जिला प्रशासन की अच्छी पहल : अब घर बैठे व्हाट्सएप के जरिए कर सकेंगे शिकायत, कलेक्टर ने जारी किया WhatsApp नंबर

बालोद-  जनता की सहुलियत एवं किसी कारणों से जनदर्शन में नहीं पहुंच पाने वाले लोगों के लिए जिला ने वाट्सएप की सुविधा शुरू की है. अब लोग वाट्सएप के माध्यम से भी प्रशासन तक अपना सुझाव, शिकायत और प्रतिक्रिया भेज सकते हैं. इस नई व्यवस्था के तहत कोई भी जिले के नागरिक जिला प्रशासन की ओर से जारी किए गए व्हाट्सएप नंबर 9425242981 पर Hi या Hello लिखकर बातचीत की शुरूआत कर सकते हैं. बता दें कि पहली बार छत्तीसगढ़ के इस जिले में यह सुविधा शुरू की गई है.

बालोद में इस नई व्यवस्था की शुरूआत से जिले के आम नागरिकों एवं आवेदकों को अपनी मांगों एवं समस्याओं के निराकरण के लिए प्रत्येक मंगलवार को आयोजित होने वाली कलेक्टर जनदर्शन के अलावा कलेक्टर से मुलाकात करने के लिए संयुक्त जिला कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं होगी. कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल की विशेष पहल पर जिलेवासियों ने खुशी जताई है.

मंगलवार को आयोजित कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे लोग

लोगों को बार-बार कलेक्टोरेट आने की नहीं पड़ेगी जरूरत : कलेक्टर

बालोद जिला प्रशासन की इस नई व्यवस्था से लोगों के समय एवं श्रम की बचत होगी. इसके अलावा बार-बार शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगाने की समस्या से निजात मिलेगी. कलेक्टर चन्द्रवाल ने मंगलवार को संयुक्त जिला कार्यालय के जनदर्शन कक्ष में उपस्थित आम नागरिकों को जिला प्रशासन की इस नई व्यवस्था की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जिले के आम नागरिकों को सुविधा प्रदान करने इसकी शुरूआत की गई है. नई व्यवस्था की शुरूआत हो जाने से अब आम नागरिकों एवं आवेदकों को अपनी मांगों एवं समस्याओं के निराकरण के लिए बार-बार कलेक्टोरेट आने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस दौरान अपर कलेक्टर अजय किशोर लकरा, ईडीएम इन्द्रजीत सेन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

गरीबों के घर का सपना होगा पूरा: मुख्यमंत्री की पहल पर 15 हजार नये आवास स्वीकृत, राज्य के सभी शहर शामिल

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत तेजी से पूर्ण किए आवासों और योजना में अच्छे प्रदर्शन के कारण भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए 15 हजार नए आवास स्वीकृत किए गए हैं। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के अंतर्गत 15 हजार नए आवासों की मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नए आवासों की मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल के प्रति आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शहरों के लिए 15 हजार नए आवासों की स्वीकृति पर केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य में जल्दी ही हर गरीब के पक्के मकान का सपना पूरा होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आवासों का निर्माण तेजी से पूरा किया जा रहा है। सरकार अंतिम छोर पर खड़े हर व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुँचाना सुनिश्चित करेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल और उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव की कोशिशों से राज्य के सभी शहरों के लिए ये आवास स्वीकृत किए गए हैं।

भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के अन्तर्गत 15 हजार नवीन आवासों की सैद्धांतिक स्वीकृति का पत्र प्रेषित किया गया है। पत्र में केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को मार्च-2025 तक 15 हजार नए आवासों की स्वीकृति के साथ ही इन नए आवासों को मंजूरी प्रदान करने के पीछे राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के त्वरित क्रियान्वयन का भी उल्लेख है। राज्य के सभी नगरीय निकायों के लिए आवास स्वीकृत करते हुए मंत्रालय ने इसकी सूची भी भेजी है। केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने राज्य शासन को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पात्र हितग्राहियों का परीक्षण करते हुए विधिवत प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने के निर्देश दिए हैं।

