दिल्ली की सत्ता में 27 साल बाद बीजेपी की वापसी, एग्जिट पोल्स में भाजपा सरकार का अनुमान

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दिल्ली में वोटिंग खत्म हो चुकी है। आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस बार के चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिली है। वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल्स में सत्तारूढ़ आप पार्टी के लिए मायूसी वाली खबर है। दिल्ली चुनाव को लेकर अधिकांश एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान हैं। वहीं, सिर्फ एक एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी सत्ता में वापसी करती दिख रही है। वहीं अगर एग्जिट पोल्स का अनुमान सच साबित हुए तो 27 साल बाद बीजेपी दिल्ली में सत्ता में वापसी करती दिख रही है।

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वीप्रीसाइड एग्जिट पोल में AAP की वापसी, बीजेपी को कितनी सीट

दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक ऐसा एग्जिट पोल है जिसमें आम आदमी पार्टी सत्ता में वापसी करती दिख रही है। WeePreside एग्जिट पोल के अनुसार आम आदमी पार्टी की सत्ता में वापसी दिख रही है। इस एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 46 से 52 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, बीजेपी को 18 से 23 सीट मिलने की बात कही गई है। कांग्रेस को 1 सीट मिलने का अनुमान है।

चाणक्या एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार

दिल्ली विधानसभा में चाणक्या एग्जिट पोल में भी बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान है। चाणक्या एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को 39-44 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, आप को 25 से 28 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, कांग्रेस को 2 से 3 सीट मिल सकती है।

पी-मार्क में बीजेपी को 39-49 सीट

पी-मार्क के एग्जिट पोल में इस बार बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान है। इस एग्जिट पोल में इस बार बीजेपी को बड़ा बहुमत मिलने का अनुमान है। इस एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को 39 से 49 सीट मिल सकती है। वहीं, आम आदमी पार्टी को 21 से 31 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, कांग्रेस के खाते में सिर्फ 1 सीट मिलने की बात कही गई है।

पीपल्स पल्स में बीजेपी की बल्ले-बल्ले

पीपल्स पल्स के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी महज 10 से 19 सीटों पर सिमटती दिख रही है। वहीं, भाजपा 51-60 सीटों का बंपर आंकड़ा छू सकती है। इस सर्वे में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलता दिख रहा।

जेवीसी एग्जिट पोल में बीजेपी सरकार

जेवीसी एग्जिट पोल में इस बार बीजेपी की सरकार बनने की बात कही गई है। एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को इस बार 39 से 45 सीट मिल सकती है। वहीं, आम आदमी पार्टी को 22 से 31 सीट आने का अनुमान है। एग्जिट पोल में कांग्रेस को 0-2 सीट देखने को मिल रही है। वहीं, एक सीट अन्य के खाते में जा सकती है।

2020 एग्जिट पोल

इससे पहले दिल्ली में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा को आठ और कांग्रेस एक बार फिर कोई सीट हासिल नहीं कर पाई। यानी नतीजों में एग्जिट पोल्स की छाप एक बार फिर देखने को मिली। आठ सर्वे एजेंसियों ने एग्जिट पोल्स जारी किए। सभी एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी को बहुमत दिखाया गया और वही हुआ।

2025 एग्जिट पोल

2015 के विधानसभा चुनावों में छह सर्वे एजेंसियों के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को सीधा बहुमत मिलता दिखाया गया। हालांकि, किसी भी एग्जिट पोल में आप की प्रचंड जीत की संभावना नहीं दर्शाई गई थी। केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को तब पोल ऑफ पोल्स में 45 सीटें मिलती दिख रही थीं। वहीं भाजपा को 24 और कांग्रेस को सिर्फ एक सीट का अनुमान लगाया गया था। आप को तब सबसे ज्यादा 53 सीटें मिलने का अनुमान एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में लगाया गया था। वहीं, सबसे कम 35 सीटें मिलने का अनुमान इंडिया टीवी-सी वोटर के सर्वे में लगा था। हालांकि, नतीजों ने चुनावी विश्लेषकों को चौंका दिया। आप ने इस चुनाव में 67 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया।

