विनेश फोगाट ने किसानों के ‘दिल्ली कूच’ का किया समर्थन, सरकार से पूछे कई तीखे सवाल


डेस्क: कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट भी किसान आंदोलन के समर्थन में मजबूती से उतर आई हैं। हरियाणा के जींद जिले की जुलाना सीट से विधायक विनेश फोगाट ने 6 दिसंबर को प्रस्तावित ‘दिल्ली कूच’ के लिए किसानों का समर्थन किया है। फोगाट ने कहा है कि यह सिर्फ प्रदर्शन नहीं बल्कि अन्याय के खिलाफ आंदोलन है। उन्होने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा कि किसान इस बार चुप नहीं बैठेंगे क्योंकि वे अडिग हैं और आंदोलन अभी भी जारी है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर किसानों की MSP की मांग को अनसुना क्यों किया जा रहा है।

X पर अपनी पोस्ट में विनेश फोगाट ने कहा, ‘पिछले 9 महीने से किसान हमारे देश का सड़कों पर है। भारतीय जनता पार्टी मानी हुई मांगों को क्यों पूरा नहीं कर रही है? भारत के किसानों का संघर्ष केवल उनकी आजीविका का नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक के भविष्य का सवाल है। फसल का मूल्य तय करने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के बिना हमारे अन्नदाता हर साल घाटे और कर्ज के जाल में फंसते जा रहे हैं।’ कांग्रेस विधायक ने BJP को चेतावनी देते हुए कहा कि अब किसान चुप नहीं बैठने वाले हैं क्योंकि वे अडिग हैं इसलिए आंदोलन जारी है।

अपनी पोस्ट में विनेश फोगाट ने कहा, ‘6 दिसंबर को लाखों किसान अपने हक और सम्मान की लड़ाई के लिए दिल्ली कूच करेंगे। यह सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि अन्याय के खिलाफ एक जनांदोलन है।’ उन्होंने पोस्ट में केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार से पूछा, ‘कर्ज से दबे किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं?, एमएसपी की मांग क्यों अनसुनी की जा रही है?, अन्नदाता आज भी मेहनत का दाम क्यों नहीं पा रहे हैं?’ कांग्रेस नेता ने किसानों को समर्थन देने के साथ जनता से भी इस आंदोलन से जुड़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सम्मान और हक की लड़ाई है।
संभल हिंसा के दोषियों से की जाएगी सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई, एसपी केके बिश्नोई का बड़ा बयान

डेस्क: संभल हिंसा के दोषियों से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी। यह कहना है कि संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई का। एसपी केके बिश्नोई ने गुरुवार को कहा कि अलग-अलग तरीके से एक करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। उपद्रवियों के द्वारा कई कारें जलाई गईं। कई ट्रांसफार्मर जलाए गए। सार्वजनिक संपत्तियों के कैमरे भी तोड़ दिये गये हैं। यह सब उपद्रवियों से वसूल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक बार आरोपपत्र तैयार हो जाए तो उचित कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।

एसपी केके बिश्नोई ने कहा कि 24 नवंबर की घटना के मामले में 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जल्द ही हम बाकी लोगों को भी गिरफ्तार कर लेंगे। करीब 83 लोग के नाम प्रकाश में आ चुके हैं। हमारे पास लगभग 400 से अधिक लोगों की तस्वीरें हैं। मैं उन सभी से अपील करता हूं जो इस घटना में शामिल थे, वे पुलिस के सामने सरेंडर कर दें। हमारे पास सभी फुटेज हैं, इसलिए आपको कबूल करने के लिए पुलिस स्टेशन आना चाहिए। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।

एसपी ने कहा कि जिले में जो पहले शांति समिति थी उसे भंग करके जनपद के जो चुनिंदा लोग है जिनकी लोगों में पहुंच है। उन लोगों ने एक नई समिति बनाई है। हम जिले के मौलानाओं से बातचीत कर रहे हैं कि जिस तरह से पिछले शुक्रवार को नमाज पढ़ी गई थी, इस बार भी उसी तरह से नमाज पढ़ी जाए। मैं उम्मीद करता हूं कि शुक्रवार की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से अदा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान पुलिस पैदल भी गश्त करेगी।

बता दें कि संभल में हिंसा 24 नवंबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा मुगलकालीन मस्जिद का सर्वे करने के दौरान भड़क उठी थी। हिंसक झड़प में चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस संबंध में पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपियों में सपा के स्थानीय सांसद और विधायक भी शामिल हैं।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे संसद में ऐसा क्या बोल गए जो माफी मांगने को कह रही कांग्रेस, जानिए पूरा मामला

