रोड एक्सीडेंट में लहूलुहान लोगों को पहुंचाया अस्पताल, SSP ने 4 नेक व्यक्तियों का किया सम्मान

रायपुर- राजधानी रायपुर की पुलिस ने 4 गुड सेमेरिटन (नेक व्यक्तियों) को सम्मानित किया है। इन व्यक्तियों ने अलग-अलग सड़क हादसे में घायलों की मदद की थी। 112 को फोन कर इन्हें अस्पताल पहुंचाया था। SSP संतोष सिंह ने शहर के प्रमुख चौक-चौराहों में इनके फोटो लगवाने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल, सड़क हादसे में कमी लाने और घायलों को तुरंत इलाज उपलब्ध करवाने वाले व्यक्तियों को उच्चतम न्यायालय ने गुड सेमेरिटन अर्थात नेक व्यक्ति की संज्ञा दी है। साथ ही इन्हें मोटिवेट कर इनाम देने के लिए भी निर्देशित किया है।

रायपुर के 4 गुड सेमेरिटन ने की इस तरह मदद

- तिलक धृतलहरे पिता राधेलाल धृतलहरे मंदिर हसौद के निवासी है। उन्होंने 14 जुलाई को सड़क में एक्सीडेंट से घायल एक व्यक्ति को देखा तो उन्होंने फौरन 112 को फोन कर सूचना दी और अस्पताल भेज कर घायल की जान बचाई।

- धर्मेंद्र सिंह नेगी पिता हयात सिंह नेगी अशोका रतन, थाना खम्हारडीह निवासी हैं। 30 जुलाई को शंकर नगर ब्रिज के नीचे एक व्यक्ति घायल था। उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। जिसके बाद व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया गया और उसकी जान बच गई।

- हेमंत देवांगन पिता संतोष देवांगन ग्राम तर्री थाना गोबरा नवापारा ने 3 जुलाई को अपने काम में जा रहे थे। तभी भुरका मोड़ के पास एक्सीडेंट में घायल हुए आदमी को इन्होंने अस्पताल पहुंचाया था।

- अनूप साहू पिता श्बसंत साहू ग्राम भेन्ड्री, थाना गोबरा नवापारा के निवासी है। भुरका मोड के पास सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तत्काल डायल 112 को फोन कर एम्बुलेंस बुलाकर घायल व्यक्ति को उपचार हेतु हास्पिटल भेजकर जान बचाई थी।

हर साल औसतन डेढ़ लाख की मौत

बता दें कि, भारत में हर साल सड़क दुर्घटना में लगभग डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है। जिसका बड़ा कारण घायलों को जल्द मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध नहीं होना है। सड़क दुर्घटना के दौरान 30 मिनट का समय गोल्डन आवर कहलाता है। इस दौरान अगर घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचा दिया जाए या फिर उसे मेडिकल सहायता मिल जाए, तो जान बच सकती है।

हालांकि अधिकांश रोड एक्सीडेंट में लोग सोचते हैं कि बार-बार पेशी में जाना पड़ेगा। पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा, जिससे परेशानी होगी। ये सोचकर वे मोबाइल फोन से फोटो-वीडियो बना लेते हैं, लेकिन घायल की जान बचाने के लिए कोई उपाय नहीं करते। इससे घायल तड़प-तड़प कर सड़क पर ही दम तोड़ देता है।

लंबे समय से ड्यूटी से नदारद था कर्मचारी, कलेक्टर ने किया बर्खास्त
बिलासपुर- लंबे समय से ड्यूटी से नदारद कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया है। कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त संचालक ने यह आदेश जारी किया है।
पशुधन विकास विभाग में परिचारक के पद पर कार्यरत संजय कुमार यादव को कलेक्टर के निर्देश के बाद बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्त कर्मचारी बिल्हा ब्लॉक के पशु औषधालय पासीद में पदस्थ था। परिचारक संजय कुमार यादव बिना अनुमति के 17 दिसंबर 2019 से कार्यालय से अनुपस्थित था। इस पर कार्रवाई करते हुए पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त संचालक ने कलेक्टर के निर्देश पर बर्खास्त करने का आदेश जारी किया।
देखें आदेश
 
लोक शिक्षण संचालनालय में होगी प्राचार्य और अन्य पदों पर पदोन्नति पर दावा आपत्ति की जांच, अधिकारियों की लगी ड्यूटी
रायपुर- लोक शिक्षण संचालनालय में प्राचार्य और अन्य पदों पर पदोन्नति की कार्रवाई तथा समयमान वेतनमान संबंधी व वरिष्ठता सूची में दावा आपत्ति का निराकरण किया जाएगा। दावा आपत्ति की जांच के लिए अधिकारी/कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

