एमओयू पर छिड़ी सियासी जंग : पूर्व मंत्री राजेश मूणत बोले-
रायपुर- राजधानी में लाइट मेट्रो ट्रेन शुरू करने की महापौर एजाज ढेबर की योजना पर सवाल उठ गया है. पूर्व मंत्री और विधायक राजेश मूणत ने मास्को के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर के साथ किए गए कथित एमओयू को लेकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि महापौर ढेबर जिस एमओयू का जिक्र कर रहे हैं, इस तरह का एमओयू एक देश दूसरे देश के साथ तभी कर सकता है, जब कैबिनेट समिति की मंजूरी मिली हो. मूणत ने कहा कि यदि महापौर एजाज ढेबर ने कथित एमओयू पर दस्तखत किया है, तो इसकी भारत में कोई वैधता नहीं है. उन्होंने यह भी कहा है कि ढेबर की यात्रा निजी थी. वह सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे थे.

दरअसल, बीते दिन 22 अगस्त को यह खबर आई की राजधानी में लाइट मेट्रो ट्रेन जैसी आधुनिक सुविधाओं को लेकर रायपुर नगर निगम के मेयर एजाज़ ढेबर ने मास्को सरकार के साथ रायपुर शहर में लाइट मेट्रो रेल के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो मास्को में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय परिवहन शिखर सम्मेलन 2024 के दौरान हुआ था.

मेयर ढेबर की विदेश यात्रा पूरी तरह व्यक्तिगत थी : विधायक राजेश मूणत

उन्होंने मेयर ऐजाज ढेबर के विदेश यात्रा के संबंध में कहा किमेयर ढेबर मास्को (रूस) में जिस परिवहन विकास विभाग की बैठक में हिस्सा लेने की बात कह रहे हैं, उसका निमंत्रण मास्को शहर के डिप्टी मेयर ने दिया था, न कि वहां की सरकार ने. मेयर ढेबर की यह यात्रा व्यक्तिगत है, जिसका पूरा खर्च वही उठा रहे हैं. राज्य सरकार से इसकी कोई अनुमति नहीं ली गई है, मेयर ढेबर सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं, इसलिए यह सरकारी यात्रा भी नहीं है.

आगामी चुनाव के लिए सब्जबाग जमाने की कोशिश कर रहे मेयर : विधायक राजेश मूणत

आरोप लगाते हुए कहा कि रायपुर समेत प्रदेश में जल्दी ही नगरीय निकाय के चुनाव होने वाले हैं। मेयर ढेबर ने कथित तौर पर लोगों को यह सब्जबाग दिखाने की कोशिश की है. जो कुछ भी मेयर इस यात्रा में कर रहे हैं, वह पूरी तरह से उनके व्यक्तिगत क्षमता में किया जा रहा है. इसलिए कोई भी समझौता या MOU, जिसे वे हस्ताक्षरित करते हैं, उसे RMC द्वारा हस्ताक्षरित नहीं माना जा सकता है.

सरकार से इस MOU पर जल्द की जाएगी चर्चा : ऐजाज ढेबर

इस मामले को लेकर महापौर ऐजाज ढेबर ने बातचीत में कहा कि ऐसे MOU सरकार के माध्यम से ही होते है, इस बात की जानकारी मुझे है. उन्होंने कहा मॉस्को के समिट और मेट्रो रेल की जानकारी फरवरी के सामान्य सभा में 15 मिन के भाषण के दौरान पार्षदों को जानकारी दी गई है. इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट समिट में शामिल होकर रायपुर में लाइट मेट्रो रेल के लिए मैंने कंसेंट दिया है और मॉस्को दौरे से लौटकर सरकार से इस MOU पर चर्चा भी जल्द की जाएगी.

वहीं नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने महापौर ऐजाज ढेबर पर निगम की छवि धूमिल करने और जनता को धोखे में रखने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि शहर के प्रथम नागरिक होने के नाते यह उनकी जिम्मेदारी है, कि कोई भी बात उन्हें तथ्यात्मक रूप से रखनी चाहिए. अपने निजी यात्रा दौरान की कई कार्यों को आधिकारिक बताना, शहर की जनता के साथ धोखा करने जैसा है.

