मातृछाया संस्था के पांचवें वर्षगांठ पर भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष ने की काटकर संस्था के सदस्यों को दी बधाई
गोरखपुर। "मातृछाया" रुग्ण मानसिक मान्दत निराश्रित महिलाओ के पुनर्वास हेतु संकाल्पत सामाजिक संस्था की स्थापना दिवस को पाँचवी वर्ष गांठ पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ गोरक्षप्रान्त्र के प्रान्त्र प्रचारक रमेश जी, विभाग प्रचारक अजय नारायण जी, भारतीय जनता पार्टी गोरखपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानन्द राय, भारतीय सशस्त्र सीमा बाल के डीआईजी मनोज कुमार चन्द, गोरखपुर विश्वविद्यालय में शिक्षाशास्त्र की प्रोफेसर डॉ. सुषमा पाण्डेय, महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यदक्ष आस्मता चन्द, श्रीमती रेनू सिर, जिला प्रोबेशन अधिकारी समर बहादुर सिंह, जिला दिव्यांग जनसशक्तिकरण अधिकारी कमलेश वर्मा, समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ट नारायण स्टिं मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ अमित शाही डॉ. दान पाल सिंह, डॉ सुधांशु शेखर सिहं पूर्व महानगर अध्यक्ष राहुल श्रीवास्तव, गोरखपुर विश्वविद्यालय के महामंत्री नीरज शाही डॉ नवीन चन्द, डॉ रीता सिट आदि समेत बढने सख्या मे महानगर के सम्म्रान्त्र नागरिक ज्यास्थत थे।
कार्यक्रम को अध्यक्षता इतिवसकार डॉ दान पाल सिंह ने किया। विशिष्ट अतिथि प्रो० सुषमा पाण्डेय, डी. आई जो सराख सीमा बल श्री गनोज कुमार, श्रीमती आस्मता चड, समाज कल्याण अधिकार वारीष्ट-नारायण सिंह, जिला दिव्यांग कल्याण अधिकार कमनेश वर्मा, 'पहल' संस्था के निदेशक डॉ.वो. के. श्रीवास्रव, श्रीमती रेनू सिंह आदि ने उपाणित नागरिको को सम्बोधित किया तथा संस्था द्वारा मानसिक मन्दित, रुग्ण बेसहारा व विशिघ्र महिलाओं को दी जा रही सराहनीय एवं उत्कृष्ठ सेवन की प्रशंसा
को।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानन्द राय ने कहा कि मानवता की सेवा ईश्वरोप कार्य है। यह संस्था बड़ी हो निष्ठा, मनोयोग, ईमानदारी और समर्पण से समाज सेवा, का उत्कृष्ट कार्य कर रही है। देश में वीमारी लाचारी विशेष रूप से मानसिक विकारो से ग्रसित स्त्रियो की सेवा का महनीय गर्म करने वाली अनूठी संस्था है। जो देश के नागरिको विषशेषकर नई पीढ़ी को मानवता सेवा कल्याण और उद्घार को प्रेरणा देती है। आज देश के हर नगर कस्बे और शहर में ऐसी ही संस्था में आवश्यकता हैअध्यसोप उद्बोधन देते हुए डॉ दान पाल सिंह ने कहा कि वर्तमान समय मे दुनिया मशीनीकरण के दौर से गुजर रही है, मशीनीकरण ने लोगो के जीवन में विकास के साथ साथ अनेक विकृतियां और विकार जी पैरा किए। मानसिक मदता, रुग्णता, असंतुलन, विक्षिप्तता सदृश मनोरोग का जनक है। यह संस्था न केवल चिकिरसा और मनोविज्ञान वाल्डे अप्रतिम नात्सल्य के साथ ऐसो निराश्रित और समाज की त्याज्य मातृशक्ति में उत्कृष्ठ एवं समर्पित सेवा से उनके जीवन में नव प्रकाश भरती है
गैसंख्या को प्रसिद्धि और सेवा के शिखर पर देखने की अभिलाषा के साथ साथ नई पीढ़ी के मानव सेवा ईश्वर सेवा की- प्रेरणा देने के लिए रोम रोम से अनुग्रहीत हूं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. विनय सिह जे. आर. एक एवं अनिधि परिचय व धन्यवाद चापन संस्था के डायरेक्टर आलोक मणि त्रिपाठी ने किया ।
Dec 18 2024, 20:12