सरायकेला : भगवान शिव की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। हालांकि इस दिन व्रत की कथा पढ़ना या सुनना जरूरी होता है,...
मासिक शिवरात्रि आज 

सनातन धर्म की अनुसार आश्विन माह चल रहा है, जिसे हिंदी कैलेंडर का सातवां महीना कहा जाता है। इस साल आश्विन मास में कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसकी वजह से इस दौरान आने वाले व्रत और त्योहार का महत्व और बढ़ गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। हालांकि इस दिन व्रत की कथा पढ़ना या सुनना जरूरी होता है, नहीं तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।
कब है मासिक शिवरात्रि?

इस साल 30 सितंबर को शाम 07:06 मिनट से आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन रात 09:39 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर 30 सितंबर 2024 को आश्विन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। 30 सितंबर 2024 को निशा काल में भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11:47 मिनट से लेकर 1 अक्टूबर 2024 को प्रात: काल 12:35 मिनट तक है। मासिक शिवरात्रि का महत्व :

मासिक शिवरात्रि का हिंदू धर्म में अत्यंत महत्व है। इस दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं, जिनमें शामिल हैं: * आध्यात्मिक विकास: भगवान शिव सृष्टि के विनाशक और पुनर्निर्माणकर्ता हैं। उनकी आराधना से आध्यात्मिक विकास में सहायता मिलती है और आंतरिक अशांति दूर होती है। * पापों का नाश: ऐसा माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की भक्ति करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। * मन की शांति: भगवान शिव को शांति के देवता के रूप में जाना जाता है। उनकी पूजा करने से मन को शांति मिलती है और तनाव कम होता है। * इच्छा पूर्ति: सच्चे मन से की गई प्रार्थनाओं को भगवान शिव अवश्य सुनते हैं। मासिक शिवरात्रि पर की गई विधिपूर्वक पूजा से मनोवांछित फल प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है। * ग्रहों के दोषों से मुक्ति: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शिवरात्रि पर भगवान शिव की आराधना करने से ग्रहों के प्रतिकूल प्रभावों को कम किया जा सकता है।

मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि ।

मासिक शिवरात्रि पर आप सरलता से घर पर ही भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। पूजा विधि इस प्रकार है: * पूजा की तैयारी: मासिक शिवरात्रि के दिन प्रातःकाल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल से शुद्धीकरण करें।

मूर्ति या शिवलिंग स्थापना:

अपने पूजा स्थान पर भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें। आप शिवलिंग पर थोड़ा सा चावल भी रख सकते हैं। * आवाहन और स्नान: भगवान शिव का ध्यान करते हुए उनका आवाहन करें। इसके बाद, शिवलिंग या प्रतिमा को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर का मिश्रण) से स्नान कराएं। * अभिषेक: पंचामृत के बाद, शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, बेल पत्र, धतूरा के फूल (सावधानी से प्रयोग करें, जहरीला होता है), भांग (यदि धार्मिक मान्यता अनुसार सेवन करते हैं), और इत्र चढ़ाएं। * अर्चन: भगवान शिव को चंदन का तिलक लगाएं और उनके प्रिय वस्त्र, धतुरा, और भांग अर्पित करें। इसके बाद, धूप और दीप जलाकर उनकी आरती करें। * मंत्र जप और स्तोत्र पाठ: (आगे से) “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करें या शिव चालीसा, शिव रुद्राष्टकम, या शिव शाश्रवत स्तोत्र का पाठ करें। आप अपनी श्रद्धा के अनुसार कोई भी शिव स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। * निवेद: पूजा के उपरांत भगवान शिव को भोग लगाएं। आप उन्हें फल, मिठाई या पंचामृत का भोग लगा सकते हैं। * आरती और समापन: अंत में, भगवान शिव की आरती करें और पूजा का समापन करें। * रात्रि जागरण (वैकल्पिक): आप चाहें तो रात भर जागरण कर सकते हैं और भगवान शिव के भजनों का श्रवण कर सकते हैं।

मासिक शिवरात्रि के व्रत नियम ।

मासिक शिवरात्रि पर कई भक्त व्रत रखते हैं। व्रत रखने के कुछ नियम इस प्रकार हैं: * सात्विक भोजन: इस दिन सात्विक भोजन का ही सेवन करें। मांस, मदिरा, और लहसुन-प्याज का सेवन न करें। * ब्रह्मचर्य का पालन: व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। * पूरे दिन उपवास (वैकल्पिक): आप पूरे दिन उपवास रख सकते हैं या केवल फल और जल का सेवन कर सकते हैं। अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही व्रत रखें। * शिव पूजा और मंत्र जप: पूरे दिन शिव पूजा और मंत्र जप करने का यथासंभव प्रयास करें।



