मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वर्गीय बलिराम कश्यप की जयंती पर उन्हें किया नमन

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर के प्रखर जननेता एवं पूर्व सांसद स्वर्गीय बलिराम कश्यप की जयंती (11 मार्च) के अवसर पर उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि श्री कश्यप केवल एक जनप्रतिनिधि नहीं, बल्कि जनता के सच्चे हितैषी थे। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज के उत्थान और क्षेत्र की प्रगति के लिए समर्पित कर दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय श्री कश्यप की ईमानदारी, दृढ़ संकल्प और जनसमर्थन ने उन्हें बस्तर के घर-घर तक पहुंचाया। वे जनता के साथ केवल जनप्रतिनिधि के रूप में नहीं, बल्कि परिवार के सदस्य की तरह जुड़े रहे। मध्यप्रदेश विधानसभा से लेकर लोकसभा तक उन्होंने बस्तरवासियों की आवाज को बुलंद किया और हर मंच पर उनके अधिकारों की रक्षा की।

श्री साय ने कहा कि श्री बलिराम कश्यप केवल एक नेता नहीं, बल्कि विचारधारा थे—एक ऐसी विचारधारा, जो बस्तर के विकास और आदिवासी समाज की उन्नति के लिए सतत संघर्षरत रही। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया और अपने लोगों के हितों के लिए हर चुनौती का सामना किया। उनकी दूरदृष्टि और कर्मठता ने बस्तर को नई दिशा दी। उनका जीवन हमें सिखाता है कि सच्चा नेतृत्व वही है, जो समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय बलिराम कश्यप का जीवन प्रेरणा का स्रोत है। उनका समर्पण, संघर्ष और सेवा भाव हमें यह सिखाता है कि सच्चे जननेता वही होते हैं, जो समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचकर उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं। बस्तर और छत्तीसगढ़ की प्रगति के प्रति उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।

स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर 4 मेडिकल कॉलेज के निर्माण का निविदा निरस्त

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार ने गीदम, मनेंद्रगढ़, कवर्धा और जांजगीर मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए जारी कंबाइंड निविदा को तत्काल निरस्त कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि 1020 करोड़ रुपये की निविदा आमंत्रित की गई थी, लेकिन बोली दर 53.36% अधिक यानी लगभग 544 करोड़ ज्यादा थी. 

सरकार के नियमों के अनुसार, निविदा दर में 10-15% तक की बढ़ोतरी स्वीकार्य होती है, लेकिन इस मामले में दर बहुत अधिक होने के कारण इसे रद्द करने का फैसला लिया गया. 

राज्य सरकार ने चार नए मेडिकल कॉलेजों के भवन निर्माण के लिए 1020.60 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत तय की थी. हालांकि, टेंडर प्रक्रिया के दौरान 1565.20 करोड़ रुपये की सबसे कम बोली (L1) प्राप्त हुई, जो कि निर्धारित लागत से 544.60 करोड़ रुपये अधिक थी. यह वृद्धि 53.36% ज्यादा थी, जिसे समिति ने अव्यावहारिक माना.

छत्तीसगढ़ सरकार ने ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के तहत निविदा मंगाई थी. पहले इसकी अंतिम तिथि 7 नवंबर 2024 थी, जिसे 16 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया. टेंडर 19 दिसंबर 2024 को खोला गया और 27 दिसंबर 2024 को समीक्षा की गई. फिर, 6 जनवरी 2025 को योग्य कंपनियों की जांच और प्रेजेंटेशन हुआ. इसके बाद 16 जनवरी 2025 को फाइनल प्राइस बिड खोली गई थी.

बता दें कि चार नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए प्रति कॉलेज 306.23 करोड़ रुपये के हिसाब से कुल 1224.92 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी दी. इन सभी कॉलेज की बिल्डिंग बनाने के टेंडर को क्लब कर 1020 करोड़ का टेंडर निकाला. देश की दो कंपनियां ही टेंडर को क्वालिफाई कर पाई, जो वास्तविक रेट से 53 और 58 परसेंट अधिक रेट कोट किया.

