50 से कम छात्र वाले विद्यालय होंगे समायोजित

नितेश श्रीवास्तव,भदोही ‌।जिले में 50 से कम छात्र संख्या वाले परिषदीय स्कूलों का जल्द ही निकटवर्ती स्कूलों में विलय या समायोजित किया जाएगा। शासन ने इसका आदेश जारी कर दिया है। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार का पत्र आने पर बेसिक शिक्षा विभाग इसे प्रभावी बनाने में जुट गया है। बीएसए ने ऐसे विद्यालयों की सूची खंड शिक्षा अधिकारियों से मांगी है।

2024 में कुल 16 विद्यालय चिन्हित हुए थे, लेकिन 2025 में उसमें कई का नामांकन प्रतिशत बढ़ गया है। अब नए सिरे से विद्यालय की सूची आने पर आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। जिले में कुल 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। इसमें 1.47 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। बच्चों को पढ़ाने के लिए पांच हजार के करीब शिक्षक, अनुदेशक और शिक्षामित्र तैनात हैं।

अप्रैल में नया शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद से ही बच्चों के नामांकन को बढ़ाने पर जोर दिया गया। इसके लिए स्कूल चलो अभियान चलाया गया। जुलाई में दूसरे चरण में अभियान चलाकर बच्चों का नामांकन किया जाएगा, हालांकि कई विद्यालय ऐसे हैं, जहां नामांकन की स्थिति ठीक नहीं है। शासन ने अब ऐसे विद्यालयों को पास के विद्यालय में विलय करने की कवायद शुरू की है। शासन की मंशा है कि इससे विद्यालयीय शिक्षा व्यवस्था में नवाचार एवं सुधार की संभावनाएं बढ़ेंगी। विद्यालयों में भवन, कक्षा-कक्ष, आईसीटी उपकरण, शैक्षणिक सामग्री आदि का साझा उपयोग कर शिक्षा को अधिक प्रभावशाली एवं विद्यार्थी केंद्रित बनाया जा सकेगा। इसके साथ ही हर कक्षा के लिए एक शिक्षक की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।

इससे समय सारिणी का आदर्श पालन भी संभव होगा। आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि स्कूलों के विलय से प्रशासनिक अनुश्रवण बेहतर होगा। संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास और आईसीटी लैब स्थापना के लिए केंद्र सरकार द्वारा नामांकन आधारित मंजूरी भी दी जा रही है।

जिले में 50 से कम बच्चों का नामांकन करने वाले विद्यालय को चिन्हित किया जाना है। इसके लिए बीईओ को निर्देश दिया गया है। यह शासन की बड़ी पहल है। इससे परिषदीय स्कूलों की शिक्षा में सुधार होगा। वहीं, बच्चों को भी लाभ होगा। - विकास चौधरी, प्रभारी बीएसए।

जर्जर वाहनों पर 60 स्कूल संचालकों को नोटिस

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। जुलाई में स्कूल खुलने के पहले परिवहन विभाग ने जर्जर स्कूली वाहनों के मामले में निजी स्कूल संचालकों पर नकेल कसने की तैयारी की है। विभाग ने 60 स्कूलों को नोटिस जारी कर खटारा वाहनों को दुरुस्त करने या बदलने का निर्देश दिया है। विभाग के अनुसार नोटिस के बाद भी अनुपालन करने वाले स्कूलों पर मान्यता निरस्त करने को शिक्षा विभाग को पत्र लिखा जाएगा। जिले में 250 से निजी स्कूल हैं।

बच्चों की सुरक्षा को लेकर निजी विद्यालयों के स्कूली वाहनों के कुछ मानक निर्धारित हैं। इसके अनुसार ही स्कूल उन वाहनों का संचालन कर सकता है। स्कूली वाहन के चालक कुशल प्रशिक्षित होने चाहिए। वाहन का रंग पीले होना चाहिए। इसके अलावा बसों में प्राथमिक उपचार, अग्नि सुरक्षा के इंतजाम के साथ-साथ वाहन के दोनों तरफ जालीनुमा गार्ड होना चाहिए। वहीं वाहन किसी भी हाल में खटारा या जर्जर स्थिति में नहीं होना चाहिए। जिले के तमाम स्कूलों में मानकों की अनदेखी के मामले सामने आते रहते हैं।

