पीएम मोदी ने सीजेआई के घर की गणेश पूजा, बढ़ा विवाद, जानें क्या कह रहा विपक्ष?

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के यहां जाकर भगवान गणेश की पूजा की। इसकी तस्वीर खुद प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट की। सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रूचूड़ के घर पर पीएम मोदी के गणेश पूजा में शामिल होने और गणेश आरती करने पर विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष इसपर हमलावर है और उसे चुनावी स्ट्रंट बताते हुए महाराष्ट्र चुनाव से जोड़ दिया है।

जजों की आचार संहिता का उल्लंघन- प्रशांत भूषण

सीजेआई के घर पीएम के जाने पर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने हैरानी जताई है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'हैरत होती है कि सीजेआई चंद्रचूड़ ने मोदी को निजी मुलाकात के लिए अपने आवास पर आने की अनुमति दी। इससे न्यायपालिका को बहुत बुरा संकेत मिलता है, जिस पर नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि सरकार संविधान के दायरे में काम करे। इसलिए कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच एक दूरी होनी चाहिए।' उन्होंने दूसरी पोस्ट में जजों के लिए आचार संहिता का जिक्र कर कहते हैं कि इसका उल्लंघन हुआ है। उन्होंने लिखा, 'न्यायाधीशों के लिए आचार संहिता: एक न्यायाधीश को अपने पद की गरिमा के अनुरूप एक हद तक दूरी बरतनी चाहिए। वो ऐसा कोई कार्य या चूक नहीं करे जो उसके उच्च पद और उस पद के प्रति सार्वजनिक सम्मान के प्रतिकूल हो। आचार संहिता का उल्लंघन।'

संविधान संरक्षक नेताओं से मिलेंगे तो लोगों को संदेह होगा- राउत

कई विपक्षी नेताओं ने भी प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य न्यायाधीश के आवास पर पूजा में शामिल होने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "गणपति उत्सव मनाया जा रहा है और लोग एक-दूसरे के घर जा रहे हैं। मुझे जानकारी नहीं है कि प्रधानमंत्री किसी के घर गए हैं या नहीं। गणपति उत्सव दिल्ली में कई स्थानों और महाराष्ट्र सदन में मनाया जा रहा है। राउत ने कहा, हालांकि, प्रधानमंत्री सीजेआई के आवास पर गए। उन्होंने साथ में आरती की। हमें लगता है कि अगर संविधान के संरक्षक राजनीतिक नेताओं से मिलेंगे तो लोगों को संदेह होगा।"

क्या ऐसे में सीजेआई चंद्रचूड़ हमें न्याय दे पाएंगे- राउत

उन्होंने आगे कहा, महाराष्ट्र के हमारे मामले की सुनवाई पहले भी चल रही है। सीजेआई चंद्रचूड़ इसलिए हमें संदेह है कि क्या हमें न्याय मिलेगा, क्योंकि पीएम इस मामले में दूसरी पार्टी हैं। हमारे मामले में दूसरी पार्टी केंद्र सरकार है। मुख्य न्यायाधीश को इस मामले से खुद को दूर कर लेना चाहिए क्योंकि उनका संबंध दूसरे पक्ष से है। मामला खुलेआम दिख रहा है। क्या ऐसे में सीजेआई चंद्रचूड़ हमें न्याय दे पाएंगे? हमें तारीख पर तारीख मिल रही है और अवैध सरकार चल रही है… ऐसे में हम टूट गए। जो सीजेआई हमें न्याय देने वाले हैं, उनके साथ पीएम का ऐसा रिश्ता है, इसलिए महाराष्ट्र के मन में एक संदेह पैदा हुआ।

प्रियंका चतुर्वेदी ने कसा तीखा तंज

वहीं, शिवसेना सांसद (यूबीटी) प्रियंका चतुर्वेदी ने भी पीएम मोदी के सीजेआई के घर पहुंचने को लेकर तीखा तंज कसा है। उन्होंने कहा, उम्मीद है कि उत्सव समाप्त होने के बाद सीजेआई उचित समझेंगे और महाराष्ट्र में संविधान के अनुच्छेद 10 की घोर अवहेलना पर सुनवाई समाप्त करने के लिए थोड़ा स्वतंत्र होंगे। अरे रुकिए, वैसे भी चुनाव नजदीक हैं, इसे किसी और दिन के लिए स्थगित किया जा सकता है।

मुहम्मद यूनुस ने फिर दिखाई भारत को आंख, जानें SAARC को लेकर क्या बोले ?

