Delhincr

Aug 25 2024, 12:49

नेपाल बस दुर्घटना में मारे गए 27 तीर्थयात्रियों के शव विशेष विमान से भारत लाए गए,मृतकों के परिजनों के लिए दो लाख रुपये मुआवजे का एलान


दिल्ली:- काठमांडू। नेपाल में बस दुर्घटना में मारे गए सभी 27 तीर्थयात्रियों के शव को भारत भेज दिए गए। भारतीय वायुसेना का विशेष विमान 25 शवों को लेकर महाराष्ट्र के जलगांव पहुंचा। वहीं बस चालक व सहायक के शव सड़क मार्ग से भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित उत्तर प्रदेश के महाराजगंज भेजे गए। वहां से इन्हें गोरखपुर ले जाया जाएगा।

शुक्रवार को मध्य नेपाल के तनहुं जिले के आंबूखैरेनी में हुए हादसे में बस तेज बहती मर्सयागंदी नदी में गिर गई थी। चालक व सहायक के अलावा इसमें सवार महाराष्ट्र के 27 तीर्थयात्री मारे गए थे, जबकि 16 अन्य घायल हो गए थे। ये सभी महाराष्ट्र से गए 110 तीर्थयात्रियों के जत्थे का हिस्सा थे और तीन बसों में सवार होकर पोखरा से काठमांडू जा रहे थे।

हादसे का कारण अभी ज्ञात नहीं

हादसे का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। भारतीय दूतावास के सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे और महाराष्ट्र के भुसावल से विधायक संजय सावकारे पीड़ितों की वापसी के लिए नियमित उड़ान से सुबह काठमांडू पहुंचे, जबकि भारतीय वायुसेना का विशेष विमान सीधे भरतपुर पहुंचा, जोकि यहां से लगभग 170 किलोमीटर दूर है।

मंत्री ने काठमांडू के अस्पताल में उपचाराधीन घायलों से मुलाकात की और फिर एक घरेलू उड़ान से वे भरतपुर पहुंचीं। वहां से खडसे 25 शवों और 10 जीवित बचे लोगों को लेकर भारतीय वायुसेना के विमान से भारत के लिए रवाना हुईं। उधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुर्घटना में प्रत्येक मृतक के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।

नेपाल के पीएम ने जताया दुख

इस बीच, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी बस दुर्घटना पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई। उधर, विदेश मंत्रालय ने सड़क हादसे में अपने नागरिकों की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि नेपाल में भारतीय दूतावास हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारतीय दूतावास ने प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर स्थापित किए हैं। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों की हरसंभव मदद कर रही है।

Delhincr

Aug 25 2024, 12:45

भारत में अवैध तरीके से घुसने की कोशिश कर रहे बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बॉर्डर से हुए गिरफ्तार


दिल्ली:- बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज शम्सुद्दीन चौधरी माणिक देश छोड़कर भारत आने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें भारत के साथ लगती पूर्वोत्तर सीमा सिलहट से गिरफ्तार किया गया है। बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने इसकी जानकारी दी। 

आधी रात तक बीजीबी चौकी पर रखा गया

बीजीबी मुख्यालय ने SMS के माध्यम से संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व अपीलीय डिवीजन जज शमसुद्दीन चौधरी माणिक को हिरासत में लिया है। वह सिलहट के कनाईघाट सीमा के माध्यम से भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। अखबार प्रोथोम अलो ने शिविर के प्रभारी के हवाले से कहा कि माणिक को आधी रात तक बीजीबी चौकी पर रखा गया।

बांग्लादेश के हालात बदतर

सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना 5 अगस्त को भारत भाग गईं थी। तभी से बांग्लादेश के हालात बदतर बने हुए है। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली।

5 अगस्त से, अपदस्थ शासन के कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया है- उनमें से कई पर हत्या का आरोप भी है।बांग्लादेश की सेना ने पहले कहा था कि हसीना की अवामी लीग के कई सौ नेताओं और अन्य को छावनियों में शरण दी गई है क्योंकि उनकी जान को खतरा है।

हसीना मंत्रिमंडल के कई सदस्य गिरफ्तार

पूर्व कानून मंत्री अनीसुल हक और पूर्व प्रधानमंत्री के निजी क्षेत्र के मामलों के सलाहकार सलमान एफ रहमान को ढाका के मुख्य नदी बंदरगाह सदरघाट टर्मिनल क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। दरअसल, वे कथित तौर पर एक नाव पर सवार होकर ढाका छोड़ने की कोशिश कर रहे थे। बता दें कि हसीना के मंत्रिमंडल के कई सदस्य को गिरफ्तार किया गया है। 

