सीएम सिटी में यह कैसा खेल, 8 सालों से अपनी ही जमीन पर काबिज होने की लड़ाई लड़ रहा पीड़ित

गोरखपुर। प्रदेश में सुशासन का दावा करने वाली योगी सरकार अपने ही जिले में पूरी तरीके से फेल नजर आ रही है। पिछले 8 वर्षों से अपनी ही जमीन पर काबिज होने के लिए पीड़ित दर-दर भटक रहा है। सरकारी मशनरी स्थानीय भू माफियाओं से मिलकर पीड़ित की जमीन का बंदर बाट करने में लगी हुई है। पीड़ित को बार-बार जान माल की धमकी भी मिल रही है, ऐसे में अपने पुश्तैनी जमीन की चाह में पीड़ित लगातार न्याय की गुहार लगा रहा है।

मामला मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर के चलवा लाल थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव का है जहां पर पाटीदारों की दबंगई से त्रस्त पीड़ित राजाराम पिछले 8 साल से न्याय की गुहार लगा रहा है दबंग पाटीदारों ने पीड़ित को कई बार जान माल की धमकी हुई थी है ऐसे में पाटीदारों ने कीमती जमीन को बेचकर पीड़ित को मिलने वाले सरकारी मुआवजे को भी स्थानीय लेखपाल की मिली भगत से अपने खाते में मंगा लिया है। पीड़ित राजाराम न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

मामला न्यायालय में विचाराधीन उसके बावजूद लेखपाल लगातार दबंग पाटीदारों से मिलकर पीड़ित की जमीन को कागजी खेल में उलझाए हुए हैं। वही निषाद पार्टी के महानगर अध्यक्ष सुग्रीव निषाद जो कि इस गांव के रहने वाले हैं और पीड़ित की मदद कर रहे हैं उनका आरोप है कि लेखपाल ने दबंग पाटीदारों से लाखों रुपए लेकर पीड़ित को मुआवजा और उनकी जमीन से मरहूम कर दिया है। जिसको लेकर वह पीड़ित के साथ लगातार न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं।

दक्षता परीक्षा नेट निपुण एसेसमेंट टेस्ट शुचिता पूर्ण हुई सम्पन्न

गोला गोरखपुर।गोला तहसील क्षेत्र के विकास खंड बड़हलगंज में स्थित प्राथमिक विद्यालय भीटी बाल एवं प्राथमिक विद्यालय धोबौली में कक्षा 1 से कक्षा 3 तक के बच्चों का बुधवार को बच्चों का मौखिक परीक्षा बेसिक विभाग द्वारा ओएमआर शीट पर आयोजित होने वाली दक्षता परीक्षा नेट निपुण एसेसमेंट टेस्ट शुचिता पूर्ण रूप से सम्पन्न हुई। इस परीक्षा के संदर्भ में प्रधानाध्यापक हरि लाल निषाद ने बताया कि कक्षा 1 से कक्षा 3 तक के बच्चों की मौखिक परीक्षा बुधवार को ही सम्पन्न हो गई है।

परीक्षा में बच्चे शत प्रतिशत उपस्थित थे और बच्चे पहली बार इस तरह की परीक्षा से काफी उत्साहित भी थे।जिसे शिक्षकों द्बारा कक्षा 1 से कक्षा 3 तक के बच्चों का उत्तर पत्रक भी भरा गया और कक्षा 4 और 5 तक के बच्चों की परीक्षा आज गुरुवार को सम्पन्न हुई। जिसमें कक्षा 4 में 30 प्रश्न और कक्षा 5 में 30 प्रश्न जिसमें हिन्दी गणित अंग्रेजी और पर्यावरण के प्रश्न बच्चों द्बारा उत्तर पत्रक पर काले बाल पेन से उत्तर भरा गया। उसके पश्चात परख ऐप के माध्यम से स्कैन करके सम्मिट किया गया और इस परीक्षा के लिए पर्यवेक्षक के रूप में प्राथमिक विद्यालय चौबौली के सहायक अध्यापक सिद्धार्थ प्रिय गौतम एवं प्राथमिक विद्यालय चौबौली पर प्राथमिक विद्यालय भीटी बाल के सहायक अध्यापक धर्मेंद्र कुमार राव एवं प्राथमिक विद्यालय धोबौली पर प्राथमिक विद्यालय भीटी बाल की शिक्षा मित्र सरिता देवी नियुक्त थे। इस परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए प्रधानाध्यापक हरि लाल निषाद अर्चना जायसवाल राम किशुन सिंह रीता सिंह प्रशांत राय का सहयोग काफी सराहनीय रहा।

