श्रद्धा पूर्वक मनाई गई ग्रापए के संस्थापक स्व. बाबू बालेश्वरलाल की 38 वीं पुण्यतिथि

खजनी गोरखपुर।कस्बे में स्थित हनुमान मठ में ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय बाबू बालेश्वरलाल की 38 वीं पुण्यतिथि ग्रापए खजनी तहसील के अध्यक्ष राम अशीष तिवारी की अध्यक्षता में श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। इस दौरान क्षेत्र के दर्जनों पत्रकारों ने बाबू बालेश्वरलाल के चित्र पर माल्यार्पण पुष्पार्चन कर उन्हें भाव पूर्ण श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी व श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए तहसील अध्यक्ष ने बाबू बालेश्वरलाल के संघर्ष पूर्ण जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 1 जनवरी 1930 को बलिया जिले के रतसर गांव में एक सामान्य मध्यवर्गीय किसान परिवार में जन्म लेने पर बालेश्वरलाल के पिता चंद्रिका प्रसाद और मां सुरती देवी ने बेटे का जन्म होने पर खुशियां मनाईं। तब वो भी नहीं जानते थे कि उनका बेटा एक दिन ग्रामीण पत्रकारों के हित में ग्रापए जैसा बड़ा संगठन खड़ा करेगा। उन्होंने पत्रकारों के हित में स्वर्गीय बालेश्वरलाल के संघर्षों और अतुलनीय योगदान की विस्तृत जानकारी दी।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने उनके जीवन से जुड़े प्रसंगों को साझा करते हुए कहा कि उनके बताए मार्ग पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। पत्रकारों ने ग्रापए की नियमित बैठकों के आयोजन पर चर्चा की।

इस दौरान संतोष तिवारी, उमेश दूबे, आशुतोष तिवारी, शत्रुघ्नमणि तिवारी, चंद्रकुमार सिंह सोनू, विमलेश तिवारी राजकुमार आर्य ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। श्रद्धांजलि सभा में शक्तिओम सिंह, राजाराम यादव, गजेंद्र तिवारी, सेराज आलम खान, सत्यप्रकाश यादव, राजेश यादव, सत्येंद्र तिवारी, जनार्दन दूबे, विजय तिवारी, देवेन्द्र यादव, हाजी शहाबुद्दीन समेत स्थानीय पत्रकार एवं संभ्रांत लोग मौजूद रहे।

*विकास और गरीब कल्याण के साथ समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है अच्छी सरकार : मुख्यमंत्री*

गोरखपुर, 27 मई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब अच्छी सरकार होती है तो वह विकास और गरीब कल्याण के कार्यक्रमों को तेजी से आगे बढ़ाते हुए समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है। सुरक्षा के बेहतर माहौल में हरेक व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक, विकासपरक और कल्याणकारी परिवर्तन लाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में विगत 11 साल से देश में और आठ साल से प्रदेश में यही परिवर्तन देखने को मिल रहा है।

सीएम योगी सोमवार को हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (खाद कारखाना) के परिसर में 1200 जोड़ों के मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित कर रहे थे। योगी सरकार ने सामूहिक विवाह योजना में प्रति जोड़ा खर्च 51 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है और बढ़ी हुई धनराशि के साथ आज यह पहला आयोजन था। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वास्तविक सरकार वही है जो जनता के घर जाकर उनकी समस्याओं का समाधान निकाल सके। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का ही एक अभियान है। यह कार्यक्रम बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की अगली कड़ी है। यह बाल विवाह, बहुविवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक रूढ़ियों पर भी प्रहार है।

भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाने को अंतिम पायदान के व्यक्ति का मजबूत होना जरूरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज सरकार की मंशा हर एक नागरिक के जीवन में परिवर्तन लाने की है। भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाने के लिए हमें समाज के अंतिम पायदान पर बैठे प्रत्येक व्यक्ति के बारे में सोचना होगा। हमें उसके जीवन में परिवर्तन लाना होगा। इसी परिवर्तन के उद्देश्य से सरकार द्वारा मातृ वंदना योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं योजना, कन्या सुमंगला योजना, आयुष्मान योजना आदि अन्य कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। सामूहिक विवाह योजना भी इसी प्रगतिशील सोच का प्रतीक है।

