*आईटीएम गोरखपुर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया"प्लास्टिक प्रदूषण हटाओ – प्रकृति बचाओ" थीम पर संगोष्ठी का आयोजन*
इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (आईटीएम), गोरखपुर एवं द इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), गोरखपुर लोकल चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में संस्थान के डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम सभागार में विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस वर्ष की थीम प्लास्टिक प्रदूषण हटाओ को केंद्र में रखते हुए पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और तकनीकी जिम्मेदारी जैसे विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं तकनीकी पेशेवरों में पर्यावरणीय चेतना जागृत करना एवं स्थायी विकास के प्रति उत्तरदायित्व भावना विकसित करना रहा।
मुख्य वक्ता प्रो. गोविन्द पाण्डेय, आचार्य, सिविल विभाग, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर एवं पूर्व निदेशक, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बस्ती ने अपने संबोधन में कहा, आज के दौर में पर्यावरण संरक्षण को तकनीकी विकास के साथ समन्वित करना अत्यंत आवश्यक हो गया है। हम तभी एक विकसित राष्ट्र की दिशा में बढ़ सकते हैं जब हमारी विकास योजनाएं पर्यावरण के अनुकूल हों। ‘प्लास्टिक प्रदूषण हटाओ’ जैसी थीम हमें अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक उपयोग पर नियंत्रण का संकल्प लेने की प्रेरणा देती है।
इंजीनियर जे. बी. रॉय, अध्यक्ष, मदन मोहन मालवीय एलुमनी एसोसिएशन ने कहा,हमारे प्राचीन ग्रंथों में प्रकृति को माँ का स्थान दिया गया है। छात्रों को केवल विज्ञान ही नहीं, संस्कृति से भी जोड़ने की आवश्यकता है ताकि वे प्रकृति के साथ सामंजस्य बना सकें और उसे संरक्षित करने में योगदान दे सकें।
संस्थान के निदेशक एवं द इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया, गोरखपुर लोकल चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. एन. के. सिंह ने कहा, विश्व पर्यावरण दिवस केवल एक प्रतीकात्मक दिवस नहीं है, बल्कि यह हमें हमारे पर्यावरणीय कर्तव्यों की स्मृति दिलाता है। जल, वायु, मिट्टी और जैव विविधता की रक्षा हेतु हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे। संस्थान का उद्देश्य केवल तकनीकी शिक्षा देना नहीं, बल्कि भावी इंजीनियरों व प्रबंधकों में पर्यावरणीय संवेदनशीलता उत्पन्न करना भी है।
डॉ. पी. के. मिश्रा, वरिष्ठ निदेशक, निर्माण उद्योग विकास परिषद, नई दिल्ली ने कहा,निर्माण उद्योग को पर्यावरण हितैषी बनाना समय की मांग है। ग्रीन बिल्डिंग, ऊर्जा संरक्षण एवं अपशिष्ट प्रबंधन जैसे विषयों को तकनीकी पाठ्यक्रमों में सम्मिलित कर हमें सतत निर्माण की ओर बढ़ना चाहिए।
एस. बी. आर. मिश्रा, पूर्व अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग ने कहा, भूजल संरक्षण, पारंपरिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन एवं वनों की रक्षा अब केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं रह गई है, यह समाज के प्रत्येक नागरिक का सामूहिक दायित्व है।
कार्यक्रम के समापन पर गोरखपुर लोकल चैप्टर के मानद सचिव इंजीनियर पवनेश कुमार ने संगोष्ठी के थीम पर प्रकाश डाला और अंत मे सभी अतिथियों, वक्ताओं, शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं का आभार प्रकट करते हुए कहा,
"यह संगोष्ठी छात्रों के मन-मस्तिष्क में पर्यावरणीय चेतना को विकसित करने की एक प्रेरणादायक पहल रही। आने वाले समय में भी हम ऐसे आयोजनों द्वारा प्रकृति के संरक्षण की दिशा में जागरूकता फैलाते रहेंगे।"इस अवसर पर इंजीनियर अमित कुमार, इंजीनियर आशीष सिंह मेम्बर आई 0ई 0आई0 उत्तर प्रदेश सेन्टर इंजीनियर महमूद आलम, इंजीनियर अभिषेक सिंह, इंजीनियर अमरेश, डीन अकादमिक डॉ. आर. पी. सिंह, डॉ. आशुतोष गुप्ता, डॉ. आशुतोष राव, श्री विजेंद्र प्रताप सिंह सहित संस्थान के सभी विभागों के शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
Jun 05 2025, 18:54