संभल हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन, दो माह में रिपोर्ट सौंपी जाएगी सरकार को
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने संभल हिंसा की न्यायिक जांच कराने का फैसला किया है। सरकार ने इसके लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई। जस्टिस (रिटायर्ड) डीके अरोड़ा के नेतृत्व में आयोग दो माह में अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।

आयोग में जस्टिस अरोड़ा के अलावा सेवानिवृत आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और पूर्व डीजीपी एक जैन शामिल हैं। संभल में जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए गई टीम के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन की तरफ से क्या व्यवस्था की गई, इसकी भी जांच की जाएगी। आयोग से यह सुझाव भी मांगा गया है कि भविष्य में इस प्रकार की कोई घटना न होने पाए, इसके लिए क्या किया जा सकता है ।

उल्लेखनीय है कि 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद का सर्वे के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भारी संख्या में एकत्रित होकर उपद्रव किया। सर्वे टीम पर हमला किया। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी तक इसमें घायल हुए। कथित गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई और कई वाहन जला दिए गए।
16 पीसीएस और आठ पीपीएस अफसरों को किया इधर से उधर

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार की देर रात 16 पीसीएस और आठ पीपीएस अफसरों को इधर से उधर कर दिया। राजेश कुमार चतुर्थ विशेष कार्याधिकारी यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी गौतमबुद्धनगर से एडीएम (भूमि अध्यप्ति) गौतमबुद्धनगर व अमित कुमार राठौर तृतीय एडीएम न्यायिक कानपुर देहात से मुख्य राजस्व अधिकारी गोरखपुर बनाए गए हैं।कीर्ति प्रकाश भारती उपनिदेशक सूडा लखनऊ से मुख्य राजस्व अधिकारी बस्ती, ज्योति गौतम उपनिदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार निदेशालय लखनऊ से एडीएम (नागरिक आपूर्ति) लखनऊ बनाई गई है। मदन मोहन वर्मा एसडीएम महाराजगंज से एडीएम नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति बांदा, प्रेमचंद मौर्य एसडीएम आजमगढ़ से एडीएम नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति जालौन बनाए गए हैं। योगेंद्र कुमार एसडीएम मैनपुरी से एडीएम नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति झांसी, मोहनलाल गुप्ता एसडीएम अंबेडकरनगर से एडीएम नमामिगंगे व ग्रामीण जलापूर्ति फिरोजाबाद बनाए गए हैं। शिवौतार सिंह एसडीम अयोध्या से विशेष कार्यकारी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण गौतमबुद्धनगर, मृत्युंजय नारायण मिश्रा एसडीएम महोबा से सहायक नगर आयुक्त नगर निगम वाराणसी, सुनील कुमार एसडीएम एवं विशेष कार्य अधिकारी राजस्व परिषद लखनऊ से एसडीएम प्रयागराज बनाए गए हैं।अशोक कुमार चौधरी एसडीएम ललितपुर से एसडीएम प्रयागराज, राघवेंद्र सिंह एसडीएम बांदा से एसडीएम प्रयागराज, हीरालाल एसडीएम अलीगढ़ से एसडीएम प्रयागराज, सुरेंद्र प्रताप यादव एसडीएम सहारनपुर से एसडीएम प्रयागराज, ठाकुर प्रसाद एसडीम सुलतानपुर से एसडीएम प्रयागराज बनाए गए हैं। आठ पीपीएस का तबादला लखनऊ कमिश्नरेट में तैनात अरविंद कुमार वर्मा का तबादला चित्रकूट किया गया है। रेलवे, लखनऊ मे तैनात विकास चंद्र पांडेय को लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में सहायक पुलिस आयुक्त बनाया गया है।
विधानसभा उप चुनाव के बाद योगी कैबिनेट में फेरबदल के सुगबुगाहट, कई मंत्रियों के बदले जा सकते है विभाग
लखनऊ । विधानसभा उपचुनाव में भाजपा गठबंधन के 9 में से 7 सीट जीतने के बाद अब फिर से प्रदेश मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। कई विधायक जहां मंत्री बनने के लिए जोड़-तोड़ में जुट गए हैं, वहीं सहयोगी दल भी मंत्रिमंडल में कोटा बढ़ाने की दावेदारी करने की तैयारी में हैं। हालांकि, मंत्रिमंडल में फेरबदल दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद संभव है। पार्टी सूत्रों की मानें तो इस बार मंत्रिमंडल में बड़े पैमाने पर फेरबदल की तैयारी है। इनमें कई कैबिनेट और राज्यमंत्रियों का पत्ता साफ हो सकता है।