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शेख हसीना सरकार के जाने के बाद से ही भारत और बांग्‍लादेश के बीच संबंधों को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस लंबे समय से समानता और निष्पक्षता का राग अलाप रहे हैं। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस भारत से अच्छे रिश्तों की बात तो कर रहे हैं, लेकिन इसके साथ वो शर्तों का जिक्र भी कर देते हैं। बुधवार को एक बार फिर उन्होंने कहा कि बांग्लादेश अपने पड़ोसी देश भारत समेत अन्य देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन यह संबंध निष्पक्षता और समानता के आधार पर होने चाहिए।

मोहम्मद यूनुस ने बुधवार को टेलीविजन पर दिए गए अपने भाषण में बताया कि पदभार संभालने के बाद उनके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ सहित कई विदेशी नेताओं से बधाई कॉल आए। यूनुस ने कहा, “हम भारत और दूसरे पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं, लेकिन ये संबंध निष्पक्षता और समानता के आधार पर होने चाहिए।”

यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश ने बाढ़ से निपटने के लिए भारत के साथ उच्च स्तरीय द्विपक्षीय सहयोग वार्ता शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, ''मैंने दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए दक्षेस को पुनर्जीवित करने की भी पहल की है।'' दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं। यूनुस ने कहा, ''हम चाहते हैं कि विश्व बांग्लादेश को एक सम्मानित लोकतंत्र के रूप में मान्यता दे।''

पहले भी यूनुस भारत को अपनी शर्तों में बांधने की कोशिश कर चुके हैं। पिछले महीने उन्होंने कहा था अगर भारत शेख हसीना को अपने पास रखना चाहता है, तो रखे लेकिन उन्हें चुप रहना होगा। अगर ऐसा नहीं होता तो भारत को इसके परिणाम भुगतने होंगे।

बता दें कि बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस जबसे सत्ता पर काबिज हुए, तबसे लगातार भारत विरोधी निर्णय ले रहे हैं। पहले जमात ए इस्लामी बांग्लादेश पर से बैन हटाया। इसके बाद मोस्ट वांटेड बांग्लादेशी आतंकवादी जसीमुद्दीन रहमानी को जेल से रिहा किय़ा। साथ ही समय-समय पर अन्य मामलों को लेकर भारत को आंखें दिखा रहे हैं।

अजान से 5 मिनट पहले बंद कर दें दुर्गा पूजा का अनुष्ठान, बांग्लादेश में यूनुस सरकार का ये कैसा फरमान?

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बांग्लादेश में शेख हसीने के तख्तापलट के बाद हिंदुओं पर हमले हुए उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया गया। हालांकि, बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस ने इसका बचाव किया। यही नहीं हालात को सुधारने का भी दावा किया। पीएम मोदी से फोन पर बातचीत के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भरोसा दिया था। अब देश की इसी अंतरिम सरकार में गृह मंत्रालय ने तालिबानी फरमान जारी किया है। बांग्लादेश की सरकार ने बाकायदा फरमान जारी कर हिंदुओं को आदेश दिया है कि दुर्गा पूजा पंडालों में बजने वाले म्यूजिक सिस्टम मस्जिदों में होने वाली अजान और नमाज के वक्त बंद कर दिए जाएं।

मंगलवार 10 सितम्बर को जारी बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के आदेश में दुर्गा पूजा से पहले देश के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निर्देशित किया गया है। इसमें पूजा समितियों को अजान और नमाज से पांच मिनट पहले दुर्गा पूजा से जुड़े अनुष्ठान और साउंड सिस्टम बंद करने का निर्देश दिया गया है।