देखें आदेश…

मुख्यमंत्री कल लेंगे पुलिस विभाग की बैठक

रायपुर- मुख्यमंत्री कल पुलिस विभाग की अहम बैठक लेंगे। सुबह 11.30 बजे मुख्यमंत्री नया रायपुर के पुलिस मुख्यालय पहुंचेंगे और पुलिस विभाग की बैठक लेंगे। माना जा रहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री की 24 जुलाई को होने वाली बैठक के पूर्व मुख्यमंत्री विभाग की समीक्षा करेंगें। तय कार्यक्रम के मुताबिक 11.30 बजे मुख्यमंत्री पुलिस मुख्यालय पहुंचेंगे और वहां करीब 1 बजे पर पुलिस विभाग की बैठक लेंगे।

मुख्यमंत्री पुलिस मुख्यालय में बैठक के बाद 1.30 बजे मंत्रालय पहुंचे और करीब शाम 5 बजे तक मंत्रालय में ही मौजूद रहेंगे। माना जा रहा कि विभागीय अधिकारियों से इस दौरान राज्य सरकार की अलग-अलग योजनाओं की फीडबैक लेंगे।

मुख्यमंत्री का कल राज्यपाल से भी मिलने का कार्यक्रम है। मुख्यमंत्री रात करीब 8 बजे राजभवन पहुंचेंगे और राज्यभवन में रात 9 बजे तक रहेंगे।

मंत्री दयाल दास बघेल ने विधायक देवेंद्र यादव पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- MLA ने शांति ध्वज का किया अपमान, समाज नहीं करेगा बर्दाश्त
रायपुर- बलौदा बाजार हिंसा के मामले में विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश में सियासत गरमा गई है. खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने आज प्रेस वार्ता कर दौरान देवेंद्र यादव पर निशाना साधा. मंत्री दयालदास बघेल ने देवेंद्र यादव पर भड़काऊ बयान देने, भिलाई से असामाजिक तत्वों को हिंसा के लिए बलौदा बाजार ले जाने, सतनामी समाज के शांति ध्वज को अपमानित करने और जनता को आंदोलन में आक्रोशित करने का आरोप लगाया है.


प्रेस वार्ता में मंत्री बघेल ने विधायक देवेंद्र यादव की बलौदा बाजार घटना के पहले विरोध प्रदर्शन में शामिल होने और उनकी गिरफ्तारी का वीडियो दिखाते हुए कहा कि बलौदा बाजार हिंसा की घटना दुखद है. अमर गुफा में जैतखाम के क्षतिग्रस्त होने पर सतनामी समाज लगातार न्यायिक जांच की मांग करती रही, जिसके बाद गृह मंत्री द्वारा न्यायिक जांच की घोषणा की गई. लेकिन घोषणा के बाद सतनामी समाज की तरफ से शांति ढंग से कलेक्टर को ज्ञापन सौंप न चाह रहे थे लेकिन वहां भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव भिलाई से कुछ असामाजिक तत्वों को लेकर वहां पहुंच गये. और मंच पर चढ़ने का प्रयास किया. हालांकि सतनामी समाज ने उनको मंच पर चढ़ने से रोका. लेकिन इसके बाद वे मंच के नीचे ही बैठकर लोगों को

उकसाने और उत्तेजित करने का काम करते रहे. जिस वक्त समाज शांति ढंग से ज्ञापन सौंपने जा रहे थे, उसी दौरान विधायक यादव के समर्थकों ने हिंसा और आगजनी को अंजाम दिया.

मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि सतनामी समाज शांतिप्रिय समाज है. कभी दंगा फसाद पसंद नहीं करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जब पुलिस विधायक देवेंद्र यादव को गिरफ्तार करने गई, तब देवेंद्र यादव ने झंडा और संविधान रखा था और सतनामी समाज के ध्वज के ऊपर खड़ा होकर समाज को अपमानित किया.

मंत्री बघेल ने आगे कहा कि देवेंद्र यादव की करतूत की वजह से कई लोग जेल में है. कांग्रेस पार्टी जब चुनाव हारती है तो बौखला जाती है. देवेंद्र यादव जैसे विधायकों को पार्टी टूलकिट की तरह उपयोग करती है. इन पर ऐसे प्रकरण हैं जिसे चाह कर भी भूपेश बघेल अपनी सरकार के दौरान हटा नहीं पाये. सतनामी समाज ने जब नग्न प्रदर्शन किया तब भूपेश बघेल की सरकार ने क्या किया .

खाद्य मंत्री ने जानकारी दी कि सनम जांगड़े की अध्यक्षता में कमेटी का गठन हुआ है, उन्होंने मांग की है कि निर्दोषों को रिहा किया जाए, जिस दल पर विचार किया जा रहा है.

