सपा का नया दांव,सबला सुरक्षा वाहिनी के बहाने महिला वोटर्स को लुभाएगी सपा

लखनऊ। यूपी के 10 विधानसभा उपचुनाव में सफलता को लेकर उत्साहित समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव खास तैयारियों में रत हैं। सपा ने पीडीए फार्मूले की लोकसभा चुनाव में सफलता के बाद अब उपचुनाव और 2027 के उप्र विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए रक्षाबंधन के बहाने महिला वोटर्स को लुभाने के लिए समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी की शुरुआत की है।

कांग्रेस को मिली 37 सीटों ने सपा को बूस्टर डोज दिया

समाजवादी ने सबला-सुरक्षा वाहिनी की शुरुआत करके बड़ा सियासी दांव खेला है। कहने को सपा मुखिया योजना का उद्देश्य महिला सुरक्षा को बढ़ावा व महिलाओं के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव लाना कहते हैं पर विशुद्ध रूप से यह महिलाओं को इंडिया गठबंधन व सपा के पाले में करने का प्रयास समझा जा रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 में सपा और इंडिया गठबंधन के बहाने कांग्रेस को मिली 37 सीटों ने सपा को बूस्टर डोज दिया है जिसके सहारे अब सपा उपचुनाव की 10 में से 5-7 सीटें जीतकर भाजपा और योगी आदित्यनाथ को एक और तगड़ा झटका देना चाहती है। इतना ही नहीं, सपा लोकसभा चुनाव के बाद उपचुनाव के बहाने पीडीए फार्मूले को एक बार फिर कसौटी पर कस लेना चाहती है ताकि 2027 के लिए पार्टी की तैयारियों को परखा जा सके।

नई अवधारणा सामाजिक सोच में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी

सबला सुरक्षा वाहिनी इसी कड़ी में पार्टी का नया कदम है। यह कार्यक्रम महिलाओं के लिए व्यापक सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिससे वे जीवन के सभी क्षेत्रों में सक्रिय रूप से भाग ले सकें। अखिलेश यादव ने इस बात पर जोर दिया कि यह नई अवधारणा सामाजिक सोच में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी। समानता और सद्भावना प्रयासों के विचारों को बढ़ावा देकर इसका उद्देश्य महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण को सकारात्मक रूप से बदलना है। इस बदलाव से महिलाओं को समावेशी विकास का अभिन्न अंग बनाने की उम्मीद है।समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी महिलाओं को समावेशी विकास का एक अनिवार्य हिस्सा बनाने की दिशा में काम करेगी।

संगठन व सत्ता में समन्वय बनाने के लिए प्रयासरत

दरअसल, लोकसभा चुनाव के बाद 2027 में उप्र में तीसरे कार्यकाल के लिए सोच रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सोच और कार्यशैली में परिवर्तन किया है। अब योगी न केवल मीडिया फ्रेंडली व्यवहार कर रहे हैं बल्कि संगठन व सत्ता में समन्वय बनाने के लिए प्रयासरत हैं। यही कारण है कि कुछ समय पहले तक जिन केशव मौर्य से उनका 36का आंकड़ा चल रहा था, वही मौर्य अब मुख्यमंत्री की शान में कसीदे पढ़ने में पीछे नहीं हैं। भाजपा में संगठन व सत्ता में मची इस खींचतान के चलते सपा को 2027 का सफ़र आसान लग रहा था। लेकिन भाजपा में हुए इस डैमेज कंट्रोल से अखिलेश भी सकते में हैं। इसीलिए अब पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकों को पीडीए का चारा फेंकने के बाद अब उन्होंने महिलाओं के सामने सबला सुरक्षा वाहिनी का दाना डाला है।
उत्तर रेलवे के आठ स्टशेनों के बदले नाम, नए नाम शहीद व धार्मिक स्थलों के नाम पर रखे गए
लखनऊ । उत्तर रेलवे का फुर्सतगंज रेलवे स्टेशन अब तापेश्वरनाथ धाम स्टेशन के नाम से जाना जाएगा। उत्तर रेलवे मुख्यालय ने लखनऊ मंडल में आने आठ स्टेशनों के नाम बदल दिए हैं।जिनकी सूची भी जारी कर दी गई है। नए नाम शहीद और धार्मिक स्थलों के नाम पर रखे गए हैं। फुर्सतगंज के अलावा जिन और स्टेशनों के नाम बदले गए हैं उनमें कासिमपुर हाल्ट का नाम जायस सिटी, जायस का नाम गुरु गोरखनाथ धाम, मिश्ररौली का मां कालिकान धाम, बनी का स्वामी परमहंस, निहालगढ़ का महाराजा बिजली पासी, अकबरगंज का मां आहोरवा भवानी धाम और वारिसगंज हाल्ट अमर शहीद भाले किया गया है।
मायावती को फिर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया ,नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद का कद बढ़ा


लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मंगलवार को हुई बैठक में मायावती को फिर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। उनका कार्यकाल पांच साल होगा। उनके नाम का प्रस्ताव पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने किया, जो सर्वसम्मति से मंजूर हो गया। वहीं, नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद का कद बढ़ाते हुए उन्हें महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया गया है।

बसपा सुप्रीमो ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक मे देश भर से आए पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि दलितों एवं बहुजनों को अपनी शक्ति पर भरोसा करना सीखना ही होगा वरना धोखा खाते रहेंगे और लाचारी व गुलामी का जीवन जीने को मजबूर बने रहना पड़ेगा।उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बहुमत से दूर भाजपा के नेतृत्व में बनी एनडीए की सरकार का रवैया सुधारवादी नहीं लगता है जिससे इसको स्थाई व मजबूत सरकार नहीं कहा जा सकता है। वहीं यूपी के राजनीतिक हालात का संज्ञान लेते हुए कहा कि लोकसभा का चुनाव परिणाम कई कारणों से नई संभावनाएं पैदा करता है।


उन्होंने बसपा समर्थकों से अपील की है कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर के मूवमेंट तथा आरक्षण को निष्प्रभावी बनाने एवं खत्म करने के षड्यंत्र को कांग्रेस, भाजपा और उनके गठबंधन से बचाना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी आरक्षण में उपवर्गीकरण व क्रीमीलेयर का नया नियम लागू करने के फैसले पर कहा कि पुरानी व्यवस्था को बहाल रखने के लिए केंद्र द्वारा अभी तक भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बसपा को मूवमेंट के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिए वह हर कुर्बानी देने को तैयार हैं। पार्टी व मूवमेंट के हित में न तो वह कभी रुकने वाली हैं और न ही झुकने वाली हैं। टूटने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता।

मायावती ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा व इनके गठबंधन दलितों, आदिवासियों, ओबीसी, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के सच्चे हितैषी नहीं हैं। बहुजनों के प्रति इनकी सोच हमेशा ही संकीर्ण, जातिवादी, सांप्रदायिक, द्वेषपूर्ण व तिरस्कारी रही है। इनके शासनकाल में बहुजनों की हालत में सुधार अभी तक नहीं हो पाया है। समाज में गैर-बराबरी बढ़ रही है। केंद्र में भाजपा व कांग्रेस की जातिवादी एवं अहंकारी सरकार बनाने से रोकने में बहुजन समाज काफी हद तक पिछड़ गया।

यूपी के राजनीतिक हालात का संज्ञान लेते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा का यह चुनाव परिणाम किसी पार्टी विशेष के पक्ष में एकतरफा नहीं होने के कारण भी नई संभावनाएं पैदा करता है। ऐसे में कैडर के आधार पर जनाधार को बढ़ाने का प्रयास करके आगे बेहतर परिणाम हासिल करने की अपनी कोशिश जारी रखनी है। इसमें कोई कोताही व स्वार्थ आड़े नहीं आना चाहिए जिसकी पार्टी लगातार समीक्षा करेगी। पार्टी हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखण्ड, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली विधानसभा का चुनाव मजबूती से लड़ेगी।