जरलही स्कूल की व्यवस्थाएं बदहाल, सरकारी धन की बर्बादी

खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले पिपरौली ब्लॉक के ग्राम सभा जरलही में स्थित कंपोजिट स्कूल की स्थिति और व्यवस्थाएं पूरी तरह से बदहाली का शिकार हैं। स्कूल में प्रधानाध्यापक और शिक्षक शिक्षिकाएं नियत समय पर नहीं आते हैं। विद्यालय में कुल 109 बच्चों का नामांकन हुआ है जिन्हें पढ़ाने के लिए 6 शिक्षकों और 2 शिक्षामित्रों की नियुक्ति की गई है। किन्तु मौके पर पहुंचने पर कुल दर्जन भर बच्चे परिसर में मौजूद पाए गए।

संवाददाता के अचानक स्कूल में पहुंचने पर इंचार्ज प्रधानाध्यापक ने तीखा आक्रोश जताते हुए कहा कि आप की हिम्मत कैसे हुई स्कूल में जांच के लिए आने की, यहां तक कि प्रधानाध्यापक ने स्कूल के कमरों और परिसर की तथा सफाई व्यवस्था,रंगाई-पुताई की बदहाल स्थिति की फोटो लेने पर भी नाराजगी जताते हुए विरोध किया, जिससे दूर से ही स्कूल की फोटो खींचनी पड़ी। बीते दिनों गांव के निवासी उपेंद्र सिंह द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी पिपरौली को पत्र भेजकर स्कूल में व्याप्त अनियमितताओं की शिकायत करते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की गई है।

मौके पर जांच के लिए पहुंचने पर स्कूल की बदहाल व्यवस्थाओं की पुष्टि हुई है।

स्कूल की रंगाई पुताई नहीं हुई है कमरों में सीलन, गंदगी और दुर्गंध आती है जहां बैठना भी मुश्किल है। बाउंड्री वॉल और गेट का निर्माण नहीं हुआ है। बगल में स्थित खेतों में काम कर रहे गांव के किसानों राम सिंगार,हरखू और कपिल ने पूछने पर बताया कि स्कूल में शिक्षकों और बच्चों के आने जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है कभी 9 बजे तो कभी 10 या 10.30 बजे आते हैं और समय से पहले ही दोपहर में चले जाते हैं। बच्चे आते ही नहीं हैं। प्रधानाध्यापक ने उपस्थिती रजिस्टर दिखाने से इंकार कर दिया और कहा कि रजिस्टर चेक करने का अधिकार सिर्फ हमारे विभागीय अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को है। इतना ही नहीं अपशब्दों का प्रयोग करते हुए जांच के लिए पहुंचने पर आक्रोश जताया गया।

मिली जानकारी के अनुसार 100 से अधिक विद्यार्थियों की संख्या होने पर कंपोजिट स्कूलों में शासन द्वारा मेंटिनेंस के लिए वर्ष में 50 हजार रुपए दिए जाते हैं। किंतु आमी नदी की बाढ़ में वर्ष में लगभग 2 महीने तक बाढ़ के पानी में डूबा रहने वाला जरलहीं का कंपोजिट स्कूल वर्ष भर बदहाल गंदा,मैला, कुचैला, सीलन भरी चिपचिपी दीवारों तथा अव्यवस्थाओं का शिकार बना रहता है।

शिकायतकर्ता उपेंद्र सिंह के आरोपों स्कूल में कंपोजिट ग्रांट के धन का दुरूपयोग, बर्तन, स्पोर्ट्स ग्रांट, मिड-डे-मील के कन्वर्जन कास्ट का दुरूपयोग, टीएलएम ग्रांट तथा बच्चों के फल और दूध वितरण में बच्चों की संख्या के अनुपात में धांधली और सरकारी धन के खुलेआम दुरूपयोग की सभी शिकायतें सच साबित होती नजर आती हैं, यदि निश्पक्षता से जांच की जाए तो स्कूल की बदहाली की पोल स्वत: खुल जाएगी?।

इस संदर्भ में बीएसए गोरखपुर रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि शिकायत मिली है जांच के लिए बीईओ पिपरौली को आदेश दिया गया है रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