बांग्लादेश की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (रि) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने मंगलवार को सचिवालय में बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद के नेताओं से मुलाकात की थी। बैठक के बाद गृह मामलों के सलाहकार ने दुर्गा पूजा से पहले कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कॉन्फ्रेंस के दौरान चौधरी ने कहा कि पूजा समितियों को अजान और नमाज से पांच मिनट पहले और उसके दौरान संगीत वाद्ययंत्र और साउंड सिस्टम बंद रखने के लिए कहा गया है।

बांग्लादेश की सरकार के इस तालिबानी फरमान का अब चौतरफा विरोध शुरू हो गया है।बांग्लादेश की यूनुस सरकार के इस तालिबानी फरमान का भारत में विरोध शुरू हो गया है। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने एक्स पर पोस्ट कर इस आदेश पर विरोध जताया। पोस्ट में दास ने लिखा, बांग्लादेश में गृह मंत्री के सलाहकार फरमान जारी कर रहे हैं कि हिंदुओं को अजान से 5 मिनट पहले अपनी सभी पूजा- अनुष्ठान और संगीत बंद कर देना चाहिए वरना उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। ये नया तालिबानी बांग्लादेश है।

बताते चलें कि बांग्लादेश की 13 करोड़ की आबादी में करीब 10 फीसदी हिंदू हैं। हालांकि, जिस तरह के आदेश मोहम्मद युनूस की सरकार की तरफ से जारी किए जा रहे हैं उससे साफ है कि यहां हिंदू न महफूज हैं और न ही आजाद। उन्हें अपने अनुसार दूर्गा पूजा मनाने की भी इस बार आजादी नहीं है। पहला से ही कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे हिंदुओं के ले हालात और बद्दतर होने वाले हैं। क्योंकि शेख हसीना सरकार ढहने के बाद उन कट्टरपंथियों को अपनी मनमानी करने का खुला मौका मिल गया है और इसमें यूनुस उनका बैकडोर से पूरा साथ दे रही है।

रूस-यूक्रेन जंग रूकवाने के लिए भारत प्रयासरत, रूस पहुंचे डोभाल तो जयशंकर ने जर्मनी से दिया संदेश

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यूक्रेन और रूस के बीच विध्वंसक युद्ध जारी है। वहीं, दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन जंग खत्म करवाने के लिए भारत का प्रयास भी जारी है। भारत युद्ध के शांतिपूर्ण हल के पक्ष में है। भारत ने इस दिशा में कोशिश भी शुरू कर दी है। पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मॉस्को पहुंचे हैं।कहा जा रहा है कि अजीत डोभाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रस्तावित शांति प्लान लेकर मॉस्को पहुंचे हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सेंट पीटर्सबर्ग में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु से मुलाकात की। दोनों शीर्ष अधिकारियों की बैठक में यूक्रेन संघर्ष का समाधान खोजने में भारत की संभावित भूमिका और 'पारस्परिक हितों' के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 23 अगस्त को कीव में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत को लेकर भी दोनों एनएसए के बीच बातचीत हुई। 

वहीं, भारतीय विदेश मंत्री इस वक्त जर्मनी में हैं, जहां उन्होंने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज से मुलाकात की है। इसके अलावा वार्षिक राजदूत सम्मेलन में वह अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव समेत अन्य देशों के विदेश मंत्रियों से मिले थे। इस दौरान भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति के लिए सभी को प्रेरित किया।विदेश मंत्री ने कहा है कि, भारत इसके लिए तैयार है। इस बाबत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एनएसए की एक महत्वपूर्ण बैठक करने के लिए मॉस्को में हैं। जयशंकर ने कहा है कि रूस और यूक्रेन को युद्ध के मैदान से बाहर बातचीत करके अपने संघर्ष को हल करना होगा और भारत उन्हें सलाह देने को तैयार है। 

