*कपड़े की दुकान में लगी आग, लाखों के सामान जल कर राख*

गोरखपुर- कस्बे में राम-जानकी मार्ग पर कुंआंनो नदी पुल से पहले स्थित एक कपड़े की दुकान में देर रात अचानक आग लग गई धुंऐं का गुबार और आग की लपटें देख कर आसपास के लोग दहशत में आ गए और घटना स्थल की ओर दौड़ पड़े।

कस्बे में राजेश कसौधन की सिद्धि वस्त्रालय के नाम से दो मंजिला मकान में कपड़े की दुकान है। रोज की तरह रात आठ बजे के बाद दुकान बंद हो चुकी थी। अचानक आग लगने की सूचना पर पहुंचे स्थानीय लोगों ने आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू कर दिए, इस बीच बदहवास हालत में चीख पुकार मचाते हुए राजेश कसौधन और उनके परिवारजन मदद और बचाव के लिए गुहार लगाते रहे। लगभग डेढ़ घंटे बाद कड़ी मशक्कत के बाद लोगों ने आग पर काबू पा लिया।

ठंड का मौसम होने के कारण आग आसपास के मकानों और दुकानों को अपनी जद में नहीं ले पाई। बताया जाता है कि दुकान में बिजली के शार्ट सर्किट के कारण आग लगी। हालांकि आग लगने के कारण की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

इस बीच सूचना पा कर आग लगने के लगभग डेढ़ घंटे बाद दमकल की गाड़ी भी मौके पर पहुंच गई किन्तु तब तक आग पर काबू पा लिया गया था। इस बीच दुकान में मौजूद कीमती कपड़े फर्नीचर और सारा सामान जल कर राख हो गया जो सामान बचे भी हैं वो आग की लपटों में झुलसने से पूरी तरह से खराब हो चुके हैं। दुकानदार और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार लाखों रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया गया है।

*जलसा-ए-सीरतुन्नबी के दूसरे दिन प्रतिभाओं का प्रदर्शन, विभिन्न प्रतियोगिता में बच्चों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा*

गोरखपुर- एमएसआई (मियां साहब इस्लामिया) इंटर कॉलेज बक्शीपुर में वार्षिक जलसा-ए-सीरतुन्नबी के तहत शुक्रवार को सानवी व जूनियर ग्रुप के छात्रों के बीच किरात (कुरआन पाठ), भाषण (तकरीर), इस्लामिक क्विज, साइंस क्विज व नातिया मुकाबला हुआ। वहीं पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रकृति के विभिन्न आयाम व रंग देखने को मिले। दूसरी तरफ कॉलेज परिसर में लगी दीनी तालीमी नुमाइश देखने को लोगों की भीड़ उमड़ी। 

मुख्य अतिथि एनआईओएस के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. शुएब रजा ने छात्रों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि जिले में कुछ कॉलेज आजादी से पहले खुले तो कुछ उसके बाद, लेकिन इन दोनों तरह के कॉलेजों में काफी अंतर है। स्वतंत्रा से पहले खुले कॉलेजों का एक मकसद यह भी था कि हमारी तहजीब के हिसाब से देश कैसे आगे बढ़े, इस दृष्टि से एमएसआई इंटर कॉलेज का अहम स्थान है। तहजीब और तकनीक का गुलदस्ता है यह कॉलेज। उन्होंने कहा कि इल्म वह नहीं जो आपने उससे सीखा है बल्कि इल्म वह है जो अमल और किरदार (चरित्र) से जाहिर होता है।

विशिष्ट अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. अमरकांत सिंह ने कहा कि देश की संस्कृति, एकता और सभ्यता ही भारत की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाती है, लेकिन पारंपरिक ज्ञान के साथ आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी को भी साथ लेकर चलने की जरूरत है। इस दौरान कॉलेज के प्रबंधक महबूब सईद हारिस, प्रधानाचार्य मो. नदीमुल्लाह अब्बासी, अरशद जमाल, अनवर ज्या, अब्दुस्सलाम, हफीजुल हसन, मो. इस्लाम, जफर अहमद खां, हसन जमाल बबुआ, कामिल खान, आसिम रऊफ, सलीम बेग, वलीउल इकबाल, इरशाद किदवई सहित शिक्षक, छात्र व परिजन आदि मौजूद रहे। 

