दिल्ली में मतदान के बीच बवाल, सीलमपुर में बु्र्के में वोटिंग का आरोप, तो जंगपुरा में पैसे बांटने को लेकर हंगामा

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दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। सभी 70 सीटों पर लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच कुछ जगहों पर हंगामे की खबर है। सीलमपुर में बुर्के में मतदान को लेकर विवाद हो गया। वहीं जंगपुरा आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर पैसे बांटने का आरोप लगाया है।

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बुर्के को लेकर विवाद

दिल्ली के सीलमपुर इलाके में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। बुर्के को लेकर यह विवाद शुरू हुआ है। बीजेपी का आरोप है कि यहां आप कार्यकर्ता बुर्के में फर्जी वोटिंग करवा रहे हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बीच आप कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतर आए।

सीलमपुर हंगामा मामले पर क्या बोले चुनाव अधिकारी?

सीलमपुर हंगामा मामले पर उत्तर पूर्वी जिला चुनाव अधिकारी ने कहा है कि पर्दा-नशीन महिला मतदाताओं के सत्यापन के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। इन मतदान केंद्रों पर 'पर्दानशीन' मतदाताओं का सत्यापन करने के लिए महिला मतदान अधिकारी मौजूद हैं और प्रत्येक मतदाता का सत्यापन किया जा रहा है, उसके बाद ही उन्हें मतदान करने की अनुमति दी जा रही है। कथित शिकायत की जांच के लिए चुनाव अधिकारियों को आर्यन पब्लिक स्कूल में भेजा गया और यह पाया गया कि आर्यन पब्लिक स्कूल में मतदान तय नियमों के अनुसार ही हो रहा है। विद्यालय के बाहर कुछ व्यक्तियों की ओर से शोर मचाया गया, जिसे समय रहते पुलिस फोर्स की ओर से नियंत्रित कर लिया गया।

आप ने भाजपा पर लगाया पैसे बांटने का आरोप

वहीं, आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर पैसे बांटने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, भाजपा जंगपुरा में मतदाताओं को सरेआम बिल्डिंग में ले जाकर पैसे बांट रही है। यह सब दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग की निगरानी में किया जा रहा है। आप ने चुनाव आयोग से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं, मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी पैसे बांट रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगाई संगम में आस्था की डुबकी, भगवा वस्त्र और हाथ-गले में रुद्राक्ष की माला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संगम में डुबकी लगाई। इसके बाद उन्होंने मां गंगा पूजा की। उन्होंने भगवा रंग के वस्त्र पहन रखे थे। हाथ और गले में रुद्राक्ष की मालाएं थीं। उन्होंने पूरे मंत्रोच्चार के साथ स्नान किया और परिक्रमा की। स्नान के बाद पीएम ने सूर्य को अर्घ्य दिया। करीब 5 मिनट तक मंत्र का जाप करते हुए सूर्य पूजा की। संगम नोज पर गंगा पूजन किया। मां गंगा को दूध अर्पित किया, साड़ी चढ़ाई।

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ कई मायनों में खास है। खगोलीय और पंचांग की गणना की मानें तो इस बार महाकुंभ में 144 साल बाद विशेष संयोग बना है, जो कुंभ स्नान के महत्व को कई गुना बढ़ा देता है। वहीं पीएम मोदी ने भी आज विशेष तिथि पर संगम में डुबकी लगाई। माघ मास शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि में शुभ योग में भरणी नक्षत्र और शुभ चौघड़िया में प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा संगम में स्नान किया गया।

संगम स्नान के बाद मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा- आज पवित्र संगम में स्नान के बाद पूजा-अर्चना का परम सौभाग्य मिला। मां गंगा का आशीर्वाद पाकर मन को असीम शांति और संतोष मिला है।

संगम तट पर श्रद्धालुओं का जन सैलाब होने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हनुमान मंदिर अक्षय वट दर्शन किए बिना ही लौटे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम वाले क्षेत्रों को एनएसजी ने कब्जे में ले लिया है। मजिस्ट्रेट एवं भारी संख्या में पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवानों की तैनाती की गई है।

आपको बता दें कि 13 जनवरी 2025 से प्रारंभ हुआ यह महाकुंभ 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलने वाला है। दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है जिसमें दुनिया भर के तमाम देशों से श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।

अवैध प्रवासियों के डिपोर्टेशन में यूएस कर रहा इतना खर्चा, दुनिया को क्या दिखाना चाहते हैं ट्रंप?