भारत सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में 'सबके लिए आवास’ मिशन के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 का क्रियान्वयन 1 सितम्बर 2024 से प्रारंभ किया गया है। इसके तहत कमजोर आय वर्गों, निम्न आय वर्गों और मध्यम आय वर्गों के शहरी गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों को किफायती दरों पर आवास निर्माण, खरीदी या किराए पर उपलब्ध कराने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। छत्तीसगढ़ में योजना को सभी नगरीय निकायों में लागू करते हुए भारत सरकार के यूनिफाइड वेब पोर्टल पर हितग्राही सर्वेक्षण कार्य (रैपिड असेसमेंट सर्वे) 15 नवम्बर से प्रारंभ कर दिया गया है। सर्वेक्षण के दौरान हितग्राहियों की जानकारी भारत सरकार के पोर्टल पर दर्ज की जा रही है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नए आवासों की स्वीकृति पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार हर पात्र परिवार को आवास दिलाने प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी नगरीय निकायों को ज्यादा से ज्यादा हितग्राहियों तक योजना का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। श्री साव ने वर्तमान में चल रहे हितग्राही सर्वेक्षण के दौरान अनिवार्य दस्तावेजों की कमी के कारण आवेदनों को तत्काल निरस्त नहीं करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने दस्तावेजों की पूर्ति के लिए संबंधित परिवारों को पर्याप्त समय देने के साथ ही नगरीय निकायों को राजस्व विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने हरसंभव प्रयास करने को कहा है। उप मुख्यमंत्री श्री साव के निर्देश पर नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव ने राजस्व कार्यालयों में हितग्राहियों के लंबित जाति प्रमाण पत्र एवं आय प्रमाण पत्र प्राथमिकता से जारी करने राजस्व विभाग को पत्र भी लिखा है।

ट्रेनी IFS अधिकारियों को मिली पोस्टिंग, इन जिलों में बनाए गए उप-वनमण्डलाधिकारी…

रायपुर-  छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने 2022 बैच के ट्रेनी भारतीय वन सेवा अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए विभिन्न वनमण्डलों में उप-वनमण्डलाधिकारी के पद पर नियुक्त किया है. इनमें दुगली वन परिक्षेत्र के दिपेश कपिल, माकड़ी वन परिक्षेत्र के नवीन कुमार, माचकोट वन परिक्षेत्र के वेंकटेशा एम.जी. और रेंगाखार वन परिक्षेत्र के अभिषेक शामिल हैं.

वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वारा जारी आदेश के मुताबिक प्रशिक्षु IFS दिपेश कपिल को अंबिकापुर उप वन मंडलाधिकारी बनाया गया है. एस नवीन कुमार को रायगढ़ उप वनमंडाधिकारी बनाया गया है. वेंकटेश एम जी को महासमुंद उप वनमंडलाधिकारी बनाया गया है. अभिषेक अग्रवाल को राजनांदगांव उप वनमंडलाधिकारी बनाया गया है।

देखें आदेश की कॉपी:

‘बंटोगे तो कटोगे’ को शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया गलत, कहा- 2024 में ही क्यों दिया जा रहा है यह नारा…

रायपुर- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने ‘बंटोगे तो कटोगे’ वाले नारे को गलत बताते हुए कहा कि इतने साल से चुनाव हो रहे हैं, यह नारा 2024 में ही क्यों दिया जा रहा है. क्या इससे पहले हम सेफ नहीं थे. किसने हमको काटा अभी तक. ये कहना चाहते हैं. हमको वोट नहीं दिया, कहीं और दिया तो काट दिए जाओगे. आप धमका क्यों रहे हो. कोई कुछ नहीं बोल रहा है. ये नारा गलत है।

राजधानी रायपुर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने पहुंचे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने मीडिया से तमाम ज्वलंत विषयों पर चर्चा की. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है. हम हिंदुओं को इसकी चिंता है. अगर वहां से लोग आ रहे है, तो उन्हें भारत में शरण दी जाए, भारत हिंदुओं की मात्रभूमि है.