Delhincr

Aug 25 2024, 12:42

पुलिस हिरासत में असम दुष्कर्म आरोपी के मौत पर कांग्रेस ने उठाए सवाल


गुवाहाटी। असम के नागांव जिले में नाबालिग से दुष्कर्म के मुख्य आरोपित तफिकुल उर्फ तफज्जुल इस्लाम ने शनिवार सुबह पुलिस हिरासत से भागने के बाद तालाब में छलांग लगा दी, लेकिन डूबने से उसकी मौत हो गई। अन्य दो आरोपित अभी भी फरार हैं।

शव को गांव के कब्रिस्तान में दफनाने की अनुमति नहीं

इस बीच, आरोपित तफिकुल के गांव बोरभेटी के ग्रामीणों ने शनिवार सुबह बैठक कर फैसला किया है कि तफिकुल के शव को गांव के कब्रिस्तान में दफनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। गांव का कोई व्यक्ति उसके जनाजे में शामिल नहीं होगा। तफिकुल के परिवार का सामाजिक बहिष्कार करने का भी निर्णय लिया गया है। घटना के विरोध में गांव की मस्जिद से मार्च भी निकाला गया।

पुलिस हिरासत से भागकर तालाब में कूदा आरोपी

नागांव के पुलिस अधीक्षक स्वप्नील डेका ने बताया कि शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए आरोपित तफिकुल को शनिवार तड़के साढ़े तीन बजे हथकड़ी लगाकर उस स्थान पर ले जाया गया जहां कथित तौर पर अपराध किया गया था ताकि क्राइम सीन रीक्रियेट किया जा सके। इसी दौरान तफिकुल ने एक पुलिसकर्मी पर हमला किया और पुलिस हिरासत से भागकर तालाब में कूद गया। तलाशी अभियान शुरू किया गया और करीब दो घंटे बाद उसका शव बरामद किया गया। पुलिसकर्मी घायल है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

नाबालिग से तीन लोगों ने किया था सामूहिक दुष्कर्म

धींग इलाके में गुरुवार शाम ट्यूशन से घर लौट रही नाबालिग को बीच रास्ते में घेर कर तीन लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। बाद में उसे राहगीरों ने सड़क किनारे एक तालाब के पास अचेतावस्था में देखा और पुलिस को सूचना दी। नाबालिग को धींग स्थित स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, फिर उसे नागांव स्थित अस्पताल में शिफ्ट किया गया। लड़की की हालत स्थिर है।

कांग्रेस विधायक ने आरोपित की मौत पर उठाए सवाल

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, कांग्रेस विधायक ने आरोपित की मौत पर उठाए सवाल उठाए हैं। तफिकुल का शव बरामद किए जाने के बाद कांग्रेस विधायक अब्दुर रशीद मंडल ने शनिवार को कहा, आरोपित से कोई सहानुभूति नहीं है, लेकिन सवाल उठता है कि पुलिस हिरासत में मौत कैसे हो जाती है।

भाजपा ने कांग्रेस पर कसा तंज

उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर उसे सजा मिलनी चाहिए थी। मैं उसका समर्थन नहीं कर रहा, लेकिन इससे पुलिस के कामकाज पर सवाल उठता है। इस बीच, भाजपा नेता मानब डेका ने कहा, समस्या यह है कि कांग्रेस के नेता ऐसे लोगों के पक्ष में बोलते हैं। कांग्रेस को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।

Delhincr

Aug 24 2024, 17:47

मिथिला के आचार को इस नन्द भाभी की जोड़ी ने देशभर में किया फेमस,"jha ji" अचार को बनाया बड़ा ब्रांड


भारतीय समाज में नंद-भाभी के रिश्ते को हमेशा से ही प्रेम और सहयोग का प्रतीक माना गया है। इस रिश्ते की ताकत और आपसी समझ का एक बेहतरीन उदाहरण है मिथिला की इस नंद-भाभी की जोड़ी, जिन्होंने मिलकर एक पारंपरिक व्यवसाय को देशभर में पहचान दिलाई। यह कहानी है "झा जी अचार" की, जिसने भारतीय बाजार में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

