गणतंत्र दिवस पर बच्चों को सिखाएं तिरंगे का महत्व
गणतंत्र दिवस केवल एक राष्ट्रीय पर्व नहीं, बल्कि यह दिन हमें अपने संविधान और राष्ट्रीय प्रतीकों के महत्व की याद दिलाता है। इस खास मौके पर बच्चों को हमारे तिरंगे से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताना बेहद जरूरी है। तिरंगे के रंग, अशोक चक्र और इसे फहराने के नियमों को जानकर बच्चे न केवल देश के प्रति सम्मान महसूस करेंगे, बल्कि उनमें देशभक्ति की भावना भी प्रबल होगी। आइए, इस गणतंत्र दिवस पर बच्चों को तिरंगे का महत्व सिखाकर उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करें।
1. खादी के कपड़े से बनता था तिरंगा
बच्चों को बताएं कि भारतीय झंडे का नाम तिरंगा है। जिसे इंग्लिश में ट्राई कलर भी कहते हैं। आज भले ही तिरंगा प्लास्टिक या पॉलिस्टर के कपड़े पर बनता है, लेकिन पहले राष्ट्रीय ध्वज को बनाने में हाथ से कटे गए सूत और हाथ से बने खादी के कपड़ों का ही इस्तेमाल होता था।
2. 2002 में मिली घरों में झंडा फहराने की इजाजत
पहले के समय में लोग घरों में झंडा नहीं लहरा सकते थे। लेकिन 22 दिसंबर 2002 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को घरों में झंडा फहराने की अनुमति दी गई थी।
3.झंडे पर लिखना गैरकानूनी
भारतीय झंडे तिरंगे पर कुछ भी लिखना या बनाना गैरकानूनी है। बच्चे से लेकर बूढों तक को इसका सम्मान करना जरूरी है। भारतीय तिरंगे का अनादर करने पर सजा भी हो सकती है। यहां तक की कोई व्यक्ति फ्लैग कोड ऑफ इंडिया में बताए गए नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे तीन साल की कैद और जुर्माना भी लग सकता है।
4. 24 घंटों को दर्शाती है चक्र में 24 तिलियां
राष्ट्रीय ध्वज में मौजूद अशोक चक्र को सम्राट अशोक की ओर से बनाए गए अशोक स्तंभ से लिया गया। ये स्तंभ इर्सा पूर्व 250 में बनवाए गए थे। इस चक्र में मौजूद 24 तिलियां दिन के 24 घंटों को दर्शाती हैं।
5.झंडे का सम्मान करना जरूरी
झंडा स्वतंत्र देश का प्रतीक होता है। तिरंगा पूरे देश के लिए राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। इसलिए इसका सम्मान करना बेहद जरूरी है। बच्चों को बताएं कि आप झंडे को आप जमीन या फर्श पर नहीं फहरा सकते। इसे पानी में भी नहीं बहाया जा सकता। इसे वाहन या गाड़ी पर लपेटा नहीं जा सकता। यहां तक की किसी भी चीज को झंडे पर रखने की अनुमति नहीं है।
Jan 26 2025, 18:19