अंग्रेजी विभाग की मासिक पत्रिका साहित्य विमर्श के 13वें संस्करण का कुलपति ने किया विमोचन

गोरखपुर । डीडीयू विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका "साहित्य विमर्श" के 13वें संस्करण का विमोचन विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रोफेसर पूनम टंडन द्वारा किया गया। यह विशेष संस्करण अक्टूबर माह के प्रमुख त्योहारों पर आधारित है और इसके कवर पेज को इसी को ध्यान में रखकर विद्यार्थियों के द्वारा तैयार किया गया है .पत्रिका में त्योहारों की थीम पर आधारित रचनाओं के साथ-साथ विभाग द्वारा आयोजित स्वच्छ भारत अभियान की शपथ, टेल्स एंड ट्रीविया प्रतियोगिता, व्हिस्पर आॅफ द म्यूज, और वैल्यू एडेड कोर्स के अंतर्गत आयोजित गतिविधियों को भी सम्मिलित किया गया है।

इस अंक में विद्यार्थियों द्वारा लिखी गई कविताओं को विशेष रूप से सराहा गया है। "साहित्य विमर्श" पूर्णत: छात्र-छात्राओं द्वारा संचालित पत्रिका है, जिसमें लेखन और संपादन का कार्य विद्यार्थी स्वयं करते हैं। इस संस्करण का संपादन प्रथम सेमेस्टर की तीन मेधावी छात्राओं - अंजू उपाध्याय, अनुप्रिया मिश्रा और सोनम जायसवाल ने किया है। अपने संपादन कौशल और रचनात्मक दृष्टिकोण से उन्होंने पत्रिका को एक नया आयाम प्रदान किया है।

इस अवसर पर कुलपति, प्रोफेसर पूनम टंडन ने छात्रों के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा, कि साहित्य विमर्श न केवल विद्यार्थियों की रचनात्मकता को मंच प्रदान करता है, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास और संपादन कौशल को भी निखारता है। यह पत्रिका विभाग और विश्वविद्यालय की सामूहिक उपलब्धियों का परिचायक है।अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर अजय कुमार शुक्ला ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमारे विभाग के छात्र-छात्राओं ने 'साहित्य विमर्श' के माध्यम से अपनी रचनात्मकता और संपादन कौशल को एक नई दिशा दी है। यह पत्रिका उनके विचारों और प्रतिभाओं को व्यक्त करने का अद्भुत मंच है।

इस अवसर पर विद्यार्थियों के रचनात्मक प्रयासों और विभागीय पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। "साहित्य विमर्श" को विश्वविद्यालय और विभाग के नवाचारों का प्रतीक माना गया।इस अवसर पर शोध छात्र नितेश सिंह, जेहरा शमशीर तथा छवि मिश्रा भी उपस्थित रहे।

गोरखपुर में वर्किंग वूमन हॉस्टल की जरूरत, सांसद रवि किशन ने केंद्र सरकार से की अपील

गोरखपुर: पूर्वांचल का सबसे बड़ा महानगर गोरखपुर न केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों का भी प्रमुख केंद्र है। यहाँ एम्स (AIIMS), पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय, फर्टिलाइजर कारखाना, इंडस्ट्रियल एरिया और अन्य सरकारी एवं निजी संस्थानों में हजारों महिलाएं काम करती हैं। साथ ही, गोरखपुर में विभिन्न क्षेत्रों से आने वाली कामकाजी महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।

सांसद रवि किशन शुक्ला ने इस संदर्भ में केंद्र सरकार से मांग की है कि गोरखपुर में कामकाजी महिलाओं के लिए 500 कमरों वाला एक अत्याधुनिक वर्किंग वूमन हॉस्टल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि गोरखपुर न केवल एक महानगर है, बल्कि इसके एयर फोर्स स्टेशन, हवाई अड्डा और विशाल रेलवे नेटवर्क के कारण आसपास के 20 जिलों के लोग अपनी विभिन्न जरूरतों के लिए यहां आते हैं।

सांसद ने बताया कि गोरखपुर में बड़ी संख्या में महिलाएं नौकरी और अन्य व्यवसायों के लिए दूर-दूर से आती हैं, लेकिन उनके ठहरने के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक आवास का अभाव है। महिलाओं को इस कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वर्किंग वूमन हॉस्टल के निर्माण से उनकी सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित हो सकेगी।