दिल्ली में वोटिंग खत्म, शाम 5 बजे तक 57.70% मतदान, 8 फरवरी को आएंगे नतीजे

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दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर सुबह 7 बजे से जारी वोटिंग शाम 6 बजे संपन्न हो गई। हालांकि, लाइन में लगे लोगों को 6 बजे के बाद भी वोटिंग का अधिकार दिया गया। इसके साथ ही उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

दिल्ली में शाम 5 बजे तक 57.70% मतदान हुआ है। मुस्तफाबाद में बंपर वोटिंग हुई है। यहां 66.68 फीसदी वोट पड़े। वहीं, सीलमपुर में 66.41 और गोकलपुर में 65.05 प्रतिशत मतदान हुआ है।2020 के विधानसभा चुनाव में 62.55 फीसद मतदान हुआ था।

दिल्ली में इस बार किसका राज होगा। इस बार खिलेगा कमल या फिर कांग्रेस करेगी वापसी, या फिर आप की झाड़ू कर देगी सबका सूपड़ा साफ। सबके मन में एक ही सवाल बाकी रह गया है कि राजधानी में अबकी बार किसकी सरकार? आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला है। इस कड़े मुकाबले के बीच अब सबकी नजर आज आने वाले एग्जिट पोल पर है।

चुनाव आयोग ने 5 फरवरी को शाम 6:30 बजे तक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी अन्य तरीके से प्रसार के माध्यम से एग्जिट पोल के किसी भी प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा रखा है। यानी, थोड़ी देर में एग्जिट पोल सामने आएंगे। तमाम सर्वे एजेंसियां इस बात का अनुमान जातएंगी की दिल्ली में किस पार्टी की सरकार बन सकती है? किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं?

भारत सरकार का सरकारी कर्मचारियों के लिए फरमान, ChatGPT, DeepSeek जैसे AI टूल्स के इस्तेमाल पर रोक

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अमेरिकी सरकार ने 4 फरवरी को चीन के एआई DeepSeek पर बैन लगाया दिया। जिसकी शुरुआत टेक्सास स्टेट से की गई है। अब भारत के वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों से चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे एआई टेक्नोलॉजी का उपयोग करने से बचने के लिए कहा है। बता दें कि मंत्रालय ने इसके लिए सरकारी दस्तावेजों और डेटा की प्राइवेसी को सुरक्षा का हवाला दिया है।

सरकार ने क्यों लगाया AI टूल्स पर बैन?

29 जनवरी 2025 को जारी किए गए इस सर्कुलर का उद्देश्य संवेदनशील सरकारी डेटा को संभावित साइबर खतरों से बचाना है। यह आदेश संयुक्त सचिव प्रदीप कुमार सिंह द्वारा हस्ताक्षरित है और इसमें कहा गया है कि AI-आधारित एप्लिकेशन सरकारी सिस्टम में सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकते हैं। इसके मद्देनजर, मंत्रालय ने सभी कर्मचारियों को आधिकारिक उपकरणों पर ऐसे टूल्स का उपयोग करने से बचने की सलाह दी है। यह निर्देश वित्त सचिव की मंजूरी के बाद राजस्व, आर्थिक मामलों, व्यय, सार्वजनिक उद्यम, DIPAM और वित्तीय सेवाओं जैसे प्रमुख सरकारी विभागों को भेजा गया है।

डेटा सेफ्टी को लेकर देश चौकन्ना

किसी भी देश के लिए उसका डेटा मौजूदा समय में फ्यूल और गोल्ड से भी महंगा है। उसकी सेफ्टी के लिए तमाम देश कदम उठा रहे हैं। भारत ने भी कई पहल किए हैं। जिसकी वजह से उसके डेटा को कोई चुरा ना सके। अब जब दुनिया एआई में एंट्री ले चकी है। ऐसे में डेटा सेफ्टी को लेकर दुनियाभर के तमाम देश और भी चौकन्ना हो गए हैं। हाल ही में चीन का डीपसीक लॉन्च हुआ। चैटजीपीटी और जैमिनी जैसे चैटबॉट पहले ही आ चुके हैं। अब देश के वित्त मंत्रालय अब इन एआई टूल से डेटा सेफ्टी के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है।

