डॉक्टरों और नर्सों से बदसलूकी का मामला: स्वास्थ्य विभाग ने 3 सदस्यीय जांच समिति का किया गठन, 17 डॉक्टर आज स्वास्थ्य मंत्री से करेंगे मुलाकात

जांजगीर-चांपा- जिला अस्पताल और बीडीएम अस्पताल चांपा के डॉक्टरों एवं स्टाफ ने सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल पर तानाशाही रवैया अपनाने, मानसिक उत्पीड़न करने और पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगाए हैं। मामले ने तूल पकड़ लिया है, जिसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने डॉक्टरों को मुलाकात के लिए बुलाया है, जिसके बाद जिला अस्पताल के 17 डॉक्टर रायपुर रवाना हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों को आज शाम 6 बजे मुलाकात का समय दिया है।

स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, समिति में अस्पताल की संयुक्त संचालक प्रेमलता चंदेल को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि डॉ. डी.के. तुर्रे और डॉ. नागेश्वर राव को सदस्य नियुक्त किया गया है। यह समिति आगामी 7 दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

देखें आदेश

आदिवासी, सौम्य-सरल मुख्यमंत्री साय के बारे में कुछ भी बोलने से पहले हजार बार सोचें भूपेश बघेल : मंत्री कश्यप

रायपुर- छत्तीसगढ़ के वन व सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को प्रदेश के पहले आदिवासी सौम्य और सरल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के बारे में कुछ भी बोलने से पहले हजार बार सोचना चाहिए। भूपेश हमेशा से आदिवासी विरोधी रहे हैं। उन्हें यह पच ही नहीं रहा है कि कोई आदिवासी भी प्रदेश की कमान सम्भाल सकता है।

मंत्री कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री साय प्रदेश ही नहीं, बल्कि समूचे देश के सबसे अनुभवी आदिवासी नेता हैं। उनका अनुभव और राजनीतिक करियर भी भूपेश बघेल से कई गुना बड़ा है। एक बार केंद्रीय मंत्री, दो बार विधायक, तीन बार प्रदेश अध्यक्ष, चार बार सांसद और अब प्रदेश के चौथे मुख्यमंत्री के रूप में साय कार्यकाल की देशभर में सराहना हो रही है। साय के नेतृत्व में आज नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में कांग्रेस का सफाया हो गया। लोकसभा चुनाव में मोदी गारंटी पूरे करने का असर दिखा, समूचे देश में सौम्य सरल लेकिन कड़े निर्णय लेने वाले नेता के रूप में विष्णुदेव साय की पहचान है।

"प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि भूपेश बघेल को यह समझना चाहिए कि बड़बोलेपन से राजनीति नहीं चलती। अनावश्यक बयानबाजी को छत्तीसगढ़ की सहज-सरल जनता कितना नापसंद करती है, वह भूपेश बघेल ने स्वयं अनुभव किया होगा। उन्होंने कहा, जिस तरह एक सरल आदिवासी कवासी लखमा के कंधे पर बन्दूक रखकर भूपेश बघेल ने अपने घोटालों की गोली चलाई, सारी मलाई चट कर आदिवासी विधायक लखमा के सिर पर सारा ठीकरा फोड़ दिया है, यह भूपेश बघेल की आदिवासी विरोधी मानसिकता को दिखाता है।

कश्यप ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री से आग्रह है कि वे घोटालों के आरोपों का सामना न्यायिक प्रक्रिया द्वारा करें। जिस संविधान को बचाने की बड़ी-बड़ी बात कांग्रेस करती है, उसी संविधान के तहत संवैधानिक संस्थाएं जांच कर रही है। इसी संविधान ने देश के वंचितों और आदिवासियों को अधिकार दिए हैं, भूपेश बघेल का संवैधानिक संस्थाओं का मजाक उड़ाना संविधान विरोधी कृत्य भी है। केदार कश्यप ने कहा कि बघेल संविधान का सम्मान करें, संवैधानिक पद्धति से चुनकर आए प्रतिनिधियों का भी अपमान करने का भूपेश बघेल को कोई अधिकार नहीं है। चोरी पकड़ी जाने पर बौखलाहट से काम नहीं चलता है।"