उन्होंने केंद्र सरकार से इस परियोजना के लिए तुरंत केंद्रीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया, ताकि कामकाजी महिलाओं को एक सुरक्षित और आरामदायक माहौल में रहने का अवसर मिले और वे अपने जीवन में बेहतर योगदान दे सकें।

कुपोषित बच्चों के जीवन में मिशन खिलखिलाहट ने लाया मुस्कान

गोरखपुर। जनपद गोरखपुर में बाल विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे नवाचारी कदम मिशन खिलखिलाहट ने कुपोषित बच्चों के जीवन में अहम बदलाव लाया है. आज मुख्य विकास अधिकारी संजय मीना द्वारा मिशन खिलखिलाहट के अंतर्गत अपने गोद लिए बच्चे श्रेयांश का घर भ्रमण किया गया. श्रेयांश को जब सीडीओ संजय मीना ने गोद लिया था तो उसका वजन सात किलोग्राम था, मात्र तीन महीने में बच्चे का वजन दो किलोग्राम बढ़ गया और बच्चा आज कुपोषण की श्रेणी से बाहर निकल कर पूर्ण स्वस्थ हो गया है.

मिशन खिलखिलाहट के अंतर्गत सीडीओ के नेतृत्व में जनपद और ब्लॉक के विभिन्न अधिकारियों द्वारा कुपोषित बच्चों को गोद लेकर स्वेच्छा से पोषण पोटली प्रदान की जा रही है, अब तक 86 बच्चे इस मिशन से कुपोषण से बाहर आ चुके हैं. पूर्व में भी आराध्या नामक बच्ची को सीडीओ और डीपीओ अभिनव मिश्रा ने परी नामक बच्ची को इस मिशन के तहत गोद लेकर स्वस्थ और सुपोषित किया था.

पुनः सीडीओ ने श्रेयांश नामक बच्चे को गोद लिया . सिविल लाइंस के झुग्गी में रहने वाले श्रेयांश के पिता संजय सब्जी का ठेला लगाते हैं और माता चंदा गृहिणी हैं . तीन माह पूर्व जब सीडीओ ने बच्चे को गोद लिया तो उसका वजन सात किलोग्राम था , आज बच्चे का वजन तीन महीने में सात किलो से बढ़कर नौ किलोग्राम हो गया है. बच्चा पहले अति कुपोषित था, अब पूर्ण रूप से स्वस्थ है.

जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर अभिनव मिश्रा ने इस मिशन को बताया बहुत प्रभावकारी

जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव मिश्रा ने अवगत कराया की विभागीय सेवाओं के अलावा इस मिशन के अंतर्गत अधिकारियों द्वारा कुपोषित बच्चों को स्वेच्छा से पोषण पोटली प्रदान की जा रही है जिसमे गुड़, चना, सहजन,दाल, केले, सेब, मौसमी हरी सब्जियां आदि होते हैं. इन बच्चों का नियमित वजन ऊँचाई लिया जा रहा है, आंगनबाड़ी और एएनएम के माध्यम से समय समय पर दवाएं भी उपलब्ध करायी जा रही है. जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा, समाज कल्याण अधिकारी, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, जिला युवा कल्याण अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी , असिस्टेंट लेबर कमिश्नर समेत सभी खंड विकास अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, सभी खंड शिक्षा अधिकारी, एडीओ पंचायत, चिकित्सा अधीक्षक, पूर्ति निरीक्षक , मुख्य सेविकाएं आदि कुपोषित बच्चों को इस मिशन के अंतर्गत गोद लेकर उनके जीवन में अहम बदलाव ला रहे हैं.

उल्लेखनीय है की जनपद गोरखपुर भ्रमण के दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और महिला बाल विकास की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने भी बाल विकास गोरखपुर के इस मिशन की सराहना करते हुए पूरे प्रदेश में लागू करने की बात कही.

