दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के 3 शीर्ष कमांडरों को मार गिराने का दवा कर रहा इजराइल*
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इजराइल ने रविवार को कहा कि उसने दक्षिणी लेबनान में लेबनानी आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह के तीन कमांडरों को मार गिराया है। "हिजबुल्लाह के बिंट जेबिल क्षेत्र के कमांडर अहमद जाफर मातौक को IAF के हमले में मार गिराया गया। एक दिन बाद, IAF ने बिंट जेबिल क्षेत्र में उनके उत्तराधिकारी और हिजबुल्लाह के तोपखाने के प्रमुख को भी मार गिराया," इजराइल रक्षा बलों ने एक एक्स पोस्ट में कहा। "इन तीन आतंकवादियों ने बिंट जेबिल क्षेत्र से कई आतंकवादी हमलों को निर्देशित और अंजाम दिया, जिसमें दक्षिणी लेबनान में सक्रिय इजरायली नागरिकों और आईडीएफ सैनिकों पर एंटी-टैंक मिसाइलों को लॉन्च करना शामिल है," आईडीएफ ने कहा। *इजराइल लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर बमबारी जारी रखता है* ईरान पर हवाई हमले के एक दिन बाद, इजराइल ने रविवार को लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर बमबारी की। एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना ने कहा कि उसने पिछले दिन दक्षिणी लेबनान में 70 हिजबुल्लाह लड़ाकों को मार गिराया और 120 ठिकानों पर हमला किया तथा ईरान समर्थित समूह के दक्षिणी बेरूत गढ़ में हथियार कारखानों और भंडारण सुविधाओं पर "सटीक हमले" किए। रात भर के हमलों के बाद बेरूत के उपनगरों में धुआँ छा गया, जो इजरायली सेना द्वारा नई निकासी चेतावनियाँ जारी करने के बाद हुआ। लेबनानी समाचार एजेंसी ने दक्षिणी शहरों टायर और नबातियेह में बमबारी की सूचना दी।आधिकारिक आँकड़ों पर आधारित एएफपी टैली के अनुसार, 23 सितंबर से युद्ध में लेबनान में कम से कम 1,615 लोग मारे गए हैं, हालाँकि आँकड़ों में अंतर के कारण वास्तविक संख्या अधिक होने की संभावना है। इजरायली सेना ने कहा कि दक्षिणी लेबनान में उसके चार सैनिक मारे गए, जिससे 30 सितंबर को जमीनी अभियान शुरू होने के बाद से मारे गए इजरायली सैनिकों की कुल संख्या 36 हो गई। एक अन्य घटनाक्रम में, हिजबुल्लाह ने कहा कि उसने उत्तरी इजरायल में एक सैन्य अड्डे पर रॉकेट दागे, एक दिन पहले उसने इस क्षेत्र के कई इलाकों को इजरायली सैनिकों की मौजूदगी के कारण "वैध लक्ष्य" घोषित किया था। ईरान समर्थित समूह ने कहा कि उसने "हाइफा के उत्तर में एक सैन्य उद्योग अड्डे को... एक बड़े रॉकेट हमले के साथ निशाना बनाया", इससे पहले उसने शनिवार को उत्तरी इजरायल के बड़े हिस्से को खाली करने की चेतावनी जारी की थी।
सुप्रीम लीडर खामनेई का आया पहला बयान, ‘अब इजरायल पर जवाबी हमला नहीं करेगा ईरान’

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डेस्क: ईरान पर हमले के 24 घंटे से भी अधिक समय बीत जाने के बाद सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का रविवार को पहला बयान सामने आया है। अपने बयान में खामेनेई ने इजरायल पर दोबारा हमला करने की बात से परहेज किया है। बता दें कि ईरान पर इजरायल के हमले के बाद खामनेई का यह पहला बयान है। अभी तक उनकी तरह से इजरायल के हमले को लेकर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी। आज सुबह ही खामेनेई के गंभीर रूप से बीमार होने की खबर भी सामने आई है।