मासिक शिवरात्रि की कथाएं ।


मासिक शिवरात्रि व्रत की कथा का संबंध भगवान शिव की अनुग्रह दृष्टि से है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक श्रद्धालु था, जिसका नाम ब्राह्मण था। वो अपनी पत्नी के साथ एक गांव में खुशी-खुशी रह रहा था। ब्राह्मण की पत्नी की धार्मिक कार्यों में ज्यादा रुचि थी। वो हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखती थी। अपनी पत्नी से प्रेरित होकर ब्राह्मण ने भी ये व्रत करने का निश्चय किया। अगली बार दोनों ने मासिक शिवरात्रि का व्रत साथ में रखा। शिव जी की विधिपूर्वक उपासना की और उनसे आशीर्वाद मांगा कि, ‘वो अपनी कृपा सदैव उनके ऊपर बनाए रखें।’ व्रत का समापन करने के बाद ब्राह्मण और उसकी पत्नी ने गांववालों के लिए भोजन का इंतजाम किया और अपनी क्षमता अनुसार पुजारियों को दक्षिणा दी। इस दिन ब्राह्मण और उसकी पत्नी ने अपने अछूत और पवित्र भाग्य को दूसरे लोगों के साथ साझा किया था, जिसे भिक्षाटन कहा जाता है।


महादेव ने दिया मनोकामना पूर्ण का आशीर्वाद ।

इसी दिन गांव में एक गरीब ब्राह्मण आया, जो देखने में कमजोर लग रहा था। ब्राह्मण और उसकी पत्नी ने उस गरीब को भी आदरपूर्वक भोजन कराया। माना जाता है कि जिस प्रकार ब्राह्मण और उसकी पत्नी ने गांववालों को भोजन कराया, व्रत रखा और भगवान शिव की उपासना की, उनकी भक्ति को देखकर महादेव बेहद प्रसन्न हुए। भगवान ने ब्राह्मण और उसकी पत्नी की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद दिया। इसी के बाद से हर साल लोग भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखते हैं।


शिव- पार्वती विवाह: 

एक अन्य कथा के अनुसार, मासिक शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। पार्वती जी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया था।


सरायकेला:माननीय विधायक खरसावां, श्री दशरथ गागराई एवं उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला की उपस्थिति में कुचाई प्रखंड के रोलाहतु पंचायत अंतर्गत कोर्रा
सरायकेला: कोर्रा, कसराउली तथा डांगिल गाँव के विकास तथा महिलाओं के उत्थान को लेकर की गई चर्चा, विभिन्न गाँव से आए लोगों से प्राप्त शिकायत पर प्राथमिकता के आधार पर समाधान का मिला आश्वासन।


ग्रामीणों को विभिन्न योजनाओं के संबंध में जानकारी देकर उनसे योजनाओं का लाभ लेने की की गई अपील ।


