संतों और महात्माओं के अनुसार सुंदरकांड पाठ का बड़ा प्रतिफल
नवाबगंज (गोंडा)। सिद्ध पीठ कटरा कुटी धाम पर चल रही नौ दिवसीय पावन श्री राम कथा के नौवें दिन कथा समापन पर कथा व्यास पं मिथिलाशरण पांडे ने हनुमत चरित्र सुंदर काण्ड विषय पर बोलते हुए कहा कि रामचरितमानस में कथा के चार घाट और सात कांड है ,हम जब घर छोड़कर तप में लगते हैं तब हमें अपना सहयोगी बनाना पड़ता है । सुंदरकांड की महिमा को बताते हुए महाराज जी ने कहा कि सुंदरकांड हनुमान जी का पावन चरित्र है ।
तुलसीदास जी का हनुमान जी से सहज संबंध सद्गुरु भाव का है ,जो प्रभु राम जी को अतिशय प्रिय भी है ,इसलिए संतों और महात्माओं के अनुसार सुंदरकांड पाठ का बड़ा प्रतिफल है। माता सीता लंका में प्रतिबिंब स्वरूप पधारी थी ,सत्य स्वरूप में नहीं क्योंकि सत्य स्वरूप को बहुत संभाल कर रखना पड़ता है ,मौन रहा जाता है । इसे प्रचारित नहीं किया जाता है। कोरोना कल को याद करते हुए पूज्य महाराज जी ने कहा कि प्रभु की इच्छा के बिना हम एक सांस भी नहीं ले सकते। यदि प्राकृतिक के प्रति हम सचेत नहीं हुए आने वाला समय बहुत गंभीर होगा । प्रभु के बाल लीला का प्रसंग बड़े ही रोचक और मधुर गीत "जमुना के तीर खेलै रघुनंदन लाला "सुना कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया । इस अवसर पर कथा के मुख्य यजमान डॉ सुशीला रानी पांडे पत्नी राममणि पांडे , पीठाधीश्वर स्वामी चिन्मयानंद महाराज , बबलू तिवारी, रिंकू पांडे, नन्हे पांडे, कथावाचक भोला तिवारी,रामगोपाल सिंह ,डॉ अरुण सिंह विनोद सिंह,पंडित चंद्र किशोर शास्त्री ,भुवनेश्वर शास्त्री आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे ।
Oct 29 2024, 15:09