आगामी एक जुलाई से विद्यालय खुलेंगे। जिसको देखते हुए परिवहन विभाग ने सत्यापन के बाद 60 स्कूल संचालकों को नोटिस जारी किया है। जिसमें वाहनों को दुरूस्त किए जाने का निर्देश दिया है।

परिवहन विभाग की टीम ने सत्यापन के बाद 60 स्कूलों को नोटिस जारी कर वाहनों को दुरुस्त किए जाने का निर्देश दिया है। नोटिस के बाद अगर वाहन दुरुस्त नहीं होते हैं,तो संबंधित विभाग को मान्यता प्रत्यहरण को लिखा जाएगा। वहीं स्कूल संचालक पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।

राम सिंह एआरटीओ भदोही

घबराएं नहीं, सर्पदंश से कम हार्टअटैक से होती हैं 70 फीसदी मौतें


नितेश श्रीवास्तव,भदोही । मानसून शुरू होते ही सर्पदंश की बढ़ी आशंकाओं को लेकर जिले के 26 स्वास्थ्य केंद्रों पर 880 एंटी वेनम के वायल उपलब्ध हैं। बीते पांच सालों में जिले में सर्पदंश से 23 लोग जान गंवा चुके हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि सर्पदंश से होने वाली मौतों में 70 फीसदी मामले हार्टअटैक के होते हैं। ऐसे में सांप काटने के बाद लोगों को झांड़ फूंक के चक्कर में पड़ने की बजाय स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचकर वैक्सीन लगवानी चाहिए। एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन से 600 से अधिक लोगों की जान भी बचाई जा चुकी है।

जिले में सांपों की 10 से 12 प्रकार की प्रजाति पाई जाती है। जिसमें केवल कोबरा और करैत की प्रजाति ही जहरीली होती है। यह दोनों प्रजातियां खासतौर पर गंगा के तटवर्ती इलाकों में पाई जाती हैं। गाहे-बगाहे अन्य ग्रामीण अंचलों में भी दिख जाते हैं। 100 शय्या के डॉ. सुशील शुक्ला ने बताया कि सर्प दंश से मौत काफी विरले होती है। लोगों की ज्यादातार मौतें हार्ट अटैक और घबराहट के कारण होती है। सांप काटने के बाद लोग घबराने लगते हैं। जिससे उनकी हार्ट बीट रूक जाती और बीपी इत्यादि लो या हाई हो जाती है, जो मौत का कारण बनते हैं। बताया कि सांप काटने हमें झाड़-फूंक की बजाय इलाज पर ध्यान देना चाहिए।

तमाम लोग वैक्सीन लगवाने के बजाए झाड फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं। इससे उन्हें जान गंवानी पड़ती है। सर्प दंश के बाद सीधे स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचना चाहिए। बारिश के सीजन में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं। जिले में सर्पदंश की अधिकतर घटनाएं खेत में होती हैं। सांप के बिल में पानी जाने के बाद वह बाहर निकल कर खेतों के मेड़ों पर बैठे रहते हैं। किसान खेत में जाते हैं, अचानक से सांप के ऊपर पैर पड़ते ही डस लेते हैं।

जहां सांप ने काटा, उस जगह को कपड़े से बांध दे

भुड़की निवासी हौसिला यादव (60) ने बताया कि जिले में सांप की 10 से 12 प्रजातियां पाई जाती हैं। इसमें कोबरा, अजगर, गेंहुअन, असल, दो मुंहा, कराईत, गूंगी और असड़िहा आदि सांप होते हैं। इनमें कोबरा और करैत सांप ही केवल जहरीले होते हैं। इनके काटने पर जान जाने की संभावना अधिक रहती है। बताया कि सांप काटने के बाद सबसे पहले जहां सांप ने काटा है। उससे कुछ ऊपर रस्सी या कपड़ा बांध दें, ब्लड निकल रहा है तो उसे निकलने दें, ठंडा पानी से मुंह धोते रहे। काटने वाले व्यक्ति से बातचीत करते रहें।

