हावड़ा में दिल दहला देने वाली घटना आई सामने 5 दिनों तक मां के शव के साथ रहा बेटा


हावड़ा: पश्चिम बंगाल के हावड़ा में एक बेटा के अपनी मां के शव के साथ पांच दिनों तक रहने का मामला सामने आया है. घटना हावड़ा के बालटिकुरी के जेलेपारा की है.घटना के बारे में बताया जाता है कि सोमवार को घर से बदबू आने पर पड़ोसियों को शक हुआ. इस पर उन्होंने इसकी जानकारी दासनगर पुलिस स्टेशन को दी. 

इस बारे में पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान रासमनी नंदी के रूप में हुई है और उसका बेटा सूरज नंदी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. मां और बेटा दोनों ही इसी इलाके में रहते थे वहीं रासमनी लंबे समय से बीमार चल रही थी.दुर्गंध आने के अलावा घर की खिड़कियां व दरवाजे बंद होने के बाद पड़ोसियों ने मृतक के रिश्तेदारों के साथ-साथ पुलिस को भी इसकी सूचना दी थी. 

वहीं पुलिस घर का दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंची तो दंग रह गई. इस दौरान महिला रासमनी का शव बिस्तर पर पड़ा था. शव पर सड़न के निशान थे. वहीं चारपाई के पास ही सूरज पड़ा था. फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

पुलिस के मुताबिक रासमनी की मौत पांच दिन पहले हुई थी और तभी से उसका बेटा सूरत शव के साथ रह रहा था. इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि मां और बेटा कुछ दिनों से नहीं दिखे और घर पर ताला लगा हुआ था. इस वजह से हो सकता है कि बीमार मां की मौत इसी बीच हो गई हो.

आज का इतिहास:1915 में आज ही के दिन महात्मा गांधी ने पहली बार किया था शांति निकेतन का दौरा

नयी दिल्ली : 17 फरवरी का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 1915 में आज ही के दिन महात्मा गांधी ने पहली बार शांतिनिकेतन का दौरा किया था।

1931 में 17 फरवरी के दिन ही वायसराय निवास में लॉर्ड इरविन ने गांधी जी का स्वागत किया था।

2014 में आज ही के दिन चुनाव आयोग ने अंतिम चरण के मतदान खत्म होने तक एग्जिट पोल के प्रसारण पर रोक लगा दी थी।

2007 में 17 फरवरी के दिन ही अमेरिका की तत्कालीन विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने इराक से सैनिकों को वापस बुलाए जाने की घोषणा की थी।

2005 में आज ही के दिन बांग्लादेश की लेखिका तसलीमा नसरीन ने भारतीय नागरिकता की मांग की थी।

2004 में 17 फरवरी के दिन ही फूलनदेवी हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त शमशेर सिंह राणा तिहाड़ जेल से फरार हो गया था।

1983 में आज ही के दिन नीदरलैंड ने संविधान को अंगीकार किया था।

1979 में 17 फरवरी के दिन ही चीन की सेना ने वियतनाम पर हमला किया था।

1972 में आज ही के दिन ब्रिटिश संसद ने यूरोपीय समुदाय में शामिल होने का प्रस्ताव पारित किया था।

1947 में 17 फरवरी के दिन ही सोवियत संघ में ‘वायस ऑफ अमेरिका’ का प्रसारण शुरू किया गया था।

1933 में आज ही के दिन अमेरिका की साप्ताहिक पत्रिका ‘न्यूजवीक’ प्रकाशित हुई थी।

1931 में 17 फरवरी के दिन ही वायसराय निवास में लॉर्ड इरविन ने गांधी जी का स्वागत किया था।

1915 में आज ही के दिन महात्मा गांधी ने पहली बार शांतिनिकेतन का दौरा किया था।

1882 में 17 फरवरी के दिन ही सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर पहला टेस्ट मैच खेला गया था।

1878 में आज ही के दिन सैन फ्रांसिस्को शहर में पहली बार टेलीफोन एक्सचेंज खोला गया था।

1867 में 17 फरवरी के दिन ही स्वेज नहर से पहला जहाज गुजरा था।

17 फरवरी को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1963 में आज ही के दिन संयुक्त राज अमेरिका के उद्योगपति माइकल जॉर्डन का जन्म हुआ था।

