*1533 टीमें घर-घर ढूढेंगी टीबी मरीज*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में 11 दिवसीय सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान की शुरुआत आज यानी सोमवार से हो जाएगी। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत घर-घर संदिग्ध टीबी मरीजों की पहचान के लिए 1533 टीमें लगाई गई हैं। जिलाधिकारी विशाल सिंह अभियान को लेकर बेहद सजग हैं। उन्होंने अभियान में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए हैं। डीएम के निर्देश के बाद स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में है। टीबी अभियान में 1350 आशा, 183 एएनएम की टीम लगी हैं। इनकी निगरानी के लिए छह पर्वेक्षक भी लगाए गए हैं जो हर दिन रिपोर्ट सीएचसी अधीक्षक को भेजेंगे। सीएमओ डॉ. एसके चक ने बताया कि 11 दिवसीय अभियान के दौरान घर-घर स्वास्थ्यकर्मी पहुंच कर टीबी मरीजो की पहचान करेंगे। मरीजों में लक्षण मिलने पर जांच कर दवा उपलब्ध कराई जाएगी।

सीएमओ ने बताया कि अभियान के लिए स्वास्थ्यकर्मी को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। टीबी एक जटिल बीमारी है। समय रहते पहचान होने पर इसका उपचार आसानी से किया जा सकता है। बताया कि टीबी की पहचान होने पर मरीजों को हर महीने 500 रुपये पौष्टिक आहार के लिए दिया जाता है।
*3.92 करोड़ से 50 अन्नपूर्णा भवन तैयार, होंगे लोकार्पित*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले की 50 ग्राम पंचायतों में 3.92 लाख की लागत से अन्नपूर्णा मॉडल शॉप का भवन बनकर तैयार हो गए हैं। अब इन भवनों से कार्डधारकों को राशन का वितरण किया जाएगा। 2022 में चयनित 75 भवनों में 12 का संचालन पहले शुरू हो चुका है, जबकि शेष के लिए जमीन न मिलने से काम आगे नहीं बढ़ सका। मॉडल शॉप को सीएससी के रूप में भी विकसित किया जाना है। इससे कोटेदार राशन वितरित करने के साथ प्रमाणपत्र आदि भी बनाएंगे। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत जिले के छह ब्लॉकों में 75 अन्नपूर्णा उचित दर की दुकान (मॉडल शॉप) बनाई जानी हैं। 2022 में स्वीकृति मिलने के बाद जमीन का चयन किया गया। जिसके बाद मनरेगा से इन भवनों का निर्माण शुरू कराया गया। 7.84 लाख की लागत से बनने वाले मॉडल शाप के भवन में 12 कुछ माह पूर्व बन गए थे। इसे ग्राम पंचायतों को हैंडओवर कर दिया गया। अब 50 भवन को पूरा कर लिया गया है। नवरात्र से पहले इन भवनों को हैंडओवर करने की तैयारी में विभाग जुट गया है। उपायुक्त मनरेगा राजाराम ने बताया कि 50 मॉडल शॉप का निर्माण पूर्ण हो चुका है। इसे जल्द ही हैंडओवर किया जाएगा। जिले में मॉडल शॉप के लिए डीघ ब्लाॅक से 10, औराई से 15, अभोली से 5, सुरियावां से 15, भदोही से 15, ज्ञानपुर से 15 कोटे की दुकानों का चयन किया गया है। बताते चलें कि जिले में कुल 724 कोटे की दुकानें हैं। इसमें 2.97 लाख कार्डधारक राशन लेते हैं। कोटेदार बदलेंगे, लेकिन नहीं बदलेगी दुकान राशन वितरण की व्यवस्था अभी तक कोटेदार घरों से करते थे। कोटेदार के बदलने पर दुकान भी बदल जाती थी पर अब ऐसा नहीं होगा। राशन वितरण कोटेदार के घर न होकर अब मॉडल शॉप से होगा। सरकारी राशन गोदाम से सीधे मॉडल शॉप पर पहुंचेगा। कोटेदार बदलते रहेंगे, लेकिन दुकान नहीं बदलेगी। यहां दुकानों पर तेल, नमक, साबुन समेत अन्य सामग्री की भी बिक्री होगी। सीएससी सेंटर के रूप में विकसित होने के कारण इन भवनों में ऑनलाइन कार्यों का भी संचालन होना है।