उपचुनाव के पहले से ही मंत्रिमंडल में फेरबदल की कयासबाजी शुरू हुई थी, लेकिन किसी न किसी कारण से यह मामला टलता रहा है। उपचुनाव निपटने के बाद सरकार और पार्टी के स्तर पर मिशन-2027 की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसलिए माना जा रहा है कि इस बार मंत्रिमंडल विस्तार को अधिक दिन नहीं टाला जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में जल्द ही दिल्ली में बैठक होगी। इसमें विस्तार की रूपरेखा तय की जाएगी। इसके बाद विस्तार को अंतिम रूप दिया जाएगा।सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में जिस तरह से ओबीसी और दलित मतदाताओं के बिखराव से भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। उसकी भरपाई उपचुनाव में करने के लिए सरकार और संगठन ने कड़ी मेहनत की थी। इसका सार्थक परिणाम भी सामने आया है। इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार में ओबीसी और दलित समीकरण साधने के लिहाज से चेहरों को भी शामिल किया जा सकता है।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उपचुनाव में जीतने वाले एक या दो विधायकों को भी मौका दिया जा सकता है। खास तौर से दशकों से जिन सीटों पर भाजपा नहीं जीती थी, वहां से जीतने वाले विधायकों को मंत्रीपद देकर पुरस्कृत किया जा सकता है। वहीं, लंबे समय से मंत्री रहने के बावजूद बेहतर परिणाम न देने वाले कई मंत्रियों को बाहर भी किया जा सकता है। ऐसे कई मंत्रियों की कार्यप्रणाली का आकलन किया जा रहा है। संगठन में बेहतर काम करने वालों खासतौर से उपचुनावों की रणनीति में जुटने वाले कुछ संगठन के नेता भी मंत्री बनाए जा सकते हैं।उपचुनाव में सीट में भागीदारी से वंचित रह गए निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद जहां मंत्रिमंडल में एक और पद पाने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि मीरापुर सीट जीतने वाले रालोद भी दबाव बना सकता है। ऐसे में प्रस्तावित विस्तार में बड़े पैमाने पर फेरबदल संभव है।
हरदोई में सड़क निर्माण घोटाले में दोषी पाए गए 11 अभियंताओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया निलंबित
लखनऊ। यूपी में निर्माण कार्य में गड़बड़ी करने वालों करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की अब खैर नहीं है।  हरदोई में हुए सड़क निर्माण घोटाले में दोषी पाए गए एक अधीक्षण अभियंता, दो अधिशासी अभियंता, आठ अवर अभियंता को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निलंबित कर दिया।लोक निर्माण विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार हरदोई में चार नवनिर्मित सड़कों के नमूने लिए गए थे और लैब में इन नमूनों की जांच कराई गई तो ये सभी नमूने फेल हो गए।

सभी निलंबित अभियंताओं के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश

लैब में तारकोल की मात्रा कम मिली, गिट्टी समेत अन्य सामग्री भी मानक से कम मिली है। इसके बाद अधीक्षण अभियंता सुभाष चंद्र, अधिशासी अभियंता सुमंत कुमार व शरद कुमार मिश्रा, आठ अवर अभियंता मोहम्मद शोएब, राजीव कुमार, अमर सिंह, रुचि गुप्ता, सत्येंद्र कुमार, अवधेश कुमार गुप्ता, मकरंद सिंह यादव और वीरेंद्र प्रताप सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। सभी निलंबित अभियंताओं के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।

फर्जीवाड़ा करने पर आठ सफाई सुपरवाइजरों का रोका वेतन

वाराणसी में  स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर संजीदा नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने गुरूवार शाम को आठ सफाई सुपरवाइजरों का वेतन रोक दिया। आरोप है कि सुपरवाइजरों ने सफाई कर्मियों की उपस्थिति में फर्जीवाड़ा किया था। आठों सुपरवाइजरों से तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण न देने पर उन्हें निलम्बित कर दिया जायेगा। नगर आयुक्त ने सफाई कर्मियों की उपस्थिति सालिड वेस्ट मैनेजमेन्ट पोर्टल् पर जियेाटैग के माध्यम से दिन में तीन बार, आठ-आठ घंटे पर किये जाने के लिए आदेशित किया है।

अपर नगर आयुक्त को जॉच अधिकारी बनाया गया

जॉच में पाया गया कि संजय पाल सफाई सुपरवाइजर, रामनगर, धीरेन्द्र गिरी, सफाई सुपरवाइजर, सुसुवाहीं, राजकुमार, सफाई सुपरवाइजर भगवानपुर,राजकुमार कटेरिया, सफाई सुपरवाइजर मड़ौली, सुधीर, सफाई सुपरवाइजर नदेसर, राजबहादुर सिंह, सफाई सुपरवाइजर लहरतारा तथा नरेश, सफाई सुपरवाइजर दुर्गाकुण्ड ने मोबाईल से बिना जियोटैंग के, सामान्य फोटो खिंचकर पोर्टल पर अपलोड कर दिया था। इस मामले में अपर नगर आयुक्त विनोद कुमार गुप्ता को जॉच अधिकारी बनाया गया है।

नगर निगम प्रशासन ने शहर में स्वच्छता अभियान पर खासा जोर

बताते चले स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में बेहतर स्थान पाने के लिए वाराणसी नगर निगम प्रशासन ने शहर में स्वच्छता अभियान पर खासा जोर दिया है। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के निर्देश पर गुरूवार से शहर के सभी वार्डो में स्वच्छता के लिए जन-जागरूकता अभियान शुरू किया गया। इसका आगाज आदमपुर जोन के पॉच वार्डो से किया गया। जन जागरूकता अभियान क्रमशः कमलगढ़हा वार्ड,कमालपुरा वार्ड, जमालुद्दीनपुरा वार्ड, प्रहलादघाट वार्ड, बागेश्वरी देवी वार्ड में चला।
जालौन में स्टाफ नर्स के साथ मारपीट के बाद दुष्कर्म, फिर नाजुक अंग में डाल दी मिर्च, पुलिस ने शुरू की जांच