1954 में 17 फरवरी के दिन ही प्रतिद्ध राजनीतिज्ञ व भारत के नवगठित 29वें राज्य तेलंगाना के प्रथम मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव का जन्म हुआ था।

1925 में आज ही के दिन भारतीय राजनीतिज्ञ श्यामाचरण शुक्त का जन्म हुआ था।

1899 में 17 फरवरी के दिन ही बांग्ला भाषा के प्रसिद्ध कवि और लेखक जीवनानन्द दास का जन्म हुआ था।

1881 में आज ही के दिन भारत के विशिष्ठ निबंधकारों में से एक पूर्णसिंह का जन्म हुआ था।

1792 में 17 फरवरी के दिन ही प्रसिद्ध क्रांतिकारी बुधु भगत का जन्म हुआ था।

17 फरवरी को हुए निधन

2017 में आज ही के दिन हिंदी के प्रसिद्ध उपन्यासकार वेद प्रकाश शर्मा का निधन हुआ था।

2005 में 17 फरवरी के दिन ही प्रसिद्ध साहित्यकार और पत्रकार पण्डित सीताराम चतुर्वेदी का निधन हुआ था।

1994 में आज ही के दिन गुजरात के मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल का निधन हुआ था।

1993 में 17 फरवरी के दिन ही भारतीय महिला स्वतंत्रता सेनानी रानी गाइदिनल्यू का निधन हुआ था।

1988 में आज ही के दिन स्वतंत्रता सेनानी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का निधन हुआ था।

1986 में 17 फरवरी के दिन ही भारतीय दार्शनिक जिद्दू कृष्णमूर्ति (जे कृष्णमूर्ति) का निधन हुआ था।

1943 में आज ही के दिन भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रथम उप-गवर्नर जेम्स ब्रेड टेलर का निधन हुआ था।

1883 में 17 फरवरी के दिन ही भारतीय क्रांतिकारी वासुदेव बलवंत फड़के का निधन हुआ था।

वाराणसी में महाकुंभ की भीड़: स्कूल 22 फरवरी तक बंद, ऑनलाइन पढ़ाई का निर्देश


वाराणसी : महाकुंभ के कारण एक तरफ प्रयागराज जाम में जकड़ा हुआ है तो दूसरी ओर प्रलट प्रवाह से वाराणसी में भी जाम की स्थिति भयावह हो गई है। इससे एक बारमहाकुंभ श्रद्धालुओं का वाराणसी में पलट प्रवाह, आठवीं तक के स्कूल 22 फरवरी तक बंद

महाकुंभ के प्रलट प्रवाह से वाराणसी में श्रद्धालुओं का रेला आना जारी है। इसे देखते हुए वाराणसी में शहरी क्षेत्र के आठवीं तक के स्कूलों को एक बार फिर बंद कर दिया गया है। 

बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन कराई जाएगी। इस बाबत वाराणसी के जिलाधिकारी ने आदेश जारी कर दिया है। डीएम के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी स्कूलों और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि डीएम के आदेश का सभी स्कूलों में कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाए।

बीएसए अरविंद कुमार पाठक के अनुसार जिलाधिकारी ने नगर क्षेत्र के कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यालयों को 22 फरवरी तक बंद करने और केवल ऑनलाइन क्लास चलाने का आदेश दिया है। बीएसए के अनुसार परिषदीय के साथ ही सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त, सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड पर भी आदेश लागू होगा। यह भी कहा गया है कि सभी खंड शिक्षा अधिकारी और सभी निजी के साथ मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापक/ प्रबंधक आदेश का पालन सुनिश्चित करेंगे।

वाराणसी में शनिवार से काशी तमिल संगमम् के शुभारंभ के मौके पर वीवीआईपी आगमन को लेकर अचानक डायवर्जन और प्रतिबंध से लगे ‘महाजाम’ में पूरा शहर और इसके इंट्री प्वाइंट वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। इससे स्कूली बसें, एंबुलेंस समेत सभी वाहन सात घंटे जस के तस खड़े रहे।