इस बीच अली खामेनेई ने इजरायली हमले पर प्रतिक्रिया देते कहा कि इस सप्ताहांत ईरान पर हुए इजराइल के हमले को ‘‘न तो बढ़ा-चढ़ाकर और न ही कम करके बताया जाना चाहिए।’’ बहरहाल खामेनेई ने इस हमले के बाद जवाबी कार्रवाई का आह्वान करने से परहेज किया। खामेनेई की ये टिप्पणियां संकेत देती हैं कि ईरान इस हमले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया पर सावधानीपूर्वक विचार कर रहा है। ईरान की सेना पहले ही कह चुकी है कि गाजा पट्टी या लेबनान में संघर्ष विराम इजरायल पर किसी भी जवाबी हमले से बेहतर है, लेकिन ईरानी अधिकारियों ने यह भी कहा है कि उनके पास जवाब देने का अधिकार है।

खामेनेई ने कहा, ‘‘इजराइली शासन द्वारा दो रात पहले किए गए दुष्कृत्यों को न तो बढ़ा-चढ़ाकर और न ही कम करके पेश किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इजरायली शासन की गलतफहमियों को दूर किया जाना चाहिए। उन्हें ईरानी राष्ट्र और उसके युवाओं की ताकत एवं इच्छाशक्ति के बारे में समझाना जरूरी है।’’ खामेनेई ने कहा, ‘‘यह तय करना प्राधिकारियों का काम है कि ईरानी लोगों की इच्छाशक्ति और ताकत के बारे में इजराइली शासन को कैसे समझाया जाए और इस राष्ट्र के हितों की पूर्ति करने वाली कार्रवाई कैसे की जाएग।

डीएम आवास परिसर से मिला लापता महिला का कंकाल, जिम ट्रेनर ने हत्या के बाद दफनाया, चार महीने पहले किया था मर्डर

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डेस्क: कानपुर में एक महिला की हत्या कर शव को DM बंगले के कंपाउंड में दफना दिया गया था। चार महीने बाद इस हत्याकांड का राज खुला है। हत्या के आरोपी जिम ट्रेनर ने महिला का अपहरण कर उसकी हत्या करके शहर के सबसे बड़े अधिकारी के सरकारी आवास परिसर में दफना दिया था। इस सनसनीखेज घटना का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने आरोपी जिम ट्रेनर विमल सोनी को महिला की हत्या के चार महीने बाद गिरफ्तार किया। पुलिस कस्टडी में जिम ट्रेनर ने कहा कि मैंने उसको मार डाला है। उसने बताया कि महिला की बॉडी को DM आवास के कंपाउंड में पांच फिट गहरे गड्ढे में दफना दिया है। आरोपी के बताए गए जगह पर रात में पुलिस ने खुदाई की। देर रात में करीब 12 :30 के बाद बजे गड्ढे से महिला का कंकाल बरामद हुआ।

कानपुर के सिविल लाइन में रहने वाले कारोबारी राहुल गुप्ता की पत्नी एकता गुप्ता 24 जून को सुबह जिम करने निकली थी। उसके बाद वह लौटकर घर वापस नहीं आई। वह रोज ग्रीन पार्क स्थित जिम में एक्सरसाइज करने जाती थी। कारोबारी राहुल गुप्ता ने इस संबंध में पुलिस से शिकायत में आरोप लगाया था कि जिम ट्रेनर विमल सोनी ने प्रोटीन के साथ पत्नी को नशीला पदार्थ खिला दिया और उसका अपहरण कर उसकी हत्या कर दी है।

कारोबारी के 10 और 12 साल के दो बच्चे हैं। महिला के पति राहुल गुप्ता ने कोतवाली थाने में जिम ट्रेनर विमल सोनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। उसने पुलिस को बताया कि पत्नी एकता के खाते में लाखों रुपए थे। इसके साथ ही घर के पूरे जेवरात भी गायब हैं। इससे आक्रोशित कारोबारी और उसके परिवार के लोगों ने कोतवाली थाने में हंगामा भी किया था।

इस घटना के बाद से ही जिम ट्रेनर और कारोबारी की पत्नी एकता का मोबाइल स्विच ऑफ था। जिम ट्रेनर के पास शोएब नाम के युवक की कार थी। पुलिस ने उसे जिम ट्रेनर और महिला के लापता होने के बाद 25 जून को बरामद कर लिया था। कार में रस्सी, टूटा क्लेचर, टॉवेल, सिम ट्रे समेत अन्य सामान बरामद हुआ था।

