नाथन एंडरसन ने हिंडनबर्ग रिसर्च को क्यों बंद किया? संस्थापक ने अदानी समूह के बारे में खुलकर बात की

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अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन ने पहली बार इस बारे में खुलकर बात की कि उनकी फर्म ने गौतम अदानी के अदानी समूह की जांच क्यों चुनी। समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में, नाथन एंडरसन ने कहा कि हिंडनबर्ग की जनवरी 2023 की रिपोर्ट, जिसमें अदानी समूह पर "कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ी धोखाधड़ी" का आरोप लगाया गया था, मीडिया रिपोर्टों में समूह के खिलाफ उठाए गए "लाल झंडों" के बाद आगे बढ़ाई गई थी।

उन्होंने अदानी समूह को क्यों चुना गया, इस बारे में पीटीआई से कहा, "हमने शुरू में लाल झंडों को रेखांकित करने वाले मीडिया लेख देखे, बारीकी से देखा और सबूतों का पालन करते रहे।" यह पूछे जाने पर कि क्या वह हिंडनबर्ग की रिपोर्टों, विशेष रूप से अदानी समूह के खिलाफ़, के साथ खड़े हैं, एंडरसन ने कहा, "हम अपने सभी शोध निष्कर्षों के साथ 100 प्रतिशत खड़े हैं।" उन्होंने कुछ लोगों द्वारा हिंडनबर्ग को OCCRP और जॉर्ज सोरोस जैसे कथित भारत विरोधी समूहों से जोड़ने के प्रयासों को "मूर्खतापूर्ण षड्यंत्र" करार दिया, और कहा कि उनके आउटलेट ने कभी भी उन पर टिप्पणी नहीं की क्योंकि यह "मूर्खतापूर्ण षड्यंत्र सिद्धांतों" को बढ़ावा न देने की नीति का पालन करता है।

अडानी समूह और उसके प्रभाव पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट क्या थी?

2023 में प्रकाशित एक विवादास्पद रिपोर्ट में, हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि अडानी समूह ने अपने राजस्व को बढ़ाने और शेयर की कीमतों में हेरफेर करने के लिए कर पनाहगाहों में कंपनियों के एक जाल का इस्तेमाल किया था, जबकि कर्ज बढ़ता जा रहा था। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, रिपोर्ट के समय गौतम अडानी दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति थे।

समूह ने सभी दावों का जोरदार खंडन किया, लेकिन एक समय पर इस निंदनीय रिपोर्ट ने इसके मूल्य से 150 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक की कटौती की, जिसका नुकसान अंततः एक वर्ष से अधिक समय में पूरा हो गया। यह, क्योंकि इसने कर्ज में कटौती की, शेयर गिरवी रखे और नए निवेशकों को आकर्षित किया।

हिंडेनबर्ग के बंद होने पर एंडरसन

एंडरसन की यह टिप्पणी उनके द्वारा अपनी फोरेंसिक रिसर्च फर्म को बंद करने की घोषणा के कुछ सप्ताह बाद आई है, जिसे उन्होंने लगभग आठ साल पहले स्थापित किया था। जब वे पीछे हट सकते थे और कंपनी की बागडोर किसी और को सौंप सकते थे, तो उन्होंने हिंडेनबर्ग को बंद करने का फैसला क्यों किया, इस पर उन्होंने कहा कि "मुझे ब्रांड से अलग करने का कोई तरीका नहीं है"।

उन्होंने कहा कि हिंडेनबर्ग मूल रूप से मेरा पर्याय है। "अगर यह एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन या साइकिल फैक्ट्री होती, तो आप एप्लीकेशन या फैक्ट्री को बेच सकते थे। लेकिन जब यह मेरे द्वारा संचालित रिसर्च होती है, तो आप वास्तव में इसे किसी और को नहीं सौंप सकते, और इसलिए मैं वास्तव में 'खत्म' नहीं होता। लेकिन अगर वे एक नया ब्रांड लॉन्च करना चाहते हैं, तो मैं टीम का समर्थन करने में खुश हूं, जिसकी मुझे उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगे," एंडरसन ने पीटीआई को बताया।

हिंडेनबर्ग ने पहले कहा था कि कंपनियों को लक्षित करने वाली रिपोर्ट तैयार करने के लिए अपने संस्थापक को हेज फंड से जोड़ने वाली गुमनाम रिपोर्टों पर अमेरिकी एसईसी द्वारा इसकी जांच नहीं की जा रही है।