सरायकेला : कुचाई प्रखंड अंतर्गत रोलाहतु पंचायत के कोर्रा (चलन टिकुरा मैदान) में माननीय विधायक खरसावां विधानसभा, श्री दशरथ गागराई एवं उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला की उपस्थिति में जनता दरबार का आयोजन किया गया। लोगों की समस्याओं से अवगत होने के उद्देश्य से माननीय विधायक श्री दशरथ गागराई एवं उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला कार्यक्रम स्थल चलन टिकुरा से कोर्रा ग्राम के अंतिम छोर तक लगभग 3.5 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर ग्रामीणों की समस्याओं से अवगत हुए। इस क्रम में ग्रामीणों के द्वारा चलन टकुरा गांव से जोम्बरो तक रोड पक्कीकरण, लुदुबेड़ा-कसराउली-डांगिल कोर्रा सरना टोला तक 7km सड़क निर्माण, जोम्बरो-जाम्बिरा-सोड़ा तक 5 KM सड़क निर्माण, जोम्बरो मुरूदपीड़ी से गाण्डकीदा बुरूटोला तक 6KM सड़क निर्माण, डॉगिल-कसराउली-तुम्बाउली तक 6 KM सड़क निर्माण, उत्क्रमित मध्य विद्यालय, जम्बरो में अवस्थित मतदान केंद्र संख्या 1 को NPS, रेगाबेड़ा में स्थानांतरित करने, कोर्रा ग्राम के सभी टोलों में चापाकल की व्यवस्था सुनिश्चित करने, कोर्रा, जावबेडा तथा कसराउली गाँव में आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कराने, रोलाहातु पंचायत में निर्मित मोबाईल टावर चालू कराने, उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोर्रा का विद्यालय भवन बनवाने, कोर्रा में उप स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कराने तथा विद्युतीकरण से वंचित ग्राम/टोला में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने को लेकर ज्ञापन दिया गया। इस दौरान उपायुक्त के द्वारा ग्रामीणों को उनकी उक्त समस्याओं को हर संभव हल करने का आश्वासन दिया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों के द्वारा सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, अबुआ आवास योजना, सर्वजन पेंशन योजना, मुख्यमंत्री फूलो-झानो आशीर्वाद योजना समेत विभिन्न योजनाओं के तहत चयनित लाभुकों के बीच स्वीकृति पत्र एवं परिसंपत्तियों का वितरण किया गया। कोर्रा गाँव के ग्रामीणों द्वारा पहली बार किसी उपायुक्त के भ्रमण एवं जनता दरबार की सराहना की गई तथा मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों का उनके द्वारा गाजे - बजे एवं नृत्य गान के साथ स्वागत किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपायुक्त नें कहा कि जनता दरबार में प्राप्त शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निराकरण सुनिश्चित किया जायेगा। इस दौरान उपायुक्त नें विभिन्न विभाग के वरीय पदाधिकारियों को समस्याओं के निराकरण करने तथा प्रत्येक माह जिला स्तर से वरीय पदाधिकारी द्वारा कार्य प्रगति का जाँच करने की बात कही। इस दौरान उपायुक्त ने क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने, प्रत्येक गाँव में अभियान के तहत वंचित लाभुकों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने, अभियान के तहत ड्रॉपआउट बच्चों के चिन्हित कर विद्यालय से जोड़ने की बात कही। इसके अतिरिक्त महिलाओ के उत्थान, सभी योग्य किसानों के बीच सहायक उपकरणों, बीज समेत अन्य योजनाओं का लाभ प्रदान करने के निर्देश दिए। अपने सम्बोधन के क्रम में उपायुक्त के द्वारा सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी साझा करते हुए उपस्थित ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ लेने तथा आसपास के लोगों को भी प्रेरित करने की अपील की गई। मौके पर उपस्थित माननीय खरसावां विधायक, श्री दशरथ गागराई नें कहा कि खरसावां एवं कुचाई प्रखंड के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित गाँव-टोलों को प्राथमिकता के आधार पर विकास योजनाओं से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि जागरूकता के अभाव तथा प्रखंड मुख्यालय तक ना जा पाने के कारण ग्रामीण सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं, उन्हें पंचायत स्तर पर योजनाओं का लाभ दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज जनता दरबार में प्राप्त शिकायतों पर प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को दूर जाकर राशन लेने सम्बन्धित समस्याओं का निराकरण करते हुए उन्हें गाँव टोला चिन्हित कर राशन उपलब्ध कराई जाएगी। एक गाँव से दूसरे गाँव को जोड़ने वाले सड़को के निर्माण तथा मरमत्ती से सम्बन्धित प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु जिला एवं राज्य स्तर से प्रयास किया जायेगा। मौके पर अपर उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी, सरायकेला, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा, कार्यपालक अभियंता , विद्युत विभाग, सहायक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जिला शिक्षा अधीक्षक, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, एवं विभिन्न विभाग के वरीय पदाधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
सरायकेला : चांडिल प्रखंड क्षेत्र के पांच महत्वपूर्ण सड़कों का प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। ....
सरायकेला : विधायक सविता महतो की  प्रयास से चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में पांच महत्वपूर्ण सड़कों को मिली प्रशासनिक स्वीकृति ईचागढ़ के विधायक सविता महतो के अथक प्रयास से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत चांडिल प्रखंड क्षेत्र के पांच महत्वपूर्ण सड़कों का प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है।
जिसमें रेयादा आरईओ पथ से डूंगरीडीह तक 2.0 किमी ।

बरसीदा लुपुंगगोड़ा से चैतनटोला तक 3.2 किमी।

पहाड़पुर बानसा से लकरागोड़ा तक 1.8 किमी ।

बानसा रेयारदा पथ लपाईबेड़ा से गुटीउली देवरागोड़ा तक 2.8 किमी।

एन एच 33 से हुमिद गांव तक 1.46 किमी सड़क का शासनिक स्वीकृति मिली है।

वही चांडिल के पांच सड़को का प्रशासनिक स्वीकृति मिलने से लोगों ने विधायक का आभार व्यक्त किया है। उक्त बात कि जानकारी विधायक के आप्त सचिव सह झामुमो केंद्रीय सदस्य काबलु महतो ने दिया।
सरायकेला : जेहरा अध्यक्ष दिनेश कुमार किनू ने पूर्व विधायक अरविंद सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।...


