हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को जारी किया सख्त निर्देश, 7 दिनों के भीतर करें डीएलएड डिप्लोमा धारकों की नियुक्ति

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने डीएलएड डिप्लोमा धारकों को प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक के पद पर नियुक्ति देने के लिए राज्य सरकार को सख्त निर्देश जारी किया है. जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच ने राज्य शासन से कहा है कि सात दिनों के भीतर डीएलएड डिप्लोमा धारकों की चयन सूची जारी करें, जिनको प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी जानी है. अवमानना याचिका पर अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी.

दरअसल, डीएलएड डिप्लोमा धारकों ने हाईकोर्ट में चौथी बार अवमानना याचिका लगाई है. जिस पर सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच ने राज्य सरकार के रवैये को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा, कि सुप्रीम कोर्ट और उसके बाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद भी राज्य सरकार आदेश का परिपालन करने के बजाय लगातार अवहेलना कर रही है. अवमानना याचिका की पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जोड़कर उनकी बातें सुनी थी. विभागीय अधिकारियों के जवाब सुनने के बाद कोर्ट ने 21 दिनों के भीतर प्राइमरी स्कूलों में नौकरी कर रहे बीएड डिग्रीधारकों को बाहर निकालने और उनकी जगह मेरिट के आधार पर डीएलएड डिप्लोमा धारकों को नियुक्ति देने के लिए सूची जारी करने कहा था. हाईकोर्ट द्वारा तय की गई समय सीमा बीते जाने के बाद भी जब राज्य शासन की ओर से नियुक्ति देने के संबंध में प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई तब डिप्लोमा धारकों ने न्यायालीयन आदेश की अवहलेना का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है.

मामले में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसर ने बताया कि डीएलएड डिप्लोमा धारकों की मेरिट के आधार पर सूची बनाने और जारी करने की जिम्मेदारी व्यापम को दी गई है. व्यापम की ओर से इस संबंध में विलंब किया जा रहा है.

नाराज कोर्ट ने कहा कि इस पूरे मामले में जानबुझकर न्यायालय का समय बर्बाद किया जा रहा है. कोर्ट ने राज्य शासन को अंतिम अवसर देते हुए सात दिनों के भीतर मेरिट के आधार पर डीएलएड अभ्यर्थियों की सूची जारी करने और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है.

Chhattisgarh Weather Update: चक्रवाती तूफान ‘फेंजल’ का असर, आज हो सकती है बारिश

रायपुर-  चक्रवाती तूफान ‘फेंजल’ दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है. इसके पश्चिम- उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है. इसके प्रभाव से 30 नवम्बर से एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है. शुक्रवार को राजधानी में न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री और माना एयरपोर्ट में 13.9 डिग्री दर्ज किया गया.

मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफान के प्रभाव से 30 नवम्बर से छत्तीसगढ़ में एक-दो स्थानों पर बारिश हो सकती है. इसके प्रभाव से राज्य में नमी का प्रवेश हो रहा है. राजधानी सहित कई स्थानों पर आकाश के आंशिक मेघमय रहने की संभावना है. प्रदेश के कुछ जिलों में सुबह कोहरा छाए रहने की भी संभावना जताई गई है. शुक्रवार को प्रदेश में सबसे कम 7.2 डिग्री तापमान अंबिकापुर में और 9.4 डिग्री पेण्ड्रारोड में दर्ज किया गया. दुर्ग में न्यूनतम तापमान 12 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य से 3.6 डिग्री कम है. रायपुर में अधिकतम तापमान 29.6 और न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री दर्ज किया गया. 30 नवम्बर को रायपुर का अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 29 और 17 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है.

विदेशी पर्यटक पहुंचे जीपीएम, प्राकृतिक सौंदर्य और पारंपरिक संस्कृति का लिया आनंद, कलेक्टर ने की मेहमाननवाजी
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही-  जिला प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है. राज्य शासन की पहल से जिले के पर्यटन स्थलों को सवांरा जा रहा है. इसी क्रम में विदेश से आए सैलानियों ने जिले के पर्यटन स्थलों, पारंपरिक संस्कृति और भोजन का आनंद लिया. इसके साथ ही बैलगाड़ी की भी सवारी की.

बता दें कि जीपीएम जिले के प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पर्यटन स्थलों के प्रति प्रदेश और देश ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी आकर्षित हो रहे हैं. जिले की सांस्कृतिक विरासत से ओतप्रोत लमना गांव में पर्यटकों की सुविधा के लिए जिला प्रशासन द्वारा कम्युनिटी विलेज स्टे बनाया गया है. हाल ही में लमना में नीदरलैंड के दो विदेशी सैलानियों, मिस अनौक वीनेमा और मिस्टर हरमन जोहान्स वान डेर हैजडेन ने प्राकृतिक खूबसूरती, पारंपरिक संस्कृति और स्थानीय भोजन का भरपूर आनंद लिया.