इस पूरे मामले को लेकर पूर्व सांसद सुनील सोनी ने कहा कि मैं दो बार रायपुर का महापौर रह चुका हूं. यह योजना सैकड़ों करोड़ की है. कोई महापौर दूसरे देश जाकर स्वयं कैसे MOU साइन कर सकता है, क्योंकि उसके अंदर राज्य सरकार की भागीदारी होनी आवश्यक है. निगम एक लोकल गवर्नमेंट है, जो अन्तर्राष्ट्रीय MOU नहीं कर सकती.

मंत्री राम विचार नेताम ने मेगा ईवेन्ट के तैयारियों के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश
रायपुर-   आदिम जाति कल्याण मंत्री राम विचार नेताम की पहल पर छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजातीय बैगा, पहाड़ी कोरवा, कमार, अबुझमाड़िया एवं बिरहोर बाहुल बसाहटों में राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए 23 अगस्त से 10 सितंबर तक मेगा अभियान चलेगा। राज्य के 18 जिलों में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) संचालित है। इन जिलों में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा आगामी सितम्बर माह में मेगा ईवेंट और आईईसी कैंपेन का आयोजन होगा। माह सितम्बर के प्रथम सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल होकर विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के साथ संवाद करेंगे। गौरतलब है कि जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 15 नवम्बर 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम जनमन का शुभारंभ किया था।
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री राम विचार नेताम ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पीएम जनमन योजना के तहत झारखंड में आयोजित किए जा रहे हैं राष्ट्रीय मेगा ईवेंट में शामिल होंगे तथा देश के सभी पीवीटीजी बसाहट वाले जिलों को संबोधित करते हुए टू वे कनेक्टिविटी के माध्यम से संवाद स्थापित करेंगे। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति वाले किसी एक जिले में राज्य स्तरीय मेगा ईवेंट के लिए चिन्हित किया जाएगा।मंत्री श्री नेताम ने बताया कि मेगा ईवेंट के अतिरिक्त बाकी सभी पीएम-जनमन के जिलों में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित होंगे। इन सभी आयोजनों में झारखण्ड राज्य से प्रधानमंत्री का संबोधन और संवाद सुचारु रुप से देखने और सुनने के लिए टू-वे-कनेक्टिविटी की आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही है। इन आयोजनों में स्थानीय विधायकगण और अन्य जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। कार्यक्रम में केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति को लाभान्वित किया जाएगा। इस दौरान सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
मंत्री श्री नेताम ने बताया कि लाभार्थी सतृप्ति शिविरों का आयोजन 23 अगस्त 2024 से 10 सितंबर 2024 तक किया जाना है। इन शिविरों के माध्यम से आधार कार्ड, जनधन खाता, आयुष्मान कार्ड, वन अधिकार पत्र राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम मातृत्व वंदना योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, सिकल सेल की जांच एव मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं आदि से लाभान्वित की जानी है। इसका उद्देश्य सभी पीवीटीजी बसाहटों में तात्कालिक गतिविधियों की शत-प्रतिशत संतृप्ति की जानी है।
लाभार्थी संतृप्ति शिविर गहन रूप से सभी पीवीटीजी बसाहटों, जिलों में चलाए जाएंगे। इस लाभार्थी संतृप्ति शिविर का मुख्य फोकस यूआईडीएआई के तहत नामांकन एवं आधार कार्ड जारी करना पीएम जनधन के तहत बैंक खाता खोलना, सभी पात्र लाभार्थियों का आयुष्मान भारत कार्ड बनाना, सभी पीवीटीजी को सामुदायिक प्रमाण पत्र जारी कर वन अधिकार पत्र जारी करना तथा पीवीटीजी बसाहटों में सिकल सेल बीमारी की जांच (Screening) आदि कार्य किए जाएंगे। पीएम-जनमन के अंतर्गत स्वीकृत गतिविधियों जैसे प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण), संपर्क सड़क, मोबाईल मेडिकल यूनिट, नल से जल, विद्युतिकरण आदि की जानकारी दी जाएगी।
प्रदेश में भारत सरकार द्वारा घोषित 05 विशेष रुप से कमजोर जनजाति समूह क्रमशः बैगा, पहाड़ी कोरवा, कमार, अबूझमाड़िया एवं बिरहोर जनजाति समूहों तथा बसाहटों के त्वरित विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) योजना क्रियान्वित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि इन वर्गों का समग्र विकास करने के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकार मिलकर लगातार प्रयास कर रही है। इसी का नतीजा है कि भारत सरकार द्वारा इन वर्गों के उत्थान के लिए प्रारंभ किया गया यह महाअभियान अल्प समय में ही लोकप्रिय हो रहा है।
राजिम पुन्नी मेला का नाम फिर बदला, अब इस नाम से जाना जाएगा, राज्यपाल ने संशोधन विधेयक को दी मंजूरी

