दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता को मिली जेड श्रेणी की सुरक्षा, हमले के बाद सिक्योरिटी में हुआ बदलाव

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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था में कुछ बदलाव किया गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को जेड श्रेणी की सुरक्षा दे दी गई है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को जेड श्रेणी की सीआरपीएफ सुरक्षा प्रदान कर दी है।

सीआरपीएफ ने संभाली कमान

दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता को जेड श्रेणी का सीआरपीएफ सिक्योरिटी कवर दिया जाएगा। सीआरपीएफ ने बीती रात से ही दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता की सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया है, जो जेड श्रेणी की है। दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता सेंट्रल प्रोटेक्टी नहीं थीं। हमले से पहले उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस पर थी। कल दिल्ली सीएम पर हमले के बाद ये अहम फैसला लिया गया है जिसके तहत रेखा गुप्ता को सीआरपीएफ जेड कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया करवाई गई है।

जनसुनवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में भी बदलाव

सीएम रेखा गुप्ता पर बुधवार को जनसुनवाई के दौरान हुए हमले के बाद उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हुए बदलाव में तय किया गया है कि जनसुनवाई के दौरान सुरक्षा अब नए सिरे से होगी। जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी सीएम के नजदीक न जा पाए और सुनवाई के दौरान पहले शिकायत को वेरीफाई किया जाएगा इसके बाद ही सीएम उस मामले पर सुनवाई करेंगी।

आरोपी राजेश खिमजी पांच दिन की पुलिस रिमांड पर

इससे पहले, दिल्ली में बुधवार को साप्ताहिक जनसुनवाई के दौरान दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार आरोपी राजेश खिमजी को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। आरोपी राजेश को दिल्ली पुलिस ने देर रात दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के द्वारका स्थित एक मजिस्ट्रेट के घर पर पेश किया गया।

सीएम रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हमला

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता के सरकारी आवास पर बुधवार सुबह साप्ताहिक जनसुनवाई के दौरान फरियादी बनकर आए एक युवक ने अचानक मुख्यमंत्री पर हमला कर दिया। आरोपी ने सीएम को कुछ पेपर दिए इसके बाद उसने चिल्लाना शुरू कर दिया। बाद में आरोपी ने सीएम का हाथ और बाल पकड़े और उनके साथ धक्का-मुक्की करने लगा। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि आरोपी ने सीएम को थप्पड़ भी मार दिया। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने थप्पड़ मारने की बात से इंकार किया है। आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया गया। वहां मौजूद लोगों ने उसकी पिटाई कर दी।

पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप की बढ़ीं मुश्किलें, अब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में किया गिरफ्तार

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केंद्रीय कारा पलामू में बंद माओवादी संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप उर्फ दिनेश उर्फ अमरजीत सिंह उर्फ बाबा को अब ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। दिनेश गोप को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है और उसे इस केस में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। ईडी ने पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत दिनेश गोप के खिलाफ इन्फोर्समेंट केस इनफार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी।

2023 को टेरर फंडिंग मामले में नेपाल से हुई थी गिरफ्तार

बुधवार को कोर्ट में दिनेश गोप की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी हुई। इसके बाद उसे इस मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। दिनेश गोप को इससे पहले 21 मई 2023 को टेरर फंडिग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने नेपाल से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी से पहले झारखंड सरकार ने उस पर 25 लाख रुपए और एनआईए ने पांच लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। फिलहाल, वह पलामू सेंट्रल जेल में बंद है।

लगातार जांच के बाद अब गिरफ्तारी

ईडी ने एनआईए में दर्ज टेरर फंडिंग से संबंधित केस के आधार पर ही पीएमएल अधिनियम के तहत इंफोर्समेंट केस इंफार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) किया था। उसी केस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी के बाद कोर्ट ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है। इस केस में ईडी ने जुलाई 2023 में लगातार दो दिनों तक दिनेश गोप से पूछताछ भी की थी। इसके बाद उसके विरुद्ध छानबीन होती रही और अंतत: उसे अपने केस में गिरफ्तार दिखाया।

30 दिन हिरासत में रहे तो चली जाएगी पीएम-सीएम की कुर्सी, लोकसभा में बिल पेश, विपक्ष ने फाड़ी विधेयक की कॉपी