लखनऊ /जालौन। जालौन में ड्यूटी पर जा रही एक महिला नर्स के साथ अवैध संबंधों के शक में एक दूसरी महिला ने अपने परिजनों के साथ मिलकर मारपीट की। जिससे महिला नर्स घायल हो गई। महिला नर्स को घायल हालत में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसने मारपीट करने वाले लोगों पर गैंगरेप का भी आरोप लगाया, जिस पर पुलिस ने संज्ञान लेते हुए मामला पंजीकृत कर लिया, साथ ही घटना की जांच शुरू कर दी।

जंगल में ले जाकर उसको बंधक बनाकर जमकर मारा पीटा

घटना चुर्खी थाना क्षेत्र के मुसमरिया मोड़ से पहले सुहाखर खेड़ा की है। बताया गया कि उरई कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ला में कानपुर देहात के मूसानगर की महिला रह रही है, जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत है, जो गुरुवार को स्कूटी से सुबह के समय ड्यूटी के लिए निकली थी, जैसे ही वह चुर्खी थाना क्षेत्र के मुसमरिया मोड़ से पहले सुहाखर खेड़ा के पास पहुंची, तभी एक महिला ने अपने पिता गोविंदा, और अपनी मां के साथ मिलकर स्कूटी से गिरा दिया और उसको पकड़कर जंगल में ले गए, जहां जंगल में ले जाकर उसको बंधक बनाकर जमकर मारा पीटा, इसकी जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली, पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच करते हुए महिला नर्स को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।

अवैध संबंधों को लेकर हुआ विवाद

अस्पताल में भर्ती महिला ने मारपीट करने वालों पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया, साथ ही उसके नाजुक अंग में मिर्च भी डालने का आरोप लगाया।पीड़िता ने बताया कि जहां पर वह तैनात है वहां पर उसकी पड़ोसी जयंती देवी उस पर शक करती हैं कि उसके पति के साथ अवैध संबंध है, इसको लेकर कुछ दिन पहले वाद विवाद भी हुआ था। उसके बाद जयंती देवी ने उसे देख लेने की धमकी दी थी। उसने बदला लेने के लिए दो लोगों को साथ लेकर उसके साथ गलत काम कराया और उसका मोबाइल, नकदी लूट ली और मारा पीटा है।इस घटना के बारे में जालौन के अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है जिस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
जामा मस्जिद विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, सुनवाई आज, जुमे की नमाज को लेकर संभल में हाईअलर्ट 
लखनऊ/संभल  । संभल के जामा मस्जिद विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। संभल जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर निचली अदालत के सर्वे के आदेश को चुनौती दी है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच 29 नवंबर को सुनवाई करेगी।

याचिका में कहा गया है कि यह असाधारण मामला है इसलिए कोर्ट की ओर से असाधारण कदम उठाया जाए। मस्जिद कमेटी ने निचली अदालत के फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। निचली अदालत ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था।बता दें कि संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी जिसमें कुछ लोग मारे गए थे।

संभल न्यायालय में आज होनी है पहली सुनवाई, जुमे की नमाज को लेकर हाई अलर्ट

जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर के संबंध में शुक्रवार को चंदौसी स्थित न्यायालय में पहली सुनवाई होनी है। वहीं जुमे की नमाज भी अदा की जाएगी। इसे लेकर जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है। संभल नगर में सीडीओ समेत कई जिला स्तरीय अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।


24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान मोहल्ला कोटगर्बी में बवाल हो गया था

दरअसल, 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान मोहल्ला कोटगर्बी में बवाल हो गया था। पथराव, आगजनी और गोलीबारी हुई थी। इस बवाल में पांच की मौत हो गई और 19 पुलिसकर्मी व अधिकारी घायल हुए थे। इस मामले की शुक्रवार को न्यायालय में सुनवाई है और इधर, जामा मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की जानी है, इसको लेकर जिले का प्रशासन हाईअलर्ट है।

डीएम ने अधिकारियों को मजिस्ट्रेट बनाकर चिन्हित 18 स्थानों पर तैनात किया

डीएम डॉ.राजेंद्र पैंसिया ने सीडीओ गोरखनाथ भट्ट, एडीएम न्यायिक सुशील चौबे समेत कई जिले के अधिकारियों को मजिस्ट्रेट बनाकर चिन्हित 18 स्थानों पर तैनात किया है। इनकी जिम्मेदारी होगी कि नमाज के समय जामा मस्जिद की ओर पांच व्यक्तियों से अधिक का कोई समूह जाता मिले तो उसको रोका जाए और धारा 163 से अवगत कराया जाए। अनावश्यक परेशान न करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

जामा मस्जिद के नजदीक फोर्स का रहेगा पहरा, अधिकारियों का रहेगा डेरा

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा को जामा मस्जिद के 200 मीटर के आसपास प्रभारी बनाकर तैनात किया गया है। इनके साथ डीएसओ शिवि गर्ग, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी माधवी पांडे, नायब तहसीलदार सतेंद्र चाहर, उदयवीर सिंह और ईओ मणिभूषण तिवारी मौजूद रहेंगे। पुलिस, पीएसी, आरएएफ के जवान और पुलिस के अधिकारी भी लगाए गए हैं।