मेधावियों को मिला ईनाम

कॉलेज के होनहार छात्र अनस अली, फैजान अहमद, अक्दस अली, हसनैन खान, मो. तलहा हुसैन, मो. फरहान अंसारी, मो. उस्मान, मो. उबैद खान, शेर अली, एहतेशाम अनवर, हसन रजा, मो. आतिफ खान, मो. अंसल खान, मो. हसन, जरयान खान, हस्सान अहद, मो. शहबाज, मो. गुलजार, मो. फरहान को गजाधर प्रसाद मेमोरियल एकडेमिक एक्सीलेंस अवार्ड और मो. हुमाम अजफर, आकिब अख्तर को सैयद हामिद अली एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। हॉकी के नेशनल चैम्पियनशिप में भाग लेने के लिए यसराब अमीन व जफर हुसैन को इनामों से नवाजा गया। इसके अलावा सोमनाथ यादव का सीआरपीएफ, अतुल यादव का इंडियन आर्मी, खुर्शीद आलम का यूपी पुलिस व दुर्गेश गुप्ता का इंडियन नेवी में चयन होने पर पुरस्कृत किया गया।

इन्होंने जीता मुकाबला 

किरात मुकाबले में असदुल्लाह, मो. अफ्फान अमानी, मो. हारिस, करीमा बानो, मो. ऐमन, मो. शहनवाज, जिक्रा अफरोज, अंजलना अंसारी, भाषण में फहद शाहिद, आयरा, गौसिया सिद्दीकी, सुफ्फा कौसर, आरुश फातिमा, मो. शान व इस्लामिक क्विज में मो. मंजर, मारिया निसार, अब्दुल कलीम, अलीना सेराज, मो. यमीन, मो. अली अज़हान को डॉ. शुएब रजा व डॉ. अमरकांत सिंह ने पुरस्कारों से नवाजा। 

आज के कार्यक्रम

शनिवार की सुबह आठ बजे से साइंस क्विज, सुबह नौ बजे से वाद-विवाद का मुकाबला होगा। सुबह दस बजे से विज्ञान प्रदर्शनी लगाई जाएगी। शाम चार बजे से पुरस्कार वितरण किया जाएगा। शाम 5:30 बजे से प्रदेश स्तरीय नातिया मुकाबला होगा।

*सात विभाग मिल कर चलाएंगे पल्स पोलियो अभियान, उदासीन परिवारों को भी करेंगे प्रेरित*

गोरखपुर। में आठ दिसम्बर से शुरू हो रहे पल्स पोलियो अभियान को सफल बनाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा ने सात विभागों की जिम्मेदारी तय की है। उन्होंने पत्र जारी कर इन विभागों को विस्तृत दिशा निर्देश दिये हैं। पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने में सहयोग करने के साथ साथ यह विभाग उदासीन (इंकारी) परिवारों को भी प्रेरित करेंगे ताकि उनके घर के बच्चे दवा पी सकें। साथ ही घर घर भ्रमण के दौरान पल्स पोलियो की टीम को खसरा के संभावित मरीजों की रिपोर्ट भी स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर करनी होगी।

मुख्य विकास अधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, आपूर्ति विभाग, नगर निकाय विभाग, पंचायती राज विभाग, आईसीडीएस और बेसिक शिक्षा विभाग को पत्र जारी कर अभियान में सहयोग करने का निर्देश दिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि पत्र के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता और स्थानीय पल्स पोलियो की टीम को पहले से ही अध्यापक, शिक्षामित्र, ग्राम प्रधान या वार्ड मेंबर अथवा उत्तरदायी व्यक्ति, धर्मगुरू और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से सम्पर्क कर गतिविधियों का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराना है। सुपरवाइजर इस कार्य का फॉलो अप करेंगे। सभी अधीक्षक अभियान के दौरान नियमित सांध्यकालीन बैठकें कर समीक्षा करेंगे और डब्ल्यूएचओ व यूनिसेफ के फीडबैक के आधार पर गैप्स को दूर करेंगे। पोलियो की प्रत्येक टीम को फीवर बिद रैश (संभावित खसरा) मरीजों की रिपोर्ट भी करनी होगी।