रायपुर- राजिम में पुन्नी मेला का नाम फिर बदल दिया गया है। राजिम पुन्नी मेला का नाम बदलने को लेकर विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित किया गया था। संशोधन विधेयक राज्यपाल रमेन डेका ने मंजूरी दे दी है। बदले हुए नाम का गजट में नोटिफिकेशन जारी हुआ है। अब मेले को राजिम कुंभ (कल्प) को नाम दिया गया है।

बता दें कि राजिम में लगने वाले मेले का नाम रमन सरकार में राजिम कुंभ मेला हुआ करता था, जिसे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राजिम पुन्नी मेला कर दिया था। वर्तमान सरकार ने फिर इस मेला का नाम बदलने के लिए विधानसभा में संशोधन विधेयक लाया था, जो पारित किया गया था। अब इसे राज्यपाल रमेन डेका ने मंजूरी दे दी है। राजिम पुन्नी मेला को अब राजिम कुंभ (कल्प) मेला नाम से जाना जाएगा। सरकारी कामकाज में इसे अब कुंभ (कल्प) मेला नाम से प्रतिस्थापित किया गया है। इसका राजपत्र में प्रकाशन किया गया है।

लोक शिक्षण संचनालय ने स्कूलों में संचालित योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त किए प्रभारी, जानिए किसे मिली किस जिले की जिम्मेदारी…

रायपुर- छ्त्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचनालय ने आज विभाग की विभिन्न योजनाओं और स्कूलों की जिले स्तर पर मॉनिटरिंग करने के लिए प्रदेश के पूरे 33 जिलों के लिए 16 प्रभारी अधिकारी नियुक्त किये हैं. जिले स्तर पर लगातार समीक्षा की कमी को देखते हुए लोक शिक्षण संचनालय के संचालक ने यह आदेश जारी किया है.

बता दें, सभी प्रभारी अधिकारी मॉनिटरिंग के बाद जिले में पाई गई कमियों की जानकारी समन्वय शाखा को देंगे और संबंधित जिलों को इसे पूरा करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करेंगे. इसके साथ ही पूरे शैक्षणिक सत्र में जिले से संबंधित किसी प्रकार की घटना सामने आने पर तत्काल कार्रवाई भी करेंगे.

आदेश कॉपी में देखें प्रभारी अधिकारियों की लिस्ट:

आदेश के अनुसार सभी 16 प्रभारी अधिकारियों को जिलेवार मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सभी अधिकारी हर दो महीने में कम से कम एक बार दिए गए हर जिले में विभागीय योजनाओं की और स्कूलों में इन बिंदुओं पर मॉनिटरिंग करेंगे:

- प्रधान मंत्री पोषण शक्ति योजनाओं

- गणवेश वितरण पाठ्यपुस्तक वितरण साइकिल वितरण

- विद्यालय भवन से संबंधित समस्त जानकारियां

- शिक्षा के अधिकार अधिनियम

- PM श्री विद्यालयों में भवन एवं शिक्षक की उपलब्धता

- पालक शिक्षक बैठकों की मॉनिटरिंग

- न्यायालयीन प्रकरण की समीक्षा

- बोर्ड एवं अन्य कक्षाओं की शैक्षणिक स्तर की समीक्षा

- छात्रवृत्ति वितरण की समीक्षा

- पदोन्नति समयमान वेतनमान की समीक्षा

- पेंशन प्रकरणों की समीक्षा

यात्रियों को छोड़कर इंडिगो ने भरी उड़ान, एयरपोर्ट पर हुआ हंगामा
जगलदपुर- इंडिगो की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है. गुरुवार को इंडिगो की हैदराबाद फ्लाइट जगदलपुर से कुछ यात्रियों को लिए बगैर उड़ गई. इसके बाद यात्रियों ने एयरपोर्ट में हंगामा किया और कहा कि उन्हें शुक्रवार की फ्लाइट में अडजस्ट किया जाए.