सात घंटे फंसी रहीं स्कूली बसें

पड़ाव चौराहे के पास करीब 30 स्कूली बसें दोपहर 2 से लेकर रात 9 बजे तक यानी सात घंटे तक फंसी रहीं। बसों में बच्चे जाम से बिलबिला गए। शाम 7.30 बजे के बाद जैसे-तैसे रामनगर तो कुछ राजघाट से निकलनी शुरू हुईं। 

नमो घाट पर वीवीआईपी आगमन को लेकर पड़ाव चौराहे से राजघाट पुल पर आवागमन रोक दिया गया। सभी वाहनों को रामनगर के सामनेघाट पुल और विश्वसुंदरी पुल की ओर से रवाना करने का निर्देश जारी हुआ। इस बीच दोपहर बाद स्कूलों की छुट्टियां हुईं तो चौराहे के पास बसें जाम में जहां-तहां फंस गईं।

इसके बाद रात 9 बजे के बाद तक जाम लगा रहा। इसमें स्कूल बसों के अलावा सवारी वाहन, सरकारी और प्राइवेट बसें, ऑटो, ई-रिक्शा फंसे रहे। कैंट की रश्मि पाठक ने बताया कि बसों में फंसे बच्चे जाम से रोने लगे थे। सुमंत अग्रहरि का कहना था कि यह प्रशासनिक विफलता है, जिससे स्कूल की बसें 5 से 7 घंटे तक जाम में फंसी रहीं।

टेंगरा मोड़ से पड़ाव तक रेला

 ट्रैफिक रोकने से पड़ाव चौराहे से लेकर रामनगर, सामनेघाट पुल, टेंगरा मोड़ होते हुए विश्वसुंदरी पुल तक जाम लगा रहा। शाम करीब 5.30 बजे राजघाट पुल से आवागमन जारी होने के बाद भी रात 9 बजे तक जाम लगा रहा।

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ने संत प्रेमानंद से पूछा - एनकाउंटर के पश्चाताप का क्या उपाय है?


वृंदावन:- पुलिस विभाग में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ने संत प्रेमानंद के दर्शन किए। उन्होंने संत से कहा, अब तक किए एनकाउंटर के पश्चाताप का उपाय पूछा। संत ने कहा थोड़ा समय निकालकर भगवान के चरणों में दें। प्रार्थना करें कि हमारी सेवाओं में जो चूक हुई तो क्षमा हो जाए। पाप मिले तो वह दूर हो जाए।

मेरठ में तैनात वरिष्ठ उपनिरीक्षक एवं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मुनेश सिंह इन दिनों मेरठ में तैनात हैं। बुधवार को वह संत प्रेमानंद के दर्शन करने उनके रमणरेती स्थित श्रीराधा केलिकुंज आश्रम पर पहुंचे। संत प्रेमानंद के दर्शन के दौरान वरिष्ठ उपनिरीक्षक ने कहा मैंने बहुत एनकाउंटर किए हैं, राष्ट्रपति से वीरता पदक मिला है।

पिछले साल 22 जनवरी को जब अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तभी बदमाश से मुठभेड़ में मेरे सीने में गोली लगी। ईश्वर की कृपा रही कि मैं बच गया। अब मुझे अपने कार्य पर पश्चाताप हो रहा है। पद पर ऐसे ही रहूं या प्रभु की शरण में जाऊं?

संत प्रेमानंद ने कहा मनुष्य जीवन का मूल कर्तव्य भगवत प्राप्ति है। सांसारिक धर्म निर्वाह के चक्कर में मूल कर्तव्य से वंचित हो जाएं तो ठीक नहीं। अगर आपका मन आपका साथ दे तो भगवत प्राप्ति के लिए समय निकालिए।

ग्वालियर से संत प्रेमानंद से मिलने आई किशोरी, स्वजन के सिपुर्द किया

वहीं दूसरी ओर, इंटरनेट मीडिया पर वृंदावन और संतों की बात सुन ग्वालियर की एक किशोरी स्वजन को बिना बताए वृंदावन संत प्रेमानंद से मिलने उनके आश्रम पहुंच गई। समाजसेविका ने उसे पुलिस के सिपुर्द कर दिया। स्वजन उसे अपने साथ ले गए।