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केंद्र सरकार ने लोकसभा में तीन अहम विधेयक पेश किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को 130वां संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया। इस दौरान जमकर हंगामा देखने को मिला। विपक्षी सांसदों ने बिल का विरोध किया। उन्होंने विधेयक की कॉपी सदन में ही फाड़ दिया और इसे केंद्रीय गृह मंत्री के ऊपर फेंक दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। उन्होंने विधेयक पेश करते हुए कहा कि भारत के संविधान का संशोधन करने वाले विधेयक को स्थापित करनी की अनुमति दी जाए। जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन संशोधन स्थापित करने की अनुमति दी जाए। मैं प्रस्ताव करता हूं संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनयम 1963 वाले विधेयक को स्थापित करने की अनुमति दी जाए।

बिल की प्रतियां फाड़कर शाह की ओर फेंकी गईं

जिसपर लोकसभा में विपक्ष ने भारी विरोध किया। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल ने तीनों बिल का भारी विरोध किया और उसे वापस लेने की मांग भी की है। लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवाँ संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 की प्रतियाँ फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंकी गईं।

गृहमंत्री के माइक को मोड़ने की कोशिश

सदन में हंगामे के बाद अमित शाह ने कहा कि इस बिल को संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया। राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों की समिति बनेगी। सत्ताधारी दल की तरफ जिसे ट्रेज़री बेंच कहते हैं उसे विपक्षी सांसदों ने घेर लिया और गृहमंत्री के माइक को मोड़ने की कोशिश की गई। जमकर हंगामा हुआ और सदन के अंदर स्थिति तनाव ग्रस्त हो गई। सत्ता पक्ष की तरफ से भी कई सांसदों ने गृहमंत्री के बचाव में आकर विपक्षी सांसदों को रोकने की कोशिश की। सत्ता पक्ष से रवनीत बिट्टू, कमलेश पासवान, किरण रिजिजू, शतीश गौतम ने गृहमंत्री के पास नारा लगा रहे आक्रमक सांसदों को रोकने का प्रयास किया।

हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित

संसद के वेल में नारेबाजी की शुरुआत टीएमसी के सांसदों ने की। टीएमसी सांसदों ने बिल इंट्रोड्यूस होने के वक्त से ही लगातार वेल में नारेबाजी शुरू कर दी थी। बाद में कांग्रेस सांसद और महासचिव के सी वेणुगोपाल ने अपनी सीट से ही बिल की कॉपी फाड़कर उछाल दी। उसके बाद सारे कांग्रेस सांसद वेल में उतर गए। वेणुगोपाल के बाद धर्मेंद्र यादव ने भी बिल की कॉपी अपनी सीट से ही फाड़कर फेंक दी और सभी समाजवादी पार्टी सांसद वेल में उतर गए। बाद में जब गृहमंत्री बिल को प्रस्थापित कर रहे थे तब सभी विपक्षी दल के संसद लोकसभा वेल में उतरकर जबरदस्त हंगामा करते नजर आए और एक बार हालत बिगड़ते हुए नजर आए। सभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

ट्रंप ने भारत पर लगाया क्यों 50% टैरिफ? व्हाइट हाउस ने बतायी वजह

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भारत पर टैरिफ लगाकर अमेरिका ने अपना दोमुंहापन पूरी दुनिया को दिखा दिया है। एक तरफ जहां रूसी तेल खरीदने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर भारी टैरिफ लगाया है, तो दूसरी तरफ रूस के सबसे बड़े ऊर्जा खरीदार चीन को बख्श दिया है। अमेरिकी के इस दोहरे रवैये को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी ने इसे यूक्रेन में युद्ध रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की कोशिश बताया है।

“ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए जबरदस्त दबाव डाला”

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन विवाद को खत्म करने के लिए भारत पर टैरिफ लगाया है। प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ने रूस यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए लोगों पर जबरदस्त दबाव डाला है। उनका कहना था कि इसमें भारत पर लगाए गया अतिरिक्त टैरिफ और अन्य कदम भी शामिल है। लेविट ने कहा कि ट्रंप हमेशा से चाहते हैं कि रूस और यूक्रेन संघर्ष को विराम दिया जाए।

“युद्ध खत्म करने को लेकर ट्रंप शानदार प्रयास कर रहे”