*गोपीगंज सीएचसी पर 14 साल से हड्डी के चिकित्सक नहीं*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले के सबसे अधिक ओपीडी वाले गोपीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर हड्डी के डाॅक्टर न होने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। हाईवे पर होने के कारण यहां दुर्घटना के अधिक मामले पहुंचते हैं। हड्डी विशेषज्ञ के न होने के कारण मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है। यहां 14 साल पहले 2010 में आखिरी बार हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती हुई थी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपीगंज जिले का सबसे अधिक ओपीडी वाला सीएचसी है। यहां हर दिन 400 से 500 मरीजों का उपचार होता है। वहीं वाराणसी - प्रयागराज हाईवे पर होने के कारण हाईवे पर होने वाली सड़क दुघर्टनाओं में सबसे अधिक मामले वहां पहुंचते हैं। गोपीगंज सीएचसी से पश्चिमी छोर पर प्रयागराज की सीमा के पास ऊंज और पूर्वी छोर पर लालानगर पटेल प्लाजा तक होने वाली सड़क दुघर्टना के घायल मरीजों को पहुंचाया जाता है। वहीं दक्षिणी छोर की बात करें तो धनतुलसी तक के घायल मरीज अस्पताल पहुंचाए जाते हैं। जहां उनका उपचार होता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां हर महीने आने वाले 80 से 90 दुघर्टना के मामलों में 60 फीसदी तक मरीजों को रेफर कर दिया जाता है।‌


अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ की जरूरत है। इसके लिए समय-समय पर पत्र भी लिखा जाता है। कोई ज्यादा गंभीर है तो रेफर करना हमारी मजबूरी है। डॉ आशुतोष पाण्डेय सीएचसी अधीक्षक गोपीगंज
*गोपीगंज सीएचसी पर 14 साल से हड्डी के चिकित्सक नहीं*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले के सबसे अधिक ओपीडी वाले गोपीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर हड्डी के डाॅक्टर न होने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। हाईवे पर होने के कारण यहां दुर्घटना के अधिक मामले पहुंचते हैं। हड्डी विशेषज्ञ के न होने के कारण मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है। यहां 14 साल पहले 2010 में आखिरी बार हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती हुई थी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपीगंज जिले का सबसे अधिक ओपीडी वाला सीएचसी है। यहां हर दिन 400 से 500 मरीजों का उपचार होता है। वहीं वाराणसी - प्रयागराज हाईवे पर होने के कारण हाईवे पर होने वाली सड़क दुघर्टनाओं में सबसे अधिक मामले वहां पहुंचते हैं। गोपीगंज सीएचसी से पश्चिमी छोर पर प्रयागराज की सीमा के पास ऊंज और पूर्वी छोर पर लालानगर पटेल प्लाजा तक होने वाली सड़क दुघर्टना के घायल मरीजों को पहुंचाया जाता है। वहीं दक्षिणी छोर की बात करें तो धनतुलसी तक के घायल मरीज अस्पताल पहुंचाए जाते हैं। जहां उनका उपचार होता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां हर महीने आने वाले 80 से 90 दुघर्टना के मामलों में 60 फीसदी तक मरीजों को रेफर कर दिया जाता है।‌

अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ की जरूरत है। इसके लिए समय-समय पर पत्र भी लिखा जाता है। कोई ज्यादा गंभीर है तो रेफर करना हमारी मजबूरी है। डॉ आशुतोष पाण्डेय सीएचसी अधीक्षक गोपीगंज
