परंपरागत पैथी सर्वश्रेष्ठ है, इसके दस्तावेजीकरण की आवश्यकता: आयुष मंत्री परमार

उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने रविवार को भोपाल स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के आवृत्ति भवन में "वाचिक परंपरा में प्रचलित हर्बल उपचार प्रणालियाँ: संरक्षण, संवर्धन और कार्य योजना" विषय पर आयोजित दो दिवसीय प्री-लोकमंथन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में सम्मिलित होकर पारंपरिक एवं प्राकृतिक उपचार पद्धतियों के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। मंत्री परमार ने कहा कि आज के परिदृश्य में परंपरागत औषधियों को एक नयी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। जनजातीय वैद्यों के द्वारा स्वदेशी उपचार पद्धतियों के प्रत्यक्ष प्रमाण होने के बावजूद भी स्वास्थ्य सेवाओं में विश्वसनीयता स्थापित करने की आवश्यकता है। परमार ने कहा कि ग्रामीण परिवेश का व्यक्ति भी पौधों एवं वृक्षों के आवश्यक एवं महत्वपूर्ण गुणों की जानकारी रखता है और प्रत्यक्ष प्रमाण होने के बावजूद भी उसे मान्यता नहीं मिल पाती है।

आयुष मंत्री परमार ने कहा कि यह परंपरागत ज्ञान जो पीढ़ियों से सतत् चला रहा है, उसका पालन हम वर्तमान में भी कर रहे हैं। परमार ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने शोध कर के परंपरागत विधाओं को स्थापित किया है, लेकिन आज उस समय का वैज्ञानिकता आधारित दृष्टिकोण विलुप्त हो गया है, जिसे पुनर्शोध एवं अनुसंधान की आवश्यकता है। परमार ने कहा कि देश की परम्पराओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अभी भी विद्यमान है। परंपरागत पैथी सर्वश्रेष्ठ है। आज लोग आधुनिक चिकित्सा पद्धति पर निर्भर हो गए हैं, जबकि परंपरागत पैथी की अपनी महत्ता है। परमार ने परंपरागत पैथी के दस्तावेजीकरण करने की बात कही। परमार ने भारतीय परंपरागत ज्ञान को पूंजी बताते हुए कहा कि यह भारत के समाज में रचा बसा है। परमार ने कहा कि जनजातीय वैद्यों एवं उनकी औषधियों को मान्यता देने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर मंत्री परमार ने देश भर से आए सभी पारंपरिक चिकित्सकों एवं वैद्यों के स्टॉल का अवलोकन कर उनसे औषधियों के बारे मे जानकारी भी प्राप्त की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रज्ञा प्रवाह के सदस्य प्रफुल्ल केलकर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा वर्तमान में आयुष्मान भारत एवं वन हेल्थ मिशन द्वारा स्वास्थ्य के ऊपर ध्यान दिया जा रहा है, यह एक नया कदम है।

संग्रहालय के निदेशक डॉ अमिताभ पांडे ने कहा कि जनजाति समुदाय जंगल को ही अपना जीवन मानते हैं। विकासशील देशो में जहाँ एक तिहाई जनसंख्या की आवश्यक औषधियों तक पहुँच नहीं है, वहां एक वैकल्पिक उपाय के रूप में यह सुरक्षित, प्रभावशाली पारंपरिक औषधियां स्वास्थ्य देख भाल को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सकता है।

उल्लेखनीय है कि प्री-लोकमंथन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन प्रज्ञा प्रवाह और एंथ्रोपोस इंडिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और दत्तोपंत ठेंगड़ी शोध संस्थान के सहयोग से संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।

इस सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य भारत में पारंपरिक, प्राकृतिक उपचार पद्धतियों और हर्बल चिकित्सा के महत्व को उजागर करना है। विशेषकर जनजातीय समुदायों में स्वास्थ्य देखभाल में परंपरागत चिकित्सकों की भूमिका का पता लगाना, उनके सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना और जैव विविधता और हर्बल उपचार पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर चर्चा करना है। इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य देश भर में हर्बल चिकित्सकों के लिए नीति निर्माण पर समर्थन और मान्यता के लिए जनजातीय लोक औषधि को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम में देश भर के विविध समुदायों के पारंपरिक इलाज करने वाले समूहों की सहभागिता है।