सीएमओ डॉ दूबे ने बताया कि दिसम्बर 2023 में चले पल्स पोलियो अभियान के दौरान करीब 8.93 लाख घरों के 6.47 लाख बच्चों को दवा पिलाई गई थी। इस वर्ष आठ दिसम्बर को जिले भर में बूथ पर दवा पिलाई जाएगी । नौ से तेरह दिसम्बर तक पल्स पोलियो की टीम घर घर जाकर दवा पिलाएंगी। छूटे हुए बच्चों को बी टीम द्वारा 16 दिसम्बर को दवा पिलाई जाएगी। इसके बाद सत्रह दिसम्बर को इन राउंड सर्वे कर पता लगाया जाएगा कि कहीं कोई अन्य बच्चा छूट तो नहीं रह गया है। ऐसे बच्चों को भी दवा पिलाई जाती है। बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश है कि अभियान के बूथ दिवस पर आठ दिसम्बर को सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक खुले रखे जाएं। एक दिन पहले रैली निकाली जाए और बुलावा टोली की मदद से पांच वर्ष तक के बच्चों को बुला कर पल्स पोलियो की दवा पिलाई जाए। सभी शिक्षा विभाग के सुपरवाइजर भी सांध्यकालीन बैठक में प्रतिभाग अवश्य करें।

माताओं को प्रेरित करें आंगनबाड़ी सहायिका

सीडीओ द्वारा जारी पत्र के मुताबिक आईसीडीएस से जुड़ी आंगनबाड़ी सहायिका को अपने केंद्र पर पंजीकृत तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों को बूथ तक लाकर दवा पिलवानी है । तीन वर्ष के कम उम्र के बच्चों की माताओं को प्रेरित करना है कि वह बूथ पर पहुंच कर अपने पाल्यों को दवा पिलाएं। गांवों में ग्राम प्रधान या ग्राम सचिव और नगरों में वहां के जनप्रतिनिधि या वार्ड मेंबर के जरिये बूथ का उद्घाटन करने के साथ साथ उदासीन (इंकारी) परिवारों को स्थानीय प्रभावशाली लोगों के सहयोग से दवा पिलवाने के लिए तैयार करने को कहा गया है। आपूर्ति विभाग से जुड़े कोटेदार और राजस्व विभाग से जुड़े लेखपालों को भी प्रभावशाली लोगों की मदद से बच्चों के दवा पिलवाने का निर्देश जारी किया गया है।

हर शोधार्थी एक पौधा गोद लेगा और उसकी देखभाल करेगा,कुलपति की प्रेरणा से शुरू हुआ अभियान

गोरखपुर।अंग्रेज़ी विभाग ने “माई कैंपस, माई प्राइड, माई रिस्पॉन्सिबिलिटी” नामक एक प्रेरणादायक पहल शुरू की है, जो पर्यावरणीय जागरूकता और व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। यह पहल परिसर को स्वच्छ, पर्यावरण-अनुकूल और शैक्षणिक रूप से जीवंत बनाए रखने की आवश्यकता पर बल देती है।

आज शोधार्थियों के साथ विभागाध्यक्ष प्रो. अजय शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि विभाग के प्रत्येक शोधार्थी एक पौधा गोद लेंगे और उसे विभाग की गलियारे में गमले में लगाएंगे। हर पौधे पर शोधार्थी का नाम लिखा जाएगा, और वह उसकी देखभाल की ज़िम्मेदारी लेंगे। यह अनूठी पहल विभाग की पर्यावरणीय चेतना और सुंदरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

प्रो शुक्ला ने बताया कि यह पहल कुलपति प्रो. पूनम टंडन की प्रेरणा से शुरू हुई, जिन्होंने अंग्रेज़ी विभाग द्वारा उठाए गए इस सराहनीय कदम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसी पहल छात्रों में स्वामित्व और ज़िम्मेदारी की भावना विकसित करने के लिए समय की आवश्यकता है।

विभागाध्यक्ष प्रो. अजय शुक्ला ने विश्वास व्यक्त किया कि शोधार्थियों के प्रयासों से विभाग बहुत जल्द हरियाली और जीवन्तता से भर जाएगा। यह पहल एक स्थायी और प्रेरणादायक शैक्षणिक वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया यह पहल अगले हफ़्ते शुरू होगी .