भारत ने रूस के सामने रखा है 4 पॉइंट फॉर्मूला

बर्लिन में मौजूद विदेश मंत्री बुधवार को रूस-यूक्रेन जंग को रुकवाने में भारत की भूमिका स्‍पष्‍ट की। उन्‍होंने बताया कि भारत ने जंग रुकवाने के लिए रूस के सामने 4 पॉइंट फॉर्मूला रखा है. युद्ध को लेकर पूछे गए सवाल पर एस जयशंकर ने कहा, ‘भारत चार सिद्धांतों में विश्वास करता है। 1. यह शांति का समय होना चाहिए; 2. युद्ध के मैदान पर कोई समाधान नहीं होगा; 3. किसी भी सफल शांति प्रक्रिया के लिए रूस को बातचीत की मेज पर होना चाहिए; और 4; भारत संघर्ष को हल करने का तरीका खोजने की कोशिश में “चिंतित और संलग्न” है।

रूस और यूक्रेन रूस और यूक्रेन क्या स्वीकार करेंगे प्रस्ताव

भारत द्वारा तैयार प्रस्ताव को क्या रूस और यूक्रेन स्वीकार करेंगे, इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। मगर सूत्र कहते हैं कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति को लेकर पहला प्रस्ताव तैयार कर दिया है। जिसे पुतिन और जेलेंस्की के सामने पेश किया जाएगा। भारत ने संघर्ष को समाप्त करने में दोनों देशों को मदद की पेशकश की है। अपनी यूक्रेन यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति वज़ेलेंस्की से कहा था कि भारत शांति बहाल करने के हर प्रयास में "सक्रिय भूमिका" निभाने के लिए हमेशा तैयार है और वह संघर्ष को समाप्त करने में व्यक्तिगत रूप से योगदान देना चाहेंगे। बता दें कि पीएम मोदी एक मात्र ऐसे बड़े नेता हैं, जिनके पुतिन और ज़ेलेंस्की दोनों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। यही वजह है कि दोनों देशों की उनकी हालिया यात्राओं के दौरान दोनों नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था।

क्या स्वीकार करेंगे प्रस्ताव

अब सवाल ये है कि क्या भारत द्वारा तैयार प्रस्ताव को क्या रूस और यूक्रेन स्वीकार करेंगे? इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। मगर सूत्र कहते हैं कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति को लेकर पहला प्रस्ताव तैयार कर दिया है। जिसे पुतिन और जेलेंस्की के सामने पेश किया जाएगा। भारत ने संघर्ष को समाप्त करने में दोनों देशों को मदद की पेशकश की है। 

रूस-यूक्रेन दोनों भारत की मध्यस्थता के लिए तैयार

बता दें कि अजीत डोभाल की रूस यात्रा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा के ढाई सप्ताह बाद हो रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ अपनी मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस यूक्रेन युद्ध तुरंत समाप्त करने की अपील की थी और कहा था कि भारत क्षेत्र में शांति बहाली के लिए सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। वहीं पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी अपने बयान में कहा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के लिए वह भारत, चीन और ब्राजील की मध्यस्थता को स्वीकार कर सकते हैं।