अमेरिका ने 205 भारतीयों को वापस भेजा, सी-17 सैन्य विमान से आज पहुंचेगा अमृतसर

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अमेरिका में ट्रंप सरकार ने अवैध अप्रवासियों को डिपोर्ट करना तेज कर दिया है। इसी क्रम में भारतीय अवैध अप्रवासियों को भी डिपोर्ट किया जा रहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक सोमवार को यूएस एयरफोर्स का C-17 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट अवैध अप्रवासियों को लेकर भारत के लिए उड़ान भर चुका है। ये फ्लाइट अमृतसर एयरपोर्ट लैंड करेगी। इसके पहले एयरपोर्ट पर हलचल बढ़ गई है। प्रशासन की तरफ से अवैध प्रवासियों को लेकर तैयारी की गई है।

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इस एयरक्राफ्ट में 205 लोग सवार हैं। इन सभी की पहचान कर ली गई है। इस पूरी प्रकिया में भारत भी शामिल रहा। बताया जा रहा है कि अमेरिकी वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान टेक्सास से भारत की तरफ रवाना हुआ है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक निर्वासित भारतीयों के एक समूह को लेकर विमान ने टेक्सास के पास स्थित एक एयरबेस से उड़ान भरी है।

पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बताया कि अमेरिका से भेजे गए अवैध प्रवासियों को राज्य सरकार के लोग रिसीव करेंगे। पहचान और अन्य कागजी कार्रवाई के लिए हवाई अड्डे पर काउंटर बनाए गए हैं। अमृतसर प्रशासन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी विमान से आने वाले सभी लोगों के दस्तावेजों की अमृतसर एयरपोर्ट पर जांच की जाएगी। इमीग्रेशन आदि के अलावा इन लोगों की पूरी पृष्ठभूमि, खासकर उनका आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। यदि कोई आपराधिक रिकॉर्ड पाया जाता है तो उन्हें एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया जाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संकल्प और नीतियों का असर दिखना शुरू हो गया है। बीते 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकाले जाने संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इस पर अमल करते हुए अमेरिकी प्रशासन ने सी-17 सैन्य विमान से 205 भारतीय लोगों के एक समूह को अमेरिका से वापस भेज दिया है। भारतीयों को अमेरिका से निकाले जाने की यह ताजा खबर ट्रंप प्रशासन की सख्ती दिखाता है। बता दें कि बीते दो हफ्ते की अवधि में भारत के अलावा भी कई देशों के अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निर्वासित किया जा चुका है।

गाजा पर कब्जा करेगा अमेरिका, नेतन्याहू से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति ट्रंप का ऐलान, जानें क्या है प्लान?

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर बड़ा बयान देकर खलबली मचा दी है।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पट्टी को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका गाजा पट्टी पर अपना नियंत्रण करेगा। मंगलवार को नेतन्याहू के साथ बातचीत के बाद वॉइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने ये बड़ा बयान दिया है।

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डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि हम गाजा का मालिकाना लेना चाहते हैं, इसके बाद गाजा में मौजूद खतरनाक बमों और अन्य हथियारों को नष्ट करने की जिम्मेदारी हमारी होगी। अमेरिका ध्वस्त या जर्जर हो चुकी इमारतों का पुनर्निर्माण कराएगा और गाजा का आर्थिक विकास करेगा। इससे गाजा में रोजगार और लोगों को घर मिलेंगे।

गाजा को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र बनाने का प्लान

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा एक 'अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र' होगा। ट्रंप ने आगे बताया कि अमेरिका द्वारा पुनर्निर्माण पूरा करने के बाद दुनिया भर के लोग गाजा में रहेंगे। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी उनमें से हो सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह गाजा में सुरक्षा शून्य को भरने के लिए अमेरिकी सैनिकों को भेजने के लिए तैयार हैं, ट्रंप ने इससे इनकार नहीं किया।

सेना उतारने को तैयार ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा के पुनर्निर्माण में अगर अमेरिकी सेना की जरूरत पड़ी तो वे सेना को भी गाजा में तैनात करने पर विचार कर सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि अगर यह जरूरी हुआ तो हम ऐसा करेंगे।