बेटी को बचाना है तो उसे पढ़ाकर सशक्त बनाना होगा

सीएम योगी ने कहा कि बेटी को बचाना है तो उसे पढ़ाना होगा, उसको सशक्त बनाना होगा। बेटी को आगे बढ़ाने के लिए हमें सभी व्यवस्थाएंकरनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में सरकार द्वारा निर्धनों की पीड़ा को समाप्त करने के लिए बेटी के जन्म से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना चलायी गयी। आज यह योजना सफलतापूर्वक चल रही है। इसके तहत प्रदेश के साधनहीन और वंचित परिवारों की लगभग 24 लाख बालिकाओं को जन्म से लेकर स्नातक की शिक्षा के लिए 25 हजार की धनराशि दी जा रही है। सीएम ने बताया कि बेटी के जन्म के बाद रजिस्ट्रेशन करते ही एक निश्चित धनराशि उसके खाते में डाल दी जाती है। बेटी के 1 वर्ष होने पर एवं सभी टीका से आच्छादित होने पर भी एक निश्चित धनराशि दी जाती है। इसके बाद बेटी को कक्षा 1, कक्षा 6 एवं कक्षा 9 में प्रवेश करने के बाद और उसके आगे आईटीआई, डिप्लोमा या अन्य कोर्स में प्रवेश लेने पर एक निश्चित धनराशि खाते में भेजी जाती है। आज यह धनराशि बेटी की सुरक्षा का संबल बन रहा है।

गरीब अभिवावक को अब बेटी की शादी के लिए चिंता करने की आवश्यकता नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्या सुमंगला योजना में शिक्षा के लिए उचित व्यवस्था के बाद बेटी की शादी के लिए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना चलायी गयी। आज गरीब अभिभावक को बेटी के विवाह की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार गरीब कन्या का विवाह कराने का भी कार्य कर रही है। इस सामूहिक विवाह में मुख्यमंत्री के साथ विधायकगण एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण भी सम्मिलित होते है। उन्होंने कहा कि मुझे भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यह हम सभी का सौभाग्य है कि हम इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल हुए हैं, जो बाल विवाह, दहेज प्रथा व बहुविवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति दिलाने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि इस योजना में जाति, मत, मजहब एवं क्षेत्र के बंधन से मुक्त होकर सभी अपनी रीति-रिवाज के अनुसार रजिस्ट्रेशन कर सामूहिक विवाह में शामिल हो सकते है।

अब बिटिया के खाते में जाएंगे एक लाख रुपये

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति की कन्याओं के लिए केवल 20 हजार रुपये दिये जाते थे। यह धनराशि भेदभाव के साथ दी जाती थी, सभी को नहीं प्राप्त होती थी। 20 हजार की धनराशि भी पर्याप्त नहीं थी। यह धनराशि समय पर भी नहीं मिलती थी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना 2017 में शुरू की गयी थी तब इसकी राशि 35 हजार थी बाद में इसे बढ़ाकर 51 हजार एवं 1 अप्रैल 2025 से इस धनराशि को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। इसमें 60 हजार रुपये बेटी के खाते में जमा होंगे। शेष धनराशि गृहस्थी के सामान, कन्या के जेवर एवं भोजन व अन्य व्यवस्थाओं में व्यय किया जायेगा। सरकार यह कार्य दहेज प्रथा, बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को तिलांजलि देकर प्रत्येक गरीब के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए कर रही है।

हर गरीब को मिल रहा शासन की योजनाओं का लाभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में आज हर गरीब को शासन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। आज देश में 4 करोड़ गरीबों को आवास, 10 करोड़ गरीबों को उज्जवलला योजना के तहत रसोई गैस कनेक्शन, 12 करोड़ को शौचालय, 45 करोड़ को जनधन खाते एवं 50 करोड़ गरीबों को आयुष्मान योजना का लाभ दिया गया है। इसी प्रकार सरकार द्वारा पिछले 5 वर्षो से 80 करोड़ लोगों को निशुल्क राशन दिया जा रहा है।