बिहार के मिथिलांचल इलाके का नाम आते ही वहां की सुंदर मधुबनी पेंटिंग ही दिमाग में आती है। लेकिन इसके अलावा यहां बनने वाला अचार भी कम स्वादिष्ट नहीं है। सरसों के तेल के साथ, गर्मियों में आम का अचार तो सर्दियों में निम्बू और मिर्च का अचार यहां खूब लोकप्रिय है। इस इलाके में घर-घर में महिलाएं, अपने परिवार के लिए अचार बनाती हैं। लेकिन आज हम आपको ऐसी दो महिलाओं की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिन्होंने अचार को ही अपना बिजनेस बना लिया।

बिहार के दरभंगा शहर की 52 वर्षीया कल्पना और 51 वर्षीया उमा झा ने ‘झाजी’ नाम से ऑनलाइन अचार बिज़नेस की शुरुआत की है।

कल्पना कहती हैं, “बरसों से हम यह अचार बनाते आ रहे हैं। लोग हमें कहते हैं कि आप त्योहारों में भी मिठाई नहीं अचार भेजा करें। इसलिए जब बिज़नेस का ख्याल आया तो अचार ही दिमाग में आया।”

उन्होंने पहले 10 तरह के अचार के साथ काम की शुरुआत की थी और आज उनके पास 15 तरह के अचार हैं। जिनमें पांच तरह के आम के अचार, लहसुन, हरी मिर्च, गोभी, इमली की चटनी शामिल है। 

कैसे शुरू हुआ ‘JhaJi’ स्टोर 

कल्पना के पति भारतीय प्रशासनिक सेवा में थे, इसलिए उनका हमेशा एक शहर से दूसरे शहर में तबादला होता रहता था। लेकिन पति के रिटायर होने बाद, कल्पना ने अपने लिए समय निकालने की सोची। इस काम में उनके पति और बच्चों ने उनका पूरा साथ दिया। हालांकि, यह काम इतना आसान भी नहीं था। कल्पना कहती हैं, “कई लोगों ने कहा, ‘क्यों इस उम्र में मुसीबत पाल रही हो, अब तो तुम्हारे पति भी फ्री हैं। अब तुम्हें खूब घूमना चाहिए।’ लेकिन जब हम रिटायर होने के बाद दरभंगा स्थायी रूप से शिफ्ट हुए, तो मैंने काम करने का पक्का मन बना लिया।”

जब उन्होंने काम करने का फैसला किया तो उनके मन में अचार का ही ख्याल आया। क्योंकि यही वह काम था जिसे वह मन से करतीं थीं। 

इस काम में उनकी भाभी उमा झा ने साथ दिया। उमा दरभंगा में ही एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती हैं और कल्पना की तरह ही अचार बनाने की शौक़ीन हैं। 

उमा ने बताया, “हम पारम्परिक बिहारी तरीके से अचार बनाते हैं। सास और माँ की सिखाई रेसिपी के अनुसार हम धूप में सुखाकर अचार तैयार करते हैं। हमारे घर का अचार लोगों को खूब पसंद आता था। मेरे स्कूल में भी सभी टीचर मुझसे अचार मांग-मांग कर खाते हैं। और जब कल्पना ने मुझसे पूछा कि आप मेरे साथ बिज़नेस में साथ देंगी? तो मैंने झट से हां कर दी।”

वह कहते हैं न, एक से भले दो, तो इस तरह इस ननद-भाभी की जोड़ी ने भी साथ में मिलकर काम करना शुरू कर दिया। 

उन्होंने अक्टूबर 2020 में बिज़नेस के लिए आवेदन दिया था, जिसके बाद जून, 2021 में ‘JhaJi’ स्टोर की ऑनलाइन शुरुआत हो गई। कल्पना के बेटे मयंक ने ऑनलाइन मार्केटिंग आदि का काम संभाला। 

उनका अचार, सिरका प्रिजर्वेटिव के बिना तैयार किया जाता है। जिसे तैयार करने में लगभग एक हफ्ते का समय लगता हैं। वह एक बार में तक़रीबन एक हजार किलो आचार तैयार करती हैं।

अचार को 250 ग्राम के जार में पैक किया जाता है। हर अचार की कीमत अलग-अलग होती है। उनका सबसे महंगा अचार लहसुन का है। 250 ग्राम के लहसुन अचार के पैकेट की कीमत 299 रुपये है। 

अचार का यूनिट डालने की तैयारी 

‘JhaJi’ स्टोर के दो महीने में ही दो हजार ग्राहक बन गए थे। वहीं पिछले दो महीने से, उन्हें बल्क में 500 किलो के ऑर्डर्स भी मिल रहे हैं। कल्पना ने कहा कि उन्हें मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली और पश्चिम बंगाल से खूब ऑर्डर्स मिल रहे हैं। आने वाले दिनों में वह बेंगलुरु और मुंबई में वेयरहाउस भी खोलने वाले हैं, ताकि ज्यादा ऑर्डर्स की समय से डिलीवरी हो सके। 

