सीएम साय के घोषणा के बाद फिल्म छावा को टैक्स फ्री करने का आदेश जारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐतिहासिक फिल्म छावा को बढ़ावा देने के लिए अहम फैसला किया है. सरकार ने 27 फरवरी 2025 से अगले छह माह तक इस फिल्म के टिकट पर लगने वाले राज्य माल और सेवा कर की पूरी राशि की प्रतिपूर्ति करने का आदेश दिया है. 

सरकार के इस फैसले से सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने वाले दर्शकों को टिकट पर SGST में पूरी छूट दी जाएगी. दर्शकों को टिकट खरीदते समय टैक्स नहीं देना होगा, जिससे वे रियायती दर पर फिल्म देख सकेंगे. फिल्म छावा में छत्रपति संभाजी महाराज की वीर गाथा को दर्शाया गया है. इस फिल्म से युवाओं को प्रेरणा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने यह फैसला किया है. 

जारी आदेश में मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों के लिए नियम तय किए गए हैं. जिसके मुताबिक टिकट में से SGST की राशि घटाकर बेची जाएगी. साथ ही सामान्य टिकट मूल्य में कोई वृद्धि नहीं की जा सकेगी. वहीं पहले सिनेमाघर खुद SGST वहन करेंगे, जिसे बाद में सरकार वापस करेगी.

बता दें कि राजिम कुंभ कल्प मेला के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने फिल्म छावा को टैक्स फ्री करने की घोषणा की थी. जिसके बाद आज इस संबंध में आदेश जारी किया गया है।

देखें आदेश :-

कांग्रेस का हल्ला बोल, नेता प्रतिपक्ष महंत ने कहा- भाजपा का चरित्र द्वेषपूर्ण राजनीति का एक और उदाहरण, टीएस बोले- लोकतंत्र पर हमला बर्दाश्त नहीं

रायपुर- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल के निवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने छापेमारी की है. इस कार्रवाई से प्रदेश की सियासत गरमा गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता भूपेश बघेल के बंगले के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं. कांग्रेस ने इसे भाजपा की राजनीतिक साजिश बताया है, जबकि भाजपा इसे भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करार दे रही है. इस बीच नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत और पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भाजपा पर हमला बोला है.

भाजपा के राष्ट्रीय चरित्र द्वेषपूर्ण राजनीति का एक और उदाहरण – महंत

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने एक्स पर ट्वीट कर लिखा, छत्तीसगढ़िया पूर्व मुख्यमंत्री एआईसीसी राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल के घर पर ED की कार्रवाई सत्तारुढ भाजपा के राष्ट्रीय चरित्र द्वेषपूर्ण राजनीति का एक और उदाहरण है. भाजपा ED, IT, CBI जैसी एजेंसियों को विपक्ष के नेताओं को डराने और दबाने के लिए इस्तेमाल कर रही है और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग अपने राजनितिक लाभ के लिये कर रही है, जो लोकतंत्र के लिये खतरा है, ये गलत परम्परा है.

चरणदास महंत ने कहा, सभी कांग्रेसजन भूपेश बघेल के साथ है और इससे डरने वाले नहीं हैं, बापू के मार्गदर्शन सत्य अहिंसा को मानने वाले लोग है इस संघर्ष को परास्त करके रहेंगे.

लोकतंत्र पर हमला बर्दाश्त नहीं – टीएस सिंहदेव

टीएस सिंहदेव पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा भारतीय जनता पार्टी की बी-टीम के रूप में कार्य कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा हमारे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विरुद्ध की गई दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई का हम कड़ा विरोध करते हैं. यह लोकतंत्र की सीधी हत्या है और विपक्ष की आवाज़ को दबाने का सुनियोजित प्रयास है.

उन्होंने कहा कि मैं स्वयं इस अन्याय के विरोध में धरातल पर उतरते हुए भिलाई के लिए रवाना हो गया हूं. मैं इस विषय को लेकर पार्टी के विधायकों, वरिष्ठ नेताओं एवं संगठन के अन्य जिम्मेदार साथियों के सतत संपर्क में हूं और हम सब एकजुट होकर इस लोकतांत्रिक लड़ाई को लड़ेंगे. यह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक ढांचे और जनता की आवाज़ पर हमला है.

भूपेश बघेल के घर पहुंचे टीएस सिंहदेव समेत कई बड़े नेता, कार्यकर्ताओं ने नगाड़ा बजाकर की नारेबाजी

रायपुर-  पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने दबिश दी है. केंद्र एजेंसी की इस कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का विरोध शुरू हो गया है. टीएस सिंहदेव समेत कई बड़े नेता भूपेश बघेल के घर पहुंच गए हैं. रायपुर से पूर्व विधायक और संगठन पदाधिकारियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. 

