दरअसल, बीते दिन 22 अगस्त को यह खबर आई की राजधानी में लाइट मेट्रो ट्रेन जैसी आधुनिक सुविधाओं को लेकर रायपुर नगर निगम के मेयर एजाज़ ढेबर ने मास्को सरकार के साथ रायपुर शहर में लाइट मेट्रो रेल के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो मास्को में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय परिवहन शिखर सम्मेलन 2024 के दौरान हुआ था.
मेयर ढेबर की विदेश यात्रा पूरी तरह व्यक्तिगत थी : विधायक राजेश मूणत
उन्होंने मेयर ऐजाज ढेबर के विदेश यात्रा के संबंध में कहा किमेयर ढेबर मास्को (रूस) में जिस परिवहन विकास विभाग की बैठक में हिस्सा लेने की बात कह रहे हैं, उसका निमंत्रण मास्को शहर के डिप्टी मेयर ने दिया था, न कि वहां की सरकार ने. मेयर ढेबर की यह यात्रा व्यक्तिगत है, जिसका पूरा खर्च वही उठा रहे हैं. राज्य सरकार से इसकी कोई अनुमति नहीं ली गई है, मेयर ढेबर सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं, इसलिए यह सरकारी यात्रा भी नहीं है.
आगामी चुनाव के लिए सब्जबाग जमाने की कोशिश कर रहे मेयर : विधायक राजेश मूणत
आरोप लगाते हुए कहा कि रायपुर समेत प्रदेश में जल्दी ही नगरीय निकाय के चुनाव होने वाले हैं। मेयर ढेबर ने कथित तौर पर लोगों को यह सब्जबाग दिखाने की कोशिश की है. जो कुछ भी मेयर इस यात्रा में कर रहे हैं, वह पूरी तरह से उनके व्यक्तिगत क्षमता में किया जा रहा है. इसलिए कोई भी समझौता या MOU, जिसे वे हस्ताक्षरित करते हैं, उसे RMC द्वारा हस्ताक्षरित नहीं माना जा सकता है.
सरकार से इस MOU पर जल्द की जाएगी चर्चा : ऐजाज ढेबर
इस मामले को लेकर महापौर ऐजाज ढेबर ने बातचीत में कहा कि ऐसे MOU सरकार के माध्यम से ही होते है, इस बात की जानकारी मुझे है. उन्होंने कहा मॉस्को के समिट और मेट्रो रेल की जानकारी फरवरी के सामान्य सभा में 15 मिन के भाषण के दौरान पार्षदों को जानकारी दी गई है. इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट समिट में शामिल होकर रायपुर में लाइट मेट्रो रेल के लिए मैंने कंसेंट दिया है और मॉस्को दौरे से लौटकर सरकार से इस MOU पर चर्चा भी जल्द की जाएगी.
वहीं नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने महापौर ऐजाज ढेबर पर निगम की छवि धूमिल करने और जनता को धोखे में रखने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि शहर के प्रथम नागरिक होने के नाते यह उनकी जिम्मेदारी है, कि कोई भी बात उन्हें तथ्यात्मक रूप से रखनी चाहिए. अपने निजी यात्रा दौरान की कई कार्यों को आधिकारिक बताना, शहर की जनता के साथ धोखा करने जैसा है.
इस पूरे मामले को लेकर पूर्व सांसद सुनील सोनी ने कहा कि मैं दो बार रायपुर का महापौर रह चुका हूं. यह योजना सैकड़ों करोड़ की है. कोई महापौर दूसरे देश जाकर स्वयं कैसे MOU साइन कर सकता है, क्योंकि उसके अंदर राज्य सरकार की भागीदारी होनी आवश्यक है. निगम एक लोकल गवर्नमेंट है, जो अन्तर्राष्ट्रीय MOU नहीं कर सकती.
Aug 23 2024, 20:23