फिलिस्तीनियों को निकालने की बात

ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया कि फिलिस्तीनियों को गाजा के 'नरक के गड्ढे' से निकाल दिया जाना चाहिए। ट्रंप ने कहा कि गाजा को एक ही लोगों के पुनर्निर्माण और कब्जे की प्रक्रिया से नहीं गुजरना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाजा की आबादी को इंसानी दिल रखने वाले देशों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए और दावा किया कि कई लोग हैं जो ऐसा करना चाहते हैं।

नेतन्याहू ने किया ट्रंप की योजना का समर्थन

ट्रंप के साथ उस वक्त बेंजामिन नेतन्याहू भी बैठे थे और खुश हो रहे थे। जब ट्रंप यह सब बोल रहे थे, तब नेतन्याहू मुस्कुरा रहे थे। बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्रंप की इस योजना का समर्थन किया और इसे पर खुशी जाहिर की। नेतन्याहू ने कहा कि हम चाहते हैं कि गाजा भविष्य में अब कभी भी इस्राइल के लिए खतरा न बने, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप इसे एक नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं। ट्रंप का विचार अलग है और इससे गाजा का भविष्य बदल जाएगा। इस विचार पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। नेतन्याहू ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इससे इतिहास बदल सकता है।

नई दिल्ली से कालकाजी और ओखला तक...दिल्ली की इन हॉट सीट पर टिकी सभी की नजरें

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आज वोट डाले जा रहे हैं। 1.56 करोड़ मतदाताओं की वोटिंग के बाद 699 उम्मीदवारों की सियासी किस्मत तय कर देंगे। आठ फरवरी को मतगणना के बाद तय हो जाएगा कि दिल्ली में अगले पांच कौन राज करेगा।दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है।

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दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सभी 70 सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी उतार रखे हैं। बीजेपी दिल्ली की 68 सीट पर चुनाव लड़ रही है और दो सीटों पर उसके सहयोगी दल किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें एक सीट पर जेडीयू और एक सीट पर चिराग पासवान की एलजेपी (आर) के उम्मीदवार मैदान में हैं। जेडीयू बुराड़ी सीट पर तो एलजेपी (आर) देवली सीट पर चुनाव लड़ रही है। बसपा दिल्ली की 70 सीटों में से 69 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बसपा ने बाबरपुर सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम दो सीटों पर चुनाव लड़ रही, जिसमें एक सीट मुस्तफाबाद और दूसरी ओखला सीट है। इसके अलावा अजित पवार की एनसीपी ने 30 सीटों पर चुनाव लड़ा है। सीपीआई ने 6 सीट, तो सीपीएम दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है। सीपीआई (माले) ने भी दिल्ली के दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से जिन सीटों पर दिल्लीवासियों की खास निगाहें हैं जिनमें पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर सीएम आतिशी और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीटें शामिल हैं। इसके अलावा उन सीटों पर भी चर्चा हो रही है जहां से असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली दंगों के दो आरोपियों को टिकट दिया है।

नई दिल्ली- जिन सीटों पर हर किसी की नजर रहेगी उनकी बात करें तो नई दिल्ली सीट इस सूची में सबसे ऊपर है। जहां 23 उम्मीदवार मैदान में हैं। नई दिल्ली विधानसभा सीट से 2008 में शीला दीक्षित निर्वाचित हुई थीं लेकिन 2013 से लगातार तीन बार आप संयोजक अरविंद केजरीवाल चुने जा रहे हैं। इस सीट पर सबसे ज्यादा चर्चा है क्योंकि यहां पूर्व सीएम केजरीवाल के मुकाबले बीजेपी के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित हैं। 2020 विधानसभा चुनाव में केजरीवाल के समर्थन में 46,758 वोट पड़े थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के सुनील कुमार यादव को 25,061 वोट हासिल हुए थे।

जंगपुरा- जंगपुरा सीट की चर्चा तब शुरू हुई जब पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को आप ने यहां से टिकट दिया। मनीष सिसोदिया पटपड़गंज से चुनाव लड़ते आए हैं लेकिन इस बार उनकी सीट बदल दी गई। तीन बार के विधायक सिसोदिया के मुकाबले जंगपुरा में 2008 में इस सीट पर कांग्रेस के तरविंदर सिंह मारवाह ने चुनाव जीता था। जबकि 2013 में आप के मनिंदर सिंह धीर, 2015 और 2020 में प्रवीण कुमार को जीत हासिल हुई थी। अब मारवाह बीजेपी में हैं। इस बार बीजेपी ने उन्हें यहां से टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस की ओर से फरहद सूरी मैदान में हैं।

