उत्पन्ना एकादशी के अवसर पर नवभारत निर्माण ट्रस्ट द्वारा मानसरोवर मंदिर पर किए गए विभिन्न कार्यक्रम

गोरखपुर। उत्पन्ना एकादशी के उपलक्ष्य में नवभारत निर्माण ट्रस्ट गोरखपुर के द्वारा संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के सहयोग से दीपोत्सव एंव सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन मानसरोवर मंदिर प्रांगण निकट गोरखनाथ पुल गोरखपुर में किया गया । जिसमें सर्व प्रथम 11 ब्राह्मणों के शंखनाद के संग प्रथम दीपक कार्यक्रम की मुख्य अतिथि (पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति) पूनम टंडन के दीप प्रज्वलित करने के साथ 11 पंडित जी द्वारा गंगा आरती करायी गयी । मानसरोवर परिसर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं द्वारा दीप के प्रज्वलन का कार्यक्रम न चलता रहा ।

तत्पश्चात कार्यक्रम में कार्यक्रम के अतिथिगण के सम्मान के क्रम में कार्यक्रम कि संरक्षक मंडली- पूजा गुप्ता, रश्मि सिंह के संग कार्यक्रम अध्यक्ष नितेश शुक्ल के द्वारा मुख्य अतिथि के पश्चात, विशिष्ट अतिथि - रीना तिवारी अंतर्राष्ट्रीय लोकगायक एवं सदस्य-संतकबीर अकादमी, उत्तर प्रदेश- हरि प्रसाद सिंह, राकेश उपाध्याय • विजय श्रीवास्तव व अनूप अग्रवाल, मधु अग्रवाल, सुधा मोदी, जेके पांडेय, प्रमोद व सभी अतिथी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया तत्पश्चात कलाकारों द्वारा लोक पारंपरिक गीत संघ सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति क्रमशः दी गई । कलाकारों एवं कार्यक्रम में लगे कार्यकर्ताओं को अतिथिगण द्वारा सम्मानित किया गया ।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो॰ पूनम टंडन जी ने कार्यक्रम की तारीफ़ करते हुए कहा कि दीपोत्सव कार्यक्रम बहुत ही भव्य होने के साथ ही साथ सांस्कृतिक नृत्य एवं गायन पूरे परिसर में उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध करा, इस कार्यक्रम में आकर ट्रस्ट के द्वारा कई वर्षों से किए जा रहे सेवा कार्यों को जाना जोकि अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायी है । मुख्य ट्रस्टी विक्रमादित्य नारायण सिंह ने उत्पन्ना एकादशी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि - हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। कार्तिक माह के बाद ये मार्गशीर्ष मास आता है जिसे अगहेन भी कहते हैं । इसके कृष्णपक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है, उत्पन्ना एकादशी इस लिए क्यूँकि यह प्रथम एकादशी है इस दिन एकादशी का प्रादुर्भाव हुआ था,वे प्रकट हुई थी, उत्पन्न हुई थी इसलिए इसका नाम है उत्पन्ना एकादशी । दीप दान करना शुभ माना जाता है। इसलिए आज के दिन दीप प्रज्ज्वलन कार्यक्रम के संग सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया ।कार्यक्रम की संचालिका सरिता सिंह जी ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा यह कार्यक्रम पिछले 5 वर्षो से आयोजित कराया जारहा है |

संविधान दिवस पर ‘‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान‘‘ विषयक संगोष्ठी का हुआ आयोजन

गोरखपुर। संविधान दिवस के अवसर पर संग्रहालय सभागार में ‘‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान‘‘ विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के वक्ता प्रो0 (डाॅ0) रामप्रताप सिंह, दयानन्द वैदिक कालेज, उरई, प्रो0 अनिल यादव, वाणिज्य संकाय, दीन दयाल उपाध्याय, गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर एवं सुभाष चन्द्र चैधरी, पूर्व उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त, पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर एवं बसन्त लाल, पूर्व पुलिस अधिकारी, गोरखपुर रहे। कार्यक्रम की शुरूआत संविधान की उद्देशिका का पठन/शपथ ग्रहण के साथ किया गया।

संगोष्ठी की निर्धारित विषय-वस्तु पर सम्बोधित करते हुए सभी वक्ताओं द्वारा अपने संविधान के सम्बन्ध में काफी रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारी प्रदान की गयी।