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अवैध प्रवासियों को लेकर सख्त तेवर अपनाए हुए हैं।बीते 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकाले जाने संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। जिसपर अलम लाना भी शुरू कर दिया गया है।अमेरिका ने गैरकानूनी स्थिति वाले प्रवासियों के सामूहिक निर्वासन की कार्रवाई के तहत 205 भारतीयों को भी वापस भारत भेजा है। उन्हें 4 फरवरी को C-17 अमेरिकी सैन्य विमान से पंजाब के अमृतसर के लिए रवाना किया गया। विमान टेक्सास के सैन एंटोनियो से भारत के लिए रवाना हुआ।

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अहम बात या है कि अमेरिका ने अन्य देशों के प्रवासियों को भी निर्वासित करने के लिए चार्टर्ड प्लेन के साथ-साथ सैन्य विमान भी इस्तेमाल किए हैं।रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन विमानों के इस्तेमाल पर भारी-भरकम खर्च आता है। अब बड़ा सवाल खड़ा है कि आखिर प्रवासियों को वापस भेजने के लिए ट्रंप इतने महंगे विमान का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं।

सैन्य विमानों के इस्तेमाल पर आने वाला खर्च काफी भारी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, C-17 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की परिचालन लागत 28,500 डॉलर प्रति घंटा (लगभग 24.82 लाख रुपये) है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सेना ने इन उड़ानों की कुल लागत की गणना अभी नहीं की है, लेकिन 12 घंटे तक चलने वाली एक उड़ान की अनुमानित लागत लगभग 252,000 डॉलर (लगभग 2.20 करोड़ रुपये) हो सकती है। अमेरिकी सीमा शुल्क और आव्रजन प्रवर्तन (ICE) के अनुसार, 135 निर्वासितों के लिए एक चार्टर्ड उड़ान की लागत 17,000 डॉलर प्रति उड़ान घंटे है, जो कि आमतौर पर 5 घंटे तक चलती है।इसका मतलब है कि प्रति व्यक्ति लागत 630 डॉलर (लगभग 52,000 रुपये) होती है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक C-17 की परिचालन लागत 21,000 डॉलर प्रति घंटा (2022 के अनुसार) है, जबकि C-130E विमान की परिचालन लागत 68,000 डॉलर से 71,000 डॉलर प्रति घंटा के बीच है। इसका मतलब है कि एक 12 घंटे की C-17 उड़ान की लागत लगभग 252,000 डॉलर हो सकती है, जबकि C-130E की उड़ान की लागत 816,000 से 852,000 डॉलर हो सकती है।

ट्रंप प्रशासन द्वारा सैन्य विमानों का उपयोग राजनीतिक संदेश देने के लिए किया जा रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप अवैध प्रवासियों को अपराधी और अमेरिका के लिए खतरा करार देते रहे हैं। सैन्य विमानों में हथकड़ी पहनाकर निर्वासित किए जा रहे प्रवासियों की तस्वीरें भी ट्रंप की सख्त आव्रजन नीति को दर्शाने का एक तरीका है। हाल ही में उन्होंने कहा था कि हम अवैध प्रवासियों को ढूंढकर सैन्य विमानों में भरकर वापस भेज रहे हैं। अब दुनिया हमें फिर से सम्मान देने लगी है।

ट्रंप प्रशासन के इस कदम को 2024 के राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनजर एक राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। सैन्य विमानों के उपयोग से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि ट्रंप अवैध प्रवासियों पर नरमी नहीं बरतेंगे।

नाथन एंडरसन ने हिंडनबर्ग रिसर्च को क्यों बंद किया? संस्थापक ने अदानी समूह के बारे में खुलकर बात की

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अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन ने पहली बार इस बारे में खुलकर बात की कि उनकी फर्म ने गौतम अदानी के अदानी समूह की जांच क्यों चुनी। समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में, नाथन एंडरसन ने कहा कि हिंडनबर्ग की जनवरी 2023 की रिपोर्ट, जिसमें अदानी समूह पर "कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ी धोखाधड़ी" का आरोप लगाया गया था, मीडिया रिपोर्टों में समूह के खिलाफ उठाए गए "लाल झंडों" के बाद आगे बढ़ाई गई थी।