जहां हुआ बवाल, उस इलाके में रहेंगे एडीएम न्यायिक

24 नवंबर को जहां बवाल हुआ था, उस इलाके में सुरक्षा की जिम्मेदारी एडीएम न्यायिक सुशील चौबे संभालेंगे। उनके साथ नायब तहसीलदार अनुज कुमार और पूर्ति निरीक्षक सजनलाल गुप्ता मौजूद रहेंगे। पुलिस का पहरा होने के साथ बैरिकेडिंग से सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद की गई है। जामा मस्जिद की ओर वाहन से नहीं जाया जाएगा, जो भी नमाज होंगे वह पैदल ही जाएंगे।

इन जगहों पर मजिस्ट्रेटों की तैनाती

चौधरी सराय में सीडीओ गोरखनाथ भट्ट, परियोजना निदेशक ज्ञान सिंह और बीडीओ पवांसा अजीत सिंह सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। चंदौसी चौराहे पर बंदोवस्त अधिकारी मातवर सिंह, डीपीआरओ उपेंद्र पांडे, जिला कृषि अधिकारी प्रबोध मिश्रा और शंकर चौराहे पर सहायक डीपीआरओ चेतेंद्रपाल सिंह, एडीओ पवांसा अशोक त्यागी मुस्तैद रहेंगे। जबकि अंजुमन चौराहे की जिम्मेदारी डीआईओएस वेदराम, जिला आबकारी अधिकारी अनुपम सिंह को दी गई है। ईदगाह एवं गवां रोड मंडी समिति संभल पर सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी उप कृषि निदेशक अरुण त्रिपाठी, एआर कोऑपरेटिव वीरेंद्र प्रकाश उपाध्याय, मंडी सचिव मोहित फौजदार संभालेंगे।

आसपास के इलाके में भी तैनात रहेंगे मजिस्ट्रेट

गुन्नौर के एसडीएम आनंद कटारिया जामा मस्जिद के पीछे साहनी वाले फाटक पर एबीएसए पोप सिंह, बाल विकास परियोजना अधिकारी रजना यादव के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखेंगे। डाकखाना पर एक्सईएन पीब्डल्यूडी सुनील प्रकाश, अपर मुख्य अधिकारी आशीष सिंह की तैनाती की गई है। अनार वाली मस्जिद पर सुरेंद्र सिंह सहायक श्रमायुक्त और श्रम प्रवर्तन अधिकारी विनोद शर्मा मौजूद रहेंगे।

हिंदूपुरा खेड़ा में भी तैनात रहेंगे मजिस्ट्रेट

बवाल में हिंदूपुरा खेड़ा के युवक की जान चली गई थी। इस इलाके की जिम्मेदारी जिला विकास अधिकारी राम आशीष, बीडीओ असमोली रिजवान हुसैन और एडीओ पंचायत सुनील कुमार को दी गई है। इसके अलावा सरायतरीन चौकी पर भूमि संरक्षण अधिकारी ओंकार सिंह, एक्सईएन जल निगम शहरी आकाश त्यागी, बीएसए अलका शर्मा, एबीएसए बहजोई विनोद कुमार को तैनात किया गया है।
महिला आयोग की अध्यक्ष  डॉ. बबीता सिंह चैहान ने शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के दिये निर्देश
लखनऊ । यूपी राज्य महिला आयोग द्वारा प्रदेश में महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर रोकथाम और पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय दिलायें जाने के उद्देश्य से अध्यक्ष  डॉ. बबीता सिंह चैहान द्वारा गुरुवार को आयोग मुख्यालय पर महिला जनसुनवाई की गयी। सुनवाई के दौरान 15 प्रचलित प्रकरणों के साथ  आयोग मुख्यालय पर विभिन्न जनपदों से आये 14 पीड़ित आवेदिकाओं, आवेदकों द्वारा दिये गये नवीन प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई कर उनके निस्तारण के निर्देश दिये गये व साथ ही विभिन्न माध्यमों से आयोग कार्यालय में प्राप्त 184 नवीन प्रार्थना पत्रों पर त्वरित कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये गये। आयोग में उपस्थित होने वाले आवेदिकाओं व आवेदकों के गम्भीर प्रकरणों में त्वरित निस्तारण के लिए अध्यक्ष द्वारा सम्बन्धित जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से दूरभाष द्वारा वार्ता कर यथाशीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये।
बुद्धि में जब ब्रह्म का आगमन हो जाता है तो माया के बंधन खुल जाते है: आचार्य संतोष भाई
लखनऊ । कर्मयोग जनकल्याण समिति   सेक्टर बी प्रियदर्शिनी कालोनी सीतापुर रोड  द्वारा कालोनी स्थित भागवत  में  श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है।  कथा के पांचवे दिन आचार्य संतोष भाई  ने बताया कि जीव की बुद्धि में जब ब्रह्म का आगमन हो जाता है तो माया के बंधन खुल जाते है। मां यशोदा को वात्सल्य की मूर्ति बताते हुए कहा कि जिनके हृदय में किसी के प्रति द्वेष नहीं होता वह कौशल्या के स्वरूप को पा जाते हैं और जिनकी इंद्रियां उनके नियंत्रण में होती हैं वह दशरथ जैसे बन जाते हैं भगवान राम अवध में प्रगट हुए अवध का अर्थ जहां पर हिंसा नहीं होती जो लोग अकारण दूसरों को दुख नहीं देते उनके हृदय अवध बन जाते हैं आज श्रीमद्भागवत कथा में भगवान के नंद उत्सव की महिमा को आध्यात्मिक पक्ष से समझाया । उसके पश्चात महाराज जी ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म तथा उनकी बाल लीला का वर्णन किया।