लेविट ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चाहते है कि दोनों देशों के बीच चल रहा संघर्ष जल्द से जल्द खत्म हो। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने जेलेंस्की से कहा कि वह पुतिन के साथ वार्ता कर इस संघर्ष को खत्म करें। लेविट ने कहा कि इस बैठक में नाटो महासचिव सहित सभी यूरोपीय नेता शामिल हुए और सभी इस बात पर सहमत है कि ट्रंप शानदार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बैठक के बाद राष्ट्रपति को उम्मीद है कि दोनों नेता एक दूसरे के साथ बैठकर इस युद्ध को खत्म करने के को लेकर बातचीत कर सकते हैं।

अमेरिकी वित्त मंत्री ने दिया अजीब तर्क

इसके पहले मंगलवार को ही अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने और चीन को छूट देने के पीछे अजीब तर्क दिया था। बेसेंट ने कहा कि चीन रूसी कच्चे तेल पर निर्भरता मामूली रूप से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले के पहले चीन मॉस्को से 13 प्रतिशत तेल खरीद रहा था, जो अब बढ़कर 16 प्रतिशत हो गया है। वहीं, भारत का आयात 1 प्रतिशत से 40 प्रतिशत पहुंच गया।

किसने किया दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता पर हमला, गुजरात के राजकोट से है कनेक्शन

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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला हुआ है। दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ‘जन सुनवाई’ के दौरान हमला हुआ। आज यानी बुधवार को सीएम रेका गुप्ता ‘जन सुनवाई’ कर रही थीं, तभी एक व्यक्ति अचानक आया और सीएम पर एक भारी वस्तु फेंकी। इसके चलते रेखा गुप्ता जमीन पर गिर गईं। इतना ही नहीं, आरोपी ने उन्हें थप्पड़ भी मारा और गालियां दीं।

गुजरात के राजकोट का रहने वाला है आरोपी

दिल्ली पुलिस ने सीएम रेखा गुप्ता पर हमले के सिलसिले में एक व्यक्ति को पकड़ लिया है। हमलावर को सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन ले जाया गया है। रेखा गुप्ता पर हमला करने वाले शख्स का नाम राकेश खिमजी है। वह गुजरात के राजकोट का रहने वाला है। सीनियर पुलिस अफसर ने बताया कि इंटेलिजेंस ब्यूरो ने आरोपी से पूछताछ की। तो उसने बताया कि वह गुजरात का रहने वाला है।

पशु प्रेमी है हमलावर

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस आरोपी से ये पूछताछ कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने आरोपी के परिवार से संपर्क किया है। आरोपी की मां भानु बेन ने कहा कि उनका बेटा पशु प्रेमी है और डॉग वाले मुद्दे को लेकर दुखी था। इस वजह से वो दिल्ली गया था।

केजरीवाल ने की हमले की निंदा

रेखा गुप्ता पर हुए हमले पर अरविंद केजरीवाल का बयान आया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुआ हमला बेहद निंदनीय है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में विचारों का मतभेद और विरोध स्वीकार्य है, लेकिन हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता। मुझे विश्वास है कि दिल्ली पुलिस उचित कार्रवाई करेगी. आशा है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ हों।

पीएम से लेकर सीएम तक...गंभीर मामलों में गिरफ्तारी पर छोड़ना होगा पद, संसद में आज अहम विधेयक पेश करेगी सरकार

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केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार आज अहम बिल पेश करने जा रही है। इस बिल में ऐसा प्रावधान है कि कोई भी मंत्री, मुख्यमंत्री या यहां तक कि प्रधानमंत्री भी अगर किसी अपराध में गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहता है तो उसे पद से हटना पड़ेगा। ये प्रस्तावित कानून केवल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों पर ही नहीं, बल्कि केंद्र के मंत्रियों और प्रधानमंत्री पर भी लागू होगा।

अमित शाह बुधवार को लोकसभा में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने जा रही है। इन विधेयकों का उद्देश्य यह है कि अगर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है तो उन्हें उनके पद से हटाया जा सके। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा कानूनों में ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है जिससे गिरफ्तारी या न्यायिक हिरासत की स्थिति में ऐसे नेताओं को उनके पद से हटाया जा सके। इसी कमी को दूर करने के लिए सरकार ने ये तीन विधेयक तैयार किए हैं।

संसद में आज जो बिल पेश किए जाएंगे, ये विधेयक हैं: केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025; संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन तीनों विधेयकों को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने के लिए लोकसभा में एक प्रस्ताव भी पेश करेंगे।