सिम ट्रे मिलने से यह साफ हो गया कि अपहरण के बाद उसकी तुरंत हत्या कर दी गयी थी। लेकिन आरोपी का कुछ पता नहीं चल रहा था। कारोबारी राहुल गुप्ता और भाई हिमांशु को कोतवाली पुलिस ने शनिवार शाम को जानकारी दी कि जिम ट्रेनर विमल सोनी को उन्होंने गिरफ्तार कर लिया है। कोतवाली थाने पहुंच जाएं। इसके बाद वहां पता चला कि विमल सोनी ने एकता का मर्डर कर दिया है। इसके बाद पुलिस की कई टीमें आरोपी विमल सोनी को लेकर शव की तलाश में जुट गई।

सबसे बड़ी बात यह है कि जहां शव को दफनाया गया था वो जगह कानपुर के जिलाधिकारी आवास के अंदर का हिस्सा है । ऐसे में कई सवाल उठते हैं कि आरोपी ने कैसे पांच फीट का गड्डा खोदा और कैसे वहां पर शव को दफनाया? क्या इसमें DM ऑफिस के अंदर का कोई कर्मचारी शामिल है? पुलिस जब घटना स्थल पर पहुंची और शव को बरामद करने के लिए खुदाई शुरू की तो मीडिया को वीडियो बनाने के लिए मना किया गया। लगभग दो घंटे की खुदाई के बाद पुलिस ने शव को बरामद किया । शव पूरी तरह गल चुका है। खुदाई के दो घंटे बाद कोई भी पुलिस का अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा । यहां तक कि खुद जिलाधिकारी ने भी आवास के बाहर निकलना उचित नहीं समझा।

पूरे मामले में पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है। चार माह तक पुलिस की हीलाहवाली के बाद आज आरोपी को पकड़ा गया। उसने हत्या की बात कबूल कर ली है। वहीं महिला के पति ने कहा जब से पत्नी गायब है तब से उसकी तलाश के लिए अधिकारियों के दरवाजों के चक्कर लगाए। सीएम और पीएमपोर्टल पर शिकायत भी की। कारोबारी का हना है कि समय रहते अगर पुलिस तलाश कर लेती शायद उसकी पत्नी जिंदा होती।