ईडी की कार्रवाई से गरमाया माहौल 

भूपेश बघेल के घर पर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं ने नगाड़ा बजाकर नारेबाजी की. रोकने पर कांग्रेस कार्यकर्ता और आरपीएफ के जवानों के बीच झूमाझटकी की स्थिति बनी. विधायक देवेंद्र यादव, अरुण वोरा, गिरीश देवांगन, विनोद वर्मा समेत बड़ी संख्या में एनएसयूआई, युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद हैं. 

बता दें कि भूपेश बघेल के निवास पर ED की टीम ने आज तड़के छापेमारी की है. जानकारी के अनुसार, ED की टीम भिलाई स्थित भूपेश बघेल के आवास सहित चैतन्य बघेल के घर और प्रदेशभर में कुल 14 ठिकानों पर ईडी की टीम ने दबिश दी है. फिलहाल, ईडी की अलग-अलग टीमें रायपुर, भिलाई सहित अन्य जिलों में एक साथ छापेमारी की है, जहां महत्वपूर्ण दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है.

महिला नक्सलियों समेत 3 माओवादियों ने हथियार के साथ किया आत्मसमर्पण

गरियाबंद- गरियाबंद में सक्रिय तीन नक्सलियों ने आत्मसर्पण किया है. लंबे समय बाद ऐसा हुआ है कि नक्सली हथियार समेत समर्पण किया हो. एडीजी विवेकानंद सिन्हा,आईजी अमरेश मिश्रा व सीआरपीएफ के अफसरों की मौजूदगी में एसडीके एरिया कमेटी के डिप्टी कमांडर दिलीप उर्फ संतु ने ऑटोमैटिक हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया. इनके साथ दो महिला नक्सली मंजुला उर्फ लखमी और सुनीता उर्फ जूमकी ने आत्मसर्पण किया. तीनों पर 15 लाख के इनाम थे.

आत्म समर्पण करने वाले इन नक्सलियों ने बताया कि सुरक्षा बलों द्वारा लगातार की जा रही कार्रवाई से दहशत में आकर और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्म समर्पण किया है. नुआपड़ा डिविजन कमेटी में डिप्टी कमांडर दिलीप ने बताया कि भालू डिगी की घटना के बाद से नक्सली में दहशत है. बड़े नेता भले ना आत्मसर्पण करे लेकिन छोटे नक्सली घबराए हुए हैं. किसी तरह हमें पुलिस का नंबर मिला. भागे-भागे फिर रहे थे. सुरक्षा बलों द्वारा सर्चिंग ऑपरेशन से दबाव बढ़ा है. बार-बार डेरा बदल रहा, खाने-पीने के लिए नहीं मिलता. मुठभेड़ में मुझे गोली लगी थी, पुलिस ने इलाज कराया.

बता दें, 20 जनवरी को भालू डिगी मुठभेड़ में सीसी मेंबर चलपती और डिविजन कमांडर सत्यम गावड़े जैसे नेता समेत सवा 3 करोड़ के 16 नक्सली मारे गए थे. इसके बाद जिले में बिखर चुके नक्सलियों में से महिला और एक पुरुष नक्सली ने ऑटोमैटिक हथियार के साथ आत्मसर्पण किया था. आत्म समर्पित नक्सली अब विकासशील छत्तीसगढ़ की मुख्यधारा से जुड़कर नया जीवन जीना चाहते हैं.

विधानसभा में हंगामा : निलंबन के बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन की कार्यवाही विपक्ष के भारी विरोध और हंगामे के साथ शुरू हुई. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर ईडी की छापेमारी को लेकर कांग्रेस विधायकों ने सदन में जोरदार नारेबाजी की और गर्भगृह में धरने पर बैठ गए. इस हंगामे के बाद स्पीकर ने विपक्षी विधायकों को निलंबित कर दिया.

सदन में हुए निलंबन कार्रवाई के बाद नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने तुरंत कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई. यह बैठक नेता प्रतिपक्ष के कक्ष में जारी है, जिसमें सभी कांग्रेस विधायक मौजूद हैं. इस बीच मंत्री रामविचार नेताम और वित्त मंत्री ओपी चौधरी विपक्षी विधायकों को मनाने पहुंचे, लेकिन कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही से बहिर्गमन कर दिया.

भाजपा रूपी अंग्रेजों से लड़ते रहेंगे – उमेश पटेल

इस बीच कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि विधानसभा में आवाज उठाने वालों पर कार्रवाई हो रही है, कोई भी विधायक सदन में प्रश्न उठाता है तो उसके यहां ईडी भेज देते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि बीते शुक्रवार को भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर सवाल उठाए थे और दो दिन बाद उन पर ईडी की कार्रवाई हो गई.