स्वास्थ्य केंद्र पर कितने वैक्सीन

जिला अस्पताल - 125

एमबीएस - 295

सौ शैय्या - 20

सुरियावां - 40

गोपीगंज - 60

औराई - 60

दुर्गागंज - 40

डीघ - 30

नोट: 17 पीएचसी पर 10-10 वायल है। इसके अलावा स्टोर में 25 वायल है।

सांप काटने के लक्षण:

- सांप काटने वाली जगह पर सूजन होना

- दर्द, ऐंठन के साथ उल्टी होना

- कंपकंपी होना, सर दर्द होना

- पलकों का न गिरना

- पसीना होना

।सीएचसी, पीएचसी से लेकर जिला अस्पताल तक एंटी स्नेक वेनम वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में है। सर्प दंश की घटनाएं को लेकर तैयारी पूर्ण है। सांप काटने के बाद तुरंत वैक्सीन लगवानी चाहिए, घबराना बिल्कुल नहीं चाहिए। - डॉ. एसके चक, सीएमओ, भदोही।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भदोही दौरा: कालीन उद्योग को सराहा, गंगा पर बहुप्रतीक्षित पुल निर्माण की घोषणा, बैठक कर अफसरों का पेंच

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने भदोही दौरे के दौरान जिले को कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की सौगात दी। उन्होंने जहां भदोही के प्रसिद्ध कालीन उद्योग की जमकर सराहना की, वहीं स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कई बड़े एलान भी किए। बता दें कि सोमवार को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भदोही दौरे पर रहे। वह दोपहर 1.40 बजे भदोही पुलिस लाइन पहुंचे।

पुलिस लाइन में बीजेपी नेताओं एवं पार्टी पदाधिकारियों संग उन्होंने वार्ता किया। इसके बाद उन्होंने मुख्यालय के पास सरपतहां स्थित सौ शैय्या अस्पताल में निर्माणाधीन 50 बेड क्रिटिकल केयर ब्लॉक का स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही डायलिसिस सेंटर का निरीक्षण करते हुए मरीजों-तीमारदारों से हालचाल एवं व्यवस्था की जानकारी ली। इसके बाद सीएम ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर प्रदेशव्यापी वृहद पौधरोपण 'एक पेड़, मां के नाम' कार्यक्रम की शुरुआत कलेक्ट्रेट परिसर में पेड़ रोपित कर किया।

तत्पश्चात भदोही कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों संग विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक की। सीएम के भ्रमण के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही, प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहा।

CM प्रेस ब्रीफिंग -------

•‘एक पेड़, मां के नाम’ कार्यक्रम का शुभारंभ-

सीएम योगी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस पर प्रदेशव्यापी वृक्षारोपण अभियान ‘एक पेड़, मां के नाम’ का शुभारंभ किया। उन्होंने भदोही कलेक्ट्रेट परिसर में स्वयं एक पौधा रोपित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। आमजन से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए हर व्यक्ति एक - एक पौधे जरूर लगाए।

•कालीन उद्योग को बताया प्रदेश की शान-

प्रेस ब्रीफिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि भदोही के कालीन उद्योग ने प्रदेश और देश की विश्वभर में पहचान दिलाई है। उन्होंने बताया कि देशभर में भदोही अकेले 60% कार्पेट उत्पादन और निर्यात करता है। यह क्षेत्र की शिल्पकला और मेहनतकश लोगों की प्रतिभा का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार हस्तशिल्प और कालीन उद्योग को और अधिक बढ़ावा देने के लिए विशेष सहयोग प्रदान करेगी।

•स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछली सरकारों पर साधा निशाना-

सीएम योगी ने सरपतहां स्थित निर्माणाधीन 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक और डायलिसिस सेंटर का निरीक्षण किया। प्रेस ब्रीफिंग में उसकी चर्चा करते हुए सीएम ने पिछली सरकारों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। कहा कि, “सौ शैय्या अस्पताल के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार पिछली सरकार में हुआ, जिसे हमारी सरकार धीरे-धीरे सुधार रही है।”

•बहुप्रतीक्षित डेंगूरपुर-धनतुलसी गंगा घाट पर पक्का पुल निर्माण की स्वीकृति-

जनप्रतिनिधियों की मांग पर भदोही वासियों को बड़ी सौगात देते हुए मुख्यमंत्री ने डीघ ब्लॉक के डेंगूरपुर-धनतुलसी गंगा घाट पर पक्का पुल निर्माण को स्वीकृति दी। यह पुल लंबे समय से जनता की मांग में शामिल था और अब इसके निर्माण के शुरुआत की राह प्रशस्त होगी।