30 दिन लगातार हिरासत में रहने पर छोड़ना होगा पद

संविधान संशोधन विधेयक में धारा 75 में नया क्लॉज़ 5(ए) जोड़ने का प्रस्ताव है। इसके अनुसार यदि कोई मंत्री 30 दिन लगातार गिरफ्तार रहकर हिरासत में रहता है और उस पर ऐसा आरोप है जिसमें पांच साल या उससे अधिक की सजा हो सकती है, तो राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर 31वें दिन उसे पद से हटा देंगे। अगर प्रधानमंत्री 31वें दिन तक यह सलाह नहीं देते तो भी वह मंत्री अपने आप पद से मुक्त हो जाएगा।

प्रधानमंत्री पर भी लागू होगा ये नियम

इसी तरह प्रधानमंत्री पर भी नियम और कड़े होंगे। अगर पीएम लगातार 30 दिन हिरासत में रहते हैं तो उन्हें 31वें दिन इस्तीफा देना होगा। अगर इस्तीफा नहीं देते तो वे अपने आप प्रधानमंत्री पद से हट जाएंगे। हालांकि, ऐसे मंत्री या प्रधानमंत्री रिहाई के बाद दोबारा नियुक्त हो सकते हैं। यही प्रावधान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों पर भी लागू होगा।

कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

वहीं कांग्रेस ने इन विधेयकों को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार इन विधेयकों के जरिए विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाना चाहती है। कांग्रेस प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा विपक्ष को कमजोर करने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजना है कि केंद्र की एजेंसियों से विपक्षी नेताओं को मनमाने ढंग से गिरफ्तार कराया जाए और फिर नए कानून के तहत उन्हें तुरंत पद से हटा दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी होंगे इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार, खरगे ने की घोषणा

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उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने भी उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इनके नाम का एलान किया। इससे पहले विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के नेताओं ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर फैसला लेने और उसकी घोषणा करने के लिए 10 राजाजी मार्ग पर बैठक की थी। बैठक के बाद विपक्ष ने उनके नाम का एलान किया। रेड्डी 21 अगस्त को नामांकन करेंगे। पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी का मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, उपराष्ट्रपति पद का यह चुनाव एक वैचारिक लड़ाई है और सभी विपक्षी दल इस पर सहमत हैं और यही कारण है कि हमने बी सुदर्शन रेड्डी को संयुक्त उम्मीदवार के रूप में नामित किया है। खरगे ने कहा कि बी सुदर्शन रेड्डी भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उनका एक लंबा और प्रतिष्ठित कानूनी करियर रहा है। वे आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में काम कर चुके हैं। वे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के एक निरंतर और साहसी समर्थक रहे हैं। वे एक गरीब हितैषी व्यक्ति हैं। यदि आप उनके कई फैसले पढ़ेंगे, तो आपको पता चलेगा कि उन्होंने कैसे गरीबों का पक्ष लिया और संविधान व मौलिक अधिकारों की रक्षा की।

कौन हैं जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी?

जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई, 1946 को अकुला मायलाराम गांव, पूर्व इब्राहिमपट्टनम तालुका, रंगारेड्डी (आंध्र प्रदेश) में हुआ था। उनका नाता वर्तमान में कंदुकुर राजस्व मंडल के तहत आने वाले गांव के एक कृषक परिवार से रहा। उन्होंने हैदराबाद में पढ़ाई की और 1971 में उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से कानून की डिग्री प्राप्त की।

1988 में सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकील

बी. सुदर्शन रेड्डी 1971 को में हैदराबाद में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में रजिस्टर्ड हुए थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश उच्च हाई कोर्ट में रिट और सिविल मामलों में प्रैक्टिस की है। उन्होंने 1988-90 के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकील के रूप में काम किया। उन्होंने 1990 के दौरान 6 महीने की अवधि के लिए केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील के रूप में भी काम किया।

एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को बनाया उम्मीदवार

वहीं, एनडीए की तरफ से महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वो तमिलनाडु से आते हैं और आरएसएस से पुराना नाता रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी खरगे सहित विपक्षी नेताओं से संपर्क कर सर्वसम्मति से निर्णय लेने के लिए समर्थन मांगा था।

9 सितंबर को होना है उपराष्ट्रपति पद का चुनाव

यह पूरा घटनाक्रम 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर हो रहा है, जो पिछले महीने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जगदीप धनखड़ के पद से इस्तीफा देने के बाद जरूरी हो गया था। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त है।

एनडीए संसदीय दल की बैठक में पहुंचे राधाकृष्णन, पीएम मोदी ने शॉल ओढ़ा कर किया स्वागत, विपक्ष से समर्थन की अपील