जब ब्रम्ह जीव की बुद्धि में आता है दो जीव माया से मुक्त हो जाता है गोकुल भक्ति करने का गोकुल भक्ति करने का स्थान है यमुना भक्ति का स्वरूप है जिन व्यक्तियों का विवेक जाग्रत नहीं होता जगत की माया में और ठगे जाते हैं  पूतना नाम की राक्षसी को महाराज जी ने अविद्या बताया भगवान श्री कृष्ण ने  मक्खन चोरी की लीला करके सब जीवो के मन को मक्खन जैसा बना दिया भगवान जीवो के पापों का हरण करते हैं । भगवान शिव वैष्णवों के आचार्य हैं गोपी बन कर भगवान कृष्ण के दर्शन करने के लिए आए । भगवान ने बचपन की अवस्था में शकटासुर तृणावत आदि राक्षसों को संघार कर दिया तणावत को वायु विकार बताया और सकटा सुर को गृहस्थ गृहस्थाश्रम में भोग बताया। गोकुल में भगवान 11 साल 52 दिन नँगे पाँव गोसेवा की भगवान ने गायों की सेवा की और गायों में 33 कोटि देवताओं का निवास बताया जो लोग गाय की सेवा करते हैं वह निरोगी रहते हैं उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण की बांसुरी की धुन से ब्रज मंडल के सभी प्राणी मोहित हो गए थे।

विषयो को  विष के समान  समझना चाहिए विषय को भोगना नहीं अपितु भगवान के चरणों में मोड देना चाहिए कालिया नाग को महाराज जी ने विषयो का प्रतीक बताया बांसुरी भीतर से खाली है भगवान इसीलिए हर पल उसे साथ रखते हैं जो जीव भीतर से खाली हो जाएगा भगवान की कृपा उस पर होगी। गोपिया जब जमुना जल में स्नान करने के लिए गई तो भगवान ने उनका चीरहरण कर लिया चीरहरण वासना का हरण है शरीर वस्त्र रूपी पहनावा है जिसमें आत्मा निवास करती है भगवान श्री कृष्ण ने 7 वर्ष की अवस्था में भक्तों के कष्टों के निवारण के लिए गोवर्धन पहाड़ को अपनी कनिष्ठिका पर धारण कर लिया े  महाराज जी ने भक्तों को गोवर्धन पूजा का महत्व बताया।उन्होंने गोवर्धन पर्वत को भगवान कृष्ण द्वारा उठाने की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि जब इंद्र देवता को अभिमान हो गया था तो उन्होंने ब्रजवासियों द्वारा अपनी पूजा करने से नाराज होकर पूरे ब्रज भूमि को बारिश से डुबाने की कोशिश की।

भगवान कृष्ण ने अपनी उंगली से पूरे पर्वत को उठाकर सभी ब्रज वासियों की जान बचाई। गोवर्धन का अर्थ बताते हुए महाराज जी ने कहा कि जब भगवान अपने भक्तों को दुखी देखते हैं तो उनके जीवन के कष्ट हरण करने के लिए स्वयं उनका भार अपने ऊपर ले लेते हैं गोवर्धन लीला का सजीव चित्रण किया गया मनमोहक झांकी बनाई गई एवं बहुत सारे भक्तों के द्वारा भगवान का 56 प्रकार का भोग लगाया गया भगवान को भोग रखकर के बड़ा सुंदर भजन संगीतकारों के द्वारा गाया गया श्याम रसिया मेरो मन बसिया रूचि रूचि भोग लगाओ रसिया इस भजन को सूरज जी एवं उनकी संगत ने बड़ी ही धुन से गाया जिसपर भक्तगण भाव विभोर होकर नृत्य भी किया, आज कथा में बहुत भारी संख्या में भक्तगण उपस्थित हुए।