सीएम योगी के आशीर्वाद से खास बन जाएगा 1200 गरीब बेटियों का विवाह

गोरखपुर। आगामी एक दिसंबर को 1200 ऐसी गरीब बेटियों की शादी बेहद खास बनने जा रही है जिनके परिवार के लिए शादी के संसाधन जुटाना पहाड़ तोड़ने जैसा दुरूह था। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की इन बेटियों की शादी सरकार करा रही है।

इसके लिए एक दिसंबर को गोरखपुर में होने वाले भव्य समारोह में आशीर्वाद देने के लिए सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ खुद मौजूद रहेंगे।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत एक दिसंबर को हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (खाद कारखाना) के परिसर में आयोजित भव्य समारोह में करीब 1200 गरीब बेटियों का विवाह संपन्न होगा। इस आयोजन में वैवाहिक जीवन में प्रवेश करने वाले जोड़ों को आशीर्वाद देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रति विवाह पर सरकार की तरफ से 51 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें से 35 हजार रुपये विवाह बंधन में बंधने जा रही कन्या के बैंक खाते में अंतरित कर दिए जाते हैं। 10 हजार रुपये उपहार व शेष राशि अन्य व्यवस्थागत खर्चों के मद में है।

उपहार में वधू के लिए विवाह हेतु कढ़ाई की एक साड़ी, एक चुनरी, एक डेली यूज की साड़ी, वर हेतु कुर्ता पायजामा, पगड़ी तथा माला, मुस्लिम विवाह के लिए वधू को कढ़ाई वाला सूट, चुनरी, सूट का कपड़ा, वर हेतु कुर्ता पायजामा आदि दिया जाता है। आभूषण में चांदी की पायल, बिछुआ भी प्रदान किया जाता है। गृहस्थी के समान में कुकर, जग या लोटा, थाली, गिलास, कटोरा व चम्मच, बक्सा तथा प्रसाधन सामग्री से भरी श्रृंगारदानी दी जाती है।

जिला प्रशासन और समाज कल्याण विभाग के अधिकारी सामूहिक विवाह कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह से मिली जानकारी के अनुसार आगामी एक दिसंबर को होने वाले मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से अब तक प्राप्त 2663 आवेदनों का सत्यापन कराया जा रहा है। इसमें करीब 1200 पात्र आवेदकों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है।

अब तक हो चुके हैं 8609 सामूहिक विवाह

आर्थिक रूप से कमजोर किसी वही व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी चिंता बेटी के हाथ पीले करने की होती है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद बीते सात साल से उनकी यह चिंता दूर हो गई है। वित्तीय वर्ष 2017-18 से अब तक समाज कल्याण विभाग मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सिर्फ गोरखपुर जिले में ही 8609 शादियां सम्पन्न करा चुका है। अब इसमें 1200 की संख्या और जुड़ जाएगी।

गोरखपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की उपलब्धि

वित्तीय वर्ष संख्या

2017-18 81

2018-19 256

2019-20 651

2020-21 622

2021-22 1416

2022-23 1505

2023-24 4078

ओबीसी व एससी, एसटी रेल कर्मचारी संगठन ने पुरवोत्तर रेलवे श्रमिक संघ को दिया समर्थन, किया जनसभा

गोरखपुर। पुरवोत्तर रेलवे श्रमिक संघ, ओबीसी रेल कर्मचारी संगठन गोरखपुर द्वारा पुरवोत्तर सर्विस संघ को पूर्ण रूप से समर्थन दिए जाने को लेकर महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष जनसभा का आयोजन किया गया।

जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में एससी एसटी एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीएल बैरवा ने ने संबोधित किया उन्होंने कहा कि बल कर्मियों के हित के लिए लगातार एससी एसटी एसोसिएशन संघर्षरत रहता है। ऐसे में अब समय आ गया है कि हम अपनी पूरी शक्ति के साथ पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ को समर्थन देकर भारतीय रेलवे में 11 वर्ष बाद होने वाले मान्यता हेतु चुनाव में समर्थन दिया गया है। इस मौके पर जोनल अध्यक्ष राम हरक यादव श्रमिक संघ के जोनल अध्यक्ष अरविंद कुमार महामंत्री बजरंगी दुबे जोनल महामंत्री रामाश्रय यादव सहित बड़ी संख्या में रेल कर्मचारी मौजूद रहे।

"विवेकानंद ज्ञान ज्योति यात्रा": पूरे भारत में सशक्तिकरण, शिक्षा और सामाजिक जागरूकता की यात्रा

गोरखपुर। राधा गोविंद छीपा, "विवेकानंद ज्ञान ज्योति यात्रा" पहल के संस्थापक, सामाजिक जागरूकता, शिक्षा, युवा सशक्तिकरण, समानता, जलवायु परिवर्तन, जल संरक्षण, वृक्षारोपण और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के मिशन के साथ, पूरे भारत में एक असाधारण यात्रा पर हैं।

