देवउठनी एकादशी पूजन पर संतों का हुआ समागम

गोरखपुर। गुरुकृपा संस्थान एवं सनातन ग्रन्थालय के संयुक्त तत्वावधान में श्रीरामचरितमानस मासिक अखंड पाठ के अवसर पर देवउठनी एकादशी का पूजन संतों के समागम से हुआ। सनातनियों की ओर से सामूहिक फलाहार कार्यक्रम का आयोजन दाऊदपुर स्थित मानस सभागार में किया गया।

ध्यातव्य है कि हर महीने के शुक्ल पक्ष एकादशी को श्रीरामचरितमानस मासिक अखंड पाठ का आयोजन होता है जो यह 26 वें पड़ाव पर चल रहा है।

बृहद सोच एवं विश्वकल्याण के मंगलकामनाओं को लेकर भगीरथ प्रयास के सूत्रधार बृजेश राम त्रिपाठी ने कहा कि देवोत्थानी एकादशी 4 नवंबर 2022 से लगातार दो वर्ष पूर्ण होकर तीसरे वर्ष भी पूज्य साधू संतो, महंतों संन्यासियों के सानिध्य में शुभारंभ हुआ है जबकि जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु के जागरण दिवस का विशेष दिन है। मंगल कार्यों का शुभारंभ भी इसी अवसर पर किए जाने का शास्त्रों में वर्णन है।

गोरखपुर देवरिया संतकबीरनगर सहित सुदूर क्षेत्रों से आए संत समाज के श्रीमुख से सीताराम संकीर्तन के साथ तीसरे वर्ष के मानस पाठ का पारायण प्रारंभ किया गया। सोलहों संस्कारों को संरक्षित करने तथा विश्व कल्याण के वैश्विक भाव को पूर्ण करने वाला सम्पूट "विश्व भरण पोषण कर जोई, ताकर नाम भरत अस होई" के साथ मानस पाठ किया जा रहा है।

आयोजक बृजेश राम त्रिपाठी ने संतो को अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया। संत समागम के बाद संतों का सामूहिक फलाहार भंडारा का आयोजन हुआ।

इस अवसर पर रामशरण दास, रामदास, बालकदास, बाबा हरिनारायण, विश्वकर्मा दास, सुग्रीवदास, सत्य नारायण दास, गोविंद बाबा, सिद्धनाथ दास, बीरु दूबे, अभिषेक जायसवाल, अभिषेक त्रिपाठी

शंकर दूबे, महेश दूबे, अजय मिश्रा, नीलेश पांडेय, रमा राजेश्वरी, शिवांगी, सहित भारी संख्या में लोगों ने फलाहार प्रसाद ग्रहण किया।

*श्रद्धालुओं ने प्रबोधनी एकादशी पर गंगा में लगायी आस्था की डुबकी*

चंदौली- बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रबोधनी एकादशी (भीमसेनी) के अवसर पर मंगलवार को आस्था की डुबकी लगायी। भीड़ को देखते हुए बलुआ इंस्पेक्टर डॉ. आशीष मिश्रा पूरी फोर्स के साथ घाट पर मौजूद रहे। गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष दीपक जायसवाल अपने गंगा सेवको के साथ लोगों की सहायता करते रहे।

कार्तिक मास में गंगा में स्नान दान को बेहद खास महत्व दिया गया है। माना जाता है कि इस मास में तुलसी को जल देने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है। इन्हीं परम्पराओं का निर्वहन करते हुए मंगलवार को बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनी गंगा तट पर हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी। स्नान का सिलसिला भोर से ही शुरू हो गया। महिलाओं ने गंगा में स्नान के बाद मूली व बैगन गंगा में दान किया। वही घाट पर बने अस्थायी भीमसेन की पूजन अर्चन की।

भीड़ को देखते हुए सभी छोटे बड़े वाहनों को बलुआ पुलिस ने बाल्मीकि इंटर कालेज के फील्ड में पार्किंग करा दिया। बलुआ बाजार से लेकर घाट तक भारी मात्रा में फोर्स तैनात रही।बलुआ इंस्पेक्टर डॉ. आशीष मिश्रा घाट पर तैनात रहे। वही गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष दीपक जायसवाल भी दर्जनों की संख्या में अपने गंगा भक्तों के साथ लोगों की मदद करते रहे। बाजारों में गन्ना व फल की लोगों ने खरीदारी की। लोगों के घरों में तुलसी विवाह का आयोजन धूमधाम से किया गया।