छत्तीसगढ़ को जल्द मिलेगा साइबर एक्सपर्ट! : हाईकोर्ट ने सरकार को दिए निर्देश, अगली सुनवाई में मांगी नियुक्ति की जानकारी

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ में साइबर क्राइम की बढ़ती संख्या को देखते हुए हाईकोर्ट ने एक बार फिर राज्य में साइबर एक्सपर्ट की तुरंत नियुक्ति करने को कहा है। अगली सुनवाई 20 मार्च को निर्धारित कर इसी दिन नियुक्ति की जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश केंद्र शासन को दिया है।

प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य का कोई विशेषज्ञ नहीं होने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा, जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने पिछले माह हुई सुनवाई के दौरान कहा था कि यह गंभीर चिंता का विषय है। लगातार साइबर अपराध हो रहे हैं, इसलिए एक्सपर्ट की नियुक्ति जरूरी है। उन्होंने केंद्र सरकार को तत्काल नियुक्ति के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट में बताया कि देशभर में केंद्र सरकार ने 16 जगहों पर एक्सपर्ट की नियुक्ति की है। फिलहाल छत्तीसगढ़ में किसी साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति नहीं की गई है। कोर्ट ने कहा कि आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य का राज्य में कोई परीक्षक नहीं है। इस पर कोर्ट ने प्रतिवादियों को इस पद पर नियुक्ति करने का निर्देश दिया था। सोमवार को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में केंद्र के अधिवक्ता ने बताया कि अभी साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति नहीं की जा सकी है, इसके लिए कोर्ट के आदेश की जानकारी प्रेषित की गई है। कोर्ट ने कहा कि साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति हर हाल में की जाए। अगली सुनवाई तक यह जानकारी आनी चाहिए कि किस सायबर एक्सपर्ट की नियुक्ति की गई है।

कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को रायपुर से झारखंड ले गई पुलिस

रायपुर- लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ काम करने वाला झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अमन साव पुलिस और कारोबारियों दोनों के लिए मुसीबत बना हुआ है। 7 मार्च को रांची में दिनदहाड़े बदमाश एक कोयला कारोबारी को गोली मारकर फरार हो गया। पुलिस इस हमले में अमन साव गैंग का हाथ होना बता रही है। इसी केस की पूछताछ के लिए झारखंड पुलिस रायपुर जेल में बंद गैंगस्टर अमन साव को आज अपने साथ लेकर झारखंड रवाना हुई।

बता दें कि रायपुर के तेलीबांधा में कारोबारी पर फायरिंग मामले में अमन साव ढाई महीने से ज्यादा समय से जेल में बंद है। झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता ने माना है कि अमन साव जेल से अपना गैंग चला रहा है। अपराधी वर्चुअल नंबर क्रिएट कर काम कर रहे हैं।

बता दें कि रांची के बरियातू थाना क्षेत्र के गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल के पास 7 मार्च को कोयला कारोबारी बिपिन मिश्रा की कार पर अंधाधुंध फायरिंग हुई थी। विपिन मिश्रा और उनके ड्राइवर को गोली लगी है। कोयला कारोबारी के बॉडीगार्ड ने भी जब जवाबी फायरिंग की तो हमलावर फरार हो गए। अपराधियों को गिरफ्तार करने पुलिस छापेमारी कर रही है। वहीं इस हमले पर अमन साव का नाम भी जोड़ा जा रहा है। झारखंड पुलिस हाई सिक्योरिटी में अमन साव को रायपुर जेल से रांची ले जा रही है, जहां उससे हमले को लेकर पूछताछ की जाएगी।

अमन साव पर दर्ज हैं 50 से अधिक मामले

अमन साव पर 50 से अधिक मामले रांची सहित राज्य के अगल-अलग थानों में दर्ज हैं। अमन साव का गिरोह रांची के अलावा रामगढ़, चतरा, धनबाद, हजारीबाग, पलामू, लातेहार और बोकारो में रंगदारी मांगने के लिए सक्रिय है। गिरोह कोल माइनिंग कंपनियों, कोयला व्यवसायी और ट्रांसपोर्टर, बिल्डर, ठेकेदार और कारोबारियों को रंगदारी के लिए टारगेट कर रहा है। अगर इन्हें रंगदारी नहीं मिलती है तो गिरोह के गुर्गे या तो उन कारोबारियों के दफ्तर पर फायरिंग कर धमका रहे हैं या फिर उन्हें ही गोली मार रहे हैं। पिछले 6 माह में रंगदारी मांगने और गोली चलाने के आधा दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।