बीजेपी द्वारा अब तक जो भी आरोप लगाये गये हैं, कोर्ट भी उन्हें जमानत नहीं दे रहा है. कोर्ट में भी सिद्ध हो रहा है, कि यह सब समाज को कलंकित करने का काम देवेंद्र यादव कर रहे हैं. निश्चित रूप से सतनामी समाज ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा.
आईएएस अफसरों के प्रभार में बदलाव, दो IAS को मिला एडिश्नल चार्ज, दो को नयी पोस्टिंग

रायपुर-   राज्य सरकार ने IAS अफसरों के प्रभार में बदलाव किया गया है। जहां दो IAS अफसरों को एडिश्नल चार्ज दिया गया है, तो वहीं दो आईएएस अधिकारियों को नई पोस्टिंग मिली है। 2022 बैच की IAS नम्रता चौबे को सरायपाली का एसडीएम बनाया गया है। वही प्रखर चंद्राकर सारंगढ़ के अनुविभागीय अधिकारी होंगे। अभी नम्रता चौबे सहायक कलेक्टर बलौदा बाजार के पद पर पदस्थ है,  वहीं प्रखर चंद्राकर कांकेर में सहायक कलेक्टर है। दोनों आईएएस अधिकारियों की परीवीक्षा अवधि खत्म होने के बाद नई पदस्थापना दी गई है।

2012 बैच के IAS अभिजीत सिंह को चिकित्सा शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव का एडिशनल चार्ज दिया गया है। वो संयुक्त सचिव गृह एवं जेल विभाग के साथ-साथ अब संयुक्त सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग का भी जिम्मा संभालेंगे। वहीं चिप्स के सीईओ प्रभात मलिक को संयुक्त सचिव इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का एडिशनल प्रभार संभालेंगे।

दो जिलों में प्रभारी सचिव की नियुक्ति, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश
रायपुर- छत्तीसगढ़ के दो जिलों में राज्य सरकार ने प्रभारी सचिवों की नियुक्ति की है. आईएएस राजेश सिंह राणा को सारंगढ़-बिलाईगढ़ और शिखा राजपूत तिवारी को खैरागढ़, छुईखदान, गंडई जिले की जिम्मेदारी दी गई है. इसका आदेश आज सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया है.
उग्र आंदोलन की चेतावनी : विधायक देवेंद्र यादव की रिहाई की मांग को लेकर यादव समाज ने खोला मोर्चा, प्रदेश के सभी जिलों में करेंगे प्रदर्शन

बिलासपुर- भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी को लेकर यादव समाज ने विरोध किया है। इस संबंध में मंगलवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में जिला यादव समाज के पदाधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस ली। इसमें भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी को लेकर जमकर विरोध किया गया। यादव समाज के लोगों ने विधायक देवेंद्र यादव की निशर्त रिहाई की मांग की। मांग पूरी नहीं होने पर प्रदेश के सभी जिलों में धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

जिला बिलासपुर यादव समाज के अध्यक्ष अमित यादव और संयोजक हीरा यादव ने कहा कि देवेंद्र यादव विघटनकारी तत्वों के साथ कभी खड़े नहीं हुए हैं। सतनामी समाज के आमंत्रण पर बलोदा बाजार जाकर उन्होंने उनके धरना प्रदर्शन में अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर उनके हितों के लिए संघर्ष किया था। उनके वहां से जाने के बाद विघटनकारी तत्वों ने वहां उत्पाद मचाया, जिसमें विधायक देवेंद्र यादव की कोई भूमिका नहीं थी। राजनीतिक विरोधियों के कारण लोगों ने कांग्रेस विधायक को इस केस में फंसा दिया है।

यादव समाज के लोगों ने विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए। अगर उन्हें निशर्त रिहा नहीं किया गया तो ऐसी स्थिति में प्रदेश के सभी जिलों में समाज की ओर से धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

राज्य सहकारी विकास समिति की बैठक सम्पन्न

रायपुर-   मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में राज्य सहकारी विकास समिति की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्पन्न हुई। बैठक में सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार की सहकार से समृद्धि की परिकल्पना के अंतर्गत सहकारिता के क्षेत्र में संचालित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य में सहकारिता के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई। कृषि, मत्स्य पालन, वन सहित अन्य विभागों के अंतर्गत सहकारी समितियों के माध्यम से कार्य किए जा रहे है। मुख्य सचिव ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि सहकारिता क्षेत्र के अंतर्गत काम करने वाले सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि सहकारी समितियों के अंतर्गत निर्मित गोदामों का उपयोग सुनिश्चित किया जाए।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की आमदनी में इजाफा के लिए भारत सरकार द्वारा इन समितियों को कई नये काम दिए जा रहे है। जिसमें जन औषधी केन्द्र, कामन सर्विस सेंटर, पेट्रोल पंप संचालन, गैस ऐजेंसी का संचालन इत्यादि शामिल हैं। वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग से आयोजित इस बैठक में सहकारिता विभाग के सचिव सी.आर. प्रसन्ना, कृषि विभाग की सचिव शहला निगार, संचालक पशुधन विकास विभाग डॉ. प्रियंका शुक्ला, विशेष सचिव वित्त शीतल शाश्वत वर्मा सहित सहकारिता एवं कृषि विभाग के अधिकारी शामिल हुए।