सरायकेला :  झारखंड मानवाधिकार संघ के अध्यक्ष दिनेश कुमार शर्मा उफ दिनेश किनू ने आदित्यपूर निवासी सह पूर्व विधायक अरविंद सिंह के खिलाफ आदित्यपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायत में दिनेश शर्मा ने लिखा है कि वे भ्रष्टचार के खिलाफ आवाज उठाते हैं. ऐसे में एक जमीन के मामले में उन्होंने पूर्व विधायक अरविंद सिंह के खिलाफ भी शिकायत की है. ऐसे में अरविंद सिंह अपने किसी व्यक्ति को मोहरा बना कर या भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से झूठे केस में फंसा सकते हैं ।दिनेश शर्मा ने अरविंद सिंह से जानमाल की हानि होने की आशंका भी जताई है। दिनेश कुमार शर्मा ने अपनी शिकायत में लिखा है कि उनके द्वारा आदित्यपुर थाना में 27 जून 2024 को धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज कराया गया है, जिसमें किसी न किसी रूप से अरविंद सिंह की संलिप्तता है. वहीं पूर्वी सिंहभूम के बोड़ाम थाना क्षेत्र में 8 सितंबर 2022 को दिनेश शर्मा के ऊपर जानलेवा हमला किया गया था. इन दोनों मामलों में दिनेश कुमार किनू ने अरविंद सिंह की संलिप्तता जाहिर करते हुए उनसे अपनी जानमाल की हानि की आशंका जाहिर करते हुए सनहा दर्ज कराया है।
सरायकेला : यह आयोजन ग्राम विकास वन रक्षा समिति बारसिड़ा द्वारा आयोजित किया गया था।...
सरायकेला : चांडिल प्रखंड के ग्राम बारसिड़ा में आयोजित दो दिवसीय फुटबॉल प्रतियोगिता में  सुखराम हेंब्रम जी की उपस्थिति से खिलाड़ियों में उत्साह और प्रेरणा का संचार हुआ । उन्होंने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर उन्हें प्रोत्साहित किया और भविष्य की शुभकामना दी।


यह आयोजन ग्राम विकास वन रक्षा समिति बारसिड़ा द्वारा आयोजित किया गया था। इस अवसर पर आयोजनकर्ताओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी जाती हैं।

उनकी मेहनत और समर्पण से यह आयोजन सफल हुआ । श्री सुखराम हेंब्रम जी की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बना दिया।

कुछ प्रेरक विचार जो इस अवसर पर उपयुक्त हो सकते हैं: आपके परिश्रम का फल आपको एक दिन ज़रूर मिलेगा, भरोसा रखिए,

आपकी सफलता का सूरज जरूर निकलेगा ।

वाहवाही हमें पता था कि आप यह कर सकते हैं।

बहुत-बहुत बधाई ,आप इस सारी सफलता और इससे भी अधिक के हकदार हैं।
सरायकेला : प्रवीण सेवा संस्थान द्वारा भव्य दुर्गा पूजा पंडाल का  भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्रीयो द्वारा 2 अक्टूबर को  उद्घाटन होगा , बौद्ध धर्म थीम



सरायकेला : जिला के  आदित्यपुर स्थित सुप्रसिद्ध प्रवीण सेवा संस्थान द्वारा दुर्गा पूजा को लेकर बने भव्य पंडाल को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 2 अक्टूबर बुधवार शाम 7 बजे भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्रीयो बाबूलाल मरांडी ,अर्जुन मुंडा ,चंपाई सोरेन समेत अन्य अतिथियों द्वारा फीता काटकर पंडाल का उद्घाटन किया जाएगा।