भिलाई में ED की टीम पर हमला : भूपेश बघेल के घर से बाहर निकलते ही समर्थकों ने फेंके ईंट-पत्थर

दुर्ग- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास पर ईडी की टीम ने आज छापेमार कार्रवाई की. जब रेड के बाद टीम घर से बाहर निकली तो भूपेश बघेल के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए ईडी की टीम पर हमला कर दिया. सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में जांच एजेंसी एफआईआर दर्ज करवा सकती है.

बताया जा रहा है कि ईडी की टीम पर ईंट-पत्थरों से हमले हुए हैं. बघेल निवास से एक अधिकारी बाहर निकल रहे थे तब ईडी वाहन पर एक पत्थर फेंका गया. हालांकि इस हमले में घायलों की जानकारी सामने नहीं आई है. ईडी टीम की कार पर पत्थर फेंकने वाले शख्स को सुरक्षा बलों ने उसी वक्त पकड़ लिया और उसे अपने साथ ले गई. इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा.

पूर्व सीएम बघेल के बयान पर डिप्टी CM साव का पलटवार, कहा- ED के पास कुछ सबूत हैं, तभी तो वो कार्रवाई करने गई

रायपुर- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पर सोमवार को ईडी ने छापेमार कार्रवाई की. इस मामले में डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि “कोयला घोटाला, शराब घोटाला, महादेव एप्प घोटाला, सीजी पीएससी घोटाला कांग्रेस सरकार में हुआ. इन घोटालों के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल थे. ED के पास कुछ साक्ष्य सबूत है, तभी तो वो कार्रवाई करने गई है.

डिप्टी सीएम साव ने पूर्व सीएम के बयान का किया पलटवार

डिप्टी सीएम साव ने कहा कि “ईडी किन विषयों के जांच कर रही है? कोयला घोटाला, शराब घोटाला, महादेव ऐप घोटाला, सीजी पीएससी घोटाला जो कांग्रेस सरकार में हुए. ये घोटाले हुए कब? जब भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे, जिस विषय की जांच ED कर रही है.”

ईडी की रेड पर राजनीतिक आधार बनाकर बोलना उचित नहीं : डिप्टी सीएम साव

उन्होंने कहा कि “यह जांच आज से शुरू नहीं हुई है. ED की जांच लंबे समय से चल रही है. जांच में जो ED को तथ्य मिलते हैं, उसके अनुसार वो आगे कार्रवाई करती है. जिनके-जिनके खिलाफ कोई तथ्य या सबूत आधार मिलते हैं, उसके खिलाफ कार्रवाई होती है. जांच करने के लिए ED भूपेश बघेल के घर गयी है. इसलिए इसे राजनीतिक आधार बनाकर बोलना विधानसभा में प्रश्न उठाने पर कार्रवाई बोलना उचित नहीं है.

डिप्टी सीएम साव ने आगे कहा- “देखिए कैसे गुमराह किया जाता है, सवेरे उनका कार्यालय कहता है कि पंजाब के प्रभारी बने हैं, इसलिए कार्रवाई हो रही है. जबकि भूपेश बघेल कह रहे हैं कि सवाल उठाने पर कार्रवाई हो रही है. ED भेजे जा रहे हैं, तो इस तरह अलग-अलग बहाने मत करें, जनता को गुमराह न करें.”