इस महत्वपूर्ण यात्रा की शुरुआत को चिह्नित करते हुए, भारत के माननीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा आधिकारिक तौर पर यात्रा को हरी झंडी दिखाई गई। तब से, यात्रा ने दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, लेह लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित प्रमुख राज्यों को पार किया है, और अब, यात्रा उत्तर प्रदेश में है, जो सड़क मार्ग से 12,000 किमी से अधिक की दूरी तय कर चुकी है।

राधा गोविंद छीपा, अपने 7 वर्षीय बेटे, सहज राधागोविंद छीपा के साथ, सुजुकी वैगनआर चला रहे हैं जबकि वे महत्वपूर्ण सामाजिक कारणों के लिए जागरूकता बढ़ाने के अपने मिशन को जारी रखते हैं। यात्रा, जो विभिन्न इलाकों और क्षेत्रों में यात्रा करती है, पर्यावरणीय स्थिरता, शिक्षा और एकता के संदेश फैलाकर समुदायों पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा करने पर केंद्रित है।

यात्रा में "मेरा भारत महान," "एक भारत श्रेष्ठ भारत," "स्वच्छता मिशन," "स्थिरता," "शून्य प्लास्टिक उपयोग," और "मेक इन इंडिया" जैसे शक्तिशाली नारे और संदेश स्टिकर के माध्यम से वाहन पर प्रदर्शित किए गए हैं। ये पहल बेहतर, स्वच्छ और अधिक एकजुट भारत के लिए राधा गोविंद छीपा की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। स्थिरता और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए यात्रा की प्रतिबद्धता में शून्य प्लास्टिक का उपयोग करने और जल संरक्षण और वृक्षारोपण के बारे में जागरूकता बढ़ाने का सचेत प्रयास शामिल है।

जैसे-जैसे यात्रा जारी है, यह नागरिकों को स्वच्छ, अधिक टिकाऊ और सशक्त भारत के आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित करती है। युवा, शिक्षा और समानता पर ध्यान एक स्थायी विरासत छोड़ने के लिए तैयार है, और यह यात्रा समाज को बदलने में जमीनी स्तर की सक्रियता की शक्ति के प्रमाण के रूप में खड़ी है।

राधा गोविंद छीपा और उनका छोटा बेटा इस उम्मीद के साथ यात्रा करना जारी रखते हैं कि उनका मिशन भावी पीढ़ियों को भारत और दुनिया के सामूहिक विकास और कल्याण में योगदान करने के लिए प्रेरित करेगा।

यात्रा के दौरान अनाथ बच्चे, नशे की आदत वाले बच्चे, जिनके माता-पिता मौजूद नहीं हैं और जो बच्चे भीख मांग रहे हैं, उनके लिए एक सुनहरा अवसर उपलब्ध करवाने का लक्ष्य है। इस मिशन के तहत, राधा गोविंद जी ने 1 लाख बच्चों को शिक्षा का अवसर देने का संकल्प लिया है और उन्हें स्कूलों में भेजने की व्यवस्था करेंगे।

मिशन का उद्देश्य स्वामी विवेकानंद जी का जो सपना था, भारत देश को विश्वगुरु बनाना और उसे "सोने की चिड़ीया" बनाना, उसे साकार करना है। इस उद्देश्य के लिए राधा गोविंद जी ने अपने जीवन को देशहित में समर्पित करके यह अनोखी पहल की है।

"विवेकानंद ज्ञान ज्योति यात्रा" के बारे में

"विवेकानंद ज्ञान ज्योति यात्रा" भारत भर में चल रही एक यात्रा है, जिसका नेतृत्व राधा गोविंद छीपा ने किया है, जो शिक्षा, युवा सशक्तिकरण, समानता, पर्यावरणीय स्थिरता और महिला सशक्तिकरण जैसे सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने पर केंद्रित है। यह यात्रा समाज में बदलाव लाने के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी और सामूहिक कार्रवाई के महत्व पर जोर देती है। इस पहल के माध्यम से, छीपा का लक्ष्य एक मजबूत, अधिक जागरूक और पर्यावरण के प्रति जागरूक भारत का निर्माण करना है।

