भगवान की पूजा करते है, क्योंकि जल बरसात-ह्रदयेश कुमार
अमेठी।गोवर्धन नाथ का पुजन करना है। जिससे वर्षा जल की हो। ओखल की मुक्ति नही हुई। गायो के चरने के लिए वृन्दावन है। मै तो आयी वृन्दावन धाम किशोरी तेरे चरणन मे,श्री राधे तेरे चरणन मे,वृज वृन्दावन की महरानी ।कृपा करौ श्री राधे।
श्रीमद्भागवत महापुराण संगीतमय ज्ञान यज्ञ महोत्सव पूरे सेवक बैसडा मे कथा व्यास आचार्य हृदयेश कृष्ण जी महराज ने कथा के पांचवे दिन भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर प्रकाश डाला। भगवान श्रीकृष्ण ने गुफा मे बैठ गये ।अजगर ने गुफा अपना बन्द कर लिया। सब मूर्छित हो गए। भगवान श्रीकृष्ण ने सबको मुक्ति मिल गई। ग्वाल के जूठे खा रहे। भगवान कैसे है। बनाई गयी सृष्टि से बढ़कर आगे है। ब्रह्म जी से आगे भगवान श्रीकृष्ण ने आगे बढ़कर कार्य किया। ब्रह्म बनकर टहल रहे है। मूर्ख बिकलाग की नर बालि नही होती। भगवान श्रीकृष्ण ने रक्षा की। मुक्ति के पीछे नही भगना चाहिए। मन से बाणी से गुणगान बद करना चाहिए।
जमुना किनारे मेरा गांव। ऊची हबेली,वृज की हूं कि नारी नबेली। घिस कर चन्दन लगाऔ,बंशी बजाकर आओ रे। खस रोओ महल बनाओ। चुन चुन कर कालिया सजाओ।
मुख्य यजमान पंडित राजकुमार पाण्डेय सपत्नीक,जिला पंचायत सदस्य जगन्नाथ पाण्डेय,राजेश मिश्र जिला सचिव समाज बादी पार्टी,पूर्व जिला पंचायत सदस्य सदाशिव पाण्डेय,सुरेश कुमार मिश्र,ज्वला प्रसाद पाण्डेय,प्रदीप कुमार तिवारी,अमित कुमार तिवारी,कमलेश गुप्ता,राम प्रकाश शुक्ल,आद्या पाण्डेय,सत्य प्रकाश पाण्डेय पूर्व प्रधान,हरि नाथ पाण्डेय,राम शिरोमणि शुक्ल आदि मौजूद रहे।
Apr 11 2025, 19:33