेडिकल टीमें, स्क्वाड गाइड और पत्रकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि, संदीप मिश्रा ने आरोप लगाया कि सम्मान समारोह में गंभीर विसंगतियां देखने को मिलीं:
योगदानकर्ताओं की अनदेखी: कई ऐसे लोगों को सम्मानित किया गया जो मेले के दौरान मंदिर या क्षेत्र में दिखाई भी नहीं दिए, जबकि जिन्होंने दिन-रात मेहनत की उन्हें छोड़ दिया गया।
नगर आयुक्त की अनुपस्थिति: नगर निगम के प्रयासों के बावजूद नगर आयुक्त समारोह में मौजूद नहीं थे।
पत्रकारों की उपेक्षा: मीडिया हाउस की ओर से किसी भी पत्रकार को सम्मानित नहीं किया गया, जबकि उन्होंने मेले के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाई थी, जिससे तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ी।
पार्षदों को वंचित रखा: मेला क्षेत्र की वार्ड पार्षद चंदू देवी को भी सम्मानित नहीं किया गया, जबकि दूसरे वार्ड के पार्षद के प्रतिनिधि को सम्मान मिला।
"मेहनत करने वालों को नहीं, चाटुकारिता करने वालों को सम्मान"
संदीप मिश्रा ने आरोप लगाया कि सम्मान केवल "चेहरा देखकर" या जिला प्रशासन की "चाटुकारिता" करने वाले लोगों को दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रशस्ति पत्र से मनोबल बढ़ता है, लेकिन इस बार मेहनत करने वालों की उपेक्षा हुई है।
उन्होंने जिलाधिकारी शशांक शुभंकर से इस पूरे मामले की समीक्षा करने और उन सभी लोगों को पुनः सम्मानित करने का आग्रह किया है, जिन्होंने पितृपक्ष मेला महासंगम 2025 को सफल बनाने में अपना भरपूर सहयोग दिया था।
Sep 27 2025, 16:59