समाजसेविका डा. लक्ष्मी गौतम ने बताया ग्वालियर के हजीरा क्षेत्र की एक किशोरी सोमवार को स्वजन को बिना बताए वृंदावन आ गई। स्वजन को यहां आकर उसने फोन कर यह जानकारी दी। स्वजन ने उन्हें इसकी जानकारी दी। मंगलवार शाम किशोरी को संत प्रेमानंद के आश्रम के बाहर बैठा पाया।

किशोरी का कहना था कि वह इंटरनेट मीडिया पर संत के प्रवचन से प्रभावित होकर यहां उनके दर्शन को आई थी। किशोरी कक्षा 10 की छात्रा है। पिता रिक्शा चलाते हैं। पुलिस ने किशोरी को उसके स्वजन को सौंप दिया।

जम्मू-कश्मीर एलओसी पर IED ब्लास्ट, हजारीबाग के असिस्टेंट कमांडेंट करमजीत सिंह बक्शी शहीद

जम्मू-कश्मीर में एलओसी (लाइन ऑफ कंट्रोल) के पास आतंकियों द्वारा किए गए IED ब्लास्ट में भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए, जबकि एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। शहीद जवानों में झारखंड के हजारीबाग निवासी असिस्टेंट कमांडेंट करमजीत सिंह बक्शी उर्फ पुनीत भी शामिल हैं।

सरदार करमजीत सिंह बक्शी हजारीबाग के जुलू पार्क इलाके के निवासी थे। वे सरदार अजिंदर सिंह बक्शी और माता नीलू बक्शी (क्वालिटी रेस्टोरेंट) के बड़े पुत्र थे। करमजीत सिंह भारतीय सेना में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर तैनात थे और जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। पेट्रोलिंग के दौरान आतंकियों द्वारा किए गए IED ब्लास्ट में वे गंभीर रूप से घायल हो गए। सेना ने तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

यह भी बताया जा रहा है कि 5 अप्रैल को उनकी शादी तय हुई थी, जिसकी तैयारियों के सिलसिले में वे करीब 10 दिन पहले हजारीबाग आए थे। ड्यूटी पर लौटने के बाद यह दर्दनाक हादसा हो गया।

शहीद की खबर से न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे हजारीबाग में शोक की लहर दौड़ गई है। खासकर सिख समुदाय में गहरा दुःख व्याप्त है। लोगों ने इस वीर सपूत को श्रद्धांजलि देते हुए उनके बलिदान को नमन किया।

राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का निधन हो गया,अयोध्या में शोक की लहर, लखनऊ में ली अंतिम सांस

उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का बुधवार, 12 फरवरी को निधन हो गया. अस्पताल ने इस आशय की जानकारी दी. ब्रेन हेमरेज के बाद उनका लखनऊ के पीजीआई में इलाज चल रहा था.

अस्पताल की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी श्री सतेंद्र दास जी ने आज अंतिम सांस ली. उन्हें 3 फरवरी को स्ट्रोक के कारण गंभीर हालत में न्यूरोलॉजी वार्ड के एचडीयू में भर्ती कराया गया था. आचार्य सत्येंद्र दास ने 85 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. आचार्य सत्येंद्र दास 3 फरवरी से ही अस्पताल में भर्ती थे.

अस्पताल ने क्या बताया?

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में ‘ब्रेन स्ट्रोक’ (मस्तिष्काघात) के कारण भर्ती श्रीराम जन्मभूमि मंदिर-अयोध्या के मुख्य पुजारी अपने पीजीआई में आखिरी सांस ली. अयोध्या के श्रीराम जन्म-भूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास (85) की ‘ब्रेन स्ट्रोक’ (मस्तिष्काघात) के कारण तबीयत बिगड़ जाने के बाद उन्हें लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में 3 फरवरी को भर्ती कराया गया था.

एसजीपीजीआई ने एक बयान में कहा, ‘श्री सत्येंद्र दास जी को स्ट्रोक हुआ है. उन्हें मधुमेह और उच्च रक्तचाप है और वे फिलहाल न्यूरोलॉजी आईसीयू में भर्ती थे पीजीआई प्रशासन के अधिकारी PRO ने बताया कि सुबह उन्होंने पीजीआई में अंतिम सांस ली.