उन्होंने अदानी समूह को क्यों चुना गया, इस बारे में पीटीआई से कहा, "हमने शुरू में लाल झंडों को रेखांकित करने वाले मीडिया लेख देखे, बारीकी से देखा और सबूतों का पालन करते रहे।" यह पूछे जाने पर कि क्या वह हिंडनबर्ग की रिपोर्टों, विशेष रूप से अदानी समूह के खिलाफ़, के साथ खड़े हैं, एंडरसन ने कहा, "हम अपने सभी शोध निष्कर्षों के साथ 100 प्रतिशत खड़े हैं।" उन्होंने कुछ लोगों द्वारा हिंडनबर्ग को OCCRP और जॉर्ज सोरोस जैसे कथित भारत विरोधी समूहों से जोड़ने के प्रयासों को "मूर्खतापूर्ण षड्यंत्र" करार दिया, और कहा कि उनके आउटलेट ने कभी भी उन पर टिप्पणी नहीं की क्योंकि यह "मूर्खतापूर्ण षड्यंत्र सिद्धांतों" को बढ़ावा न देने की नीति का पालन करता है।

अडानी समूह और उसके प्रभाव पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट क्या थी?

2023 में प्रकाशित एक विवादास्पद रिपोर्ट में, हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि अडानी समूह ने अपने राजस्व को बढ़ाने और शेयर की कीमतों में हेरफेर करने के लिए कर पनाहगाहों में कंपनियों के एक जाल का इस्तेमाल किया था, जबकि कर्ज बढ़ता जा रहा था। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, रिपोर्ट के समय गौतम अडानी दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति थे।

समूह ने सभी दावों का जोरदार खंडन किया, लेकिन एक समय पर इस निंदनीय रिपोर्ट ने इसके मूल्य से 150 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक की कटौती की, जिसका नुकसान अंततः एक वर्ष से अधिक समय में पूरा हो गया। यह, क्योंकि इसने कर्ज में कटौती की, शेयर गिरवी रखे और नए निवेशकों को आकर्षित किया।

हिंडेनबर्ग के बंद होने पर एंडरसन

एंडरसन की यह टिप्पणी उनके द्वारा अपनी फोरेंसिक रिसर्च फर्म को बंद करने की घोषणा के कुछ सप्ताह बाद आई है, जिसे उन्होंने लगभग आठ साल पहले स्थापित किया था। जब वे पीछे हट सकते थे और कंपनी की बागडोर किसी और को सौंप सकते थे, तो उन्होंने हिंडेनबर्ग को बंद करने का फैसला क्यों किया, इस पर उन्होंने कहा कि "मुझे ब्रांड से अलग करने का कोई तरीका नहीं है"।

उन्होंने कहा कि हिंडेनबर्ग मूल रूप से मेरा पर्याय है। "अगर यह एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन या साइकिल फैक्ट्री होती, तो आप एप्लीकेशन या फैक्ट्री को बेच सकते थे। लेकिन जब यह मेरे द्वारा संचालित रिसर्च होती है, तो आप वास्तव में इसे किसी और को नहीं सौंप सकते, और इसलिए मैं वास्तव में 'खत्म' नहीं होता। लेकिन अगर वे एक नया ब्रांड लॉन्च करना चाहते हैं, तो मैं टीम का समर्थन करने में खुश हूं, जिसकी मुझे उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगे," एंडरसन ने पीटीआई को बताया।

हिंडेनबर्ग ने पहले कहा था कि कंपनियों को लक्षित करने वाली रिपोर्ट तैयार करने के लिए अपने संस्थापक को हेज फंड से जोड़ने वाली गुमनाम रिपोर्टों पर अमेरिकी एसईसी द्वारा इसकी जांच नहीं की जा रही है।

अमेरिका ने 205 भारतीयों को वापस भेजा, सी-17 सैन्य विमान से आज पहुंचेगा अमृतसर

#trump_begins_deporting_indian_immigrants_military_flight

अमेरिका में ट्रंप सरकार ने अवैध अप्रवासियों को डिपोर्ट करना तेज कर दिया है। इसी क्रम में भारतीय अवैध अप्रवासियों को भी डिपोर्ट किया जा रहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक सोमवार को यूएस एयरफोर्स का C-17 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट अवैध अप्रवासियों को लेकर भारत के लिए उड़ान भर चुका है। ये फ्लाइट अमृतसर एयरपोर्ट लैंड करेगी। इसके पहले एयरपोर्ट पर हलचल बढ़ गई है। प्रशासन की तरफ से अवैध प्रवासियों को लेकर तैयारी की गई है।