उमेश पटेल ने कहा कि इसी तरह की कार्रवाई कवासी लखमा के खिलाफ भी की गई थी. भाजपा सरकार सदन में सवालों उठाने वालों की जुबान बंद करना चाहती है. कोई भी विधानसभा में प्रश्न उठाएगा उस पर कार्यवाही होगी. बीजेपी लोकतंत्र की हत्या कर रही है.उन्होंने कहा कि भाजपा रूपी अंग्रेजों से लड़ाई जारी रहेगी।

ईडी की छापेमारी पर सीएम साय का बड़ा बयान, कहा- 5 साल की सरकार में तरह-तरह के हुए घोटाले, जांच कर रही सेंट्रल एजेंसियां

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल के निवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने छापेमारी की है. ED की इस कार्रवाई से राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है. इस बीच सीएम विष्णुदेव साय ने भी छापे को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 5 साल की सरकार में तरह-तरह के घोटाले हुए,उसकी जांच सेंट्रल एजेंसियां कर रही है. कई लोग जेल के अंदर भी हैं. ED सेंट्रल एजेंसी है, उससे हमारा कोई लेना देना नहीं है.

बता दें कि भूपेश बघेल के निवास पर ED की टीम ने आज तड़के छापेमारी की है. जानकारी के अनुसार, ED की टीम भिलाई स्थित भूपेश बघेल के आवास सहित चैतन्य बघेल के घर और प्रदेशभर में कुल 14 ठिकानों पर ईडी की टीम ने दबिश दी है. फिलहाल, ईडी की अलग-अलग टीमें रायपुर, भिलाई सहित अन्य जिलों में एक साथ छापेमारी की है, जहां महत्वपूर्ण दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है.

छत्तीसगढ़ में ऊर्जा क्रांति, 3 लाख करोड़ का निवेश, चार तरह के पावर प्लांट से बनेगी अपार ऊर्जा…

रायपुर- छत्तीसगढ़ अब ऊर्जा क्रांति की ओर तेजी से बढ़ रहा है। आज रायपुर में हुए ‘छत्तीसगढ़ एनर्जी इंवेस्टर्स समिट’ में कई बड़ी कंपनियों ने 3 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश का ऐलान किया है. इस निवेश से राज्य में परमाणु, थर्मल, सौर और पंप्ड स्टोरेज जैसे क्षेत्रों में बिजली उत्पादन के नए प्रोजेक्ट शुरू होंगे। इससे न केवल उद्योगों को फायदा मिलेगा, बल्कि आम लोगों को भी सस्ती और निरंतर बिजली मिल सकेगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है कि छत्तीसगढ़ में ऊर्जा के क्षेत्र में यह निवेश राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देकर हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा। हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ न केवल ऊर्जा में आत्मनिर्भर बने, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऊर्जा हब के रूप में स्थापित हो।

छत्तीसगढ़ पहले से ही 30,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है, जो देश के औसत से ज्यादा है। अब हर व्यक्ति को 2048 किलोवाट-घंटे बिजली मिल रही है, जिससे राज्य की ऊर्जा जरूरतें पूरी हो रही हैं।

परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में एनटीपीसी ने 80,000 करोड़ रुपये की लागत से 4200 मेगावाट क्षमता का न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट लगाने की योजना बनाई है। इससे छत्तीसगढ़ में परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पादन की शुरुआत होगी।

थर्मल पावर क्षेत्र में भी बड़े निवेश की घोषणा हुई है। अदानी पावर 66,720 करोड़ रुपये खर्च कर कोरबा, रायगढ़ और रायपुर में 1600-1600 मेगावाट के तीन थर्मल पावर प्लांट लगाएगा। जिंदल पावर रायगढ़ में 1600 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए 12,800 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जबकि सरदा एनर्जी रायगढ़ में 660 मेगावाट क्षमता के प्लांट के लिए 5,300 करोड़ रुपये लगाएगी। इसके अलावा, सरकारी कंपनियां एनटीपीसी और सीएसपीजीसीएल 41,120 करोड़ रुपये की लागत से 4500 मेगावाट बिजली उत्पादन करेंगी।

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ को बड़ी सफलता मिली है। जिंदल पावर और एनटीपीसी ग्रीन मिलकर 10,000 करोड़ रुपये खर्च कर 2500 मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन करेंगे। इसमें डोलेसरा में 500 मेगावाट और रायगढ़ में 2000 मेगावाट के सौर प्लांट शामिल होंगे।