सीएम ने दी प्रतिक्रिया

आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं सामाजिक व आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे तथा शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति!

रेल टिकट बुकिंग में क्यों लगता है ज्यादा पैसा? रेल मंत्री ने बताया कारण

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे को देश की अर्थव्यवस्था की लाइफ लाइन और रीढ़ माना जाता है.ऐसे में रेल मंत्रालय ने अपने बुनियादी ढांचे और यात्री अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कई उपाय किए हैं. इसके लिए नेशनल ट्रांसपोर्टर ने एक ऐसी व्यवस्था शुरू की है, जिसके तहत रेल यात्री ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से ट्रेन टिकट खरीद सकते हैं.

यात्री भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) की आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से अपनी ट्रेन टिकट ऑनलाइन बुक कर सकते हैं. इसके लिए, यूजर्स के पास आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर अकाउंट होना चाहिए और अगर किसी के पास अकाउंट नहीं है तो उसे फ्यूचर में ट्रेन बुकिंग के लिए एक नया अकाउंट बनाना होगा.

PRS काउंटर से बुक कर सकते हैं टिकट

IRCTC की वेबसाइट के अलावा रेल यात्री पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (PRS) काउंटर के जरिए भी अपनी टिकट बुक कर सकते हैं. बता दें कि PRS रेलवे स्टेशनों पर स्थित एक टिकट बुकिंग विंडो है. यह एक कम्प्यूटराइज सिस्टम होता है, जो यात्रियों को ऑनलाइन या PRS काउंटर पर टिकट बुक करने और रद्द करने की सुविधा देता है. PRS काउंटर वीकेंग को छोड़कर हर दिन सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक खुले रहते हैं. हालांकि, काम करने का समय जगह-जगह अलग-अलग होता है.

क्या रेलवे काउंटर से महंगा होता है IRCTC से टिकट खरीदना?

राज्यसभा सांसद संजय राउत ने हाल ही में संसद में चल रहे बजट सत्र 2025 में उठाए. ईटी नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने पूछा कि क्या IRCTC के जरिए ऑनलाइन ट्रेन टिकट खरीदने के लिए यात्रियों को रेलवे काउंटर पर टिकट खरीदने वालों की तुलना में ज़्यादा पैसे देने पड़ते हैं? इनकी कीमतों के अंतर के पीछे क्या कारण है? क्या सरकार IRCTC की ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा के मूल्य निर्धारण ढांचे की समीक्षा और सुधार करने की योजना बना रही है?

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव का जवाब

राउत के सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि IRCTC ने ऑनलाइन रिजर्व टिकट बुक करने की सुविधा प्रदान की है, जिससे यात्रियों को टिकट बुक करने के लिए रिजर्वेशन काउंटर पर जाने की परेशानी से मुक्ति मिली है और इससे यात्रा का समय और परिवहन लागत की बचत हुई है.

उन्होंने कहा कि IRCTC ऑनलाइन टिकटिंग सुविधा प्रदान करने पर काफी खर्च करता है और टिकटिंग बुनियादी ढांचे के रखरखाव, अपग्रेडेशन और विस्तार में होने वाली लागत को कम करने के लिए, IRCTC द्वारा सुविधा शुल्क लगाया जाता है.

वैष्णव ने कहा, "इसके अलावा, ग्राहक बैंकों को लेनदेन शुल्क भी देते हैं. IRCTC द्वारा प्रदान की जाने वाली ऑनलाइन टिकट बुकिंग सुविधा भारतीय रेलवे की सबसे अधिक यात्री-अनुकूल पहलों में से एक है और वर्तमान में 80 प्रतिशत से अधिक आरक्षित टिकट ऑनलाइन बुक किए जाते हैं."