*सीएम सिटी में डिप्टी सीएम का चाबुक, जिला चिकित्सालय में तैनात कार्यवाहक प्रमुख अधीक्षक पर कार्रवाई के निर्देश*

गोरखपुर- सीएम सिटी के नेताजी सुभाष चंद्र बोस जिला चिकित्सालय में तैनात कार्यवाहक प्रमुख अधीक्षक पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पिछले कई दिनों से कार्यवाहक प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर राजेंद्र कुमार ठाकुर के खिलाफ भ्रष्टाचार, गलत तरीके से मेडिकोलीगल करने एवं अन्य गंभीर शिकायतें मिल रही थी।

कार्यवाहक प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर राजेंद्र कुमार ठाकुर के खिलाफ मिल रही शिकायतों को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक में गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को विभागीय अनुशासनीय करवाई संस्थित करने के निर्देश दिए हैं।

विश्व निमोनिया दिवसः सरकारी खर्चे से लगते हैं बच्चों को बीमारी से बचाव के टीके

गोरखपुर- निमोनिया को सामान्य भाषा में फेफड़ों के संक्रमण या सूजन के रूप में जानते हैं। समय से इस बीमारी की पहचान हो जाए तो यह इलाज से ठीक हो सकता है, लेकिन अगर देरी की जाए तो जानलेवा बन जाता है। छोटे बच्चों और शुगर, किडनी, लीवर या हर्ट के सहरूग्णता वाले रोगियों में निमोनिया के प्रति अधिक सतर्कता जरूरी है। बच्चों को निमोनिया से बचाने के टीके सभी सरकारी अस्पतालों पर सरकारी खर्चे से लगाए जा रहे हैं। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी। डॉ दूबे श्वसन रोग विशेषज्ञ भी हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि यह बीमारी आमतौर पर छोटे बच्चों और बुजुर्गों में अधिक होती है। जन्म के समय बच्चे का वजन कम होने पर और समय से पहले बच्चे का जन्म होने पर उसे निमोनिया होने की आशंका अधिक है। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से विकसित नहीं होती है और उनकी श्वसन नली भी छोटी होती है, इसलिए बच्चों के निमोनिया के प्रति अपेक्षाकृत ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। विश्व में हर 43 सैकेंड में निमोनिया के कारण एक बच्चे की मौत हो जाती है। यूनिसेफ संस्था द्वारा नवम्बर 2023 में सार्वजनिक की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व के प्रति एक लाख बच्चों पर निमोनिया के 1400 मामले देखे गये हैं।

डॉ दूबे ने बताया कि नियमित टीकाकरण के जरिये बच्चों में निमोनिया के मामले नियंत्रित किये जा रहे हैं। बच्चे के जन्म के छह हफ्ते और चौदह हफ्ते पर एवं इसके बाद नौ माह पर निमोनिया से बचाव के लिए उन्हें निमोकॉकल वैक्सीन (पीसीवी) लगाई जाती है। हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी निमोनिया से बचाव में पेंटावेलेंट टीका भी मददगार है। यह टीका बच्चे के जन्म के छह, दस और चौदहवें सप्ताह में सरकारी खर्चे पर लगाया जा रहा है। नवजात को शीघ्र स्तनपान, छह माह तक सिर्फ स्तनपान और छह माह बाद स्तनपान के साथ साथ दो वर्ष की उम्र तक पोषणयुक्त घरेलू पूरक आहार भी बच्चों को निमोनिया से बचाता है। बच्चों में दस्त के कारण भी निमोनिया की आशंका अधिक होती है । दस्त से बचाव के लिए ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोलियां स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाती हैं।

इन लक्षणों पर हो जाएं सतर्क

सीएमओ ने बताया कि सूखी या फिर बलगम के साथ खांसी, सामान्य से अधिक बुखार, सांस फूलना, सांसो की घरघराहट और सीने में दर्द निमोनिया के प्रारंभिक लक्षण हैं। अगर यह लक्षण नवजात या बच्चों में हो तो 102 नंबर एम्बुलेंस की मदद से सरकारी अस्पताल में जाना चाहिए। अन्य लोगों को भी अतिशीघ्र चिकित्सक की देखरेख में इलाज शुरू करवाना चाहिए।

