लूट की वारदात निकली फर्जी, एसपी ने पूरे मामले में की बड़ी कार्रवाई
कन्नौज- जिले मे लूटपाट की घटना की सूचना के बाद हरकत में आई पुलिस को मामला फर्जी मिला। पैसों के लेनदेन को लेकर हुये विवाद के बाद युवक ने पुलिस को लूट की गलत सूचना दी थी। जिसके बाद पुलिस ने दोनों लोगों को गिरफ्तार कर वैधानिक कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया।
बताते चलें कि इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के निवासी विमल का तालग्राम थाना क्षेत्र के रामजीवन से 29,200 रुपये उधारी को लेकर लेन देन का मामला था। बीती सायं विमल जब जिले के एक्सप्रेस वे के निकट से गुजरे सर्विस रोड पर नगला बीरपुर भाट गांव के निकट पहुंचा, तो यहां रामजीवन एक अन्य युवक के साथ बिमल को मिला। यहां पैसों के तगादे को लेकर दोनों में विवाद हुआ। जिसके बाद रामजीवन बिमल की पैशन बाइक को अपने साथ यह कहकर ले गया, कि हमारी उधारी का पैसा दे देना और बाइक ले जाना। इस दौरान दोनों में विवाद भी हुआ। रामजीवन के जाते ही बिमल ने पुलिस को अपने साथ लूट की सूचना दी। सूचना पर हरकत में आई पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो बाइक मदारीपुर गांव में मिली। जबकि बिमल और रामजीवन को अपनी सुपुर्दगी में लेने के बाद पुलिस ने मामले का सच उजागर किया। एसपी को भी मामले के बारे में अवगत करवाया गया।
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि थाना सौरिख अन्तर्गत सूचनाकर्ता विमल निवासी इन्दरगढ़ ने सूचना दी कि जब वह एक्सप्रेसवे के बगल से सर्विस रोड से जा रहा था तो नगला बीरपुरभान ग्राम के पास तीन बाइक सवार व्यक्ति आये थे पैसनप्रो पर जिन्होंने उसकी पल्सर बाइक छीनकर वहां से चले गये। सूचना पर तत्काल मौके पर पुलिस पहुंची जांच हुई तो कुछ ही देर बाद इनकी जो पल्सर बाइक है बदायूंपुर गांव में बरामद हुई। वहां पूछताछ करने से ज्ञात हुआ कि रामजीवन निवासी थाना तालग्राम द्वारा वहां पर बाइक लाकर रखी गयी है, रामजीवन पूछताछ के लिए बुलाया गया, तो यह बात प्रकाश में आयी कि जो सूचनाकर्ता है विमल इसने रामजीवन से 29 हजार दो सौ रूपये उधार ले रखे हैं और कई दिनों से इनके बीच तकादा चल रहा था। आज भी रामजीवन और विमल के बीच में 40 से अधिक बार फोन पर बात हुई। इनके बीच में बात हुई कि इनके बीच उधारी का जो मामला है। इसपर बातचीत करने के लिए जहां पर घटना स्थल पर वहां पर मिलना था और वहां पर इनके बीच में वाद विवाद भी हुआ। इसमें रामजीवन ने कहा था कि या तो मेरा पैसा दो, या मै तुम्हारी बाइक लेकर जा रहा हॅूं। इसके बाद रामजीवन इसकी बाइक लेकर चला गया और जो सूचनाकर्ता है इसने लूट की सूचना दी। सम्पूर्ण जांच में यह बात प्रकाश में आई कि सूचनाकर्ता ने मिथ्या भ्रामक सूचना दी कि और इसमें रामजीवन के द्वारा भी अवैधानिक कार्य किया गया है इसमें दोनों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
Sep 02 2024, 17:22