वक्ताओं की कड़ी में प्रो0 अनिल यादव ने कहा कि संविधान दिवस मनाने का अर्थ अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होना है। संविधान महिलाओं की स्वतंत्रता हेतु विशेष अधिकार प्रदान करता है। हमारा संविधान हमारे मौलिक अधिकारों की रक्षा करते हुए हमें सुरक्षा भी प्रदान करता है। संविधान एक तरफ जहाॅं प्रत्येक धर्म-भाषा, जाति के लोगों को रहने की आजादी देता है इस देश की विविधता में एकता को समाहित किए हुए है। श्री बसन्त लाल ने कहा कि हमारे देश का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है। जो पूरे विश्व में अद्भुत एवं अद्वितीय है। हमारा संविधान समस्त नागरिकों को समानता का अधिकार प्रदान करता है।सुभाष चन्द्र चैधरी ने कहा कि डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर ने एक बार कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसे मानने वाले तथा उसको लागू करने वाले अच्छे न हो तो एक अच्छा संविधान भी व्यर्थ हो जायेगा। वक्ता प्रो0 राम प्रताप सिंह ने कहा कि संविधान हमें समता, स्वतंत्रता, बन्धुत्व व न्याय पर आधारित समाज व राष्ट्र निर्माण का संदेश देता है। हमारा संविधान हमें सामाजिक चेतना व राजनैतिक एकता के साथ-साथ आर्थिक स्वतंत्रता का अधिकार भी प्रदान करता है।

संग्रहालय के उप निदेशक डाॅ0 यशवन्त सिंह राठौर ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारा संविधान ही हमारा स्वाभिमान है। संविधान के प्रति जागरूकता के माध्यम से देश के विकास में योगदान दिया जा सकता है। कार्यक्रम के अन्त में अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित करते हुए सभी अतिथियों को आभार ज्ञापित किया।

उक्त अवसर पर डाॅ0 जितेन्द्र कुमार, अमरपाल सिंह यादव, एड0 कमलेश कुमार कचेर, भास्कर विश्वकर्मा, कुलवंत सिंह, भालचन्द्र मिश्रा, शिवम यादव, ओम यादव, बृज बिहारी दूबे, अनीता मांझी, रेनू मिश्रा, दीपाली मिश्रा, सुप्रिया रावत, आदित्य, अनिल कुमार अर्चना राय आदि सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

संक्रमण मुक्त होता है मां का दूध, टीबी उपचाराधीन माताएं करा सकती हैंसंक्रमण मुक्त होता है मां का दूध, टीबी उपचाराधीन माताएं करा सकती हैं स्तनपान

गोरखपुर।मां का दूध हर प्रकार से संक्रमण मुक्त होता है । ऐसे में अगर किसी माता को टीबी है और उनका उपचार चल रहा है तो वह भी मास्क लगा कर सावधानी के साथ बच्चे को स्तनपान करवाना जारी रखें। ऐसी माताओं द्वारा बच्चे को स्तनपान न कराना बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम कर सकता है।

 साथ ही अगर किसी भी गर्भवती और धात्री महिला में टीबी का लक्षण दिखे तो अधिक सतर्कता बरतते हुए त्वरित जांच और इलाज करवाना चाहिए। यह कहना है जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ गणेश यादव का । उन्होंने अपील की है कि अगर किसी गर्भवती या धात्री को लगातार दो सप्ताह से अधिक की खांसी आ रही है तो वह टीबी जांच जरूर करावें।

डीटीओ डॉ यादव ने बताया कि गर्भवती में समय से टीबी की पहचान न होने से बच्चे के समय से पहले जन्म, कम वजन वाले बच्चे के जन्म, अंतर्गर्भाशयी विकास प्रतिबंध और प्रसवकालीन मृत्यु में छह गुना वृद्धि का जोखिम बना रहता है। इसके ठीक विपरीत समय से जांच और इलाज शुरू हो जाने से मां और बच्चे दोनों सुरक्षित हो जाते हैं।

 टीबी ग्रसित गर्भवती और धात्री महिलाओं के उपचार के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निश्चित प्रोटोकॉल तय हैं और इनके जरिये मां बच्चे दोनों का ध्यान रखा जाता है। इन मरीजों को यथाशीघ्र नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाना चाहिए।

डॉ यादव ने बताया कि ऐसी महिलाओं को मातृ सूक्ष्म पोषक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आयरन, फोलिक एसिड तथा अन्य विटामिन और खनिज देना जारी रखना चाहिए। ऐसी स्थिति में गर्भावस्था के दौरान जब कैल्शियम का सेवन कम हो, तो प्रसवपूर्व देखभाल के भाग के रूप में कैल्शियम अनुपूरण की सिफारिश भी की जाती है। उपचाराधीन मां को दवा के साथ साथ चिकित्सक के परामर्श के अनुसार संतुलित आहार लेते हुए आराम भी करना चाहिए।