समुद्र में और ताकतवर होगा भारत, अमेरिका दे रहा साथ, चीन की नहीं चलेगी कोई चाल*
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हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन तेजी से ताकतवर बना है। इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती ताकत दुनियाभर के देशों के लिए परेशानी का सबब बना हा है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र से लेकर दक्षिण चीन सागर तक भारत ही एक ऐसा मात्र देश है, जो चीन का मुकाबला कर सकता है। यह बात अमेरिका समेत पूरा यूरोपीय यूनियन (ईयू) और दुनिया जानती है। इसीलिए अमेरिका भारत से दोस्ती और गहरी करना चाहते हैं। इसी बढ़ती दोस्ती के बीच अमेरिका ने भारत को 52.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर की हाई एल्टीट्यूड एंटी सबमरीन वॉरफेयर सोनोवॉय बेचने का फैसला किया। यह एक ऐसा कदम है जहां एंटी सबमरीन वॉरफेयर ऑपरेशन में भारत की क्षमता को बढ़ाएगा। आसान शब्दों में कहें तो, समंदर में भारत की ताकत और बढ़ जाएगी सोनोबॉय में एयर-लॉन्च, एक्सपेंडेबल, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सेंसर हैं। जिन्हें पानी के नीचे की आवाज को रिमोट प्रोसेसर तक रिले करने के लिए डिजाइन किया गया है। ये प्रभावी और किफायती है। ये एक पोर्टेबल सोनार सिस्टम है, जिसके जरिए पानी में साउंड वेव्ज छोड़ी जाती हैं। अगर इसके रास्ते कोई पनडुब्बी, जहाज ठकराते हैं तो इसकी इको आती है। इससे भारत की एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों से पनडुब्बी रोधी युद्ध संचालन करने की क्षमता में वृद्धि होगी। इससे वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपटने की क्षमता में सुधार होगा। रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने अमेरिका के इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "इस बिक्री से भारत MH-60R हेलीकॉप्टरों से एंटी सबमरीन वॉरफेयर ऑपरेशन की क्षमता को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही वर्तमान और भविष्य में चुनौतियों को पार करने के लिए ताकत बढ़ेगी। भारत को अपने सशस्त्र बलों में इस उपकरण को शामिल करने में कोई कठिनाई नहीं होगी।" भारत और अमेरिका के बीच ये डील रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अमेरिकी दौरे के दौरान फाइनल हुई थी। राजनाथ सिंह पिछले महीने (अगस्त) अमेरिका के दौरे पर गए थे। उनका दौरा चार दिन का था। भारत पहले से ही पी-8आई समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान से अमेरिकी सोनोबॉय का संचालन करता है। नई डील एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टरों के लिए है, जो अमेरिका से खरीदे गए हैं। सोनोबॉय का उपयोग इन विमानों को पनडुब्बी रोधी युद्ध करने में अधिक शक्तिशाली बना देगा, क्योंकि इससे दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाना आसान हो जाएगा। चीन हाल ही में अपने सबसे आधुनिक सबमरीन को लॉन्च किया है। इसे पीपल्स लिबरेशन आर्मी नेवी की अंडरवाटर फ्लीट में शामिल किया गया है। चीन की नौसेना के पास 48 डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीन हैं। चीन पर हिंद महासागर और हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में सबमरीन की मदद से जासूसी करने के आरोप लगते रहे हैं। यही वजह है कि भारत अमेरिका के बीच हुए इस एंटी सबमरीन समझौते से चीन की साजिशों पर कुछ हद तक नकेल कसी जा सकेगी।
तेरा भी तेरी दादी वाला हाल होगा", कांग्रेस ने शेयर किया वीडियो, जानें राहुल गांधी को किसने दी धमकी?

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'सिख' समुदाय से जुड़ी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर देश की राजनीति में हलचल मची हुई है। राहुल गांधी के सिखों को लेकर दिए बयान पर बवाल बढ़ता जा रहा है। वहीं, देश में सिख समुदाय के कई लोग राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जाहिर कर चुके हैं। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जान से मारने की खुलेआम धमकी दी गई है। कांग्रेस पार्टी ने इस धमकी देने वालें बीजेपी नेता पर कार्रवाई की मांग की है।

दरअसल, बीजेपी समर्थित सिख प्रकोष्ठ ने बुधवार को सोनिया गांधी के दिल्ली स्थित आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह पर राहुल गांधी को मारने की धमकी देने का आरोप लगा है। कांग्रेस ने बीजेपी नेता और पूर्व विधायक तरविंदर सिंह मारवाह का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह राहुल गांधी को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वाला हाल होने की धमकी दे रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी ने अपने 'एक्स' हैंडल पर वीडियो शेयर किया है। कांग्रेस ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कार्रवाई करने को कहा है। कांग्रेस ने लिखा, "दिल्ली बीजेपी का नेता और पूर्व विधायक, तरविंदर सिंह मारवाह ने आज प्रदर्शन के दौरान कहा, राहुल गांधी बाज आ जा, नहीं तो आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा जो तेरी दादी का हुआ। बीजेपी का ये नेता खुलेआम देश के नेता प्रतिपक्ष की हत्या की धमकी दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, अपनी पार्टी के इस नेता की धमकी पर आप चुप नहीं रह सकते हैं। ये बेहद गंभीर मामला है। आपकी पार्टी की नफरत की फैक्ट्री का ये प्रोडक्ट है। इस पर कार्रवाई करनी ही होगी।"

