रायपुर SSP ने ली पुलिस अफसरों की बैठक, सुस्त थाना प्रभारियों को लगाई फटकार

रायपुर-   अपराध पर लगाम लगाने रायपुर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने एडिशनल एसपी, सीएसपी, राजपत्रित अधिकारी समेत थाना प्रभारियों की अहम बैठक बुलाई है. बैठक में पेंडिंग मामलों पर कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.

यह बैठक रायपुर C-4 बिल्डिंग में चल रही है. एएसपी ने सुस्त थाना प्रभारियों को फटकार लगाई और धोखाधड़ी, नौकरी लगाने के नाम पर ठगी जैसे मामलों पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ प्रदेश आर्चरी एसोसिएशन के नए अध्यक्ष चुने गए

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ प्रदेश आर्चरी एसोसिएशन के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। मुख्यमंत्री निवास में आज आयोजित की गई एसोसिएशन की आम सभा की बैठक में सर्व सम्मति से मुख्यमंत्री श्री साय को अध्यक्ष चुना गया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आज व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए गौरव की बात है, आप लोगों ने सर्वसम्मति से मुझे छत्तीसगढ़ प्रदेश आर्चरी एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना। इसके लिए आप सभी का हृदय से आभार। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एसोसिएशन के अनेक आयोजनों में मुझे शामिल होने का मौका मिला। राष्ट्रीय आर्चरी एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्जुन मुंडा के साथ भी मुझे आयोजनों में शामिल होने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि आर्चरी एसोसिएशन ने बड़ी कुशलता और परिश्रम से छत्तीसगढ़ के तीरंदाजों की प्रतिभा को तराशा जिससे हमारे खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर सहित अनेक प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर पदक जीते।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मैं स्वयं इस एसोसिएशन जुड़ गया हूं, सभी के सहयोग और मार्गदर्शन में आर्चरी एसोसिएशन के कार्यों को और बेहतर तरीके से आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं जनजातीय बहुल जशपुर क्षेत्र से आता हूं। बचपन में हम लोग भी तीर धनुष लेकर शिकार किया करते थे। आर्चरी हम सभी लोगों का विशेष रूप से जनजातियों का पसंदीदा खेल है।जशपुर जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा निवास करती है। ये लोग बड़े धनुर्धर होते हैं, प्राचीन काल में पहाड़ी कोरवा तीर धनुष से शिकार करते थे। आज भी उनके हर घर में तीन धनुष रहता है। श्री साय ने कहा कि इन लोगों की तीरंदाजी की नैसर्गिक प्रतिभा को तराशने के प्रयास किए जाने चाहिए। अभी प्रदेश में तीरंदाजी की तीन अकादमी हैं। जशपुर जिले में भी आर्चरी अकादमी का विस्तार करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में खेलों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी को तीन करोड़ रुपए, रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ी को दो करोड़ रुपए तथा कांस्य पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी को एक करोड़ रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। खेलों के विकास के लिए जो भी आवश्यक होगा किया जाएगा। हमारे छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी भी आर्चरी के क्षेत्र में प्रदेश का नाम रौशन करें।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, छत्तीसगढ़ बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम सिसोदिया सहित छत्तीसगढ़ प्रदेश आर्चरी एसोसिएशन के नवनिर्वाचित पदाधिकारी उपाध्यक्ष भारत मटियारा, रामलखन पैकरा, दीपेश अरोरा सहित अनेक पदाधिकारी, ऑब्जर्वर अकरम खान, सुमंता चंद्र मोहंती, प्रवेश जोशी सदस्य गण, तीरंदाजी में पदक विजेता खिलाड़ी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देशानुसार सरगुजा जिला प्रशासन ने की कार्यवाही, हादसे से परिवारों को कंपनी देगी 15-15 लाख रुपए

रायपुर-    सरगुजा जिले के एलुमिना प्लांट में हुए औद्योगिक हादसे में पीड़ित परिवारों को कंपनी द्वारा 15-15 लाख रूपए की मुआवजा दी जाएगी। इसी प्रकार घायलों को 3-3 लाख रूपए की राशि मिलेगी।

गौेरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा गत रविवार को एलुमिना प्लांट में हुए औद्योगिक हादसे में पीड़ित परिवारों के साथ गहरी संवेदना जताते हुए जिला प्रशासन को उचित कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे। कलेक्टर सरगुजा द्वारा एलुमिना प्लांट हादसे की जांच के लिए जांच दल का गठन कर दिया गया है। कलेक्टर ने आज जांच दल के साथ एलुमिना प्लांट का निरीक्षण किया और कंपनी के अधिकारियों को हादसे में मृत और घायल परिवारों को जल्द से जल्द मुआवजा राशि सौंपने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने बताया कि इस औद्योगिक हादसे में प्रत्येक मृतक परिवार को 15-15 लाख रुपए और घायलों को 3-3 लाख रूपए की मुआवजा राशि कंपनी द्वारा दी जाएगी। कंपनी के अधिकारी 12 सितम्बर को प्रशासनिक टीम परिजनों को यह राशि सौंपेगी। उन्होंने बताया कि जांच दल द्वारा एलुमिना प्लांट में सुरक्षा मानकों के पालन हेतु कड़ाई से जांच की जा रही है। बिना प्रशासन की अनुमति के प्लांट का पुनः संचालन शुरू नहीं किया जायेगा।

मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल: पत्थलगांव को नगर पालिका बनाने की अधिसूचना जारी

रायपुर-     जशपुर जिले के नगर पंचायत पत्थलगांव को नगर पालिका बनाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना जारी होने की सूचना मिलते ही पत्थलगांव में उत्साह का महौल है। क्षेत्रवासी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार जता रहे हैं।

अधिसूचना के प्रकाशन के साथ ही पत्थलगांव को नगर पालिका बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जारी अधिसूचना के तहत नगर पंचायत पत्थलगांव की सीमाएं ही नगर पालिका की सीमा होगी। इस संबंध में लोगों से 21 दिनों तक इस संबंध में दावा-आपत्ति मांगी गई है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्राम किलकिला में आयोजित पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय कुमार दिलीप सिंह जूदेव की पुण्यतिथि 14 अगस्त 2024 के दिन पत्थलगांव को नगर पंचायत से नगरपालिका बनाने की घोषणा की थी।

बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से मिल रही हैं ग्रामीणों को सुविधाएं
रायपुर-    बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से लगातार लोगों की समस्याएं सुलझ रही हैं। जशपुर जिले के पांच गांवों के ग्रामीणों ने विद्युत आपूर्ति बहाल करने के लिए आवेदन दिया। इस आवेदन पर तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश कैंप कार्यालय से जारी किया गया। इन गांवों में तत्काल ट्रांसफार्मर लगाने, ग्रिप चेंज, लाईन सुधारने का कार्य किया जा रहा है, इससे ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली है।

घूमरा पकरीटोली, तिलंगा के सलिहाटोला और बरहागुडा गांव हाथी विचरण क्षेत्र होने की वजह से यहां के ग्रामीण कैंप कार्यालय में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में बिजली व्यवस्था बहाल करने के लिए पहुंचे थे। कैंप के अधिकारियों द्वारा इस पर तत्काल पहल करते हुए संबंधित अधिकारियों के निर्देशित किया गया। इन गांवों में ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण विद्युत की आपूर्ति बाधित हो गई थी। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों द्वारा इन गांव में विद्युत व्यवस्था बहाल करने के लिए ट्रांसफार्मर लगाने, ग्रिप चेंज, लाईन सुधारने का कार्य किया गया। अब इन गांव में विद्युत आपूर्ति शुरू हो गई है। ग्रामीणों ने इसके लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति त्वरित पहल के लिए आभार व्यक्त किया है।
12 अगस्त को होने वाला जनदर्शन स्थगित
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का हर सप्ताह गुरुवार को होने वाला जनदर्शन इस गुरूवार 12 सितंबर को अपरिहार्य कारणों से नहीं होगा।
रसूखदार के आगे पुलिस नतमस्तक, सड़क दुर्घटना में इकलौती बेटी की मौत से गमजदा पिता लगा रहा है न्याय की गुहार…
रायपुर-   घटना 1 अगस्त 2024 की है. अपने बीमार पिता के लिए दवाई लेने स्कूटी से जा रही श्रेष्ठा सत्पथी को वीआईपी रोड पर विपरीत दिशा से तेज रफ्तार कार ने जोरदार टक्कर मारी, जिसके बाद अस्पताल में उपचार के दौरान श्रेष्ठा की मौत हो गई. घटना के महीने भर बाद भी जांच आगे नहीं बढ़ने से हताश आभाष सत्पथी ने अपनी बेटी श्रेष्ठा के जन्मदिन पर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. 

रायपुर निवासी आभास कुमार सत्पथी अपनी दिवंगत बेटी श्रेष्ठा सत्पथी के जन्मदिन पर मीडिया से रू-ब-रू हुए, और बेटी को न्याय दिलाने के लिए शासन-प्रशासन से गुहार लगाई. आभाष ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों ने बताया कि अंदरुनी चोटों और अत्यधिक रक्तस्राव के कारण श्रेष्ठा की मौत हो गई.

पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टर ने भी पुष्टि की कि छाती और पसलियों पर लगी गहरी चोटों के कारण पसलियों की हड्डियां टूट गई थीं, जिससे उसकी मौत हुई. लेकिन अभी तक उन्हें पोस्ट मार्टम रिपोर्ट नहीं दी गई है. इस संबंध में उन्होंने तेलीबांधा थाने के जांच अधिकारी से कई बार अनुरोध किया, लेकिन रिपोर्ट नहीं दी गई.

वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि दुर्घटना कारित करने वाले हेक्टर कार (क्रमांक CG-14-MP-0686) के चालक को जल्द ही जमानत भी मिल गई और दुर्घटनाग्रस्त कार को भी जल्द छोड़ दिया गया, जिससे जांच पर संदेह पैदा होता है. उन्होंने आशंका जताई कि कार चालक के परिवार के राजनीतिक पहुंच के कारण जांच प्रभावित हो रही है.

आभाष सत्पथी ने बताया कि कार चालक पहले भी 20 जुलाई 2024 को खतरनाक ड्राइविंग के लिए पुलिस द्वारा दंडित किया जा चुका था, और उसके 10 दिन बाद उनकी बेटी के साथ दुर्घटना हो गई. उन्होंने मांग की है कि आरोपी का ड्राइविंग लाइसेंस तत्काल रद्द करते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की जाए, जिससे उन्हें न्याय मिल सके.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के अवसर पर वन शहीदों को दी श्रद्धांजलि

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित राजीव स्मृति वन पहुंचकर वन शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने वन शहीदों की स्मृति में वन शहीद स्मारक का अनावरण किया। मुख्यमंत्री श्री साय सहित उपस्थित सभी ने दो मिनट मौन धारण कर वन शहीदों की शहादत को नमन किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि आज भावनाओं से भरा दिन है। हम उन वीर शहीदों का स्मरण कर रहे है जिन्होंने जंगलों, प्राकृतिक संसाधनों और वन्य जीवों की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि वन शहीदों की शहादत हमें पर्यावरण संरक्षण की महत्ता और इसे संरक्षित करने हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री, वन मंत्री और राजस्व मंत्री ने अपने पिता की स्मृति में पौधा रोपा।
गौरतलब है कि वन शहीदों की स्मृति में आज राजधानी रायपुर के राजीव स्मृति वन में 20वां राष्ट्रीय वन शहीद दिवस का आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, विधायक पुरंदर मिश्रा, वन बल प्रमुख व्ही श्रीनिवास राव, अखिल भारतीय वन अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश मिश्रा, चेयरमैन दिग्विजय सिंह सहित विभिन्न राज्यों से आए पदाधिकारी और बड़ी संख्या में वनकर्मी मौजूद रहे।

बस स्टैंड के लिए 1.32 हेक्टेयर भूमि आवंटित, सरकारी जमीन पर दिखा राजनीतिक रसूखदारों का कब्जा, संलिप्त अफसरों की भूमिका की हो रही जांच

गरियाबंद-    राजिम के विकास के लिए एक अहम कदम उठाया गया है. मानसून सत्र में राजिम विधायक रोहित साहू की मांग पर नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने विधानसभा से ही राजिम में सर्व सुविधा युक्त बस स्टैंड की मंजूरी का ऐलान कर दिया था. इसके साथ ही जिला प्रशासन को जमीन अलॉट करने का निर्देश भी जारी कर दिया. राजस्व रिकार्ड देखा गया, जिसमें राजिम गरियाबंद मार्ग पर नेशनल हाइवे से लगे 799/6 में 117 एकड़ सरकारी जमीन दिखी. लेकिन मौके पर जांच हुई तो जमीन के बड़े हिस्से में राजनीतिक रसूखदारों का कब्जा नजर आया. काफी जद्दोजहद और कई दौर के माप के बाद फिलहाल बस स्टेंड के लिए जिला प्रशासन ने खसरा 799/6 में 1.32 हेक्टेयर भूूमि को राजिम पालिका सीएमओ को अग्रिम अधिपत्य में दिया गया. यह कार्यवाही 10 सितंबर को किया गया. अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि फिलहाल 1.32 हेक्टेयर दिया गया है ताकि काम शुरू हो सके. काबिज रकबे के सवाल पर कलेक्टर ने न्यायालयीन मामला बता कर इस पर कोई भी टिप्पणी नहीं की.