महाकुंभ की भीड़ ने पटना जंक्शन पर मचाया हाहाकार,ट्रेन के टॉयलेट तक में ठूंस-ठूंसकर भरे बुजुर्ग तीर्थयात्री


प्रयागराज : महाकुंभ जाने के लिए पटना जंक्शन पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। ट्रेन की टॉयलेट तक में बुजुर्ग तीर्थयात्री ठूंस-ठूंसकर भरे हैं।

आपातकालीट्रेन के टॉयलेट तक को नहीं छोड़ा;

महाकुंभ में स्नान करने के लिए पटना जंक्शन पर मारामार जैसे हालात हो गए हैं। अनियंत्रित भीड़, कुंभ स्पेशल ट्रेनों की बोगी में घुसने के लिए धक्कामुक्की करती नजर आई। ट्रेन की टॉयलेट तक में बुजुर्ग तीर्थयात्री ठूंस-ठूंसकर भरे हैं। भीड़ इतनी हो गई, कि बोगी के दरवाजे अंदर से बंद हो गए हैं। आपातकालीन खिड़की से बोगी में घुसने की कोशिश करते हुए लोग नजर आए। 

ट्रेन छूटने की चिंता में चार और पांच नंबर प्लेटफॉर्म पर आपाधापी की स्थिति हो गई। पटना जंक्शन पर अनियंत्रित भीड़ को देखते हुए संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस को राजेंद्र नगर टर्मिनल पर रोक कर रखा गया है।

दो स्पेशल ट्रेनों में इतनी भीड़ हो गई, कि आधे यात्री प्लेटफॉर्म पर ही छूट गए। जिसके बाद हालात पर काबू पाने के लिए रेल पुलिस और आरपीएफ कुंभ स्पेशल ट्रेन के खुलने पर प्लेटफॉर्म पर पहुंची। 

संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस के आने से पहले रेलवे कमांडेंट और सीनियर सीडीएम को पटना जंक्शन भेजा गया है। इस दौरान रेल प्रशासन और यात्रियों के बीच तीखी बहस भी हुई।

वहीं सड़कों पर भारी जाम की स्थिति बनी हुई है। 

महाकुम्भ मेले में पूर्णिमा के अवसर पर अमृत स्नान के दौरान संभावित भारी भीड़ को देखते हुए सोमवार शाम से बिहार से उत्तर प्रदेश में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। शाम 5 बजे से लागू इस प्रतिबंध के कारण चिपली सीमा पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। बिहार में कैमूर पुलिस और यूपी सीमा पर तैनात पुलिस पूरी तरह अलर्ट पर हैं।

एयरो इंडिया 2025 का भव्य आयोजन,राजनाथ सिंह ने कहा, पराक्रम का महाकुंभ


बेंगलुरु: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को बंगलूरू में एयरो इंडिया 2025 का उद्घाटन करने के बाद कहा कि सुरक्षा की कमजोरी में कभी शांति नहीं मिल सकती और मजबूत होकर ही हम बेहतर विश्व व्यवस्था के लिए काम कर पाएंगे।

बेंगलुरू में येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर एयरो इंडिया 2025 का 15वां संस्करण का समारोह चल रहा है। जिसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संबोधित भी किया है। इस दौरान राजनाथ सिंह ने वैश्विक अनिश्चितताओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एक बड़े देश के तौर पर भारत हमेशा शांति और स्थिरता का हिमायती रहा है।

रक्षा मंत्री ने आगे कहा, 'हमारे लिए भारतीय सुरक्षा या भारतीय शांति अलग-थलग नहीं है। सुरक्षा, स्थिरता और शांति साझा निर्माण हैं जो राष्ट्रीय सीमाओं से परे हैं। (एयरो इंडिया में) विदेशी देशों के हमारे मित्रों की मौजूदगी इस बात का सबूत है कि हमारे साझेदार एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य के हमारे दृष्टिकोण को साझा करते हैं।'