ऐसे होती है बीमारी

जब नाक और गले का वायरस या बैक्टेरिया श्वसन नलिका में चला जाता है तो फेफड़े संक्रमित होने से निमोनिया हो जाता है। यह कफ या छींक से भी हवा में फैल सकता है। बच्चों के जन्म के शुरूआती दिनों में यह प्रदूषण, संक्रमण या रक्त के माध्यम से भी हो सकता है। धूल और प्रदूषण के कारण फेफड़े कमजोर हो जाते हैं और इस वजह से भी निमोनिया संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है।

कर सकते हैं बचाव

डॉ दूबे ने बताया कि चिकित्सक के परामर्श के अनुसार छह माह से अधिक उम्र के लोग और खासतौर से शुगर, किडनी, लीवर और हार्ट के मरीजों को इससे बचाव के टीके भी लगवाने चाहिए। नियमित व्यायाम और प्राणायाम करने से फेफड़ों की क्षमता मजबूत होती है और निमोनिया संक्रमण होने पर जटिलताएं बढ़ने की आशंका कम हो जाती है।

मुरादाबाद की संस्था ने गोरखपुर के बृजेश राम त्रिपाठी को किया सम्मानित

गोरखपुर। आओ हाथ बढ़ाएं चेरिटेबल ट्रस्ट मुरादाबाद की ओर से सामूहिक कन्या विवाह के अवसर पर पूरे प्रदेश से आमंत्रित अतिथियों का उनके विशेष कार्यों के दृष्टिगत सार्वजनिक सम्मान किया गया। राष्ट्रीय मूल्यों, प्रतीकों, सनातन संस्कृति एवं राष्ट्रीय गौरव की थाती को संरक्षित एवं संवर्धित करने जैसे सामाजिक क्षेत्र में किए जा रहे योगदान के लिए गोरखपुर की सामाजिक संस्था के संस्थापक महासचिव बृजेश राम त्रिपाठी को हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला सपत्नीक श्रीमती जानकी शुक्ला के कर कमलों से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

आओ हाथ बढ़ाएं संस्था की संचालिका सामाजिक कार्यकत्री श्रीमती गीतांजलि पांडेय ने पत्र देकर श्री त्रिपाठी को मुरादाबाद आमंत्रित किया था जहां पर एक भव्य सामूहिक कन्या विवाह के मंच पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल, मुरादाबाद के महापौर विनोद अग्रवाल, गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के अध्यक्ष मार्कण्डेय मणि त्रिपाठी, स्थानीय सदर विधायक रितेश गुप्ता और प्रबुद्धजनों उद्योगपतियों, व्यवसायियों की उपस्थिति में सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर मुरादाबाद की रामलीला मंडली के अहम सदस्य

मुंबई में दो दशक से रामलीला मंचन में रावण का किरदार निभाने वाले राजेश रस्तोगी, संजय मणि, कर्णवीर सिंह, डा अनिल तिवारी, सोनू सिंह, सहित अनेक लोगों ने बधाई दी है।

गोरखपुर सैनिक स्कूल के प्रथम प्रधानाचार्य बने लेफ्टिनेंट कर्नल डॉक्टर अग्निवेश पांडेय

गोरखपुर। सैनिक स्कूल गोरखपुर उत्तर प्रदेश की स्थापना 23/07/2021 को प्रदेश के माननीय यशस्वी मुख्यमंत्री जी की दूर दृष्टि व कुशल निर्देशन में हुई थी. सोमवार को सैनिक स्कूल गोरखपुर के प्रथम प्रधानाचार्य के रूप में ले कर्नल (डॉ)अग्निवेश पांडेय की नियुक्ति हुई है एवं उन्होंने औपचारिक रूप से कार्यभार ग्रहण कर लिया है। कर्नल पांडेय इसके पूर्व सैनिक स्कूल मैनपुरी (रक्षा मंत्रालय ) के संस्थापक प्रधानाचार्य रह चुके हैं एवं उन्हें शिक्षण प्रशिक्षण में लगभग 20 वर्षों का अनुभव है. वे इसके पूर्व देश के सर्वोत्कृष्ठ संस्थान जैसे इण्डियन मिलिट्री अकैडमी देहरादून और नेशनल डिफेंस अकैडमी पुणे में प्रशिक्षक की भूमिका पर रहते हुए अपनी सेवाएं प्रदान की हैं. उन्हें सेना की तरफ़ से उत्कृष्ट कार्य हेतु दो बार सेना के उच्चाधिकारियों द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है । उनके कुशल निर्देशन में यह विद्यालय नए कीर्तिमान बनाएगा एवं यहां के छात्र और छात्राओं को उत्तम शिक्षण प्रशिक्षण प्राप्त होगा।