मायावती ने कहा कि यूपी सहित पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा राष्ट्रीय समस्या बनकर उभर रही है। इसको लेकर अब केवल बयानबाजी व जुमलेबाजीसे काम चलने वाला नहीं है बल्कि केंद्र व राज्य सरकारों को सही नीयत व नीति के साथ काम करने की जरूरत है। किताब का विमोचन किया: इस दौरान मायावती ने 'बहुजन समाज पार्टी द्वारा अपील-देश के बहुजनों के असली ग्रन्थ संविधान एवं बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के हितकारी मूवमेन्ट तथा आरक्षण को निष्प्रभावी बनाने व खत्म करने के षड्यंत्र को कांग्रेस के इण्डिया एलायन्स और बीजेपी के एनडीए गठबन्धन एवं स्वार्थियों से भी बचाना जरूरी' के नाम से लिखित अपनी पुस्तक का विमोचन भी किया।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर रिजर्व पुलिस लाइंस में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम योगी, बोले- उत्तर प्रदेश पुलिस ने हानि-लाभ की चिंता के बिना क

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस बल ने हानि-लाभ की चिंता के बिना कर्म को प्रधान माना। जिस पुलिस व प्रदेश को सबसे फिसड्डी मान लिया गया था। आज वह देश के विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा है। कानून व्यवस्था का मॉडल प्रस्तुत कर रहा है। अब प्रदेश में हर ओर सुख, शांति व सद्भावना है। प्रदेश के सभी 1585 थानों, 75 पुलिस लाइंस, 90 से अधिक जेलों में भव्यता से यह आयोजन हो रहा है, लेकिन 10 साल पहले यह संभव नहीं था। सरकारें डरती थीं कि आयोजन करेंगे तो क्या लाभ होगा।

ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिजर्व पुलिस लाइंस में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजित कार्यक्रम में कही। सर्वप्रथम मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलन व भगवान श्रीकृष्ण के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद भी लिया। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने मुख्यमंत्री को श्री कृष्ण प्रतिमा और अंगवस्त्र भेट किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमद्भगवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण भी अर्जुन से यही कहते हैं कि कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन... हे अर्जुन, तुम कर्म करो, फल की चिंता न करो। उन्होंने कहा कि हम अक्सर कर्म से पहले लाभ-हानि की चिंता करते हैं। ऐसा करने से हम उसके पुण्य से वंचित हो जाते हैं। अच्छा करेंगे तो अच्छा होगा, बुरा करेंगे तो पाप से कोई मुक्त नहीं कर सकता। लोककल्याण का कार्य किया है तो उसके पुण्य से कोई ताकत वंचित नहीं कर सकती। कर्म की प्रेरणा महत्वपूर्ण है।

योगी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण श्री हरि विष्णु के पूर्व अवतार के रूप में मान्य हैं। यह वर्ष भारत के शास्त्रों की मान्यता के अनुसार लीलाधारी भगवान श्रीकृष्ण के 5251वें जन्मोत्सव का है। उनकी लीलाओं का क्रम जन्म से ही प्रारंभ हुआ। इस धराधाम पर 125 वर्ष 8 महीने व्यतीत करने के बाद अपनी लीला को उन्होंने विश्राम दिया। अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से लंबे समय तक उनकी लीलाओं को हम लोग प्रमाण के रूप में प्रयोग करते हैं।

उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवत गीता दुनिया का एकमात्र ऐसा पावन ग्रंथ है, जिसका अमर ज्ञान उन्होंने युद्ध भूमि में अर्जुन को दिया। घर-घर में ग्रंथ के रूप में श्रीमद्भगवत गीता की हम लोग पूजा करते हैं तो भारत की न्यायपालिका भी उस ग्रंथ के प्रति उतनी ही श्रद्धा का भाव रखती है, जितना सनातन धर्मावलंबी रखता है। श्रीमद्भगवतगीता को मोक्ष ग्रंथ भी माना गया है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मनुष्य के जीवन में चार महत्वपूर्ण पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) हैं। आधारशिला धर्म से प्रारंभ होती है। वह कर्मों के माध्यम से अर्थ का उपार्जन करता है। जब कामनाओं की सिद्धि में उसका उपभोग करता है तो मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। यह सामान्य मान्यता है, लेकिन श्रीमद्भगवतगीता के महत्वपूर्ण उपदेश आज भी हर भारतवासी को नई प्रेरणा प्रदान करते हैं।

उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हमें अगले 25 वर्ष की कार्ययोजना के मुताबिक कार्य करना है यानी 2047 की जो पीढी़ होगी, उसे हम विकसित भारत देंगे। जहां हर चेहरे पर खुशहाली होगी। कहीं दुख, दरिद्रता, अराजकता, गुंडागर्दी नहीं होगी। हर हाथ को काम और हर खेत को पानी होगा। इस संकल्प के साथ हम आगे बढ़ेंगे। 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पीएम मोदी ने पंच प्रण की बात कही। पंचप्रण में सबसे महत्वपूर्ण प्रण नागरिक कर्तव्य है।

योगी ने कहा कि हर नागरिक के अपने कर्तव्य भी होंगे। हर कोई अधिकार की बात करता है,लेकिन कर्तव्यों की चर्चा नहीं करता। जीवन में सफलता के लिए समाधान का मार्ग अपनाइए। जब लक्ष्य समाधान होगा तो सफलता प्राप्त होगी। जब समस्या पर चिंतन करेंगे तो दस बहाने मिल जाएंगे। टालमटोल से समस्या का समाधान नहीं हो सकता। समाधान के लिए बहाना नहीं, बल्कि परिश्रम, कर्म और पुरुषार्थ चाहिए। श्रीमद्भगवतगीता जैसा ग्रंथ कर्म की प्रेरणा देता है। प्रभु ने कुरुक्षेत्र में आमने-सामने खडी़ लाखों सेनाओं के बीच यही संदेश दिया। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसने धर्म व कर्म की प्रेरणा दी। उसका उपदेश रणभूमि में दिया गया है। यह उपदेश कर्म का है। कर्म के बिना धर्म, अर्थ व कामनाओं का साधन पूर्ण नहीं हो सकता है। न ही मुक्ति प्राप्त हो सकती है। भारतीय मनीषा ने हमेशा कर्म को प्रधानता दी है।

उन्होंने कहा कि हमारे मन में विरासत के प्रति गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। विरासत का सम्मान करते हुए विकास को बढ़ाएंगे। उन्होंने आह्वान किया कि हर कोई अपने क्षेत्र में नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन करे। हमारे सामने लक्ष्य होना चाहिए कि मेरा हर कर्म देश के नाम होगा। देश के लिए सब कुछ समर्पित करुंगा, इस भाव के साथ कार्य करेंगे तो प्रभु की कृपा बनी रहेगी।

इस दौरान उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यसभा सांसद डॉ दिनेश शर्मा, संजय सेठ, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, ओपी श्रीवास्तव, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, मुख्य सचिव मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव (गृह) दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार आदि मौजूद रहे।

सीएम ने लिया सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया

सीएमएस गोमती नगर के बच्चों ने भावपूर्ण नृत्य कर भगवान गणेश के चरणों में श्रद्धा निवेदित की। भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर भगवान के बाल लीलाओं से लेकर सभी लीलाओं के दिग्दर्शन पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। मुख्यमंत्री ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया।

साबरमती एक्सप्रेस 26 साल पुराने रेल पटरी के टुकड़े से टकराई थी, रेलवे की जांच में यह नया तथ्य आया सामने

लखनऊ । यूपी के वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस 26 साल पुराने रेल पटरी के टुकड़े से टकराई थी। रेलवे की जांच में यह नया तथ्य सामने आया है। इंजन से टकराकर लोहे की पटरी के तिरछा होने की आशंका है, जिसकी वजह से इंजन के पीछे जेनरेटर यान और पीछे की बोगियों के नीचे रगड़ने के निशान बनते गए। इसी की वजह से इंजन के आगे और पीछे लगा कैटल गार्ड टूट गया। इस तरह की पटरी का इस्तेमाल करीब 26 साल पहले ट्रैक में किया जाता था। इसे 90 आर रेल कहते हैं। यह पटरी 1998 तक इस्तेमाल की जाती थी।

वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस 16 अगस्त देर रात करीब ढाई बजे गोविंदपुरी से भीमसेन स्टेशन के बीच बोल्डर से टकराकर पटरी से उतर गई थी। मामले में पनकी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है। घटना के पीछे साजिश की आशंका पर एटीएस, क्राइम ब्रांच, आईबी, एनआईए भी पड़ताल कर रहीं हैं। रेलवे की ओर से एसएजी की पांच सदस्यीय टीम का गठन हुआ है। सदस्यों ने कानपुर में तीन दिन रुक कर लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट, गार्ड समेत कई लोगों के बयान लिए। घटनास्थल की जांच की और इंजन के स्पीडोमीटर आदि को देखा। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि एसएजी की रिपोर्ट तैयार हो रही है। इसमें जांच के साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने का प्लान भी रहेगा। यह अध्ययन पूरी तरह से तकनीकी होगा।वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस (19168) 16 अगस्त की देर रात करीब 2:30 बजे बोल्डर से टकराकर पटरी से उतर गई। यह घटना गोविंदपुरी और भीमसेन स्टेशन के बीच पनकी क्षेत्र में हुई। राहत की बात यह रही कि सभी 22 बोगियों के डिरेल होने के बाद भी कोई हताहत नहीं हुआ।
सिपाही भर्ती: तीसरे दिन की परीक्षा संपन्न ,अब तक 4 सॉल्वर समेत 10 गिरफ्तार

लखनऊ । प्रदेश पुलिस में सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर सीधी भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा के तीसरे दिन 29.57 फीसदी अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। हालांकि बीते दो दिन की परीक्षा के मुकाबले रविवार को करीब दो फीसद अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। इस दौरान यूपी पुलिस के दो सिपाहियों समेत परीक्षा में सेंधमारी का प्रयास करने वाले कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें दो सिपाहियों समेत 5 सॉल्वर शामिल हैं। वहीं 185 अभ्यर्थी संदिग्ध पाए गए, हालांकि उन्हें परीक्षा देने की अनुमति प्रदान की गयी। उनके दस्तावेजों का उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा गहनता से परीक्षण किया जा रहा है।

बता दें कि बलरामपुर में शनिवार को गिरफ्तार किए गये दोनों सिपाही दूसरे की जगह परीक्षा देने आए थे। उनको पकड़ने के बाद पुलिस मामले को दबाए रही। रविवार को दोनों को जेल भेजने के बाद डीजीपी मुख्यालय को इसका पता चला। इनमें अलीगढ़ स्थित पीएसी की 45वीं वाहिनी का सिपाही भगवान सिंह अभ्यर्थी गजेंद्र सिंह के स्थान पर परीक्षा देने आया था।

वहीं मथुरा में उप्र विशेष सुरक्षा बल में तैनात आरक्षी गोविंद सिंह उसका सहयोग कर रहा था। इसके अलावा अलीगढ़ में अभ्यर्थी विकास यादव की जगह परीक्षा दे रहे फिरोजाबाद निवासी रामू को गिरफ्तार किया गया है। कानपुर में राजस्थान के धौलपुर निवासी नरेंद्र को अभ्यर्थी रामदीन की जगह परीक्षा देते हुए पकड़ा गया है। कानपुर के कैंट क्षेत्र में हरदोई के फहीम अली को आधार कार्ड और हाईस्कूल की मार्कशीट में जन्मतिथि में अंतर मिलने पर गिरफ्तार कर लिया गया।

इसी तरह चकेरी क्षेत्र में एटा के हरेंद्र कुमार को अभ्यर्थी सतवीर के स्थान पर परीक्षा देते हुए दबोच लिया गया।  जौनपुर के सरायख्वाजा में फतेहपुर निवासी अस्मित सोनकर को नाम बदलकर दोबारा परीक्षा देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। वह अस्मित राज सोनकर के नाम पर परीक्षा दे रहा था। इसके अलावा प्रयागराज के आकाश भारती को कूटरचित दस्तावेजों के जरिए किसी अन्य अभ्यर्थी को परीक्षा दिलाने का प्रयास करने पर चेकिंग के दौरान दबोच लिया गया। झांसी में बिहार के दो अभ्यर्थी रोहित कुमार पाल और अखलाक अंसारी को प्रश्न पुस्तिका आपस में बदलने पर गिरफ्तार किया गया।भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डीजी राजीव कृष्णा ने बताया कि सिपाही भर्ती की तीसरे दिन की लिखित परीक्षा बिना किसी व्यवधान के सफलतापूर्वक संपन्न हो गयी।

राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी
लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है।राज्यपाल ने अपने बधाई संदेश में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की जीवन लीलाओं से मानवता, प्रेम, नारी सम्मान, समरसता और शांति की ओर उन्मुख होने की प्रेरणा मिलती है। उनके जीवन संदेशों से लोक-कल्याण हेतु निष्काम भाव से कर्म करने की शिक्षा मिलती है। उन्होंने ने कहा कि जन्माष्टमी के पावन अवसर पर हम सभी पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने और सच्चाई के मार्ग पर चलने का संकल्प लें।
यूपी में फिर कई आईपीएस अधिकारियों का तबादला, अंकित जैन को सहायक पुलिस अधीक्षक झांसी से मेरठ



लखनऊ। उत्तर प्रदेश में  पुलिस विभाग में रविवार को कई आईपीएस अधिकारियों के तबादले हुए हैं। यह तबादले आगामी त्योहार खासकर जन्माष्टमी को देखते हुए लिया गया है। ताकि प्रदेश के किसी भी जिले में किसी प्रकार की अव्यवस्था न उत्पन्न हो पाए।

तबादलों के क्रम में सुमित सुधाकर को सहायक पुलिस आयुक्त गाजियाबाद से पुलिस कमिश्नरेट कानपुर,भोसले विनायक को सहायक पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरनगर से कमिश्नरेट आगरा बनाया गया। अंकित जैन को सहायक पुलिस अधीक्षक झांसी से मेरठ,मनोज कुमार यादव को सहायक पुलिस आयुक्त गौतमबुद्धनगर से सहारनपुर,निजुल को सहायक पुलिस अधीक्षक मेरठ से बुलन्दशहर,टिंवकल जैन को सहायक पुलिस अधीक्षक मथुरा से कमिश्नरेट नोएडा,लिपि नागवच को सहायक पुलिस अधीक्षक अलीगढ़ से कमिश्नरेट गाजियाबाद,आलोक कुमार को सहायक पुलिस अधीक्षक गोरखपुर से झांसी और मयंक पाठक को सहायक पुलिस अधीक्षक आगरा से अलीगढ़ बनाया गया है।

डॉ. ईशान सोनी को सहायक पुलिस अधीक्षक बरेली से पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी

इसी तरह आईपीएस श्रवण रूनवॉल को सहायक पुलिस अधीक्षक मुरादाबाद से पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ, डॉ. ईशान सोनी को सहायक पुलिस अधीक्षक बरेली से पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी, आईपीएस राजकुमार मीणा को सहायक पुलिस अधीक्षक बुलंदशहर से पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज भेजा। आईपीएस देवेंद्र कुमार को सहायक पुलिस आयुक्त वाराणसी से बरेली, डा. मुकुर्त को सहायक पुलिस आयुक्त कानपुर नगर से लखनऊ, सुधांशु नायक, सहारानपुर, केशव झा को सहायक पुलिस अधीक्षक अयोध्या से मुरादाबाद, अनंत चंद्रशेखर को सहायक पुलिस आयुक्त प्रयागराज से आजमगढ़ और रालापल्ली वराग कुमार को सहायक पुलिस आयुक्त लखनऊ से गोरखपुर भेजा गया है।
यूपी की हर जेल, पुलिस लाइन, थाने में भव्यता और भक्तिभाव के साथ मनाई जाए जन्माष्टमी : सीएम योगी