यात्रियों ने कहा कि वे समय पर एयरपोर्ट पहुंच गए. बावजूद फ्लाइट उन्हें लिए बगैर टेकऑफ कर गई. यात्रियों को समझाइश देते कंपनी के जिम्मेदारों ने कहा कि वे निर्धारित समय पर एयरपोर्ट नहीं पहुंचे थे, जिसकी वजह से उनकी फ्लाइट छूट गई.

जगदलपुर से हैदराबाद जाने वाले यात्री वैष्णवी घोष, गुनगुन जैन व कामाक्षा ने बताया कि वे समय पर एयरपोर्ट पहुंच चुके थे और फ्लाइट एयरपोर्ट में खड़ी थी, लेकिन बोर्डिंग पास लेने में कर्मचारियों ने समय लगा दिया. फ्लाइट के टेकऑफ का समय दोपहर 3.40 बजे था, लेकिन 3.15 बजे ही फ्लाइट टेकऑफ कर गई. इसके कारण ही एयरपोर्ट में ही छूट गए. इसके अलावा अन्य दो लोग भी छूट गए.

स्थानीय प्रबंधन ने टिकट का पैसा वापस करने से किया इंकार

यात्रियों ने बताया इंडिगो के स्थानीय प्रबंधन ने टिकट का पैसा वापस करने से इंकार कर दिया है. साथ ही अगले दिन टिकट एडजस्ट करने से भी मना किया जा रहा है. यात्रियों ने बताया कि वे छात्राएं हैं और उनकी हैदराबाद से दिल्ली और पुणे के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट थी. इंडिगो के स्थानीय प्रबंधन की मनमानी के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. इधर फ्लाइट मिस होने के बाद यात्री और परिजनों ने एयरपोर्ट में काफी हंगामा किया और वे लगातार विमानन कंपनी की गलती होने की बात कह रहे थे।
शराब घोटाले पर बीजेपी की पीसी : किरण देव ने कहा – कोर्ट के निर्णय से कांग्रेस के घोटाले का हुआ पर्दाफाश
रायपुर- कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार में कथित 2 हजार करोड़ से अधिक के शराब घोटाले को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव और सांसद विजय बघेल ने कांग्रेस को एक बार फिर से घेरा है. कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में आज एक संयुक्त प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने कहा कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में व्यापक पैमाने में हुए भ्रष्टाचार हुआ है.

प्रेस वार्ता में किरण देव ने कहा कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में व्यापक और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. कांग्रेस सरकार में संगठित होकर व्यापक पैमाने में शराब घोटाला किया गया है. ED-EOW ने जब इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच करना शुरू किया तो काफी हंगामा में मचाया गया. अनवर ढेबर और अनिल टूटेजा ने सिंडीकेट बनाकर शराब नीति बदली और घोटाला किया गया. इसके अलावा अवैध कमाई के लिए शराब नीति भी बदली गई और 2161 करोड़ का घोटाला किया.विपक्ष ने जो आरोप लगाए थे हाईकोर्ट के फैसले में वो आज सच साबित हुए हैं. शराब घोटाले को लेकर की गई EOW और ACB की अब तक की कार्रवाई में किसी प्रकार कोई उल्लंघन नहीं पाया गया है. इस जांच के खिलाफ लगाई है याचिका को भी खारिज कर दिया गया है. कांग्रेस संवैधानिक संस्थाओं पर विश्वास नहीं करती इसलिए समय-समय पर उन पर सवाल उठाती रहती है.

किरण देव ने कहा कि शराब घोटाले पर पिछले दिनों आए उच्च न्यायालय बिलासपुर के एक महत्वपूर्ण फैसले में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार द्वारा किए घोटाले की कलई एक बार और खोल दी है. इस फ़ैसले से भाजपा द्वारा इन अपराधियों के विरुद्ध लगाए गए सभी आरोपों की एक बार फिर से पुष्टि हुई है. बिलासपुर उच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं में छह याचिकाएं ईडी के खिलाफ जबकि सात याचिकाएं ईओडब्ल्यू व एसीबी के खिलाफ दायर की गई थी.याचिकाओं में दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में ईडी की पुनः की जा रही कार्रवाई और ईओडब्ल्यू-एसीबी की ओर से दर्ज एफआइआर को चुनौती देते हुए उन्हें ख़ारिज करने की मांग की थी.

उन्होंने कहा कि कोर्ट ने अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, यश टुटेजा, अरूणपति समेत अन्य आरोपियों द्वारा जांच एजेंसियों के खिलाफ दायर कुल 13 याचिकाओं को एक साथ ख़ारिज कर दिया है. अपने आदेश में माननीय उच्च न्यायालय ने स्पष्ट तौर पर यह कहा है कि एक संगठित अपराध की तरह इस घोटाले को अंजाम दिया जा रहा था ऐसा लग रहा है. न्यायालय ने ईडी, एसीबी, ईओडब्लू आदि की जांच आदि के काम में किसी भी तरह की अनियमितता के तमाम आरोपों को ख़ारिज कर दिया है, इससे यह एक बार फिर यह साबित हुआ है कि कांग्रेस अपने अपराधों को छिपाने के लिए लगातार एजेंसियों पर हमलावर थी. न्यायालय ने साफ-साफ यह कहा है कि ईडी, ईओडबलू और एसीबी ने अपने-अपने कार्यक्षेत्र के अनुसार ही अलग-अलग कारवाईयां की है इस पर अभियुक्तों द्वारा लगाए सभी आरोपों को ख़ारिज करते हुए, एफआइआर/ईसीआइआर रद्द करने के सभी मांगों को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

किरण देव ने कहा कि इससे अधिक पुख्ता और क्या-क्या साक्ष्य चाहिए यह साबित करने के लिए कि कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने अपने सिपहसलारों के माध्यम से जमकर न केवल छत्तीसगढ़ को लूटा बल्कि पूरी कांग्रेस सरकार एक अंडरवर्ल्ड और माफिया जैसा चल रही थी.

सांसद विजय बघेल ने कहा कि एक मोटे आकलन के अनुसार पचास हज़ार करोड़ से अधिक का घोटाला अपने पांच सालों के शासन में कांग्रेस ने किया. इसके सरगना निस्संदेह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल थे, जिन्हें एजेंसियों ने ’पोलिटिकल मास्टर’ कहा है. प्रदेश की जनता के संसाधनों को लूट कर 10, जनपथ का एटीएम बनाने की सजा कांग्रेस को अवश्य मिलेगी. कोई भी हथकंडा कांग्रेसी अपराधियों को बचा नहीं सकती है. कांग्रेस लाख अराजकता फैलाने की साजिशें रच ले, किंतु कानून के हाथ इनके गिरेबान तक पहुंचे बिना नहीं रहेंगे. जनता को न्याय दिलाने, उनके संसाधनों को लूटने वालों कोजेल के सीखचों के पीछे पहुंचने से जॉर्ज सोरोस या राहुल गांधी समेत दुनिया को कोई ताकत उन्हें रोक नहीं सकती.

किरण देव ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार विश्व की शायद एकमात्र सरकार थी जिन्होंने अपने राजस्व पर संगठित तरीके से डाका डाला. भाजपा महिला मोर्चा ने मई 2023 में इस मामले को लेकर पूरे प्रदेश में चक्का जाम भी किया था.

न्यायालय ने यह कहा

1. संबंधित एफआईआर के अवलोकन से, यह नहीं कहा जा सकता है कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई भी प्रथम दृष्टया अपराध का खुलासा नहीं किया गया है।

2. इसके अलावा, जांच के दौरान एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि अभियुक्तों/याचिकाकर्ताओं द्वारा किए गए अपराधों की प्रकृति से राज्य के खजाने को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है और अपराध की अनुमानित आय लगभग रु 2161 करोड़.

3. एफआईआर में नौकरशाहों, राजनेताओं, व्यापारियों और अन्य व्यक्तियों सहित 70 नामित व्यक्ति हैं और वर्तमान में यह एक संगठित अपराध का मामला है जिसे जांच एजेंसियों द्वारा तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने की जरूरत है.

4. राज्य पुलिस प्रतिवादी राज्य/एसीबी ईओडब्ल्यू या ईडी की कोई भी कार्रवाई पीएमएलए के किसी भी प्रावधान के उल्लंघन या सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित किसी भी आदेश का उल्लंघन नहीं पाई गई है.
राष्ट्रपति से सरगुजा संभाग की छात्राओं ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर-    राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से सरगुजा संभाग के सरगुजा, जशपुर, सूरजपुर और बलरामपुर जिले की पांच छात्राओं ने रक्षाबंधन के अवसर पर सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बच्चों से शैक्षणिक और अन्य शालेय गतिविधियों की जानकारी लेकर उनका उत्साह वर्धन किया। उन्होंने सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामना दी। सरगुजा संभाग के विद्यार्थियों ने इस अविस्मरणीय क्षण के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात के लिए विद्यार्थियों का चयन विद्यार्थियों की शेैक्षणिक गतिविधियों के साथ साथ खेल, संगीत तथा अन्य शालेय गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर किया गया। चयनित विद्यार्थियों में सरगुजा से कस्तूरबा आवासीय विद्यालय लखनपुर की छात्रा ज्योति, जशपुर जिले से रिया एवं रजनी चौहान, सूरजपुर से नंदिनी किंडो और बलरामपुर जिले से प्रशंसा शामिल रहीं। राज्य शासन द्वारा सरगुजा संभाग के बच्चों के साथ प्रभारी के रूप में अधीक्षिका अनुराधा सिंह का चयन कर दिल्ली भेजा गया।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु द्वारा छात्राओं से मुलाक़ात के दौरान उन्हें रक्षाबंधन की बधाई दी गई तथा रक्षाबंधन पर्व के महत्व के बारे में बताते हुए छात्राओं से उनकी पढ़ाई और जीवन के लक्ष्य के बारे में जानकारी लेकर लक्ष्य प्राप्ति हेतु ईमानदारी से प्रयास का सुझाव दिया गया। उन्होंने छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति, यहां के प्राकृतिक सौंदर्य तथा अन्य विशिष्टता के बारे में छात्राओं से जानकारी ली। छात्राओं ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु को राखी बाँधते हुए उपहार भी दिए। पहली बार राष्ट्रपति से मुलाकात और देश की राजधानी नई दिल्ली के महत्वपूर्ण स्थलों के भ्रमण से छात्राएं काफ़ी रोमांचित तथा उत्साहित रहीं।

सरगुजा संभाग के विद्यार्थी कल रायपुर वापस लौटी। छात्राओं ने एमडी समग्र शिक्षा संजीव झा एवं एससीईआरटी डायरेक्टर राजेंद्र कटारा, उप संचालक समग्र शिक्षा राजेश सिंह एवं अन्य अधिकारियों से मुलाकात की और राष्ट्रपति भवन एवं दिल्ली की सुनहरी यादों सहित पहली विमान यात्रा के अनुभव को शेयर करते हुए अवसर को प्रदाय करने के लिये मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित प्रशासन के आलाअधिकारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी बच्चों की हौसला आफ़ज़ाई करते हुए भविष्य में भी शैक्षणिक के साथ-साथ शैक्षिणेत्तर गतिविधियों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजित दही हांडी उत्सव प्रतियोगिता में शामिल होने मिला निमंत्रण

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज यहाँ उनके निवास कार्यालय में सार्वजनिक दही हांडी उत्सव समिति गुढियारी, रायपुर के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर 27 अगस्त को आयोजित दही हांडी उत्सव प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने आमंत्रण के लिए समिति के सदस्यों को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, संयोजक बसंत अग्रवाल, सह-संयोजक हेमेंद्र साहू एवं पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

संयोजक श्री अग्रवाल ने बताया कि इस प्रतियोगिता में प्रदेश ही नहीं अपितु महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, झारखंड तथा उड़ीसा एवं अन्य राज्यों से भी गोविंदा टोलियाँ प्रतिभागी के रूप में प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि समिति के द्वारा श्री कृष्ण भक्तों के मनोरंजन के लिए शिव भजन गायक बाबा हसंराज रघुवंशी एवं छत्तीसगढ़ की लाडली बेटियों गरिमा-स्वर्णा दिवाकर के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जाएगी तथा उड़ीसा के कलाकारों द्वारा घंटा बाजा का प्रदर्शन भी किया जाएगा। इसके साथ ही वृंदावन से आई कृष्ण लीला की मनमोहक झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगी।

उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने बनी कमेटी, सीएम साय बनाए गए अध्यक्ष
रायपुर- छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों के लिए खुशखबरी है. उत्कृष्ट खिलाड़ियों को शासकीय नौकरी में नियुक्ति देने कमेटी गठित की गई है, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय हैं. वन मंत्री केदार कश्यप और खेल मंत्री टंक राम वर्मा समेत सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी और खेल युवा कल्याण विभाग के अधिकारी को सदस्य, सचिव बनाए गए हैं. इसका आदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने जारी किया है.

बता दें कि 2015 से उत्कृष्ठ खिलाड़ियों को शासकीय नौकरी नहीं मिली है. पिछले 9 साल से ये खिलाड़ी नौकरी की मांग को लेकर मुख्यमंत्री, राज्यपाल, खेल मंत्री, और खेल विभाग के चक्कर लगा रहे हैं. अब इसके लिए कमेटी गठित की गई है. सीएम हाउस में कमेटी की बैठक के बाद खिलाड़ियों की नियुक्ति होगी.

पिछली सरकार में कई बार खिलाड़ियों ने नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. बता दें कि 29 अगस्त को खेल अलंकरण समारोह का आयोजन किया जाएगा. इससे पहले कई बार खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री साय और खेल मंत्री टंक राम वर्मा को शासकीय नौकरी देने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है.

199 खिलाड़ियों की जारी हो सकती है सूची
मिली जानकारी के अनुसार कमेटी की बैठक में लगभग 199 खिलाड़ियों की सूची जारी हो सकती है. सरकार के ओर से अनुमोदन होने के बाद राज्य शासन के अधीनस्थ किसी विभाग में उत्कृष्ठ खिलाड़ियों को नौकरी दी जाएगी. इस मामले में मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा, उत्कृष्ट खिलाड़ियों की घोषणा जल्द होगी. इन खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने कमेटी गठित हुई है.
हाईकोर्ट ने भाटिया वाइंस को लगाई फटकार, कहा – क्या लोगों को जहर पिलाओगे, अब 23 को होगी अगली सुनवाई

बिलासपुर- भाटिया वाइंस को लेकर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताई है. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर कोर्ट हस्तक्षेप ना करे तो क्या लोगों को जहर पिलाएंगे. लोगों के जानमाल की चिंता भी है या नहीं. अब मामले की सुनवाई 23 सितंबर को होगी.

बता दें कि मुंगेली जिले के धूमा स्थित भाटिया वाइंस से निकलने वाले प्रदूषित पानी की वजह से शिवनाथ नदी में हजारों मछलियों की मौत हो गई थी. मीडिया की खबर पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया. जनहित याचिका के रूप सुनवाई की जा रही है. मामले की सुनवाई के दौरान 30 जुलाई 2024 को पर्यावरण संरक्षण मंडल ने हाईकोर्ट को बताया कि जांच के लिए हाई पॉवर कमेटी बनाई गई है.

13 अगस्त को बोर्ड ने बताया कि 22 और 23 जुलाई को फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया था. फैक्ट्री में शर्तों का उल्लंघन करना पाया गया है. जांच में यह भी पाया गया है कि जहां फैक्ट्री का जहरीला पानी छोड़ा जा रहा था वहां ऑक्सीजन का स्तर शून्य था. इस पर क्षेत्रीय कार्यालय ने 8 लाख 70 हजार रुपए जुर्माना लगाया और खामियों को दूर करने कहा. इधर भाटिया वाइंस ने सुनवाई के दौरान बताया कि पेनाल्टी जमा कर कमियां दूर कर ली गई है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डीविजन बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि नियमों के अनुसार फैक्ट्री खोलने पर उचित आदेश जारी करने के लिए पर्यावरण प्रदूषण मंडल स्वतंत्र है.