भारत के वित्त मंत्रालय, चैटजीपीटी-पैरेंट ओपनएआई और डीपसीक के प्रतिनिधियों की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। वित्त मंत्रालय के तीन अधिकारियों ने कहा कि नोट असली है और यह नोट इस सप्ताह आंतरिक रूप से जारी किया गया था। अभी तक दूसरे मंत्रालयों की ओर से इस तरह निर्देश सामने आए हैं या नहीं इसकी पुष्टी नहीं हो सकी है।

बता दें कि ये रिपोर्ट सोशल मीडिया पर तब सामने आई, जब OpenAI के हेड सैम ऑल्टमैन भारत की यात्रा पर है।आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ बातचीत के दौरान ऑल्टमैन ने कहा कि देश में पिछले साल ओपनएआई के यूजर्स की संख्या तीन गुना बढ़ी है। उन्होंने स्टैक, चिप्स, मॉडल और अविश्वसनीय अनुप्रयोगों के सभी स्तरों पर एआई के निर्माण में भारत के प्रयासों की जोरदार सराहना की।

ड्रैगन ने एंटी हाइपरसोनिक विशालकाय रडार दिखाकर दुनिया को “डराया”, चीन की सेना ने जारी किया वीडियो

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हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन अपनी स्थिति लगातार बढ़ा रहा है। खुद को ताकतवर बनाने की होड़ में ड्रैगन अत्याधुनिक और पहले से भी ज्यादा विनाशक हथियारों का निर्माण कर रहा है। हाल ही में चीन के दो नए फाइटर जेट को देखा गया था, जिसके बारे में दावा किया गया कि वह छठी पीढ़ी के फाइटर जेट हैं। वहीं, अब ड्रैगन ने दुनिया को एक ऐसा रडार सिस्टम दिखाया है, जो उसे अभेद्य बनाता है।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीनी नववर्ष पर देश की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को संबोधित किया। इस दौरान जिनपिंग ने अपनी लंबी दूरी की रडार सिस्टम को दुनिया को दिखाया है।चीन ने पिछले महीने के अंत में एक एडवांस लंबी दूरी के रडार का दुर्लभ फुटेज जारी किया है, जिसके बारे में कहा जा रहा है, कि वो हजारों मील दूर एडवांस मिसाइलों से लेकर हाइपरसोनिक मिसाइलों को ट्रैक करने और मार गिराने की ताकत रखता है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन का यह रडार एक एडवांस अलार्मिक सिस्टम है, जो चीन की सीमा से हजारों मील दूर से आ रहे खतरों का भांप सकता है और उन्हें खत्म करने की ताकत भी रखता है। पीएलए ने राष्ट्रपति को इस रडार सिस्टम का वीडिया भेजा। इसमें जमीन पर एक रडार स्टेशन को दिखाया गया।वीडियो में चीन के तीनों सेनाओं के अधिकारियों के साथ एयरस्पेस फोर्स के अधिकारी दिखाई दिए। हालांकि, यह रडार कैसा है और इसकी ताकत कितनी है, इसके बार में फिलहाल कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।

जो वीडियो पीएलए ने जारी किया है, उसमें रडार सिस्टम के सामने खड़ा चीनी एयरस्पोस फोर्स का एक अधिकारी को ये कहते देखा जा रहा है, कि हम युद्ध के मैदान की सख्ती से निगरानी करते हैं, ताकि अगर कोई खतरा उत्पन्न होता है, तो हम फौरन प्रतिक्रिया दे सकें।

बता दें कि दुनिया में अभी किसी भी देश के पास ऐसा रडार नहीं है, जो हाइपरसोनिक मिसाइलों को मार गिरा सके। हालांकि, रूस अपने एस-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम से हाइपरसोनिक मिसाइलों को मारने की क्षमता का दावा जरूर करता है, लेकिन अभी तक उसका टेस्ट नहीं हुआ है।

अमेरिका से डिपोर्ट 104 भारतीयों की वतन वापसी, यूएम मिलिट्री विमान की अमृतसर में लैंडिंग