कलेक्टर ने की मेहमाननवाजी

कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने दोनों विदेशी पर्यटकों से मुलाकात की और जिले में उनके आगमन पर बधाई दी तथा उन्हें अपने साथ लमना, पूटा और बस्ती बगरा ग्राम पंचायतों का भ्रमण कराया. दोनों विदेशी सैलानियों ने जिले की सबसे ऊंचे और विशाल झरना झोझा जलप्रतात का भी भ्रमण किया और स्थानीय पर्यटन समिति द्वारा बनाए गए पारंपरिक भोजन का लुफ्त उठाया. विदेशी सैलानियों ने बैलगाड़ी में भी सवार होकर पर्यटन का खूब मजा लिया. दोनों विदेशी पर्यटक पहली बार भारत भ्रमण पर आए हैं.

अधिकारी बॉलीवुड स्टार नहीं: हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने पुलिस अधिकारियों को लगाई कड़ी फटकार

बिलासपुर-  हाईकोर्ट ने सक्ती जिले के डभरा थाना में दर्ज एक मामले की जांच में 8 माह की देरी और एफआईआर को चुनौती देने के मामले में पुलिस अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है. मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा, “अधिकारियों की रोज फोटो छप रही है, लेकिन वे अपने काम में लापरवाही बरत रहे हैं. अधिकारी बॉलीवुड स्टार नहीं हैं.” मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच में हुई.

दरअसल, डभरा थाने में 25 अप्रैल 2024 को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 408 और 420 के तहत मामला दर्ज किया गया था. एफआईआर को चुनौती देते हुए एक आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी ने उपस्थित होकर कोर्ट को बताया कि एफआईआर दर्ज होने के 8 माह बाद भी इसे उजागर नहीं किया गया और जांच में कोई प्रगति नहीं हई है.

चीफ जस्टिस ने इस लापरवाही के लिए अफसरों को जमकर फटकार लगाई. चीफ जस्टिस सिन्हा ने कहा कि अफसरों की रोज मीडिया में फाेटो छप रही है. जो काम उनकी ड्यूटी में शामिल है वही नहीं कर रहे हैं. चीफ जस्टिस की नाराजगी यहीं पर कम नहीं हुई, उन्हाेंने कहा कि अफसर अपने आपको बॉलीवुड स्टार समझते हैं क्या. वे कोई बालीवुड स्टार नहीं है जो पलक झपकते काम पूरा कर लेंगे. पेंडेंसी को लेकर उनकी नाराजगी सामने आई है. इसी तरह के एक अन्य प्रकरण के साथ इस मामले को मर्ज करने व दोनों मामलों की एक साथ दो दिसंबर को सुनवाई करने का निर्देश दिया है.

पोटाश बम से घायल हाथी की सलामती में जुटे 30 से ज्यादा अफसर, कर्मचारी और एक डॉक्टर, स्थिति में आई सुधार, CCF ने शावक का नाम रखा अघन

गरियाबंद-  पोटाश बम से घायल हाथी शावक के रेस्क्यू का आज तीसरा दिन था. घायल शावक को भले उसकी मां और झुंड छोड़कर चला गया हो पर उदंती सीता नदी अभ्यारण नन्हें शावक को भरपूर दुलार दे रही है. शावक की सलामती में उपनिदेशक वरुण जैन के नेतृत्व में 30 अफसर, कर्मी के अलावा दो महावत व वाइल्ड लाइफ चिकित्सक डॉक्टर राकेश वर्मा 24 घंटे शावक की निगरानी व उसके मूमेंट में लगे हुए हैं.

शुरू के दो दिनों तक शावक का व्यवहार टीम को अटपटा लग रहा था, पर अब शावक भी माहौल में घुल मिल गया है. आज ऑपरेशन को देखने सीसीएफ सतोविषा समाजदार रिसगांव रेंज के सालेहभाठ पहुंची थी. शावक को स्वास्थ्य करने चलाए जा रहे अभियान को करीब से देखा. शावक के सकारात्मक व्यवहार को देखते हुए महिला अफसर अपने आप को रोक नहीं पाई और शावक का नामकरण कर अघन नाम रख दिया.

मां 5 किमी दायरे में, दल का मूवमेंट भी बदला

मामले में उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि मां को ट्रैक्टर टीम ने 5 किमी की परिधि में ट्रैक किया है. आमामोरा ओड से आगे बढ़ चुके दल का मूवमेंट भी बदला हुआ है. दल वापस हो रही है. स्वस्थ होने में शावक को सप्ताहभर का समय लग जाएगा. स्थिति में उसकी सुधार आ रही है. ठीक होते ही शावक को मां से मिला देंगे.