फर्जीवाड़ा कर सरकारी जमीन बेची, फरार भाजपा पार्षद गिरफ्तार, मामले में कुल 11 आरोपी जा चुके हैं जेल

दुर्ग- भाजपा पार्षद और एमआईसी सदस्य जोन अध्यक्ष संतोष नाथ उर्फ जलंधर को सरकारी जमीन फर्जी कागजातों से अपने नाम करने और उसे बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वैशाली नगर पुलिस ने इस मामले में पहले ही 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था.

पुलिस जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी पार्षद जलंधर सिंह ने उद्योग विभाग और अन्य की निजी जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें अपने नाम रजिस्ट्री कराया और फिर अन्य लोगों को बेच दिया. मामले के खुलासे के बाद वैशाली नगर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी.

आरोपी पार्षद निर्दलीय चुनाव जीतकर पहले कांग्रेस में शामिल हुआ था और बाद में भाजपा सरकार बनने के बाद भाजपा की सदस्यता ले ली थी. थाना वैशाली नगर में आरोपी जलंधर के खिलाफ एक अन्य जमीन फर्जीवाड़े का मामला भी दर्ज है. इस मामले में जवाहर नगर सुपेला निवासी प्रार्थी देवनाथ गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपी कार्तिक नंद शर्मा, पुरुषोत्तम उर्फ अरविंद भाई, राजेंद्र सोनी, हरिश राठौर के साथ मिलकर कोहका वार्ड 14 बाबादीप सिंह नगर की जमीन (खसरा नंबर 5407/4 और 5407/3) का फर्जी पेपर तैयार कर धोखाधड़ी की गई. जिसके बाद वैशाली नगर पुलिस ने इस मामले में धारा 420, 467, 468, 471 और 120-बी भादवि के तहत अपराध दर्ज किया था. मामले में पहले ही 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका था, अब मुख्य आरोपी जलंधर को भी पुलिस ने पकड़कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया है.

राजधानी के पुराने नगर निगम कैंपस में लगी भीषण आग, दमकल विभाग की टीम मौके पर

रायपुर- राजधानी रायपुर में जयस्तंभ चौक के पास स्थित पुराने नगर निगम कैंपस में मंगलवार दोपहर अचानक भीषण आग लग गई. आग कबाड़ और कचरे में लगी थी, जिससे इलाके में धुएं का गुबार छा गया.

आगजनी की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया गया. हालांकि, आग लगने के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है. राहत की बात यह रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है.

धान निष्पादन पर स्थगन प्रस्ताव लेकर आया विपक्ष, चर्चा नहीं होने पर किया वॉकआउट…

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के 11वें दिन धान निष्पादन पर विपक्ष स्थगन प्रस्ताव लेकर आया. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने धान की नीलामी से प्रदेश को 8 हजार करोड़ रुपए के नुकसान की बात उठाई. स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होने पर विपक्ष ने वॉकआउट किया. 

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्थगन प्रस्ताव पर कहा कि सरकार ने स्वीकार किया कि धान की नीलामी होगी. पिछले समय भी धान का निष्पादन नहीं हो पाया था. धान नीलामी से छत्तीसगढ़ को करीब 8 हजार करोड़ का आर्थिक नुकसान होगा. उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ के खिलाफ केंद्र का उपेक्षापूर्ण रवैया बताया.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की चार इंजन की सरकार कुछ नहीं कर पाई है. आने वाले वर्ष में घाटा लगा तो धान खरीदी प्रभावित होगी. इसके साथ ही उन्होंने धान खरीदी के लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार से अनुरोध करने की बात कही.

नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान धान की नीलामी से प्रदेश को करीब 8 हजार रुपए रुपए के नुकसान की बात दोहराते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों, गरीबों को हक की राशि मिलनी चाहिए. सोच बदलने के लिए विपक्ष ने सरकार का ध्यान आकर्षित किया था.

मोबाइल टावर लगाए जाने का विरोध, स्थानीय लोगों ने कलेक्टर से की हटाने की मांग

रायपुर- शहर के गुढ़ियारी इलाके में स्थानीय लोग नए मोबाइल टावर के लगाए जाने का विरोध कर रहे हैं. रहवासियों का कहना है कि मोबाइल टावर लगने से क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य पर नकरात्मक प्रभाव पड़ेगा. स्थानीय लोगों ने अपनी समस्या को लेकर कलेक्टर से मांग की है कि यहां टावर ना लगाया जाए. 

पूरा मामला गुढ़ियारी के अशोक नगर का है. जहां मोबाइल टावर को लगाने का कार्य जारी है. इस बीच लोगों ने आज नारेबाजी करते हुए इसका विरोध करना शुरू कर दिया. साथ ही मोबाइल टावर को हटाए जाने की मांग की जा रही है. 

स्थानीय रहवासी रमाकांत शर्मा ने कलेक्टर से मांग करते हुए कहा कि हमारे क्षेत्र सेवई फेक्ट्री के पास अशोक नगर गुढ़ियारी ए.पी.जे. कलाम वार्ड क्रमांक 19 रायपुर में मोबाइल टावर लग रहा है. जबकि यह एक घनी आबादी वाला क्षेत्र है, अगर यहां मोबाइल टॉवर की स्थापना हो जाती है. तो उसके उच्च रेडियेशन से आस-पास का वातावरण खराब हो जायेगा.

वहीं स्थानीय रहवासी कुंदन सिन्हा ने कहा कि घनी आबादी वाला यह पूरा क्षेत्र है. मोबाइल टावर लगाने से बच्चो के साथ-साथ आस-पास के सभी लोगो के मानसिक स्थिती पर भी बुरा प्रभाव अवश्य ही पड़ेगा. उच्च रेडियेशन से मानव स्वास्थ्य में कैंसर जैसी घातक बीमारी भी हो सकती है. इससे हम सभी भली भांति अवगत है. रेडियेशन की वजह से क्या क्या खतरा मानव शरीर एवं वातावरण में हो सकता है, ये सभी जानते है. इस क्षेत्र में पहले से नेटवर्क की कोई समस्या नहीं है. बावजूद इसके टावर इंस्टॉल किया जा रहा है. हम कलेक्टर से मांग करते है लोगो स्थानीय लोगों की समस्या को समस्याओं को देखते हुए यहां टावर ना लगाया जाए. 

नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत का बड़ा आरोप, कहा- लाखों महिलाओं को नहीं मिल रहा महतारी वंदन योजना का लाभ, यह अन्याय है…

रायपुर-  नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने महतारी वंदन योजना का लाभ प्रदेश की लाखों महिलाओं को नहीं मिलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की महिलाओं के साथ अन्याय हो रहा है. 

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि महतारी वंदन योजना के नाम से चुनाव जीते हैं, लेकिन महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. एक ही क्षेत्र में 4000 महिलाओं को लाभ नहीं मिला है. पूरे प्रदेश में लाखों महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. महिलाओं के साथ अन्याय हो रहा है.

भूपेश बघेल के निवास पर छापेमारी के दौरान ईडी अधिकारियों से बदसलूकी, गाड़ियों में तोड़फोड़ पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज किए जाने पर डॉ. महंत ने कहा कि गिरफ्तारी हो रही है, तो सामान्य व्यवस्था है. हम आक्रोश व्यक्त करेंगे, हमने आक्रोश व्यक्त किया. हमने गाड़ी में धक्का-मुक्की की. यह सामान्य आक्रोश है. पुलिस द्वारा कार्रवाई करना मानसिक स्थिति को दर्शाता है.