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा मिलिट्री प्‍लेन में भारत भेज जा रहे अवैध प्रवासियों का जहाज अमृतसर पहुंच गया है। कुल 205 भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट करने की कार्रवाई जारी है, जिसमें से पहला ग्रुप 104 भारतीयों का है। यह पलेन अमृतसर के श्री गुरु रामदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचा है। पुलिस और एजेंसियां इनके बैकग्राउंड की जांच कर रही हैं।

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इन निर्वासित किए गए लोगों में से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से और दो चंडीगढ़ से हैं। हालांकि अभी निर्वासित लोगों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। यह अवैध भारतीय अप्रवासियों का पहला जत्था है जिसे अमेरिकी सरकार ने निर्वासित किया है।

जिस समय विमान एयरपोर्ट पर लैंड किया उस समय अमृतसर के पुलिस कमिश्नर, डीसी और अन्य तमाम सीनियर प्रशासनिक अधिकारी एयरपोर्ट पर मौजूद रहे। एयरपोर्ट स्थित एविएशन क्लब में सभी डिपोर्ट किए गए भारतीयों के बैकग्राउंड चेक किए गए हैं। वहीं, अमृतसर एयरपोर्ट के डायरेक्टर, डिप्टी कमिश्नर, पुलिस कश्मिनर और सीआईएफ डायरेक्टर ने एक बैठक की थी। इस दौरान सुरक्षा उपाय के तहत एयरपोर्ट के कार्गो गेट और एक अन्य प्रवेश द्वार पर बैरिकेडिंग कर दी थी।

बता दें कि बीते दो हफ्ते की अवधि में भारत के अलावा भी कई देशों के अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निर्वासित किया जा चुका है। सी-17 सैन्य विमान से भारत लौटाए जा रहे प्रवासियों के बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई पर आई रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों पर अमल करते हुए अमेरिका आव्रजन कानूनों को कड़ा कर रहा है।

दिल्ली में मतदान के बीच बवाल, सीलमपुर में बु्र्के में वोटिंग का आरोप, तो जंगपुरा में पैसे बांटने को लेकर हंगामा

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दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। सभी 70 सीटों पर लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच कुछ जगहों पर हंगामे की खबर है। सीलमपुर में बुर्के में मतदान को लेकर विवाद हो गया। वहीं जंगपुरा आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर पैसे बांटने का आरोप लगाया है।

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बुर्के को लेकर विवाद

दिल्ली के सीलमपुर इलाके में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। बुर्के को लेकर यह विवाद शुरू हुआ है। बीजेपी का आरोप है कि यहां आप कार्यकर्ता बुर्के में फर्जी वोटिंग करवा रहे हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बीच आप कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतर आए।

सीलमपुर हंगामा मामले पर क्या बोले चुनाव अधिकारी?

सीलमपुर हंगामा मामले पर उत्तर पूर्वी जिला चुनाव अधिकारी ने कहा है कि पर्दा-नशीन महिला मतदाताओं के सत्यापन के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। इन मतदान केंद्रों पर 'पर्दानशीन' मतदाताओं का सत्यापन करने के लिए महिला मतदान अधिकारी मौजूद हैं और प्रत्येक मतदाता का सत्यापन किया जा रहा है, उसके बाद ही उन्हें मतदान करने की अनुमति दी जा रही है। कथित शिकायत की जांच के लिए चुनाव अधिकारियों को आर्यन पब्लिक स्कूल में भेजा गया और यह पाया गया कि आर्यन पब्लिक स्कूल में मतदान तय नियमों के अनुसार ही हो रहा है। विद्यालय के बाहर कुछ व्यक्तियों की ओर से शोर मचाया गया, जिसे समय रहते पुलिस फोर्स की ओर से नियंत्रित कर लिया गया।