इस अवसर पर मुख्य रूप धर्म देव सिंह,श्याम सुंदर शर्मा ,राम कुमार सिंह,नंदलाल गुप्ता,निर्देश दीक्षित,सिंह वीर सिंह,अजीत सोनी,जितेन्द्र सिंह,इंद्र प्रकाश सिंह,संजय सिंह ,उमा प्रसाद पांडे, सुशील मोहन शर्मा ,गणेश अग्रवाल,   घन श्याम त्रीपाठी,तनय सोनी,अथर्व राज मिश्रा(रिशु),अनुज सिंह,राहुल सिंह,हरिनाम वर्मा,सुधा पाठक ,रेखा श्रीवास्तव,निर्मला वर्मा,ऋचा सचान,साधना सचान आदि बहुत बड़ी संख्या में  भक्तोंने कथा का श्रवण किया । इस अवसर पर मुख्य रूप धर्म देव सिंह,श्याम सुंदर शर्मा ,राम कुमार सिंह,नंदलाल गुप्ता,निर्देश दीक्षित,सिंह वीर सिंह,अजीत सोनी,जितेन्द्र सिंह,इंद्र प्रकाश सिंह,संजय सिंह ,उमा प्रसाद पांडे, सुशील मोहन शर्मा ,गणेश अग्रवाल,   घन श्याम त्रीपाठी,तनय सोनी,अथर्व राज मिश्रा(रिशु),अनुज सिंह,राहुल सिंह,हरिनाम वर्मा,सुधा पाठक ,रेखा श्रीवास्तव,निर्मला वर्मा,ऋचा सचान,साधना सचान आदि बहुत बड़ी संख्या में  भक्तोंने कथा का श्रवण किया ।
चित्रकूट के आध्यात्मिक विकास को सरकार प्रतिबद्ध : योगी
लखनऊ /चित्रकूट । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर चित्रकूट पहुंचे। यहां उन्होंने जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक कर विकास एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इसके उपरांत सीएम योगी चित्रकूट के श्री महाराजाधिराज मतगजेंद्र नाथ शिव मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। सीएम योगी यहां से सीधे रामघाट पहुंचे, जहां उन्होंने मां मंदाकिनी के तट पर खड़े होकर इस पवित्र नदी की आरती उतारी और प्रदेश वासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री मां मंदाकिनी की पांच अर्चकों द्वारा होने वाली दैनिक आरती में भी शामिल हुए।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जहां कभी भगवान श्रीराम ने संत तुलसीदास जी को दर्शन दिया था, आज उस पवित्र स्थल का दर्शन और पूजन करना उनके लिए सौभाग्य का विषय है। उन्होंने कि चित्रकूट के भौतिक विकास और आध्यात्मिक उन्नयन के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह सनातन धर्म का पौराणिक तीर्थ है। प्रभु श्रीराम ने वनवास काल में सर्वाधिक समय इसी चित्रकूट में व्यतीत किया था। अति प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों और अनेक तपोनिष्ठ संतों ने इसी चित्रकूट धाम में रहकर अपनी आध्यात्मिक साधना को नई ऊंचाइयां प्रदान की हैं। आज हमारा सौभाग्य है कि संतों के सानिध्य में इस चित्रकूट धाम के लिए कुछ करने का सौभाग्य हमारी डबल इंजन की सरकार को प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वह मध्याह्न में चित्रकूट धाम पहुंचे हैं और यहां समीक्षा बैठक व एक-दो कार्यों का निरीक्षण करने के उपरांत यहां रामघाट पर मां मंदाकिनी के सानिध्य में पूजन दर्शन का सौभाग्य उन्हें मिला है।

उन्होंने कहा कि चित्रकूट धाम को उसकी पौराणिक और ऐतिहासिक पहचान दिलाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। मां मंदाकिनी की अविरलता और सुंदरता के साथ ही रामघाट के सुंदरीकरण के लिए सरकार ने पहले ही पैसा उपलब्ध करा दिया है। सीएम योगी ने कहा कि चित्रकूट के आध्यात्मिक और धार्मिक के साथ ही भौतिक विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है। यहां एयरपोर्ट बनकर तैयार है। इस एयरपोर्ट को और लंबा बनाया जा रहा है, जिससे कि जिससे यहां दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी और अयोध्या से आने वाले बड़े विमान भी उतर सकें। उन्होंने कहा कि कभी यहां भगवान श्रीराम पुष्पक विमान से आए होंगे। हजारों साल बाद वो अवसर भी आएगा जब मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लोगों को यहां से वायुसेवा प्राप्त होगी। सीएम योगी ने अन्य विकास कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि बुंदेलखंड लिंक एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य चल रहा है।

उन्होंने बताया कि लालापुर स्थित महर्षि वाल्मीकि की पावन जन्मस्थली के सुंदरीकरण का कार्य हो या संत तुलसीदास की पावन जन्मस्थली, इन सभी की सुरक्षा और सुंदरीकरण का कार्य हो रहा है। सीएम ने कहा कि पिछले वर्ष हमारी सरकार द्वारा जगद्गुरू रामभद्राचार्य विवि का राजकीयकरण किया गया है। इसमें सरकार के स्तर पर कुछ नये पाठ्यक्रम भी जल्द शुरू किये जाएंगे। यहां दिव्यांग के साथ ही सामान्य बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त हो सकेगी।इसके अलावा उन्होंने डिफेंस कॉरिडोर, इंडस्ट्रियल कॉरीडोर और कामता गिरी परिक्रमा के साथ ही चित्रकूट में ईको टूरिज्म के लिए रानीपुर टाइगर रिजर्व को भी संवर्धित किये जाने की बात दोहराई। मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मंदाकिनी नदी पर नया पुल बनाया जाएगा, जिससे कि आवागमन और सुगम हो सकेगा।