लखनऊ। जन्माष्टमी के अवसर पर पूरे प्रदेश में घरों और मंदिरों के साथ-साथ पुलिस थानों, कारागारों और पुलिस लाइन में भी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव पूरे हर्षोल्लास और भक्तिभाव से मनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन्माष्टमी पर्व से पूर्व सभी रिजर्व पुलिस लाइंस ,पुलिस थानों एवं कारागारों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व परंपरागत भक्तिभाव से मनाए जाने के निर्देश दिए हैं।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर में कृष्णलीला, झांकी और शोभायात्रा के आयोजनों के दौरान वहां सुरक्षा, सफाई व अन्य व्यवस्थाएं सुचारू रूप से करने के आदेश दिए हैं। इसके अतिरिक्त भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पर्याप्त पुलिस बल के प्रबंध करने के भी निर्देश दिए हैं। योगी के निर्देशों का अनुपालन करते हुए उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा के महानिदेशक पीवी रामा शास्त्री ने प्रदेश के समस्त कारागारों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी को परंपरागत रूप से मनाए जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

श्रीकृष्ण जन्मस्थली मथुरा में बरती जाए विशेष सतर्कता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन्माष्टमी पर्व को लेकर रविवार को अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़ी श्रद्धा एवं धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें सम्मिलित होने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मथुरा नगर स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि/शाही ईदगाह मस्जिद स्थल अत्यन्त संवेदनशील है। यह स्थल आईएसआई व विभिन्न आतंकवादी संगठनों के निशाने पर भी है। इसे देखते हुए भी विशेष सतर्कता एवं समुचित पुलिस प्रबंध किए जाएं।

झांकियों, शोभायात्राओं के दौरान न उत्पन्न हो विवाद की स्थिति

इसके साथ ही सीएम योगी ने पूजा-अर्चना, शोभायात्रा के दौरान किसी भी तरह के विवाद की स्थिति न बने, इसे लेकर भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विवादित स्थलों पर झांकियों को सजाने, शोभायात्रा के मार्ग में विवाद एवं नए मार्गों को लेकर अक्सर विवाद देखने को मिलते हैं। इसके साथ ही, परंपरा से हटकर कार्यक्रमों के आयोजन तथा गैरपरंपरागत जुलूस/शोभायात्रा निकाले जाने, ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग का भी उपयोग किया जाता है। वहीं, दूसरे संप्रदाय के धार्मिक स्थलों में पूजा-अर्चना के दौरान उनके करीब से शोभायात्राओं के गुजरते समय ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग, शोभायात्राओं/कार्यक्रमों के समय आपत्तिजनक टीका-टिप्पणी/नारेबाजी आदि को लेकर पूर्व में कई स्थानों पर विवाद की स्थिति सामने आई है। ऐसी स्थिति कहीं भी न बने, इसके लिए संवेदनशीलता के साथ सभी आवश्यक प्रबंध किए जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त शोभायात्रा के दौरान सुरक्षा को देखते हुए वीडियोग्राफी कराई जाए। सभी कार्यक्रम स्थलों के आसपास तथा शोभायात्रा के मार्ग पर स्थित सीसीटीवी कैमरों को कियाशील कराया जाए। महत्वपूर्ण संवेदनशील स्थलों पर ड्रोन कैमरे से भी चेकिंग कराई जाए।

आयोजन स्थलों पर हो पर्याप्त पुलिस की व्यवस्था

मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि समस्त जनपदों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से संबंधित समस्त आयोजन, लीला स्थल, पंडाल, मंदिर एवं शोभायात्राओं को सूचीबद्ध कर योजनाबद्ध पुलिस की व्यवस्था की जाए। साथ ही समस्त आयोजनों में आने वाले श्रद्धालुओं की संभावित संख्या का आकलन करते हुए सुदृढ़ सुरक्षा एवं यातायात प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी नई परंपरा की अनुमति कदापि न दी जाए। असामाजिक, साम्प्रदायिक तत्वों की सूची को अपडेट करें और आवश्यकता पड़ने पर इन साम्प्रदायिक एवं अवांछनीय तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि समस्त जनपदों की पुलिस लाइन तथा इस्कान मंदिरों में वृहद कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु, महिला, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग सम्मिलित होते हैं। इन कार्यक्रमों को सकुशल संपन्न कराने के लिए जनपदीय प्रभारी द्वारा प्रभावी सुरक्षा और यातायात प्रबंधन किया जाए।