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इस एयरक्राफ्ट में 205 लोग सवार हैं। इन सभी की पहचान कर ली गई है। इस पूरी प्रकिया में भारत भी शामिल रहा। बताया जा रहा है कि अमेरिकी वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान टेक्सास से भारत की तरफ रवाना हुआ है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक निर्वासित भारतीयों के एक समूह को लेकर विमान ने टेक्सास के पास स्थित एक एयरबेस से उड़ान भरी है।

पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बताया कि अमेरिका से भेजे गए अवैध प्रवासियों को राज्य सरकार के लोग रिसीव करेंगे। पहचान और अन्य कागजी कार्रवाई के लिए हवाई अड्डे पर काउंटर बनाए गए हैं। अमृतसर प्रशासन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी विमान से आने वाले सभी लोगों के दस्तावेजों की अमृतसर एयरपोर्ट पर जांच की जाएगी। इमीग्रेशन आदि के अलावा इन लोगों की पूरी पृष्ठभूमि, खासकर उनका आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। यदि कोई आपराधिक रिकॉर्ड पाया जाता है तो उन्हें एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया जाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संकल्प और नीतियों का असर दिखना शुरू हो गया है। बीते 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकाले जाने संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इस पर अमल करते हुए अमेरिकी प्रशासन ने सी-17 सैन्य विमान से 205 भारतीय लोगों के एक समूह को अमेरिका से वापस भेज दिया है। भारतीयों को अमेरिका से निकाले जाने की यह ताजा खबर ट्रंप प्रशासन की सख्ती दिखाता है। बता दें कि बीते दो हफ्ते की अवधि में भारत के अलावा भी कई देशों के अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निर्वासित किया जा चुका है।

गाजा पर कब्जा करेगा अमेरिका, नेतन्याहू से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति ट्रंप का ऐलान, जानें क्या है प्लान?

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर बड़ा बयान देकर खलबली मचा दी है।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पट्टी को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका गाजा पट्टी पर अपना नियंत्रण करेगा। मंगलवार को नेतन्याहू के साथ बातचीत के बाद वॉइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने ये बड़ा बयान दिया है।

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डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि हम गाजा का मालिकाना लेना चाहते हैं, इसके बाद गाजा में मौजूद खतरनाक बमों और अन्य हथियारों को नष्ट करने की जिम्मेदारी हमारी होगी। अमेरिका ध्वस्त या जर्जर हो चुकी इमारतों का पुनर्निर्माण कराएगा और गाजा का आर्थिक विकास करेगा। इससे गाजा में रोजगार और लोगों को घर मिलेंगे।

गाजा को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र बनाने का प्लान

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा एक 'अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र' होगा। ट्रंप ने आगे बताया कि अमेरिका द्वारा पुनर्निर्माण पूरा करने के बाद दुनिया भर के लोग गाजा में रहेंगे। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी उनमें से हो सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह गाजा में सुरक्षा शून्य को भरने के लिए अमेरिकी सैनिकों को भेजने के लिए तैयार हैं, ट्रंप ने इससे इनकार नहीं किया।

सेना उतारने को तैयार ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा के पुनर्निर्माण में अगर अमेरिकी सेना की जरूरत पड़ी तो वे सेना को भी गाजा में तैनात करने पर विचार कर सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि अगर यह जरूरी हुआ तो हम ऐसा करेंगे।

फिलिस्तीनियों को निकालने की बात

ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया कि फिलिस्तीनियों को गाजा के 'नरक के गड्ढे' से निकाल दिया जाना चाहिए। ट्रंप ने कहा कि गाजा को एक ही लोगों के पुनर्निर्माण और कब्जे की प्रक्रिया से नहीं गुजरना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाजा की आबादी को इंसानी दिल रखने वाले देशों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए और दावा किया कि कई लोग हैं जो ऐसा करना चाहते हैं।