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एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन दिल्ली पहुंच चुके हैं। मंगलवार को राधाकृष्णन को एनडीए संसद दल की बैठक में बुलाया गया। बैठक में पीएम मोदी ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार राधाकृष्णन को सम्मानित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी नेताओं खासकर विपक्ष से राजग उम्मीदवार के लिए समर्थन मांगा। राधाकृष्णन बुधवार को अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। मंगलवार को एनडीए संसदीय दल की बैठक हुई जिसमें पीएम मोदी ने सीपी राधाकृष्णन का परिचय एनडीए सांसदों से करवाया। राधाकृष्णन का परिचय कराते हुए पीएम ने कहा कि ये ओबीसी समाज से जमीनी नेता हैं, सहज हैं।

कल हुई थी पीएम मोदी और राधाकृष्णन की मुलाकात

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिन सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "थिरु सीपी राधाकृष्णन जी से मुलाकात की। एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने पर उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं। विभिन्न क्षेत्रों में उनकी लंबी जनसेवा और अनुभव हमारे राष्ट्र को समृद्ध करेगा। ईश्वर करे कि वे उसी समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ राष्ट्र की सेवा करते रहें जो उन्होंने हमेशा दिखाया है।"

समर्थन के लिए राजनाथ सिंह ने विपक्षी दलों से किया संपर्क

जानकारी के अनुसार एनडीए की तरफ से ये भी कोशिश है कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में सीपी राधाकृष्णन निर्विरोध जीतने में सफल रहे। बीजेपी की तरफ से राजनाथ सिंह को अन्य दलों से बात करने की जिम्मेदारी दी गई है। वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने नए उपराष्ट्रपति के सर्वसम्मति से चुनाव के लिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता खरगे सहित कुछ विपक्षी दलों के नेताओं से संपर्क भी किया है।

एक दूसरे के और करीब आए भारत-चीन, चीनी विदेश मंत्री का बड़ा बयान, खतरा नहीं साझेदार बनना होगा

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी के बीच भारत और चीन एक दूसरे के करीब आ रहे हैं। सीमा विवाद के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी इस समय भारत की यात्रा पर हैं। भारत दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत की तीन बड़ी परेशानियों को दूर करने का आश्वासन दिया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर को आश्वासन दिया कि चीन भारत की उर्वरकों, रेयर अर्थ मैटिरियल और सुरंग खोदने वाली मशीनों की जरूरतों को पूरा करेगा। सूत्रों के हवाले यह खबर सामने आई है।

एक-दूसरे को प्रतिद्वंदी के तौर पर देखने वाले भारत-चीन के रिश्तों में नया मोड़ आया है। भारत की यात्रा पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। सोमवार को एस. जयशंकर से मुलाकात के दौरान उन्होंने आश्वस्त किया है कि चीन रेयर अर्थ मिनरल, फर्टलाइजर्स और टनल बोरिंग मशीन का समाधान निकालने में भारत की मदद करेगा।सूत्रों के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को आश्वासन दिया कि चीन भारत की उर्वरक, दुर्लभ मृदा और सुरंग खोदने वाली मशीनों की जरूरतों से जुड़ी तीन प्रमुख चिंताओं का समाधान करेगा।

एकजुटता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए- वांग यी

वहीं, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग की मुलाकात पर चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में साफ तौर पर कहा गया है कि दुनिया में एकतरफा दबाव और धौंस जमाने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही हैं, जबकि मुक्त व्यापार और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे में चीन और भारत को वैश्विक दृष्टिकोण दिखाने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि बड़े देशों को जिम्मेदारी निभानी चाहिए और व्यापक विकासशील देशों के बीच एकजुटता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।

एक-दूसरे को दुश्मन नहीं, साझेदार के तौर पर देखना होगा- वांग यी

भारत-चीन के बीच रिश्तों को लेकर वांग यी ने कहा है कि निश्चित तौर पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी की मुलाकात ने चीन-भारत संबंधों को दोबारा शुरू करने में मदद की। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने इसे गंभीरता से लिया है और विभिन्न स्तरों पर संवाद और संपर्क धीरे-धीरे बहाल हो रहे हैं। चीनी विदेश मंत्री ने बड़ा संदेश देते हुए कहा है कि चीन और भारत को एक-दूसरे को दुश्मन नहीं, साझेदार के तौर पर देखना होगा। दोनों पक्ष 75 वर्षों के राजनयिक अनुभव और सबक से गंभीरता से सीखें और रणनीतिक दृष्टिकोण विकसित करें। चीन और भारत आपसी विश्वास बनाए रखें और बाहरी हस्तक्षेपों को दूर करें।

एस जयशंकर ने क्या कहा?