गुरुनानक तेरी जय होवे के गूंज में निकली शोभायात्रा

गोरखपुर। सिख धर्म के संस्थापक सतगुरु श्री गुरुनानक देव के प्रकाशपर्व के अंतर्गत सोमवार को निकली भव्य शोभायात्रा देखने लायक रही। शोभायात्रा में गुरबाणी के भजनों की गूंज के साथ भक्ति और सेवा का ऐसा ज्वार था कि शहरवासी इसे देखकर मोहित हो गए।

शोभायात्रा का शुभारंभ शहर के प्रमुख गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा जटाशंकर से दोपहर 3 बजे अरदास के साथ हुआ। सबसे आगे पंजाब से आए बैंड पार्टी का आकर्षण, उसके पीछे सड़कों की सफाई व जल छिड़काव करते युवक- युवतिया, उसके बाद घोड़े पर सवार सशस्त्र पंच प्यारे भव्य रूप से सुसज्जित श्री गुरु ग्रंथ साहिब की अगवानी करते चल रहे थे। सबसे पीछे भारी संख्या में पैदल चल रही महिलाओं ने गुरबाणी गायकी से माहौल को भक्तिमय बनाए रखा था। शोभायात्रा जटाशंकर से प्रारंभ होकर आर्यनगर, बक्शीपुर, जुबली इंटर कॉलेज रोड, अग्रसेन तिराहा, टाउन हॉल गोलघर से धर्मशाला चौराहा होते हुए सायंकाल 7 बजे पुनः गुरुद्वारा जटाशंकर पहुंची, जहां आरती अरदास और भव्य पुष्प वर्षा के बाद गुरु का लंगर प्रसाद ग्रहण कर लोग अपने घर को प्रस्थान किए। शहर के विभिन्न धार्मिक सामाजिक संगठनों ने

शोभायात्रा का जगह जगह स्वागत कर सामाजिक एकता को मजबूती प्रदान की। अगवाई कर रहे गुरुद्वारा जटाशंकर के अध्यक्ष जसपाल सिंह जी ने बताया कि श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशपर्व के अंतर्गत 14 नवंबर की रात्रि गुरुद्वारा साहिब में भव्य कीर्तन दरबार और गुरु के लंगर प्रसाद का कार्यक्रम चलेगा, उसके बाद 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु महाराज का प्रकाशपर्व सुबह 8 से शाम 3 बजे और रात्रि 6 से 11 बजे तक बहुत ही भव्य रूप से मनाया जाएगा। श्री सिंह ने शोभायात्रा के सफल समापन पर समस्त अतिथियों, श्रद्धालुओं, आगंतुको एवं सेवादारों के प्रति आभार ज्ञापित किया। यात्रा का संचालन

उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के सदस्य जगनैन सिंह नीटू ने किया। इस अवसर पर मैनेजर राजेंद्र सिंह, चरनप्रीत सिंह मोंटू, डॉ दीपक सिंह, धर्मपाल सिंह, रविंदर पाल सिंह, हरप्रीत सिंह साहनी, कुलदीप सिंह नीलू, मनमोहन सिंह लादे, मनजीत सिंह भाटिया, चिरंजीव सिंह हनी, जोगिंदर सिंह, गुरमीत सिंह, केशव मृगवानी, महेश रतलानी, नंदलाल लखमानी, बलवीर सिंह सहित बड़ी संख्या में विभिन्न समाज के लोगों की सहभागिता रही।

नगर निगम पेंशनर संघ के धरने को परिषद ने दिया समर्थन

गोरखपुर। नगर निगम परिसर में नगर निगम पेंशनर संघ द्वारा आयोजित धरने को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने समर्थन दिया परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा की नगर निगम पेंशनर संघ की सभी जायज मांगों को नगर आयुक्त ने पूरा करने का आश्वासन दिए हैं उन पर भरोसा करके सभी पेंशनर्स आज धरने को स्थगित कर रहे हैं लेकिन यदि शीघ्र इनकी मांगे पूरी नहीं होती है तो राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उनके धरने में इनके साथ कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा।