डिप्टी सीएम साव ने आगे कहा कि “वास्तविकता ये है, ED घोटालों की जांच कर रही और उसी के आधार पर यह जांच कार्रवाई की है. ED को प्रकरण में जब किसी के खिलाफ कोई तथ्य मिलता है, सबूत होता है, या शिकायत के आधार पर तथ्य हो, तब तथ्यों के विश्लेषण के आधार पर कार्रवाई होती है. जब लगता है कि इसमें कार्रवाई होनी चाहिए, तब ED आगे बढ़ती है और कार्रवाई करती है. जांच लंबे समय से चल रही है अगर ED के पास कोई तथ्य हैं तभी कार्रवाई कर रही है.”

उन्होंने कहा कि “जांच में क्या मिला क्या नहीं मिला, ये तो ED बताएगी. जब कुछ नहीं मिला, तो डर क्यों रहे हैं? हाय तौबा क्यों मचा रहे हैं? कि विधानसभा में प्रश्न पूछा तो ED आ गई. ED को कोई तथ्य मिला, तभी हो जांच करने गई है. जब आप इस मामले में संलिप्त नहीं हो, तो निष्पक्ष जांच होने दो. जो सवाल पूछ रही है, उसका उत्तर दो. इसमें डरने घबराने वाली बात नहीं है.”

ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को जारी किया समन, कल होगी पूछताछ

भिलाई- प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पदुमनगर भिलाई तीन निवास पर छापेमार कार्रवाई की. 11 घंटे तक पूछताछ के बाद टीम रायपुर रवाना हुई. ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है. मंगलवार 11 मार्च को ईडी दफ्तर में चैतन्य बघेल से पूछताछ की जाएगी. ईडी के अधिकारी उनसे कई बिंदुओ पर पूछताछ करेंगे.

बता दें कि ईडी के अफसरों ने भूपेश बघेल और उनके परिवार से 11 घंटे तक पूछताछ की. दस्तावेजों और सोने-चांदी के जेवरातों की जांच की. परिवार के सदस्यों के मोबाइल फोन और कॉल डिटेल की भी जानकारी की. ईडी की टीम ने भूपेश के घर से 33 लाख रुपए नगद बरामद किया है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सरकार के खिलाफ हल्लाबोल: पोषण ट्रैकर ऐप के विरोध में सड़क पर उतरीं सैकड़ों महिलाएं

खैरागढ़- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई पोषण ट्रैकर ऐप प्रणाली और पोषण आहार (टीएचआर) वितरण प्रक्रिया में बदलाव को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा है। आज खैरागढ़ के स्थानीय अंबेडकर चौक पर सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि टीएचआर (पोषण आहार) वितरण के लिए नई डिजिटल प्रणाली अव्यावहारिक है। इस व्यवस्था के तहत लाभार्थियों को आहार लेने के लिए आधार आधारित ओटीपी (OTP) सत्यापन अनिवार्य किया गया है, जो कि जमीनी स्तर पर कई समस्याएं खड़ी कर रहा है।

प्रदर्शनकारी महिलाओं की मुख्य आपत्तियां:

  1. ओटीपी आधारित वितरण में व्यावहारिक दिक्कतें – ग्रामीण इलाकों में कई लाभार्थियों के पास मोबाइल फोन नहीं है। कुछ के पास एक ही फोन होता है, जिसे परिवार के अन्य सदस्य ले जाते हैं। ऐसे में वे ओटीपी साझा नहीं कर पाते, जिससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए पोषण आहार वितरण कठिन हो गया है।
  2. कार्य अधूरा दिखाने पर मानदेय कटौती – ओटीपी न मिलने के कारण यदि आंगनबाड़ी कर्मचारी पोषण आहार नहीं बांट पातीं, तो इसे उनकी लापरवाही मान लिया जाता है और उनका मानदेय काट लिया जाता है।
  3. पोषण ट्रैकर ऐप में तकनीकी खामियाँ – आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐप में कई बार नेटवर्क और लॉगिन की समस्या आती है, जिससे डेटा अपडेट करने में कठिनाई होती है।
  4. मानदेय बढ़ाने की मांग – आंगनबाड़ी कर्मचारियों को कम वेतन और बढ़ती जिम्मेदारियों के कारण वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से मानदेय बढ़ाने की भी मांग की।
  5. पुरानी व्यवस्था लागू करने की मांग – प्रदर्शनकारियों ने ओटीपी आधारित वितरण को हटाकर पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग की है।