यूपी में छह करोड़ लोग बहु आयामी गरीबी से उबरे

मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार हर उस कार्यक्रम को, जिससे गरीबों का कल्याण होता है, लगातार आगे बढ़ा रही है। आज इन्हीं प्रयासो का परिणाम है कि भारत में विगत 10 वर्षो में 25 करोड़ लोग बहु आयामी गरीबी से उबरे है। उत्तर प्रदेश में भी छह करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से उपर उठाने में मदद मिली है।

जमीनी विवाद खत्म करने को लागू है पीएम स्वामित्व योजना

सीएम योगी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनी विवाद को खत्म करने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना लागू की गयी है। इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा गरीबों को उनके घर के मालिकाना अधिकार पत्र दिये जा रहे है। यूपी में 1 करोड़ 6 लाख परिवारों को उनके घर का अधिकार पत्र दिया गया है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकार स्ट्रीट वेंडर्स के लिए कोई कार्य नहीं करती थी। ठेला, रेहड़ी, खोमचा लगाने वाले गरीबों का पहले हर जगह शोषण होता था, किन्तु आज सरकार द्वारा उनको व्यवसाय के लिए लोन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना भी शुरू की है। इसके तहत 18 से 40 वर्ष तक के प्रदेश के युवाओं को बिना गारंटी के 5 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण देने का प्रावधान किया गया है। इस लोन को समय से चुकाने पर दूसरे चरण मे 7.5 लाख एवं इसके बाद 10 लाख तक का ऋण देने की व्यवस्था है।

हर परिवार को समर्थ बनाने के लिए निरंतर आगे बढ़ती रहेगी विकास प्रक्रिया

नवयुगलों के सुख, समृद्धि एवं मंगलमय जीवन की कामना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर एक परिवार को सशक्त एवं समर्थ बनाने के लिए विकास प्रक्रिया को निरंतर आगे बढ़ाती रहेगी। उन्होंने कहा कि आज हम सबको समाज में जाति भेद, अश्पृश्यता, बाल विवाह जैसी रूढ़िवादिता के खलाफ मजबूती से खड़े होने की आवश्यकता है। हम सबको सामूहिक रूप से इन कुप्रथाओं का विरोध करना पड़ेगा। दहेज भी इसी प्रकार की एक रूढ़िवादी प्रथा है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना इस कुप्रथा पर एक प्रहार है।

लखनऊ के सारे कार्यक्रम छोड़कर यहां मौजूद हूं

बढ़ी धनराशि के साथ प्रदेश में सामूहिक विवाह योजना के पहले कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि किसी एक शादी में उनके लिए समय निकाल पाना मुश्किल होता है लेकिन मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन ऐसा है जहां मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक भी कन्यादान के कार्यक्रम में जुड़कर, लोगों का स्वागत करने के लिए खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं। उन्होंने आज के सामूहिक विवाह कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इसके लिए वह लखनऊ के सारे कार्यक्रम छोड़कर यहां मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि प्राचीन मान्यता रही है कि गांव की बेटी सबकी बेटी होती है।

सीएम ने 11 नवयुगलों को भेंट किया उपहार-शगुन किट

समाज कल्याण विभाग की तरफ से आयोजित इस समारोह में 1200 जोड़े विवाह के पावन बंधन में बंधे। नवयुगलों में हिंदू, मुस्लिम दोनों शामिल रहे। सभी नव दम्पतियों को आशीर्वाद देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके सुखमय और मंगलमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने मंच से 11 नवयुगलों को उपहार-शगुन किट भेंट किया। उपहार देने के दौरान मुख्यमंत्री ने जोड़ों से आत्मीय संवाद भी किया। मंच पर जोड़ों को आशीर्वाद देने के अलावा मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल के मुख्य मंडप में भी गए। मंडप की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ उन्होंने नवयुगलों पर पुष्प वर्षा कर उनको और उनके अभिभावकों को शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह को महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विपिन सिंह और पिपराइच के विधायक महेंद्रपाल सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में एमएलसी एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक फतेह बहादुर सिंह, श्रीराम चौहान, डॉ. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, भाजपा के जिलाध्यक्ष जनार्दन तिवारी, महानगर अध्यक्ष देवेश श्रीवास्तव, पूर्व जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, पूर्व महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता आदि भी उपस्थित रहे।