उन्होंने कहा कि लेकिन पिछले दिन (सीमा पर) बीएसएफ के जवानों ने उन्हें भगा दिया था. हमने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखा था कि उन्हें आने दिया जाए. आज वो विषय बढ़ता चला जा रहा है, हम इतनी बड़ी संख्या में होने के बावजूद कुछ नहीं कर पा रहे हैं. सबसे पहले चिन्मय दास प्रभु को वकील दिलवाना चाहिए. आज कल तो ऑनलाइन सुनवाई भी होती है.

हिंदू राष्ट्र बनाने को लेकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि कोई पद यात्रा करे उसका स्वागत करते हैं, लेकिन वो कहते हैं कि जात-पात की करो विदाई ये ठीक नहीं है, वर्ण और आश्रम से हमारी पहचान है. इसके बिना कैसे हिन्दू राष्ट्र बन सकता है, ऐसा हिन्दू राष्ट्र जिसमें वर्ण आश्रम नहीं होगा, वो खतरनाक होगा.

धर्मांतरण पर बस्तर में धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा को लेकर अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि इस यात्रा से धर्मांतरण को बढ़ावा मिलेगा. हम कह रहे है कि ना करे यात्रा,

वहीं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के संबल दौरे पर उन्होंने सवाल किया कि किसलिए जा रहे है? यह पूछना पड़ेगा, केवल राजनीति चमकना है, वहीं महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री चुने जाने पर कहा कि महाराष्ट्र में शिंदे सरकार थी, तो उन्होंने हमारी गौ माता को राज्य माता का दर्जा मांग को पूरा किया, इतनी बड़ी जीत उनकी हुई. गौ माता का ही आशीर्वाद है, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हिचक रहे हैं, आगे चुनाव इनका भी है. कुछ भी हो सकता है,

वहीं बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर प्रदर्शन को भाजपा के समर्थन पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि जब हम सत्ता में ही हैं, तो प्रदर्शन की क्या जरुरत है, राजनीतिक लाभ लेना चहा रहे हैं. इनको कहना था कि एक भी हिन्दू को अपने छुआ तो कई उदाहरण हमने अभी आपको बताये बांग्लादेश हमारे वजह से बना है, और अगर कुछ नहीं हुआ, तो यहाँ भी बहुत बांग्लादेशी है हम भी एक एक को बाहर निकलेंगे.

आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती मामला: फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज, अब जांच के दायरे में चयन समिति के सदस्य

गरियाबंद-  देवभोग के लाटापारा स्थित पूंजीपारा आंगनबाड़ी में चर्चित सहायिका भर्ती के मामले में पुलिस ने नियुक्ति हासिल करने वाली अभ्यर्थी तारेणी बघेल समेत अन्य के खिलाफ देवभोग पुलिस ने बीएनएस की धारा 318(3), 338, 336(3) और 340(1) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच में जुट गई है. थाना प्रभारी गौतम गावड़े ने बताया कि मामले में ग्रामीण मधु यादव ने लिखित शिकायत दी थी, जिसकी प्राथमिक जांच में तारेणी बघेल द्वारा 8वीं के अंकसूची में छेड़ छाड़ कर प्रस्तुत करने की पुष्टि हुई थी. फिलहाल मामले नामजद अभ्यर्थी की आरोपी बनाया गया है. जांच में जिसकी भी संलिप्तता पाई जायेगी उन्हें इन्हीं अपराध के तहत आरोपी बनाया जाएगा.