•शिक्षा और बुनियादी ढांचे में बड़े एलान-

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अगर जमीन उपलब्ध होती है , तो ज्ञानपुर स्थित काशी नरेश स्नातकोत्तर महाविद्यालय को स्टेट यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित कराएंगे।

•भदोही को मिलेगा मेडिकल कॉलेज-

सीएम योगी ने कहा कि अभी हम सौ शैय्या अस्पताल में 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना करा रहे हैं। आगे भदोही में पीपीपी मॉडल पर एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना भी कराने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ होंगी, बल्कि युवाओं को चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर भी मिलेंगे।

•मुख्यालय पर बनेगा मल्टीपरपज हॉल, अधिकारियों के आवासीय सुविधा-

प्रेस ब्रीफिंग में मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि पहले से एक छोटा सा ऑडिटोरियम मुख्यालय पर बनने के लिए स्वीकृत था, जिसे हमने मल्टीपर्पज हॉल के रूप में निर्माण के लिए प्रस्तावित किया है। एवं अधिकारियों कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा की भी बात कही। उन्होंने कहा कि प्रयास रहेगा जल्द ही उक्त परियोजनाओं के शिलान्यास एवं लोकार्पण के लिए पुनः भदोही दौरे पर आप सभी के बीच आऊं।

कांग्रेस नेताओं को किया हाउस अरेस्ट:सीएम से मिलने से पहले जिलाध्यक्ष समेत कई नेता नजरबंद, मांगों का ज्ञापन देने की थी तैयारी

नितेश श्रीवास्तव,

भदोही। मुख्यमंत्री के दौरे से पहले कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को हाउस अरेस्ट कर दिया गया। इनमें जिलाध्यक्ष वसीम अंसारी और पूर्व जिला अध्यक्ष राजेंद्र दुबे प्रमुख हैं। राजेंद्र दुबे को उनके आवास पर नजरबंद किया गया। जिलाध्यक्ष वसीम अंसारी ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है। विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वे जनपद की समस्याओं का पत्र मुख्यमंत्री को सौंपना चाहते थे।

अंसारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने चुनावी सभा में चीनी मिल को चालू करने का वादा किया था। यह अभी तक पूरा नहीं हुआ है। महाविद्यालय को विश्वविद्यालय बनाने की मांग भी दशकों से लंबित है। यह चुनावी मुद्दा भी था।उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के कई दौरे हुए। लेकिन जनपद की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। जब वे लोग जनता की आवाज बनकर मुख्यमंत्री को पत्र देने जा रहे थे, तभी उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया।

इस मौके पर पूर्व जिला अध्यक्ष राजेंद्र दुबे, राजेश दुबे, मुशीर इकबाल सहित अन्य नेता और पदाधिकारी मौजूद थे।

*अब शुरू होगा स्कूल चलो अभियान का दूसरा चरण*

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। स्कूल चलो अभियान का द्वितीय चरण एक जुलाई से शुरू होगा। एक से 15 जुलाई तक शिक्षक गांव-गांव जाकर अभिभावकों को प्रेरित करेंगे। परिषदीय विद्यालय वैसे तो 16 जून से ही खुल गए हैं, लेकिन बच्चे एक जुलाई से आएंगे। महानिदेशक स्कूल शिक्षा के निर्देश पर शिक्षकों ने हाउस होल्ड सर्वे का काम शुरू कर दिया है। पहले चरण में करीब 14 हजार बच्चों का नामांकन किया गया था। जिले में एक अप्रैल से नए शिक्षा सत्र की शुरुआत हुई थी।

शासन के कड़े निर्देश थे कि शत-प्रतिशत बच्चों का पंजीकरण किया जाए। इसके लिए गांवों में स्कूल चलो अभियान के तहत कई रैलियां निकाली गईं। 15 मई से स्कूलों में ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया गया। अब स्कूल खुलने के बाद स्कूल चलो अभियान के तहत दूसरे चरण की कवायद शुरू की जाएगी। ग्रीष्मावकाश 15 जून को ही समाप्त हो गया, लेकिन गर्मी के कारण बच्चों की छुट्टी 30 जून तक बढ़ा दी गई है, लेकिन विद्यालय में शिक्षक आकर जरूरी कार्य निपटा रहे हैं।