कल्पना ने बताया, “अभी तो हम अपने घर से ही काम करते हैं, लेकिन गर्मियों में जब ज्यादा आम का अचार बनाना होगा तब हमें ज्यादा जगह की जरूरत होगी। इसलिए हम नया मैन्युफैक्चरिंग यूनिट डालने वाले हैं।”

उनके बिहारी अचार को देश ही नहीं, विदेश में भी पसंद किया जाता है। कल्पना की बेटी न्यूयॉर्क में रहती हैं और सालों से वह यहां से अचार ले जाकर, वहां अपने दोस्तों को खिला रही हैं। इस तरह कल्पना को पूरी उम्मीद है कि विदेश में भी उनका बिज़नेस खूब चलेगा। हालांकि, वह अभी वर्ल्डवाइड डिलीवरी नहीं कर रहे हैं। लेकिन जल्द ही वे इस पर भी काम करने वाले हैं। 

JhaJi’ स्टोर शुरू करने के लिए उन्होंने रजिस्ट्रेशन, मार्केटिंग और सामान के लिए तक़रीबन 10 लाख का निवेश किया था। फिलहाल उनका टर्नओवर छह लाख रुपये है।  

कल्पना अचार बनाने में आज भी अपनी 85 वर्षीया माँ की मदद लेती रहती हैं। वहीं ग्राहकों से मिले इस प्यार से कल्पना और उमा बहुत खुश भी हैं। 

अंत में कल्पना कहती हैं, “हमारे लिए सबसे बड़ी बात यह है कि लोगों को हाथ का बना अचार पसंद आ रहा है।”

Delhincr

Aug 24 2024, 17:46

आज का इतिहास:1600 में आज ही के दिन सूरत के तट पर पहुंचा था ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला जहाज ‘हेक्टर’

 नयी दिल्ली : 24 अगस्त का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 1600 में 24 अगस्त के दिन ही ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला जहाज ‘हेक्टर’ सूरत के तट पर पहुंचा था।

2021 में आज ही के दिन टोक्यो पैरालंपिक खेलों का आगाज हुआ था।

2011 में 24 अगस्त के दिन चीन के वैज्ञानिकों ने ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदी के उद्गम स्थल का पता लगा लिया है।

2009 में आज ही के दिन वेनेजुएला की स्टेफेनिया फर्नांडिस मिस यूनिवर्स चुनी गई थीं।

2008 में 24 अगस्त के दिन ही पेइचिंग ओलंपिक का समापन हुआ था।

2008 में आज ही के दिन ही बीजिंग में 29वें ओलंपिक का समापन हुआ था।

2006 में 24 अगस्त के दिन ही अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ ने प्लूटो (यम) का ग्रह का दर्जा खत्म किया था।

2004 में आज ही के दिन फिलिस्तीनियों को अहिंसा का पाठ पढ़ाने अरुण गांधी रामल्ला पहुंचे थे।

1995 में आज ही के दिन उत्तरी अमेरिका में माइक्रोसॉफ्ट विन्डोज 95 की आम जनता के लिए शुरुआत की थी।

1991 में 24 अगस्त के दिन ही यूक्रेन सोवियत संघ से अलग होकर स्वतंत्र देश बना था।

1974 में आज ही के दिन फखरुद्दीन अली अहमद भारत के पांचवें राष्ट्रपति बने थे।

1969 में 24 अगस्त के दिन ही वीवी गिरि भारत के चौथे राष्ट्रपति बने थे।

1914 में आज ही के दिन प्रथम विश्व युद्ध में जर्मन सेना ने नैमूर पर कब्जा किया था।

1814 में 24 अगस्त के दिन ही ब्रिटिश कर्मियों ने व्‍हाइट हाउस को आग के हवाले कर दिया था।

1690 में आज ही के दिन जॉब चारनॉक को कलकत्ता (अब कोलकाता) में आकर बसे थे।

1600 में 24 अगस्त के दिन ही ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला जहाज ‘हेक्टर’ सूरत के तट पर पहुंचा था।

24 अगस्त को जन्में प्रसिद्ध व्यक्ति

1997 में आज ही के दिन भारत की महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा का जन्म हुआ था।