पाकिस्तान में पुलिस चौकी पर आतंकी हमला, मचा तहलका, 10 सुरक्षाकर्मियों की मौत, तीन घायल
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पाकिस्तान में सुरक्षाबलों पर आतंकी हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. बताया जा रहा है कि आतंकियों ने पाकिस्तानी पुलिस की एक चौकी पर हमला किया है. इस हमले में कम से कम 10 पुलिसकर्मियों के मारे जाने की खबर है. जानकारी के मुताबिक, उत्तरी-पश्चिम शहर डेरा इस्माइल खान के पास एक चौकी पर हमला हुआ था. इस हमले में पाकिस्तानी फ्रंटियर पुलिस के 10 जवान मारे गए हैं. तीन पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं. अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है. लेकिन माना जा रहा है कि इसके पीछे तहरीक-ए-तालिबान यानी टीटीपी का हाथ हो सकता है. एक दिन पहले ही 24 अक्टूबर को टीटीपी ने डेरा इस्माइल खान में सुरक्षाबलों पर हमलैा किया था. टीटीपी ने एक तरह से पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ जंग छेड़ रखी है. टीटीपी के आतंकी आए दिन पाकिस्तानी सुरक्षाबलों को निशाना बनाते रहे हैं. अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान में टीटीपी के आतंकी एक्टिव हो गए हैं और उसके बाद से ही हमलों में तेजी आ गई है. टीटीपी की जड़ें 2002 में ही जमनी शुरू हो गई थीं. अक्टूबर 2001 में जब अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान की सत्ता से तालिबान को बेदखल किया तो उसके आतंकी भागकर पाकिस्तान में बस गए थे. इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने इन आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू कर दिया था. दिसंबर 2007 में बैतुल्लाह महसूद ने टीटीपी का ऐलान किया. 5 अगस्त 2009 को महसूद मारा गया. उसके बाद हकीमउल्लाह महसूद टीटीपी का नेता बना. 1 नवंबर 2013 को उसकी भी मौत हो गई. हकीमउल्लाह की मौत के बाद मुल्ला फजलुल्लाह नया नेता बना. 22 जून 2018 को अमेरिकी सेना के हमले में वो भी मारा गया. अभी नूर वली महसूद टीटीपी का नेता है. पाकिस्तान तालिबान अफगानिस्तान के तालिबान से अलग है. लेकिन दोनों का मकसद एक ही है और वो ये कि चुनी हुई सरकार को उखाड़ फेंको, कट्टर इस्लामिक कानून लागू कर दो. अमेरिकी सरकार की एक रिपोर्ट बताती है कि टीटीपी का मकसद पाकिस्तानी सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ आंतकी अभियान छेड़ना है और तख्तापलट करना है. टीटीपी के नेता खुलेआम कहते हैं कि उनका मकसद पूरे पाकिस्तान में इस्लामी खिलाफत लाना चाहता है और इसके लिए पाकिस्तानी सरकार को उखाड़ फेंकने की जरूरत होगी.
उज्जैन के महाकाल मंदिर में लग रही ATM जैसी मशीनें, अब QR कोड स्कैन कर ले सकेंगे प्रसाद
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उज्जैन के महाकाल मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए एक अच्छी खबर है. अब मंदिर में प्रसाद पाने के लिए लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा. मंदिर प्रशासन ने प्रसाद वितरण व्यवस्था में बदलाव करते हुए क्यूआर कोड सिस्टम लागू किया है. इस सिस्टम के तहत भक्तों को डिस्प्ले पर दिख रहे पैकेट को चुनना होगा और फिर अपने मोबाइल से क्यूआर कोड को स्कैन करके भुगतान करना होगा. इसके बाद उन्हें ऑटोमेटिक मशीन से प्रसाद मिल जाएगा. इस नई व्यवस्था से मंदिर में भीड़ कम होगी और भक्तों को आसानी से प्रसाद मिल सकेगा. दरअसल, महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों को प्रसाद पाने के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है. अब प्रसाद के लिए लंबी कतारों में खड़े होने की जरूरत नहीं है. भक्त क्यूआर कोड स्कैन करके मशीन से लड्डू प्रसाद प्राप्त कर सकेंगे. इस नई तकनीक के तहत भक्त डिस्प्ले पर प्रसाद के पैकेट का चयन करेंगे और मोबाइल के जरिए पेमेंट करेंगे. इस बदलाव से प्रसाद वितरण की प्रक्रिया तेज और सुविधाजनक हो जाएगी. खासकर तब जब मंदिर में भीड़ अधिक हो. भक्तों के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है. महाकाल मंदिर में प्रसाद वितरण के लिए एटीएम जैसी मशीनें लगाई जा रही हैं. दिवाली के बाद लड्डू प्रसाद के काउंटर पर ये मशीनें काम करने लगेंगी. बता दें कि महाकाल मंदिर देश का पहला मंदिर बन जाएगा जहां प्रसाद के लिए डिस्पेंस मशीनें लगाई जाएंगी. मंदिर प्रशासक ने बताया कि दिवाली के बाद यह योजना लागू की जाएगी और मशीनें कोयंबटूर में बनाई गई हैं. इसके अलावा महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को रातभर बाहर रहने की जरुरत नहीं पड़ेगी. अब आम भक्तों को रात 2 बजे मानसरोवर गेट से सीधे एंट्री दी जाएगी. आम भक्त भी अब वीआईपी भक्तों की तरह भस्म आरती के दर्शन कर पाएंगे.दिवाली से पहले इस नई व्यवस्था को लागू किया जाएगा. मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं को लगातार हो रही परेशानियों के कारण नई व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया है.
उत्तरी गाजा में इजरायल ने फिर बरसाया बम, 22 लोगों की मौत, ईरान ने मांगा संघर्ष विराम