आप ने भाजपा पर लगाया पैसे बांटने का आरोप

वहीं, आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर पैसे बांटने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, भाजपा जंगपुरा में मतदाताओं को सरेआम बिल्डिंग में ले जाकर पैसे बांट रही है। यह सब दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग की निगरानी में किया जा रहा है। आप ने चुनाव आयोग से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं, मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी पैसे बांट रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगाई संगम में आस्था की डुबकी, भगवा वस्त्र और हाथ-गले में रुद्राक्ष की माला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संगम में डुबकी लगाई। इसके बाद उन्होंने मां गंगा पूजा की। उन्होंने भगवा रंग के वस्त्र पहन रखे थे। हाथ और गले में रुद्राक्ष की मालाएं थीं। उन्होंने पूरे मंत्रोच्चार के साथ स्नान किया और परिक्रमा की। स्नान के बाद पीएम ने सूर्य को अर्घ्य दिया। करीब 5 मिनट तक मंत्र का जाप करते हुए सूर्य पूजा की। संगम नोज पर गंगा पूजन किया। मां गंगा को दूध अर्पित किया, साड़ी चढ़ाई।

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ कई मायनों में खास है। खगोलीय और पंचांग की गणना की मानें तो इस बार महाकुंभ में 144 साल बाद विशेष संयोग बना है, जो कुंभ स्नान के महत्व को कई गुना बढ़ा देता है। वहीं पीएम मोदी ने भी आज विशेष तिथि पर संगम में डुबकी लगाई। माघ मास शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि में शुभ योग में भरणी नक्षत्र और शुभ चौघड़िया में प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा संगम में स्नान किया गया।

संगम स्नान के बाद मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा- आज पवित्र संगम में स्नान के बाद पूजा-अर्चना का परम सौभाग्य मिला। मां गंगा का आशीर्वाद पाकर मन को असीम शांति और संतोष मिला है।

संगम तट पर श्रद्धालुओं का जन सैलाब होने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हनुमान मंदिर अक्षय वट दर्शन किए बिना ही लौटे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम वाले क्षेत्रों को एनएसजी ने कब्जे में ले लिया है। मजिस्ट्रेट एवं भारी संख्या में पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवानों की तैनाती की गई है।

आपको बता दें कि 13 जनवरी 2025 से प्रारंभ हुआ यह महाकुंभ 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलने वाला है। दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है जिसमें दुनिया भर के तमाम देशों से श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।

अवैध प्रवासियों के डिपोर्टेशन में यूएस कर रहा इतना खर्चा, दुनिया को क्या दिखाना चाहते हैं ट्रंप?

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अवैध प्रवासियों को लेकर सख्त तेवर अपनाए हुए हैं।बीते 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकाले जाने संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। जिसपर अलम लाना भी शुरू कर दिया गया है।अमेरिका ने गैरकानूनी स्थिति वाले प्रवासियों के सामूहिक निर्वासन की कार्रवाई के तहत 205 भारतीयों को भी वापस भारत भेजा है। उन्हें 4 फरवरी को C-17 अमेरिकी सैन्य विमान से पंजाब के अमृतसर के लिए रवाना किया गया। विमान टेक्सास के सैन एंटोनियो से भारत के लिए रवाना हुआ।

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अहम बात या है कि अमेरिका ने अन्य देशों के प्रवासियों को भी निर्वासित करने के लिए चार्टर्ड प्लेन के साथ-साथ सैन्य विमान भी इस्तेमाल किए हैं।रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन विमानों के इस्तेमाल पर भारी-भरकम खर्च आता है। अब बड़ा सवाल खड़ा है कि आखिर प्रवासियों को वापस भेजने के लिए ट्रंप इतने महंगे विमान का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं।

सैन्य विमानों के इस्तेमाल पर आने वाला खर्च काफी भारी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, C-17 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की परिचालन लागत 28,500 डॉलर प्रति घंटा (लगभग 24.82 लाख रुपये) है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सेना ने इन उड़ानों की कुल लागत की गणना अभी नहीं की है, लेकिन 12 घंटे तक चलने वाली एक उड़ान की अनुमानित लागत लगभग 252,000 डॉलर (लगभग 2.20 करोड़ रुपये) हो सकती है। अमेरिकी सीमा शुल्क और आव्रजन प्रवर्तन (ICE) के अनुसार, 135 निर्वासितों के लिए एक चार्टर्ड उड़ान की लागत 17,000 डॉलर प्रति उड़ान घंटे है, जो कि आमतौर पर 5 घंटे तक चलती है।इसका मतलब है कि प्रति व्यक्ति लागत 630 डॉलर (लगभग 52,000 रुपये) होती है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक C-17 की परिचालन लागत 21,000 डॉलर प्रति घंटा (2022 के अनुसार) है, जबकि C-130E विमान की परिचालन लागत 68,000 डॉलर से 71,000 डॉलर प्रति घंटा के बीच है। इसका मतलब है कि एक 12 घंटे की C-17 उड़ान की लागत लगभग 252,000 डॉलर हो सकती है, जबकि C-130E की उड़ान की लागत 816,000 से 852,000 डॉलर हो सकती है।