दुर्गा पूजा पंडाल को अंतिम रूप देने में कारीगर दिन-रात कार्य में जुटे हैं। रविवार को दुर्गा पूजा पंडाल परिसर में  प्रेस वार्ता द्वारा ईचागढ़ के पूर्व विधायक सह प्रवीण सेवा संस्थान के मुख्य संरक्षक अरविंद सिंह उर्फ़ मलखान सिंह ने बताया कि बुद्धिस्म यानी बौद्ध धर्म प्रचार -प्रसार के थीम पर आधारित भव्य पंडाल में भारतीय सभ्यता संस्कृति की भी झलक देखने को  मिलेगी। पंडाल में भगवान गौतम बुद्ध के जीवनी को प्रदर्शित करेगा। पंडाल म्यांमार के बुद्ध गोल्डन टेंपल के स्वरूप में हुबहू तैयार किया गया है।

पंडाल के चारों तरफ वॉल राइटिंग समेत पोस्टर में बुद्ध अमृतवाणी भी प्रचारित किया जा रहा है। जो लोगों को आकर्षित करेगा। हरियाली को भी बढ़ावा देने के उद्देश्य से पंडाल के चारों तरफ हरे-भरे पौधे दो महा पूर्व लगाए गए हैं। पंडाल निर्माण में सर्व धर्म समभाव के संदेश को बखूबी उतारा गया है ।

पश्चिम बंगाल राज्य के कारीगरों द्वारा दो महीने की कड़ी परिसम करके  तैयार किया । दुर्गा पूजा पंडाल प्रवीण सेवा संस्थान के मुख्य संरक्षक पूर्व विधायक अरविंद सिंह ने बताया कि पश्चिम बंगाल के मां पार्वती डेकोरेटर के अशोक घोष ने पूजा पंडाल का निर्माण कर रहे हे एवं कारीगर अशोक डे ने भव्य मां के मूर्ति को तैयार किया है। जो श्रद्धालुओं ओर भक्तो के बिच आकर्षित करेगा। इन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल चंदन नगर से मैकेनिकल विद्युत सज्जा आकर्षण का केंद्र रहेगी। पंडाल में 100 से भी अधिक वॉलिंटियर्स श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए तैनात रहेंगे।

श्री सिंह  ने बताया कि जयप्रकाश उद्यान, आवास बोर्ड मैदान में पार्किंग की सुविधा मौजूद होगी। आदित्यपुर नगर निगम साफ सफाई व्यवस्था करें सुनिश्चित मुख्य संरक्षक ने बताया कि दुर्गा पूजा पंडाल के आसपास लगातार साफ- सफाई अभियान चलाया जा रहा है।

निजी स्तर से सफाई कर्मियों द्वारा स्वच्छता का ख्याल रखा जा रहा  है । आदित्यपुर नगर निगम से अपेक्षाकृत कम मजदूर उपलब्ध हो रहे हैं। हालांकि नगर निगम प्रशासक ने अस्वत किया है कि पूजा के दौरान साफ सफाई की विशेष व्यवस्था रहेगी।
सरायकेला : ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में हाथियों का आतंक एक गंभीर समस्या बन गया है,....
सरायकेला : नीमडीह प्रखंड के जामडीह गाँव में जंगली हाथी की गतिविधियों के बारे में बताती है। जंगली हाथी ने संजय दास के घर और सेटर को तोड़ दिया और फसलों को नुकसान पहुंचाया।


ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में हाथियों का आतंक एक गंभीर समस्या बन गया है, जिससे स्थानीय लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। किसानों की फसलें और घरेलू सामग्री हाथियों के हमले से नष्ट हो रही हैं, जिससे उनमें नाराजगी है। हाथियों का झुंड जंगल से उतरकर गाँव में प्रवेश कर रहा है और फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए।
सरायकेला जिला पुलिस एक के बाद एक नकली अवैध शराब बनाने वाली मिनी फैक्ट्रियों का भांडाफोड़ कर चुकी है । मामले में इस धंधे से जुड़े कई लोगों को

सरायकेला:  जिला पुलिस अधीक्षक मुकेश लुणायत के निर्देश पर चांडिल थाना की पुलिस ने शनिवार की रात विशेष छापामारी अभियान चलाया. बताया जा रहा है कि शारदीय नवरात्रि को लेकर पुलिस ने अवैध और नकली शराब के विरूद्ध छापामारी अभियान चलाया था सूत्रों के अनुसार इस दौरान पुलिस को भारी मात्रा में नकली व अवैध शराब भी मिला है

पुलिस ने शराब को जब्त कर अपना अभियान जारी रखा. अभियान में पुलिस को चिलगु से अवैध व नकली शराब के संचालक को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। गिरफ्तार अभियुक्त पुराने मामले में वांछित था और पहले भी जेल जा चुका है. बताया जा रहा है कि पुलिस जल्द ही इस मामले का खुलासा करेगी ।वैसे इस संबंध में चांडिल थाना की पुलिस कुछ भी बताने से इंकार कर रही है

अवैध शराब का हब बन गया है चांडिल

चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में अवैध व नकली शराब कारोबारियों के लिए सबसे सुरक्षित स्थल बन गया था पुलिस ने एक के बाद एक नकली अवैध शराब बनाने वाली मिनी फैक्ट्रियों का भांडाफोड़ कर चुकी है मामले में इस धंधे से जुड़े कई लोगों को जेल भेजा जा चुका है, लेकिन किसी भी मामले में मिनी शराब फैक्ट्रियों के सरगना को नहीं पकड़ा गया है

पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों के लगातार छापामारी के बाद चांडिल थाना क्षेत्र में चार से अधिक नकली शराब बनाने वाली मिनी शराब फैक्ट्री का पर्दाफाश किया जा चुका है लेकिन अवैध व नकली शराब के कारोबारी तू डाल-डाल तो मैं पात-पात की कहावत को चरितार्थ करते हुए अपना गोरखधंधा जगह बदल-बदल कर जारी रखे हुए है. इसी का परिणाम है कि छापामारी अभियान के दौरान पुलिस बड़ी मात्रा में अवैध शराब बरामद करने में सफल रही

सरायकेला।: विश्व ह्रदय दिवस पर मैराथन दौड़...
सरायकेला : विश्व ह्रदय दिवस के अवसर पर गढ़वा जिला मुख्यालय मे दिल के लिए एक साथ दौड़ा पूरा गढ़वा जिला। प्रभात मेडिको के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत कल्याणपुर इस्थित हेलीपेड से किया गया। स्थानीय विधायक सह मंत्री मिथलेश ठाकुर,डीसी,एसपी कमांडेंट,प्रसिद्ध ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ पंकज प्रभात ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर मैंराथन दौड़ को रवाना किया गया। पांच किलोमीटर के इस मैंराथन दौड़ मे मंत्री मिथलेश ठाकुर,डीसी शेखर जमुवार,एसपी डॉ दीपक पाण्डेय,कमांडेंट नृपेंद्र सिंह सहित जिले के कई अधिकारी,पदाधिकारी एवं शहरवासी इस मैराथन दौड़ मे शामिल हुए। जिला समाहरणालय से टंडवा मोड़ तक इस दौड़ मे बाद एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा की आज विश्व दिल दिवस के रूप मे हम जानते है दिल के लिए जागरूकता जरुरी है यह बहुत पहले से होना चाहिए था इससे नुकसान बहुत कम होता है हमलोगो को यंगस्तर एवं वृद्ध दोनों के लिए यह बीमारी से निकलना बहुत जरुरी है। यह बहुत नेक पहल है पिछलीबार मै शामिल नही हुआ था इसबार शामिल हुए है अच्छा लग रहा है गढ़वा जैसे छोटे जगह के लिए ऐसा प्रोग्राम होना यह गर्व की बात है जो सीपीआर का परजेंटशन हुआ हमने भी किया यह बहुत बड़ा सबक और सिख है। सब कोई जनता है स्वास्थ ही धन है यदि मे हेल्दी नही है तो सबकुछ बेकार है दिल की बीमारी है तो बहुत सा नुकसान है हमलोगो को जो बताया गया है उसे आत्मसात करना है आज सभी लोगो ने चाहा इसलिए हो पाया है।
सरायकेला : विश्व हृदय दिवस आज ,हर साल 29 सितंबर को मनाया जाने वाला।. प्रकृति के प्रति हृदय ।...
सरायकेला : विश्व हृदय दिवस एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है जिसका मुख्य उद्देश्य हृदय रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह एक वैश्विक खतरा है। भारत के संदर्भ में यह इसलिए और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे यहां हृदय रोगियों की संख्या सबसे ज़्यादा है। विश्व हृदय दिवस दुनिया भर के सभी लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक है कि वे अपने स्वास्थ्य के लिए अपने हृदय का खयाल रखें। इस वर्ष का कार्यक्रम व्यक्ति की अपनी जटिलता को समझने के महत्व पर केंद्रित है। ऐसी दुनिया में जहाँ हृदय स्वास्थ्य के बारे में समझ सीमित है और नीति विकास की कमी है, हमारा लक्ष्य इन बाधाओं को दूर करना और लोगों को नियंत्रण करने के लिए सशक्त बनाना है।

मानवता के लिए हृदय ।

सभी हृदय रोगों में से 75% कम और मध्यम आय वाले देशों को प्रभावित करते हैं और हम भी इससे अछूते नहीं हैं। यह दर्शाता है कि हमें मानवता के लिए हृदय रोग से पीड़ित लोगों तक पहुँचने की आवश्यकता है। हम जागरूकता बढ़ाकर और उनके उपचार और ठीक होने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके एक बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं। हम मिलकर इन गरीब लोगों का बोझ कम कर सकते हैं और एक स्वस्थ दुनिया बना सकते हैं।

प्रकृति के प्रति हृदय ।

हमारे लापरवाह व्यवहार ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है, प्रदूषण ने हमारे दिलों को बीमार कर दिया है। वायु प्रदूषण के कारण हृदय संबंधी मौतों का 25 प्रतिशत हिस्सा हो सकता है, जिससे दुनिया भर में लगभग 7 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है। हमें स्थिति को रोकने और प्रदूषकों के प्रवेश को रोकने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। पृथ्वी का स्वास्थ्य सीधे तौर पर उसके निवासियों के दिलों के विकास से जुड़ा हुआ है, जो इसे प्रतिस्पर्धा के लिए उपयुक्त बनाता है।

अपने लिए हृदय ,

"दान घर से शुरू होता है" कहावत तब सच साबित होती है जब बात दिल की आती है। दूसरों की मदद करने से पहले अपने स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। आत्म-देखभाल का अभ्यास करके "आत्म-जागरूकता" की अवधारणा का उपयोग करें। इसके लिए स्वस्थ भोजन करना, प्रतिदिन व्यायाम करना और अपने जीवन से बोझ को खत्म करना आवश्यक है। अपने स्वयं के कल्याण को प्राथमिकता देकर, हम एक मजबूत दिमाग की नींव रख सकते हैं जो दूसरों की सेवा करना जारी रख सकता है।

हम हृदय रोग के जोखिम को कैसे कम कर सकते हैं?

यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हम और वे लोग जो हमारे दिल में विशेष स्थान रखते हैं, उनका भविष्य अच्छा रहे। इस महान लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, आइए कुछ रणनीतियों को समझें जिनका उपयोग आप अपने सबसे महत्वपूर्ण अंग: अपने मन की देखभाल और सुरक्षा के लिए कर सकते हैं।

बुनियादी स्वास्थ्य मीट्रिक्स को समझना ।


हृदय रोग अक्सर अंगुलियों के बाद होने वाली रुकावट पर आधारित होता है। अपने जोखिम को जानना और इस सलाह का पालन करना कि "ज्ञान ही शक्ति है" रोकथाम का पहला कदम है। विश्व हृदय संघ ने मधुमेह, रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल के स्तर, वजन और बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) सहित महत्वपूर्ण2 क्योंकि वे हृदय रोग के आपके जोखिम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। आप इन मापदंडों को बेहतर बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम करके हृदय को ठीक करने के लिए कदम उठा सकते हैं। इस महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुँचना उतना ही आसान है जितना कि अपने डॉक्टर से परामर्श करना जो एक व्यापक मूल्यांकन कर सकता है।

हृदय के लिए स्वस्थ आहार अपनाएँ

इष्टतम हृदय स्वास्थ्य के लिए एक सरल नुस्खा आहार है। यह विवेकपूर्ण पोषण विकल्पों की विशेषता है जो दीर्घकालिक हृदय स्वास्थ्य के एक और महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में खड़ा है। विश्व हृदय संघ प्रभावी रूप से "अपने दिल को ईंधन" देने के लिए निम्नलिखित मार्गदर्शन प्रदान करता है। प्रसंस्कृत और पूर्व-पैकेज्ड खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें: प्रसंस्कृत और पूर्व-पैकेज्ड खाद्य पदार्थों से सावधानी से बचें, क्योंकि इनमें अक्सर अत्यधिक चीनी और वसा होती है। मीठे खाद्य पदार्थों के स्थान पर ताजे फल चुनें: मीठे खाद्य पदार्थों के स्थान पर ताजे फलों की प्राकृतिक मिठास का सेवन करें, जो पोषक तत्वों से भरपूर एक स्वस्थ विकल्प है। मीठे पेय पदार्थों और फलों के रस का सेवन कम करें: मीठे पेय पदार्थों के स्थान पर पानी या बिना चीनी वाले जूस के माध्यम से हाइड्रेशन का विकल्प चुनें। मीठे खाद्य पदार्थों के स्थान पर ताजे फल चुनें: मीठे खाद्य पदार्थों के स्थान पर ताजे फलों की प्राकृतिक मिठास का सेवन करें, जो पोषक तत्वों से भरपूर एक स्वस्थ विकल्प है। ज़्यादा से ज़्यादा फल और सब्ज़ियाँ खाएँ: अपने आहार में रोज़ाना पाँच भाग फल और सब्ज़ियाँ शामिल करने का प्रयास करें। इन्हें ताज़े, जमे हुए, डिब्बाबंद या सूखे फलों से प्राप्त किया जा सकता है। मध्यम मात्रा में शराब का सेवन: अपने हृदय की भलाई के लिए अनुशंसित दिशानिर्देशों के अनुरूप शराब का सेवन करते रहें। घर का बना भोजन तैयार करें: ऑनलाइन भोजन वितरण के इस युग में, अपने घर के आराम से स्कूल या काम के लिए अपने स्वयं के पौष्टिक दोपहर के भोजन को तैयार करके अपने आहार विकल्पों का प्रभार लें। हालांकि ये सुझाव सहज ज्ञान युक्त कदम लग सकते हैं, लेकिन हृदय स्वास्थ्य पर इनका प्रभाव बहुत गहरा है। आपके आहार विकल्प एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ आप हृदय रोग की रोकथाम में काफी हद तक नियंत्रण रखते हैं। स्वस्थ विकल्पों का चयन करने से मधुमेह, हृदय संबंधी रोग और मोटापे और उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर से जुड़ी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसी स्थितियों के प्रति आपकी संवेदनशीलता भी कम हो सकती है।

सक्रिय होना , दिल को मज़बूत बनाने वाले व्यायाम करके जश्न मनाएँ। स्वस्थ दिल को बनाए रखने के लिए स्वस्थ आहार बनाए रखना ज़रूरी है, लेकिन शारीरिक गतिविधि के महत्व को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। एक गतिहीन जीवनशैली हृदय रोग में योगदान देती है और हृदय को सहारा देने में व्यायाम की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करती है। विश्व हृदय एसोसिएशन की निम्नलिखित सिफारिशें हैं ।

पहला व्यायाम: सप्ताह में कम से कम पाँच बार कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करें। खेलना, टहलना, काम करना या नृत्य करना जैसी गतिविधियाँ सभी आवश्यक हैं। अपनी दैनिक दिनचर्या में विभिन्न गतिविधियाँ शामिल करें: अपनी दैनिक दिनचर्या में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां शामिल करें, जैसे लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का उपयोग करना, गाड़ी चलाने के बजाय पैदल चलना या साइकिल चलाना, तथा गतिशीलता को महत्व देने वाली जीवनशैली अपनाना।

समूह वर्कआउट:  जब आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ अपने वर्कआउट को साझा करते हैं तो यह अधिक प्रेरक और मज़ेदार बन जाता है। अपने स्वास्थ्य लक्ष्यों की ओर लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रियजनों के साथ सहयोग करें।

डॉक्टर से बात करें:व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले, यह सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर से परामर्श करें कि यह आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करता है।

प्रौद्योगिकी का लाभ उठाएं : ऐप्स का उपयोग करें या अपनी प्रगति को ट्रैक करें और बेहतर हृदय गति पाएं। अपने प्रयासों को प्रबंधित करने के लिए।

पैडोमीटर का उपयोग करें। योग : व्यायाम का एक और रूप प्रदान करता है जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है बल्कि तनाव और हृदय रोग के जोखिम को भी कम करता है। यह शारीरिक गतिविधि और श्वास नियंत्रण के संयोजन के माध्यम से ऐसा करता है और हृदय रोगों को रोकता है। धूम्रपान कई बीमारियों का कारक  धूम्रपान न केवल शारीरिक गतिविधि को प्रभावित करता है, बल्कि उच्च रक्तचाप का कारण भी बन सकता है और धूम्रपान करने वालों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। विश्व हृदय दिवस पर इन मुख्य बिंदुओं पर विचार करें धूम्रपान छोड़ने के दो साल के भीतर हृदय रोग का खतरा काफी कम हो जाता है। 15 वर्षों के भीतर हृदय रोग का जोखिम धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति के बराबर हो जाता है।