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डेस्क : उत्तरी गाजा पर इजरायली सेना ने एक और भीषण हमला किया है। इन हमलों में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई है। फिलस्तीनी चिकित्सा अधिकारियों ने यह जानकारी दी। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय की आपातकालीन सेवा ने बताया कि उत्तरी शहर बेत लाहिया में इजरायली सेना ने यह हमला शनिवार देर रात किया। इस हमले 11 महिलाएं और दो बच्चे भी मारे गए हैं। बता दें कि इजरायल गाजा और लेबनान पर लगातार मिसाइल और जमीनी हमले कर रहा है। इस बीच ईरान ने गाजा और लेबनान में संघर्ष विराम की मांग उठाई है।

ईरान की सेना ने शनिवार रात एक बयान जारी किया जिसमें गाजा पट्टी और लेबनान में संघर्षविराम का सुझाव दिया गया। इस संबंध में ईरानी सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि उसे इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार है, लेकिन बयान से ऐसे संकेत मिलते हैं कि तेहरान शनिवार तड़के हुए इजरायल के हमले के बाद तनाव को और बढ़ने से रोकने का रास्ता तलाशने की कोशिश कर रहा है। ईरान की सेना ने कहा कि इजरायल ने हमलों में इराकी हवाई क्षेत्र से तथाकथित ‘‘स्टैंड-ऑफ’’ मिसाइलों का इस्तेमाल किया और ईरान के तीन प्रांतों में लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए ये हथियार बहुत हल्के थे। बयान में कहा गया कि ईरानी सैन्य राडार स्थल क्षतिग्रस्त हुए हैं, लेकिन कुछ की मरम्मत पहले से ही जारी थी।

26 अक्टूबर को इजरायल ने ईरान से बदला लेने के लिए तेहरान पर बड़े पैमाने पर हमला किया था। इसमें कम से कम 4 लोगों की मौत हुई है। साथ ही ईरान के बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचा है। इसके बाद ईरान ने इजरायल से दोबारा इस हमले का बदला लेने की कसम खाई है।

17 उपाध्यक्ष, 71 महासचिव…MP कांग्रेस ने घोषित की जीतू पटवारी की नई टीम, 50 प्रतिशत युवा चेहरे, कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को जगह नहीं

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विधानसभा चुनाव बाद दिसंबर 2023 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनने के लगभग 10 माह बाद जीतू पटवारी की प्रदेश कार्यकारिणी शनिवार को घोषित हो गई। इसमें सबसे अहम 16 सदस्यों वाली कार्यकारी समिति है। इसमें कमल नाथ और दिग्विजय सिंह जैसे बड़े नेता हैं तो विधानसभा चुनाव में पराजित हुए नीलांशु चतुर्वेदी और कुणाल चौधरी जैसे युवा नेताओं को भी स्थान मिला है।

इसके अतिरिक्त 17 उपाध्यक्ष, 71 महासचिव, 33 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 40 विशेष आमंत्रित सदस्यों को भी स्थान मिला है। पटवारी की टीम में सभी गुटों को साधा गया है। 50 प्रतिशत से अधिक पद युवा चेहरों को दिया गया है। वहीं, 15 प्रतिशत के लगभग पद महिलाओं को दिए गए हैं। पहली बार है जब महिलाओं को कार्यकारिणी में सभी पदों पर पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया गया है। जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को भी साधा है। साथ ही भाजपा और दूसरे दलों से आए नेताओं को भी पर्याप्त स्थान मिला है।

खास बात यह है कि इस टीम में दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को उपाध्यक्ष और कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रात भूरिया को महासचिव बनाया गया है। लेकिन इसमें कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ इस टीम में शामिल नहीं हैं।

कार्यकारी समिति का सदस्य

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, विधानससभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह (राहुल), राज्य सभा सदस्य विवेक तनखा, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, पूर्व मंत्री व विधायक ओमकार मरकाम, पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल, पूर्व विधायक नीलांशु चतुर्वेदी, पूर्व विधायक कुणाल चौधरी, मनोज चौहान और भूपेंद्र मरावी को जगह दी गई है।