कालकाजी- कालकाजी दिल्ली की हॉट सीटों में एक है। यहां से सीएम आतिशी विधायक हैं और इस बार की आप प्रत्याशी भी हैं। उनके मुकाबले बीजेपी ने अपने पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी तो कांग्रेस ने पूर्व विधायक अलका लांबा को टिकट दिया है। कालकाजी सीट पर 2008 का चुनाव कांग्रेस ने जीता था। 2013 में यह सीट अकाली दल को गई थी जिसके हरमीत सिंह कालका विजयी हुए थे। 2015 में आप ने अवतार सिंह को टिकट दिया जो पार्टी की उम्मीद पर खरे उतरे। पिछले चुनाव में आतिशी को प्रत्याशी बनाया गया था। वह करीब 11 हजार वोटों के अंतर से बीजेपी के धरमबीर से चुनाव जीत गई थीं।

ओखला- ओखला से आप के अमानतुल्लाह खान विधायक हैं। वह यहां से दो बार के विधायक हैं। इस पर चर्चा की बड़ी वजह यह है कि यहं से एआईएमआईएम ने दिल्ली दंगे के आरोपी शिफा उर रहमान खान को टिकट दिया है। बीजेपी ने मनीष चौधरी और कांग्रस ने अरीबा खान को प्रत्याशी बनाया है. अमानतुल्ला खान ने यह सीट 2020 में बडे़ मार्जिन से जीती थी। उन्हें 66 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे।

पटपड़गंज- पटपड़गंज की चर्चा मनीष सिसोदिया के इस सीट को छोड़ने और अवध ओझा को आप द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने पर हो रही है। बीते तीन चुनाव से सिसोदिया इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

बिजवासन- बिजवासन विधानसभा सीट पर भी रोचक मुकाबला हो रहा है। यहां से आम आदमी पार्टी के दो पुराने विधायक दूसरी पार्टियों के टिकट पर मैदान में हैं। चंद महीने पहले तक आतिशी सरकार में मंत्री रहे कैलाश गलहोत भाजपा के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के टिकट पर उतरे देवेंद्र सहरावत 2015 में बिजवासन सीट से आप के टिकट पर जीत दर्ज कर चुके हैं।

दिल्ली में वोटिंग जारी, बूथों पर लंबी कतार, जयशंकर, राहुल गांधी समेत कई दिग्गजों ने डाला वोट

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दिल्ली विधासभा चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। दिल्ली की सभी 70 सीटों पर वोटिंग हो रही है। 699 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में आज कैद हो जाएगी।सबसे कम उम्मीदवार पटेल नगर और कस्तूरबा नगर में पांच-पांच हैं, जबकि नई दिल्ली सीट पर 23 उम्मीदवार हैं।लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आज दिल्ली विधासभा चुनाव के लिए मतदान किया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपना वोट डालने के लिए निर्माण भवन स्थित मतदान केंद्र पहुंचे थे।

पीएम मोदी की खास अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के वोटरों से खास अपील की है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘दिल्ली विधानसभा चुनाव में आज सभी सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। यहां के मतदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे लोकतंत्र के इस उत्सव में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लें और अपना कीमती वोट जरूर डालें। इस अवसर पर पहली बार वोट देने जा रहे सभी युवा साथियों को मेरी विशेष शुभकामनाएं। याद रखना है- पहले मतदान, फिर जलपान।

जनता बदलाव के मूड में है- जयशंकर

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और उनकी पत्नी क्योको जयशंकर ने एनडीएमसी स्कूल ऑफ साइंस एंड ह्यूमैनिटीज, तुगलक क्रिसेंट में स्थापित मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। विदेश मंत्री ने कहा, मैं शुरुआती दौर में मतदान करने वालों में से एक रहा हूं। मुझे लगता है कि जनता बदलाव के मूड में है।

भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने वोट डाला

भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वोट डालने पहुंची बांसुरी ने कहा, आज दिल्ली में लोकतंत्र का उत्सव है और मैं राष्ट्रीय राजधानी के मतदाताओं से अपील करती हूं कि वे बड़ी संख्या में बाहर आएं और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करें ताकि दिल्ली विकसित राष्ट्र की विकसित राजधानी बन सके। आप देखेंगे, 8 फरवरी को कमल ही खिलेगा।