शराब घोटाले के सभी आरोपियों की याचिका हाई कोर्ट ने की खारिज, ईडी और एसीबी-ईओडब्ल्यू के एफआईआर को दी थी चुनौती…
बिलासपुर- बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार आरोपियों द्वारा दायर याचिकाओं पर आज फैसला सुनाते हुए उच्च न्यायालय ने सभी 13 याचिकाओं को खारिज कर दिया है. उच्च न्यायालय ने अंतरिम राहत का पूर्व आदेश भी रद्द कर दिया है. उच्च न्यायालय ने माना है कि सबूतों के आधार पर ही ईडी और एसीबी-ईओडब्ल्यू द्वारा एफआईआर दर्ज की गई है. 


शराब घोटाले को लेकर एसीबी और ईओडब्ल्यू द्वारा पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा, अनवर ढेबर, विधु गुप्ता, निदेश पुरोहित, निरंजन दास और एपी त्रिपाठी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. सभी आरोपियों ने अपने खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को निरस्त कराने उच्च न्यायालय में अलग-अलग याचिका दायर की थी. उच्च न्यायालय ने विगत 10 जुलाई को सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज फैसला आया है.

उच्च न्यायालय में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की बेंच ने इन याचिकाओं की सुनवाई की थी. राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक शर्मा ने जिरह किया था. उच्च न्यायालय में छह याचिकाएं ईडी के खिलाफ और सात याचिकाएं ईओडब्ल्यू-एसीबी के खिलाफ दायर थीं. इन याचिकाओं में शराब घोटाले के मामले में ईडी द्वारा पुनः की जा रही कार्यवाही और ईओडब्ल्यू-एसीबी की ओर से दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए उन्हें खारिज करने की याचना की गई थी.

इनमें से एक याचिका की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने अनिल टुटेजा को अंतरिम राहत प्रदान की थी, जिसे अब रद्द कर दिया गया है. अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक शर्मा के मुताबिक, कांग्रेस सरकार में अनवर ढेबर ने अपनी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए एपी त्रिपाठी को सीएसएमसीएल (CSMCL) का एमडी नियुक्त कराया था. इसके बाद अधिकारी, कारोबारी और राजनीतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के जरिए 2161 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया.

छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच कर रही ईडी ने एसीबी में एफआईआर दर्ज कराई है. दर्ज एफआईआर में दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है. ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था. एसीबी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई थी, जिससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है.

शराब घोटाले की जांच करते हुए ईडी ने सबसे पहले मई के शुरुआती सप्ताह में अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया. ईडी के मुताबिक अनवर ढेबर ने साल 2019 से 2022 तक दो हजार करोड़ रुपए का अवैध धन शराब के काम से पैदा किया. इसे दुबई में अपने साथी विकास अग्रवाल के जरिए खपाया. ईडी की ओर से यह बड़ी बात कही गई कि अनवर ने अपने साथ जुड़े लोगों को परसेंटेज के मुताबिक पैसे बांटे और बाकी की बड़ी रकम अपने राजनीतिक आकाओं को दी है. इसके बाद इस मामले में आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी, कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन, नितेश पुरोहित, अरविंद सिंह को भी पकड़ा गया था.

उत्तरप्रदेश एसटीएफ (STF) की पूछताछ में अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी ने बताया है कि इस घोटाले की सबसे बड़ी बेनिफिशियरी शराब निर्माता कंपनियां थीं. नोएडा स्थित विधु की कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्युरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को होलोग्राम बनाने का टेंडर मिला था. उसी से डुप्लीकेट होलोग्राम बनाकर डिस्टिलरीज को भेजा जाता था. वहां से अवैध शराब पर इन होलोग्राम को लगाया जाता था.

ईडी और ईओडब्ल्यू ने संलिप्त डिस्टिलरीज के संचालकों और उनसे संबंधित लोगों को भी आरोपी बनाया है. हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. उच्च न्यायालय के आज के फैसले के बाद उम्मीद की जा रही है कि नकली होलोग्राम मामले में अब शराब निर्माता कंपनियों पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है.