किसानों के लिए भी खुशखबरी है। पीएम कुसुम योजना के तहत 4100 करोड़ रुपये की लागत से 675 मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन किया जाएगा और 20,000 सोलर पंप लगाए जाएंगे। इससे किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती बिजली मिलेगी और डीजल पंपों की जरूरत कम होगी।

इसके अलावा, 57,046 करोड़ रुपये की लागत से 8700 मेगावाट क्षमता के पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट भी शुरू होंगे। इसमें एसजेएन कोटपाली में 1800 मेगावाट और जिंदल रिन्यूएबल द्वारा 3000 मेगावाट के प्रोजेक्ट शामिल हैं।

इन सभी निवेशों के जरिए छत्तीसगढ़ जल्द ही देश के सबसे बड़े ऊर्जा उत्पादक राज्यों में शामिल हो जाएगा। इससे उद्योगों, किसानों और आम लोगों को फायदा होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगप्रमुख निवेश और योजनाएं

1. परमाणु ऊर्जा: साफ और कुशल ऊर्जा उत्पादन के लिए ₹80,000 करोड़ का निवेश।

2. ताप विद्युत: राज्य की ताप विद्युत क्षमता को मजबूत करने के लिए ₹1,07,840 करोड़।

3. सौर ऊर्जा: सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विस्तार के लिए ₹10,000 करोड़।

4. पीएम कुसुम योजना: किसानों के बीच सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ₹4,100 करोड़।

5. पंप्ड स्टोरेज परियोजनाएं (PSP): ग्रिड स्थिरता के लिए ऊर्जा भंडारण में ₹57,046 करोड़।

6. क्रेडा सौर पहल: सौर ऊर्जा विस्तार के लिए ₹3,200 करोड़।

7. पीएम सूर्य योजना: राष्ट्रीय सौर छत परियोजना के तहत ₹6,000 करोड़।

8. सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा: सरकारी इमारतों में सौर ऊर्जा अपनाने के लिए ₹2,500 करोड़।

9. बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS): ऊर्जा भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए ₹2,600 करोड़।

10. पावर ट्रांसमिशन नेटवर्क: बिजली पारेषण नेटवर्क को उन्नत करने के लिए ₹17,000 करोड़।

11. RDSS (वितरण क्षेत्र योजना): वितरण बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए ₹10,800 करोड़।

भूपेश बघेल पर ED के एक्शन से भड़के विधायक, सदन में दिन भर की कार्यवाही का किया बहिष्कार, मंत्री ओपी चौधरी बोले-

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया। भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विपक्षी विधायक गर्भगृह तक पहुंच गए, जिसके चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया। इसके विरोध में कांग्रेस विधायकों ने दिनभर की कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया। विधानसभा की कार्यवाही बहिष्कार को लेकर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कांग्रेस की निंदा की है।

मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि “पिछली सरकार में माफियाराज चला और अब जो घोटाले हुए हैं, उन पर कार्रवाई होना तय है। विधायक चाहे भाजपा के हों या कांग्रेस के, अगर किसी ने घोटाले को अंजाम दिया है तो जांच होगी। पूरा देश जानता है कि पिछले पांच साल में किस तरह माफियाराज चला। कांग्रेस के नेताओं ने घोटाले किए और अब उन्हीं पर कार्रवाई हो रही है।”

उन्होंने विपक्ष के हंगामे पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस विधायकों ने प्रश्नकाल नहीं चलने दिया, जबकि वे अपनी बात बाद में भी रख सकते थे। उन्होंने बताया कि उपमुख्यमंत्री अरुण साव खुद कांग्रेस विधायकों को मनाने गए थे, लेकिन उन्होंने सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया।

‘लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रही कांग्रेस’

ओपी चौधरी ने कांग्रेस के रवैये की आलोचना करते हुए कहा, “विधानसभा प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत है, जहां जनता के करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। सदन की प्रक्रिया को बाधित करना लोकतंत्र की आत्मा पर चोट पहुंचाने जैसा है।”

बता दें कि भूपेश बघेल के निवास पर ED की टीम ने आज तड़के छापेमारी की है। जानकारी के अनुसार, ED की टीम भिलाई स्थित भूपेश बघेल के आवास सहित चैतन्य बघेल के घर और प्रदेशभर में कुल 14 ठिकानों पर ईडी की टीम ने दबिश दी है। फिलहाल, ईडी की अलग-अलग टीमें रायपुर, भिलाई सहित अन्य जिलों में एक साथ छापेमारी की है, जहां महत्वपूर्ण दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है।

भूपेश बघेल ने इसे ‘षड्यंत्र’ बताया

सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया तो आज ED के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया है। अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है।

किन मामलों में हो रही जांच? 