डेस्क: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे की बयानबाजी पर बवाल मचा हुआ है। सूत्रों के अनुसार गुरुवार को संसद के स्थगित होने के बाद कांग्रेस ने तय किया है कि पार्टी निशिकांत दुबे पर माफी मांगने का दबाव बनाएगी। दुबे ने संसद के शून्यकाल में कांग्रेस सहित विपक्षी दलों को घेरने की कोशिश की थी और कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसी वजह से कांग्रेस पार्टी चाहती है कि दुबे अपने बयान के लिए माफी मांगें।

निशिकांत दुबे ने गुरुवार को लोकसभा में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर विदेशी संगठनों और लोगों के माध्यम से देश की संसद, सरकार और अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया। दुबे ने लोकसभा में शून्यकाल में कांग्रेस को घेरने का प्रयास करते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से पूछने के लिए कुछ सवाल उठाए जिसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और दोनों पक्षों की नोकझोंक के बीच सदन की बैठक दोपहर करीब 12 बजकर 10 मिनट पर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

निशिकांत दुबे ने कहा, ‘‘विपक्षी दल सरकार को अस्थिर करने के लिए तरह-तरह के मंसूबे पालते रहते हैं। मैं पूरे देश को बताना चाहता हूं कि विदेशी फंडिंग के माध्यम से (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी और उनकी सरकार के खिलाफ किस तरह काम होता है।’’ उन्होंने फ्रांस की एक रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि अमेरिका की सरकार और वहां के एक कारोबारी द्वारा संचालित फाउंडेशन की मदद से काम करने वाले एक विदेशी संस्थान का मकसद भारत की संसद को बंधक बनाना और उसकी कार्यवाही को ठप करना है।

दुबे ने अमेरिका के एक कारोबारी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि वह पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारना चाहता है। उन्होंने कहा कि जैसे ही उक्त संस्थान कोई रिपोर्ट जारी करता है तो नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सदस्य प्रियंका गांधी और विपक्षी दलों के कुछ राज्यसभा सदस्य तुरंत उसे ट्वीट (सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर) करते हैं।

दुबे ने पेगासस रिपोर्ट, हिंडनबर्ग और कुछ अन्य मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि जब भी ये मामले सामने आए, विपक्षी सदस्यों ने ‘एक्स’ पर तुरंत पोस्ट किया और संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी गई। उन्होंने कहा, ‘‘नेता प्रतिपक्ष (राहुल गांधी) से मेरे दस सवाल हैं।’’

दुबे ने उक्त विदेशी कारोबारी के एक एनजीओ से जुड़े व्यक्ति के राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का जिक्र करते हुए पूछा कि नेता प्रतिपक्ष के उनसे क्या संबंध हैं? भाजपा सांसद ने कुछ अन्य विदेशी लोगों के नाम लेकर पूछा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता के इन लोगों से क्या संबंध हैं जो अमेरिका में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम का विरोध करते हैं।

दुबे के इन बयानों के बीच कांग्रेस सदस्य हंगामा करने लगे। वे भाजपा सांसद के बयानों पर आपत्ति जता रहे थे। इससे पहले जब विपक्ष के सदस्य संभल हिंसा के मुद्दे पर अपनी बात रखना चाह रहे थे तो अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें दुबे के बाद बोलने की अनुमति देने का आश्वासन दिया।

दुबे कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए अपने दस सवाल पूछ रहे थे, लेकिन वह अपनी बात पूरी नहीं कर सके और बिरला ने कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई को शून्यकाल में अपना मुद्दा उठाने को कहा। कांग्रेस सदस्यों के शोर-शराबे के बीच गोगोई ने कुछ कहने का प्रयास किया लेकिन उनकी बात सुनी नहीं जा सकी। हंगामा जारी रहने पर बिरला ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
उन्नाव रेप केस: पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को मिली अंतरिम जमानत, दो सप्ताह के लिए जेल से बाहर, जानें वजह


डेस्क: उन्नाव रेप केस मामले में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक और नेता कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को मेडिकल आधार पर दो हफ्ते की अंतरिम जमानत दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि सेंगर को एम्स नई दिल्ली में भर्ती कराया जाएगा, चिकित्सा अधीक्षक अदालत को सुझाव देंगे कि क्या उनका इलाज एम्स  में संभव है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं और उन्हें दी गई 10 साल की जेल की सजा को चिकित्सा आधार पर निलंबित कर दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कुलदीप की याचिका को लेकर मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा था।