इससे पहले विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अपने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा कि बातचीत में आर्थिक और व्यापारिक मुद्दे, तीर्थयात्रा, लोगों से लोगों के बीच संपर्क, नदी डेटा साझाकरण, सीमा व्यापार, संपर्क और द्विपक्षीय आदान-प्रदान शामिल होंगे। विदेश मंत्री ने इस साल जुलाई में अपनी चीन यात्रा के दौरान उठाई गई चिंताओं पर आगे चर्चा की। विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया था कि पड़ोसी देशों और दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, भारत-चीन संबंधों के विविध पहलू और आयाम हैं। उन्होंने कहा, इस संदर्भ में यह भी जरूरी है कि प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों और बाधाओं से बचा जाए। भारत और चीन के बीच स्थिर और रचनात्मक संबंध न केवल हमारे बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद हैं। यह पारस्परिक सम्मान, हित और संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को संभालने से ही संभव है।

पीएम मोदी और शुभांशु शुक्ला की हुई मुलाकात, प्रधानमंत्री ने लगा लिया गले, दिल छू लेगा वीडियो

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इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन से लौटे शुभांशु शुक्‍ला सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। शुभांशु शुक्ला Axiom-4 स्पेस मिशन में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से लौटने के बाद पीएम मोदी से पहली बार मिले। मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने शुभांशु को गले लगाया। शुभांशु ने भी पीएम को अपनी अंतरिक्ष यात्रा से जुड़ी तस्वीरें भी दिखाईं। इस मुलाकात में मिशन और अंतरिक्ष से जुड़े कई मुद्दों पर बात हुई।

ग्रुप कैप्टन शुभान्शु शुक्ला एक पायलट हैं। उन्होंने हाल ही में आईअएसएस का दौरा किया था। यह दौरा Axiom-4 स्पेस मिशन का हिस्सा था। अब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की है। इस मुलाकात में उन्होंने अपने अनुभव साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी ने शुभान्शु शुक्ला से मिलकर इस मिशन के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अंतरिक्ष में भारत की तरक्की पर भी बात की।

इस मुलाकात के दौरान शुभान्शु शुक्ला ने अंतरिक्ष में आने वाली कई बड़ी चुनौतियों के बार में भी बताया। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन पर खाना एक बड़ी चुनौती है, जहां जगह कम होती है और कार्गो बहुत महंगा होता है। सारी चीजें अरेंज करना मुश्किल होता है। आप हमेशा कम से कम जगह में ज्यादा से ज्यादा कैलोरी और पोषक तत्व पैक करने की कोशिश करते हैं, और हर तरह से प्रयोग चल रहे होते हैं।

भारतीयों को लेकर दुनिया के अन्य देशों में क्या है सोच?

वहीं, जब पीएम मोदी ने शुभांशु शुक्ला से पूछा कि भारतीयों को लेकर दुनिया के अन्य देशों के लोगों के मन मे क्या चलता है। इसका जवाब देते हुए शुभांशु शुक्ला ने कहा कि मेरा निजी अनुभव जो है पिछले एक साल में मैं जहां भी गया, जिससे भी मिला सभी लोग बहुत खुश हुए, मुझसे मिलकर, काफी एक्साइटेड थे, बात करने में आ-आकर मुझसे पूछने में कि आपलोग क्या कर रहे हैं, कैसे कर रहे हैं और सबसे बड़ी बात ये थी कि सबको इसके बारे में मालूम था कि भारत स्पेस के क्षेत्र में क्या कर रहा है, सबको इस बारे में जानकारी थी।

पीएम मोदी ने शेयर किया मुलाकात का वीडियो

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुलाकात से जुड़ा करीब 10 मिनट का वीडियो पीएम मोदी ने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' साझा किया। वीडियो में सबसे पहले कुछ अहम अंश दिखाए गए, जिसमें शुभांशु भारत की संभावनाओं पर बात करते दिखाए गए। पीएम मोदी ने शुभांशु से उस होमवर्क के बारे में भी पूछा, जो उन्होंने पिछली बातचीत के दौरान ग्रुप कैप्टन को सौंपा था