सूत्रों के मुताबिक, ईडी की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अनियमितताओं से जुड़े मामलों में की जा रही है। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह छापेमारी किस विशेष मामले से जुड़ी हुई है। बताया जा रहा है कि शराब घोटाला, कोयला घोटाला और महादेव सट्टा ऐप मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल का नाम सामने आया था, जिसके बाद से ही वे ईडी के रडार पर थे।

पूर्व CM भूपेश बघेल के घर ED छापा मामला: विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, सदन की कार्यवाही बाधित, गर्भगृह में उतरा विपक्ष

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन की कार्यवाही विपक्ष के भारी विरोध और हंगामे के साथ शुरू हुई. कांग्रेस विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर ईडी की छापेमारी का मुद्दा उठाते हुए सदन में जोरदार नारेबाजी की. इस हंगामे के बाद स्पीकर ने विपक्ष के विधायकों को निलंबित कर दिया.

प्रश्नकाल से पहले ही विपक्ष ने इस मुद्दे को सदन में उठाया और सत्ता पक्ष पर ईडी के जरिए डराने-धमकाने का आरोप लगाया. कांग्रेस विधायकों ने ‘ईडी से डराना बंद करो’ जैसे नारे लगाकर विरोध जताया.

इस दौरान स्पीकर ने कहा कि प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद आप (विपक्ष) शून्यकाल के दौरान उठाए, लेकिन विपक्ष ने सदन के भीतर तेज हंगामे के साथ नारे लगाए. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली. व्यवस्था के बाद भी लगातार विपक्ष सदन के भीतर नारेबाजी करते रहा.

नारेबाजी के दौरान विपक्षी विधायक गर्भगृह तक पहुंच गए, जिसके बाद स्पीकर ने उन्हें निलंबित कर दिया. निलंबन के बावजूद कांग्रेस विधायक सदन के गर्भगृह में ही धरने पर बैठ गए और प्रदर्शन जारी रखा.

वहीं इस मामले में BJP के वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि विधानसभा में गैर-जिम्मेदारी से विपक्ष अपने दायित्व का निर्वहन कर रही है. विपक्ष अपनी बातों को नियमों के तहत उठा सकती है. सदन में छापे की बात कर कांग्रेस ने हंगामा शुरू कर दिया. कांग्रेस को नियम, क़ायदा, क़ानून पर विश्वास नहीं है. नियमों का पालन करना कांग्रेस के सिद्धांतों में नहीं है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वर्गीय बलिराम कश्यप की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर के पूर्व सांसद एवं प्रखर जननेता स्वर्गीय बलिराम कश्यप की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि श्री कश्यप केवल एक जनप्रतिनिधि नहीं, बल्कि बस्तर के जन-जन के हृदय में बसे जननायक थे, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज और क्षेत्र की सेवा के लिए समर्पित कर दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय श्री कश्यप का राजनीतिक जीवन दृढ़ निष्ठा, ईमानदारी और अपार जनसमर्थन का प्रतीक था। वे जनसेवा की भावना से प्रेरित होकर राजनीति में आए और जनकल्याण को ही अपने सार्वजनिक जीवन का ध्येय बनाया। बस्तर की जनता के साथ उनका आत्मीय रिश्ता ही था कि उन्होंने मध्यप्रदेश विधानसभा से लेकर लोकसभा तक लंबे समय तक जनता का प्रतिनिधित्व किया और हर मंच पर उनकी आवाज बुलंद की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय बलिराम कश्यप अपने विचारों और सिद्धांतों से कभी पीछे नहीं हटे। वे सदैव बस्तर की पहचान, उसके विकास और आदिवासी समाज के उत्थान के लिए समर्पित रहे। उनकी नेतृत्व क्षमता और संघर्षशीलता ने बस्तर को नई दिशा दी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अपने चार दशकों से अधिक के राजनीतिक जीवन में उन्होंने न केवल जनसमस्याओं के समाधान के लिए निरंतर प्रयास किया, बल्कि बस्तर के भविष्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का सपना भी देखा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री बलिराम कश्यप सही मायनों में बस्तर की आत्मा थे। उनकी सादगी, विनम्रता और नेतृत्व की ताकत ने उन्हें जनता के बीच अमर बना दिया है। उनका संघर्ष, सेवा और संकल्प हमें सिखाता है कि सच्चा नेतृत्व वही है जो समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और उसके जीवन में बदलाव लाए।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय बलिराम कश्यप का योगदान युगों-युगों तक स्मरणीय रहेगा।