1912 में 24 अगस्त के दिन ही आधुनिक राजस्थान के सर्वाधिक प्रसिद्ध प्रकृति प्रेमी कवि चंद्रसिंह बिरकाली का जन्म हुआ था।

1911 में आज ही के दिन भारत की महिला क्रांतिकारियों में से एक बीना दास का जन्म हुआ था।

1908 में 24 अगस्त के दिन ही स्वतंत्रता सेनानी राजगुरु का जन्म हुआ था।

1888 में आज ही के दिन भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रीय नेता बालासाहेब बाल गंगाधर खेर का जन्म हुआ था।

1872 में 24 अगस्त के दिन ही लोकमान्य बालगंगाधर तिलक के सहयोगी पत्रकार और मराठी साहित्यकार नरसिंह चिन्तामन केलकर का जन्म हुआ था।

1833 में आज ही के दिन गुजराती भाषा के युग प्रवर्तक माने जाने वाले रचनाकार नर्मद का जन्म हुआ था।

24 अगस्त को हुए निधन

2015 में 24 अगस्त के दिन ही अमेरिकी फुटबॉल खिलाड़ी और कोच चार्ली कॉफी का निधन हुआ था।

2014 में आज ही के दिन हॉलीवुड के दिग्‍गज अभिनेता सर रिचर्ड एटनबरा का निधन हुआ था।

1968 में 24 अगस्त के दिन ही आधुनिक भारतीय संस्कृति और समाजशास्त्र के विख्यात विद्वान राधाकमल मुखर्जी का निधन हुआ था।

1925 में आज ही के दिन प्रमुख समाजसुधारक रामकृष्ण गोपाल भंडारकर का निधन हुआ था।

Delhincr

Aug 24 2024, 15:12

सुप्रीम कोर्ट में जूनियर कोर्ट अटेंडेंट पदों पर भर्ती का एलान, आवेदन शुरू



नई दिल्ली:- सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में सरकारी नौकरी पाने का सपना देख रहे अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खबर है। सुप्रीम कोर्ट में जूनियर कोर्ट अटेंडेंट (Cooking Knowing) पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया 23 अगस्त से शुरू हो जाएगी जो निर्धारित अंतिम तिथि 12 सितंबर 2024 तक जारी रहेगी।

भर्ती के लिए पात्रता रखने वाले अभ्यर्थी तय तिथियों में ऑनलाइन माध्यम से SCI की ऑफिशियल वेबसाइट sci.gov.in पर जाकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर सकेंगे। फॉर्म भरने से पहले उम्मीदवार योग्यता की जांच अवश्य कर लें।

क्या है पात्रता

इस भर्ती में आवेदन के के लिए अभ्यर्थी ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड/ संस्थान से 10th/ मैट्रिक उत्तीर्ण किया हो और साथ ही पाक कला (Cooking/ Culinary Arts) में 1 वर्षीय डिप्लोमा एवं तीन वर्ष का कुकिंग का अनुभव होना चाहिए।

उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से कम और 27 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को नियमानुसार छूट दी जाएगी। उम्र की गणना 1 अगस्त 2024 को ध्यान में रखकर की जाएगी।

आवेदन शुल्क

इस भर्ती में ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने के साथ ही उम्मीदवारों को निर्धारित शुल्क जमा करना अनिवार्य है। जनरल, ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए एप्लीकेशन फीस 400 रुपये निर्धारित है वहीं एससी, एसटी एवं पीएच वर्ग के लिए शुल्क 200 रुपये तय किया गया है। शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकेगा।

सेलेक्शन प्रॉसेस

इस भर्ती में आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को सबसे पहले लिखित परीक्षा में भाग लेना होगा। इस परीक्षा में सफल अभ्यर्थी प्रैक्टिकल ट्रेड स्किल टेस्ट के लिए आमंत्रित किया जाएंगे। अंत में उम्मीदवारों को इंटरव्यू प्रक्रिया में शामिल होना होगा। रिटेन टेस्ट 100 अंकों के लिए, प्रैक्टिकल स्किल टेस्ट 70 अंकों के लिए एवं इंटरव्यू 30 अंकों के लिए होगा।

Delhincr

Aug 24 2024, 15:12

UPSC में सचिव,उप सचिव और निदेशक पदों पर भर्ती के लिए वेकेंसी जारी 17 सितंबर तक ऑनलाइन फॉर्म भरने का मौका