30 जून तक स्कूलों में साफ सफाई सहित अन्य व्यवस्थाओं को पूरा कराने का निर्देश दिया गया है। एक जुलाई को विद्यालय में बच्चों के आने पर स्कूलों में चहल-पहल बढ़ जाएगी। प्रभारी जिला बेसिक शिक्षाधिकारी विकास चौधरी ने बताया कि सभी बीईओ को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। एक से 15 जुलाई तक रैली निकालकर अभिभावकों को जागरूक करें। उन्होंने बताया कि पहले चरण में स्कूल चलो अभियान के दौरान करीब नौ हजार बच्चों का नवीन नामांकन किया गया था। दूसरे चरण में 20 हजार से अधिक बच्चों को नामाकंन कराया जाएगा।

एक जुलाई से बदल जाएगा स्कूल का समय

पहली जुलाई से स्कूलों का समय बदल जाएगा। पूर्व में जारी आदेश में कहा गया था स्कूल सुबह आठ बजे से दिन में दो बजे तक संचालित हाेंगे। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने इसमें बदलाव कर दिया। स्कूल अब सुबह 7:30 से दिन में 1:30 बजे तक संचालित हाेंगे।

*भदोही में स्वास्थ्य जागरूकता साइकिल यात्रा:वृक्षारोपण और योग का संदेश देते हुए कई क्षेत्रों में निकली यात्रा, चितईपुर में समापन*

भदोही। भदोही साइकिलिंग क्लब ने राष्ट्रीय राजमार्ग बड़ा चौराहा से एक विशेष साइकिल यात्रा का आयोजन किया। यह यात्रा पर्यावरण और स्वास्थ्य जागरूकता के लिए निकाली गई। क्लब के अध्यक्ष एडवोकेट अताउल अंसारी ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया। उन्होंने योग के महत्व पर प्रकाश डाला। अंसारी ने बताया कि योग एक प्राचीन भारतीय दर्शन है। योग आसनों से शारीरिक ताकत और लचीलापन बढ़ता है। यह नसों को आराम देता है और मन शांत करता है। योग से मांसपेशियां, जोड़, त्वचा, ग्रंथियां और आंतरिक अंग स्वस्थ रहते हैं। उन्होंने सभी को ब्रह्मा मुहूर्त में योग करने की सलाह दी।

साइकिल यात्रा ने नगर पालिका, फूलबाग, सोनखरी,हरिहरपुर, गुरु गोविंद सिंह नगर,बैदाखास और धीरपुर का भ्रमण किया। यात्रा के दौरान के दौरान प्रतिभागियों ने पर्यावरण और स्वास्थ्य से जुड़े नारे लगाए। इनमें वृक्ष लगाओ और बचाओ,करो योग रहो निरोग और सुबह की हवा सौ रोगों की दवा जैसे नारे शामिल थे‌। यात्रा का समापन चित‌ईपुर में हुआ । इनमें प्रवीण सिंह, सरफराज अहमद, राजीव जायसवाल, महमूद आलम, अबरार अहमद, कमलेश कश्यप, प्रमोद मौर्य,फ़ैज़ आलम, सीताशरण गौतम,मैनू अली, मोहम्मद इमरान और जीत सिंह सहित कई लोगों ने भाग लिया।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जिले में सामूहिक योगाभ्यास:केएनपीजी कॉलेज में सांसद, डीएम समेत जनप्रतिनिधियों ने किया योग

नितेश श्रीवास्तव,भदोही । ग्यारहवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिले में विभिन्न स्थानों पर योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित किए गए। मुख्य कार्यक्रम केएनपीजी कॉलेज के सभागार में हुआ। बारिश के कारण कार्यक्रम को विभूति नारायण इंटर कॉलेज के मैदान से स्थानांतरित करना पड़ा।

केएनपीजी कॉलेज में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष, भाजपा जिलाध्यक्ष, जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री के संबोधन का सजीव प्रसारण भी किया गया।