इस दौरान उन्होंने एयरो इंडिया 2025 की तुलना महाकुंभ से की है। उन्होंने कहा- 'इस समय भारत में महाकुंभ चल रहा है...मुझे भी संगम में डुबकी लगाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। मैं समझता हूं कि एयरो इंडिया के रूप में आज से भारत में एक और महाकुंभ का प्रारंभ हो रहा है। जहां एक तरफ प्रयागराज का महाकुंभ आत्म संधान का कुंभ है, वहीं दूसरी तरफ एयरो इंडिया का यह महाकुंभ अनुसंधान का कुंभ है। जहां एक तरफ प्रयागराज का महाकुंभ आंतरिक मजबूती पर ध्यान दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ एयरो इंडिया का यह महाकुंभ हमारी बाहरी मजबूती पर ध्यान दे रहा है। जहां एक तरफ प्रयागराज का महाकुंभ भारत की संस्कृति को दर्शा रहा है, वहीं दूसरी तरफ एयरो इंडिया का यह महाकुंभ भारत की शक्ति को दर्शा रहा है। जहां एक तरफ परंपरा और आध्यात्म का महाकुंभ चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ पराक्रम का महाकुंभ चल रहा है'।

एयरो इंडिया 2025 का उद्घाटन करने के बाद बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, आज की अनिश्चितताओं और आज के परिप्रेक्ष्य में उभर रही नई चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, शांति का वट वृक्ष केवल शक्ति की जड़ों पर ही खड़ा हो सकता है। मेरा मानना है कि हम सभी को एक साथ मज़बूत होना होगा, तभी हम शांति सुनिश्चित कर पाएंगे। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के इस माहौल में भारत एक बड़ा देश है, जहां शांति और समृद्धि है।

एयरो इंडिया 2025 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र की एक विशेषता यह है कि रक्षा औद्योगिक प्रणाली के उत्पादों का ऑर्डर सरकार द्वारा दिया जाता है और सरकार ही उनका उपयोग करती है। केवल सरकार ही उत्पादों के विनिर्माण या निर्यात करने का लाइसेंस दे सकती है। 

इस प्रक्रिया के हर चरण में सरकार की निरंतर भागीदारी होती है। रक्षा मंत्री ने कहा कि 2047 तक विकासशील देश से विकसित देश में परिवर्तन को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने हमारे रक्षा उद्योग को समग्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण घटक बनाने के लिए कई परिवर्तनकारी कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे विदेशी मित्रों के लिए हमने नए रक्षा लाइसेंस चाहने वाली कंपनियों के लिए ऑटोमैटिक मोड से 75% तक एफडीआई की अनुमति दी है। 

व्यापार करने में आसानी बढ़ाने, 6-8 ग्रीनफील्ड परीक्षण और प्रमाणन सुविधाओं की स्थापना करने, एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए रक्षा परीक्षण अवसंरचना योजना शुरू की गई थी। डेफएक्सपो पोर्टल ने निर्यात प्राधिकरण को सहज बना दिया है। रक्षा निर्यात केंद्र के रूप में भारत के उभरने के प्रमाण के रूप में भारत में वित्तीय वर्ष 2013-14 की तुलना में पिछले 10 वर्षों में रक्षा उत्पादों के निर्यात में 31 गुना वृद्धि हुई है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि युद्ध की प्रकृति तेजी से बदल रही है। इसलिए हमें लगातार समाधानों को अनुकूलित और बेहतर बनाने की आवश्यकता है। उदाहरण के शुद्ध हार्डवेयर-आधारित प्रणाली पर निर्भरता तेजी से सॉफ्टवेयर-आधारित प्रणालियों द्वारा प्रतिस्थापित की जा रही है। आज सैन्य अभियानों में संचार और डाटा-साझाकरण की प्रकृति बहुत अधिक जटिल होती जा रही है। अंतरिक्ष-आधारित नेविगेशन प्रणाली, अंतरिक्ष-आधारित संचार और निगरानी पर हमारी निर्भरता का अर्थ है कि अंतरिक्ष-आधारित परिसंपत्तियों को हमारी परिचालन योजनाओं में एकीकृत करना होगा। 

हाल के संघर्षों में ड्रोन का उपयोग यह दर्शाता है कि भविष्य मानवयुक्त, मानवरहित और स्वायत्त युद्ध प्रणालियों के एकीकृत प्रयासों पर निर्भर करेगा। इसलिए रक्षा विनिर्माण पर हमारे प्रयासों को इन उभरते क्षेत्रों के लिए जवाबी उपाय बनाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। 