शीघ्र स्तनपान जरूरी

शाहपुर नगरीय स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ नीतू मौर्या का कहना है कि टीबी उपचाराधीन गर्भवती को भी प्रसव के तुरंत बाद यथाशीघ्र बच्चे के स्तनपान के लिए प्रेरित किया जाता है। ऐसी मां का दूध बच्चे के लिए पहला टीका होता है। मां को बच्चे के ओरल कांटैक्ट से बचने की सलाह दी जाती है। मास्क लगा कर स्वच्छता व्यवहार अपनाते हुए इन माताओं को भी छह माह तक सिर्फ अपना दूध ही बच्चे को पिलाने के लिए कहा जाता है। उपचाराधीन माता को हाथों की स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। मां के दूध से बच्चे को टीबी का संक्रमण नहीं होता है, बल्कि यह बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा कर उसे टीबी जैसी बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।

देते हैं बचाव की दवा

डीटीओ डॉ गणेश यादव ने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चे के जन्म के बाद लगने वाला बीसीजी का टीका उन्हें टीबी समेत कई बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है। स्तनपान भी बच्चे को इस बीमारी से बचाव का सामर्थ्य व पोषण प्रदान करता है। टीबी पीड़ित धात्री महिला के बच्चों को बचाव की दवा भी दी जाती है।

यह लक्षण दिखे तो गर्भवती-धात्री कराएं जांच

दो सप्ताह से अधिक की खांसी

शाम को पसीने के साथ बुखार

सीने में दर्द

सांस फूलना 

वजन कम होना

बलगम में खून आना स्तनपान

गोरखपुर।मां का दूध हर प्रकार से संक्रमण मुक्त होता है । ऐसे में अगर किसी माता को टीबी है और उनका उपचार चल रहा है तो वह भी मास्क लगा कर सावधानी के साथ बच्चे को स्तनपान करवाना जारी रखें। ऐसी माताओं द्वारा बच्चे को स्तनपान न कराना बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम कर सकता है।

साथ ही अगर किसी भी गर्भवती और धात्री महिला में टीबी का लक्षण दिखे तो अधिक सतर्कता बरतते हुए त्वरित जांच और इलाज करवाना चाहिए। यह कहना है जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ गणेश यादव का । उन्होंने अपील की है कि अगर किसी गर्भवती या धात्री को लगातार दो सप्ताह से अधिक की खांसी आ रही है तो वह टीबी जांच जरूर करावें।

डीटीओ डॉ यादव ने बताया कि गर्भवती में समय से टीबी की पहचान न होने से बच्चे के समय से पहले जन्म, कम वजन वाले बच्चे के जन्म, अंतर्गर्भाशयी विकास प्रतिबंध और प्रसवकालीन मृत्यु में छह गुना वृद्धि का जोखिम बना रहता है। इसके ठीक विपरीत समय से जांच और इलाज शुरू हो जाने से मां और बच्चे दोनों सुरक्षित हो जाते हैं।

टीबी ग्रसित गर्भवती और धात्री महिलाओं के उपचार के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निश्चित प्रोटोकॉल तय हैं और इनके जरिये मां बच्चे दोनों का ध्यान रखा जाता है। इन मरीजों को यथाशीघ्र नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाना चाहिए।

डॉ यादव ने बताया कि ऐसी महिलाओं को मातृ सूक्ष्म पोषक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आयरन, फोलिक एसिड तथा अन्य विटामिन और खनिज देना जारी रखना चाहिए। ऐसी स्थिति में गर्भावस्था के दौरान जब कैल्शियम का सेवन कम हो, तो प्रसवपूर्व देखभाल के भाग के रूप में कैल्शियम अनुपूरण की सिफारिश भी की जाती है। उपचाराधीन मां को दवा के साथ साथ चिकित्सक के परामर्श के अनुसार संतुलित आहार लेते हुए आराम भी करना चाहिए।

शीघ्र स्तनपान जरूरी

शाहपुर नगरीय स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ नीतू मौर्या का कहना है कि टीबी उपचाराधीन गर्भवती को भी प्रसव के तुरंत बाद यथाशीघ्र बच्चे के स्तनपान के लिए प्रेरित किया जाता है। ऐसी मां का दूध बच्चे के लिए पहला टीका होता है। मां को बच्चे के ओरल कांटैक्ट से बचने की सलाह दी जाती है। मास्क लगा कर स्वच्छता व्यवहार अपनाते हुए इन माताओं को भी छह माह तक सिर्फ अपना दूध ही बच्चे को पिलाने के लिए कहा जाता है। उपचाराधीन माता को हाथों की स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। मां के दूध से बच्चे को टीबी का संक्रमण नहीं होता है, बल्कि यह बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा कर उसे टीबी जैसी बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।

देते हैं बचाव की दवा

डीटीओ डॉ गणेश यादव ने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चे के जन्म के बाद लगने वाला बीसीजी का टीका उन्हें टीबी समेत कई बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है। स्तनपान भी बच्चे को इस बीमारी से बचाव का सामर्थ्य व पोषण प्रदान करता है। टीबी पीड़ित धात्री महिला के बच्चों को बचाव की दवा भी दी जाती है।