*एल्यूमिनियम लीचिंग से बचेंगे बच्चे स्टील के बर्तन में दोपहर का भोजन*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अब एल्यूमिनियम के बर्तन में भोजन नहीं दिया जाएगा। अब उन्हें स्टील के बर्तन में एमडीएम ( मिड - डे मील) परोसा जाएगा। एल्यूमिनियम लीचिंग के खतरे को देखते एमडीएम प्राधिकरण ने यह निर्णय लिया है। बजट जारी होने के बाद बर्तन की खरीद शुरू हो गया है। बच्चों की सेहत पर संकट को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। जिले में 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट है। इसमें 1.64 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए दोपहर भोजन चलाई जा रही है। इनमें बच्चों को खिचड़ी,दाल, रोटी, दूध समेत अन्य पौष्टिक आहार दिए जाते हैं। अभी तक बच्चों को एल्यूमिनियम के बर्तन में ही एमडीएम परोसा जाता था, लेकिन जल्द ही शत प्रतिशत विद्यालयों में यह व्यवस्था खत्म कर दी जाएगी। दोपहर भोजन प्राधिकरण की निदेशक कंचन वर्मा का पत्र आने के बाद विभाग ने विद्यालय स्तर पर स्टील के बर्तन खरीदने के निर्देश दिए हैं। जिले के 690 परिषदीय स्कूलों में स्टील के बर्तन खरीदने के लिए एक करोड़ 29 लाख 30 हजार स्वीकृति हुआ है। जिसे विभाग की तरफ से विद्यालयों को भेजा जा चुका है। छात्र संख्या के आधार पर यह रकम विद्यालयों को मिला है। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि एल्यूमिनियम के बर्तनों में खाना पकाने से वो खाने से आयरन और कैल्शियम जैसे तत्वों को सोख लेता है। इसका मतलब यदि खाने के साथ एल्यूमिनियम पेट में जाता है तो शरीर से आयरन और कैल्शियम सोखना शुरू कर देता है। इससे हड्डियां कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त अस्थि रोग (जैसे आस्टियोपोरोसिस) आंखों की बीमारियां, अतिसार,अतिअम्लता, खट्टी डकार,पेट दर्द, कोलाइटिस ( आंत का संक्रमण) मुंह में बार - बार सूजन आना और एक्जिमा जैसे त्वचा रोग होने की संभावना रहती है।


बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि बर्तन खरीदने के लिए पैसा आ चुका है। जिन विद्यालयों में एल्यूमिनियम के बर्तन है, वह उसी में भोजन पकाएंगे। बर्तन खरीदने के बाद उसे बदल दिया जाएगा।
*अब 30 ग्राम पंचायतों होंगी कूड़ा मुक्त शुरू होंगे आर‌आरसी* *10 सितंबर को एक साथ होगा लोकार्पण*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। स्वच्छ भारत मिशन के फेज -2 में अब 30 ग्राम पंचायतों में रिसोर्स सेंटर का संचालन शुरू होगा। पांच हजार से अधिक आबादी वाले 14 ग्राम पंचायतों में शुरू होने के बाद पंचायत राज विभाग इन विभागों में कूड़ा प्रबंधन की शुरुआत 10 सितंबर से कराएगा। डीएम विशाल सिंह ने इसके शुरू करने के लिए जिला और ब्लॉक स्तरीय 30 अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया है। जिले की 546 ग्राम पंचायत में पहले चरण में एकल शौचालय और सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया गया, लेकिन कूड़े का निस्तारण नहीं होने से गंदगी फैली वैसे ही फैली रहती। इसे ठीक करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के फेज -2 में पांच हजार से अधिक आबादी वाले 14 गांवों को माॅडल के रुप में विकसित किया गया। जहां माह भर पूर्व डोर - टू डोर निस्तारण,ठोस कूड़ा प्रबंधन,वर्मी कंपोस्ट पिट निर्माण सहित अन्य व्यवस्थाएं शुरू कर दी गई है। अब दूसरे चरण में छह ब्लाॅक 30 ग्राम पंचायतों में भी आर‌आरसी के संचालन की तैयारी शुरू हो गई है। 10 सितंबर को इन गांवों में भी अब कूड़ा प्रबंधन की शुरुआत कराई जाएगी। इससे गांव में जगह-जगह फैले कूड़ो का निस्तारण होगा।


स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक सरोज पांडेय ने बताया कि 30 गांव में आर‌आरसी शत प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। जरुरी उपकरण भी आ चुके हैं। अब 10 सितंबर से इसका संचालन शुरू करा दिया जाएगा। डीएम ने नोडल अधिकारी भी नामित कर दिया है।
*2.26 लाख उपभोक्ताओं के घरों में लगेंगे प्री - पेड स्मार्ट मीटर पहले चरण में 1.73 लाख घरों तक पहुंचेगा मीटर कार्यदायी संस्था का सर्वे शुरू*

भदोही।‌जिले में जल्द ही प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इससे बिजली चोरी रुकने के साथ ही ऊर्जा की बचत होगी। एक निजी कंपनी को सर्व के साथ मीटर लगाने की जिम्मेदारी मिली है। स्मार्ट मीटर लगते के बाद न तो बिजली चोरी हो सकेगी और न ही बिल जमा करने की कोई परेशानी होगी। उपभोक्ता मोबाइल सिम की तर्ज पर बिजली के लिए मीटर रिचार्ज करा सकेंगे। कुल 2.26 लाख उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगना है। जिसमें पहले चरण में 1.73 लाख घरों में मीटर लगाया जाएगा। जिले के भदोही और ज्ञानपुर विद्युत डिवीजन से 546 ग्राम पंचायतों और 7 नगर निकायों में बिजली आपूर्ति होती है। इससे करीब 2.26 लाख उपभोक्ताओं जुड़े हैं। इसमें शहरी उपभोक्ताओं की संख्या 70 हजार है‌। अभी तक डिजिटल मीटर से बिजली की खपत का आकलन कर निगम की ओर से बिल आदि जारी किए जाते हैं। वर्तमान तकनीकी खामियों से क‌ई उपभोक्ताओं का अधिक तो क‌ई का बहुत कम बिजली बिजली बिल आता है। विसंगतियों के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शासन के निर्देश पर अब प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इससे उपभोक्ताओं मोबाइल रिचार्ज की तरह ही बिजली का उपयोग कर सकेंगे। बिजली निगम की ओर से उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली कराने के लिए बिजली लाइनों की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। साथ ही उपभोक्ताओं की नियमित बिलिंग के अलावा बिजली चोरी पर भी इससे रोक लगेगी। स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता लोकेशन आदि की भी जानकारी रहेगी।


अधिशासी अभियंता सदर आदित्य पांडेय ने बताया कि निजी कंपनी का सर्वे शुरू हो गया है। पहले चरण में 1.73 लाख उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाया लगाया जाएगा। इससे बिजली चोरी रुकने के साथ ही ऊर्जा की बचत होगी।
*आज पंडालों में विराजेंगे भगवान गणेश*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। 11 दिवसीय श्री गणेश पूजनोत्सव की शुरुआत आज यानी सात सितंबर से हो रही है। गणेश चतुर्थी पर्व को लेकर कालीन नगरी में व्यापक उत्साह बना हुआ है। गजानन के जयघोष के साथ प्रतिमाएं पंडालों में पहुंच गई है।आज से विवि विधान के साथ पूजन अर्चन शुरू होगा। उधर, पर्व को लेकर पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी कर दी है। पूर्वांचल के साथ ही पूरे देश में दुर्गा पूजा को लेकर ख्याति प्राप्त कालीन नगरी में इधर कुछ वर्षों से पार्वती पुत्र लंबोदर की पूजा-अर्चना को लेकर भक्तों में खासा क्रेज बढ़ा है। आज से वैदिक मंत्रो के बीच पूजा पाठ करके दर्शन पूजन का क्रम शुरू किया जाएगा। उधर पर्व को लेकर पुलिस भी पूरी तरह से सतर्क हो गई है। एसपी डॉ मीनाक्षी कात्यायन के निर्देश पर मातहतों ने पूजा पंडालों पदाधिकारियों के नाम, मोबाइल नंबर नोट करते हुए पंडालों पर जवानों की तैनाती कर दी है।