मनीष सिसोदिया ने किया मतदान

आप नेता और जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक उम्मीदवार मनीष सिसोदिया ने नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के लेडी इरविन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बने मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। उनकी पत्नी सीमा सिसोदिया भी यहीं मतदान किया। इस मौके पर मनीष सिसोदिया ने कहा, आज मैं अपने परिवार के साथ दिल्ली के लोगों के बेहतर जीवन के लिए वोट देने आया हूं। मैं दिल्ली के लोगों से अपील करूंगा कि वे अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए, अपने परिवारों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, दिल्ली में बिजली और पानी के लिए वोट करें। ऐसी सरकार चुनें जो सबके लिए काम करे, ऐसी सरकार नहीं जो इधर-उधर की बातें और गुंडागर्दी करे।

पीएम मोदी का राहुल पर कटाक्ष, विदेश नीति पर दी ये किताब पढ़ने की सलाह

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में आज विदेश नीति पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से उठाए गए सवाल का जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने इशारों ही इशारों में बिना किसी का नाम लेते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष किया। इस दौरान पीएम मोदी ने फॉरेन पॉलिसी में रूचि रखने वालों को अपनी समझ और विकसित करने के लिए एक खास किताब पढ़ने की सलाह दी।

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण के समय यहां विदेश नीति की भी चर्चा हुई। कुछ लोगों को लगता है कि वो विदेश नीति पर नहीं बोलते तबतक वो मेच्योर नहीं लगते इसलिए उनको लगता है कि विदेश नीति तो बोलना चाहिए फिर भले ही देश का का नुकसान हो जाए। मैं ऐसे लोगों को जरा कहना चाहता हूं अगर उन्हें सच में विदेश नीति में रूचि है और विदेश नीति को समझना है और आगे जाकर कुछ करना भी है, ये मैं शशि जी के लिए नहीं कह रहा हूं, मैं ऐसे लोगों को कहूंगा कि एक किताब जरूर पढ़ें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस किताब को पढ़न के बाद उन्हें कहां क्या बोलना है समझ हो जाएगी। JFK Forgotten Crisis ये जेएफ कैनेडी पर किताब है। ये किताब एक प्रसिद्ध विदेश नीति के विद्वान ने लिखी है। उसमें अहम घटनाओं का जिक्र है। इस किताब में भारत के पहले पीएम और वो विदेश नीति का भी नेतृत्व करते थे। इस किताब में पंडित नेहरू और कैनेडी के बीच हुई चर्चाओं और निर्णय का जिक्र है। जब देश ढेर सारी चुनौतियों का समाना कर रहा था तब ये विदेश नीति के नाम पर क्या खेल हो रहा था उस किताब के माध्यम से सामने आ रहा है।

पीएम मोदी का कार्टून कटाक्षः इशारों-इशारों में राजीव गांधी पर तंज

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संसद के बजट सत्र के चौथे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने सरकार की नीतियों का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने पूर्व की सरकारों की भी बात की। पीएम मोदी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी जोरदार कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम लिए बगैर उनके कार्यकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एक प्रधानमंत्री बार-बार 21वीं सदी बोलते थे, ये उनका तकिया कलाम बन गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया में आरके लक्ष्ममण ने बड़ा शानदार कार्टून बनाया था। उसमें एक हवाई जहाज है, एक पायलट है। पायलट उन्होंने पसंद किया, हवाई जहाज पर कुछ पैसंजर्स थे और हवाई जहाज ठेले पर था और जहाज पर 21वीं सदी लिखा था।

पीएम मोदी ने कहा कि उस वक्त ये मजाक लग रहा था, लेकिन आगे चलकर वो सच सिद्ध हो गया। ये कटाक्ष था कि जमीनी सच्चाई से तब के पीएम कितने कटे हुए थे और हवाई बातों में लगे हुए थे, इसका वह जीती जागता प्रदर्शन करने वाला कार्टून था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तब उन्होंने 21वीं सदी की बात की थी, लेकिन वह 20वीं सदी की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाए थे।