पूर्व सीएम बघेल के घर पर छापेमारी के बाद ED की गाड़ी पर हमला, कांग्रेस नेता सन्नी अग्रवाल समेत 15 से अधिक के खिलाफ FIR दर्ज

दुर्ग- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पर छापेमारी के बाद ईडी की गाड़ी को रोकने और पथराव करने के मामले में कांग्रेस नेता सन्नी अग्रवाल समेत 15 से 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ईडी और निजी वाहन के चालक की शिकायत पर भिलाई 3 थाना पुलिस ने यह मामला दर्ज किया है।

जानकारी के मुताबिक, ड्राइवर ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कहा कि सोमवार को शाम करीब साढ़े चार बजे भूपेश बघेल के घर से निकलते समय करीब 15-20 प्रदर्शनकारियों ने चार पहिया वाहन को रोक लिया और कुछ लोग बोनट पर चढ़ गए। एफआईआर में कहा गया है कि किसी ने पत्थर भी फेंका जो वाहन के आगे के शीशे पर लगा।

मामले में पुलिस ने भिलाई निवासी सनी अग्रवाल और 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ दंगा फैलाने [191(2)], गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने (190), स्वेच्छा से सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने (221), सरकारी कर्मचारी पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग (132), गलत तरीके से रोकने [126(2)] और सार्वजनिक संपत्ति विनाश कानून की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया है।

सिविल सर्जन के खिलाफ डॉक्टरों ने खोला मोर्चा, OPD का किया बहिष्कार, साइकिल स्टैंड में मरीजों का कर रहे इलाज

जांजगीर-चांपा- जिला अस्पताल में सिविल सर्जन दीपक जायसवाल के खिलाफ डॉक्टरों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. डॉक्टरों ने आज OPD का बहिष्कार करते हुए साइकिल स्टैंड में अस्थायी OPD शुरू कर दी, जहां वे जमीन पर बैठकर मरीजों का उपचार कर रहे हैं. वहीं सिविल सर्जन ने खुद OPD की कमान संभाल ली है. लेकिन मरीजों को आंदोलनकारी डॉक्टरों के पर्ची से जिला अस्पताल से ना तो दवा मिल रहा है और नहीं कोई जांच हो रही है, जिसके चलते मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सिविल सर्जन दीपक जायसवाल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों की आज दोपहर एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है. इसमें आंदोलन को उग्र करने और प्रदेश स्तर पर विस्तार देने को लेकर चर्चा होगी.

जिला अस्पताल में एक सप्ताह से सिविल सर्जन और डॉक्टर के साथ स्टॉफ नर्स का विरोध जारी है. सिविल सर्जन दीपक जायसवाल पर डाक्टर और नर्सिंग स्टॉफ का अपमान करने और जिला अस्पताल में तनाव पूर्ण माहौल बनाने का आरोप लगाते हुए शासन-प्रशासन से सिविल सर्जन को हटाने की मांग कर रहे हैं. मांग पूरा नहीं होने पर अपने आंदोलन को प्रदेश स्तर में विस्तार करने कि तैयारी में है.

क्या है पूरा मामला?

जिला अस्पताल जांजगीर-चांपा और बीडीएम अस्पताल चांपा के डॉक्टरों एवं स्टाफ ने सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल पर तानाशाही रवैया अपनाने, मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और पद का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने अस्पताल परिसर में जमकर नारेबाजी की और फिर कलेक्ट्रेट तक रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था.

सीनियर स्टाफ नर्स सालोमी बोस ने बताया था कि सिविल सर्जन ने उन्हें धमकाते हुए कहा, “तुम्हारी नेतागिरी नहीं चलेगी, मैं तुम्हें निपटा दूंगा. मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, मेरा स्वास्थ्य मंत्री रिश्तेदार है और कलेक्टर मेरा दोस्त है. मैं तुम्हारा ट्रांसफर करवा दूंगा और सीआर खराब कर दूंगा.”