उच्च न्यायालय ने जेल अधिकारियों से सेंगर की चिकित्सा स्थिति पर एक रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा और याचिका को अगले साल 13 जनवरी को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने कहा, ‘‘नोटिस केवल चिकित्सा आधार तक ही सीमित है।’’ सीबीआई के वकील ने अदालत को बताया कि उच्च न्यायालय ने इस वर्ष जून में सेंगर की दोषसिद्धि के खिलाफ अपील लंबित रहने तक उनकी सजा को निलंबित करने से इनकार कर दिया था।

सेंगर के वकील ने कहा कि वह चिकित्सा आधार पर सजा को निलंबित करने का अनुरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और यह चिकित्सा के लिहाज से एक गंभीर स्थिति है। उन्होंने कहा कि निचली अदालत के दोषसिद्धि और सजा के आदेश को चुनौती देने वाली सेंगर की अपील पर लंबे समय से सुनवाई नहीं हुई है और वह पिछले आठ वर्ष से जेल में है, जबकि इस मामले में सेंगर को अधिकतम 10 साल की सजा दी गई थी।

सेंगर को पहले ही पीड़ित की नाबालिग बेटी से बलात्कार का दोषी ठहराया जा चुका है और उस मामले में उसे जीवन पर्यंत कारावास की सजा सुनाई गई है। मुख्य उन्नाव बलात्कार मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली सेंगर की अपील पहले से ही उच्च न्यायालय में लंबित है। उन्होंने 16 दिसंबर, 2019 को निचली अदालत के उस फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया है, जिसमें उन्हें बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया था। सेंगर ने 20 दिसंबर, 2019 को उन्हें जीवन पर्यंत कारावास की सजा सुनाए जाने के आदेश को भी रद्द करने का अनुरोध किया है।

सेंगर ने 2017 में पीड़ित का अपहरण कर उससे बलात्कार किया था। घटना के वक्त वह नाबालिग थी। 13 मार्च, 2020 को निचली अदालत ने सेंगर को बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। निचली अदालत ने कहा था कि परिवार के ‘‘एकमात्र कमाने वाले’’ की हत्या के लिए ‘‘कोई नरमी’’ नहीं बरती जा सकती।

अदालत ने बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या में भूमिका के लिए सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर और पांच अन्य लोगों को भी 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी। लड़की के पिता को सेंगर के इशारे पर शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और पुलिस के उत्पीड़न के कारण नौ अप्रैल, 2018 को हिरासत में उनकी मौत हो गई थी।
पप्पू यादव के करीबी ने ही दी थी जान से मारने की 'धमकी', हुआ बड़ा खुलासा, सुरक्षा बढ़ाने के लिए रची गई थी साजिश

डेस्क: सांसद पप्पू यादव को हाल ही में एक शख्स ने जान से मारने की धमकी दी थी। आरोपी ने वीडियो बनाकर धमकी दी थी। वहीं अब पुलिस ने सांसद पप्पू यादव को धमकी दिए जाने के मामले का खुलासा कर दिया है। एसपी कार्तिकेय शर्मा ने इस मामले में बड़ी जानकारी दी है। इस मामले में पुलिस ने भोजपुर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार किए गए व्यक्ति ने कुबूल किया है कि सांसद के कुछ करीबी लोगों ने उन्हें सुरक्षा प्रदान करवाने के लिए वीडियो बनाकर उन्हें धमकी देने के लिए कहा था। इस काम के लिए सांसद के लोगों ने रुपये भी दिए थे। साथ ही पार्टी में पद देने का भी प्रलोभन दिया था। पूर्णिया एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार किया गया आरोपी पहले सांसद पप्पू यादव का करीबी रह चुका है और यह उनकी पार्टी का सदस्य भी रह चुका है। उन्होंने बताया कि इस व्यक्ति का लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से कोई संबंध नहीं है। पूरा मामला सांसद की सुरक्षा बढ़ाने के लिए किए गए षड़यंत्र का हिस्सा है। गिरफ्तार व्यक्ति का नाम राम बाबू है।

पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि आरोपी द्वारा दो वीडियो बनाए गए थे, जिसमें एक वीडियो रिलीज किया गया था जबकि दूसरा वीडियो उसके पास था। दूसरे वीडियो को भी जल्द ही रिलीज किया जाना था। उन्होंने बताया कि आरोपी राम बाबू के संबंध पूर्णिया सांसद पप्पू यादव के पूर्व में बनी जाप पार्टी से रहे हैं। वहीं लगातार धमकी दिलवाने के लिए प्रेरित करने वाले व्यक्ति का नाम पुलिस अधीक्षक ने नहीं बताया। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि सांसद के करीबी के द्वारा उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए यह कृत्य किया गया था। इसके अलावा पुलिस इस मामले के अन्य पहलुओं की भी जांच कर रही है।
महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण समारोह की भव्य तैयारी, देशभर से शामिल होंगे 400 साधु-संत, कई VVIP के भी नाम


डेस्क: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद अब सरकार बनाने की तैयारी चल रही है। इस बीच यहां महायुति की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने के सारे प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि महायुति की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के आजाद पार्क में 5 दिसंबर को होने जा रहा है। नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में कुल 70 से ज्यादा वीवीआईपी नेता शामिल होंगे। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सहित कैबिनेट के कई सहयोगियों को निमंत्रण दिया गया है।

इसके अलावा बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों को भी महाराष्ट्र की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए न्योता भेजा गया गया है। इस शपथ ग्रहण समारोह की खास बात ये है कि इसमें देशभर के 400 साधु-संतो को भी निमंत्रण भेजा गया है। इसके अलावा अलग-अलग समाज के प्रतिनिधियों को भी निमंत्रण भेजा गया है। महाराष्ट्र के सभी कंस्यूलेट को भी निमंत्रण भेजा गया है।

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए जिन संतों को निमंत्रण दिया गया है उनमें, जगतगुरु नरेन्द्रचार्य महाराज, गोविन्ददेव गिरी जी महाराज, बागेश्वर बाबा, महामंडलेशर स्वामी विश्वशवरानंद जी महाराज, जैन संत लोकेश मुनि जी, बंजारा संत, सिख संत, बौद्ध भिक्षु रहेंगे। इसके अलावा महाराष्ट्र के सभी प्रमुख मंदिरों के मुख्य पुजारियों सहित काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी और महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारी को भी निमंत्रण दिया गया है।

इसके अलावा जनजाति समाज के संत, एस्कॉन मंदिर के संतों, सभा समाज के संत, लबाना समाज के संत, स्वामी नारायण मंदिर के संत और सभी हिन्दू जाति समाज के संतों को निमंत्रण दिया गया है। इस बार के शपथ ग्रहण समारोह में कुल 400 से अधिक साधु-संतों को निमंत्रण भेजा गया है। इसके अलावा सिख संत बाबा हरनाम सिंह को भी निमंत्रण भेजा गया है।
ताजमहल को बम से उड़ाने की मिली धमकी, मच गया हड़कंप

डेस्क: यूपी के आगरा से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। आगरा के ताज महल को आज ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली है। एसीपी ताज सुरक्षा सैयद अरीब अहमद का कहना है कि पर्यटन विभाग को ईमेल मिला है। उसके आधार पर ताजगंज थाने में मामला दर्ज किया जा रहा है। आगे की जांच की जा रही है।
पहले बच्चों को मारा फिर लगाई फांसी, राजस्थान के झालावाड़ में एक ही परिवार के 4 लोगों की उठी अर्थी

डेस्क: राजस्थान के झालावाड़ में दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। गंगधार क्षेत्र के जैताखेड़ी गांव में एक दंपत्ति ने अपने दो बच्चों को पहले मार डाला इसके बाद फांसी लगाकर जान दे दी। एक ही परिवार में चार लोगों की मौत से गांव में मातम पसर गया है। परिवार ने सुसाइड क्यों किया इसका खुलासा नहीं लग पाया है। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया।

जानकारी के अनुसार, फांसी के फंदे पर तीन शव मिले और सात साल के बच्चे का शव बिस्तर पर पड़ा मिला। जानकारी के अनुसार, दंपत्ति ने पहले बच्चों को मारा उसके बाद खुद फांसी के फंदे पर झूल गए। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
प्रकाश सिंह बादल से वापस लिया गया 'फख्र-ए-कौम' सम्मान, सुखबीर को भी सजा, राम रहीम से जुड़ा है मामला

डेस्क: पंजाब की राजनीति से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। श्री अकाल तख्त साहिब में तन्खैइया घोषित हो चुके सुखबीर बादल और उनकी तत्कालीन कैबिनेट में रहे मंत्रियों को धार्मिक सजा सुनाते हुए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों ने बड़ा ऐलान किया है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत नेता प्रकाश सिंह बादल को दिया गया फख्र-ए-कौम सम्मान वापस लेने का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही सुखबीर बादल को भी धार्मिक सजा सुनाई गई है। दरअसल, ये मामला गुरमीत राम रहीम से जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में।

दरअसल, जिस वक्त पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबियों के मामले हुए उस दौरान पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल थे। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- "सुखबीर सिंह बादल ने अपराध कबूल कर लिया है कि उन्होंने जत्थेदार साहिबों को अपने आवास पर बुलाया और गुरमीत राम रहीम को माफी के लिए उन पर दबाव डाला। इस काम में दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी शामिल थे। लिहाजा, प्रकाश सिंह बादल को दिया गया फख्र-ए-कौम वापिस लिया जाता है।"

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों द्वारा सुखबीर बादल को तन्खैइया घोषित किए जाने के बाद धार्मिक सजा सुनाई गई। सुखबीर सिंह बादल सहित कोर कमेटी मेंबर और साल 2015 में कैबिनेट मेंबर रहे नेता 3 दिसंबर को 12 बजे से लेकर 1 बजे तक बाथरूम साफ करेंगे। इसके बाद वो नहाकर लंगर घर में सेवा करेंगे। बाद में श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। सुखबीर सिंह बादल श्री दरबार साहिब के बाहर बरछा लेकर बैठेंगे। उन्हें गले में तन्खैइया घोषित किए जाने की तख्ती पहननी होगी।

श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा सुनाई गई सजा में कहा गया है कि सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफ़ा मंज़ूर किया जाए। इसके साथ ही डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफ़ी दिए जाने के बाद जो इश्तहार जारी किये गये, उन इश्तहारों के पैसे सुखबीर सिंह बादल, बलविंदर सिंह भून्दड , दलजीत सिंह चीमा, हीरा सिंह गाबाडिया ब्याज सहित देंगे।
प्रकाश सिंह बादल से वापस लिया गया 'फख्र-ए-कौम' सम्मान, सुखबीर को भी सजा, राम रहीम से जुड़ा है मामला

डेस्क: पंजाब की राजनीति से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। श्री अकाल तख्त साहिब में तन्खैइया घोषित हो चुके सुखबीर बादल और उनकी तत्कालीन कैबिनेट में रहे मंत्रियों को धार्मिक सजा सुनाते हुए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों ने बड़ा ऐलान किया है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत नेता प्रकाश सिंह बादल को दिया गया फख्र-ए-कौम सम्मान वापस लेने का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही सुखबीर बादल को भी धार्मिक सजा सुनाई गई है। दरअसल, ये मामला गुरमीत राम रहीम से जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में।

दरअसल, जिस वक्त पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबियों के मामले हुए उस दौरान पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल थे। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- "सुखबीर सिंह बादल ने अपराध कबूल कर लिया है कि उन्होंने जत्थेदार साहिबों को अपने आवास पर बुलाया और गुरमीत राम रहीम को माफी के लिए उन पर दबाव डाला। इस काम में दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी शामिल थे। लिहाजा, प्रकाश सिंह बादल को दिया गया फख्र-ए-कौम वापिस लिया जाता है।"

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों द्वारा सुखबीर बादल को तन्खैइया घोषित किए जाने के बाद धार्मिक सजा सुनाई गई। सुखबीर सिंह बादल सहित कोर कमेटी मेंबर और साल 2015 में कैबिनेट मेंबर रहे नेता 3 दिसंबर को 12 बजे से लेकर 1 बजे तक बाथरूम साफ करेंगे। इसके बाद वो नहाकर लंगर घर में सेवा करेंगे। बाद में श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। सुखबीर सिंह बादल श्री दरबार साहिब के बाहर बरछा लेकर बैठेंगे। उन्हें गले में तन्खैइया घोषित किए जाने की तख्ती पहननी होगी।

श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा सुनाई गई सजा में कहा गया है कि सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफ़ा मंज़ूर किया जाए। इसके साथ ही डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफ़ी दिए जाने के बाद जो इश्तहार जारी किये गये, उन इश्तहारों के पैसे सुखबीर सिंह बादल, बलविंदर सिंह भून्दड , दलजीत सिंह चीमा, हीरा सिंह गाबाडिया ब्याज सहित देंगे।