अध्यक्ष रूपेश कुमार और संरक्षक अशोक पांडेय ने बताया कि आजादी के बाद से ही सभी सरकारे पेंशनर समाज के साथ धोखा कर रही हैं, हाल ही में माननीय उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका में इस बात का खुलासा हुआ है की रिटायरमेंट के समय कर्मचारी जो अपनी 40% पेंशन सरकार को बेचता है उसकी कटौती 10 वर्ष 11 महीने में ही मय ब्याज पूरी हो जाती है, लेकिन अभी तक की सभी सरकार हैं पेंशनरों के साथ बहुत बड़ा घोटाला की हैं और यह कटौती 15 वर्षों तक अनवरत जारी रहती है जो कि बहुत ही गलत है।

पेंशनर नेता वरुण वर्मा बैरागी ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री को योगी आदित्यनाथ जी से यह गुहार लगाता हूं कि वह इस मामले को संज्ञान में लें और शासनादेश जारी कर 15 वर्ष की कटौती को कम करते हुए 11 वर्ष करने की कृपा करें तथा अधिक कटौती का पैसा कर्मचारियों के खाते में वापस करें जिससे पेंशनर समाज के चेहरे पर मुस्कान आ सके।

इस अवसर पर कौशल कुमार शुक्ला रविंद्र कुंवर शिव विभूति मणि राम कृपाल सिंह अशोक पांडेय वरुण वर्मा बैरागी इजहार अली अनूप कुमार बलराम उपाध्याय इंद्रासन कुशवाहा मुन्नालाल मिश्रा कृष्ण मुरारी सिंह कमल मिश्रा परमात्मा सिंह जय गोविंद दूबे रामानंद यादव देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी सहित तमाम पेंशनर उपस्थित रहे।

तीन दिवसीय इंटर-फ्रंटियर खो-खो चैम्पियनशिप का आरटीसी एसएसबी में हुआ शुभारंभ

गोरखपुर। इंटर-फ्रंटियर खो-खो चैम्पियनशिप 2024 का आयोजन 11 से 13 नवम्बर के बीच प्रशिक्षु प्रशिक्षण केंद्र, सशस्त्र सीमा बल, गोरखपुर में किया जा रहा है। इस रोमांचक प्रतियोगिता में विभिन्न सीमांत मुख्यालयों से पुरुषों और महिलाओं की सात-सात टीमें चैम्पियनशिप खिताब के लिए मुकाबला करेंगी। इस चैम्पियनशिप का उद्देश्य खेल भावना, टीमवर्क और शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देना है। भारत की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े खो-खो खेल में चुस्ती, सहनशक्ति और रणनीतिक कौशल के विकास का एक आदर्श मंच प्रदान किया गया है। हमें गर्व है कि टीमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगी और उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी।

इंटर-फ्रंटियर खो-खो चैम्पियनशिप 2024 का शुभारंभ किया गया। इस आयोजन के दौरान गेस्ट ऑफ ऑनर (Guest of Honour), रविकांत मिश्रा, समन्वयक, खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया, उपस्थित रहे और अपने प्रेरणादायक समर्थन से खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया। इन्हे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लक्ष्मण पुरस्कार तथा विवेकानंद युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

खेल की शुरुआत मुख्य अतिथि डी. के. मिश्रा, उप महानिरीक्षक (चिकित्सक), संयुक्त चिकित्सालय, सशस्त्र सीमा बल, गोरखपुर द्वारा मशाल जलाकर किया गया। जिसके उपरांत सभी टीमों द्वारा मार्च पास्ट किया गया। उसके उपरांत ए. हेमोचन्द्र उप महानिरीक्षक, प्रशिक्षु प्रशिक्षण केंद्र, गोरखपुर द्वारा स्वागत भाषण दिया गया तथा इसके बाद मुख्य अतिथि द्वारा खेल की प्रारम्भिक घोषणा की गई।

सशस्त्र सीमा बल तथा सभी सीमांत मुख्यालयों का ध्वजारोहण किया गया तथा इसके उपरांत गुब्बारे और शांति के प्रतीक कबूतरों को आजाद कर शपथ समरोह का आयोजन किया गया।

तदोपरांत ए. हेमोचन्द्र उप महानिरीक्षक, प्रशिक्षु प्रशिक्षण केंद्र, गोरखपुर द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह (Momento) भेंट कर सम्मानित किया गया। इस दौरान हॉल मार्क विद्यालय के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम करके उपस्थित दर्शकों का मनोरंजन किया गया।