नेतन्याहू ने किया ट्रंप की योजना का समर्थन

ट्रंप के साथ उस वक्त बेंजामिन नेतन्याहू भी बैठे थे और खुश हो रहे थे। जब ट्रंप यह सब बोल रहे थे, तब नेतन्याहू मुस्कुरा रहे थे। बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्रंप की इस योजना का समर्थन किया और इसे पर खुशी जाहिर की। नेतन्याहू ने कहा कि हम चाहते हैं कि गाजा भविष्य में अब कभी भी इस्राइल के लिए खतरा न बने, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप इसे एक नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं। ट्रंप का विचार अलग है और इससे गाजा का भविष्य बदल जाएगा। इस विचार पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। नेतन्याहू ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इससे इतिहास बदल सकता है।

नई दिल्ली से कालकाजी और ओखला तक...दिल्ली की इन हॉट सीट पर टिकी सभी की नजरें

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आज वोट डाले जा रहे हैं। 1.56 करोड़ मतदाताओं की वोटिंग के बाद 699 उम्मीदवारों की सियासी किस्मत तय कर देंगे। आठ फरवरी को मतगणना के बाद तय हो जाएगा कि दिल्ली में अगले पांच कौन राज करेगा।दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है।

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दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सभी 70 सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी उतार रखे हैं। बीजेपी दिल्ली की 68 सीट पर चुनाव लड़ रही है और दो सीटों पर उसके सहयोगी दल किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें एक सीट पर जेडीयू और एक सीट पर चिराग पासवान की एलजेपी (आर) के उम्मीदवार मैदान में हैं। जेडीयू बुराड़ी सीट पर तो एलजेपी (आर) देवली सीट पर चुनाव लड़ रही है। बसपा दिल्ली की 70 सीटों में से 69 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बसपा ने बाबरपुर सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम दो सीटों पर चुनाव लड़ रही, जिसमें एक सीट मुस्तफाबाद और दूसरी ओखला सीट है। इसके अलावा अजित पवार की एनसीपी ने 30 सीटों पर चुनाव लड़ा है। सीपीआई ने 6 सीट, तो सीपीएम दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है। सीपीआई (माले) ने भी दिल्ली के दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से जिन सीटों पर दिल्लीवासियों की खास निगाहें हैं जिनमें पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर सीएम आतिशी और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीटें शामिल हैं। इसके अलावा उन सीटों पर भी चर्चा हो रही है जहां से असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली दंगों के दो आरोपियों को टिकट दिया है।

नई दिल्ली- जिन सीटों पर हर किसी की नजर रहेगी उनकी बात करें तो नई दिल्ली सीट इस सूची में सबसे ऊपर है। जहां 23 उम्मीदवार मैदान में हैं। नई दिल्ली विधानसभा सीट से 2008 में शीला दीक्षित निर्वाचित हुई थीं लेकिन 2013 से लगातार तीन बार आप संयोजक अरविंद केजरीवाल चुने जा रहे हैं। इस सीट पर सबसे ज्यादा चर्चा है क्योंकि यहां पूर्व सीएम केजरीवाल के मुकाबले बीजेपी के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित हैं। 2020 विधानसभा चुनाव में केजरीवाल के समर्थन में 46,758 वोट पड़े थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के सुनील कुमार यादव को 25,061 वोट हासिल हुए थे।

जंगपुरा- जंगपुरा सीट की चर्चा तब शुरू हुई जब पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को आप ने यहां से टिकट दिया। मनीष सिसोदिया पटपड़गंज से चुनाव लड़ते आए हैं लेकिन इस बार उनकी सीट बदल दी गई। तीन बार के विधायक सिसोदिया के मुकाबले जंगपुरा में 2008 में इस सीट पर कांग्रेस के तरविंदर सिंह मारवाह ने चुनाव जीता था। जबकि 2013 में आप के मनिंदर सिंह धीर, 2015 और 2020 में प्रवीण कुमार को जीत हासिल हुई थी। अब मारवाह बीजेपी में हैं। इस बार बीजेपी ने उन्हें यहां से टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस की ओर से फरहद सूरी मैदान में हैं।

कालकाजी- कालकाजी दिल्ली की हॉट सीटों में एक है। यहां से सीएम आतिशी विधायक हैं और इस बार की आप प्रत्याशी भी हैं। उनके मुकाबले बीजेपी ने अपने पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी तो कांग्रेस ने पूर्व विधायक अलका लांबा को टिकट दिया है। कालकाजी सीट पर 2008 का चुनाव कांग्रेस ने जीता था। 2013 में यह सीट अकाली दल को गई थी जिसके हरमीत सिंह कालका विजयी हुए थे। 2015 में आप ने अवतार सिंह को टिकट दिया जो पार्टी की उम्मीद पर खरे उतरे। पिछले चुनाव में आतिशी को प्रत्याशी बनाया गया था। वह करीब 11 हजार वोटों के अंतर से बीजेपी के धरमबीर से चुनाव जीत गई थीं।