जांच हुई तो आंच दूर तक आयेगी

पिछली सरकार ने भी बस स्टैंड के लिए 2 करोड़ की मंजूरी दिया था,पर उस समय जमीन आवंटन नहीं किया जा सका. सूत्र बताते है की सरकारी जमीन के ज्यादातर हिस्से में कांग्रेस के प्रभावशाली नेताओं का कब्जा है. कुछ भाजपाई के नाम भी इसमें शामिल है.लेकिन इस बार स्थानीय जन प्रतिनिधि व प्रशासन के संयुक्त प्रयास होने के कारण बस स्टेंड के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया सफल हुआ. इसके साथ ही राजिम के सरकारी जमीन पर गलत तरीके से चढ़ाए गए कब्जे की भी जांच शुरू हो गई है.बताया जाता है की भूमि में कब्जा के बाद बटाकन जैसे महत्वपूर्ण कार्य सालो से लंबित पड़ा था,15 से ज्यादा तहसीलदार राजिम तहसील की कुर्सी पर बैठे पर किसी ने हिम्मत नही जुटाई थी.लेकिन अब अचानक दर्ज करने की कार्यवाही में आई तेजी पर कई सवाल खड़े हो रहे है. सूत्र बताते है की इसकी भी सूक्ष्मता से जांच शुरू हो गई है. जिसके आंच का देर सबेर मिलीभगत करने वालो को भुगतना पड़ेगा.

विधायक बोले राजिम के विकास में बाधा किसी को नही बनने देंगे

बस स्टैंड को लेकर राजिम विधायक रोहित साहू शुरू से ही प्रयासरत हैं. विधायक ने विधानसभा में कहा था कि राजिम को प्रयाग कहा जाता है, कुंभ का दर्जा मिला है,सैकड़ों लोगों की आवाजाही भी रोजाना होती है. लेकिन बस स्टेंड के अभाव महिला यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रोहित साहू ने कहा की सर्व सुविधा युक्त बस स्टेंड बनाने में कोई भी रोड़ा आए जनता उसको बर्दाश्त नहीं करेगी. प्रशासन अपना काम शुरू कर दिया है. बहुत जल्दी ही इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे. सरकारी जमीन मुक्त हुई तो जनता की प्राथमिकता के आधार पर और भी विकास कार्य कराए जा सकेंगे.

PSC को मुख्य परीक्षा 2005 की सभी आंसर शीट देने हाईकोर्ट ने दिए निर्देश, RTI के तहत देनी होगी जानकारी

बिलासपुर-   वर्ष 2005 में ली गई मुख्य परीक्षा के सातों विषयों की आंसर शीट पीएससी को आरटीआई के तहत देनी होगी. हाईकोर्ट के जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच ने पीएससी की याचिका यह कहते हुए निराकृत कर दी है. कोर्ट ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के अनुसार याचिकाकर्ता आरटीआई में आंसर शीट हासिल करने की पात्रता रखता है.

बता दें, कि दुर्ग निवासी प्रवीण चंद्र श्रीवास्तव ने पीएससी की वर्ष 2005 में परीक्षा दी थी. उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत मुख्य परीक्षा की आंसर शीट की कॉपी देने की मांग की थी. पीएससी के जनसूचना अधिकारी ने उनकी अर्जी खारिज कर दी थी. इसके बाद राज्य सूचना आयोग में अपील की. आयोग ने वर्ष 2015 में पीएससी को आंसरशीट देने को कहा. पीएससी ने वर्ष 2015 में ही हाईकोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी. परीक्षार्थी प्रवीण चंद्र श्रीवास्तव की तरफ से एडवोकेट गौरव सिंघल ने पैरवी की.

मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा, कि परीक्षार्थी आंसर शीट की कॉपी प्राप्त करने का हकदार है. राज्य सूचना आयोग के आदेश के अनुसार पीएससी मुख्य परीक्षा 2005 के वैकल्पिक विषयों लोक प्रशासन और मानव विज्ञान के सभी सात प्रश्नपत्रों की आंसरशीट दे. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई मामलों में दिए गए निर्णयों का हवाला देते हुए आंसरशीट की कॉपी देने के निर्देश दिया और याचिका निराकृत कर दी है.