पंचायत स्तर पर 'हीलर्स हट', हर्बल मेडिसिन गार्डन, छात्रवृत्ति जैसी पहलों के माध्यम से देश भर में गैर- संहिताबद्ध हर्बल चिकित्सकों का समर्थन करने के लिए एक कार्य योजना भी तैयार की जाएगी। भारत में जनजातीय हर्बल उपचार के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक व्यापक कार्य योजना को आकार देने में भी सहायक होगी।

इस अवसर पर प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक, प्रखर वक्ता एवं विचारक जे. नंदकुमार, एमसीयू के कुलसचिव प्रो.डॉ. अविनाश वाजपेई, डीन (अकादमिक) ,प्रो.(डॉ.) पी. शशिकला, प्रज्ञा प्रवाह संस्थान के विभिन्न पदाधिकारीगण, सहयोगी संस्थान के पदाधिकारीगण एवं सम्मेलन की संयोजिका डॉ सुनीता रेड्डी सहित देश भर से पधारे विविध पारंपरिक वैद्य, शोधार्थी एवं विषय विशेषज्ञ उपस्थित रहे। कार्यक्रम समन्वयक डॉ सुदीपा रॉय ने आभार ज्ञपित किया।

ज्ञातव्य है कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में पांच दिवसीय जनजातीय वैद्य शिविर चल रहा है, इसलिये दर्शकों के लिए संग्रहालय 23 एवं 24 सितंबर को खुला रहेगा।

मंत्री प्रहलाद पटेल ने भिण्ड जिले के बाढ़ पीड़ितों से की मुलाकात, क्षतिग्रस्त सड़कों के निर्माण के दिए निर्देश

पंचायत एवं ग्रामीण विकास,श्रम एवं प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल आज भिण्ड जिले के विकास खण्ड लहार के ग्राम विजपुर, विकास खण्ड मेहगांव के ग्राम कछपुरा, ग्राम गुदावली एवं गोहद विकास खण्ड के मौ में पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने मौके पर संबंधित अधिकारियों को समस्याओं का शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए।

मंत्री पटेल के साथ विभिन्न बाढ़ पीड़ित ग्रामों में नवीन एवं नवकरणीय उर्जा मंत्री राकेश शुक्ला, क्षेत्रीय सांसद संध्या राय सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं नागरिक उपस्थित थे।

उन्होंने गांव के लिए क्षतिग्रस्त रोड का बनाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। साथ ही प्रधानमंत्री आवास के संबंध में कहा कि जिन लोगों को मकान आवंटित किये गये है उनकी सूची का परीक्षण किया जाए और पात्र व्यक्तियों के यदि योजना के लिए नाम छूट गए है तो नियमानुसार उनके नाम जोड़े जाएं । उन्होंने कहा कि गांव में बाढ़ के कारण सड़कें, मकान, स्कूल की बाउण्ड्री वाल क्षतिग्रस्त हुई है उसे तत्काल बनाया जायेगा। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया। ग्राम विजपुर में क्षेत्रीय विधायक श्री अम्बरीश शर्मा के द्वारा रखी गई सभी मांगो का प्रभारी मंत्री पटेल ने सहमत होते हुए पूरा करने का आश्वासन दिया।

मंत्री पटेल ने ग्राम मौ, गुदावली एवं कछपुरा में अतिवृष्टि से पीड़ित लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वास दिया। साथ ही ग्राम कछपुरा एवं गुदावली में वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकान, रोड आदि के संबंध में चर्चा की। उन्होंने कहा कि मुख्य मार्ग से गुदावली गांव की ओर जाने वाली सड़क एवं पुलिया बनाई जा रही है, उसकी ऊंचाई में बढोत्तरी की जाए और अच्छी गुणवत्ता के साथ शीघ्र बनाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को मौके पर ही दिए। ग्राम कछपुरा में नदी के बढते जल स्तर के कारण जो मकान डूब जाते हैं, उन लोगो से कहा कि आप लोग की सहमति पर गांव में उपलब्ध शासकीय भूमि पर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देकर विस्थापन की कार्यवाही कराई जाएगी।

मंत्री पटेल ने रावतपुराधाम पहुंचकर हनुमान जी के दर्शन कर पूजा अर्चना की और आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने दंदरौआधाम पहुंचकर महंत रामदास महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।

"आचार्य विद्यासागर मेडिकल कॉलेज" होगा सागर मेडिकल कॉलेज का नाम: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रदेश में जैन कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा

मुख्यमंत्री निवास में क्षमावाणी महोत्सव का हुआ आयोजन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सागर मेडिकल कॉलेज का नाम "आचार्य विद्यासागर मेडिकल कॉलेज" होगा। उन्होंने जैन धर्माम्बलम्बियों को बड़ी सौगात देते हुए कहा है कि प्रदेश में जैन कल्याण बोर्ड का गठन किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता से जैन मुनियों को उनके विहार के दौरान नगरीय क्षेत्र या ग्रामीण क्षेत्र में भवन की आवश्यकता होने पर नि:शुल्क भवन सुविधा उपलब्ध करायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री निवास में आयोजित क्षमावाणी महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जैन धर्म और संस्कृति का गौरवशाली इतिहास है। देश-प्रदेश के साथ उज्जैन भी जैन धर्म को हजारों सालों से मानने वाली नगरी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अगले महिने नीमच, मंदसौर और सिवनी में मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का जैन समाज के प्रति समर्पण के लिए प्रतीक चिन्ह और प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मान किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का क्षमावाणी महोत्सव में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप ने स्वागत किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोई भी देश उन्नति, प्रगति करता है और सक्षम बनता है तो अपनी संस्कृति का दूसरों पर भी प्रभाव डालना चाहता है। हमें गर्व है कि हमारा देश हमेशा अपनी शक्ति का सदुपयोग करने की दिशा में बढ़ता है, इसमें हमारा दर्शन छुपा है। भारत शक्ति सम्पन्न बनकर अपने नागरिकों का भला करना तथा विश्व के सर्वश्रेष्ठ देशों में शामिल होना चाहता है। हमें गर्व उस समय और होता है जब इतना शक्ति सम्पन्न होकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रूस और यूक्रेन के बीच जाकर शांति का संदेश देता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाई है। कानून व्यवस्था, सुशासन की स्थापना करना सरकार का दायित्व है। राज्य सरकार ने सभी संभागों के अंतर्गत आयुर्वेदिक कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है। गौशालाओं, गाय को पालने के लिए प्रोत्साहन देंगे। दूध बिक्री पर बोनस देने का निर्णय किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हजारों सालों से हमारे देश के शासकों ने "जियो और जीने दो" की परम्परा का निर्वहन किया। हमने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया। किसी को गुलाम नहीं बनाया। यह हमारी परम्परा रही है। कदम-कदम पर हमारी संस्कृति के उदाहरण मिलते हैं। समर्थ, सक्षम और बड़ा आदमी छोटे के प्रति क्षमा का भाव रखें तो सही है। बड़ा आदमी छोटे के प्रति विन्रमता का भाव रखे तो यह वीरता को दर्शाता है। यह भगवान महावीर का दर्शन है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जैन धर्म के आचार्यों ने हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखाया है। जैन मुनियों के माध्यम से जीवन जीने का आनंद, प्रेरणा संबल और सहारा मिलता है।

सांसद वी.डी. शर्मा ने कहा कि क्षमा की भावना रखना बड़ी बात है। क्षमा वही कर सकता है जो क्षमतावान और शक्तिमान है। क्षमावाणी हमारी संस्कृति का बड़ा और पवित्रता का पर्व है। सम्पूर्ण जैन समाज देश और समाज के लिए महत्वपूर्ण भूमिका में रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव सभी समाजों और वर्गो को साथ लेकर चल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की भावना के अनुरुप सबका साथ - सबका विकास कर रहे हैं।

सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप ने कहा कि क्षमावाणी कार्यक्रम का आयोजन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वयं पहल की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जैन दर्शन को बढ़ावा देने का कार्य किया है। हमारी संस्कृति का संदेश का यह महत्वपूर्ण पर्व है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सभी त्यौहारों और पर्व को महत्व दे रहे हैं। पूर्व मंत्री जयंत मलैया ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि बहुत समय के बाद क्षमावाणी कार्यक्रम मुख्यमंत्री निवास में आयोजित हुआ है।

कार्यक्रम में विधायक उज्जैन अनिल जैन कालूखेड़ा, निवाड़ी विधायक अनिल जैन, सागर विधायक शैलेंद्र जैन, शिवपुरी विधायक देवेन्द्र जैन, मंदसौर विधायक विपिन जैन, पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा, पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा, पूर्व मंत्री जयंत मलैया, पूर्व मंत्री शरद जैन सहित जनप्रतिनिधि और जैन धर्म के अनुयायी उपस्थित थे। कार्यक्रम में मंगलाचरण नृत्य एवं स्वागत गीत और भजनों की प्रस्तुत हुई। क्षमावाणी पर्व से संबंधित लघु वीडियो फिल्म दिखाई गई।

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी की जन्मशती पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न

भारत-रत्न, संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी का उद्घोष करने वाले प्रेरणा स्रोत, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह राष्ट्रीय संगोष्ठी, अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल और साहित्य अकादमी नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में भोपाल स्थित केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षण संस्थान के पं. सुंदरलाल शर्मा सभागार में 20 एवं 21 सितंबर को आयोजित हुई। संगोष्ठी में साहित्य अकादमी नई दिल्ली के सचिव के. श्रीनिवास राव ने कार्यक्रम के स्वागत वक्तव्य में उपयोगिता, प्रासंगिकता तथा तात्कालिकता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। विशिष्ट वक्ता के रूप में साहित्य अकादमी के हिंदी परामर्श मंडल के संयोजक डॉ. गोविन्द मिश्रा ने राजनीति के स्तर के उन्नयन के लिए साहित्य के स्पर्श की आवश्यकता बताई। मुख्य वक्ता के रूप में साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. माधव कौशिक ने करुणा के महत्व को रेखांकित किया। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. खेमसिंह डहेरिया ने स्व. वाजपेयी की वैश्विक व्यापकता के साथ साथ सम्यक दृष्टि, उदारवादी चरित्र और राष्ट्रीयता को महत्त्वपूर्ण बताया। संगोष्ठी में विभिन्न सत्रों में विभिन्न संदर्भों पर आलेख वाचन प्रस्तुत किया गया। अटल युगीन विश्व और हिंदी, भारत की समावेशी संस्कृति के शिल्पी अटल जी, अटल जी और पत्रकारिता, भारत की एकात्मता हिंदी और अटल जी, राष्ट्र निर्माण में अटल जी का योगदान एवं अटल जी वैज्ञानिक दृष्टिकोण सहित विभिन्न संदर्भों पर विभिन्न विषयविदों द्वारा संस्मरण साझा किए गए। इनमें दयानंद पांडेय, चंद्रचारु त्रिपाठी, सुश्री उर्मिला शिरीष, मनोज श्रीवास्तव, मुकेश मिश्रा, सुश्री अलका प्रधान, विजय मनोहर तिवारी, संजय द्विवेदी, आनंद सिंह, सुश्री कुसुमलता केडिया, राजीव वर्मा एवं सुश्री नुसरत मेंहदी शामिल थीं। साहित्य अकादमी नई दिल्ली के उप सचिव शैलेन्द्र कुमार जैन ने आभार व्यक्त किया
समर्थन मूल्य पर उपार्जन कार्य में उपयोगी नाप-तौल उपकरणों का होगा सत्यापन,खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने दिये निर्देश, सत्यापन की साप्ताहिक रिपोर्ट


भोपाल। खरीफ उपार्जन वर्ष 2024 -25 में समर्थन मूल्य पर उपार्जन कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। अभी किसानों द्वारा रजिस्ट्रेशन का कार्य किया जा रहा है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उपार्जन केन्द्रों से संबंधित समितियां एवं कृषि उपज मंडी समितियों के4 नाप-तौल यंत्रों का शत- प्रतिशत सत्यापन उपार्जन कार्य शुरू होने के पूर्व कराया जाए।

साथ ही जिले में उत्पादन कार्य में संलग्न शासकीय, निजी अथवा संयुक्त भागीदारी के भंडार गृहों के धर्म कांटा की भी जांच/ सत्यापन सुनिश्चित करें। जांच एवं सत्यापन कार्य की साप्ताहिक रिपोर्ट भी भेजें। नियंत्रक नापतौल ने सभी नापतौल निरीक्षकों को निर्देश दिए हैं

कि उक्त कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें तथा खाद्य मंत्री राजपूत के निर्देशों का अक्षरशः पालन करें।

मध्य प्रदेश में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार की रणनीति: स्टॉक लिमिट तय, कालाबाजारी पर निगरानी

भोपाल। मध्यप्रदेश में गेहूं के दाम स्थिर रखने और कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। मार्च 2025 तक गेहूं की स्टॉक सीमा तय करने के पूर्व में भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों में नवीन अधिसूचना के द्वारा थोक विक्रेता/व्यापारी की अधिकतम स्टॉक क्षमता एवं प्रोसेसर्स की मासिक स्थापित क्षमता में संशोधन किया गया है ।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि संशोधित आदेश के अनुसार 15 दिनों के भीतर व्यापारी/थोक विक्रेता को गेहूं का स्टॉक 2000 मिट्रिक.टन तक लाना है। इसी प्रकार प्रोसेसर्स का स्टॉक भी उसकी मासिक स्थापित क्षमता के 60 प्रतिशत मात्रा को वर्ष 2024-25 के शेष महीनों की संख्या से गुणा करने पर आने वाली मात्रा के समतुल्य से अधिक नहीं रखना है।

खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने पर व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए तय सीमा से अधिक रखे अनाज को जब्त कर लिया जाएगा। भंडारण को लेकर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।

जिला आपूर्ति नियंत्रक भोपाल मीना मालाकार ने बताया कि इस संबंध में म.प्र. शासन द्वारा म.प्र. गेहूं नियंत्रण आदेश को अधिसूचित किया गया है तथा स्टॉक सीमा का उल्लंघन पाये जाने पर सक्षम अधिकारियों को प्रवेश तलाशी एवं अभिग्रहण आदि की शक्तियां दी गई हैं।

उन्होंने भोपाल जिले के सभी गेहूं व्यापारियों, थोक विक्रेताओं से कहा है कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा दी गई सीमा अनुसार ही गेहूं का स्टॉक संधारित करें अन्यथा किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर म.प्र. गेहूं नियंत्रण आदेश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

भोपाल : कलेक्टर की फर्जी आईडी से ठगी, ग्रामीणों से रुपये ऐंठने का मामला आया सामने, पढ़े पूरी खबर को

बैरसिया:-फोन की कॉलर आइडी में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का फोटो लगाकर फर्जी आइडी बनाकर रुपये ऐंठने का मामला सामने आया है। जिसके बाद फंदा एवं बैरसिया के जनपद सीईओ ने सभी पंचायत सचिव और ग्राम रोजगार सहायकों को अलर्ट जारी कर दिया है

जालसाज द्वारा ग्रामीणों को कलेक्टर के नाम से फोन कर संबल योजना की राशि डालने के नाम पर 3 हजार से 10 हजार रुपए तक की मांग की गई। बताया जा रहा है कि फर्जी आईडी बनाने बाला आधा दर्जन लोगों से रुपये ऐंठ चुका है जानकारी अनुसार मामला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के पास भी पहुंचा जिसके बाद क्राइम ब्रांच में इसकी शिकायत की गई। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है

ऐसे कर रहे ठगी

बताया जा रहा है पिछले एक हफ्ते में कलेक्टर की फर्जी आईडी से ग्रामीणों को इस तरह के कॉल आ रहे हैं। कॉल करने के अलावा ठग लोगों को मैसेज भी भेज रहे हैं कॉलर आईडी पर कलेक्टर का फोटो लगा होने की वजह से जिन लोगों के पास कॉल आ रहे हैं वह बिना सत्यापन किए उसे सच मान लेते हैं आम लोगों को तीन हजार से 10 हजार रुपये तक संबल योजना के नाम पर देने का झांसा दिया जा रहा है।

फर्जी कॉल कर रुपये ऐंठने की जानकारी लगने के बाद कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आम लोगों से सतर्क रहने की अपील की है इधर पंचायतों के वाट्सएप ग्रुप और इंटरनेट मीडिया पर भी फर्जी कॉल से रुपये ऐंठने के मामले में सतर्क रहने के संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं।

भोपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ सांसद का अभियान: पटवारी और आरआई के खिलाफ कार्रवाई की मांग, कलेक्टर को सौंपी लिस्ट

बैरसिया:-भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने प्रभारी मंत्री चैतन्य कश्यप के सामने कलेक्टर कोशेलेंद्र विक्रम सिंह को पटवारी और राजस्व निरीक्षकों की शिकायत की

जिसमे भोपाल में सालों से कई आरआई राजस्व निरीक्षक और पटवारी एक ही हल्के में 8 से 15 साल से जमे हैं।

इनके कारण ऑफिस बदनाम होता है। उनकी शिकायतें भी मिलती हैं। उन्हें वल्लभ भवन के आला अफसरों का संरक्षण है कइयों की जमीन है। उन्हें हटाने के लिए लिस्ट भी सौंपी है।

यह कहना है भोपाल सांसद आलोक शर्मा का। उन्होंने प्रभारी मंत्री चैतन्य कश्यप के सामने भी यह मुद्दा उठाया है। साथ ही कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को लिस्ट दी है। इसके बाद प्रशासनिक गलियारो में जमकर हड़कंप मच गया है। दरअसल सांसद ने कई आरआई और पटवारियों को वल्लभ भवन के सीनियर अफसरों का संरक्षण होने का आरोप लगाया है। जानकारी अनुसार

तीन साल में हल्का बदलने का नियम है भोपाल में करीब 190 पटवारी हैं। वहीं, राजस्व निरीक्षकों की संख्या लगभग 35 है। नियमानुसार 3 साल में पटवारी का हल्का बदल देना चाहिए। लेकिन भोपाल में कई तो 8 साल या इससे ज्यादा समय से पदस्थ हैं।

बताया जाता है कि कई पटवारियों की शिकायत भी जनप्रतिनिधियों तक पहुंची। यही वजह है कि सांसद शर्मा को प्रभारी मंत्री के सामने यह मुद्दा उठाना पड़ा।

कोलकाता में इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में होगा मध्यप्रदेश के विभिन्न शिल्पों का प्रदर्शन और विक्रय


लघु व्यवसायियों को अमेजन, फ्लिपकार्ट से मिल रही उत्पाद बिक्री की सुविधा मृगनयनी एम्पोरियम से 6 माह में हुई 11.82 करोड रूपये की बिक्री दिल्ली हाट की तर्ज पर लगेगा महिला व्यवसायियों के लिए साप्ताहिक हाट

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर आगामी दिसम्बर माह में कोलकाता में लगने जा रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में प्रदेश के विभिन्न शिल्पों का प्रदर्शन और विक्रय किया जाएगा।

कुटीर उद्योगों से जुड़े लघु व्यवसायियों और शिल्पकारों को उनके उत्पाद के ऑनलाइन विक्रय की सुविधाएं उपलब्ध करवाने की पहल की गई है। कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग ने अपने पोर्टल के विकास के साथ ही अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे और ऑनलाइन माध्यमों का उपयोग प्रारंभ किया है। इसके अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे है।

प्रदेश में बीती छमाही में मृगनयनी एम्पोरियम के साथ ही मेलों के आयोजन से भी 11.82 करोड रूपये की बिक्री हुई है। लघु व्यवसायियों को मध्यप्रदेश के साथ ही देश विदेश में ऐसे उत्पादन बेचने और भविष्य में उनके निर्यात की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।

दिल्ली हाट की तर्ज पर भोपाल हाट में व्यवस्थाएँ विकसित होंगी। भोपाल हाट और प्रदेश के अन्य स्थानों पर महिला व्यवसायियों के लिए साप्ताहिक महिला हाट में विभिन्न उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था की जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हाल ही में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की योजनाओं की समीक्षा के दौरान उज्जैन में वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट, जी आई उत्पाद, हस्तशिल्प उत्पाद और अन्य स्थानीय उत्पादों के प्रचार और बिक्री के लिए वन स्टॉप मार्केट प्लेस के रूप में यूनिटी मॉल स्थापित करने की प्रगति की जानकारी प्राप्त की।

पुनर्जीवित करें सागर का अगरबत्ती उद्योग

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का मानना है कि कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग बांस उत्पादकों को भी प्रोत्साहन दें और अगरबत्ती निर्माण जैसे कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित करें। प्रदेश के सागर सहित कुछ जिले अगरबत्ती निर्माण के प्रमुख केन्द्र रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बांस की उपलब्धता सुनिश्चित कर कुटीर उद्योग को पुनर्जीवित किया जाए। ऐसे जिले जहाँ बांस उत्पादन कम है, नदियों के किनारे बांस के सघन रोपण के निर्देश दिए गए हैं। इस रोपण से जल से होने वाले कटाव को रोकने में सहायता मिलेगी। साथ ही बांस उत्पादन की दृष्टि से भी भरपूर लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लघु व्यवसायियों को अपने व्यवसाय के उन्नयन के लिए ऋण और अनुदान योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ दिलवाने के लिए बैंकों के स्तर पर प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के प्रयास करने के निर्देश भी दिए हैं।

मध्य प्रदेश में केरल के समान प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों पर मेडिकल टूरिज्म का किया जाएगा विकास: मुख्यमंत्री डॉ. यादव की नई पहल

प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं में 46 हजार 451 नए पदों को प्रदान की गई स्वीकृति मंदसौर, नीमच और सिवनी में जल्द होगा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों का लोकार्पण 800 आयुष आरोग्य मंदिरों का संचालन हुआ आरंभ प्रदेश के प्रत्येक जिले में मेडिकल या आयुर्वेदिक कॉलेज अवश्य हो मुख्यमंत्री ने आरोग्य भारती के अखिल भारतीय प्रतिनिधि मंडल सम्मेलन को वुर्चअली किया संबोधित ग्वालियर में हुए सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष तोमर रहे उपस्थित

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में केरल के समान प्राकृतिक तथा अन्य वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों पर मेडिकल टूरिज्म को विकसित करने कार्य योजना बनाई जा रही है।

इससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं में 46 हजार 451 नए पदों को स्वीकृति प्रदान की गई है, साथ ही 800 आयुष आरोग्य मंदिरों का संचालन भी आरंभ हुआ है। प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज के साथ आयुर्वेदिक संस्थाओं की संख्या अभी ओर बढ़ेगी। हमारा प्रयास है कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में मेडिकल या आयुर्वेदिक कॉलेज अवश्य हो और इससे आमजन को इलाज के लिए प्रदेश से बाहर जाने की आवश्यकता न रहे।

जन-जन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने, लोगों को स्वस्थ जीवन-शैली अपनाने के लिए प्रेरित करने, रोग-मुक्त समाज के निर्माण की दिशा में योजना‍बनाने और उनके क्रियान्वयन में राज्य सरकार, आरोग्य भारती का सहयोग व मार्गदर्शन भी प्राप्त करेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ग्वालियर में आयोजित आरोग्य भारती के अखिल भारतीय प्रतिनिधि मंडल सम्मेलन को समत्व भवन, भोपाल से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, आरोग्य भारती संस्था के पदाधिकारी तथा केन्द्रीय आयुष मंत्रालय के अधिकारी विशेष रूप से उपस्थित थे।

बालाघाट, शहडोल, सागर, मुरैना, नर्मदापुरम में आरंभ होंगे आयुर्वेद चिकित्सालय

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में मंदसौर, नीमच और सिवनी में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय बनकर तैयार हो गए हैं, शीघ्र ही इनका लोकार्पण किया जाएगा। प्रदेशवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को एक करने का निर्णय लिया गया। कोविड काल में रोग से बचने के लिए आयुर्वेदिक विधियों और आयुष काढ़े के प्रभाव से सभी परिचित हैं। भारतीय चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 5 जिलों बालाघाट, शहडोल, सागर, मुरैना और नर्मदापुरम में जल्द ही आयुर्वेद चिकित्सालय आरंभ किए जाएंगे। राज्य सरकार की आयुर्वेदिक चिकित्सालयों को प्रोत्साहित करने की योजना में समाज के लोगों द्वारा आरंभ किए गए चिकित्सालयों को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। जनजातीय क्षेत्रों में औषधीय खेती को प्रोत्साहित करने के लिए देवारण्य योजना का संचालन किया जा रहा है। औषधीय वनस्पति के प्रति जागरूकता लाने और उनकी मार्केटिंग के लिए हर साल लघु वनोपज मेले भी आयोजित हो रहे हैं।

स्वस्थ जीवन-शैली अपनाते हुए रोग-मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित कर रही है आरोग्य भारती

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वस्थ राष्ट्र के लिए स्वस्थ ग्राम, स्वस्थ ग्राम के लिए स्वस्थ परिवार और स्वस्थ परिवार के लिए स्वस्थ व्यक्ति होना आवश्यक है। यह प्रसन्नता का विषय है कि आरोग्य भारती समाज में स्वास्थ्य संरक्षण और जागरण के साथ ही शोध आधारित कार्य भी कर रही है। भारतीय परम्परा में पहला सुख निरोगी काया के सिद्धांत को मानते हुए स्वास्थ्य को ही सबसे बड़ा धन माना गया है। आरोग्य भारती संस्था द्वारा समाज में स्वस्थ जीवन-शैली अपनाते हुए रोग-मुक्त जीवन जीने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है, जो अभिनंदनीय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संस्था का वार्षिक सम्मेलन मध्यप्रदेश में करने के‍लिए आभार मानते हुए प्रतिनिधियों का स्वागत किया।

आरोग्य सम्पदा पत्रिका के भारतीय स्वास्थ्य चिंतन पर केन्द्रित विशेषांक का विमोचन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आरोग्य भारती की स्मारिका "आरोग्य फलदायकम्" और संस्था की पत्रिका आरोग्य संपदा के भारतीय स्वास्थ्य चिंतन पर केन्द्रित विशेषांक, आरोग्य भारती की डायरी और कैलेंडर का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने योगाचार्य पंडित दामोदार लाल शर्मा को "स्व. माधवराव धाक्रस स्वस्थ जीवनशैली" पुरस्कार से सम्मानित किया। अतिथियों को स्मृति-चिन्ह भेंट किए गए। आरोग्य भारती के संरक्षक डॉ. प्रवीण भावसार, अध्यक्ष डॉ. राकेश पंडित भी उपस्थित थे।

आने वाला कल स्वस्थ, स्वच्छ और श्रेष्ठ भारत का है - विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर

विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने कहा कि आने वाला कल स्वस्थ, स्वच्छ और श्रेष्ठ भारत का है। भारतीय स्वास्थ्य पद्धतियों को अपनाते हुए रोग-मुक्त समाज के निर्माण की दिशा में आरोग्य भारती महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस संस्था की सलाह पर ही देश में वैलनेस सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया आरंभ हुई। स्वतंत्रता के बाद हुई देशज चिकित्सा पद्धतियों की अनदेखी और उपेक्षा के कारण इस क्षेत्र में आए अभावों को दूर करने की दिशा में आरोग्य भारती द्वारा किए जा रहे कार्य सराहनीय है। सम्मेलन में आरोग्य भारती के डॉ. सत्यप्रकाश बत्रा ने संस्था के उद्देश्यों और गतिविधियों पर प्रकाश डाला।