ओखला- ओखला से आप के अमानतुल्लाह खान विधायक हैं। वह यहां से दो बार के विधायक हैं। इस पर चर्चा की बड़ी वजह यह है कि यहं से एआईएमआईएम ने दिल्ली दंगे के आरोपी शिफा उर रहमान खान को टिकट दिया है। बीजेपी ने मनीष चौधरी और कांग्रस ने अरीबा खान को प्रत्याशी बनाया है. अमानतुल्ला खान ने यह सीट 2020 में बडे़ मार्जिन से जीती थी। उन्हें 66 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे।

पटपड़गंज- पटपड़गंज की चर्चा मनीष सिसोदिया के इस सीट को छोड़ने और अवध ओझा को आप द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने पर हो रही है। बीते तीन चुनाव से सिसोदिया इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

बिजवासन- बिजवासन विधानसभा सीट पर भी रोचक मुकाबला हो रहा है। यहां से आम आदमी पार्टी के दो पुराने विधायक दूसरी पार्टियों के टिकट पर मैदान में हैं। चंद महीने पहले तक आतिशी सरकार में मंत्री रहे कैलाश गलहोत भाजपा के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के टिकट पर उतरे देवेंद्र सहरावत 2015 में बिजवासन सीट से आप के टिकट पर जीत दर्ज कर चुके हैं।

दिल्ली में वोटिंग जारी, बूथों पर लंबी कतार, जयशंकर, राहुल गांधी समेत कई दिग्गजों ने डाला वोट

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दिल्ली विधासभा चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। दिल्ली की सभी 70 सीटों पर वोटिंग हो रही है। 699 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में आज कैद हो जाएगी।सबसे कम उम्मीदवार पटेल नगर और कस्तूरबा नगर में पांच-पांच हैं, जबकि नई दिल्ली सीट पर 23 उम्मीदवार हैं।लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आज दिल्ली विधासभा चुनाव के लिए मतदान किया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपना वोट डालने के लिए निर्माण भवन स्थित मतदान केंद्र पहुंचे थे।

पीएम मोदी की खास अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के वोटरों से खास अपील की है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘दिल्ली विधानसभा चुनाव में आज सभी सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। यहां के मतदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे लोकतंत्र के इस उत्सव में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लें और अपना कीमती वोट जरूर डालें। इस अवसर पर पहली बार वोट देने जा रहे सभी युवा साथियों को मेरी विशेष शुभकामनाएं। याद रखना है- पहले मतदान, फिर जलपान।

जनता बदलाव के मूड में है- जयशंकर

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और उनकी पत्नी क्योको जयशंकर ने एनडीएमसी स्कूल ऑफ साइंस एंड ह्यूमैनिटीज, तुगलक क्रिसेंट में स्थापित मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। विदेश मंत्री ने कहा, मैं शुरुआती दौर में मतदान करने वालों में से एक रहा हूं। मुझे लगता है कि जनता बदलाव के मूड में है।

भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने वोट डाला

भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वोट डालने पहुंची बांसुरी ने कहा, आज दिल्ली में लोकतंत्र का उत्सव है और मैं राष्ट्रीय राजधानी के मतदाताओं से अपील करती हूं कि वे बड़ी संख्या में बाहर आएं और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करें ताकि दिल्ली विकसित राष्ट्र की विकसित राजधानी बन सके। आप देखेंगे, 8 फरवरी को कमल ही खिलेगा।

मनीष सिसोदिया ने किया मतदान

आप नेता और जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक उम्मीदवार मनीष सिसोदिया ने नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के लेडी इरविन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बने मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। उनकी पत्नी सीमा सिसोदिया भी यहीं मतदान किया। इस मौके पर मनीष सिसोदिया ने कहा, आज मैं अपने परिवार के साथ दिल्ली के लोगों के बेहतर जीवन के लिए वोट देने आया हूं। मैं दिल्ली के लोगों से अपील करूंगा कि वे अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए, अपने परिवारों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, दिल्ली में बिजली और पानी के लिए वोट करें। ऐसी सरकार चुनें जो सबके लिए काम करे, ऐसी सरकार नहीं जो इधर-उधर की बातें और गुंडागर्दी करे।