यह लक्षण दिखे तो गर्भवती-धात्री कराएं जांच

दो सप्ताह से अधिक की खांसी

शाम को पसीने के साथ बुखार

सीने में दर्द

सांस फूलना

वजन कम होना

बलगम में खून आना

कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओें बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

गोरखपुर। संविधान दिवस के शुभ अवसर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर 26 नवंबर से 26 जनवरी तक राष्ट्रीय संविधान रक्षक अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान पूरे 60 दिन तक चलेगा इसे आज 26 नवंबर से शुरू किया गया।

आज जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान के निर्देश पर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष महिंद्र नाथ मिश्रा, सत्येंद्र कुमार निषाद के नेतृत्व में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी को माल्यार्पण कर कहे कि संविधान दिवस मनाया गया यह कार्यक्रम मुख्य पांच बिंदुओं पर आधारित है संविधान और समानता की लड़ाई, संविधान द्वारा गारंटी कृत आरक्षण की सुरक्षा, भेदभाव का उन्मूलन एक प्रमुख संवैधानिक मूल्य, गरीबों के संविधान के विरुद्ध पूंजीवादी सरकार, संविधान द्वारा गारंटीकृत लोकतंत्र और स्वतंत्रता को बचाएं कार्यक्रम को का संचालन अनुराग पांडे ने किया लोकतंत्र को या सरकार खत्म करना चाहती है बाबा भीम साहब अंबेडकर के संविधान को बदलाव करके देश में अराजकता फैलाने का काम भाजपा सरकार कर रही है यह कटेंगे और बटन के नारा देकर देश को गुमराह कर रहे हैं या कांग्रेस पार्टी बर्दाश्त नहीं करेंगे पब्लिक के बीच संविधान का पत्रक बाटा गया।

कार्यक्रम मे मुख्य रुप से दिलीप कुमार निषाद प्रदेश सचिव दयानंद प्रसाद जिला महासचिव विक्रमादित्य सच्चिदानंद तिवारी, जिला सचिव राम नगीना साहनी गब्बू लाल प्रजापति अर्जुन शाही देवेंद्र निषाद राजू पांडे विवेकानंद यादव विनोद प्रमोद पाल त्रिपाठी, सुखराम यादव, दिनेश मौर्या, आदि लोग उपस्थित रहे ।

समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारी ने मनाया संविधान दिवस

गोरखपुर। समाजवादी पार्टी के बेतियाहाता स्थित कार्यालय पर जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम की अध्यक्षता में संविधान दिवस मनाया गया। संचालन महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी ने किया। जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम ने कहा कि भारत का संविधान देश के नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता व समानता का अधिकार देता है। वोट की ताकत से ही संविधान व आरक्षण की रक्षा किया जा सकता है आज हमारे संवैधानिक मूल्यों पर लगातार प्रहार करके देश के संविधान को कमजोर किया जा रहा है।

आइये, हम सब मिलकर संवैधानिक मूल्यों की पालना करते हुए संविधान की रक्षा का प्रण लें।एक तरफ भाजपा संविधान को ताक पर रखकर मनमानी करना चाहती है, तो दूसरी तरफ दिखावा करना चाहती है। भाजपा का ये राजनीतिक दोहरापन देश और देशवासियों के लिए घातक है संविधान दिवस के अवसर पर इसके सभी रचनाकारों को सादर नमन। संविधान दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।

इस दौरान प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी अवधेश यादव रजनीश यादव मिर्जा कदीर बेग रामजतन यादव देवेंद्र भूषण निषाद हरेंद्र यादव कृष्ण कुमार त्रिपाठी राघवेंद्र तिवारी राजू अनारकली मौर्य मैना भाई अजय कन्नौजिया इमरान खान गवीश दुबे जावेद सिमनानी रफीउल्लाह सलमानी सेराजुद्दीन रहमानी सच्चिदानंद यादव धन्नजय सिंह सैथवार बबलू अंसारी मुरारी लाल मौर्य मनोज गौतम अनूप यादव ईश्वर आफताब अंसारी पूजा निषाद गोली यादव भवनाथ यादव श्रीकांत यादव संजय सिंह सैथवार स्वतन्त्र सिंह यादव इमरान दानिश तौफीक मुन्नु आफताब निजामी मोहम्मद अली विक्की निषाद सुनील यादव वसीम खान भृगुनाथ निषाद जयप्रकाश दुर्विजय अजय बृजेश लक्ष्मी शंकर विकास अनिल कुमार शुएब मनोज आविद अली रविन्द्र आदि मौजूद रहे।

अभाविप का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन गोरखपुर में संपन्न


गोरखपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में 22, 23 व 24 नवम्बर को आयोजित किया गया।

अभाविप का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन कई ऐतिहासिक अनुभवों का गवाह बना जिसमें लघु भारत, अनेकता में एकता, तथा विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विरासत के दर्शन करने के अवसर मिले।