आज अंग्रेज़ी विभाग के शोधार्थी करेंगे काव्य पाठ

अंग्रेज़ी विभाग के शोधार्थी विभाग में शनिवार को “शब्द एंड स्टैंजा” नामक कार्यक्रम के अंतर्गत काव्य पाठ करेंगे। इस कार्यक्रम में शोधार्थी अपनी हिंदी एवं अंग्रेजी में लिखित स्वरचित कविताओं का पाठ करेंगे और अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करेंगे।विभागाध्यक्ष प्रो. अजय शुक्ला ने बताया कि यह कार्यक्रम शोधार्थियों की साहित्यिक प्रतिभा को बढ़ावा देने और उनके विचारों को मंच प्रदान करने का एक प्रयास है। उन्होंने यह भी बताया कि इन कविताओं को एक कविता संग्रह के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है, जो शोधार्थियों की रचनात्मक यात्रा का दस्तावेज़ होगा।

यह आयोजन विभाग के साहित्यिक और सांस्कृतिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम के माध्यम से शोधार्थी अपनी लेखनी और विचारों के माध्यम से समाज को प्रेरित करने का प्रयास करेंगे।

सीएम सिटी में यह कैसा खेल, 8 सालों से अपनी ही जमीन पर काबिज होने की लड़ाई लड़ रहा पीड़ित

गोरखपुर। प्रदेश में सुशासन का दावा करने वाली योगी सरकार अपने ही जिले में पूरी तरीके से फेल नजर आ रही है। पिछले 8 वर्षों से अपनी ही जमीन पर काबिज होने के लिए पीड़ित दर-दर भटक रहा है। सरकारी मशनरी स्थानीय भू माफियाओं से मिलकर पीड़ित की जमीन का बंदर बाट करने में लगी हुई है। पीड़ित को बार-बार जान माल की धमकी भी मिल रही है, ऐसे में अपने पुश्तैनी जमीन की चाह में पीड़ित लगातार न्याय की गुहार लगा रहा है।

मामला मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर के चलवा लाल थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव का है जहां पर पाटीदारों की दबंगई से त्रस्त पीड़ित राजाराम पिछले 8 साल से न्याय की गुहार लगा रहा है दबंग पाटीदारों ने पीड़ित को कई बार जान माल की धमकी हुई थी है ऐसे में पाटीदारों ने कीमती जमीन को बेचकर पीड़ित को मिलने वाले सरकारी मुआवजे को भी स्थानीय लेखपाल की मिली भगत से अपने खाते में मंगा लिया है। पीड़ित राजाराम न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

मामला न्यायालय में विचाराधीन उसके बावजूद लेखपाल लगातार दबंग पाटीदारों से मिलकर पीड़ित की जमीन को कागजी खेल में उलझाए हुए हैं। वही निषाद पार्टी के महानगर अध्यक्ष सुग्रीव निषाद जो कि इस गांव के रहने वाले हैं और पीड़ित की मदद कर रहे हैं उनका आरोप है कि लेखपाल ने दबंग पाटीदारों से लाखों रुपए लेकर पीड़ित को मुआवजा और उनकी जमीन से मरहूम कर दिया है। जिसको लेकर वह पीड़ित के साथ लगातार न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं।

दक्षता परीक्षा नेट निपुण एसेसमेंट टेस्ट शुचिता पूर्ण हुई सम्पन्न

गोला गोरखपुर।गोला तहसील क्षेत्र के विकास खंड बड़हलगंज में स्थित प्राथमिक विद्यालय भीटी बाल एवं प्राथमिक विद्यालय धोबौली में कक्षा 1 से कक्षा 3 तक के बच्चों का बुधवार को बच्चों का मौखिक परीक्षा बेसिक विभाग द्वारा ओएमआर शीट पर आयोजित होने वाली दक्षता परीक्षा नेट निपुण एसेसमेंट टेस्ट शुचिता पूर्ण रूप से सम्पन्न हुई। इस परीक्षा के संदर्भ में प्रधानाध्यापक हरि लाल निषाद ने बताया कि कक्षा 1 से कक्षा 3 तक के बच्चों की मौखिक परीक्षा बुधवार को ही सम्पन्न हो गई है।