वहीं, डॉक्टर इकबाल हुसैन ने आरोप लगाया कि सिविल सर्जन ने अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने के बजाय सीनियर डॉक्टरों को दबाव में लेना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा, “वह स्टाफ नर्सों से बदसलूकी करते हैं और अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. वह खुद को स्वास्थ्य मंत्री का रिश्तेदार और कलेक्टर का करीबी बताकर स्टाफ पर दबाव बनाते हैं. अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार के बजाय सिर्फ बाहरी सजावट कर दिखावा किया जा रहा है.”

डॉक्टरों एवं स्टाफ के ज्ञापन सौंपने के बाद कलेक्टर आकाश छिकारा ने कहा था, “हमने डॉक्टरों और स्टाफ की शिकायतों को गंभीरता से लिया है. जांच समिति को निष्पक्ष रूप से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.” अब इस मामले की जांच के लिए समिति गठित कर दी गई है.

व्यापम परीक्षाओं के लिए प्रोफाइल पंजीकरण और अपडेट करना अनिवार्य, जानिए पूरी प्रक्रिया

रायपुर- छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) द्वारा आयोजित विभिन्न प्रवेश, पात्रता और भर्ती परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों के प्रोफाइल पंजीकरण की प्रक्रिया अनिवार्य कर दी गई है. व्यापम की नई वेबसाइटhttps://vyapamcg.cgstate.gov.in को 27 फरवरी 2025 से शुरू किया गया है. जिन अभ्यर्थियों ने पहले से प्रोफाइल पंजीकरण किया हुआ है, उन्हें अपने प्रोफाइल को अद्यतन करना अनिवार्य होगा. अभ्यर्थियों की सुविधा की दृष्टि से प्रोफाइल पंजीकरण की व्यवस्था लागू की गई है, जिससे अभ्यर्थी को अपनी व्यक्तिगत जानकारी बार-बार नहीं भरनी होगी. प्रोफाइल पंजीकरण सिर्फ एक बार करना होगा और इसी प्रोफाइल पर अभ्यर्थी लॉगिन करके ऑनलाइन आवेदन कर करते हैं.

प्रोफाइल अद्यतन करने के लिए अभ्यर्थियों को अपने पूर्व के प्रोफाइल लॉगिन एवं पासवर्ड के माध्यम से अपडेशन ऑनलाइन करना अनिवार्य होगा, जिसमें अभ्यर्थी अपने पुराने फोटो के स्थान पर नवीनतम पासपोर्ट साइज का फोटो एवं हस्ताक्षर (50 से 100 केबी जेपीजी) अपलोड कर अपना प्रोफाइल पासवर्ड बदलना होगा. अभ्यर्थी को अपना वैध ई-मेल एड्रेस दर्ज करना होगा. यदि कोई अभ्यर्थी दिव्यांग है, तो नये वेबसाइट में उल्लेखित दिव्यांगता के प्रकार का चयन करके अपना प्रोफाइल अपडेट करते हुए जिला मेडिकल बोर्ड या सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी दिव्यांगता प्रमाण पत्र का क्रमांक एवं जारी होने का दिनांक भी प्रविष्ट करना अनिवार्य होगा. इसके अतिरिक्त यदि अभ्यर्थी अपने प्रोफाइल की व्यक्तिगत जानकारी में कोई सुधार करना चाहते हैं, तो नये वेबसाइट में अपने प्रोफाइल लॉगिन में जाकर अनिवार्य रूप से सुधार कर सकते हैं.

जिन अभ्यर्थियों ने व्यापम (CG Vyapam) के वेबसाइट में पूर्व में अपना प्रोफाइल पंजीकरण नहीं किया है, वे व्यापम के नये बेवसाइट पर प्रोफाइल पंजीकरण कर सकते हैं. व्यापम की परीक्षाओं में ऑनलाइन आवेदन के लिए प्रोफाइल पंजीकरण अनिवार्य है.