मोदी ने कहा, वह कार्टून इस बात का उदाहरण था कि उस प्रधानमंत्री की बातें हवा हवाई थीं और वास्तविकता से कटी हुई थीं। हम लगभग 40-50 साल पीछे हैं। जो काम 40-50 साल पहले हो जाने चाहिए थे, वे अब हुए हैं। इसलिए जब जनता ने हमें काम करने का मौका दिया तो हमने युवाओं के विकास और राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया। हमने युवाओं की आकांक्षाओं पर बल दिया, उनके लिए ज्यादा अवसर बनाए। हमने कई क्षेत्रों को खोल दिया, जिसकी वजह से युवा अपनी सामर्थ्य का परचम लहरा रहे हैं। हमने स्पेस सेक्टर को खोल दिया, डिफेंस सेक्टर को खोला, इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए अनेक नई योजनाओं को आकार दिया। स्टार्टअप इंडिया डेवलप किया।

जब बुखार चढ़ता है तो लोग ज़्यादा बोलने लगते हैं”, पीएम मोदी ने ऐसा क्यों कहा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा पर जवाब दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, पांच दशकों तक हमने गरीबी हटाओ का नारा सुना और अब हमने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और दावा किया कि उनकी सरकार ने 40 लाख करोड़ रुपये सीधे लोगों के खाते में पहुंचाया है।

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इन्फ्रास्ट्रक्चर का बजट 1.80 लाख करोड़ था। आज 11 लाख करोड़ रुपया बजट है। सरकारी खजाने में बचत हुई वो तो एक बात है, हमने इस बात पर भी ध्यान रखा कि जन सामान्य को भी बचत का लाभ मिलना चाहिए। आपने देखा होगा कि आयुष्मान भारत योजना, बीमारी के कारण आम आदमी को होने वाला खर्च करीब देश में एक लाख 20 हजार करोड़ रुपए जनता के बचे हैं। जनऔषधि केंद्र में 80 फीसदी डिसकाउंट होता है। जनता के 30 हजार करोड़ रुपए बचे हैं।

पीएम मोजदी ने कहा कि यूनिसेफ का भी अनुमान है कि जिसके घर में शौचालय बना, उस परिवार को करीब करीब 70 हजार की बचत हुई है। पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान बताया कि, डब्ल्यूएचओ का कहना है कि नल से शुद्ध जल मिलने के कारण उन परिवारों में औसतन 40 हजार प्रति परिवार बचा है। ऐसी अनेक योजनाएं हैं जिन्होंने सामान्य आदमी के खर्च में बचत की है, करोड़ों देशवासियों को मुफ्त अनाज से भी परिवार के हजारों रुपये बचते हैं।

इस दौरान विपक्ष की तरफ से उन्हें टोकने की कोशिश गई। विपक्ष की तरफ से हो रहे शोर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी नाराज़ नज़र आए और विपक्षी सांसदों को रोकने की कोशिश करते हुए दिखे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जब लोगों को बुखार चढ़ जाता है तो वो ज़्यादा बोलते हैं। लोग हताशा और निराशा में भी ज़्यादा बोलते हैं।

गुजरात में समान नागरिक संहिता: समानता की ओर एक बड़ा कदम या सांस्कृतिक चुनौती?

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गुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए एक समिति का गठन किया है। इस समिति का उद्देश्य राज्य में यूसीसी की आवश्यकता का आकलन करना और विधेयक का मसौदा तैयार करना है। समिति का नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना देसाई करेंगी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया है।

यूसीसी क्या है?

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का उद्देश्य भारत में सभी नागरिकों के लिए एक समान व्यक्तिगत कानून स्थापित करना है, जो धर्म, लिंग या यौन अभिविन्यास के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा। यह विवाह, तलाक, संपत्ति अधिकार, और उत्तराधिकार जैसे मुद्दों पर समान कानूनी ढांचा प्रदान करेगा।

समिति का गठन

गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति बनाई है। इस समिति में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, अधिवक्ता, शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हैं। समिति को 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। इसके बाद, सरकार यूसीसी के कार्यान्वयन पर निर्णय लेगी।

यूसीसी की आवश्यकता

यूसीसी का उद्देश्य समाज में समानता लाना और नागरिकों को समान कानूनी अधिकार देना है। विभिन्न धर्मों और समुदायों के लिए अलग-अलग व्यक्तिगत कानूनों के कारण असमानताएँ उत्पन्न होती हैं। यूसीसी इन भेदभावों को समाप्त करके एक समान कानूनी ढांचा स्थापित करेगा।