परीक्षा में बच्चे शत प्रतिशत उपस्थित थे और बच्चे पहली बार इस तरह की परीक्षा से काफी उत्साहित भी थे।जिसे शिक्षकों द्बारा कक्षा 1 से कक्षा 3 तक के बच्चों का उत्तर पत्रक भी भरा गया और कक्षा 4 और 5 तक के बच्चों की परीक्षा आज गुरुवार को सम्पन्न हुई। जिसमें कक्षा 4 में 30 प्रश्न और कक्षा 5 में 30 प्रश्न जिसमें हिन्दी गणित अंग्रेजी और पर्यावरण के प्रश्न बच्चों द्बारा उत्तर पत्रक पर काले बाल पेन से उत्तर भरा गया। उसके पश्चात परख ऐप के माध्यम से स्कैन करके सम्मिट किया गया और इस परीक्षा के लिए पर्यवेक्षक के रूप में प्राथमिक विद्यालय चौबौली के सहायक अध्यापक सिद्धार्थ प्रिय गौतम एवं प्राथमिक विद्यालय चौबौली पर प्राथमिक विद्यालय भीटी बाल के सहायक अध्यापक धर्मेंद्र कुमार राव एवं प्राथमिक विद्यालय धोबौली पर प्राथमिक विद्यालय भीटी बाल की शिक्षा मित्र सरिता देवी नियुक्त थे। इस परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए प्रधानाध्यापक हरि लाल निषाद अर्चना जायसवाल राम किशुन सिंह रीता सिंह प्रशांत राय का सहयोग काफी सराहनीय रहा।

जरलही स्कूल की व्यवस्थाएं बदहाल, सरकारी धन की बर्बादी

खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले पिपरौली ब्लॉक के ग्राम सभा जरलही में स्थित कंपोजिट स्कूल की स्थिति और व्यवस्थाएं पूरी तरह से बदहाली का शिकार हैं। स्कूल में प्रधानाध्यापक और शिक्षक शिक्षिकाएं नियत समय पर नहीं आते हैं। विद्यालय में कुल 109 बच्चों का नामांकन हुआ है जिन्हें पढ़ाने के लिए 6 शिक्षकों और 2 शिक्षामित्रों की नियुक्ति की गई है। किन्तु मौके पर पहुंचने पर कुल दर्जन भर बच्चे परिसर में मौजूद पाए गए।

संवाददाता के अचानक स्कूल में पहुंचने पर इंचार्ज प्रधानाध्यापक ने तीखा आक्रोश जताते हुए कहा कि आप की हिम्मत कैसे हुई स्कूल में जांच के लिए आने की, यहां तक कि प्रधानाध्यापक ने स्कूल के कमरों और परिसर की तथा सफाई व्यवस्था,रंगाई-पुताई की बदहाल स्थिति की फोटो लेने पर भी नाराजगी जताते हुए विरोध किया, जिससे दूर से ही स्कूल की फोटो खींचनी पड़ी। बीते दिनों गांव के निवासी उपेंद्र सिंह द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी पिपरौली को पत्र भेजकर स्कूल में व्याप्त अनियमितताओं की शिकायत करते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की गई है।

मौके पर जांच के लिए पहुंचने पर स्कूल की बदहाल व्यवस्थाओं की पुष्टि हुई है।

स्कूल की रंगाई पुताई नहीं हुई है कमरों में सीलन, गंदगी और दुर्गंध आती है जहां बैठना भी मुश्किल है। बाउंड्री वॉल और गेट का निर्माण नहीं हुआ है। बगल में स्थित खेतों में काम कर रहे गांव के किसानों राम सिंगार,हरखू और कपिल ने पूछने पर बताया कि स्कूल में शिक्षकों और बच्चों के आने जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है कभी 9 बजे तो कभी 10 या 10.30 बजे आते हैं और समय से पहले ही दोपहर में चले जाते हैं। बच्चे आते ही नहीं हैं। प्रधानाध्यापक ने उपस्थिती रजिस्टर दिखाने से इंकार कर दिया और कहा कि रजिस्टर चेक करने का अधिकार सिर्फ हमारे विभागीय अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को है। इतना ही नहीं अपशब्दों का प्रयोग करते हुए जांच के लिए पहुंचने पर आक्रोश जताया गया।

मिली जानकारी के अनुसार 100 से अधिक विद्यार्थियों की संख्या होने पर कंपोजिट स्कूलों में शासन द्वारा मेंटिनेंस के लिए वर्ष में 50 हजार रुपए दिए जाते हैं। किंतु आमी नदी की बाढ़ में वर्ष में लगभग 2 महीने तक बाढ़ के पानी में डूबा रहने वाला जरलहीं का कंपोजिट स्कूल वर्ष भर बदहाल गंदा,मैला, कुचैला, सीलन भरी चिपचिपी दीवारों तथा अव्यवस्थाओं का शिकार बना रहता है।