ट्रंप प्रशासन द्वारा सैन्य विमानों का उपयोग राजनीतिक संदेश देने के लिए किया जा रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप अवैध प्रवासियों को अपराधी और अमेरिका के लिए खतरा करार देते रहे हैं। सैन्य विमानों में हथकड़ी पहनाकर निर्वासित किए जा रहे प्रवासियों की तस्वीरें भी ट्रंप की सख्त आव्रजन नीति को दर्शाने का एक तरीका है। हाल ही में उन्होंने कहा था कि हम अवैध प्रवासियों को ढूंढकर सैन्य विमानों में भरकर वापस भेज रहे हैं। अब दुनिया हमें फिर से सम्मान देने लगी है।

ट्रंप प्रशासन के इस कदम को 2024 के राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनजर एक राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। सैन्य विमानों के उपयोग से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि ट्रंप अवैध प्रवासियों पर नरमी नहीं बरतेंगे।

नाथन एंडरसन ने हिंडनबर्ग रिसर्च को क्यों बंद किया? संस्थापक ने अदानी समूह के बारे में खुलकर बात की

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अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन ने पहली बार इस बारे में खुलकर बात की कि उनकी फर्म ने गौतम अदानी के अदानी समूह की जांच क्यों चुनी। समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में, नाथन एंडरसन ने कहा कि हिंडनबर्ग की जनवरी 2023 की रिपोर्ट, जिसमें अदानी समूह पर "कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ी धोखाधड़ी" का आरोप लगाया गया था, मीडिया रिपोर्टों में समूह के खिलाफ उठाए गए "लाल झंडों" के बाद आगे बढ़ाई गई थी।

उन्होंने अदानी समूह को क्यों चुना गया, इस बारे में पीटीआई से कहा, "हमने शुरू में लाल झंडों को रेखांकित करने वाले मीडिया लेख देखे, बारीकी से देखा और सबूतों का पालन करते रहे।" यह पूछे जाने पर कि क्या वह हिंडनबर्ग की रिपोर्टों, विशेष रूप से अदानी समूह के खिलाफ़, के साथ खड़े हैं, एंडरसन ने कहा, "हम अपने सभी शोध निष्कर्षों के साथ 100 प्रतिशत खड़े हैं।" उन्होंने कुछ लोगों द्वारा हिंडनबर्ग को OCCRP और जॉर्ज सोरोस जैसे कथित भारत विरोधी समूहों से जोड़ने के प्रयासों को "मूर्खतापूर्ण षड्यंत्र" करार दिया, और कहा कि उनके आउटलेट ने कभी भी उन पर टिप्पणी नहीं की क्योंकि यह "मूर्खतापूर्ण षड्यंत्र सिद्धांतों" को बढ़ावा न देने की नीति का पालन करता है।

अडानी समूह और उसके प्रभाव पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट क्या थी?

2023 में प्रकाशित एक विवादास्पद रिपोर्ट में, हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि अडानी समूह ने अपने राजस्व को बढ़ाने और शेयर की कीमतों में हेरफेर करने के लिए कर पनाहगाहों में कंपनियों के एक जाल का इस्तेमाल किया था, जबकि कर्ज बढ़ता जा रहा था। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, रिपोर्ट के समय गौतम अडानी दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति थे।

समूह ने सभी दावों का जोरदार खंडन किया, लेकिन एक समय पर इस निंदनीय रिपोर्ट ने इसके मूल्य से 150 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक की कटौती की, जिसका नुकसान अंततः एक वर्ष से अधिक समय में पूरा हो गया। यह, क्योंकि इसने कर्ज में कटौती की, शेयर गिरवी रखे और नए निवेशकों को आकर्षित किया।