पढ़ने अलग और नौकरी करने अलग अंकसूची किया था पेश

तारेणी बघेल बाड़ीगांव मिडिल स्कूल में कक्षा 8 वीं पास किया था, जब इसी गांव के हाई स्कूल में 9 कक्षा पढ़ने गई थी तो उसके द्वारा हाई स्कूल में 81.26 प्रतिशत अंक वाले मार्कशीट दिया था. जबकि नौकरी में भर्ती के लिए 85.01 प्रतिशत अंक वाले मार्कशीट दिया गया. तारेणी द्वारा नियुक्ति के लिए भरे गए आवेदन फार्म में भी अंकों से छेड़ छाड़ किया गया था।

चयन समिति जांच के दायरे में

मामले में चयन समिति व दोबारा कूट रचित अंक सूची जारी करने वाले प्रधान पाठक भी जांच के दायरे में हैं. इन सभी जवाबदारों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. जांच आगे बढ़ी तो इन पर भी जल्द पुलिस कानूनी शिकंजा कसेगी.

छत्तीसगढ़ में आदिवासी महिला से दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार
जशपुर-   छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में आदिवासी महिला के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है. महिला को जबरन जंगल ले जाकर वारदात को अंजाम दिया गया है. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज आरोपी ईश्वर सोनवानी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. यह मामला पंडरापाठ चौकी क्षेत्र का है.
सीनियर के खिलाफ शिकायत करने पर बर्खास्त हुईं थीं महिला जज, खुद बहस कर हाईकोर्ट से हासिल की जीत

बिलासपुर-  बर्खास्त की गई महिला जज ने अपने केस में खुद बहस कर हाई कोर्ट में बड़ी जीत हासिल की है. स्थायी समिति की अनुशंसा पर 7 साल पहले उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, जिसके खिलाफ उन्होंने याचिका लगाई थी. इसके बाद विधि एवं विधायी विभाग और हाईकोर्ट ने अपील की थी. उनके पक्ष में फैसला आने पर हाई कोर्ट ने उन्हें नियुक्ति भी दे दी है.

दरअसल, बिलासपुर के सरकंडा में रहने वाली आकांक्षा भारद्वाज का चयन वर्ष 2012-13 में परीक्षा के जरिए सिविल जज के पद पर हुआ था. 12 दिसंबर 2013 को जारी आदेश के अनुसार उन्हें दो वर्ष की परिवीक्षा पर नियुक्त किया गया. उन्होंने 27 दिसंबर 2013 को ज्वाइन किया. इस दौरान एक सीनियर मजिस्ट्रेट ने उसने अनुचित व्यवहार किया, लेकिन नई ज्वाइनिंग होने से उन्होंने इसकी शिकायत नहीं की. प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद उन्हें अगस्त 2014 में अंबिकापुर में प्रथम सिविल जज वर्ग-2 के पद का स्वतंत्र प्रभार दिया गया.

इस बीच अधिकांश सीनियर मजिस्ट्रेट का तबादला हो गया. अंबिकापुर में सिर्फ 4 सिविल जज बचे. सभी एक सीनियर मजिस्ट्रेट के अधीन थे. आरोप है कि जब भी वे सीनियर मजिस्ट्रेट के पास न्यायिक मामलों में मार्गदर्शन के लिए जाती, तो उनसे अनुचित व्यवहार किया जाता था. जिसे लेकर उन्होंने उच्चाधिकारियों से पहले मौखिक और बाद में लिखित शिकायत की. उनकी शिकायत पर हाई कोर्ट ने आंतरिक शिकायत कमेटी बनाई.

कमेटी ने जांच के बाद 6 अप्रैल 2016 को रिपोर्ट सौंपी. उसमें सीनियर मजिस्ट्रेट के खिलाफ शिकायत निराधार पाई गई. कमेटी की रिपोर्ट के खिलाफ अपील की गई, पर उसे भी 5 जनवरी 2017 को खारिज कर दिया गया. तब हाई कोर्ट की सिफारिश पर आकांक्षा को 9 फरवरी 2017 को विधि-विधायी विभाग ने बर्खास्त कर दिया. जिस पर उन्होंने बर्खास्तगी के खिलाफ याचिका लगाई थी, और मामले की सुनवाई के दौरान खुद अपना पक्ष रखा.

हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने मई 2024 में उनके पक्ष में फैसला देते बैक वेजेस के बगैर सिविल जज-2 के पद पर वरिष्ठता के साथ बहाल करने के आदेश दिए थे. सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट और विधि एवं विधायी विभाग ने अपील की थी. महिला सिविल जज ने सिंगल बेंच के फैसले के एक हिस्से को चुनौती दी थी. इस पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई, और हाई कोर्ट ने अपील मंजूर की थी. इसके बाद 3 दिसंबर 2024 को उनकी पोस्टिंग कर दी गई है. उन्हें महासमुंद में पदस्थ किया गया है.

अवैध खनन पर वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, 10 वाहन राजसात
बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में वन विभाग की टीम ने अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई की है. जिले के रतनपुर क्षेत्र के जंगल में जारी अवैध खनन पर टीम ने कार्रवाई करते हुए 10 वाहनों को राजसात कर लिया है. इनमें हाइवा, पोकलेन और ट्रैक्टर शामिल हैं. बता दें, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश के तहत यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. इस कार्रवाई में किसी भी राजनीतिक दबाव में आए बिना, भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 52 के तहत कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए वाहनों को शासकीय संपत्ति घोषित किया गया है.

गश्त के दौरान मिली सूचना, मौके पर छापा

जानकारी के मुताबिक, 30 सितंबर को रतनपुर वन परिक्षेत्र के धोबघाट में अरपा नदी के किनारे गश्त कर रही टीम को अवैध उत्खनन और परिवहन की सूचना मिली. जिसके बाद बिलासपुर वन मंडल की टीम ने प्रशिक्षु आईएफएस और प्रभारी डीएफओ अभिनव कुमार के निर्देश पर टीम ने छापा मारा और मौके पर पोकलेन से खुदाई और हाइवा से रेत परिवहन करते वाहन पाए गए.

वाहन चालकों से जब दस्तावेज मांगे गए तो कोई वैध कागजात प्रस्तुत नहीं किए जा सके. जिसके बाद सभी वाहनों को जब्त कर कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई. वाहन मालिकों ने लिखित में अवैध खनन और परिवहन की बात स्वीकार की.

सवा महीने चली कानूनी प्रक्रिया

सवा महीने तक चली कानूनी प्रक्रिया के तहत वाहन चालकों और मालिकों को नोटिस जारी किया गया. उनकी सुनवाई और दस्तावेजों की जांच के बाद यह साबित हुआ कि ये वाहन संरक्षित वन क्षेत्र में अवैध खनन और परिवहन में लिप्त थे. इसके बाद सभी 10 वाहनों को राजसात कर शासकीय संपत्ति घोषित कर दिया गया.

राजसात किए गए वाहनों की सूची

1. हाइवा CG 10-AE 9073 – मालिक: प्रतीक गुप्ता, धनेश्वर कोटा

2. हाइवा CG-10 BG 9028 – मालिक: चित्रांशु वर्मा, सुशील बिलासपुर

3. हाइवा CG-10 BT 7814 – मालिक: चित्रांशु वर्मा, सुशील बिलासपुर

4. हाइवा CG-10 AD 8456 – मालिक: शिवम दुबे, रंजन दुबे, कोटा

5. हाइवा CG-10 BT 6694 – मालिक: सतीश साहू, नंगोई

6. हाइवा CG-28 N 7924 – मालिक: रवि गुप्ता

7. ट्रैक्टर CG-10 BT 1627 – मालिक: मोनू जायसवाल, रोहित

8. ट्रैक्टर CG-10 BH 3157 – मालिक: सावन कुमार, रमेश

9. पोकलेन SANY22SY 140 Q 000/51 – मालिक: पिंटू केशरवानी, बेलगहना

10. बाइक CG 10 BO 0764 – मालिक: मोनू जायसवाल

रायपुर जीएसटी टीम ने पकड़ा 40 टन टीएमटी बार से लदा ट्रक, जब्त सामान की कीमत 30 लाख रुपए

रायपुर-  रायपुर जीएसटी की टीम ने एक बार फिर सक्रियता दिखाते हुए बीती रात करीबन 40 टन टीएमटी बार से लदा ट्रक को पकड़ने में कामयाबी पाई है. पकड़े गए माल की कीमत करीब 30 लाख बताई जा रही है. ट्रक को जब्त करने के बाद धरसींवा थाने में रखा गया है. 

मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार रात करीब 8 बजे स्टेट जीएसटी की टीम ने धरसींवा के पास इस ट्रक को रोका था. ट्रक में लोड लोहे के संबंध में पूछताछ की गई तो ड्राइवर जवाब नहीं दे पाया. लोहे से जुड़ा कोई बिल प्रस्तुत नहीं कर पाया. टीम ने तत्काल ट्रक को अपने कब्जे में लेकर उसको धरसींवा थाने में खड़ा करा दिया है.

मामले में आगे संबंधित लोगों से पूछताछ जारी है. इस मामले में धरसींवा थाना प्रभारी राजेश दीवान ने बताया कि बिना बिल के कच्चा माल ट्रक में लोड था, जिसको GST विभाग की टीम ने पकड़ा है. मामले में आगे की कार्रवाई जारी है.

बता दें कि सप्ताहभर पहले रायपुर GST विभाग की टीम ने बेमेतरा में रायपुर पासिंग ट्रक CG 04 JD 3551 को पकड़ा था. रायपुर से जबलपुर जा रही ट्रक में करीब 40 टन लोहा भरा था. लोहा रायपुर के एक बड़े इस्पात कारोबारी का बताया जा रहा है.

जीएसटी की लगातार कार्रवाई

जीएसटी की लगातार टीएमटी लदे वाहनों पर कार्रवाई से साफ प्रतीत हो रहा है कि लोहा कारोबारी बड़े पैमाने पर कच्चे बिल पर खरीदी-बिक्री कर रहे हैं, जिस पर जीएसटी विभाग की पैनी नजर है. लेकिन मामले में अब तक विभाग छोटी मछलियों को ही पकड़ता नजर आ रहा है. किसी बड़ी मछली पर कार्रवाई नहीं होने सवाल पैदा करता है.

नगर निगम के कचरा गाड़ियों के ड्राइवर हड़ताल पर, इधर शहर की सफाई और पेयजल आपूर्ति व्यवस्था हुई ठप…

रायपुर- प्लेसमेंट के जरिए काम कर रहे प्रदेश के अन्य नगरीय निकाय के साथ-साथ रायपुर नगर निगम के कचरा गाड़ियों के ड्राइवर अपनी मांगों को लेकर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल की वजह से शहर के 70 वार्डों में सफाई व्यवस्था के साथ-साथ पेयजल आपूर्ति व्यवस्था ठप हो गई है. 

प्लेसमेंट (ठेकेदार) के जरिए रायपुर के करीबन 400 के साथ पूरे प्रदेश में करीब 20 हजार से ज्यादा कर्मचारी आज से हड़ताल पर हैं. कर्मचारी ठेका प्रथा बंद करने के साथ सीधे वेतन भुगतान और 4000 रुपए श्रम सम्मान राशि देने की मांग कर रहे हैं.

रायपुर में कचरा गाड़ियों के ड्राइवर सुबह-सुबह अपनी-अपनी गाड़ी लेकर काम पर जाने की बजाए सीधे टिकरापारा थाने पहुंच कर अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत की. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा.