छत्तीसगढ़ में तीन डी. फॉर्मेसी कॉलेज के विरूद्ध की जाएगी कार्यवाही
रायपुर-   छत्तीसगढ़ मे प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति द्वारा तीन डी. फॉर्मेसी कॉलेजो ऋषिकेश इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, सेजबहार, रायपुर, नूपुर कॉलेज ऑफ फार्मेसी, ओल्ड धमतरी रोड, रायपुर एवं श्री बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एंड रिसर्च सेंटर, रायपुर के द्वारा फीस निर्धारित न किये जाने और संबंधित विभाग के सचिव और संचालक को इस संबंध में समुचित कार्यवाही हेतु लिखे जाने का निर्णय लिया गया है। तीनों डी. फार्मेसी कॉलेजो के निरीक्षण के दौरान प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति ने पाया कि इन्होंने पूरी सुविधाएं जुटाए बिना कॉलेज प्रारंभ कर दिया, कॉलेजो में न ही पुस्तकालय एवं प्रयोगशाला है और न ही शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ वहां मिले। इसी आधार पर समिति ने कार्यवाही का निर्णय लिया है। यहां यह भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि फीस विनियामक समिति के पास फीस निर्धारण के लिये आवेदन देने के पूर्व फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, संबंधित विश्वविद्यालय और संबंधित संचालक से भी अनुमति प्राप्त की जानी चाहिए।
पिछड़ा वर्ग के जाति-समूहों पर शोध अध्ययन हो, तो शोधार्थी 30 सितम्बर तक आयोग को कर सकते हैं प्रस्तुत

रायपुर-    छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग द्वारा प्रदेश में पिछड़ा वर्ग समुदाय के कल्याण को ध्यान में रखते हुए उनके आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और राजनैतिक भागीदारी पर अध्ययन करने का निर्णय लिया गया है। आयोग अध्यक्ष आर.एस. विश्वकर्मा की अध्यक्षता में 12 अगस्त 2024 में सर्वे का काम प्रारंभ हो गया है। आयोग द्वारा पिछड़ा वर्ग में शामिल जाति-समूह के संदर्भ में यदि कोई शोध अध्ययन करना चाहते हो तो ऐसे शोधार्थी 30 सितम्बर तक आयोग को आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पिछड़ा वर्ग समुदाय के कल्याण के लिए छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया गया है। इस आशय के अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र में 27 जून 2020 को प्रकाशित भी की गई है। राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग में कुल 87 जाति समूह को शामिल किया गया है, जिसकी सूची छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की वेबसाईट में उपलब्ध है। शासन द्वारा आयोग के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए आर.एस. विश्वकर्मा को अध्यक्ष, निलाम्बर नायक, हरिशंकर यादव, यशवंत वर्मा, कृष्णा गुप्ता, शैलेन्द्री परगनिहा को सदस्य मनोनीत किया है। आयोग के अध्यक्ष आर.एस. विश्वकर्मा की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर आयोग द्वारा राज्य शासन को उक्त अधिसूचना के क्रमांक 02 अंतर्गत पिछड़ा वर्ग समूहों के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और राजनैतिक सहित अन्य विषयों पर अध्ययन कर शासन को सुझाव प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया है।

आयोग द्वारा बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार प्रदेश में पिछड़े वर्ग की वर्तमान सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक स्थिति का अध्ययन, शासन के विभिन्न विभागो की संरचना एवं योजनाओं में पिछड़े वर्ग की भागीदारी की वर्तमान स्थिति का अध्ययन कर रिपोर्ट शासन को सौंपा जाएगा।

इसी प्रकार राज्य की शैक्षणिक संस्थाओं में पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को मिल रहे लाभों का अध्ययन। राज्य में पिछड़े वर्ग के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का आंकलन तथा इसमें वृध्दि की उपाय, राज्य में पिछड़े वर्ग की युवाओं हेतु कौशल उन्नयन कार्यकमों तथा प्रशिक्षण के संचालन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा। पिछड़े वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक कल्याण हेतु अन्य उपाय तथा अनुशंसा भी की जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य में त्रि-स्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण के संबंध में अध्ययन कर रिपोर्ट से राज्य शासन को अवगत कराया जाएगा।

खैरागढ़ जिले के प्रभारी मंत्री लखनलाल देवांगन ने की विकास कार्यों की समीक्षा

रायपुर-   वाणिज्य एवं उद्योग और श्रम मंत्री एवं खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के प्रभारी मंत्री लखनलाल देवांगन ने आज जिला कलेक्टोरेट खैरागढ़ के सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर विकास कार्यों की समीक्षा की। बैठक में मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन हो और उसका बेहतर लाभ आम नागरिकों तक प्राथमिकता के साथ पंहुचे। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का जिम्मेदारीपूर्वक निर्वहन करते हुए जनहित के कार्य करने प्रेरित किया।

समीक्षा बैठक में राजनांदगांव लोकसभा सांसद संतोष पांडे, खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा, पुलिस अधिक्षक त्रिलोक बंसल, जिला पंचायत राजनादगांव की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुरुचि सिंह, अपर कलेक्टर सहित अन्य विभागीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

मंत्री श्री देवांगन ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने जिला अस्पताल के निर्माण के लिए जल्द से जल्द जगह चिन्हित करने को कहा। इसके अलावा जिले में ब्लड बैंक प्रारंभ करने की दिशा में तेजी से जुटने के निर्देश दिए। साथ ही मौसमी बीमारियों के रोकथाम के लिए तत्परता से जुट कर कार्य करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए।

इसी तरह जल जीवन मिशन योजना की समीक्षा करते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को मंत्री श्री देवांगन ने निर्देश देते हुए कहा की योजना को सिर्फ़ पूर्ण करने के बजाए घर-घर तक पानी भी मिले इसकी भी निगरानी करें।

बैठक में मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सोच है की हर योजना का लाभ अधिक से अधिक आमजनों तक पहुंचे, इस दिशा में सभी विभाग समन्वय बनाकर काम करें। उन्होंने कहा कि यह नया जिला है, संसाधन की कमी अभी है, लेकिन आने वाले समय में विष्णु देव सरकार में क्षेत्र को किसी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। इस दौरान जनप्रतिनिधियों द्वारा मंत्री श्री देवांगन को जिले की समस्याओं से अवगत कराया गया।

कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा ने प्रभारी मंत्री श्री देवांगन को आश्वस्त करते हुए कहा कि शासन के मंशानुरूप शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ आमजनों तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बेहतर कार्ययोजना बनाकर लगातार प्रयास किया जा रहा है। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, महतारी वंदन योजना, पीएम उज्जवला योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना, स्वच्छ भारत मिशन आदि महत्वाकांक्षी योजनाओं सहित शिक्षा, श्रम, रोजगार, वन आदि विभागीय योजनाओं एवं गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा हुई और लक्ष्य के अनुरूप आवश्यक प्रगति लाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

शहीद संजय यादव का बलिदान छत्तीसगढ़ के इतिहास में अमिट रहेगा : विजय शर्मा

रायपुर-    उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने रायपुर के टिकरापारा स्थित संजय नगर के शहीद संजय यादव शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शहीद संजय यादव की प्रतिमा का अनावरण किया।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि शहीद संजय यादव का बलिदान छत्तीसगढ़ के इतिहास में अमिट रहेगा। उन्होंने कहा कि नक्सलियों से लड़ाई लोकतंत्र बचाने की लड़ाई है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले का एहसान हम सभी पर है। उन्होंने कहा कि शहीद संजय यादव के परिवारजनों की बेहतर शिक्षा-दीक्षा के परिणामस्वरूप ही वे जीवन के सर्वाेच्च बलिदान देने के लिए आगे बढ़े।

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार उन सभी शहीदों का स्मारक बनवाएगी, जिन्होंने अपने जीवन को लोकतंत्र और समाज की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया है। यह निर्णय छत्तीसगढ़ के वीर सपूतों के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक होगा।

गौरतलब है कि शहीद प्रधान आरक्षक संजय यादव का जन्म 21 मार्च 1974 को जिला रायपुर के टिकरापारा, में हुआ। उनकी माता का नाम श्यामा बाई यादव और पिता का नाम बरातु राम यादव है। बचपन से ही मेधावी और अनुशासित छात्र संजय यादव ने अपनी प्राथमिक शिक्षा टिकरापारा के नुतन शासकीय स्कूल और खालसा स्कूल, रायपुर से प्राप्त की।

संजय यादव ने 04 सितंबर 1998 को रायपुर नगर सेवा में भर्ती होकर 07 वर्षों तक सेवा दी। 2005 में वे जिला राजनांदगांव में जीडी आरक्षक के पद पर भर्ती हुए और पुलिस विभाग में अपनी सेवाएँ दीं। 2008 में उनके उत्कृष्ठ कार्य और नक्सली नेटवर्क को तोड़ने के कारण उन्हें आउट ऑफ प्रमोशन देकर प्रधान आरक्षक के पद पर प्रमोट किया गया। 12 जुलाई 2009 को शहीद संजय यादव ने राजनांदगांव क्षेत्र के मदनवाड़ा थाना मोहला के अंतर्गत कोरकटटी में नक्सली मुठभेड़ के दौरान तत्कालीन पुलिस अधीक्षक शहीद विनोद चौबे के साथ अदम्य साहस का परिचय देते हुए वीरगति प्राप्त की।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने निर्धारित गुणवत्ता से पौधे लगाने और पर्यवेक्षण के दिए हैं निर्देश

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में वन विभाग द्वारा किए गए वृक्षारोपण कार्यों में अनियमितताएं पाए जाने पर राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। विभाग के अधिकारियों द्वारा वृक्षारोपण कार्य में निर्धारित मापदंडों का पालन न करने और लापरवाही बरतने के मामले में असफल वृक्षारोपण पर हुए व्यय को शासन की वित्तीय क्षति माना है। कोरबा और राजनांदगांव वनमंडल के संबंधित अधिकारियों से इस अनियमितता के चलते 9 लाख 90 हजार 357 रुपये की वसूली की गई है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम को प्रदेश में सफल बनाने के लिए निर्धारित गुणवत्ता के साथ पौधे लगाने एवं उसके पर्यवेक्षण के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य की जा रही है। इस तारतम्य में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वनबल प्रमुख द्वारा वर्ष 2023-24 में विगत वर्षो के वृक्षारोपण में मूल्यांकन के आधार पर असफल वृक्षारोपण से शासन को हुई क्षति के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से राशि वसूली की गई है।

कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख छत्तीसगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरबा वनमंडल के वनपरिक्षेत्र अधिकारी और राजनांदगांव वनमंडल में संबंधित अधिकारियों द्वारा वृक्षारोपण कार्य में लापरवाही बरती गई। इन मामलों में कुल 9 लाख 90 हजार 357 रुपये की वसूली की गई है। यह राशि उन अधिकारियों, कर्मचारियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों से वसूली गई है, जिन्हें वृक्षारोपण कार्य में अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार ठहराए गए हैं। कोरबा वनमंडल के तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी परसखेत योमनलाल धु्रव से सौल्वा (ब) ऑरेंज एरिया कक्ष क्रमांक 1351 वृक्षारोपण में अनियमितता पाई गई, जिसके कारण उनसे 2 लाख 41 हजार 636 रुपये की वसूली की गई। इसी तरह राजनांदगांव वनमंडल के तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी बाघनदी श्री बलदाऊ प्रसाद चौबे से कक्ष क्रमांक- आर.एफ. 595 रोपण में हुई अनियमितता के लिए 5 लाख 19 हजार 300 रुपये की वसूली की गई। इसके अतिरिक्त वन मंडल कोरबा के तत्कालीन परिक्षेत्र सहायक बाल्को शमशुद्दीन फारूकी से 1 लाख 41 हजार 275 रुपये की वसूली की गई है।

वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि वन विभाग के कार्यों में पारदर्शिता और उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करना आवश्यक है, और इस दिशा में सरकार कोई समझौता नहीं करेगी। इस पूरे मामले के मद्देनजर वन विभाग के अधिकारियों को सतर्कता बरतने और योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बनाए रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त है और वह इसे जड़ से खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

प्राक्कलन समिति की बैठक में शामिल हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर/नई दिल्ली-    रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित प्राक्कलन समिति की प्रथम बैठक में शामिल हुए। लोकसभा सचिवालय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता समिति अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने की जिसमे सदस्यों को समिति की कार्यप्रणाली से अवगत कराया गया।बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि, प्राक्कलन समिति का कार्य काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करती है कि जनता के धन का उपयोग प्रभावी और पारदर्शी तरीके से हो रहा है। यह समिति सरकारी खर्चों की जवाबदेही तय करने और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।

प्राक्कलन समिति भारत की संसद की सबसे बड़ी समिति है, जो लोकसभा के सदस्यों से मिलकर बनती है। इस समिति का मुख्य कार्य सरकार के खर्चों की जांच करना और यह सुनिश्चित करना है कि धन का सही और आर्थिक रूप से उपयोग हो रहा है। समिति विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी विभागों के व्यय का मूल्यांकन करती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आवंटित धन का उपयोग प्रभावी और आर्थिक रूप सही से हो रहा है। समिति सरकार को नीतिगत सुझाव भी देती है जिससे सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में सुधार हो सके। समिति अपनी जांच के आधार पर रिपोर्ट तैयार करती है और लोकसभा में प्रस्तुत करती है। ये रिपोर्ट्स सार्वजनिक होती हैं और इन पर चर्चा की जाती है।

प्राक्कलन समिति 2023-24 के दौरान ‘सौर पार्क और अल्ट्रा मेगा सौर पावर प्रोजेक्ट्स का कार्यान्वयन - एक समीक्षा’ नवीकरणीय ऊर्जा, राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी का प्रदर्शन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (NHDP) के तहत विभिन्न परियोजनाओं का मूल्यांकन’, ‘अमृत भारत स्टेशन योजना की प्रगति’, पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन और एपैरल पार्क योजना और बीमार टेक्सटाइल यूनिट्स/PSUs के पुनरुद्धार प्रयास’, नमामी गंगे कार्यक्रम के तहत सीवेज उपचार परियोजनाओं का मूल्यांकन, पहाड़ी क्षेत्रों में हाइड्रो पावर परियोजनाओं का मूल्यांकन, प्राइवेट एंटरप्रेन्योर गारंटी योजना और भारतीय खाद्य निगम - एक समीक्षा उपभोक्ता मामले, 'राष्ट्रीय कार्यक्रम पर रोकथाम और नियंत्रण नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज' और 'राष्ट्रीय वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम' का प्रदर्शन, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों का प्रदर्शन पर लेकर संबंधित मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट पहले ही प्रस्तुत कर चुकी है।

एमओयू पर छिड़ी सियासी जंग : पूर्व मंत्री राजेश मूणत बोले-
रायपुर- राजधानी में लाइट मेट्रो ट्रेन शुरू करने की महापौर एजाज ढेबर की योजना पर सवाल उठ गया है. पूर्व मंत्री और विधायक राजेश मूणत ने मास्को के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर के साथ किए गए कथित एमओयू को लेकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि महापौर ढेबर जिस एमओयू का जिक्र कर रहे हैं, इस तरह का एमओयू एक देश दूसरे देश के साथ तभी कर सकता है, जब कैबिनेट समिति की मंजूरी मिली हो. मूणत ने कहा कि यदि महापौर एजाज ढेबर ने कथित एमओयू पर दस्तखत किया है, तो इसकी भारत में कोई वैधता नहीं है. उन्होंने यह भी कहा है कि ढेबर की यात्रा निजी थी. वह सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे थे.