कहा कि यहां सड़कों के कार्यों को प्राथमिकता पर लिया गया है। इस अवसर पर तुलसी पीठ के युवराज आचार्य रामचंद्र दास महाराज,भरत मंदिर रामघाट के महंत दिव्य जीवन दास महाराज, महंत सत्य प्रकाश दास,महंत राममनोहर दास महाराज,उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह,प्रभारी मंत्री मनोहर लाल कोरी,पूर्व सांसद आर के सिंह पटेल,जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जाटव,जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन पंकज अग्रवाल,नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता,भाजपा जिलाध्यक्ष लवकुश चतुवेर्दी, चित्रकूटधाम के मंडलायुक्त बाल कृष्ण त्रिपाठी,चित्रकूट डीएम शिवशरणप्पा जीएन,पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह,सीडीओ अमृत पाल कौर, उपायुक्त मनरेगा धर्मजीत सिंह सहित संख्या में जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण मौजूद रहे।कार्यक्रम का संचालन साकेत बिहारी शुक्ला ने किया।
करहल और सीसामऊ में भाजपा की किलेबंदी रही फेल, सीएम योगी के तेवर पर भारी पड़ा नसीम सोलंकी के आंसू, विरासत को बचाने में कामयाब रही सपा
लखनऊ । करहल विधानसभा सीट पर सपा प्रत्याशी तेजप्रताप यादव ने जीत दर्ज की। तेजप्रताप यादव को कुल 104304 वोट मिले। वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी अनुजेश सिंह को 89579 वोट मिले। सपा ने 14725 वोटों से जीत दर्ज की। भले ही भाजपा यहां हार गई, लेकिन इस बार उनकी रणनीति यहां काम आई। भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ा और जीत का अंतर घटकर बहुत नीचे आ गया। 2022 में अखिलेश यादव 67 हजार के बड़े अंतर से जीते थे।

उन्होंने भाजपा से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को पराजित किया था। तब सपा के खाते में 60.12 प्रतिशत वोट गया था, वहीं भाजपा को 32.74 प्रतिशत वोट ही मिला था।उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनाव में करहल सीट सबसे अहम थी। अहम इसलिए क्योंकि ये न केवल सपा का गढ़ रही बल्कि यहां से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधायक थे। उनके इस्तीफे के बाद ही उप चुनाव हुआ। सपा ने मुलायम सिंह यादव के पौत्र तेजप्रताप यादव को प्रत्याशी बनाया था तो वहीं भाजपा ने मुलायम के दामाद अनुजेश सिंह को मैदान में उतारा था। बसपा से अवनीश कुमार शाक्य ताल ठोंक रहे थे।20 नवंबर को हुए मतदान के बाद ही ये साफ हो गया था कि भाजपा प्रत्याशी अनुजेश सिंह यादव वोट में सेंध लगाने में कामयाब रहे।

23 नवंबर को जब परिणाम आए तो सपा ने जीत दर्ज की। तेजप्रताप यादव को 104304 वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी अनुजेश सिंह को 89579 वोट मिले। ऐसे में सपा ने करहल की सीट 14725 वोटों से जीत ली। वहीं बसपा प्रत्याशी अवनीश कुमार शाक्य अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। उन्हें महज 8409 वोट ही मिल सके। करहल विधानसभा सीट से 2022 में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद विधानसभा चुनाव लड़ा था। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल को हराया था। अखिलेश यादव ने 148196 वोट हासिल कर 67504 वोटों की बड़ी जीत हासिल की थी। वहीं भाजपा को 80692 वोट मिले थे। कुल पड़े वोट में सपा को मिले वोट का प्रतिशत 60.12 प्रतिशत था, जो इस बार गिरकर 50.45 प्रतिशत पर आ गया। वहीं भाजपा को 2022 के चुनाव में 32.74 प्रतिशत वोट मिले थे जो इस बार बढ़कर 43.33 प्रतिशत रहा।

दूसरी तरफ कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को लगातार चौथी बार हार का सामना करना पड़ा। सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने 8629 वोटों से भाजपा के सुरेश अवस्थी को हराया। वहीं, बसपा प्रत्याशी बीरेंद्र कुमार शुक्ल 1409 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। सपा की भाजपा पर जीत को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि भाजपा प्रत्याशी के तेवर पर सपा प्रत्याशी के आंसू भारी पड़े।मतगणना के दौरान कई बार ऐसा मौका आया जब सुरेश अवस्थी ने नसीम सोलंकी पर बढ़त बनाई, लेकिन जैसे-जैसे राउंड आगे बढ़े नसीम सोलंकी के मतों का अंतर बढ़ता चला गया। अंतिम नतीजे में सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी को 69,666 वोट मिले। बीजेपी प्रत्याशी सुरेश अवस्थी ने 61,037 वोट हासिल किए। सुबह  बजे से नौबस्ता स्थित गल्लामंडी में मतगणना शुरू हो गई थी।

एक चबूतरे पर 14 मेजों पर गिनती की गई। पहले राउंड में ही नसीम ने 2351 मतों की बढ़त ले ली थी। तीसरे राउंड में 39 वोटों से भाजपा प्रत्याशी सुरेश आगे हुए। चौथे राउंड में 4378 वोटों से सपा ने बढ़त बना ली थी। नौवें राउंड में नसीम ने सबसे ज्यादा 30694 वोटों की बढ़त बनाई। इसके बाद 20 राउंड तक हुई गण्ना में सपा बढ़त बनाए रही। सीसामऊ उपचुनाव में पांच प्रत्याशी मैदान में थे। जिसमें बसपा प्रत्याशी बीरेंद्र कुमार को 1409 वोट मिले। अशोक पासवान को 266 और कृष्ण कुमार यादव को 113 मत मिले। वहीं 482 वोट नोटा पड़े हैं। कुल 132973 लोगों ने मतदान किया। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में हाजी इरफान सोलंकी ने सपा के टिकट पर यहां जीत दर्ज की थी। उन्होंने 79163 वोट पाकर भाजपा के सलिल बिश्नोई को हराया था।