नई दिल्ली:- यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने सचिव, उप सचिव और निदेशक के पदों पर भर्ती निकाली है जिसके लिए आवेदन प्रक्रिया 17 अगस्त से शुरू हो गई है। इच्छुक एवं योग्य अभ्यर्थी इस भर्ती में शामिल होने के लिए UPSC की ऑफिशियल वेबसाइट upsconline.nic.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही आप इस पेज पर दिए डायरेक्ट लिंक पर क्लिक करके भी फॉर्म भर सकते हैं। एप्लीकेशन फॉर्म भरने की लास्ट डेट 17 सितंबर 2024 (रात्रि 11 बजकर 59 मिनट) निर्धारित की गई है।

कैसे करें आवेदन

इस भर्ती में आवेदन के लिए उम्मीदवारों को सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट upsconline.nic.in पर जाना होगा।

वेबसाइट के होम पेज पर आपको भर्ती से संबंधित लिंक पर क्लिक करना होगा।

इसके बाद आपको जिस पद के लिए आवेदन करना है उसके सामने अप्लाई लिंक पर क्लिक करना है।

अब आपको पहले रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक करके पंजीकरण करना है।

रजिस्ट्रेशन होने के बाद अभ्यर्थी लॉग इन के माध्यम से अन्य डिटेल भरकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर लें।

अंत में उम्मीदवार पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म का एक प्रिंटआउट अवश्य निकाल लें।

पात्रता एवं मापदंड

इस भर्ती में भाग लेने के लिए अभ्यर्थी का राज्य सरकार में कार्यरत अधिकारी, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू), स्वायत्त निकायों, वैधानिक संगठनों, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों में कार्यरत समकक्ष अधिकारी, निजी क्षेत्र की कंपनियों, कंसल्टेंसी ऑर्गेनाइजेशन और अंतर्राष्ट्रीय या बहुराष्ट्रीय संगठनों में समकक्ष पदों पर कार्यरत लोग इस भर्ती में आवेदन कर सकते हैं। 

अभ्यर्थी को इन जगहों में पर निर्धारित वर्ष कार्य करने का अनुभव होना आवश्यक है। इसके साथ ही अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु पदानुसार 32 से 55 साल के बीच होनी चाहिए। 

पदानुसार पात्रता के लिए अभ्यर्थी एक बार ऑफिशियल नोटिफिकेशन का अवलोकन अवश्य कर लें।

Delhincr

Aug 24 2024, 15:11

CISF में कॉन्स्टेबल फायरमैन भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी, 1130 पदों के लिए आवेदन,जाने कौन- कौन कर सकता है आवेदन इस


नई दिल्ली:- CISF कॉन्स्टेबल भर्ती के मौकों का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों के लिए खुशखबरी। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) द्वारा पे स्केल-3 (रु.21,700-69,100 + लागू भत्ते) पर कॉन्स्टेबल/फायर के पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की गई है। CISF द्वारा बुधवार, 21 अगस्त को जारी अधिसूचना के मुताबिक देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 1130 कॉन्स्टेबल/फायर की भर्ती (CISF Constable Fireman Recruitment 2024) अस्थायी आधार पर की जानी है।

CISF Constable Fireman Recruitment 2024: आवेदन इस तारीख से

ऐसे में CISF द्वारा विज्ञापित कॉन्स्टेबल/फायर के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन के इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक भर्ती पोर्टल, cisfrectt.cisf.gov.in पर उपलब्ध कराए जाने वाले ऑनलाइन अप्लीकेशन फॉर्म के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे। आवेदन प्रक्रिया 31 अगस्त से शुरू होनी है और उम्मीदवार निर्धारित आखिरी तारीख 30 सितंबर (रात 11 बजे) तक अपना अप्लीकेशन सबमिट कर सकेंगे। आवेदन के दौरान उम्मीदवारों को निर्धारित शुल्क 100 रुपये का भुगतान ऑनलाइन माध्यमों से करना होगा। हालांकि SC, ST और ESM वर्गों के उम्मीदवारों को इस भर्ती (CISF Constable Fireman Recruitment 2024) के लिए शुल्क नहीं भरना है।

12वीं पास के लिए मौका

हालांकि, आवेदन से पहले उम्मीदवारों को निर्धारित योग्यता मानदंडों को जान लेना चाहिए। CISF द्वारा जारी कॉन्स्टेबल/फायर की भर्ती (CISF Constable Fireman Recruitment 2024) अधिसूचना के मुताबिक आवेदन के लिए उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 की परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। साथ ही, उम्मीदवारों की आयु 30 सितंबर 2024 को 18 वर्ष से 23 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा छूट केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार दी जाएगी, अधिक जानकारी व अन्य विवरणों के लिए भर्ती अधिसूचना (CISF Constable Fireman Notification 2024) देखें।