उपाध्यक्ष : आरिफ मसूद, हामिद काजी, हिना कावरे, जयवर्धन सिंह, झूमा सोलंकी, लखन घनघोरिया, लखन सिंह यादव, महेंद्र जोशी, महेश परमार, फूल सिंह बरैया, प्रियव्रत सिंह, राजीव सिंह, रवि जोशी, सचिन यादव, सिद्धार्थ कुशवाहा, सुखदेव पांसे और सुरेंद्र हनी बघेल।

महासचिव: अभय दुबे, अभय तिवारी, अमित शर्मा, अनीश मामू, अनुभा मुंजारे, अनुमा आचार्य, अशोक मास्कोले, आतिफ अकील, अविनाश भार्गव, बाबू जंडेल, बैजनाथ कुशवाहा, चंदर सिंह सोंधिया, चेतन यादव ,दिनेश गुर्जर, गौरव रघुवंशी, घनश्याम सिंह, गुड्डू राजा बुंदेला, गुरमीत सिंह मंगू, ग्यारसी लाल रावत , हर्ष विजय गहलोत, हर्ष यादव, हीरालाल अलावा, जय सिंह ठाकुर, जतिन उइके, जयश्री हरिकिरण, कविता पांडे , किरण अहिरवार, माया राजेश त्रिवेदी, मृणाल पंत, नारायण पट्टा, निधि चतुर्वेदी, निलय डागा, निर्मल मेहता, पंकज उपाध्याय, फुंदेलाल सिंह मार्कों, प्रभु सिंह ठाकुर, प्रताप ग्रेवाल, प्रतिभा रघुवंशी, प्रवीण पाठक, राधे बघेल, रघु परमार, राजा बघेल, राजकुमार केलू उपाध्याय, रजनीश सिंह, रामू टेकाम ,रामवीर सिकरवार, राव यादवेंद्र सिंह यादव, रेखा चौधरी ,आरके डोगने ,रोशनी यादव ,साधना भारती ,संजय कामले, संजय शर्मा, संजय यादव, संजीव सक्सेना ,शैलेंद्र पटेल , सोहन वाल्मीक ,सुखेंद्र सिंह बन्ना, सुनील जायसवाल ,सुनील शर्मा, सुनील उइके, सुरेंद्र सिंह ठाकुर शेरा, सुरेश राजे, विद्यावती पटेल, विक्रांत भूरिया, विनय बाकलीवाल, विनय सक्सेना, विनोद कुमार वासनिक, विपिन वानखेड़े वीरेंद्र द्विवेदी और यूसुफ करप्पा।

एमपी के विदिशा जिले में 11 लोगों को जिंदा जलाने की कोशिश! किसी तरह परिवार ने बचाई जान, जानें पूरा मामला

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मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से एक अजीबो- गरीब मामला सामने आया है. बता दें कि जिले में एक परिवार को जलाने की कोशिश की गई, हालांकि गनीमत रही कि सभी लोगों ने किसी तरह से अपनी जिंदगी बचाई, घटना का सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह से युवक ने आग लगाई है. आग लगाने की वजह से लाखों का सामान नुकसान हुआ है, पुलिस ऐसा करने वाले की तलाश में जुट गई है.

पूरा मामला विदिशा जिले की तहसील गंज बासौदा में वार्ड क्रमांक 8 का है. बता दें कि यहां रहने वाले शासकीय शिक्षक अरुण रघुवंशी के परिवार के 11 लोग उस समय आग की लपटो में चारों तरफ से घिर गया जब देर रात्रि में किसी शख्स के द्वारा पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई. जिस समय ऐसा किया गया पूरा परिवार गहरी नींद में सोया हुआ था, तभी आग की लपटों को देखते हुए दो मंजिला मकान के नीचे रह रहे किराएदार की नींद खुल गई उसने आनंन फानन में आग की लपटो को देखा तो सूचना दी.

बता दें की जिस मकान में आग लगाई गई उस मकान में 11 लोग थे, 11 लोगों ने मुश्किल के किसी तरह घर से बाहर निकल कर आए. मामले का वीडियो भी सामने आया है. सीसीटीवी कैमरे में जो अज्ञात व्यक्ति पेट्रोल डालकर आग लगा रहा है उसका अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है. आग लगने की वजह से करीब 8 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. परिवार के लोगों ने बताया कि लगभग 1 घंटे के बाद फायर ब्रिगेड आग बुझाने पहुंची जब तक मोहल्ले बालों ने बाल्टी से पानी डालकर आग को काबू में कर लिया था. हालांकि ऐसा करने के पीछे क्या वजह थी ये नहीं पता चल पाई है.

मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत चौबे का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ एक व्यक्ति महिला के कपड़े पहन कर बाइक में आग लगाते हुए दिखाई दे रहा है. हम ट्रैक भी कर रहे हैं यह व्यक्ति कैसे आया कहां से गया और अन्य जानकारी लेकर इसमें हम कार्रवाई करेंगे, कहा कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.

पीएम मोदी ने मन की बात के 115वां एपिसोड में डिजिटल अरेस्ट, आत्मनिर्भर भारत का किया जिक्र, जनता से की खास अपील
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डेस्क: मन की बात कार्यक्रमक के 115वें एपिसोड में पीएम मोदी ने देशवासियों से खास अपील की। उन्होंने त्योहार से पहले लोगों से कई तरह की आदतें अपनाने के लिए कहा इनमें वोकल पर लोकल पर उन्होंने सबसे ज्यादा जोर दिया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत को लेकर लोगों को प्रोत्साहित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि 10 साल पहले कई बातें ऐसी थीं, जिनकी कल्पना करना मुश्किल था, लेकिन अब भारत उन्हें हासिल कर चुका है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अब एक सरकारी अभियान नहीं है, बल्कि यह लोगों के जीवन में शामिल हो चुका है। अब यह लोगों की जीवनशैली का हिस्सा बन गया है। पीएम मोदी ने सभी देशवासियों से कहा कि त्योहारों के मौसम में आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करते हैं। वोकल फॉर लोकल के नारे को ध्यान में रखते हुए खरीदारी करें। उन्होंने कहा कि आपने अपने आसपास जो भी नया स्टार्टअप या इनोवेशन देखा है, उसकी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करें। मन की बात के इस एपिसोड में पीएम मोदी ने डिजिटल अरेस्ट के बारे में भी बताया। उन्होंने पहले डिजिटल अरेस्ट से जुड़ा एक ऑडियो सुनाया। इसके बाद उन्होंने कहा कि डिजिटल अरेस्ट का शिकार हर वर्ग के युवा हो रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट करने वाले लोग आपके बारे में सारी जानकारी इकट्ठी करके रखते हैं और आपको डराकर आपसे पैसे ऐंठ लेते हैं। उन्होंने इससे निपटने के लिए तीन चरण बताए। उन्होंने कहा रुका, सोचो और एक्शन लो। उन्होंने कहा कि ऐसा करके आप खुद को बचा सकते हैं। पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर के फिरदोसा जी का जिक्र किया, जिन्होंने अपने सुलेख के जरिए कश्मीर को नई पहचान दिलाई है। इसके अलावा उन्होंने सारंगी वादक और चेरियार पेंटिंग का भी जिक्र किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के बुटलूराम माथरा जी के बारे में भी बताया, जो आदिवासियों की सभ्यता को बचाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में अलग-अलग लोग भारतीय संस्कृति से मंत्रमुग्ध हो रहे हैं। रूस में कालिदास की अभिज्ञान शाकुंतलम के नाट्य रूपांतरण के बारे में भी बताया। दुनिया के सबसे ठंडे शहर में भारतीय साहित्य की छाप हमारे लिए गर्व की बात है। पीएम मोदी ने कहा कि पहले की तुलना में देश के लोग फिटनेस के लिए काफी जागरुक हो गए हैं। हर जगह पार्क में लोग दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि 29 अक्टूबर को रन फॉर यूनिटी का आयोजन होगा। इसमें सभी लोग शामिल हों और एकता के साथ फिटनेस का मंत्र बांटे। उन्होंने अंत में बच्चों और पूरे परिवार को फिट रखने की पहल की। पीएम मोदी ने अंत में सभी से वोकल फॉर लोकल का मंत्र याद रखने की अपील की और त्योहारों की शुभकामनाओं के साथ मन की बात खत्म की।
चीन को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर का बड़ा बयान, "LAC समझौते का मतलब यह नहीं कि सब कुछ सुलझ गया"