विवाद सुलझाने का करें प्रयास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत वर्षों में या इस वर्ष अभी तक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व से संबंधित जिन-जिन स्थानों पर किसी प्रकार का विवाद सामने आया हो, वहां पुलिस एवं राजस्व विभाग के गजटेड अधिकारियों द्वारा अभी से स्थिति का अध्ययन कर लिया जाए एवं विवाद को सुलझाने तथा संवेदनशीलता को दूर करने के लिए कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। सीएम योगी ने कहा कि अधीनस्थ कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि वे अपनी बीट में जाकर सभी प्रकार के विवाद की जांच करें और बीट सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर जाकर विवाद को समय रहते हल कराएं। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, उप जिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी द्वारा आवश्यकतानुसार विभिन्न विवाद के स्थलों, मार्गों का भ्रमण भी कर लिया जाए।

कहीं भी न हो अशोभनीय नृत्य का कार्यक्रम

मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिया कि समस्त जनपदों में गश्त चेकिंग के लिए पुलिस पार्टी नियमित रूप से निकाली जाए। प्रातः गश्त चेकिंग पार्टी (पोस्टर पार्टी) द्वारा सघन रूप से चेकिंग करते हुए सुनिश्चित किया जाए कि कहीं पर कोई आपत्तिजनक पोस्टर न लगा हो। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा भी इस त्यौहार को शालीनता एवं हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने की परंपरा रही है। समस्त सुरक्षा व्यवस्था के अतिरिक्त यह भी सुनिश्चित करें कि यह पवित्र त्योहार परंपरागत तरीके से हर्षोल्लास व शालीनता के साथ मनाया जाए। इस अवसर पर किसी भी प्रकार का अशोभनीय नृत्य का कार्यकम न हो। संबंधित पुलिस आयुक्त, जनपद प्रभारी एवं सेनानायक पहले से ही इस संबंध में किए जाने वाले कार्यक्रमों का अवलोकन करें और प्रत्येक स्तर पर सुनिश्चित करें कि किसी भी प्रकार का अशोभनीय एवं अश्लीलतापूर्ण संवाद अथवा नृत्य न होने पाए।
सत्ता में रहते कांग्रेस ने क्यों नहीं करायी जातीय जनगणना : मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा से पहले सत्ता में कांग्रेस थी तो उसने सत्ता में रहते जातीय जनगणना क्यों नहीं करायी, इसका जवाब दें।मायावती ने रविवार काे एक्स पोस्ट में कहा कि संविधान के तहत एससी-एसटी को मिले आरक्षण में अब उप-वर्गीकरण व क्रीमीलेयर के जरिए इसे निष्प्रभावी बनाने व खत्म करने की चल रही साजिश के विरोध में कांग्रेस, सपा और भाजपा आदि का भी चुप्पी साधे रखना क्या यही इनका दलित प्रेम है, सचेत रहें। उन्होंने साफ ताैर पर कहा कि कांग्रेस और सपा से अब किसी भी चुनाव में कोई गठबन्धन नहीं करना है। ये आरक्षण विरोधी हैं और एससी-एसटी और ओबीसी वर्गों को खुद अपने दम पर खड़ा होना है।

मायावती ने कहा कि प्रयागराज में शनिवार को संविधान सम्मान समारोह आयोजित करने वाली कांग्रेस को डा. भीमराव अम्बेडकर के अनुयायी कभी माफ नहीं करेंगे, जिसने संविधान निर्माता बाबासाहब को उनके जीते-जी एवं देहांत के बाद भी भारतरत्न से सम्मानित नहीं किया। साथ ही बाबासाहब के आंदोलन को गति देने वाले कांशीराम के देहांत होने पर इसी कांग्रेस ने केंद्र में अपनी सरकार के रहते हुए उनके सम्मान में एक दिन के भी राष्ट्रीय शोक की घोषणा नहीं की। सपा सरकार ने भी राजकीय शोक घोषित नहीं किया। इनकी ऐसी दोगली सोच, चाल, चरित्र से सजग रहना जरूरी है।