*सीएचओ ने सीखा ‘मॉनीटरिंग’ और ‘सपोर्ट’ का मंत्र, मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने में बनेंगे मददगार*

गोरखपुर। जिले के साढ़े तीन सौ से अधिक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) ने प्रसव पूर्व देखभाल (एएनसी) के बारे में ‘मॉनीटरिंग’ और ‘सपोर्ट’ का मंत्र सीखा। मंगलवार को दोपहर बाद चली इस वर्चुअल पाठशाला में एम्स गोरखपुर से विषय विशेषज्ञ डॉ शिखा सेठ ने उन्हें बताया कि इन दोनों मंत्रों के जरिये मातृ शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा भी अपने कार्यालय से पाठशाला का हिस्सा बने और उनकी मौजूदगी में सीएचओ ने दो अलग अलग केस के जरिये विषय विशेषज्ञ से संवाद किया। इस दौरान इको इंडिया की प्रतिनिधि डॉ सत्या व दीक्षा ने तकनीकी सहयोग दिया।

एम्स गोरखपुर की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ शिखा सेठ ने सीएचओ को बताया कि गर्भावस्था के नौ महीने की सतत निगरानी और गर्भवती को चिकित्सा इकाई एवं घर में सही देखभाल मिलने से सुरक्षित प्रसव की राह आसान हो जाती है। जहां सामान्य गर्भवती की गर्भावस्था में कम से कम चार बार प्रसव पूर्व जांच होनी चाहिए, वहीं उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) महिला की चिकित्सक के परामर्श के अनुसार उनकी देखरेख में आठ से बारह बार प्रसव पूर्व जांच व निगरानी होनी चाहिए। गर्भावस्था के प्रथम तिमाही में एचआरपी की पहचान हो जानी चाहिए और उसे सही चिकित्सा इकाई पर संदर्भित कर दिया जाना चाहिए। पहली तिमाही में बच्चे के अंग बनना शुरू होते हैं, इसलिए बिना चिकित्सक के किसी भी प्रकार के दवा का सेवन करने से गर्भवती को मना करना है।

डॉ सेठ ने बताया कि दूसरे त्रैमास में भ्रूण का विकास होता है और उस समय गर्भवती को अतिरिक्त कैलोरिज की आवश्यकता होती है। ऐसे में उसे प्रोटीनयुक्त सही खानपान की सलाह दें। साथ ही साथ आयरन फोलिक और कैल्शियम की दवाओं के सेवन का भी परामर्श दें। उन्हें बताएं कि सिर्फ खानपान से इन तत्वों की पूर्ति नहीं होती है, इसलिए आयरन फोलिक व कैल्शियम का अलग से सेवन आवश्यक है। दूसरी तिमाही में गर्भवती को पेट से कीड़े निकालने की दवा खाना और टिटनेस डिप्थीरिया का टीका लगवाना भी आवश्यक है। दूसरे त्रैमास में मधुमेह की भी जांच होनी चाहिए। अगर यह एक सौ चालीस से अधिक है तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श जरूरी है। पूरे गर्भावस्था के दौरान गर्भवती का ग्यारह से बारह किलोग्राम वजन बढ़ना चाहिए। हीमोग्लोबिन की मात्रा दस से कम नहीं होनी चाहिए। अगर खतरे का कोई भी संकेत गर्भ के किसी भी अवस्था में दिखे तो तुरंत उच्च चिकित्सा केंद्र को संदर्भन किया जाना चाहिए।

इस दौरान सीएचओ सीमा वर्मा और अंजू ने दो अलग अलग केस स्टडी के जरिये प्रश्न पूछे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने धन्यवाद देते हुए कहा कि आगामी ई आरोग्य पाठशाला से जिले के चिकित्सा अधिकारियों को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि ई आरोग्य पाठशाला का आयोजन प्रत्येक मंगलवार को दोपहर दो बजे से तीन बजे के बीच किया जा रहा है। अगले मंगलवार को इसमें स्तन कैंसर पर क्षमता संवर्धन किया जाएगा। उक्त सत्र में एम्स के भूतपूर्व वरिष्ठ सर्जन और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के प्रधानाचार्य डॉ अनुराग श्रीवास्तव की प्रस्तुति होगी। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में इको इंडिया का विशेष सहयोग है। एसीएमओ डॉ एके चौधरी, डीटीओ डॉ गणेश यादव और मंडलीय कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर राजीव रंजन भी पाठशाला का हिस्सा बने।