पीएम मोदी का राहुल पर कटाक्ष, विदेश नीति पर दी ये किताब पढ़ने की सलाह

#pm_modi_foreign_policy_advises_to_read_the_book_jfk_s_forgotten_crisi

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में आज विदेश नीति पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से उठाए गए सवाल का जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने इशारों ही इशारों में बिना किसी का नाम लेते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष किया। इस दौरान पीएम मोदी ने फॉरेन पॉलिसी में रूचि रखने वालों को अपनी समझ और विकसित करने के लिए एक खास किताब पढ़ने की सलाह दी।

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण के समय यहां विदेश नीति की भी चर्चा हुई। कुछ लोगों को लगता है कि वो विदेश नीति पर नहीं बोलते तबतक वो मेच्योर नहीं लगते इसलिए उनको लगता है कि विदेश नीति तो बोलना चाहिए फिर भले ही देश का का नुकसान हो जाए। मैं ऐसे लोगों को जरा कहना चाहता हूं अगर उन्हें सच में विदेश नीति में रूचि है और विदेश नीति को समझना है और आगे जाकर कुछ करना भी है, ये मैं शशि जी के लिए नहीं कह रहा हूं, मैं ऐसे लोगों को कहूंगा कि एक किताब जरूर पढ़ें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस किताब को पढ़न के बाद उन्हें कहां क्या बोलना है समझ हो जाएगी। JFK Forgotten Crisis ये जेएफ कैनेडी पर किताब है। ये किताब एक प्रसिद्ध विदेश नीति के विद्वान ने लिखी है। उसमें अहम घटनाओं का जिक्र है। इस किताब में भारत के पहले पीएम और वो विदेश नीति का भी नेतृत्व करते थे। इस किताब में पंडित नेहरू और कैनेडी के बीच हुई चर्चाओं और निर्णय का जिक्र है। जब देश ढेर सारी चुनौतियों का समाना कर रहा था तब ये विदेश नीति के नाम पर क्या खेल हो रहा था उस किताब के माध्यम से सामने आ रहा है।

पीएम मोदी का कार्टून कटाक्षः इशारों-इशारों में राजीव गांधी पर तंज

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संसद के बजट सत्र के चौथे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने सरकार की नीतियों का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने पूर्व की सरकारों की भी बात की। पीएम मोदी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी जोरदार कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम लिए बगैर उनके कार्यकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एक प्रधानमंत्री बार-बार 21वीं सदी बोलते थे, ये उनका तकिया कलाम बन गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया में आरके लक्ष्ममण ने बड़ा शानदार कार्टून बनाया था। उसमें एक हवाई जहाज है, एक पायलट है। पायलट उन्होंने पसंद किया, हवाई जहाज पर कुछ पैसंजर्स थे और हवाई जहाज ठेले पर था और जहाज पर 21वीं सदी लिखा था।

पीएम मोदी ने कहा कि उस वक्त ये मजाक लग रहा था, लेकिन आगे चलकर वो सच सिद्ध हो गया। ये कटाक्ष था कि जमीनी सच्चाई से तब के पीएम कितने कटे हुए थे और हवाई बातों में लगे हुए थे, इसका वह जीती जागता प्रदर्शन करने वाला कार्टून था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तब उन्होंने 21वीं सदी की बात की थी, लेकिन वह 20वीं सदी की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाए थे।

मोदी ने कहा, वह कार्टून इस बात का उदाहरण था कि उस प्रधानमंत्री की बातें हवा हवाई थीं और वास्तविकता से कटी हुई थीं। हम लगभग 40-50 साल पीछे हैं। जो काम 40-50 साल पहले हो जाने चाहिए थे, वे अब हुए हैं। इसलिए जब जनता ने हमें काम करने का मौका दिया तो हमने युवाओं के विकास और राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया। हमने युवाओं की आकांक्षाओं पर बल दिया, उनके लिए ज्यादा अवसर बनाए। हमने कई क्षेत्रों को खोल दिया, जिसकी वजह से युवा अपनी सामर्थ्य का परचम लहरा रहे हैं। हमने स्पेस सेक्टर को खोल दिया, डिफेंस सेक्टर को खोला, इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए अनेक नई योजनाओं को आकार दिया। स्टार्टअप इंडिया डेवलप किया।