दरअसल, बीते दिन 22 अगस्त को यह खबर आई की राजधानी में लाइट मेट्रो ट्रेन जैसी आधुनिक सुविधाओं को लेकर रायपुर नगर निगम के मेयर एजाज़ ढेबर ने मास्को सरकार के साथ रायपुर शहर में लाइट मेट्रो रेल के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो मास्को में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय परिवहन शिखर सम्मेलन 2024 के दौरान हुआ था.

मेयर ढेबर की विदेश यात्रा पूरी तरह व्यक्तिगत थी : विधायक राजेश मूणत

उन्होंने मेयर ऐजाज ढेबर के विदेश यात्रा के संबंध में कहा किमेयर ढेबर मास्को (रूस) में जिस परिवहन विकास विभाग की बैठक में हिस्सा लेने की बात कह रहे हैं, उसका निमंत्रण मास्को शहर के डिप्टी मेयर ने दिया था, न कि वहां की सरकार ने. मेयर ढेबर की यह यात्रा व्यक्तिगत है, जिसका पूरा खर्च वही उठा रहे हैं. राज्य सरकार से इसकी कोई अनुमति नहीं ली गई है, मेयर ढेबर सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं, इसलिए यह सरकारी यात्रा भी नहीं है.

आगामी चुनाव के लिए सब्जबाग जमाने की कोशिश कर रहे मेयर : विधायक राजेश मूणत

आरोप लगाते हुए कहा कि रायपुर समेत प्रदेश में जल्दी ही नगरीय निकाय के चुनाव होने वाले हैं। मेयर ढेबर ने कथित तौर पर लोगों को यह सब्जबाग दिखाने की कोशिश की है. जो कुछ भी मेयर इस यात्रा में कर रहे हैं, वह पूरी तरह से उनके व्यक्तिगत क्षमता में किया जा रहा है. इसलिए कोई भी समझौता या MOU, जिसे वे हस्ताक्षरित करते हैं, उसे RMC द्वारा हस्ताक्षरित नहीं माना जा सकता है.

सरकार से इस MOU पर जल्द की जाएगी चर्चा : ऐजाज ढेबर

इस मामले को लेकर महापौर ऐजाज ढेबर ने बातचीत में कहा कि ऐसे MOU सरकार के माध्यम से ही होते है, इस बात की जानकारी मुझे है. उन्होंने कहा मॉस्को के समिट और मेट्रो रेल की जानकारी फरवरी के सामान्य सभा में 15 मिन के भाषण के दौरान पार्षदों को जानकारी दी गई है. इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट समिट में शामिल होकर रायपुर में लाइट मेट्रो रेल के लिए मैंने कंसेंट दिया है और मॉस्को दौरे से लौटकर सरकार से इस MOU पर चर्चा भी जल्द की जाएगी.

वहीं नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने महापौर ऐजाज ढेबर पर निगम की छवि धूमिल करने और जनता को धोखे में रखने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि शहर के प्रथम नागरिक होने के नाते यह उनकी जिम्मेदारी है, कि कोई भी बात उन्हें तथ्यात्मक रूप से रखनी चाहिए. अपने निजी यात्रा दौरान की कई कार्यों को आधिकारिक बताना, शहर की जनता के साथ धोखा करने जैसा है.

इस पूरे मामले को लेकर पूर्व सांसद सुनील सोनी ने कहा कि मैं दो बार रायपुर का महापौर रह चुका हूं. यह योजना सैकड़ों करोड़ की है. कोई महापौर दूसरे देश जाकर स्वयं कैसे MOU साइन कर सकता है, क्योंकि उसके अंदर राज्य सरकार की भागीदारी होनी आवश्यक है. निगम एक लोकल गवर्नमेंट है, जो अन्तर्राष्ट्रीय MOU नहीं कर सकती.