Delhincr

Aug 24 2024, 15:10

किताबें पढ़ने से सिर्फ ज्ञान ही नहीं मिलता बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी वरदान है पढ़ना,आइए जानते है रीडिंग से होने वाले फायदे के बार मे


आपने यह अनुभव जरूर किया होगा कि जब आप तनाव में रहती हैं, तो किताबों के कुछ शब्द पढ़ते ही आप तनाव मुक्त हो जाती हैं। यह सच है कि रीडिंग हैबिट आपको रिलैक्स करते हैं। कई बार कुछ लोग रीडिंग करते हुए रोने और हंसने भी लगते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि किसी कहानी को पढ़ते समय हम अपने जीवन को वहां इमेजिन करने लग जाते हैं। यदि कहानी का नायक कुछ अच्छा करता है, तो हम खुद के अच्छा करने की कल्पना करने लग जाते हैं। यह एहसास हमें तनाव मुक्त कर जाता है। इससे हमारा मेंटल हेल्थ मजबूत होता है। जानते हैं कि रीडिंग हैबिट कैसे हमारे मेंटल हेल्थ को इम्प्रूव करता है।

रीडिंग करने पर दिमाग पर क्या प्रभाव पड़ता है

किताब पढ़ना दिमाग के लिए सुपरफूड खाने जैसा है। स्टडी बताती है कि पढ़ना मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों से जुड़ा एक जटिल कार्य है। इससे ब्रेन के ब्लड फ्लो में भी परिवर्तन देखा जा सकता है। पढ़ना मस्तिष्क के नर्व वेज को उत्तेजित कर सकता है। यह उत्तेजना मस्तिष्क की गतिविधि, स्मृति और संज्ञानात्मक कार्य (Cognitive Function) को बढ़ाती है। इससे आगे आपकी रचनात्मकता को बढ़ावा मिल सकता है। यह सीखने की क्षमता का भी विस्तार करती है।

फिजिकल हेल्थ पर क्या पड़ता है प्रभाव

पढ़ने से मेंटल स्टेटस एक्टिव होने के साथ-साथ शारीरिक लाभ भी मिलते हैं। मेंटल हेल्थ जर्नल की स्टडी बताती है कि नियमित पढ़ने से हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। तनाव कम हो सकता है। नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। स्टडी के अनुसार, किताबें पढ़ने और लंबी आयु पाने के बीच भी संबंध देखा जा सकता है। पढ़ना मस्तिष्क को सक्रिय रखता है। मानसिक और भावनात्मक फिटनेस को बढ़ा सकता है।

मेंटल हेल्थ को रीडिंग हैबिट से मिल सकते हैं कई लाभ

1. कोगनिटिव हेल्थ 

पढ़ना आलोचनात्मक सोच स्किल और रचनात्मकता को बढ़ाता है। यह शब्दावली को भी विस्तृत करता है। यह ज्ञान को बढ़ाता है। इमेजिनेशन को उत्तेजित करता है

2.नींद को बढ़ाता है (Help in Sound Sleep)

पढ़ने से चेतना को दूसरे स्तर पर लाने में मदद मिलती है, जिससे अच्छी नींद (reading for mental health) आ सकती है। यह काल्पनिक दुनिया में ले जाने में व्यक्ति की मदद करता है। तनाव को कम करता है। यह आराम का एहसास करने में मदद करता है। पढ़ने से मन शांत होता है। तनावमुक्त मन सोने में मदद करता है।

3.भावनात्मक स्वास्थ्य (Emotional Health)

किताबें ख़ुशी और आश्चर्य से लेकर दुख, भय और क्रोध तक सभी भावनाओं का एहसास करा सकती हैं। अलग-अलग प्रकार की भावनाओं का अनुभव लचीलेपन और कठिन परिस्थितियों से निपटने की क्षमता बनाने में मदद कर सकता है। यह कहानी कहने के माध्यम से अन्य संस्कृतियों और अनुभवों के बारे में सीखकर दूसरों के प्रति अच्छी भावना विकसित करने और लोगों से जुड़ने में भी मदद (reading for mental health) कर सकता है।

4. तनाव से राहत (Stress Buster)