बता दें कि राहुल ने मंगलवार को अमेरिका के वर्जीनिया में बोलते हुए भारत में सिखों की स्थिति पर टिप्पणी की थी। लोकसभा में नेता विपक्ष ने कहा, 'लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाएगी... क्या एक सिख को भारत में कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या वह गुरुद्वारा जा सकेगा... लड़ाई इसी बात को लेकर है, और यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, यह सभी धर्मों के लिए है...।'

20 सीटें और मिलती तो 400 पार वाले जेल में होते', खरगे की ये कैसी धमकी?

#khargesaysifwehad20moreseatsbjpleaderswouldbein_jail

चुनावी मौसम है, जिसमें बयानबाजियां जोरों पर हैं। इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बड़ा विवादित बयान दिया है। मल्लिकार्जुन खरगे ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में एक चुनावी रैली के दौरान बीजेपी पर बड़ा हमला बोला। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हम अगर 20 और सीट जीत जाते तो अब तक बीजेपी के कई नेता जेल में रहते। खड़गे की इस बयान के बाद सियासी हलचल पैदा हो गई है।बीजेपी ने उनके बयान पर पलटवार करते हे कहा है कि उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस की ‘‘आपातकाल वाली मानसिकता’’ का स्पष्ट उदाहरण है।

जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने अनंतनाग में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले 400 पार, 400 पार कहते थे। आपके 400 पार कहां गए? उन्हें केवल 240 सीट मिलीं। अगर हम 20 और सीट जीतते, तो वे जेल में होते। वे जेल में रहने के लायक हैं।

खरगे ने आगे कहा कि बीजेपी को उसका विरोध करने वाले राजनीतिक दलों और गठबंधनों को तोड़ने का प्रयास बंद कर देना चाहिए, क्योंकि केंद्र में उसकी अल्पमत सरकार है जो अपने अस्तित्व के लिए टीडीपी और जेडीयू पर निर्भर है।यह अल्पमत की सरकार है। चंद्रबाबू नायडू कभी भी समर्थन वापस ले सकते हैं। नीतीश कुमार कभी भी गठबंधन से बाहर निकल सकते हैं। आपने एक हाथ किसी और को जबकि एक पैर किसी और को दे दिया है। बीजेपी वाले को सावधानी से चलना चाहिए।

खड़गे ने आगे कहा कि यह लोग ईडी और सीबीआई से हमें डराते हैं, लेकिन इंडी गठबंधन और समर्थक उनसे डरने वाले नहीं हैं। पार्टी समर्थकों को एक साथ खड़ा होना होगा और हमें एक-दूसरे पर आरोप लगाने से बचना चाहिए।

बीजेपी का पलटवार

खरगे के इस बयान पर बीजेपी ने तगड़ा पलटवार किया है। बीजेपी ने कहा कि खरगे का यह बयान कांग्रेस के इमरजेंसी माइंडसेट का बेस्ट एग्जांपल है।बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह कांग्रेस की इमरजेंसी वाली मानसिकता का स्पष्ट उदाहरण है। इंदिरा गांधी ने आपातकाल लागू किया था और विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया था। कांग्रेस उस विरासत को जारी रखना चाहती है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को आपातकाल लागू किया था जो 21 महीने तक जारी रहा था।

*दिल्ली से लेकर यूपी तक खूब बरसेंगे बदरा, कई राज्यों पर भारी बारिश का अलर्ट, जानें कब होगी मॉनसून की विदाई*