मंत्री राम विचार नेताम ने मेगा ईवेन्ट के तैयारियों के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश
रायपुर-   आदिम जाति कल्याण मंत्री राम विचार नेताम की पहल पर छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजातीय बैगा, पहाड़ी कोरवा, कमार, अबुझमाड़िया एवं बिरहोर बाहुल बसाहटों में राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए 23 अगस्त से 10 सितंबर तक मेगा अभियान चलेगा। राज्य के 18 जिलों में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) संचालित है। इन जिलों में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा आगामी सितम्बर माह में मेगा ईवेंट और आईईसी कैंपेन का आयोजन होगा। माह सितम्बर के प्रथम सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल होकर विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के साथ संवाद करेंगे। गौरतलब है कि जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 15 नवम्बर 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम जनमन का शुभारंभ किया था।
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री राम विचार नेताम ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पीएम जनमन योजना के तहत झारखंड में आयोजित किए जा रहे हैं राष्ट्रीय मेगा ईवेंट में शामिल होंगे तथा देश के सभी पीवीटीजी बसाहट वाले जिलों को संबोधित करते हुए टू वे कनेक्टिविटी के माध्यम से संवाद स्थापित करेंगे। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति वाले किसी एक जिले में राज्य स्तरीय मेगा ईवेंट के लिए चिन्हित किया जाएगा।मंत्री श्री नेताम ने बताया कि मेगा ईवेंट के अतिरिक्त बाकी सभी पीएम-जनमन के जिलों में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित होंगे। इन सभी आयोजनों में झारखण्ड राज्य से प्रधानमंत्री का संबोधन और संवाद सुचारु रुप से देखने और सुनने के लिए टू-वे-कनेक्टिविटी की आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही है। इन आयोजनों में स्थानीय विधायकगण और अन्य जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। कार्यक्रम में केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति को लाभान्वित किया जाएगा। इस दौरान सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
मंत्री श्री नेताम ने बताया कि लाभार्थी सतृप्ति शिविरों का आयोजन 23 अगस्त 2024 से 10 सितंबर 2024 तक किया जाना है। इन शिविरों के माध्यम से आधार कार्ड, जनधन खाता, आयुष्मान कार्ड, वन अधिकार पत्र राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम मातृत्व वंदना योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, सिकल सेल की जांच एव मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं आदि से लाभान्वित की जानी है। इसका उद्देश्य सभी पीवीटीजी बसाहटों में तात्कालिक गतिविधियों की शत-प्रतिशत संतृप्ति की जानी है।
लाभार्थी संतृप्ति शिविर गहन रूप से सभी पीवीटीजी बसाहटों, जिलों में चलाए जाएंगे। इस लाभार्थी संतृप्ति शिविर का मुख्य फोकस यूआईडीएआई के तहत नामांकन एवं आधार कार्ड जारी करना पीएम जनधन के तहत बैंक खाता खोलना, सभी पात्र लाभार्थियों का आयुष्मान भारत कार्ड बनाना, सभी पीवीटीजी को सामुदायिक प्रमाण पत्र जारी कर वन अधिकार पत्र जारी करना तथा पीवीटीजी बसाहटों में सिकल सेल बीमारी की जांच (Screening) आदि कार्य किए जाएंगे। पीएम-जनमन के अंतर्गत स्वीकृत गतिविधियों जैसे प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण), संपर्क सड़क, मोबाईल मेडिकल यूनिट, नल से जल, विद्युतिकरण आदि की जानकारी दी जाएगी।
प्रदेश में भारत सरकार द्वारा घोषित 05 विशेष रुप से कमजोर जनजाति समूह क्रमशः बैगा, पहाड़ी कोरवा, कमार, अबूझमाड़िया एवं बिरहोर जनजाति समूहों तथा बसाहटों के त्वरित विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) योजना क्रियान्वित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि इन वर्गों का समग्र विकास करने के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकार मिलकर लगातार प्रयास कर रही है। इसी का नतीजा है कि भारत सरकार द्वारा इन वर्गों के उत्थान के लिए प्रारंभ किया गया यह महाअभियान अल्प समय में ही लोकप्रिय हो रहा है।
राजिम पुन्नी मेला का नाम फिर बदला, अब इस नाम से जाना जाएगा, राज्यपाल ने संशोधन विधेयक को दी मंजूरी

