भारत को इस्लामिक बनाने के लिए बम बांधकर फट जाओ.., जंगलों में जिहादियों की ट्रेनिंग, रांची से पकड़ाए आतंकवादी ने दिल्ली पुलिस के समक्ष कबूला
झारखंड के रांची से पकड़े गए अल कायदा के आतंकवादी डॉक्टर इश्तियाक ने फिदायीन आतंकी दस्ते तैयार करने की योजना बनाई थी। इश्तियाक ने इस ट्रेनिंग के लिए एक पहाड़ी इलाका चुना था, जहां वह अपने साथी आतंकवादियों को हमले की ट्रेनिंग देने वाला था। बता दें कि, फिदायीन हमले में आतंकी अपने शरीर पर बम बांधकर लोगों के बीच फट जाते हैं, उन्हें ये कहकर ब्रेनवाश किया जाता है कि ऐसा करने से अल्लाह खुश होगा और उन्हें जन्नत में हूरें देगा। इसी बहकावे में आकर ये आतंकी अपनी जान देने और निर्दोष लोगों की जान लेने के लिए तैयार हो जाते हैं, भारत को इस्लामी देश बनाने के लिए भी उन्हें यही घुट्टी पिलाई गई थी। इस मामले की जानकारी दिल्ली पुलिस को हाल ही में मिली, जब उन्होंने इश्तियाक और उसके अन्य साथी आतंकवादियों को रांची से गिरफ्तार किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इश्तियाक के साथ उसके साथी आतंकवादियों इनामुल अंसारी, शाहबाज अंसारी, मोतिउर्रहमान और अल्ताफ को रांची से हाल ही में दिल्ली लाकर उनसे पूछताछ की। इन आतंकवादियों ने पुलिस को बताया कि वे रांची के चान्हो नकटा जंगल में ट्रेनिंग देने जाते थे। यह घना जंगल और बसी हुई जगह से दूर होने के कारण उन्हें ट्रेनिंग की गतिविधियाँ छिपाने में मदद करता था। इन आतंकवादियों ने यह भी खुलासा किया कि यहाँ उन्हें हथियार चलाने और फिदायीन बनने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। इस प्रक्रिया का संचालन डॉक्टर इश्तियाक के निर्देश पर हो रहा था, और सभी आतंकवादी इसी के आदेश पर काम कर रहे थे। उनका लक्ष्य भारत में इस्लामी शासन स्थापित करना था।
इश्तियाक और उसके साथी आतंकवादी रांची रैडिकल ग्रुप के सदस्य थे, जिसे इश्तियाक स्वयं संचालित करता था। इसके अलावा, कुछ आतंकवादियों को ट्रेनिंग के लिए राजस्थान भी भेजा गया था। दिल्ली पुलिस ने पहाड़ी इलाके के अलावा एक मदरसे में भी छानबीन की थी। 22 अगस्त 2024 को झारखंड एटीएस ने छापेमारी कर इश्तियाक और उसके साथियों को गिरफ्तार किया। ये सभी अल कायदा इंडिया सब-कॉन्टिनेंट (AQIS) से जुड़े हुए थे। गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस की टिप के आधार पर की गई थी। डॉक्टर इश्तियाक ने अपने आतंकी नेटवर्क को उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक फैला रखा था। हथियारों की खरीदारी के लिए उसने बिहार के लखीसराय का इस्तेमाल किया। इस मामले में राजस्थान में भी छापेमारी की गई, जिसमें ए के 47 राइफल, प्वाइंट 38 बोर की रिवॉल्वर, कई कारतूस, डमी इंसास, एयर राइफल, आयरन पाइप, हैंड ग्रेनेड और अन्य सामग्री जब्त की गई।


 
						
 
 





 
  
 

 
 
 हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने पहली लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी की पहली लिस्ट में 67 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। टिकट देने से पहले पार्टी ने काफी मंथन किया, तब जाकर नामों पर मुहर लग सकी। बीजेपी ने कई मौजूदा विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटे। बीजेपी की इस लिस्ट में कई संदेश छिपे हुए हैं।बताया जा रहा है कि बीजेपी को इन सीटों पर फील्ड से जो फीडबैक मिला था उस आधार पर उम्मीदवारों का बदलाव किया गया है। *सर्वे में जीतने वाले उम्मीदवारों पर ही दांव खेला* बताया जा रहा है कि बीजेपी को इन सीटों पर फील्ड से जो फीडबैक मिला था उस आधार पर उम्मीदवारों का बदलाव किया गया है। बीजेपी ने मौजूदा 9 विधायकों का टिकट काट दिया है। इनमें पलवल से दीपक मंगला, फरीदाबाद से नरेंद्र गुप्ता, गुरुग्राम से सुधीर सिंगला, बवानी खेड़ा से विशंभर वाल्मीकि, रनिया से कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला, अटेली से सीताराम यादव, पेहवा से पूर्व मंत्री संदीप सिंह शामिल हैं। सोनहा से राज्यमंत्री संजय सिंह, रतिया से लक्ष्मण नापा को भी टिकट नहीं दिया गया है। पार्टी ने सर्वे में जीतने वाले उम्मीदवारों पर ही दाव खेला है। भाजपा ने जिन पांच पूर्व मंत्रियों को टिकट दिए हैं, वह पार्टी के सर्वे में बाकी दावेदारों से काफी आगे थे। *लिस्ट के बाद पार्टी का साथ छोड़ने वाले नेताओं की लाइन लगी* लिस्ट जारी होने के बाद टिकट से वंचित नेताओं और उनके समर्थकों ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। पहली लिस्ट के बाद हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ने वाले नेताओं की लाइन लग गई है। पार्टी छोड़ने वालों में कैबिनेट मंत्री से लेकर कई पूर्व विधायक भी शामिल हैं। बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसमें हरियाणा के कैबिनेट मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला का नाम भी शामिल है। उन्होंने रानिया विधानसभा से टिकट नहीं देने पर नाराजगी जताई। यही नहीं रणजीत चौटाला ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है। *टिकट बंटवारे के पीछे खास प्लानिंग* बीजेपी नेतृत्व ने जिस तरह से टिकट बंटवारा किया है उसके पीछे खास प्लानिंग मानी जा रही है। पार्टी ने इसी साल जून में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को देखते हुए टिकट बंटवारा किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार लोकसभा चुनाव में राज्य की 10 में से 5 सीट पर ही बीजेपी कब्जा जमाने में सफल रही। बाकी बची 5 सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां सभी 10 सीटों पर कब्जा जमाया था। 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती। इसके पीछे एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर भी अहम है।
 हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने पहली लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी की पहली लिस्ट में 67 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। टिकट देने से पहले पार्टी ने काफी मंथन किया, तब जाकर नामों पर मुहर लग सकी। बीजेपी ने कई मौजूदा विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटे। बीजेपी की इस लिस्ट में कई संदेश छिपे हुए हैं।बताया जा रहा है कि बीजेपी को इन सीटों पर फील्ड से जो फीडबैक मिला था उस आधार पर उम्मीदवारों का बदलाव किया गया है। *सर्वे में जीतने वाले उम्मीदवारों पर ही दांव खेला* बताया जा रहा है कि बीजेपी को इन सीटों पर फील्ड से जो फीडबैक मिला था उस आधार पर उम्मीदवारों का बदलाव किया गया है। बीजेपी ने मौजूदा 9 विधायकों का टिकट काट दिया है। इनमें पलवल से दीपक मंगला, फरीदाबाद से नरेंद्र गुप्ता, गुरुग्राम से सुधीर सिंगला, बवानी खेड़ा से विशंभर वाल्मीकि, रनिया से कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला, अटेली से सीताराम यादव, पेहवा से पूर्व मंत्री संदीप सिंह शामिल हैं। सोनहा से राज्यमंत्री संजय सिंह, रतिया से लक्ष्मण नापा को भी टिकट नहीं दिया गया है। पार्टी ने सर्वे में जीतने वाले उम्मीदवारों पर ही दाव खेला है। भाजपा ने जिन पांच पूर्व मंत्रियों को टिकट दिए हैं, वह पार्टी के सर्वे में बाकी दावेदारों से काफी आगे थे। *लिस्ट के बाद पार्टी का साथ छोड़ने वाले नेताओं की लाइन लगी* लिस्ट जारी होने के बाद टिकट से वंचित नेताओं और उनके समर्थकों ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। पहली लिस्ट के बाद हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ने वाले नेताओं की लाइन लग गई है। पार्टी छोड़ने वालों में कैबिनेट मंत्री से लेकर कई पूर्व विधायक भी शामिल हैं। बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसमें हरियाणा के कैबिनेट मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला का नाम भी शामिल है। उन्होंने रानिया विधानसभा से टिकट नहीं देने पर नाराजगी जताई। यही नहीं रणजीत चौटाला ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है। *टिकट बंटवारे के पीछे खास प्लानिंग* बीजेपी नेतृत्व ने जिस तरह से टिकट बंटवारा किया है उसके पीछे खास प्लानिंग मानी जा रही है। पार्टी ने इसी साल जून में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को देखते हुए टिकट बंटवारा किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार लोकसभा चुनाव में राज्य की 10 में से 5 सीट पर ही बीजेपी कब्जा जमाने में सफल रही। बाकी बची 5 सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां सभी 10 सीटों पर कब्जा जमाया था। 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती। इसके पीछे एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर भी अहम है।
 
 
 
Sep 06 2024, 15:12
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