#alertofheavytoveryheavyrainin19_states

दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के कई राज्यों में मॉनसून जमकर बरस रहा है। उत्तर पश्चिम, पूर्व, पूर्वोत्तर और मध्य भारत के विभिन्न राज्यों में मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। राजस्थान के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो रही है। छत्तीसगढ़ में भी लगातार बारिश होने से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं । गुरुवार को भी झमाझम बारिश से मौसम सुहावना हो गया। हालांकि लगातार बारिश ने परेशानी बढ़ा दी है। जिससे अभी राहत के आसार नहीं हैं। दरअसल, मौसम विभाग ने दिल्‍ली और आसपास के इलाकों के लिए पहले ही आज और कल यानी गुरुवार और शुक्रवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया हुआ है। ऐसे में लोगों को बारिश से राहत मिलने की उम्‍मीद नहीं है। दिल्ली के अलावा राजस्थान, यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा हरियाणा समेत कई राज्यों में कल बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।

इन राज्यों के लिए चेतावनी

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश होगी। राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भी 15 सितंबर तक जमकर मेघ बरसेंगे। 15-17 सितंबर तक छत्तीसगढ़ में, मध्य महाराष्ट्र में 12 सितंबर को, असम और मेघालय में 13 और 14 सितंबर कर भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और ओडिशा में भी 15 सितंबर तक अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।

दिल्ली में बारिश का येलो अलर्ट

राजधानी दिल्ली में बारिश का दौर जारी है। पिछले कई दिनों मौसम सुहावना बना हुआ है। आज सुबह कई जगहों पर बारिश के बाद भीषण जाम देखने को मिला। मौसम अधिकारियों ने बताया कि सुबह साढ़े आठ बजे तक 24 घंटे के दौरान दिल्ली में छह मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी। मौसम विभाग ने कल के लिए येलो अलर्ट जारी किया और मध्यम बारिश के साथ बादल छाए रहने का अनुमान जताया है। दिल्ली में बारिश के बाद प्रदूषण भी कम हो गया है।

यूपी में रेड और ऑरेंज अलर्ट

उत्तर प्रदेश के कई जिलों के लिए ‘रेड’ और ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी करते हुए अगले 48 घंटों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है। मथुरा और आगरा को ‘रेड अलर्ट’ के तहत रखा गया है। इसके अलावा, राज्य के एक दर्जन से अधिक अन्य जिलों के लिए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया गया है। मथुरा और आगरा के लिए रेड अलर्ट गुरुवार तक रहेगा। इसके अलावा, फर्रुखाबाद, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली और शाहजहांपुर को भी गुरुवार और शुक्रवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।

कब होगी मॉनसून की विदाई?

स्‍काईमेट वेदर की रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 के बाद मानसून की विदाई की तारीख में बदलाव किया गया है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में मानसून की वापसी में देरी देखी गई है। साल 2017 से 2022 के बीच 20 सितंबर से 6 अक्टूबर के बीच मानसून की विदाई उत्‍तर भारत से हुई है। साल 2023 में 25 सितंबर को मानसून की वापसी उत्‍तर भारत से हुई। दिल्ली से मानसूनी की वापसी की औपचारिक तारीख 2 सिंतबर है। जबकि पिछले साल यह विदाई अक्टूबर के पहले सप्ताह में हुई थी। इस तर्ज पर पूरे देश से मानसून की वापसी की औपचारिक तारीख 19 अक्टूबर है, जिसमें भी देरी देखने को मिल रही है। भारत में हर साल मानसून की शुरुआत मई के अंतिम सप्‍ताह और जून की शुरुआत में होती है। यह पूरी प्रक्रिया अक्‍टूबर के मध्‍य तक चलती है।

भगोड़े नीरव मोदी की करोड़ो की संपत्ति जब्त, पीएनबी घोटाला मामले में ईडी का बड़ा एक्शन

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भारतीय बैंकों को हजारों करोड़ रुपये का चूना लगाने वाला भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को बड़ा झटका लगा है।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार कोमनी लॉन्ड्रिंग मामले में भगोड़े नीरव मोदी की 29 करोड़ 75 लख रुपए की अचल संपत्ति और बैंक बैलेंस को जब्त किया। ईडी ने ये कार्रवाई पीएनबी बैंक घोटाले के मामले में की है।