हिंडेनबर्ग के बंद होने पर एंडरसन

एंडरसन की यह टिप्पणी उनके द्वारा अपनी फोरेंसिक रिसर्च फर्म को बंद करने की घोषणा के कुछ सप्ताह बाद आई है, जिसे उन्होंने लगभग आठ साल पहले स्थापित किया था। जब वे पीछे हट सकते थे और कंपनी की बागडोर किसी और को सौंप सकते थे, तो उन्होंने हिंडेनबर्ग को बंद करने का फैसला क्यों किया, इस पर उन्होंने कहा कि "मुझे ब्रांड से अलग करने का कोई तरीका नहीं है"।

उन्होंने कहा कि हिंडेनबर्ग मूल रूप से मेरा पर्याय है। "अगर यह एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन या साइकिल फैक्ट्री होती, तो आप एप्लीकेशन या फैक्ट्री को बेच सकते थे। लेकिन जब यह मेरे द्वारा संचालित रिसर्च होती है, तो आप वास्तव में इसे किसी और को नहीं सौंप सकते, और इसलिए मैं वास्तव में 'खत्म' नहीं होता। लेकिन अगर वे एक नया ब्रांड लॉन्च करना चाहते हैं, तो मैं टीम का समर्थन करने में खुश हूं, जिसकी मुझे उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगे," एंडरसन ने पीटीआई को बताया।

हिंडेनबर्ग ने पहले कहा था कि कंपनियों को लक्षित करने वाली रिपोर्ट तैयार करने के लिए अपने संस्थापक को हेज फंड से जोड़ने वाली गुमनाम रिपोर्टों पर अमेरिकी एसईसी द्वारा इसकी जांच नहीं की जा रही है।

अमेरिका ने 205 भारतीयों को वापस भेजा, सी-17 सैन्य विमान से आज पहुंचेगा अमृतसर

#trump_begins_deporting_indian_immigrants_military_flight

अमेरिका में ट्रंप सरकार ने अवैध अप्रवासियों को डिपोर्ट करना तेज कर दिया है। इसी क्रम में भारतीय अवैध अप्रवासियों को भी डिपोर्ट किया जा रहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक सोमवार को यूएस एयरफोर्स का C-17 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट अवैध अप्रवासियों को लेकर भारत के लिए उड़ान भर चुका है। ये फ्लाइट अमृतसर एयरपोर्ट लैंड करेगी। इसके पहले एयरपोर्ट पर हलचल बढ़ गई है। प्रशासन की तरफ से अवैध प्रवासियों को लेकर तैयारी की गई है।

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इस एयरक्राफ्ट में 205 लोग सवार हैं। इन सभी की पहचान कर ली गई है। इस पूरी प्रकिया में भारत भी शामिल रहा। बताया जा रहा है कि अमेरिकी वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान टेक्सास से भारत की तरफ रवाना हुआ है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक निर्वासित भारतीयों के एक समूह को लेकर विमान ने टेक्सास के पास स्थित एक एयरबेस से उड़ान भरी है।

पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बताया कि अमेरिका से भेजे गए अवैध प्रवासियों को राज्य सरकार के लोग रिसीव करेंगे। पहचान और अन्य कागजी कार्रवाई के लिए हवाई अड्डे पर काउंटर बनाए गए हैं। अमृतसर प्रशासन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी विमान से आने वाले सभी लोगों के दस्तावेजों की अमृतसर एयरपोर्ट पर जांच की जाएगी। इमीग्रेशन आदि के अलावा इन लोगों की पूरी पृष्ठभूमि, खासकर उनका आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। यदि कोई आपराधिक रिकॉर्ड पाया जाता है तो उन्हें एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया जाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संकल्प और नीतियों का असर दिखना शुरू हो गया है। बीते 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकाले जाने संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इस पर अमल करते हुए अमेरिकी प्रशासन ने सी-17 सैन्य विमान से 205 भारतीय लोगों के एक समूह को अमेरिका से वापस भेज दिया है। भारतीयों को अमेरिका से निकाले जाने की यह ताजा खबर ट्रंप प्रशासन की सख्ती दिखाता है। बता दें कि बीते दो हफ्ते की अवधि में भारत के अलावा भी कई देशों के अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निर्वासित किया जा चुका है।