यूसीसी के लाभ

1.समानता: यूसीसी से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलेंगे, जिससे जाति, धर्म या लिंग के आधार पर भेदभाव समाप्त होगा।

2. साधारण प्रक्रिया: यूसीसी से कानूनी प्रक्रिया में सरलता आएगी, जिससे न्याय की उपलब्धता तेज होगी।

3. सामाजिक एकता: यह विभिन्न समुदायों को एक समान कानूनी ढांचे में लाकर सामाजिक एकता को बढ़ावा देगा।

यूसीसी के विरोधी विचार

1. धार्मिक स्वतंत्रता: यूसीसी के विरोधी इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर आक्रमण मानते हैं, क्योंकि यह विभिन्न धर्मों की परंपराओं को प्रभावित कर सकता है।

2. सांस्कृतिक विविधता: कुछ लोगों का कहना है कि हर समुदाय की अपनी विशेषताएँ और परंपराएँ हैं, जिनकी रक्षा के लिए अलग-अलग कानूनों की आवश्यकता है।

अन्य राज्यों का यूसीसी पर रुख

1. उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार ने देश का पहला राज्य बनते हुए यूसीसी को लागू किया। यह एक आदर्श मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।

2. गोवा: गोवा में 1961 से औपनिवेशिक युग का यूसीसी लागू है, जो केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लागू था।

3. झारखंड और आदिवासी समुदाय: केंद्र सरकार और राज्य सरकारें आदिवासी समुदायों की परंपराओं को संरक्षित करने का आश्वासन देती रही हैं।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है। उनका कहना है कि यूसीसी लागू करने से महंगाई और बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस ने यह भी मांग की है कि समिति में मुस्लिम समुदाय के धार्मिक नेताओं को भी शामिल किया जाए।

गुजरात सरकार का यूसीसी के लिए समिति का गठन एक बड़ा कदम है, जो देश में समानता और न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। हालांकि, इसका प्रभाव समाज पर कैसे पड़ेगा, यह एक बड़ा सवाल है। यूसीसी के समर्थक इसे सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में महत्वपूर्ण मानते हैं, जबकि इसके विरोधी इसे धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता पर हमला मानते हैं। आगामी रिपोर्ट और सरकार का निर्णय इस दिशा में बहुत महत्वपूर्ण होंगे।

घरों में जकूजी, झोपड़ियों में फोटो सेशन', लोकसभा में पीएम मोदी का राहुल-केजरीवाल पर हमला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी पर जोरदार हमला किया। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब देते हुए पीएम मोदी ने स्टाइलिश बाथरूम, शीशमहल समेत कई मुद्दों का जिक्र किया। इसके साथ ही गरीबी उन्मूलन पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया।

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हमने पैसों का इस्तेमाल शीशमहल बनाने में नहीं किया-पीएम मोदी

पीएम ने इशारों ही इशारों में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश में घोटाले न होने से भी देश के लाखों करोड़ रुपए बचे हैं जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, पहले अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी- इतने लाख के घोटाले..10 साल हो गए, घोटाले न होने से देश के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं, जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। हमने जो अलग-अलग कदम उठाए, उनसे लाखों-करोड़ रुपये की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का उपयोग हमने 'शीशमहल' बनाने के लिए नहीं किया, उन पैसों का उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया है। पीएम मोदी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा - कुछ लोगों का फोकस आलीशान घरों में जकूजी और शॉवर पर है। पीएम ने कहा कि कुछ नेताओं का फोकस अपने घर के स्टाइलिश बाथरूम पर है। हमारा फोकस तो हर घर नल से जल पहुंचाने पर है। 12 करोड़ लोगों को नल से जल दिया, हमारा फोकस गरीबों के घर बनाने पर है

कुछ लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, कुछ विपक्षी नेताओं ने असली गरीबी नहीं देखी है, इसलिए संसद में गरीबों की बात उन्हें बोरिंग लगती है, जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं, उन्हें गरीबी की समस्या का हल नहीं चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे, जिन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो गांव तक सिर्फ 15 पैसा ही पहुंचता है। उस समय, पंचायत से पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था। देश ने हमें अवसर दिया, हमने समाधान खोजने का प्रयास किया। हमारा मॉडल है- बचत भी विकास भी, जनता का पैसा, जनता के लिए।