एक बयान में कहा गया है कि इन परिसंपत्तियों को कुर्क करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया गया है। ये परिसंपत्तियां बैंक जमा, भूमि और भवन के रूप में हैं। ईडी ने कहा कि मोदी और उनके सहयोगियों की 692.90 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्ति भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के प्रावधानों के तहत "जब्त" की गई है। इसके अलावा, पीड़ित बैंकों - पीएनबी और कंसोर्टियम बैंकों को 1,052.42 करोड़ रुपए की संपत्ति सफलतापूर्वक वापस कर दी गई है।

अब तक 2596 करोड़ रुपये की संपत्ति कर चुकी अटैच

पंजाब नेशनल बैंक के खिलाफ कथित दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी में मोदी की पांच साल से अधिक समय से जांच कर रही एजेंसी ने पूर्व में भारत और विदेश में 2,596 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है। 53 वर्षीय मोदी वर्तमान में ब्रिटेन की जेल में बंद हैं और इस कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले के संबंध में भारत प्रत्यर्पण की उनकी याचिका खारिज हो चुकी है, जिसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो भी कर रहा है।

भारत प्रर्त्यपण की कोशिश में लगी सरकार

इस साल की शुरुआत में, नीरव मोदी ने यूके कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया था और यूके कोर्ट ने सातवीं बार उसकी जमानत खारिज कर दी थी। नीरव मोदी द्वारा जमानत आदेश के खिलाफ यूके उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर की गई थी, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था। मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार की ओर से यह कोशिश की जा रही है कि नीरव मोदी को भारत प्रर्त्यपण किया जाए, ताकि घोटालों के लिए उसके खिलाफ भारतीय कानून के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जा सके। इस मामले में भारत सरकार ने ब्रिटेन सरकार से प्रर्त्यपण के लिए अपील भी की थी।

राहुल गांधी की टिप्पणी पर भड़के सिख समुदाय के लोग, सोनिया गांधी के आवास के बाहर प्रदर्शन

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अमेरिका के 3 दिवसीय दौरे पर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भारत में सिखों की स्थिति पर दिए गए बयान के बाद नाराजगी बढ़ती जा रही है।बुधवार को सिख समूह ने राहुल की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए सोनिया गांधी के आवास तक विरोध मार्च निकाला और प्रदर्शन किया।

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

राहुल ने मंगलवार को अमेरिका के वर्जीनिया में बोलते हुए भारत में सिखों की स्थिति पर टिप्पणी की थी। लोकसभा में नेता विपक्ष ने कहा, 'लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाएगी... क्या एक सिख को भारत में कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या वह गुरुद्वारा जा सकेगा... लड़ाई इसी बात को लेकर है, और यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, यह सभी धर्मों के लिए है...।'

बयान के बाद राहुल गांधी को अदालत में खींचनें की चुनौती

सिखों के पगड़ी और कड़ा पहनने को लेकर दिए गए राहुल गांधी के बयान के बाद से सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने राहुल से भारत में भी यही बात कहने की चुनौती दी है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए आरपी सिंह ने कहा कि दिल्ली में 3000 सिखों का नरसंहार हुआ था, उनकी पगड़ियां उतरवाई गईं, उनके बाल काटे गए और दाढ़ी भी मुंडवाई गई। उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वह यह नहीं बताते कि यह सब कांग्रेस के शासन में हुआ। सिंह ने राहुल गांधी को चुनौती दी कि वह सिखों के बारे में अपनी बात भारत में दोहराएं, वह उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे और उन्हें अदालत में खींचेंगे।

खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू ने किया है इस बयान का समर्थन

राहुल गांधी के इस बयान का बुधवार को खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू ने समर्थन किया है।प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकी समूह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के सह-संस्थापक पन्नू ने एक बयान जारी कर कहा कि राहुल गांधी का बयान न केवल साहसिक और अग्रणी है, बल्कि 1947 के बाद से भारत में लगातार शासन के तहत सिखों को जिन चीजों का सामना करना पड़ा है, उसके तथ्यात्मक इतिहास पर भी पूरी तरह आधारित है।