सलिल बिश्नोई को 66,897 वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस के हाजी सुहेल अहमद को सिर्फ 5616 वोट मिले थे। साल 2012 में नए परिसीमन के तहत सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र बना था। इसके बाद से ही यह सीट सपा के पास है। इरफान सोलंकी का इस सीट पर खासा दबदबा है। साल 2017 में भी इस सीट पर हाजी इरफान सोलंकी ने जीत हासिल की थी। वह सपा के टिकट पर 73,030 वोट पाकर जीते थे। उन्होंने भाजपा के सुरेश अवस्थी को हराया था। सुरेश अवस्थी को 67,204 वोट मिले थे। बसपा के नंद लाल कोरी को 11,949 मिले थे। 2012 में सपा के टिकट पर हाजी इरफान सोलंकी ने सीसामऊ सीट से जीत मिली थी। सोलंकी को कुल 56,496 वोट मिले थे। भाजपा ने 2012 में हनुमान स्वरूप मिश्रा को टिकट दिया था। उन्हें 36,833 वोट मिले थे।

कांग्रेस के संजीव दरियाबादी को 22,024 वोट मिले थे। सबसे बड़ी वजह हिंदू वोटों का बंटवारा है, जिसे भाजपा बंटेंगे तो कटेंगे नारे के जरिए रोकने की कोशिश में लगी थी, जो पूरी तरह से काम नहीं आ सकी। इसके पीछे यह भी कहा जा रहा है कि टिकट की घोषणा से ऐन वक्त पहले भाजपा के दलित बिरादरी से आने वाले पूर्व विधायक राकेश सोनकर के अचानक चर्चा में आ जाने से भी दलितों के वोट बैंक पर असर पड़ने की बात कही जा रही है। चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा के खेमे में भी इस बात को लेकर काफी चर्चा रही, जबकि समाजवादी पार्टी मुस्लिम मतों को अपने पक्ष में करने के साथ ही हिंदू क्षेत्रों के हर बूथ पर भाजपा से बराबर की लड़ाई में रही।

इसी तरह, सीसामऊ क्षेत्र के 60 हजार दलित बस्तियों के मतदाताओं में से जिन 49.06 प्रतिशत यानि करीब 30 हजार मतदाताओं ने मतदान किया, उनका भी सीधे-सीधे दोनों पार्टियों में बंटवारा साफ-साफ दिखा। हालांकि भारतीय जनता पार्टी की ओर से दलित वोटों को अपने पक्ष में करने के लिए रणनीति के तहत काम किया गया, जिसमें आंशिक सफलता ही मिल पाई। आमतौर पर बस्तियों के मतदाताओं को लेकर यह कहा जाता है कि उन्हें अपने पक्ष मे करने के लिए कुछ खास तरह के इंतजाम पार्टियों को करना होता है, वह पार्टी प्रत्याशी की ओर से किया जाता है, जो भाजपा की तरफ से उस तरीके से नहीं हो पाया, जैसा होना चाहिए। यह हार की दूसरी बड़ी वजह है। इसके अलावा मतदान के दौरान जगह-जगह से सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली ऐसी सूचनाएं जिसमें यह कहा जा रहा था कि पुलिस प्रशासन लोगों को वोट देने से रोक रहा है। इससे भी उपचुनाव की वजह से शांत पड़े ऐसे मतदाताओं को सक्रिय कर दिया। जिससे सपा प्रत्याशी को पलड़ा भारी रहा।

सपा प्रत्याशी के महिला होने और उनका सरल स्वभाव लोगों को उनके पक्ष में आने के लिए भी रोक नहीं पाया। दूसरी तरफ भाजपा प्रत्याशी की तेवर वाली छवि को लेकर भी पार्टी के अंदर ही नकारात्मकता दिखी, यह भी हार की एक वजह बना। भाजपा के हार की एक वजह यह भी कही जा रही है कि जब राजकीय इंटर कॉलेज मतदान केंद्र में वोटिंग हो रही थी इसी तरह वहां पर भाजपा के पक्ष के कुछ नेताओं ने आकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया और पुलिस से भी भिड़ गए। इससे भी पार्टी को नुकसान हुआ। भाजपा ने जिस तरह घर-घर से मतदाताओं को निकालकर बूथ तक लाने की योजना बनाई थी, वह पूरी तरह से कारगर नहीं हो पाई। इसकी वजह यह रही कि कार्यकर्ता मतदाताओं को घर निकालने में कामयाब नहीं हो सके।

विधानसभा क्षेत्र के ऐसे भी मोहल्ले और गलियां रहीं जहां प्रचार तो खूब हुआ लेकिन लोग कम निकले। इसके उलट समाजवादी पार्टी ने अपनी रणनीति में पूरी तरह से कामयाब रही। उसने मुस्लिम क्षेत्र के साथ ही हिंदू क्षेत्रों में बराबर की रणनीति बनाई थी। इसके साथ सपा प्रत्याशी की भावनात्मक छवि ने रही सही कमी को पूरा कर दिया। इसकी वजह से उन्हें बस्तियों के अलावा सिख, सिंधी, पंजाबी, पिछड़ा, वैश्य सभी समाजों से कम, ज्यादा वोट हासिल हुआ, जो उनकी जीत की वजह बना।