शिकायतकर्ता उपेंद्र सिंह के आरोपों स्कूल में कंपोजिट ग्रांट के धन का दुरूपयोग, बर्तन, स्पोर्ट्स ग्रांट, मिड-डे-मील के कन्वर्जन कास्ट का दुरूपयोग, टीएलएम ग्रांट तथा बच्चों के फल और दूध वितरण में बच्चों की संख्या के अनुपात में धांधली और सरकारी धन के खुलेआम दुरूपयोग की सभी शिकायतें सच साबित होती नजर आती हैं, यदि निश्पक्षता से जांच की जाए तो स्कूल की बदहाली की पोल स्वत: खुल जाएगी?।

इस संदर्भ में बीएसए गोरखपुर रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि शिकायत मिली है जांच के लिए बीईओ पिपरौली को आदेश दिया गया है रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

अंग्रेजी विभाग की मासिक पत्रिका साहित्य विमर्श के 13वें संस्करण का कुलपति ने किया विमोचन

गोरखपुर । डीडीयू विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका "साहित्य विमर्श" के 13वें संस्करण का विमोचन विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रोफेसर पूनम टंडन द्वारा किया गया। यह विशेष संस्करण अक्टूबर माह के प्रमुख त्योहारों पर आधारित है और इसके कवर पेज को इसी को ध्यान में रखकर विद्यार्थियों के द्वारा तैयार किया गया है .पत्रिका में त्योहारों की थीम पर आधारित रचनाओं के साथ-साथ विभाग द्वारा आयोजित स्वच्छ भारत अभियान की शपथ, टेल्स एंड ट्रीविया प्रतियोगिता, व्हिस्पर आॅफ द म्यूज, और वैल्यू एडेड कोर्स के अंतर्गत आयोजित गतिविधियों को भी सम्मिलित किया गया है।

इस अंक में विद्यार्थियों द्वारा लिखी गई कविताओं को विशेष रूप से सराहा गया है। "साहित्य विमर्श" पूर्णत: छात्र-छात्राओं द्वारा संचालित पत्रिका है, जिसमें लेखन और संपादन का कार्य विद्यार्थी स्वयं करते हैं। इस संस्करण का संपादन प्रथम सेमेस्टर की तीन मेधावी छात्राओं - अंजू उपाध्याय, अनुप्रिया मिश्रा और सोनम जायसवाल ने किया है। अपने संपादन कौशल और रचनात्मक दृष्टिकोण से उन्होंने पत्रिका को एक नया आयाम प्रदान किया है।

इस अवसर पर कुलपति, प्रोफेसर पूनम टंडन ने छात्रों के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा, कि साहित्य विमर्श न केवल विद्यार्थियों की रचनात्मकता को मंच प्रदान करता है, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास और संपादन कौशल को भी निखारता है। यह पत्रिका विभाग और विश्वविद्यालय की सामूहिक उपलब्धियों का परिचायक है।अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर अजय कुमार शुक्ला ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमारे विभाग के छात्र-छात्राओं ने 'साहित्य विमर्श' के माध्यम से अपनी रचनात्मकता और संपादन कौशल को एक नई दिशा दी है। यह पत्रिका उनके विचारों और प्रतिभाओं को व्यक्त करने का अद्भुत मंच है।

इस अवसर पर विद्यार्थियों के रचनात्मक प्रयासों और विभागीय पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। "साहित्य विमर्श" को विश्वविद्यालय और विभाग के नवाचारों का प्रतीक माना गया।इस अवसर पर शोध छात्र नितेश सिंह, जेहरा शमशीर तथा छवि मिश्रा भी उपस्थित रहे।

गोरखपुर में वर्किंग वूमन हॉस्टल की जरूरत, सांसद रवि किशन ने केंद्र सरकार से की अपील

गोरखपुर: पूर्वांचल का सबसे बड़ा महानगर गोरखपुर न केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों का भी प्रमुख केंद्र है। यहाँ एम्स (AIIMS), पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय, फर्टिलाइजर कारखाना, इंडस्ट्रियल एरिया और अन्य सरकारी एवं निजी संस्थानों में हजारों महिलाएं काम करती हैं। साथ ही, गोरखपुर में विभिन्न क्षेत्रों से आने वाली कामकाजी महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।

सांसद रवि किशन शुक्ला ने इस संदर्भ में केंद्र सरकार से मांग की है कि गोरखपुर में कामकाजी महिलाओं के लिए 500 कमरों वाला एक अत्याधुनिक वर्किंग वूमन हॉस्टल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि गोरखपुर न केवल एक महानगर है, बल्कि इसके एयर फोर्स स्टेशन, हवाई अड्डा और विशाल रेलवे नेटवर्क के कारण आसपास के 20 जिलों के लोग अपनी विभिन्न जरूरतों के लिए यहां आते हैं।