गोरखपुर में प्रेस क्लब अध्यक्ष ने साल ओढा कर स्वागत किया अविनाश गुप्ता, सुरेंद्र कुमार, सागर पासवान, आकाश पासवान, गोलू जयसवाल आदि मौजूद रहे।

कुलपति व एसएसपी ने हरी झंडी दिखाकर रैली को किया रवाना

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन के मार्गदर्शन एवं उत्तर प्रदेश सरकार की योजना के अंतर्गत चल रहे मिशन शक्ति फेज 5 के तहत आज गोरखपुर नगर में भव्य रैली निकाली गई. कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन एवं एसएसपी गौरव ग्रोवर ने गोरखपुर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. पुलिस बैंड व घुड़सवारों ने रैली की अगवानी की.

इस अवसर पर रैली को रवाना करते हुए कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि यह रैली समाज में सशक्त स्त्री की छाप छोड़ेगी. जागरूकता अभियान की दिशा में यह एक मील का पत्थर साबित होगी. स्त्रियां आज किसी भी ऊंचाई को छूने में सक्षम हैं. उन्होंने अपेक्षा के अनुरूप समाज व देश की प्रगति में अपना योगदान सुनिश्चित किया है. जमीन से लेकर आसमान तक उनकी उपस्थिति को दुनिया महसूस कर रही है. वह घर भी संभाल रही है और देश भी संवार रही है. दुनिया में उसका परचम बुलंद हो रहा है. किंतु इसके साथ-साथ ही अभी भी कुछ रूढ़िया, असमानता व अत्याचार हमारे बीच व्याप्त है. इसे दूर करने के लिए समाज में मजबूत संदेश जाना अत्यंत आवश्यक है.

एसएसपी गौरव ग्रोवर ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक स्त्री में असीमित क्षमता व संभावनाएं हैं. उसे जरूरत है तो ऊंचे ख्वाब देखने की. शिक्षा एक ऐसा महत्वपूर्ण माध्यम है जिसके तहत सशक्त स्त्री का निर्माण संभव है. यदि कुछ दुश्वारियां हैं तो बदलाव भी बहुत कुछ हुआ है. आज समाज से लेकर सरकार तक स्त्री शिक्षा, सुरक्षा एवं सशक्तिकरण की दिशा में लगातार प्रयासरत है. शासन - प्रशासन स्त्रियों की समस्याओं को लेकर संवेदनशील है. अराजक तत्वों के लिए पुलिस 24 घंटे आपकी सेवा में मुस्तैद है. जरूरत है तो ऐसी मान्यताओं से पूर्णतः मुक्त, विवेकशील व स्वस्थ समाज के निर्माण की जिसमें स्त्रियों की रचनात्मकता व उन्नति की दिशा में कोई बाधा न आने पाए. यह जागरूकता से ही संभव होने वाला लक्ष्य है. इस लक्ष्य की दिशा में यह रैली निश्चय ही अर्थवान होगी.

इस रैली में गोरखपुर विश्वविद्यालय के साथ-साथ सेंट एंड्रयूज कॉलेज, सेंट जोसेफ कॉलेज फॉर विमेन्स, चंद्रकांति रमावती महाविद्यालय की छात्राएं बड़ी संख्या में शामिल हुईं. इसके साथ ही विश्वविद्यालय एवं संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षक गण भी इस मुहिम के साक्षी बने. इस रैली का संयोजन मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी प्रोफेसर विनीता पाठक एवं सदस्य गण ने किया.

इस रैली की यह गौर करने वाली बात रही कि इसमें दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रही स्त्रियों के रोल मॉडल के रूप में छात्राओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. किसी ने जज वह वकील का रूप धारण किया था तो किसी ने पुलिस और आर्मी का. किसी ने बैंकर का तो किसी ने साइंटिस्ट का. किसी ने डॉक्टर का तो किसी ने इंजीनियर का. किसी ने वाइस चांसलर का तो किसी ने प्रोफेसर का. किसी ने अभिनेत्री का, तो किसी ने झांसी की रानी का.किसी ने स्पेस साइंटिस्ट का, तो किसी ने होम मेकर का. किसी ने पॉलिटिशियन का, तो किसी ने एयर होस्टेस व पायलट का. इस रैली को देखने वाले नागरिक समाज में उनके सकारात्मक उत्साह को स्पष्ट ही दर्ज किया जा सकता था.