*जिला अस्पताल में फंगल इंफेक्शन के बढ़े मरीज*




रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मौसम परिवर्तन के साथ ही जिला अस्पताल में फंगल इंफेक्शन के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल में इन दिनों दाद,खाज और खुजली के 40 से 45 मरीज हर दिन पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों ने मरीजों को सफाई का विशेष ध्यान रखने के साथ समस्या होने पर तत्काल चिकित्सकीय परामर्श की सलाह दे रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार उसम भरी गर्मी में गंदे कपड़े पहनने से समस्या हो रही है। बारिश के साथ-साथ पड़ रही उसम भरी गर्मी में फंगल इंफेक्शन के मरीजों की संख्या बढ़ा दी है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 40 से 45 मरीज फंगल इंफेक्शन के पहुंच रहे हैं, लेकिन अस्पताल में स्कीन रोग के एक भी डॉक्टर न होने से उन्हें मायूस होना पड़ रहा है। ऐसे में मरीज को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। जिला चिकित्सालय में इन दिनों ओपीडी भी बढ़ी है। 700-800 की जगह ओपीडी की संख्या 900 के पास पहुंच जा रही है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ प्रदीप कुमार यादव ने बताया कि बदलते मौसम के बीच फंगल इंफेक्शन का डर बना रहता है। इससे बचाव को लेकर सतर्क होना चाहिए। फंगल इंफेक्शन जिस स्थान पर रहता है, वहा दर्द नहीं करता और हल्का का कालापन पड़ जाता है। बताया कि जिन व्यक्तियों में अधिक पसीने होते हैं, ऐसे लोगों में फंगल इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है।
*विद्यालय निरीक्षण के दौरान शिक्षक की भूमिका में नजर आए जिलाधिकारी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिलाधिकारी विशाल सिंह ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह के साथ पूर्वाहन 10बजे विकासखंड औराई स्थित प्राथमिक विद्यालय चक बसेहू का भ्रमण किया। विद्यालय निरीक्षक के दौरान जिलाधिकारी शिक्षक की भूमिका में भी नजर आए। उन्होंने प्रत्येक कक्षा में जाकर छात्रों से हाल-चाल पूछते हुए पढ़ाई विषयक प्रश्न भी पूछा। उन्होंने वर्णमाला, शब्द विन्यास, स्वर ,व्यंजन आदि प्रश्न बच्चों से पूछा ,बच्चों के द्वारा सही जवाब बताने पर जिलाधिकारी ने उन्हें प्रोत्साहित व प्रेरित किया। विद्यालय भ्रमण के दौरान विद्यालय में मध्यान भोजन के अंतर्गत बनाए जा रहे तहरी, जिसमे मशरूम का प्रयोग किया जा रहा हैं की जानकारी प्राप्त किया तथा निर्देश दिया गया कि मध्यान भोजन की गुणवत्ता बच्चों को मीनू के अनुसार तथा पूरी मात्रा में बनाया जाए। यदि कहीं किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। विद्यालय के संबंधित ग्राम प्रधान से भी वार्ता किया गया, जिनकी यह शिकायत मिली थी कि मध्यान्ह भोजन में सहयोग नहीं किया जा रहा है। जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा वार्ता कर अपने समक्ष बुलाया गया है एवं शिकायत का निस्तारण कराया गया ।