अभाविप द्वारा महेश्वर से पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी वर्ष पर निकाली गई मानवंदना यात्रा प्रयागराज, अयोध्या से होते हुए अधिवेशन स्थल पर पहुंची। यात्रा के माध्यम से लोकमाता द्वारा भारतीय सांस्कृतिक विशिष्टता के पुनरुत्थान हेतु किए गए प्रयासों को जनसामान्य तक पहुंचाया गया, 21 नवंबर को गोरखपुर पहुंची इस यात्रा का स्वागत अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही व तत्कालीन राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल द्वारा स्वागत किया गया।

अभाविप के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में महंत अवेद्यनाथ को समर्पित एक विशाल प्रदर्शनी लगाई गयी, विशाल प्रदर्शनी सभागार का नाम ' महंत अवेद्यनाथ मंडप ' रखा गया। महंत अवेद्यनाथ को समर्पित प्रदर्शनी में गोरखपुर का वास्तविक इतिहास, स्वाधीनता आंदोलन की गौरवगाथा, विश्वगुरु भारत, विद्यार्थी परिषद का 75 वर्षों का इतिहास, विविध क्षेत्रों में अभाविप के आयामों के कार्य, राष्ट्रीय एकात्मता, पर्यावरण आदि विषय केन्द्र में रहे, 21 दिसम्बर को प्रदर्शनी का उद्घाटन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने किया।

अभाविप के महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने पूरे देशभर में अभाविप द्वारा किये गये क्रियाकलापों पर आधारित महामंत्री प्रतिवेदन रखा, जिसमें देशभर में हुए अभाविप के कार्यक्रम, गतिविधियाँ, आंदोलन तथा 55,12,470 सदस्यता के आकड़े की जानकारी दी।

अभाविप के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में सत्र 2024-25 हेतु पुनः निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही और नव निर्वाचित राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी को चुनाव अधिकारी डॉ. प्रशांत साठे ने पदभार ग्रहण कराया गया।

अभाविप के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन 22 नवम्बर को जोहो कोर्पोरेशन के सीईओ श्री धर वेम्भू द्वारा किया गया। श्रीधर वेम्बू ने स्वावलंबन, इंटरप्रेन्योरशिप, रोजगार, युवाओं को भविष्य के दिशासूत्र, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि विषयों को अपने भाषण में प्रमुखता से उठाया।

अभाविप के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन में अभाविप व विद्यार्थी निधि न्यास के संयुक्त उपक्रम प्रा. यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार -2024 का वितरण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया। इस वर्ष प्रा. यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार श्रवण दिव्यांगजनों में कौशल विकास व शिक्षा के माध्यम से जीवन उद्देश्य और उत्साह उत्पन्न करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु महाराष्ट्र के ठाणे के दीपेश नायर को को प्रदान किया गया, इस पुरस्कार में ₹ 1,00,000/- की राशि, प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह समाविष्ट हैं।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित अभाविप के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में कुल 5 प्रस्ताव पारित किये गये जिनमें शिक्षा की गुणवत्ता, खाद्यान्न मिलावट, मणिपुर हिंसा जैसे गंभीर सामाजिक विषयों पर प्रस्ताव शामिल है।

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि अभाविप का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन भारत के गौरवशाली इतिहास की याद दिलाता है। अभाविप देश में हुए सकारात्मक परिवर्तन का परिचायक रहा है, अभाविप विचारों की प्रतिबद्धता और चरित्रवान विद्यार्थी निर्माण का कार्य करने वाला विश्व का सबसे विराट छात्र संगठन है जो अपने स्थापना के 76वर्ष बाद भी मजबूती से विस्तृत हो रहा है। अभाविप की घोषित यात्रा 'ध्येय यात्रा' है, किंतु हमारा उद्देश्य है सभी को साथ लेकर चलना और यही हमारी पारस्परिकता है। राष्ट्र हित के लिए जो भी निर्णय होगा वह सभी मिल कर करेंगे।

अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल ने कहा कि देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में संस्कार और मूल्यों से परिपूर्ण गुणवत्तायुक्त शिक्षा की बात विद्यार्थी परिषद करती है। देश एक सुखद दौर से गुजर रहा है भारत रोजगार प्रदान करने का देश बन रहा है, भारत ने आपदा को अवसर में बदलकर विश्व के सामने एक मिशाल प्रस्तुत की है। यह दौर अब भारत का है, यह भारत हमारा है भारत के प्रश्नों का उत्तर हमें ढूंढना है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोरक्ष प्रांत मंत्री श्री मयंक राय ने कहा कि भारतीय एकात्मकता के लिए अभाविप कार्यकर्ता निरंतर प्रयास कर रहे हैं। आज 76 वर्षों की अभाविप बहुआयामी वटवृक्ष का रूप ले चुकी है, जो समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए अभाविप कार्यकर्ता अपने रचनात्मक प्रयासों द्वारा परिवर्तन लाने का काम कर रहे हैं। विद्यार्थी परिषद में सामान्य से सामान्य कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं। गोरखपुर सौभाग्यशाली है पूरे देश के कार्यकर्ताओं का आतिथ्य सत्कार का अवसर प्राप्त हुआ।