गोरखपुर जं. स्टेशन पर 5,000 यात्रियों को निःशुल्क कराया भोजन

*गोरखपुर, भारतीय रेल पर इस वर्ष दीपावली एवं छठ पर्व पर यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को ध्यान में रखकर उनके सुगम आवागमन के लिये रिकॉर्ड संख्या में 7,724 पूजा विशेष ट्रेनों का संचलन किया जा रहा है। इसी क्रम में, पूर्वोत्तर रेलवे से/होकर 259 पूजा विशेष ट्रेनें 1,725 फेरों में चलाई जा रही हैं, जबकि पिछले वर्ष 147 विशेष ट्रेनें 556 फेरों में चलाई गई थीं। इस वर्ष पूर्वोत्तर रेलवे पर तीन गुना से अधिक विशेष ट्रेनों का संचलन किया जा रहा है, जो एक नया रिकॉर्ड है। 10 नवम्बर को इस रेलवे के गोरखपुर जं स्टेशन से रिकॉर्ड 201, गोंडा स्टेशन से 134 एवं छपरा स्टेशन से 106 ट्रेनों को आवागमन हुआ, जिससे यात्रियों को पर्व के उपरान्त अपने गंतव्य तक पहुँचने में काफी सुविधा हुई। यात्रियों की अतिरिक्त संख्या को देखते हुये स्टेशन पर उनकी सुविधा के लिये व्यापक प्रबन्ध किये गये हैं। रेलवे सुरक्षा बल (आर.पी.एफ.) द्वारा यात्रियों को कतारबद्ध तरीके से ट्रेन में प्रवेश कराया जा रहा है तथा वृद्ध एवं दिव्यांग यात्रियों को सकुशल ट्रेनों में बैठाया जा रहा है। रेलवे प्रशासन द्वारा पूजा पर्वों पर यात्रियों के सुगम आवागमन के लिये किये गये प्रबन्ध की यात्रियों द्वारा प्रशंसा की जा रही है।

भीड़ प्रबन्धन के तहत गोरखपुर जं. सहित पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख स्टेशनों पर यात्री होल्डिंग एरिया बनाये गये हैं, जिसमें सिटिंग एरिया में पर्याप्त बैठने की व्यवस्था के साथ उद्घोषणा प्रणाली, ट्रेन डिस्प्ले बोर्ड, सी.सी.टी.वी. कैमरे, निःशुल्क भोजन एवं पानी इत्यादि की व्यवस्था की गई है। गोरखपुर जं. पर यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को ध्यान में रखते हुये 05 होल्डिंग एरिया बनाये गये हैं; जहाँ मोबाइल ट्वायलेट, हेल्प डेस्क, ट्रेन डिस्प्ले बोर्ड, उद्घोषणा प्रणाली, सिटिंग एरिया, सी.सी.टी.वी. कैमरा आदि की व्यवस्था की गई है। गोरखपुर जं. स्टेशन पर 30 अतिरिक्त सी.सी.टी.वी. कैमरों द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है। विभिन्न स्टेशनों पर आवश्यकतानुसार अतिरिक्त टिकट काउंटर खोले गये हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के 72 स्टेशनों पर लगाये गये 108 ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन (ए.टी.वी.एम.) तथा 623 क्यू.आर. कोड के माध्यम से शीघ्र भुगतान होने से टिकटिंग में काफी कम समय लग रहा है। 5,000 यात्रियों को निःशुल्क भोजन कराया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें बिस्किट एवं पानी की बोतलें निःशुल्क वितरित की गईं। स्टेशन पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

04 नवम्बर को भारतीय रेल ने एक दिन में सबसे ज्यादा यात्रियों को यात्रा कराई। लगभग तीन करोड़ यात्री रेलवे में सवार हुये, जो ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त आबादी से भी ज्यादा है। 04 नवम्बर, 2024 को 120.72 लाख (19.43 लाख आरक्षित एवं 101.29 लाख अनारक्षित गैर-उपनगरीय) यात्रियों ने यात्रा की। 180 लाख उपनगरीय यातायात भारतीय रेल द्वारा नियंत्रित किया गया। यह चालू वर्ष के लिये एक दिन में यात्रियों की सबसे अधिक संख्या है।