रायपुर- राजिम में पुन्नी मेला का नाम फिर बदल दिया गया है। राजिम पुन्नी मेला का नाम बदलने को लेकर विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित किया गया था। संशोधन विधेयक राज्यपाल रमेन डेका ने मंजूरी दे दी है। बदले हुए नाम का गजट में नोटिफिकेशन जारी हुआ है। अब मेले को राजिम कुंभ (कल्प) को नाम दिया गया है।

बता दें कि राजिम में लगने वाले मेले का नाम रमन सरकार में राजिम कुंभ मेला हुआ करता था, जिसे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राजिम पुन्नी मेला कर दिया था। वर्तमान सरकार ने फिर इस मेला का नाम बदलने के लिए विधानसभा में संशोधन विधेयक लाया था, जो पारित किया गया था। अब इसे राज्यपाल रमेन डेका ने मंजूरी दे दी है। राजिम पुन्नी मेला को अब राजिम कुंभ (कल्प) मेला नाम से जाना जाएगा। सरकारी कामकाज में इसे अब कुंभ (कल्प) मेला नाम से प्रतिस्थापित किया गया है। इसका राजपत्र में प्रकाशन किया गया है।

लोक शिक्षण संचनालय ने स्कूलों में संचालित योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त किए प्रभारी, जानिए किसे मिली किस जिले की जिम्मेदारी…

रायपुर- छ्त्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचनालय ने आज विभाग की विभिन्न योजनाओं और स्कूलों की जिले स्तर पर मॉनिटरिंग करने के लिए प्रदेश के पूरे 33 जिलों के लिए 16 प्रभारी अधिकारी नियुक्त किये हैं. जिले स्तर पर लगातार समीक्षा की कमी को देखते हुए लोक शिक्षण संचनालय के संचालक ने यह आदेश जारी किया है.

बता दें, सभी प्रभारी अधिकारी मॉनिटरिंग के बाद जिले में पाई गई कमियों की जानकारी समन्वय शाखा को देंगे और संबंधित जिलों को इसे पूरा करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करेंगे. इसके साथ ही पूरे शैक्षणिक सत्र में जिले से संबंधित किसी प्रकार की घटना सामने आने पर तत्काल कार्रवाई भी करेंगे.

आदेश कॉपी में देखें प्रभारी अधिकारियों की लिस्ट:

आदेश के अनुसार सभी 16 प्रभारी अधिकारियों को जिलेवार मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सभी अधिकारी हर दो महीने में कम से कम एक बार दिए गए हर जिले में विभागीय योजनाओं की और स्कूलों में इन बिंदुओं पर मॉनिटरिंग करेंगे:

- प्रधान मंत्री पोषण शक्ति योजनाओं

- गणवेश वितरण पाठ्यपुस्तक वितरण साइकिल वितरण

- विद्यालय भवन से संबंधित समस्त जानकारियां

- शिक्षा के अधिकार अधिनियम

- PM श्री विद्यालयों में भवन एवं शिक्षक की उपलब्धता

- पालक शिक्षक बैठकों की मॉनिटरिंग

- न्यायालयीन प्रकरण की समीक्षा

- बोर्ड एवं अन्य कक्षाओं की शैक्षणिक स्तर की समीक्षा

- छात्रवृत्ति वितरण की समीक्षा

- पदोन्नति समयमान वेतनमान की समीक्षा

- पेंशन प्रकरणों की समीक्षा