कस्तूरबा स्कूल में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किशोर मंच का आयोजन किया

खजनी गोरखपुर। केंद्र व प्रदेश सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य का नियमित परीक्षण करने और उन्हें जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया गया है।आज खजनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने उसवां गांव में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में छात्राओं को बीमारियों से बचाव के तरीके बताए और राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य मंच का आयोजन किया गया।

इस दौरान स्वास्थ्य से जुड़ी प्रश्नोत्तरी में छात्राओं से स्वास्थ्य से जुड़े दर्जनों प्रश्न पूछे गए,जिनका सही उत्तर देने वाली छात्राओं दिव्या,साक्षी,कृतिक्षा सिंह, पूजा, प्रियांशी, सपना, प्रिया यादव, सोनिका, मानसी, दिव्यांशी, अर्चना, लक्ष्मी को शील्ड और मेडल देकर सम्मानित किया गया।

इस दौरान पीएचसी की आर.बी.एस.के. टीम के प्रभारी डॉक्टर त्रिवेणी कुमार द्विवेदी, डॉक्टर सी.पी.यादव आॅप्टोमेटिस्ट जितेन्द्र मौर्या, विकास कुमार मेल स्टॉफ नर्स सुबेश राय और स्टॉफ नर्स विजयलक्ष्मी तथा स्कूल की वार्डन सीमा रावत शिक्षिकाएं ऋचा पांडेय, सना शगुफ्ता, निशा सिंह, ममता यादव, निधि सिंह, प्रतिभा चौहान, श्याम किंकर सिंह, गोपालधर दूबे मौजूद रहे।

हिंदू एकता यात्रा में शामिल हुई महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंदगिरी

गोरखपुर। चौथे दिन की यात्रा नौगांव से शुरू हुई, महाराज की यात्रा जैसे ही आगे बढ़ी वैसे ही किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंदगिरी भी शामिल हुई। उन्होंने पदयात्रियों को अपने आशीर्वचन से लाभान्वित करते हुए कहा कि जिसके हृदय में भक्ति जाग जाती है वह सनातन के लिए एकत्रित हो जाता है। उन्होंने कहा आज हिन्दुओं को एकजुट होने की जरूरत है।

उन्होंने सभी हिन्दुओं से इस यात्रा को समर्थन देने का आग्रह किया। शुक्रवार को गोरखपुर से वे प्रयागराज पहुंची। यहां पर महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा की भूमि व धर्म ध्वजा पूजन के बाद सड़क मार्ग से सीधे रविवार को नौगॉव पहुंची। महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंदगिरी ने यात्रा की सफलता की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ पैदल चलकर उनके संकल्प में सहभागिता की और हिंदुओं से एकजुट होने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि अब हिंदुओं के एकजुट होने का समय आ गया है और महाराज की यात्रा में उनके साथ चल रहा यह अपार जनसमूह इस बात का प्रतीक है कि सभी हिंदू एकजुट हैं।

उन्होंने आचार्य पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर पुष्प वर्षा किया और शंखनाद कर सभी पदयात्रियों का स्वागत किया। इस दौरान अयोध्या हनुमान गड़ी के महंत राजू दास और श्रीधाम वृंदावन के कथा वाचक पंडित पुंडरीक गोस्वामी महाराज भी शामिल थे। इसके पूर्व प्रख्यात कथाव्यास अनिरुद्धाचार्य महाराज भी सनातन हिन्दु एकता पदयात्रा में शामिल हुए।

भारत को हिंदू राष्ट्र होना चाहिए: किन्नर अखाड़ा महामंडलेश्वर

सनातन हिन्दु एकता पदयात्रा जब नौगांव पहुंची तो, यहां किन्नर अखाड़ा की ओर से महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंदगिरी ने हिंदू एकता यात्रा का समर्थन करते हुए भव्य स्वागत किया। सनातन यात्रा में पहुंची महामंडलेश्वर में मीडिया से बातचीत में कहा कि यह यात्रा देश भर के हिंदुओं को एकजुट करने के लिए निकाली जा रही है और सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगी। उन्होंने कहा कि किन्नर समाज भी इस यात्रा का पूरा समर्थन कर रहा है, भारत को हिंदू राष्ट्र होना चाहिए। शिष्य मंडल की ओर से उन्होंने बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर और उनके पीछे चल रहे सभी पदयात्रियों का स्वागत किया।

विधि के विद्यार्थियों में असीम सम्भावनायें- प्रो. पूनम टंडन

गोरखपुर। "विधि के विद्यार्थियों ने आज जो मूट कोर्ट का मंचन किया है वह एकदम जीवंत था। पूरे मंचन के दौरान यह नहीं आभास हुआ कि ये एक आभासी न्यायालय का दृश्य है, दोनों पक्षों के अधिवक्ता-गण, गवाह और न्यायाधीश महोदय के अभिनय में बच्चों ने सजीव कर दिया। विधि संकाय के विद्यार्थियों में असीम सम्भावनायें हैं, जरूरत है मात्र इनको दिशा देने की जिसमें विधि संकाय के शिक्षक समर्थ हैं। आने वाले दिनों में मैं विधि संकाय के शिक्षकों से कहना चाहूँगी की वे इन बच्चों को लेकर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के स्तर पर प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करें और अपना, अपने विश्विद्यालय और क्षेत्र का नाम रौशन करें।

गोरखपुर विश्वविद्यालय के विधि संकाय के आयोजन में आकर बहुत अच्छा लगता है क्योंकि यहां के छात्रों का उत्साह काफी उच्च स्तर का होता है। उन्होंने ने कहा कि आप सभी लोग इस संकाय की संवृद्ध परंपरा के वाहक हैं।"

उक्त बातें गोरखपुर विश्विद्यालय की मुखिया कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने संविधान दिवस समरोह के प्रथम दिवस में आयोजित मूट कोर्ट मंचन के बाद कहीँ। इससे पूर्व कुलपति ने विभिन्न प्रतियोगिताओं का अवलोकन किया। दीक्षा भवन परिसर में आयोजित रंगोली एवं पोस्टर प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में कुलपति जी का स्वागत बी.ए.एल-एल.बी की छात्रा चितवन मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन बी.ए.एल-एल.बी की छात्रा रितिका तिवारी ने किया ।कार्यक्रम का सफल संचालन बी.ए.एल-एल.बी के सहायक आचार्य डॉ अंसार आलम एवं डॉ मेनका ने किया। मूट कोर्ट के सूत्रधार की भूमिका बी.ए.एल-एल.बी की छात्राएँ ऐश्वर्य त्रिपाठी एवं ईशान्शी ने अदा किया।

समारोह के वृहद आयोजन का परिचय विधि संकाय के अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता प्रो. अहमद नसीम ने किया एवं प्रो. जितेंद्र मिश्र ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनायें देते हुए संविधान दिवस के मह्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने आज बताया कि आज अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस है, प्रो. मिश्र ने संविधानिक दर्शन को भी बच्चों के समक्ष रखा।

कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रो. अहमद नसीम ने कुलपति के समक्ष रखा, उन्होंने बताया की आज इस आयोजन में विश्विद्यालय के विभिन्न विभागों एवं विश्विद्यालय से सम्बध्द कई महाविद्यालय से प्रतिभागी आए हैं और उन्होंने भाषण, रंगोली एवं पोस्टर प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया है। उन्होंने बताया की प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को 26 नवंबर को सर्टिफिकेट एवं मेडल प्रदान किया जाएगा। प्रो. नसीम ने कहा कि 26 नवम्बर 2024 को मूट कोर्ट के सभी प्रतिभागियों एवं दीक्षान्त सप्ताह के दौरान बी.ए.एल-एल.बी के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित युवा संसद के प्रतिभागियों को भी सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। प्रो. नसीम ने बताया कि संविधान दिवस के दिन प्रातः विश्विद्यालय अवस्थित क्रीड़ा परिषद के अंतर्गत स्टेडियम में विश्विद्यालय के समस्त शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थियों को कुलपति प्रो. पूनम टंडन जी द्वारा संविधान के प्रस्तावना की शपथ दिलाई जाएगी एवं तदुपरांत विधि संकाय के विद्यार्थियों द्वारा प्रभात फेरी निकाली जाएगी जो दीक्षा भवन में जाएगी और वहाँ पर विगत वर्षों की तरह आयोजित आचार्य पी. आर. त्रिपाठी स्मृति व्याख्यान का आयोजन होगा जिसके मुख्य अतिथि काशी हिन्दू विश्विद्यालय के आचार्य प्रो. रजनीश पटेल जी होंगे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. पूनम टंडन जी करेंगी।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रतिकुलपति प्रो शांतनु रस्तोगी, प्रो ऊषा सिंह, प्रो अजय शुक्ल, प्रो विमलेश मिश्र, प्रो शरद मिश्र, डॉ विस्मिता पालीवाल, डॉ मनीष पांडेय, डॉ प्रभुनाथ प्रसाद, डॉ रंजन लता एवं विधि संकाय के सभी शिक्षक कर्मचारी , शोधार्थीगण, विश्विद्यालय के शिक्षक उपस्थित हुए।