समय एक अनमोल दौलत : मौलाना नूरुद्दीन निजामी

गोरखपुर। विद्यालय बंद होने के बाद बच्चों में सकारात्मक व्यक्तित्व को उभारने के लिए एम. ए. एकेडमी तुर्कमानपुर में छह दिवसीय समर कैंप का आगाज मंगलवार को हुआ। टाइम मैनेजमेंट व गोल सेटिंग की बारीकियां बताईं गईं। कुरआन-ए-पाक की तिलावत हाफिज रहमत अली निजामी ने की।

लखनऊ से आए मुख्य अतिथि मोटिवेशनल स्पीकर मौलाना नूरुद्दीन निजामी ने कहा कि समय एक अनमोल दौलत है जो एक बार बीत गई तो वापस नहीं आती। समय का सदुपयोग करना, हमारे जीवन में सफलता और तनावमुक्त जीवन में मदद करता है। समय का सही उपयोग करने से हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। समय का प्रबंधन करने से तनाव कम होता है और हम खुशहाल जीवन जी सकते हैं। समय का सदुपयोग करने से हमारी कार्यक्षमता बढ़ती है और हम संगठित और अनुशासित बन सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से निर्धारित करें ताकि आप समय का उपयोग सही दिशा में कर सकें। अपने दिन के लिए एक समय सारणी बनाएं और उसका पालन करें। ऐसे कार्यों को कम करें जो समय को बर्बाद करते हैं। महत्वपूर्ण कामों को पहले करें और फिर अन्य कामों पर ध्यान दें। समय को बर्बाद करने से बचें और हर पल का सदुपयोग करें।

विद्यालय के मैनेजर मुहम्मद आकिब अंसारी व पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. एहसान अहमद ने कहा कि जब आप समय का सदुपयोग करते हैं तो अपने आपको प्रोत्साहित करें। छात्रों को अपनी पढ़ाई के लिए समय निर्धारित करना चाहिए और उसका पालन करना चाहिए। कामकाजी लोगों को अपने कार्य के लिए समय निर्धारित करना चाहिए और समय पर काम करना चाहिए। व्यायाम और स्वस्थ भोजन के लिए समय निर्धारित करना चाहिए। अपनी रुचियों और शौक के लिए भी समय निकालना चाहिए। समय का दुरुपयोग करने से हम अपनी सफलता को खो सकते हैं जो हमारे तनाव और चिंता को बढ़ा सकता है।

वरिष्ठ शिक्षक आसिफ महमूद ने कहा कि जीवन के साथ हमेशा सकारात्मक सोच रखें। सभी में अपार क्षमता होती है, उसे पहचानकर अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करें।

ट्रेनर कारी मुहम्मद अनस रजवी ने दीन-ए-इस्लाम की बुनियादी बातें बताईं। दीन-ए-इस्लाम हमें सिखाता है कि अल्लाह एक है, सिर्फ वही इबादत के लायक है। पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के आखिरी नबी व रसूल हैं। कुरआन-ए-पाक अल्लाह की किताब है। प्रतिदिन पांच बार नमाज़ पढ़ना आवश्यक है। दीन-ए-इस्लाम हमें यह भी सिखाता है कि झूठ न बोलो, चोरी न करो, और दूसरों के साथ अच्छे से व्यवहार करो। दीन-ए-इस्लाम में प्रेम, दया, और दूसरों की मदद करने की शिक्षा दी गई है।

इस मौके पर विद्यालय की प्रधानाचार्या सीमा परवीन, उप प्रधानाचार्या निदा फातिमा, सैयद शम्स, सलमा खान, शमा खान, सोबिया खान सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

तपती धूप में शिव राष्ट्र सेना फाउंडेशन ने बढ़ाया मदद का हाथ, हजारों को दी राहत


गोरखपुर।शहर की झुलसाती गर्मी के बीच शिव राष्ट्र सेना फाउंडेशन ने आज एक सराहनीय पहल करते हुए शास्त्री चौराहा, बीएसएनएल कार्यालय के पास प्यास से बेहाल राहगीरों और आम नागरिकों के लिए निःशुल्क शीतल जल, शरबत और नींबू पानी की प्याऊ लगाई।

इस आयोजन में लगभग 10,000 से अधिक लोगों ने राहत का अनुभव किया और फाउंडेशन के इस जनहितकारी प्रयास की सराहना की। फाउंडेशन के सदस्यों ने स्वयं उपस्थित रहकर सेवा प्रदान की, जिससे कार्यक्रम अत्यंत सफल और प्रेरणादायक रहा।

शिव राष्ट्र सेना फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि आने वाले समय में भी इसी प्रकार के जनसेवा कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाते रहेंगे, जिससे विशेषकर दूरदराज़ से आने वाले लोगों को भी राहत मिल सके।

उपस्थित गण:

महिला प्रमुख रिया, ममता, अन्नू, किरण, प्रियंका, स्नेहा, सृष्टि तथा वरिष्ठ सदस्य विमलेश शुक्ला, अमन गुप्ता, सुधीर गौड़, निषाद, सौरभ वर्मा, राज जायसवाल, अमन चौधरी, रचित मिश्रा, सनी शाह, अजय राजभर, शिवम जायसवाल, रामू निषाद, राम आशीष जायसवाल, अर्जुन वर्मा, सौरभ जायसवाल, अरुण शर्मा सहित अन्य सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे।

शिव राष्ट्र सेना फाउंडेशन का यह कार्य न केवल जनसेवा का उदाहरण है, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम भी है।

मनोकामना सिद्ध श्रीरामजानकी हनुमान मंदिर के स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए सीएम योगी

गोरखपुर।27 मई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को मनोकामना सिद्ध श्रीरामजानकी हनुमान मंदिर के स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर मंदिर में प्रतिष्ठित देव विग्रहों का दर्शन-पूजन करने के साथ ही उन्होंने मंदिर के ब्रह्मलीन महंत प्रेमदास की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

मनोकामना सिद्ध श्रीरामजानकी हनुमान मंदिर गोरखनाथ मंदिर के मुख्य द्वार के समीप स्थित है। वर्ष 2001 में तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ जी के सानिध्य में इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराकर इसे भव्य स्वरूप दिया गया था। आज इस मंदिर के स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ का आगमन हुआ। उन्होंने मंदिर में स्थापित सभी देव विग्रहों का दर्शन और विधिविधान से पूजन किया। इसके साथ ही उन्होंने इस मंदिर के पूर्व महंत गोलोकवासी प्रेमदास की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया।

इस अवसर पर काशी से आए जगद्गुरु स्वामी संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, मनोकामना सिद्ध श्रीरामजानकी हनुमान मंदिर के वर्तमान महंत रामदास, मंदिर के व्यवस्थापक अजय सिंह, अयोध्या से आए जानकीघाट मंदिर के राम बालक दास, कालीबाड़ी के महंत रविंद्र दास, बलराम दास, हरिशंकर दास सहित बड़ी संख्या में साधु-संत उपस्थित रहे।

*लक्ष्मण नारंग को श्रद्धांजलि दी मुख्यमंत्री ने*

गोरखपुर, 27 मई। वरिष्ठ समाजसेवी, पूर्व पार्षद और सिंधी समाज के नेता रहे लक्ष्मण नारंग के घर जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। 

गोरक्षपीठ के प्रति अगाध श्रद्धा रखने वाले लक्ष्मण नारंग का विगत दिनों निधन हो गया था। गोरखपुर प्रवास के दौरान मंगलवार दोपहर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके गोरखनाथ मोहल्ले स्थित आवास पर पहुंचे और उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने स्वर्गीय नारंग के शोकाकुल परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया।

कन्नौज के दिव्यांग पुजारी ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात

गोरखपुर।27 मई। कन्नौज जिले के दिव्यांग पुजारी गोपालदास ने सोमवार को गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उन्होंने धर्म, संस्कृति के संरक्षण और विकास के सतत कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री की सराहना करने के साथ कन्नौज में बजरंग बली के मंदिर निर्माण में आ रहे व्यवधान के बारे में बताया। कहा, कुछ लोग मंदिर निर्माण नहीं होने दे रहे हैं। इस पर सीएम योगी ने उन्हें आश्वस्त किया कि जांच कराकर न्यायपूर्ण कार्रवाई की जाएगी। किसी को मनमानी नहीं करने दी जाएगी।

जनता दर्शन में कुर्सी पर बैठाए गए दिव्यांग पुजारी गोपालदास से मिलते ही मुख्यमंत्री ने उनका कुशलक्षेम और जनता दर्शन में आने का प्रयोजन पूछा। गोपालदास ने बताया कि वह कन्नौज जिले के सौरिख थानाक्षेत्र के ग्राम टाड़ा रायपुर से आए हैं। वह वहां बजरंग बली के मंदिर के पुजारी हैं। मंदिर का नवनिर्माण करा रहे हैं लेकिन गांव के कुछ लोग निर्माण नहीं होने दे रहे हैं। उनकी समस्या सुनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह जांच कराकर कार्रवाई सुनिश्चित कराएंगे। पुजारी गोपालदास मुख्यमंत्री के आश्वसान से संतुष्ट नजर आए। उन्होंने कहा कि सीएम योगी धर्म, संस्कृति की रक्षा के साथ प्रदेश का चतुर्दिक विकास भी करा रहे हैं।

*नवागत सिटी मजिस्ट्रेट ने पदभार किया ग्रहण*

गोरखपुर। नवागत सिटी मजिस्ट्रेट ने पद भार ग्रहण किया। 2019 बैच के पीसीएस अधिकारी उत्कर्ष श्रीवास्तव ने सिटी मजिस्ट्रेट का पदभार ग्रहण किया सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि पीड़ित जनता को न्याय दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता है। जनता अपनी समस्या को लेकर कभी भी कार्यालय में मिल सकती है। काम में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकताओं का शत-प्रतिशत पालन कराना ही पहला कर्तव्य होगा। आम आदमी की समस्याओं का निस्तारण कराना व त्वरित न्याय पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि शासन की योजनाओं तथा कार्यक्रमों को प्राथमिकता से क्रियान्वित कराना हमारा मुख्य उद्देश्य रहेगा शासन के मंशा के अनुरूप विवादों का निस्तारण किया जाएगा। वाराणसी निवासी श्री श्रीवास्तव गोरखपुर आने से पहले जौनपुर सिद्धार्थ नगर संत कबीर नगर में ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर चुके हैं 20 मई 2025 को शासन ने श्री श्रीवास्तव को सीएम सिटी का सिटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया 24 मई को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर अपना पदभार संभाले आज सोमवार को अपने कार्यालय का दायित्व संभाल लिया।

*वट सावित्री व्रत पर्व पर सौभाग्यवती महिलाओं ने की वट वृक्ष की पूजा*

खजनी गोरखपुर।।क्षेत्र में सौभाग्यवती महिलाओं ने आज वट सावित्री पर्व के अवसर पर श्रद्धापूर्वक वटवृक्ष की पूजा की ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को मनाए जाने वाले वटसावित्री पर्व पर अपने पतियों के लंबे और स्वस्थ्य जीवन की कामना करते हुए जटाओं वाले पुराने वटवृक्षों के समीप पहुँच कर महिलाओं ने पारंपरिक रूप से विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की।

मान्यता है कि सती देवी सावित्री ने अपने पति सत्यवान की मृत्यु के बाद यमराज से उनके जीवनदान के लिए वटवृक्ष के नीचे कठोर तप किया था। सैकड़ों वर्ष तक जीवित रहने वाले वटवृक्ष की भांति पतियों के दिर्घायू की कामनाओं के साथ वटवृक्ष को जनेऊ और कच्चे धागे का पीला रक्षासूत्र लपेट कर बाँस का बना पंखा झलते हुए निर्जल व्रत रहकर मंगलगीत गाते हुए महिलाओं ने आस्था के साथ वट वृक्ष की पूजा उपासना की और व्रत कथा सुनी, वटवृक्षों के नीचे पूजा के दौरान सौभाग्यवती महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई।