राजनीति के दिग्गज नेता का निधन पर देश में शोक, जिसने इंदिरा से कहा था- इस्तीफा दे दो, PM मोदी, राहुल गांधी समेत कई बड़े नेताओं ने जताया दुख

भारत में वामपंथ की सियासत को करीब 45 साल तक प्रभावित करने वाले सीताराम येचुरी नहीं रहे. येचुरी कम्युनिष्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के प्रमुख थे. तेलंगाना आंदोलन के जरिए 17 साल की उम्र में राजनीति में आने वाले येचुरी को आपातकाल के दौरान पहचान मिली. कहा जाता है कि इमरजेंसी में येचुरी की मोर्चेबंदी से मजबूर होकर इंदिरा गांधी ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति पद से इस्तीफा दे दिया था. सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया. वह 72 वर्ष के थे. येचुरी पिछले कुछ दिनों से गंभीर हालत में थे और उन्हें रेस्पिरेटरी सपोर्ट पर रखा गया था. सीपीआई (एम) ने पहले कहा था कि 72 वर्षीय नेता का दिल्ली के एम्स के ICU में एक्यूट रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के इन्फैक्शन का इलाज किया जा रहा था. सीताराम येचुरी को निमोनिया के इलाज के लिए 19 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी हालत गंभीर थी और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था. सूत्रों के मुताबिक उनके फेफड़ों में फंगल संक्रमण था. सीताराम येचुरी के निधन पर राजनीति के दिग्गजों ने दुख जताया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर एक पोस्ट में कहा कि सीताराम येचुरी जी के निधन से दुखी हूं. वे वामपंथ के अग्रणी नेता थे और राजनीतिक स्पेक्ट्रम में लोगों से जुड़ने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते थे. उन्होंने एक प्रभावी सांसद के रूप में भी अपनी पहचान बनाई, इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति. लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने X पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे. वह आइडिया ऑफ इंडिया के प्रोटेक्टर और देश की गहरी समझ रखने वाले व्यक्ति थे. मुझे हमारी लंबी चर्चाएं याद आएंगी. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि सीताराम येचुरी कम्युनिस्ट आंदोलन के एक अद्वितीय साहसी नेता थे. मैं सीताराम के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी और व्यथित हूं. छात्र आंदोलन से उठकर उन्होंने 9 साल तक सीपीआई(एम) के महासचिव के रूप में कठिन राजनीतिक दौर में पार्टी का नेतृत्व किया. सीताराम ने पार्टी के नेतृत्व के पदों पर अच्छी स्थिति बनाकर सीपीआई(एम) और वामपंथ के लिए और भारतीय राजनीति के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम किया. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब देश और उनके लोग गंभीर संकटों का सामना कर रहे हैं, तब सीताराम का न होना, देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान के हक़ में उठने वाली एक मजबूत आवाज़, सांप्रदायिकता के खिलाफ सबको लामबंद करने वाले अग्रणी नेता सीताराम येचुरी जी ने दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन वो गरीबों, मजदूरों, मजलूमों की आवाज में सदैव जिंदा रहेंगे. उनका जाना भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है. कॉमरेड सीताराम येचुरी जी को सिर झुकाकर लाल सलाम.
CBI को दिखाना चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता नहीं', जानें सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा?

डेस्क: दिल्ली शराब घोटाला मामले में आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। CBI केस में कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी है। केजरीवाल को कोर्ट ने 10 लाख रुपये के मुचलके और दो जमानत राशियों पर जमानत दी। केजरीवाल को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उज्जवल भुइयां ने सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने सीबीआई को पिंजरे में बंद तोते की धारणा को दूर करने तक की सलाह दे दी है। आइए जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा है। जस्टिस भुइयां ने केजरीवाल को जमानत देते हुए सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया और कहा कि एजेंसी का उद्देश्य ईडी मामले में उन्हें जमानत दिए जाने में बाधा डालना था। जस्टिस भुइयां ने कहा कि ऐसा लगता है कि ईडी मामले में केजरीवाल को निचली अदालत से नियमित जमानत दिए जाने के बाद ही सीबीआई एक्टिव हुई और उनकी हिरासत की मांग की। 22 महीने से अधिक समय तक CBI को उन्हें गिरफ्तार करने की जरूरत महसूस नहीं हुई। इस तरह की कार्रवाई से गिरफ्तारी पर ही गंभीर सवाल उठते हैं। इस पर विचार किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस उज्जवल भुइयां ने कहा कि CBI को अपने पिंजरे में बंद तोते की छवि को बदलने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह दिखाना चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता नहीं है। जस्टिस भुइयां ने ये भी कहा कि मैं न्यायिक अनुशासन के कारण, केजरीवाल पर लगाई गई शर्तों पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं। जस्टिस भुइयां ने कहा कि जहां तक गिरफ्तारी के आधार का सवाल है, यह गिरफ्तारी की आवश्यकता को पूरा नहीं करती। सीबीआई गोलमोल जवाबों का हवाला देकर गिरफ्तारी को उचित नहीं ठहरा सकती और हिरासत जारी नहीं रख सकती। आरोपी को बयान देने के लिए भी मजबूर नहीं किया जा सकता। सीबीआई एक प्राथमिक जांच एजेंसी है। ऐसा कोई संकेत नहीं दिया जाना चाहिए कि जांच ठीक से नहीं की गई। सीबीआई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की पिंजरे का तोता वाली टिप्पणी पर बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोयला गेट घोटाले के समय भ्रष्ट कांग्रेस ने सीबीआई को पिंजरे का तोता बना दिया था। उन्होंने कहा कि पिंजरे का तोता आज बाज बन चुका है। भ्रष्टाचारियों को नोच रहा है, काट रहा है, इसलिए भ्रष्टाचारियों को दर्द हो रहा है।
सपा विधायक के घर में पंखे से लटका मिला नाबालिग लड़की का शव, अब एक किशोरी भी बरामद, पुलिस जांच में जुटी

डेस्क: यूपी के भदोही में सपा विधायक जाहिद बेग के आवास पर हाल ही में एक 17 साल की लड़की का एक कमरे में पंखे से लटका हुआ शव मिला है। नाजिया नाम की युवती पिछले कई वर्षों से विधायक के घर पर रहकर घरेलू कार्य करती थी। घटना भदोही कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला मालिकाना की है। अब विधायक जाहिद बेग के आवास से श्रम प्रवर्तन विभाग और पुलिस की टीम ने बाल श्रम के आरोप में एक किशोरी को बरामद किया है। आपको बता दें सपा विधायक जाहिद बेग भदोही विधानसभा सीट से विधायक है।

पुलिस ने मृतका के परिजनों की मौजूदगी में शव को कब्जे में लेकर आवश्यक विधिक कार्यवाही की थी। घटनास्थल का निरीक्षण किया गया था। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है और घटना के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। शुरुआती जांच में मामला आत्महत्या से जोड़कर देखा जा रहा है। पुलिस ने मामले की जांच के लिए टीम गठित की है।

भदोही विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक जाहिद बेग की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। शव मिलने के दूसरे दिन मंगलवार को देर शाम प्रशासन की टीम ने एक नाबालिग किशोरी को बरामद किया है बताया जाता है कि किशोरी लंबे समय से विधायक की आवास पर घरेलू कार्य कर रही थी। प्रशासन की टीम के द्वारा किशोरी का मेडिकल और मामले में अन्य विधिक कार्रवाई की जा रही है।

प्रशासन की टीम बाल श्रम को लेकर विभिन्न बिदुओं पर जांच में जुटी है वही बरामद की गई किशोरी को बाल कल्याण समिति के समक्ष आधी रात में पेश किया गया है । बाल कल्याण समिति के अध्यक्षपी सी उपाध्याय ने बताया कि बरामद की गई किशोरी की उम्र 16 वर्ष के करीब है। प्रशासनिक टीम के द्वारा आगे जिस तरह के तथ्य पेश किए जाएंगे उसके अनुसार आगे मामले में कदम उठाए जाएंगे।

न्यूक्लियर बम बनाने में जुटा उत्तर कोरिया, परमाणु निर्माण साइट पर दिखे तानाशाह किम जोंग, खबर से मचा हड़कंप

डेस्क : उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अभी 3 दिनों पहले ही अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने का ऐलान किया था। इसके बाद उत्तर कोरिया की परमाणु बम बनाने की तैयारियों तेज हो गई हैं। इस ऐलान के दूसरे दिन उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइलें और रॉकेट दागे। फिर आज किम जोंग उन ने प्रतिबंधित परमाणु निर्माण स्थल का दौरा करके परमाणु बम बनाने के लिए यूरेनियम संवर्धन बढ़ाने का निर्देश दिया है। उत्तर कोरिया ने पहली बार आज शुक्रवार को अपने परमाणु बमों के लिए ईंधन का उत्पादन करने वाले सेंट्रीफ्यूज की तस्वीरें दिखाई हैं। उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन इस यूरेनियम संवर्धन फैक्ट्री का दौरा करते दिख रहे हैं। उन्होंने इसे बढ़ावा देने के लिए अधिक हथियार-ग्रेड सामग्री तैयार करने का आदेश दिया है। किम जोंग की यूरेनियम साइट की तस्वीरें सामने आने से दुनिया में खलबली मच गई है। परमाणु हथियार संस्थान और हथियार-ग्रेड परमाणु सामग्री के उत्पादन आधार की किम की यात्रा के बाद राज्य मीडिया रिपोर्ट में सेंट्रीफ्यूज की पहली तस्वीरें सामने आई हैं, जो उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के अंदर उस दुर्लभ इकाई की हैं, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा के तहत प्रतिबंधित किया गया है। इन तस्वीरों में किम जोंग को यूरेनियम को समृद्ध करने वाली धातु सेंट्रीफ्यूज की मशीनों की लंबी कतारों के बीच चलते हुए दिखाया गया है। हालांकि रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि दौरा कब हुआ। किम जोंग उन अमेरिका को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं। कहा जा रहा है कि यूरेनियम संवर्धन साइट का दौरा करते हुए किम ने कार्यकर्ताओं से सामरिक परमाणु हथियारों के लिए अधिक सामग्री का उत्पादन करने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि देश का परमाणु शस्त्रागार संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों से खतरों का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि "आत्मरक्षा और पूर्वव्यापी हमले की क्षमता" के लिए हथियारों की आवश्यकता होती है। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरियाई नेता ने कहा कि "अमेरिकी साम्राज्यवादियों के नेतृत्व वाली जागीरदार ताकतों" से "डीपीआरके विरोधी परमाणु खतरे" लाल रेखा को पार कर गए हैं। उत्तर कोरिया के पास अभी 50 से ज्यादा परमाणु हथियार होने का अनुमान है। विश्लेषकों के अनुसार उसके पास अभी इतनी यूरेनियम सामग्री है कि वह 70 से 90 परमाणु हथियार और बना सकता है। बता दें कि जिस यूरेनियम संवर्धन इकाई का किम जोंग ने दौरा किया, इस तरह की उत्तर कोरिया के पास कई इकाइयां होने का दावा किया जाता है। विश्लेषकों का कहना है कि वाणिज्यिक उपग्रह इमेजरी ने हाल के वर्षों में मुख्य योंगब्योन परमाणु वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र में इसके यूरेनियम संवर्धन संयंत्र सहित निर्माण को दिखाया है, जो उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों के जखीरे में संभावित विस्तार का सुझाव देता है। यूरेनियम एक रेडियोधर्मी तत्व है जो प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है। परमाणु ईंधन बनाने के लिए कच्चे यूरेनियम को प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप आइसोटोप यूरेनियम -235 की बढ़ी हुई सांद्रता वाला पदार्थ बनता है। इससे फिर परमाणु बम और परमाणु मिसाइलें तैयार होती हैं। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था ने एक रिएक्टर के संचालन और योंगब्योन में रिपोर्ट की गई सेंट्रीफ्यूज संवर्धन सुविधा के अनुरूप गतिविधि देखी थी। किम ने सेंट्रीफ्यूज की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया है। ताकि परमाणु हथियारों में "तेजी से वृद्धि" की जा सके और हथियार-ग्रेड परमाणु सामग्री के उत्पादन को और मजबूत करने के लिए नए प्रकार के सेंट्रीफ्यूज के उपयोग का विस्तार किया जा सके। अमेरिका स्थित कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के अंकित पांडा ने कहा, नए प्रकार के सेंट्रीफ्यूज से पता चलता है कि उत्तर कोरिया अपनी ईंधन चक्र क्षमताओं को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा, "किम का यह भी सुझाव है कि उत्तर कोरियाई सामरिक परमाणु हथियार डिजाइन मुख्य रूप से अपने मूल के लिए यूरेनियम पर निर्भर हो सकते हैं।"उत्तर कोरिया अपने अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम भंडार को बढ़ाने में अधिक सक्षम है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने पर भड़की भाजपा, कहा- जेल वाला सीएम, बेल वाला सीएम हो गया है


डेस्क: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। CBI मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुबह अपना फैसला सुनाया। केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद अब भाजपा की प्रतिक्रिया आई है। इसे लेकर भाजपा नेता गौरव भाटिया ने कहा कि दो केस चल रहे हैं। सीबीआई केस में आज सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आया है। वहीं दूसरा केस ईडी का है। ईडी वाले मामले में कंडीशन बी में लिखा गया है कि ये वो कट्टर बेईमान मुख्यमंत्री हैं, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री के दफ्तर में नहीं जाते हैं। ये कैसा मुख्यमंत्री है जो खुद मुख्यमंत्री के दफ्तर नहीं जाता। किस निम्न स्तर पर भारतीय राजनीति में ले आया है। मुख्यमंत्री का जो चरित्र होता है, उसे दागदार माना जाए तो कोई बात नहीं।

उन्होंने कहा कि शराब नीति की जो काली कमाई है, उसे अपने इस्तेमाल में लगाया जाए और कैसे और भ्रष्टाचार किया जाए। एक कंडीशन और है कि अगर कोई संवैधानिक पद पर मुख्यमंत्री है और उसपर इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, इसपर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि संवैधानिक पद पर जो व्यक्ति बैठा है, उसमें इतनी नैतिकता, इतनी शर्म बची होगी कि वह संविधान की दृष्टि से दिल्ली की जनता के हित के लिए इस्तीफा देगा। लेकिन जैसे कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल से नैतिकता की उम्मीद नहीं की जा सकती है। इस आदेश के आने के बाद भी उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि वह 6 महीने तक जेल में रहे, फिर भी इस्तीफा नहीं दिया। जेल वाला सीएम अब बेल वाला सीएम हो गया है। गौरव भाटिया ने आगे कहा कि हम पुन: मांग करते हैं कि कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दें। जब शराब घोटाले का किंगपिन निकला है और उसे बेल मिली है तो क्वीन पिन क्या कहेंगी। यही कहेंगी एक और भ्रष्टाचारी पूर्व मुख्यमंत्री बेल पर बाहर है। मैं ये जरूर कहना चाहूंगा ये सब भ्रष्टाचारी हैं और पापी हैं, जिन्होंने जनता को लूट रखा है। हमारा एक ही लक्ष्य है कि जांच एजेंसियां जनता का एक एक रुपया इनसे वसूल करे।

हिमाचल प्रदेश के मंडी में मस्जिद में निर्माण मामले पर हिंदू संगठनों का उग्र प्रदर्शन, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

डेस्क: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला मुख्यालय के जेल रोड में बिना नक्शा पास करवाए मस्जिद में किए गए निर्माण कार्य के विरोध में मंडी शहर में हिंदू संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। हिंदू संगठनों ने सेरी मंच से शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन शुरू किया। मंच पर लोगों की ओर से जमकर नारेबाजी की गई। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद हिंदू संगठनों ने सेरी मंच से नारेबाजी करते हुए चौहाटा बाजार की तरफ रैली निकाली। इसके बाद स्कूल बाजार से जेलरोड की तरफ जाते ही प्रदर्शन उग्र हो गया। बेकाबू प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। उधर, भगदड़ में बहुत से लोगों की तबीयत बिगड़ी है। कई प्रदर्शनकारी आंसू गैस लगने से माैके से हट गए।

जबकि एक-दो युवती की तबीयत बिगड़ गई, जिन्हे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। माहाैल तनावपूर्ण बना हुआ है। हालांकि, प्रदर्शनकारियों को नेता लगातार आह्वान कर रहे हैं कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया जाए। अब माहौल कुछ शांत हो गया है। डीसी मंडी ने प्रदर्शनकारियों से बात की और शांतिपूर्ण माहाैल बनाए रखने का अनुरोध किया।  

मौके पर पुलिस पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं। जिला दंडाधिकारी अपूर्व देवगन ने मंडी शहर के सात वार्डों में बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी है। पुलिस और प्रशासन मामले की गंभीरता को देखते हुए अलर्ट पर है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस का कड़ा पहरा है।

प्रदर्शन के दौरान मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे और हर स्थिति पर नजर रखेंगे। शहर की मुख्य सड़कों पर नाकाबंदी कर दी है। मस्जिद के पास बेरिकेडिंग की गई है। मस्जिद के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा है। जेल रोड मंडी सुबह 9:00 से दोपहर 2:00 बजे तक बंद किया गया है। पुलघराट की ओर भी यातायात एकतरफा किया गया है। जेल रोड से लेकर स्कूल बाजार तक ट्रैफिक पूरी तरह से बंद है। इस तरफ मस्जिद के पास तक तीन से ज्यादा नाके लगाए गए हैं। उधर, ऊंचे भवनों पर भी कमरों से निगरानी की जा रही है। उधर, जिला प्रशासन की तरफ से डीसी मंडी सहित पूरा प्रशासनिक अमला, एसपी मंडी मौके पर माैजूद हैं। संजौली में हुई घटना से सबक लेते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से मंडी में पहले से ही कड़े प्रबंध किए गए हैं। 

गाैरतलब है कि नगर निगम मंडी के तहत पैलेस कॉलोनी-1 में जेल रोड के पास मस्जिद में कथित अवैध निर्माण को लेकर उपजे विवाद के बाद मुस्लिम वेलफेयर कम्युनिटी ने खुद निर्माण हटाना शुरू कर दिया है। गुरुवार को आयुक्त कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू होने से 20 घंटे पहले समुदाय ने निर्माण गिराना शुरू किया। 

मुस्लिम वेलफेयर कम्यूनिटी के प्रधान रहीम अहमद और सदस्य इकबाल अली ने बताया कि लोनिवि की निशानदेही के बाद अवैध निर्माण गिराया जा रहा है। सुबह निर्माण हटाने को कहा था। मस्जिद अपनी मलकियत पांच बिस्वा जमीन पर बनी है। 33 वर्ग मीटर अवैध हिस्सा निकला है जिसे हटाया जा रहा है। अक्तूबर 2023 में निगम में नक्शे के लिए अप्लाई किया था। तब पीडब्ल्यूडी की एनओसी के बारे में किसी ने अवगत नहीं करवाया था। अब निगम कार्यालय में मस्जिद में अवैध निर्माण हटाने को लेकर पत्र दिया है।

मध्यप्रदेश के दतिया में गिरी 400 साल पुराने किले की दीवार, 9 लोग मलबे में दबे, 7 की मौत

डेस्क: मध्यप्रदेश के दतिया शहर में भारी बारिश के कारण गुरुवार को एक बड़ा हादसा हो गया। यहां एक घर से सटे 400 साल पुराने किले की दीवार गिर गई। वहीं दीवार के मलबे के नीचे 9 लोग दब गए। इनमें से 7 लोगों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना तड़के करीब चार बजे खालकापुरा इलाके में हुई। वहीं दीवार के गिरने से उससे सटे घर में रहने वाले नौ लोग मलबे में दब गए। दतिया के जिलाधिकारी संदीप माकिन ने बताया कि दो लोगों को बचा लिया गया और सात लोगों की मौत हो गई।

स्थानीय निवासी ने बताया कि माना जाता है कि ‘राजगढ़’ नामक किला 400 साल पुराना है और कभी इसमें एक संग्रहालय हुआ करता था, जिसे बाद में कहीं और स्थानांतरित कर दिया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि राज्य आपदा आपातकालीन मोचन बल (एसडीईआरएफ) की टीम को बचाव अभियान के तहत छह घंटे से अधिक समय तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि घायल हुए दो लोगों का स्थानीय अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। जिलाधिकारी माकिन के अनुसार, मृतकों में से पांच एक ही परिवार के हैं, जबकि अन्य दो दूसरे परिवार के हैं। मृतकों की पहचान निरंजन वंशकार (55), ममता वंशकार (45), शिवम (20), सूरज (17), राधा (23), किशन वंशकार (55) और प्रभा (50) के रूप में हुई है।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर इस घटना को लेकर दुख प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पीड़ितों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि एसडीईआरएफ की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई, लेकिन जिस जगह घर है, वहां गली संकरी होने के कारण काफी प्रयासों के बावजूद लोगों की जिंदगी नहीं बचाई जा सकी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी घटनास्थल का दौरा किया और घटना पर दुख जताया। वह पीड़ितों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, जानें- किन शर्तों पर मिली केजरीवाल को जमानत

डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कथित शराब घोटाले में केजरीवाल को सीबीआई के केस में भी सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. उन्हें ईडी के मामले में पहले ही जमानत मिल गई थी. अब सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सीबीआई के मामले में भी जमानत मिल गई है. इससे अब उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है.

हालांकि, जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं. जमानत के लिए उनपर वहीं शर्तें लागू होंगी, जो ईडी के मामले में जमानत देते हुए लगाई गई थीं. जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल किसी भी फाइल पर दस्तखत नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही उनके दफ्तर जाने पर भी पाबंदी रहेगी. इतना ही नहीं, इस मामले में वो कोई बयान या टिप्पणी भी नहीं कर सकेंगे.

जमानत के लिए क्या शर्तें होंगी

- अरविंद केजरीवाल न तो मुख्यमंत्री कार्यालय और न ही सचिवालय जा सकेंगे.

- किसी भी सरकारी फाइल पर तब तक दस्तखत नहीं करेंगे जब तक ऐसा करना जरूरी न हो.

- अपने ट्रायल को लेकर कोई सार्वजनिक बयान या टिप्पणी नहीं करेंगे.

- किसी भी गवाह से किसी तरह की बातचीत नहीं करेंगे.

- इस केस से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंच नहीं रखेंगे.

- जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे.

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CJI डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शुरू की जांच

डेस्क: एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर में पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश उत्सव में भाग लेने पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी का डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी ने स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी ने भगवान गणेश की आरती भी की। लेकिन इसी तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर गलत बयानबाजी भी शुरू हो गई है। इस बीच दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट यानी स्पेशल सेल ने सीजेआई और उनकी पत्नी के खिलाफ अभ्रद टिप्पणी करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। साइबर सेल अब ये जांच कर रही है कि आखिर किन-किन लोगों ने सोशल मीडिया पर दोनों के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां की है। स्पेशल सेल ने सेक्शन 356, 217, 61(2)(a), BNS और IT एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। 9 सितंबर को यह केस दर्ज किया गया है। बता दें कि स्पेशल सेल की आईएफएस यूनिट अब इस मामले की जांच में जुट चुकी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा ऑफिस की तरफ से दिल्ली पुलिस से इसकी शिकायत की गई थी। दरअसल जो पोस्ट वायरल हो रहा है, उसपर कमेंट्स को पढ़कर सीजेआई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी काफी नाराज हुए थे। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत करने की सोची। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा विभाग ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की। बताया जा रहा है कि ये मामला चीफ जस्टिस और न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए इरादे से फैलाई गई झूठी और गलत जानकारी से जुड़ा है। पुलिस के मुताबिक, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा विभाग को एक शिकायत मिली थी। इस शिकायत में सोशल मीडिया साइट फेसबुक और एक्स पर किए जा रहे पोस्ट का जिक्र किया गया था, जो तथ्यों के हिसाब से गलत थे। शिकायतकर्ता के मुताबिक, इसका मकसद न्यायपालिका की छवि खराब करना था। इसकी शिकायत जैसे ही दिल्ली पुलिस को मिली तो पुलिस ने इसपर संज्ञान लिया।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शुरू की जांच

डेस्क: एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर में पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश उत्सव में भाग लेने पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी का डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी ने स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी ने भगवान गणेश की आरती भी की। लेकिन इसी तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर गलत बयानबाजी भी शुरू हो गई है।

इस बीच दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट यानी स्पेशल सेल ने सीजेआई और उनकी पत्नी के खिलाफ अभ्रद टिप्पणी करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। साइबर सेल अब ये जांच कर रही है कि आखिर किन-किन लोगों ने सोशल मीडिया पर दोनों के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां की है।

स्पेशल सेल ने सेक्शन 356, 217, 61(2)(a), BNS और IT एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। 9 सितंबर को यह केस दर्ज किया गया है। बता दें कि स्पेशल सेल की आईएफएस यूनिट अब इस मामले की जांच में जुट चुकी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा ऑफिस की तरफ से दिल्ली पुलिस से इसकी शिकायत की गई थी। दरअसल जो पोस्ट वायरल हो रहा है, उसपर कमेंट्स को पढ़कर सीजेआई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी काफी नाराज हुए थे। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत करने की सोची। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा विभाग ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की।

बताया जा रहा है कि ये मामला चीफ जस्टिस और न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए इरादे से फैलाई गई झूठी और गलत जानकारी से जुड़ा है। पुलिस के मुताबिक, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा विभाग को एक शिकायत मिली थी। इस शिकायत में सोशल मीडिया साइट फेसबुक और एक्स पर किए जा रहे पोस्ट का जिक्र किया गया था, जो तथ्यों के हिसाब से गलत थे। शिकायतकर्ता के मुताबिक, इसका मकसद न्यायपालिका की छवि खराब करना था। इसकी शिकायत जैसे ही दिल्ली पुलिस को मिली तो पुलिस ने इसपर संज्ञान लिया।