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डेस्क: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ भारत के संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त को लेकर चीन के साथ समझौता हुआ है। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि दोनों देशों के बीच मुद्दे सुलझ गए हैं। उन्होंने कहा कि सैनिकों के पीछे हटने से अगले कदम पर विचार करने का मौका मिला है, लेकिन मुद्दे पूरी तरह से नहीं सुलझे हैं। उन्होंने समझौते का श्रेय सेना को दिया, जिसने ‘‘बहुत ही अकल्पनीय’’ परिस्थितियों में काम किया।

जयशंकर ने पुणे में एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘(सैनिकों के पीछे हटने का) 21 अक्टूबर को जो समझौता हुआ, उसके तहत देपसांग और डेमचोक में गश्त की जाएगी। इससे अब हम अगले कदम पर विचार कर सकेंगे। ऐसा नहीं है कि सब कुछ हल हो गया है, लेकिन सैनिकों के पीछे हटने का पहला चरण है और हम उस स्तर तक पहुंचने में सफल रहे हैं।’’

विदेश मंत्री ने यहां छात्रों के साथ बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि संबंधों को सामान्य बनाने में अभी भी समय लगेगा। उन्होंने कहा कि भरोसे को फिर से कायम करने और साथ मिलकर काम करने में स्वाभाविक रूप से समय लगेगा। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस के कजान में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी, तो यह निर्णय लिया गया कि दोनों देशों के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मिलेंगे और देखेंगे कि आगे कैसे बढ़ा जाए।

जयशंकर ने कहा, ‘‘यदि आज हम यहां तक पहुंचे हैं, तो इसका एक कारण यह है कि हमने अपनी बात पर अड़े रहने और अपनी बात रखने के लिए बहुत दृढ़ प्रयास किया है। सेना देश की रक्षा के लिए बहुत ही अकल्पनीय परिस्थितियों में वहां (एलएसी पर) मौजूद थी और सेना ने अपना काम किया तथा कूटनीति ने भी अपना काम किया।’’ उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने अपने बुनियादी ढांचे में सुधार किया है। उन्होंने कहा कि एक समस्या यह भी रही कि पहले के वर्षों में सीमा पर बुनियादी ढांचे की वास्तव में उपेक्षा की गई थी। जयशंकर ने कहा, ‘‘आज हम एक दशक पहले की तुलना में प्रति वर्ष पांच गुना अधिक संसाधन लगा रहे हैं, जिसके परिणाम सामने आ रहे हैं और सेना को वास्तव में प्रभावी ढंग से तैनात करने में सक्षम बना रहे हैं।’’

कुछ दिन पहले भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर समझौता हुआ था, जो चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच भीषण संघर्ष के बाद संबंधों में तनाव आ गया था। यह पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था। उन्होंने कहा कि सितंबर 2020 से भारत चीन के साथ समाधान निकालने के लिए बातचीत कर रहा था। विदेश मंत्री ने कहा कि इस समाधान के विभिन्न पहलू हैं। उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी बात यह है कि सैनिकों को पीछे हटना होगा, क्योंकि वे एक-दूसरे के बहुत करीब हैं और कुछ घटित होने की आशंका थी।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद एक बड़ा मुद्दा यह है कि आप सीमा का प्रबंधन कैसे करते हैं और सीमा समझौते को लेकर बातचीत कैसे करते हैं। अभी जो कुछ भी हो रहा है, वह पहले चरण से संबंधित है, जो कि सैनिकों की वापसी है।’’ विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन 2020 के बाद कुछ स्थानों पर इस बात पर सहमत हुए कि कैसे सैनिक अपने ठिकानों पर लौटेंगे, लेकिन एक महत्वपूर्ण बात गश्त से संबंधित थी। जयशंकर ने कहा, ‘‘गश्त को बाधित किया जा रहा था और हम पिछले दो वर्षों से इसी पर बातचीत करने की कोशिश कर रहे थे। इसलिए 21 अक्टूबर को जो हुआ, वह यह था कि उन विशेष क्षेत्रों देमचोक और डेपसांग में हम इस समझ पर पहुंचे कि गश्त फिर से उसी तरह शुरू होगी, जैसी पहले हुआ करती थी।’’