उन्होंने कहा, 'अगर आप भारत के इतिहास का आकलन करेंगे, तो आप पाएंगे कि हमने न तो किसी देश पर हमला किया है और न ही हम किसी बड़ी शक्ति की प्रतिद्वंद्विता में शामिल रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'एक बड़े देश के रूप में भारत हमेशा शांति और स्थिरता का हिमायती रहा है। और जब मैं यह कह रहा हूं, तो यह सिर्फ कहने की बात नहीं है, बल्कि यह हमारे मौलिक आदर्श की बात है।' 

येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी माने-जाने वाले एयरो इंडिया के 15वें संस्करण के उद्घाटन के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके थीम 'द रनवे टू ए बिलियन ऑपर्च्युनिटीज' की ओर इशारा करते हुए, 'मेरा मानना है कि इससे अधिक उपयुक्त थीम कोई और हो ही नहीं सकती। यह हमें बताता है कि एक अरब से अधिक लोगों वाले हमारे देश में, एक अरब अवसरों को मूर्त रूप देते हुए, यह एयरो शो उससे कम कुछ नहीं हो सकता।' 

उन्होंने कहा, आज से शुरू हो रहे एयरो इंडिया के कई उद्देश्य हैं, 'एयरो इंडिया का पहला महत्वपूर्ण उद्देश्य न केवल हमारी औद्योगिक क्षमता बल्कि हमारी तकनीकी प्रगति को भी पूरी दुनिया के सामने प्रदर्शित करना है। यह हमारे राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।' राजनाथ सिंह ने कहा कि इससे भी बड़ा उद्देश्य मित्र देशों के साथ हमारे सहजीवी संबंधों को और मजबूत करना है। 

वायुसेना प्रमुख एपी सिंह और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने एलसीए तेजस लड़ाकू विमान के प्रशिक्षक संस्करण में उड़ान भरी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज एयरो इंडिया के मंच पर दुनिया भर से सरकारी प्रतिनिधि, उद्योग जगत के नेता, वायुसेना के अधिकारी, वैज्ञानिक, रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ, स्टार्ट-अप, शिक्षाविद और कई अन्य हितधारक एक साथ आए हैं। उन्होंने कहा, 'यह संगम हमारे साझेदारों को एक साथ लाने में प्रभावी होगा, जिससे आखिर में हम सभी को लाभ होगा।

रक्षा मंंत्री ने इस दौरान कहा- आज भारत में जो एक जीवंत और संपन्न रक्षा उद्योग का पारिस्थितिकी तंत्र बना है, उनके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, हमारी सरकार द्वारा एक ठोस, टिकाऊ और अच्छी तरह से सोचा गया रोडमैप है। ऐतिहासिक रूप से रक्षा औद्योगिक क्षेत्र पर, भारत में एक गैर-आर्थिक क्षेत्र की तरह देखा जा रहा था। इसे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के एक घटक के रूप में नहीं देखा गया था, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को केवल एक अपरिहार्य आवश्यकता के रूप में देखा गया था।

नौसेना विमानन में बड़ी संख्या में किए जा रहे नवाचार :दिनेश के त्रिपाठी

वहीं एयरो इंडिया 2025 पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा, 'नौसेना विमानन में बड़ी संख्या में नवाचार किए जा रहे हैं और यह समय की मांग है क्योंकि आपको विरोधी से एक कदम आगे रहना होगा। हमारे पास हाल ही में P8I विमान की तरफ से एयर-ड्रॉप करने योग्य कंटेनर है जो विस्तारित दूरी पर हमारे बेड़े का समर्थन कर सकता है। हमारे पास स्वदेशी रूप से विकसित रुद्रम मिसाइल है जिसे मिग 29 के साथ एकीकृत किया गया है और हम ऐसे कई और नवाचारों की कोशिश कर रहे हैं जो हमारे नौसेना विमानन की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएंगे'।

उज्जैन में दर्दनाक हादसा: गले में फंसा अंगूर, 16 माह के बच्चे की मौत


उज्जैन:- 16 माह के बालक के गले में अंगूर फंसने से उसकी मौत हो गई। मामले में माधवनगर पुलिस ने मर्ग कायम किया है। 

बालक अपनी मां के साथ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से उज्जैन आया था। यहां उसकी मां देवास रोड स्थित अभिनंदन परिसर में लगे मेले में बैग की दुकान संचालित कर रही थी।