बेहोश नहीं सोने वाली एनस्थीसिया का किया उपयोग

उपचार कर रहे डॉक्टर राकेश वर्मा ने बताया कि हाथी को डॉट करने पहली बार डीस एसेटिव एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया गया. शावक कमजोर था इसलिए उसे पूरी बेहोश के बजाए नींद आने इस दवा का इस्तेमाल हुआ. हाथी को ड्रिप लगाए जा रहे. एंटीबायोटिक के अलावा जीभ के छाले भरने उसे हल्दी और ग्लिसरीन लगाया गया है.हाथी की हालत में सुधार दिख रहा है.

महिला एवं बाल विकास विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला, जिला कार्यक्रम अधिकारी हुए इधर से उधर, देखें लिस्ट…
रायपुर-  साय सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला किया है. प्रशासनिक आधार पर 15 उप संचालक जिला कार्यक्रम अधिकारियों काे इधर से उधर किया गया है. इसका आदेश आज महिला एवं बाल विकास विभाग ने जारी किया है.
सफारी में टेंडर निरस्त करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे दैनिक वेतनभोगी, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

रायपुर-    छत्तीसगढ़ के टाइगर सफारी, लायन सफारी, भालू सफारी, एवं अन्य के लिए टेंडर जारी किया गया है. टेंडर जारी होते ही दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है. सैंकड़ों की संख्या में आज दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने नंदनवन, जंगल सफारी के सामने बैठकर धरना प्रदर्शन किया है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि 3 दिन के भीतर इस निविदा (टेंडर) को वापिस लिया जाए. वहीं मांग पूरी न होने पर उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की चेतावनी दी है.

दरअसल धरना प्रदर्शन पर बैठे सभी कर्मचारी दैनिक वेतन मान पर कार्यरत हैं. वहीं अचानक निविदा जारी होने की स्थिति में उनमें यह डर बैठ गया है कि टेंडर जिन्हें भी मिलेगा वे अपने लोगों को काम पर रखेंगे, जिससे उनकी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी. इसके चलते सभी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने सरकार से इस निविदा को वापिस लेने की मांग को लेकर आज प्रदर्शन किया है.

पानी को बनाया नहीं जा सकता, केवल बचाया जा सकता है : पद्मश्री उमा शंकर पांडे

रायपुर-   छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र (CGSCCC) द्वारा नवा रायपुर अटल नगर स्थित अरण्य भवन में ”सतत आवास और कृषि क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन कार्य योजना (APCC) के क्रियान्वयन” पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एयर कंडीशनर तापमान विनियमन पर पोस्टर और जलवायु परिवर्तन से संबंधित 100 सफलता कहानियों पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन किया गया।

कार्यशाला में पद्मश्री उमा शंकर पांडे ने नवा रायपुर अटल नगर स्थित अरण्य भवन में आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में जल संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जल संकट आज विश्व की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। उन्होंने यह बात दोहराई कि पानी बनाया नहीं जा सकता, केवल बचाया जा सकता है। उन्होंने सभी से जल बचाने की अपील की और इस दिशा में ठोस व सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण के लिए संग्रहालय और विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। साथ ही, उन्होंने यह सुझाव दिया कि छात्रों को पानी बचाने के उपायों पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाए और ”पानी की पाठशाला” जैसी पहल शुरू की जाए, ताकि जल के महत्व और उसके संरक्षण की तकनीकों को लोगों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी पद्धतियां अपनाई जानी चाहिए, जिनसे घर का पानी घर में, गांव का पानी गांव में और जंगल का पानी जंगल में ही संरक्षित रहे। उन्होंने नया रायपुर में मौजूद जल संरचनाओं और जलाशयों की सराहना की। इसके अलावा, उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में किए गए प्रयासों की प्रशंसा की और नदियों को स्वच्छ रखने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख वी. श्रीनिवास राव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या को कम करने के लिए समुदाय की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस दिशा में ”प्लास्टिक का उपयोग न करने” और आम जनता के बीच जागरूकता फैलाने पर जोर दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी), हरित भवन (ग्रीन बिल्डिंग), और हरित इस्पात (ग्रीन स्टील) जैसे नवाचारी उपायों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समुदाय के प्रत्येक सदस्य को अपनी भूमिका समझनी होगी और पर्यावरण अनुकूल आदतें विकसित करनी होंगी। साथ ही, उन्होंने जोर दिया कि जागरूकता अभियानों और स्थानीय स्तर पर प्रयासों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है।

कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरुण कुमार पांडे ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सतत आवास और कृषि क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन से जुड़े प्रभावी समाधान खोजने के साथ-साथ (APCC) के तहत बनाई गई रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा करना है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र (CGSCCC) राज्य की जलवायु परिवर्तन संबंधी समस्याओं को सुलझाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री और वन मंत्री के नेतृत्व में तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख के मार्गदर्शन में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नीतियों और योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया जा रहा है।