प्रदर्शन के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधिमंडल जिला कार्यालय पहुंचा और संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के नाम ज्ञापन सौंपा। डिप्टी कलेक्टर ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को शासन तक भेजा जाएगा। उन्होंने माना कि नए सिस्टम में तकनीकी खामियाँ हैं और इसे सुधारने की जरूरत है।

सरकार ने पारदर्शिता के लिए लागू की डिजिटल व्यवस्था

गौरतलब है कि, सरकार ने इस नई प्रणाली को पोषण योजनाओं में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार रोकने के उद्देश्य से लागू किया है। पहले पोषण आहार वितरण में गड़बड़ियों की शिकायतें आती थीं, जिसमें रेडी टू ईट (Ready-to-Eat) पोषण आहार को पशु आहार के रूप में बेचे जाने तक के आरोप लगे थे। अब सरकार ने ओटीपी और फोटो अपलोड जैसी प्रक्रियाओं को अनिवार्य कर दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभार्थियों तक सही ढंग से पोषण आहार पहुंचे।

लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने साफ कर दिया है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द सुनवाई नहीं हुई, तो वे प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे। वहीं, सरकार अपने फैसले पर अडिग दिख रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार कोई समाधान निकालती है या यह आंदोलन और बड़ा रूप लेता है।

उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन को भाजपा ने जारी किया नोटिस, जानिए पूरा मामला

रायपुर- छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन को कोरबा नगर निगम सभापति पद पर भाजपा से बागी होकर चुने गए नूतन सिंह ठाकुर को बधाई देना भारी पड़ गया। भाजपा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मंत्री देवांगन को नोटिस जारी किया है।

देखें नोटिस

मंत्री लखनलाल देवांगन ने दी थी बधाई

बता दें कि इससे पहले मंत्री लखनलाल देवांगन ने नूतन सिंह ठाकुर को कोरबा नगर निगम का सभापति चुने जाने पर बधाई दी और इसे बीजेपी की जीत बताया था। मंत्री देवांगन ने कहा था कि नूतन सिंह ठाकुर ने नगर पालिक निगम कोरबा के सभापति चुनाव में विजय हासिल की है। इस जीत पर मैं उन्हें बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि हितानंद अग्रवाल पार्टी के घोषित प्रत्याशी थे, लेकिन सभी निर्वाचित पार्षदों ने एकजुट होकर सर्वसम्मति से नूतन सिंह ठाकुर की जीत सुनिश्चित की है। यह निर्णय सभी को मान्य है।

उन्होंने कहा का कि निश्चित तौर पर अब नगर निगम में महापौर और सभापति दोनों पदों पर बीजेपी का कब्जा हो गया है, जिससे कोरबा के विकास को और गति मिलेगी। मंत्री देवांगन ने नवनिर्वाचित सभापति और महापौर को शुभकामनाएं देते हुए कहा था कि वे कोरबा के समग्र विकास के लिए मिलकर कार्य करेंगे और पार्टी का सहयोग हमेशा उनके साथ रहेगा।

BJP ने नूतन सिंह ठाकुर को 6 साल के लिए किया निष्कासित

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ भाजपा ने अनुशासनहीनता के मामले में कोरबा नगर निगम के नवनिर्वाचित सभापति नूतन सिंह ठाकुर को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया है। जिसका आदेश आज ही पार्टी ने जारी किया था।

देखें आदेश

जनपद पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बागी उम्मीदवार ने बीजेपी प्रत्याशी को हराया, शपथ लेने से पहले पार्टी ने किया निष्कासित

बालोद-  छत्तीसगढ़ के गुरुर जनपद पंचायत में भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़कर जीत हासिल करने वाली सुनीता साहू पर भाजपा ने बड़ी कार्रवाई की है. पार्टी ने उन्हें अनुशासनहीनता के आरोप में 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है.

आज लेंगी अध्यक्ष पद की शपथ

सुनीता साहू ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. आज वह गुरुर जनपद पंचायत अध्यक्ष पद की शपथ लेंगी. इससे पहले ही भाजपा ने उनके खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.