उल्लेखनीय है कि संविधान दिवस समरोह के आयोजन के क्रम में 25 नवम्बर का कार्यक्रम का शुभारम्भ संवाद भवन में आयोजित भाषण प्रतियोगिता से हुआ जिसकी अध्यक्षता विश्विद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो शांतनु रस्तोगी ने किया उन्होंने प्रतिभागियों को एवं इस वृहद आयोजन के लिए विधि संकाय के अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता प्रो. अहमद नसीम एवं समारोह के संयोजक प्रो. जितेंद्र मिश्र एवं संकाय के सभी शिक्षकों को बधाई दी। प्रतिकुलपति ने भाषण प्रतियोगिता के शीर्षक "सांविधानिक लोकतंत्र में नागरिक अधिकारों का मह्त्व" का ज़िक्र करते हुए कहा कि हमारा लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा संवैधानिक लोकतंत्र है और संविधान हमारी देश की आधारशिला है। भाषण प्रतियोगिता में न्यायाधीश के रूप में अंग्रेज़ी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय शुक्ल , हिन्दी विभाग के प्रो. विमलेश मिश्र एवं डॉ. अमित उपाध्याय रहे। भाषण प्रतियोगिता का संयोजन विधि संकाय के डॉ. टी एन मिश्र , डॉ

शैलेश सिंह एवं डॉ. आशीष शुक्ल ने किया। पोस्टर एवं रंगोली प्रतियोगिता का संयोजन प्रो ऊषा सिंह एवं विधि संकाय के डॉ ओम प्रकाश सिंह एवं डॉ सुमन लता चौधरी जी ने किया।

पुलिस को बंधक बनाने वाले 5 आरोपित भेजे गए जेल, गांव में पसरा सन्नाटा

खजनी गोरखपुर।सिकरीगंज थाना क्षेत्र के कन्हौली गांव में दो पक्षों के बीच झगड़ा होने की सूचना पर पहुंचे दारोगा को मारपीट कर बंधक बनाने की घटना में सिकरीगंज पुलिस ने थाने के एसआई भुपेंद्र कुमार तिवारी की तहरीर पर 15 नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 513/2024 में बीएनएस की एक दर्जन से अधिक धाराओं 3(5),191(2),191(3),190, 115(2), 352, 351(3),121(1),132,131,126(2), 310(2),109 और 7 सीएलए एक्ट मारपीट,छिनैती बलवा, हत्या का प्रयास और सरकारी काम में बाधा आदि गंभीर केस दर्ज किया गया है।

बताया जाता है कि मारपीट में चौकी इंचार्ज दुघरा के कंधे में चोट आयी है। अब तक पुलिस पर हमला करने और बंधक बनाने के मामले में पांच आरोपितों महातम यादव 45 वर्ष,श्रवण यादव 32 वर्ष,नीरज यादव 26 वर्ष,राजन यादव 28 वर्ष, विनय कुमार 30 वर्ष को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।जहां से कोर्ट ने आरोपियों को जेल भेज दिया। कन्हौली गांव में रविवार को दो पट्टीदार के बीच लड़ाई में दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए थे, सूचना पर पहुंची पुलिस को बंधक बनाकर मारने पीटने की घटना में मौके पर मौजूद श्रवण यादव की मां शांति देवी ने बताया कि चौकी इंचार्ज के पहुंचने पर घर में मौजूद उनकी छोटी बहू (श्रवण यादव के छोटे भाई डब्लू की पत्नी) मोबाइल से घटना की वीडियो बनाने लगी थी। चौकी इंचार्ज मोबाइल छीनने घर में घुस गए और महिला से जबरदस्ती मोबाइल छीनने के दौरान उसे धकेल कर गिरा दिया तथा लात से मारे बेटियों से भी मोबाइल छीन लिया और अभद्रता की जिससे परिवार की महिला के साथ अभद्रता बच्चों से बर्दाश्त नहीं हुई। बताया कि पुलिस वाले देर रात में भी 30/35 की संख्या में आए थे ताला तोड़कर घर का सारा सामान तहस-नहस कर दिया 3 मोबाइल दरवाजे पर खड़ी बाइक और ट्रैक्टर ले कर चले गए हैं। जबकि दूसरे पक्ष के घर में ताला लगा मिला लोग परिवार के साथ गोरखपुर में रहते हैं। बता दें कि गांव में लगभग 2 दर्जन घर हैं, सभी आरोपियों के घरों में ताला लटका हुआ है, तथा गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। दो दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज होने के कारण सभी पुरुष गांव छोड़ कर फरार हैं घरों के बाहर पहुंचने पर महिलाएं दरवाजा खोल कर देखने के बाद फिर से दरवाजा बंद कर ले रही हैं। दहशत का माहौल है।