कार्यशाला में आबकारी विभाग की सचिव एवं आयुक्त आर. संगीता, आईआईटी मुंबई के क्लाइमेट स्टडीज विभाग के प्रोफेसर डॉ. रघु मर्तुगुडे, तमिलनाडु WTC के पूर्व निदेशक डॉ. पन्नीरसेल्वम, रायपुर नगर निगम आयुक्त अविनाश मिश्रा, बेंगलुरु के वास्तुकार डॉ. सुजीत कुमार, अंबिकापुर नगर निगम के स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी रितेश सैनी और नर्मदा नैचुरल फार्म्स के संस्थापक संकल्प शर्मा सहित अन्य विशेषज्ञों ने भाग लिया। इन विशेषज्ञों ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए अपने विचार और अनुभव साझा किए।

कार्यशाला में दो तकनीकी सत्र और दो पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं। कार्यशाला में विभिन्न विषय विशेषज्ञों, अधिकारियों और पर्यावरणविदों सहित पीसीसीएफ आनंद बाबू, अतिरिक्त पीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) प्रेम कुमार, वानिकी विशेषज्ञ बी.पी. सिंह, आईएफएस अधिकारी अमिताभ बाजपेयी, और कई प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

धान खरीदी केंद्र और आंगनबाड़ी का कमिश्नर कावरे ने किया औचक निरीक्षण, धान तौल में पाई गई गड़बड़ी, प्रभारी निलंबित, सुपरवाइजर को भी किया सस्पेंड …

रायपुर-   संभागायुक्त महादेव कावरे ने बिलासपुर सहित मुंगेली और जांजगीर-चांपा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया. उन्होंने मुंगेली जिले के चंदखुरी धान खरीदी केंद्र में तौल में गड़बड़ी पाये जाने पर खरीदी प्रभारी भुवनेश्वर साहू को तत्काल हटाने के निर्देश दिए. महादेव कावरे ने सहायक पंजीयक सहकारिता को पत्र प्रेषित कर गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार केंद्र प्रभारी को निलंबित करने को कहा है.

कमिश्नर कावरे ने निरीक्षण के दौरान अपने समक्ष में धान का तौल करवाया. तौल में 40 किलोग्राम के बोरा में वजन 41.33 किलोग्राम वजन पाया गया. वहीं जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम अमरताल तहसील अकलतरा की महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर अनिता साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. कमिश्नर के निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र 2 में एक भी बच्चे केंद्र में उपस्थित नहीं पाए गए.

संभागायुक्त कावरे ने शासकीय योजनाओं का फील्ड स्तर पर क्रियान्वयन का जायजा लेने के क्रम में जांजगीर-चांपा, मुंगेली और बिलासपुर का दौरा किया. उन्होंने इस दौरान निर्वाचक नामावलियों के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य का जायजा भी लिया. उन्होंने जांजगीर जिले के अमरताल में आंगनबाड़ी और स्कूल का निरीक्षण किया. इसके बाद तिलई धान खरीदी केंद्र पहुंचे. वहां मौजूद किसानों और कर्मचारियों से चर्चा कर धान खरीदी की प्रगति की जानकारी ली. इसके बाद मुंगेली जिले के सरगांव में शासकीय कन्या उमावि एवं आत्मानंद बालक उमावि का निरीक्षण किया.

चंदखुरी धान खरीदी केंद्र का भी अवलोकन किया. धान खरीदी के अंतर्गत तौल में गड़बड़ी पाई गई. निर्धारित मात्रा से ज्यादा मात्रा में किसानों से तौल में लिया जा रहा था. सहायक पंजीयक सहकारिता को केंद्र प्रभारी को हटाकर निलंबित करने के निर्देश दिए. बिलासपुर जिले के रहंगी में निर्वाचक नामावली के संक्षिप्त पुनरीक्षण की प्रगति की जानकारी ली और मध्यान्ह भोजन का निरीक्षण किया. धान खरीदी केंद्र हिर्री भी पहुंचे. अभी तक वहां सीसीटीवी केमरा स्थापित नहीं हुआ है. कमिश्नर ने खरीदी केंद्र में कैमरा लगाने, निर्धारित मात्रा में ही धान की तौल करने और केंद्र में किसानों की सुविधाओं का ख्याल रखने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में सुगमता से हो रही धान की खरीदी, छत्तीसगढ़ में अब तक 18.09 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों से सुगमता पूर्वक धान की खरीदी की जा रही है। छत्तीसगढ़ में धान 14 नवम्बर सें शुरू हुए धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। राज्य में 14 नवम्बर से अब तक 18.09 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 3.85 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में इन किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 3706 करोड़ 69 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 29 नवम्बर को 46345 किसानों से 2.12 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। इसके लिए 54805 टोकन जारी किए गए थे।