तनाव से राहत की बात करें, तो किताबों की सुंदर दुनिया में भागने से हृदय गति को कम करने और मसल्स को आराम देने में मदद मिल (reading for mental health) सकती है। जब आप किसी तनावपूर्ण घटना की बजाय किसी सुखद कहानी पर ध्यान केंद्रित करती हैं, तो किताबें तनाव से आपका मन हटाने में मदद कर सकती है।

5. किताबें हमें हंसा और रुला सकती हैं। उत्साह पैदा कर सकती हैं।रीडिंग से आपका मनोरंजन भी हो सकता है। इससे मस्तिष्क में एंडोर्फिन जारी होने सहित सकारात्मक स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकते हैं। ये फील-गुड हार्मोन आराम करने, दर्द को प्रबंधित करने और तनाव से राहत दिलाने में मदद करते हैं।

Delhincr

Aug 24 2024, 15:07

फरीदाबाद में मानसून का मज़ा: 6 जगहें जहाँ आप अपने पार्टनर के साथ यादगार पल बिता सकते हैं,आइए जानते हैं।


फरीदाबाद, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र का एक प्रमुख शहर है जो अपने ऐतिहासिक स्थलों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। अगर आप मानसून के मौसम में अपने पार्टनर के साथ कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो फरीदाबाद में कुछ बेहतरीन जगहें हैं जहाँ आप एक यादगार समय बिता सकते हैं। यहाँ कुछ टॉप जगहें दी जा रही हैं जो आपके यात्रा अनुभव को खास बना देंगी।

1. बड़खल झील

बड़खल झील मानसून के मौसम में खास तौर पर खूबसूरत नजर आती है। चारों तरफ हरी-भरी पहाड़ियां और पानी का दृश्य मन को सुकून देता है। यहाँ आप अपने पार्टनर के साथ बोटिंग का आनंद ले सकते हैं और प्रकृति के साथ समय बिता सकते हैं।

2. सूरजकुंड

सूरजकुंड एक ऐतिहासिक स्थान है जो अपने सूर्य मंदिर और वार्षिक मेला के लिए मशहूर है। मानसून में इस जगह का वातावरण और भी मनमोहक हो जाता है। यहाँ आप अपने पार्टनर के साथ वॉक कर सकते हैं और आसपास के सुंदर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।

3. राजहंस एडवेंचर फार्म

अगर आप कुछ रोमांचक करना चाहते हैं, तो राजहंस एडवेंचर फार्म एक बेहतरीन जगह है। यहाँ आप विभिन्न एडवेंचर एक्टिविटीज़ में हिस्सा ले सकते हैं, जैसे कि ज़िपलाइनिंग, रोप क्लाइम्बिंग, और ट्रेकिंग। साथ ही, फार्म की हरियाली और ताजगी भरा माहौल आपको तरोताजा कर देगा।

4. तोमर रॉक

तोमर रॉक फरीदाबाद में स्थित एक प्राकृतिक स्थल है जो पहाड़ियों और चट्टानों से घिरा हुआ है। मानसून के दौरान यहाँ की हरियाली और भी निखर जाती है। ये स्थान ट्रेकिंग के लिए भी मशहूर है, और यहाँ से आप पूरे शहर का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं।

5. नेचर पार्क

फरीदाबाद का नेचर पार्क एक हरा-भरा स्थान है जो खासकर मानसून में जीवंत हो उठता है। यहाँ की हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य आपके और आपके पार्टनर के लिए शांति और सुकून का माहौल प्रदान करता है। पार्क में आप पक्षियों की चहचहाहट का आनंद ले सकते हैं और लंबी वॉक पर जा सकते हैं।

6. ISKCON मंदिर

यदि आप धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल की खोज में हैं, तो ISKCON मंदिर एक आदर्श स्थान है। यहाँ का शांत और दिव्य वातावरण मानसून के दौरान और भी मनमोहक हो जाता है। अपने पार्टनर के साथ इस पवित्र स्थल पर समय बिताना एक अद्भुत अनुभव हो सकता है।

निष्कर्ष:

फरीदाबाद में मानसून के दौरान घूमने के लिए कई खूबसूरत जगहें हैं जहाँ आप अपने पार्टनर के साथ यादगार पल बिता सकते हैं। चाहे आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना चाहें, या कुछ एडवेंचर एक्टिविटीज़ में शामिल होना चाहें, फरीदाबाद में हर किसी के लिए कुछ न कुछ खास है।

तो इस मानसून, अपने पार्टनर के साथ फरीदाबाद की इन अद्भुत जगहों का दौरा जरूर करें और अपने रिश्ते में कुछ रोमांचक यादें जोड़ें।