जिलाधिकारी ने बताया कि 15 जून से ही जिले की ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं में योगाभ्यास कार्यक्रम चल रहे थे। उन्होंने कहा कि योग को जीवन में उतारने की आवश्यकता है क्योंकि यह स्वस्थ रहने में सहायक होता है।

कार्यक्रम में छात्राएं और आम जनता भी शामिल हुई। जिले के अन्य स्थानों पर भी योगाभ्यास कराया गया और लोगों को योग के प्रति जागरूक किया गया।

*जिला अस्पताल के तीन डॉक्टर छुट्टी पर, मरीजों की बढ़ी सांसत*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। 10 दिनों से दो आर्थो और एक फिजिशियन के अवकाश पर जाने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। सबसे अधिक दिक्कत हड्डी के मरीजों को हो रही है। एक मात्र चिकित्सक के रहने से ओपीडी संग प्लास्टर का काम भी देखना पड़ रहा है। इससे मरीजों को समय से उपचार नहीं मिल रहा है। इससे उन्हें निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। करीब दो से ढाई लाख की आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय पर है। यहां पर कुल 15 विशेषज्ञ डॉक्टर की तैनाती है। इसमें से तीन डॉक्टर 15 दिन के अवकाश पर है। जिला अस्पताल में रोजाना नौ सौ से एक हजार की ओपीडी होती है। चकसुंदर गांव निवासी संतोष कुमार ने बताया कि दो दिन से वह हाथ की हड्डी टूटने की जांच कराने के लिए आए। प्लास्टर लगवाना है, लेकिन अभी तक समय नहीं मिला है। कसियापुर के संदीप कुमार ने बताया कि पैर में मोच आ गई है। आशंका है कि हड्डी टूटी है। अब तक इलाज नहीं मिला है।

ये डॉक्टर अवकाश पर

जिला अस्पताल में आर्थों के डाॅक्टर संजय शर्मा नौ जून से अवकाश पर हैं। डॉ हरिओम दो जून से 17 जून तक अवकाश पर हैं। 20 जून तक वे अस्पताल में नहीं आए। फिजिशियन प्रदीप यादव छह जून से 22 जून तक अवकाश पर हैं। इससे अस्पताल में व्यवस्थाएं प्रभावित हुई है।

तीन चिकित्सकों के न होने से परेशानी बढ़ी है, लेकिन अन्य डाॅक्टरों के सहयोग से मरीजों का उपचार किया जा रहा है। एक से दो दिन में सभी आ जाएंगे

डॉ अजय तिवारी सीएमएस जिला अस्पताल

सीतामढ़ी में डेंगूपुर गंगा घाट पहुंचे DM:बाढ़ की तैयारियों का लिया जायजा, नावों की संख्या बढ़ाने, नाविकों को प्रशिक्षण देने के निर्देश

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। जनपद में संभावित बाढ़ और सुचारू आवागमन को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। इसी क्रम में जिलाधिकारी शैलेश कुमार ने शनिवार को कोइरौना थाना क्षेत्र के डेगुंरपुर गंगा घाट का स्थलीय निरीक्षण कर वहां की स्थिति का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने बारीकी से घाट की भौगोलिक परिस्थितियों, जल स्तर, सुरक्षा उपायों और परिवहन व्यवस्था की समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने घाट पर मौजूद क्षेत्रीय लोगों से भी बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना।

ग्रामीणों ने आवागमन में आ रही दिक्कतों, अस्थाई पीपा पुल की स्थिति, नाव की व्यवस्था और आपदा के समय सुरक्षा इंतजामों को लेकर अपनी बातें रखीं। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए कहा कि बाढ़ संभावित क्षेत्रों में हर स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है।अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि नावों की संख्या बढ़ाई जाए।‌ नाविकों को प्रशिक्षण दिया जाए। घाट पर सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। पीपा पुल की नियमित मरम्मत की जाए। निरीक्षण के जनप्रतिनिधि, प्रशानिक अधिकारी और पुलिसकर्मी मौजूद रहे। स्थानीय लोगों ने इस दौर को सकारात्मक बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि बाढ़ की स्थिति में समय पर प्रशासनिक मदद मिलेगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि आमजन की सुरक्षा प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए।