सफाई और सुरक्षा कर्मियों को कम वेतन देने का मामला, अब आउटसोर्स एजेंसी को किया जाएगा ब्लैकलिस्ट

गरियाबंद- जिला अस्पताल में कार्यरत सफाई और सुरक्षा कर्मियों को निर्धारित मानदेय से कम भुगतान करने वाली आउटसोर्स एजेंसी पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी. आज अस्पताल परिसर में आयोजित जीवन दीप समिति की बैठक के दौरान यह मामला प्रमुखता से उठाया गया.

बैठक में राजिम विधायक रोहित साहू और कलेक्टर दीपक अग्रवाल मौजूद थे. बैठक में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कई अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई. इसी दौरान विधायक साहू ने सवाल उठाया कि जिला अस्पताल में कार्यरत 18 सफाईकर्मियों और 12 सुरक्षाकर्मियों को एजेंसी द्वारा कलेक्टर दर के अनुसार लगभग 11 हजार रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाना चाहिए था, लेकिन उन्हें केवल 6 से 7 हजार रुपये ही दिए जा रहे हैं. यह अनियमितता पिछले एक वर्ष से चल रही थी.

विधायक के सवाल पर अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. इसके बाद विधायक साहू ने एजेंसी को तत्काल निरस्त करने और उसे ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश जारी किए. साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए अन्य कई आवश्यक निर्देश भी दिए हैं.

राजधानी के थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, मादक पदार्थ रखने के मामले में हुआ था गिरफ्तार…

रायपुर- राजधानी रायपुर के थानों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल आज खुल गई, जब हेरोइन चिट्टा की तस्करी के मामले में गिरफ्तार अंतर्राज्यीय तस्कर थाने से भाग गया. मामले में आरोपी के साथ उसके साथी को पुलिस ने एक दिन पहले ही गिरफ्तार किया था.

मामला आमानाका थाना का है. जहां एक दिन पहले पंजाब निवासी अमृतपाल सिंह और धर्मेंद्र सिंह को प्रतिबंधित मादक पदार्थ हेरोईन चिट्टा रखने पर गिरफ्तार कर रखा गया था. इनमें से आरोपी अमृतपाल सिंह मौके देखकर थाने से फरार हो गया. आरोपी के भागने का अहसास होते ही थाने में हड़कंप मच गया, जिसके बाद तत्काल सूचना प्रसारित कर आरोपी की तलाश शुरू की गई है.

डायरिया की चपेट में विशेष संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा के 14 लोग, 1 की मौत, मचा हड़कंप तो कलेक्टर पहुंचे

सरगुजा- लुंड्रा ब्लॉक अंतर्गत चिरगा पंचायत के बेवरापारा में डायरिया का प्रकोप देखने को मिला है. यहां रहने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति के 14 पहाड़ी कोरवा ग्रामीण डायरिया से पीड़ित पाए गए हैं, जबकि एक संक्रमित महिला की मौत हो गई है. डायरिया फैलने की सूचना से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।

जानकारी के अनुसार, कोरवा बाहुल्य बेवरापारा गांव में डायरिया फैलने की सूचना सोमवार को स्वास्थ्य अमले को मिली. वहीं गांव की एक 60 वर्षीय पहाड़ी कोरवा महिला की दोपहर को मौत हो गई, जो डायरिया से पीड़ित थी. इसके बाद धौरपुर के बीएमओ डॉ. राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में टीम ने गांव पहुंचकर तत्काल पीड़ितों की जांच की और 11 लोगों को सीएचसी धौरपुर में भर्ती कराया गया. इनमें से तीन मरीजों को मंगलवार शाम तक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है, जबकि बाकी अन्य मरीजों का इलाज जारी है. सभी की हालत अब स्थिर बताई जा रही है.

डायरिया के फैलने का प्राथमिक कारण दूषित भोजन माना जा रहा है. सूचना मिलते ही कलेक्टर डॉ. विलास भोसकर भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में लगातार निगरानी कर रही है और मरीजों का बेहतर इलाज जारी है.

मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में 'विकसित बस्तर की ओर' परिचर्चा में बस्तर अंचल में पर्यटन को बढ़ावा देने कार्ययोजना को साकार करने के दिए निर्देश

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने बस्तर दशहरा, जो 75 दिनों तक चलता है, को देशभर में और विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने पर बल दिया। उनका कहना था कि इस प्रसिद्ध सांस्कृतिक उत्सव को वैश्विक पहचान मिलनी चाहिए और आने वाले दशहरे की तैयारी इस दृष्टिकोण से की जाए।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आगामी पर्यटन सीजन के बीच आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी योजनाओं की रूपरेखा बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि निजी क्षेत्र को पर्यटन में भागीदार बनाना जरूरी है। उन्होंने पर्यटन सर्किट विकसित करने की बात कही ताकि पर्यटकों को एक बेहतर यात्रा अनुभव मिल सके। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, गाइड प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से होमस्टे के प्रचार-प्रसार के लिए नए कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटक होमस्टे में रुचि रखते हैं और यह आदिवासी समाज के लिए आय का महत्वपूर्ण स्रोत बन सकता है। मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज के सदस्यों को पर्यटन से होने वाले लाभों पर भी चर्चा की और कहा कि यह क्षेत्र विकास के नए अवसरों से लाभान्वित होगा। उन्होंने कहा कि बस्तर का पर्यटन केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रमुख आकर्षण बनेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग प्राकृतिक सुंदरता, जनजातीय धरोहर और सांस्कृतिक जीवंतता का खजाना है, जो इसे पर्यटन के लिए एक अनोखा और विशिष्ट क्षेत्र बनाता है। चित्रकोट और तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान और प्राचीन गुफाओं जैसे आकर्षणों के लिए प्रसिद्ध यह क्षेत्र अद्भुत परिदृश्य और समृद्ध जैव विविधता प्रदान करता है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर संभाग में पर्यटन के विकास और वृहद रोडमैप बनाने हेतु गहन मंथन के दौरान यह बात कही। जगदलपुर में आयोजित विकसित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायक किरण सिंह देव, विनायक गोयल, प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, पर्यटन विभाग के सचिव अलबनगन पी., पर्यटन विभाग के एमडी विवेक आचार्य, बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, पर्यटन उद्योग से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित थे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर दशहरा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाएगा। इसकी अभी से तैयारी के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि इससे बस्तर की पहचान बनेगी। सितम्बर से मार्च का मौसम बेहतर होता है।इसे पर्यटन के लिए विशेष रूप से फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि अब पर्यटन क्षेत्र में ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र और समुदाय की भागीदारी बढ़ाए। गाइड प्रशिक्षण की व्यवस्था हो। होम स्टे को प्रचार प्रसार हो। इसका लाभ उठाएं स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिलता है। सभी के बेहतर सुझाव से पर्यटन के क्षेत्र में बस्तर को आगे बढ़ाएंगे।

परिचर्चा में पर्यटन स्थलों के जुड़ाव, ब्रांडिंग और बुनियादी सुविधाओं के विस्तार पर विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया गया। बैठक में बताया गया कि पर्यटक जीवंत जनजातीय गांवों का भ्रमण कर सकते हैं, बस्तर दशहरा जैसे पारंपरिक त्योहारों का अनुभव कर सकते हैं और स्थानीय शिल्प तथा व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं। इको-पर्यटन, जनजातीय पर्यटन और दंतेश्वरी मंदिर जैसे आध्यात्मिक स्थलों के समन्वय के साथ बस्तर एक अनोखा और गहन यात्रा अनुभव प्रदान करता है। ब्रांडिंग और प्रचार के तहत ट्रैवल ट्रेड फेयर (TTF) के माध्यम से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों के पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना बनाई जाएगी। पर्यटन सूचना केंद्र (TIC) पश्चिम बंगाल, हैदराबाद, जगदलपुर, अरकू सिटी और भुवनेश्वर के हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे ताकि पर्यटकों को आवश्यक जानकारी मिल सके। आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना जैसे पड़ोसी राज्यों के यात्रा और पर्यटन ऑपरेटरों तथा होटल व्यवसायियों के साथ साझेदारी को मजबूत किया जाएगा। पर्यटन स्थलों की दृश्यता और सटीकता को बेहतर बनाने के लिए निजी एजेंसियों के सहयोग से गूगल मैपिंग सेवाओं में सुधार किया जाएगा। साथ ही जगदलपुर के दलपत सागर में वार्षिक नाव दौड़ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पर्यटन विशेषज्ञों और प्रमोटरों को आमंत्रित किया जाएगा ताकि दृश्यता और जुड़ाव को बढ़ाया जा सके। विश्वभर के टूर और ट्रैवल ऑपरेटरों के बीच क्षेत्र की पर्यटन समृद्धि के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसे प्रदर्शित करने के लिए परिचयात्मक (FAM) यात्राएँ और रोड शो आयोजित किए जाएंगे। ये यात्राएँ टूर ऑपरेटरों और होटल व्यवसायियों को क्षेत्र का अन्वेषण करने के लिए आमंत्रित करेंगी, जबकि स्थानीय टूर ऑपरेटरों को भी वैश्विक रोड शो में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य इनबाउंड पर्यटन को बढ़ावा देना है। साथ ही कुटुमसर गुफाएँ और चित्रकोट जलप्रपात जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर स्वच्छ शौचालय और पीने के पानी जैसी आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित की जाएंगी। पर्यटकों की सुविधा के लिए केशलूर के आगे की सड़कों के सुधार की आवश्यकता चिन्हित की गई है। बस्तर को हैदराबाद, रायपुर, भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम और अरकू जैसे प्रमुख शहरों से जोड़ने वाली ट्रेन सेवाओं के सुधार पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। प्रमुख पर्यटक स्थलों पर इंटरनेट कनेक्टिविटी और बिजली की आपूर्ति जैसी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। चित्रकोट में पैराग्लाइडिंग, रैपेलिंग और ज़िपलाइनिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स की गतिविधियों को और अधिक बढ़ावा दिया जाएगा ताकि रोमांच प्रेमियों को आकर्षित किया जा सके।

बैठक में बताया गया कि टैक्सी ड्राइवरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू किए जाएंगे ताकि उनकी कौशल और स्थानीय पर्यटन स्थलों की जानकारी में सुधार हो सके। साथ ही, पर्यटन गाइडों के लिए अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि बहुभाषी पर्यटन गाइड विकसित किए जा सकें। पर्यटक स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा ताकि आगंतुकों को स्थानीय संस्कृति और परंपराओं में शामिल किया जा सके। पर्यटन सूचना केंद्रों के कर्मचारियों के सॉफ्ट स्किल्स में सुधार के लिए विभाग द्वारा एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को ग्राहक सेवा, संवाद कौशल और समस्या समाधान क्षमताओं में दक्ष बनाना है ताकि वे पर्यटकों को बेहतर सेवा प्रदान कर सकें। पर्यटकों के लिए जनजातीय संस्कृति और सतत जीवनशैली का अनुभव बढ़ाने हेतु विभाग होमस्टे नीति 2025 के अंतर्गत होमस्टे की संख्या बढ़ाने पर ध्यान देगा। नई छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2025, जो शीघ्र प्रकाशित की जाएगी, के माध्यम से छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड का उद्देश्य राज्य को वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य का गढ़ के रूप में स्थापित करना है। हमारा मिशन राज्य की असाधारण इको-एथनिक पेशकशों को प्रदर्शित करना है, जिससे आगंतुकों और हमारी भूमि के जीवंत जीवन के बीच संबंध स्थापित हो सके। हम एक ऐसे पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो न केवल सभी के लिए सुलभ हो बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और हमारे कीमती पर्यावरण की रक्षा में भी सहायक हो।

पर्यटन में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विभाग मौजूदा पर्यटन संपत्तियों को निजी होटल व्यवसायियों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत लीज पर देने की योजना बनाएगा। पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने हेतु विभाग टैक्सी दरों को नियमित करेगा और एक समान दरें निर्धारित की जाएंगी। यह पहल सुनिश्चित करेगी कि सभी टैक्सी सेवाएँ पारदर्शी और निष्पक्ष मूल्य निर्धारण के आधार पर संचालित हों।

भविष्य की योजना के तहत कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, स्थानीय प्रवास पथों और दैनिक एवं मौसमी गतिविधि पैटर्न का सटीक आकलन करने के लिए पहाड़ी मैना पक्षी की सैटेलाइट टेलीमेट्री टैगिंग की जाएगी। पर्यटकों और स्थानीय समुदायों के लिए बफर जोन और आसपास के गांवों में मानसून पैकेज टूर विकसित किए जाएंगे। मांझीपाल, नागलसर, नेतानार, तीरथगढ़, कामानार में नए आदिवासी होमस्टे परियोजनाओं का क्रियान्वयन चक्रीय निधि से प्रस्तावित है। निजी टूर संगठनों, होटल व्यवसायियों और अन्य हितधारकों के साथ सहयोग कर कम प्रभाव वाले सतत पर्यटन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

पर्यटकों को आकर्षित करने और स्थानीय लोगों के लिए अधिक रोजगार सृजन के लिए तीरथगढ़ जलप्रपात के पास कांच के पुल के निर्माण हेतु चक्रीय निधि से लगभग 6 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए हैं। ग्राम पेदावाड़ में होमस्टे सह परंपरागत हीलिंग सेंटर के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2025-26 की राज्य योजना मद में लगभग 40 लाख रुपए का प्रस्ताव रखा गया है।

नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल के खिलाफ चार्जशीट का विरोध, ED दफ्तर के बाहर पूर्व सीएम बघेल, टीएस सिंहदेव समेत कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन

रायपुर-  प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड केस में विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे और कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा का नाम शामिल है. इसके विरोध में राजधानी रायपुर के राजिव गांधी चौक स्थित ईडी दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में कांग्रेसी प्रदर्शन करने पहुंचे. मौके पर पूर्व सीएम बघेल, पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. 

जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड मामला

BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था. आरोप के मुताबिक, कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) का अवैध अधिग्रहण कर लिया. स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था.

सुब्रमण्यम स्वामी ने 2000 करोड़ रुपए की कंपनी को केवल 50 लाख रुपए में खरीदे जाने को लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत केस से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी. जून 2014 ने कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया. अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में एक्शन लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. दिसंबर 2015 में दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी.

बस्तर संभाग में विकास कार्यों की समीक्षा: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिए जनकल्याणकारी योजनाओं के तेज़ी से क्रियान्वयन के निर्देश

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज बस्तर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष 'प्रेरणा' में संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को हितग्राहीमूलक योजनाओं का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करते हुए प्राथमिकता से निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर के विकास की यात्रा अब ठहराव नहीं, निरंतर गति की मांग करती है। हमारा प्रयास है कि अंतिम छोर तक योजनाओं का लाभ पहुंचे और हर हितग्राही तक शासन की पहुँच सुनिश्चित हो।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर अब पिछड़ेपन का प्रतीक नहीं, नए भारत की संभावनाओं का प्रवेश द्वार बन रहा है। यहां का हर गाँव, हर परिवार विकास की मुख्यधारा से जुड़े — यही हमारा लक्ष्य है। आयुष्मान, आधार, आवास और विद्युतीकरण जैसी योजनाएं केवल सरकारी परियोजनाएं नहीं, बल्कि आम जन की गरिमा और सुरक्षा की गारंटी हैं।

उन्होंने कहा कि बस्तर के युवा हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं। हम उन्हें सिर्फ कौशल नहीं, स्वाभिमान देना चाहते हैं। अब हमारा मंत्र है — हर घर में उजाला, हर हाथ में रोजगार और हर दिल में विश्वास। यही बस्तर की नई पहचान होगी, और यहीं से छत्तीसगढ़ की विकास गाथा को नई ऊँचाई मिलेगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आज की बैठक अत्यंत उपयोगी रही और इसमें बस्तर संभाग के विकास, शांति स्थापना और योजनाओं की प्रगति को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ। यह देखकर संतोष होता है कि बस्तर संभाग में शासन और प्रशासन की टीम युवा, ऊर्जावान और संकल्पबद्ध दिख रही है। जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और समस्त अधिकारियों की उपस्थिति यह प्रमाणित करती है कि हम सब विकास के प्रति गंभीर हैं और बस्तर में शांति स्थापना के लिए प्रतिबद्ध हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निर्देश दिए कि नक्सलवाद के समूल उन्मूलन हेतु सरकार पूरी ताक़त और समर्पण के साथ काम कर रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में नक्सल उन्मूलन का कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और यह लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक पूर्ण करने का संकल्प है। हमारे सुरक्षा बलों का साहस, समर्पण और रणनीति के साथ काम करना इस दिशा में बड़ी उपलब्धि है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षा सत्र के प्रारंभ होने जा रहा है। उन्होंने जाति प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को समयबद्ध और सरल बनाने के निर्देश दिए ताकि बच्चों को कोई कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि गर्मी और बारिश के मौसम में बीमारियों की आशंका रहती है, ऐसे में सीएससी स्तर और स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाइयों की उपलब्धता और चिकित्सकीय व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखें।उन्होंने कहा कि बस्तर में उद्योग की स्थापना को लेकर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, महिलाओं और स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देते हुए उद्योग नीति में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिनसे स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि बस्तर में अपूर्ण योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे हैं और जगदलपुर एयरपोर्ट से नियमित उड़ानें प्रारंभ करने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। राष्ट्रीय राजमार्गों सहित अन्य अधोसंरचना परियोजनाओं पर भी गति लाई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात की आवश्यकता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे। आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण यह और भी आवश्यक हो जाता है कि हम व्यक्तिगत लाभ आधारित योजनाओं को प्राथमिकता दें और प्रत्येक परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त करें। मोबाइल नेटवर्क की समस्याओं के कारण कई बार आधार, राशन, बैंकिंग जैसी सेवाएं बाधित होती हैं। संबंधित एजेंसियों से समन्वय कर इसका शीघ्र समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क और संचार उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के सम्बन्ध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित बसें चलाने की आवश्यकता है ताकि जनता को सुरक्षित व सुलभ आवागमन का साधन मिल सके।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों में जनता की जबरदस्त भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि लोग विकास से जुड़ना चाहते हैं और नक्सलवाद की विचारधारा से दूर होना चाहते हैं। हमें इसी विश्वास को और मजबूत करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों की शिकायतों को गंभीरता से लें, उन्हें सम्मान दें, और धैर्यपूर्वक उनकी बातों को सुनें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों में प्रशासनिक कुशलता के साथ मानवीय संवेदनशीलता भी आवश्यक है। बस्तर संभाग की जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और हमें पूरी निष्ठा के साथ उनके कल्याण के लिए कार्य करना है।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में समूचा बस्तर अलग ही परिदृश्य में दिखाई दे रहा है, बस्तर उन्नति की कहानी लिख रहा है। यह सभी के परिश्रम का परिणाम है। बस्तर की आवश्यकता का ध्यान रखते हुए कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी निर्माण कार्यो को समयावधि में पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बारिश के पहले ही निर्माण कार्य पूर्ण हो।

बैठक के दौरान बस्तर संभाग के आयुक्त डोमन सिंह ने क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 87.24 प्रतिशत और आधार कार्ड निर्माण में 96.37 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आयुष्मान कार्ड और आधार कार्ड में शतप्रतिशत लक्ष्यपूर्ति के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।

बैठक में अंदरूनी क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के समाधान के लिए मोबाइल टावर लगाने की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 93.37 प्रतिशत प्रगति हुई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी पात्र हितग्राही आवास से वंचित न रहे, और सभी निर्माण कार्य आगामी दिसंबर माह तक पूर्ण कर लिए जाएँ। आवश्यक निर्माण सामग्री की आपूर्ति पंचायतों के माध्यम से एकसाथ करने की रणनीति पर भी जोर दिया गया।

बैठक में जानकारी दी गई कि विद्युतीकरण के क्षेत्र में बस्तर संभाग ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अब तक 95.89 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच चुकी है। कांकेर जिले में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है, वहीं बस्तर और कोंडागांव में यह आँकड़ा 99 प्रतिशत के पार पहुँच गया है। शेष जिलों में दिसंबर 2025 तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना में 91.55 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जैसे जिलों में गति लाने के निर्देश दिए। इसी तरह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 82.88 प्रतिशत किसानों को लाभ मिल रहा है। जनधन खातों में 90.79 प्रतिशत पात्र हितग्राही पंजीकृत हैं। राजस्व संबंधी प्रकरणों जैसे नामांतरण, सीमांकन, त्रुटि सुधार के मामलों में त्वरित एवं समयबद्ध निराकरण के निर्देश दिए गए।

बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने स्थानीय युवाओं को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनाओं से जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने प्रशिक्षित युवाओं को शतप्रतिशत प्लेसमेंट दिलाने और स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।

समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अरूण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, पीसीसीएफ श्रीनिवास राव, बस्तर संभाग के आयुक्त, आईजी पुलिस, सभी जिलों के कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त सहित सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

आग में झुलसकर महिला की मौत, ग्रामीणों ने किया थाने का घेराव, पति पर लगाया हत्या का आरोप, तीसरी पत्नी थी मृतिका

बालोद-  आग में झूलसने से महिला की मौत का मामला गरमा गया है. इस मामले को लेकर सैकड़ों ग्रामीणों ने आज थाने का घेराव कर पति पर हत्या का आरोप लगाया है. बता दें कि दो दिन पहले मिट्टी तेल से महिला जली थी, उन्हें रायपुर रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान मंगलवार को उसकी मौत हो गई. यह मामला ग्राम लिम्हाटोला का है. बताया जा रहा कि यह सुरेश की तीसरी पत्नी थी. दो पत्निया मारपीट से तंग आकर भाग चुकी हैं.

ग्रामीणों ने पति पर प्रताड़ित कर बार-बार मारपीट का आरोप लगाया है. साथ ही मिट्टी तेल डालकर पत्नी को जलाने का भी आरोप लगाया है. पति के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर ग्रामीण डौन्डी थाना पहुंचे हैं. पति के खिलाफ कार्रवाई के लिए थाने में आवेदन दिया है. वहीं पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

मृतिका के हैं दो छोटे-छोटे बच्चे

ग्रामीणों ने बताया कि सुरेश की मारपीट के चलते दो पत्नियां पहले ही भागकर अपने मायके चली गई. इसके बाद पवन बाई को पत्नी बनाकर लाया और अपनी हरकत से बाज नहीं आया. लगातार इस पत्नी को भी वह प्रताड़ित करता रहा. इससे तंग आकर पत्नी पवन बाई मौत के गाल में समा गई. मृतिका के 2 छोटे-छोटे बच्चे हैं. एक बेटी है, जिसकी उम्र 6 वर्ष है और एक बेटा है, जिसकी उम्र 3 वर्ष है.

बाइक चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली करना पड़ा भारी, थाना प्रभारी और प्रधान आरक्षक निलंबित

कोरबा- गाड़ी चेकिंग के नाम पर लोगों से अवैध वसूली करने पर एसपी ने बांगो थाना प्रभारी समेत प्रधान आरक्षक निलंबित कर दिया है. जनपद अध्यक्ष की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई. बता दें कि क्षेत्र में अवैध वसूली को लेकर जनप्रतिनिधियों ने थाना प्रभारी के खिलाफ मार्चा खोल दिया था. लगातार बाइक चेकिंग, अवैध शराब पकड़ने के नाम पर किसी ने किसी को प्रताड़ित किया जा रहा था. जनप्रतिनिधियों से दुर्व्यवहार भी कर रहे थे. इसे लेकर जनपद अध्यक्ष ने मंत्री के साथ कोरबा एसपी से शिकायत की थी.

शिकायत की गंभीरता को देखते हुए रविन्द्र कुमार मीना नगर पुलिस अधीक्षक, सायबर सेल, कोरबा से मामले की जांच कराई गई. शिकायत सही पाने पर एसपी ने बांगो थाना प्रभारी उषा सिंधिया और प्रधान आरक्षक जितेन जायसवाल को निलंबित कर दिया है. जांच में पाया गया कि सचिन कुमार मिश्रा से अनुचित तरीके से थाना प्रभारी उषा सौंधिया एवं प्रधान आरक्षक जितेन्द्र जायसवाल द्वारा 10,500 रुपए प्राप्त किया गया है, जिससे अवैध वसूली प्रथम दृष्टया परिलक्षित होती है.

कलेक्ट्रेट कार्यालय को बम से उड़ाने की मिली धमकी, कश्मीर से आए मेल से मचा हड़कंप…

कवर्धा- कबीरधाम कलेक्ट्रेट कार्यालय में बम से उड़ाने की ई-मेल से धमकी मिली, जिसके बाद से हड़कंप मचा हुआ है. कश्मीर से धमकी भरा मेल आने की सूचना मिलते ही मौके पर डॉग स्क्वाड के साथ-साथ पुलिस टीम पहुंच गई है. डॉग स्क्वाड परिसर के चप्पे-चप्पे को खंगालने में जुटा है.

धमकी-भरे मेल पर कबीरधाम कलेक्टर गोपाल वर्मा ने कहा कि इस मामले की सूचना पुलिस को दी गई है. इसमें जांच की जा रही है. वहीं एसपी धर्मेंद्र छवाई ने बताया कि मेल के माध्यम से धमकी मिलने की सूचना मिली है. मौके पर डॉग स्क्वाड की टीम के साथ पुलिस अधिकारियों को जांच के लिए भेजा गया है.

NSS कैंप में नमाज पढ़ाने पर GGU में बवाल : दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग, प्रशासनिक भवन के गेट पर चढ़कर छात्रों ने किया प्रदर्शन

बिलासपुर-  गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के एनएसएस कैंप में हिंदू छात्रों को जबरदस्ती नमाज पढ़ाने के मामले में आज छात्रों व हिंदू संगठन के लोगों ने विश्वविद्यालय में जमकर हंगामा मचाया. प्रदर्शनकारी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं. वाइस चांसलर को हटाने की मांग को लेकर छात्र यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन के गेट पर चढ़कर प्रदर्शन कर रहे. प्रदर्शनकारी जीजीयू नहीं बनेगा जेएनयू के नारे लगा रहे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झूमाझटकी भी हुई.

बता दें कि 26 मार्च से एक अप्रैल तक एनएसएस कैंप का आयोजन किया गया था, जिसमें गुरुघासीदास विश्विद्यालय के 159 छात्र शामिल हुए थे. इनमें केवल 4 छात्र मुस्लिम थे, बाकी सभी हिंदू थे. 30 मार्च को ईद के दिन एनएसएस कैंप में जबरदस्ती छात्रों से नमाज पढ़ाई गई थी.

छात्रों ने इस मामले की लिखित शिकायत थाने में की थी, जिस पर जांच शुरू हो गई है. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रो. दिलीप झा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें एनएसएस समन्वयक पद से हटा दिया है. उनके स्थान पर ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग में प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार मेहता को प्रभार सौंपा गया है.