सांसद ने बताया कि गोरखपुर में बड़ी संख्या में महिलाएं नौकरी और अन्य व्यवसायों के लिए दूर-दूर से आती हैं, लेकिन उनके ठहरने के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक आवास का अभाव है। महिलाओं को इस कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वर्किंग वूमन हॉस्टल के निर्माण से उनकी सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित हो सकेगी।

उन्होंने केंद्र सरकार से इस परियोजना के लिए तुरंत केंद्रीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया, ताकि कामकाजी महिलाओं को एक सुरक्षित और आरामदायक माहौल में रहने का अवसर मिले और वे अपने जीवन में बेहतर योगदान दे सकें।

कुपोषित बच्चों के जीवन में मिशन खिलखिलाहट ने लाया मुस्कान

गोरखपुर। जनपद गोरखपुर में बाल विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे नवाचारी कदम मिशन खिलखिलाहट ने कुपोषित बच्चों के जीवन में अहम बदलाव लाया है. आज मुख्य विकास अधिकारी संजय मीना द्वारा मिशन खिलखिलाहट के अंतर्गत अपने गोद लिए बच्चे श्रेयांश का घर भ्रमण किया गया. श्रेयांश को जब सीडीओ संजय मीना ने गोद लिया था तो उसका वजन सात किलोग्राम था, मात्र तीन महीने में बच्चे का वजन दो किलोग्राम बढ़ गया और बच्चा आज कुपोषण की श्रेणी से बाहर निकल कर पूर्ण स्वस्थ हो गया है.

मिशन खिलखिलाहट के अंतर्गत सीडीओ के नेतृत्व में जनपद और ब्लॉक के विभिन्न अधिकारियों द्वारा कुपोषित बच्चों को गोद लेकर स्वेच्छा से पोषण पोटली प्रदान की जा रही है, अब तक 86 बच्चे इस मिशन से कुपोषण से बाहर आ चुके हैं. पूर्व में भी आराध्या नामक बच्ची को सीडीओ और डीपीओ अभिनव मिश्रा ने परी नामक बच्ची को इस मिशन के तहत गोद लेकर स्वस्थ और सुपोषित किया था.

पुनः सीडीओ ने श्रेयांश नामक बच्चे को गोद लिया . सिविल लाइंस के झुग्गी में रहने वाले श्रेयांश के पिता संजय सब्जी का ठेला लगाते हैं और माता चंदा गृहिणी हैं . तीन माह पूर्व जब सीडीओ ने बच्चे को गोद लिया तो उसका वजन सात किलोग्राम था , आज बच्चे का वजन तीन महीने में सात किलो से बढ़कर नौ किलोग्राम हो गया है. बच्चा पहले अति कुपोषित था, अब पूर्ण रूप से स्वस्थ है.

जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर अभिनव मिश्रा ने इस मिशन को बताया बहुत प्रभावकारी

जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव मिश्रा ने अवगत कराया की विभागीय सेवाओं के अलावा इस मिशन के अंतर्गत अधिकारियों द्वारा कुपोषित बच्चों को स्वेच्छा से पोषण पोटली प्रदान की जा रही है जिसमे गुड़, चना, सहजन,दाल, केले, सेब, मौसमी हरी सब्जियां आदि होते हैं. इन बच्चों का नियमित वजन ऊँचाई लिया जा रहा है, आंगनबाड़ी और एएनएम के माध्यम से समय समय पर दवाएं भी उपलब्ध करायी जा रही है. जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा, समाज कल्याण अधिकारी, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, जिला युवा कल्याण अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी , असिस्टेंट लेबर कमिश्नर समेत सभी खंड विकास अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, सभी खंड शिक्षा अधिकारी, एडीओ पंचायत, चिकित्सा अधीक्षक, पूर्ति निरीक्षक , मुख्य सेविकाएं आदि कुपोषित बच्चों को इस मिशन के अंतर्गत गोद लेकर उनके जीवन में अहम बदलाव ला रहे हैं.

उल्लेखनीय है की जनपद गोरखपुर भ्रमण के दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और महिला बाल विकास की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने भी बाल विकास गोरखपुर के इस मिशन की सराहना करते हुए पूरे प्रदेश में लागू करने की बात कही.