बलौदाबाजार हिंसा: 3 दिनों तक जेल में रहेंगे कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, कोर्ट ने सुनवाई के बाद न्यायिक रिमांड पर भेजा

बलौदाबाजार- बलौदाबाजार हिंसा मामले में गिरफ्तार कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को न्यायालय ने 3 दिनों की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस की मांग पर और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने यह आदेश जारी किया।

जानकारी के मुताबिक देवेंद्र यादव को रायपुर के जिला जेल में रखा जाएगा और पुलिस उन्हें रायपुर के लिए रवाना कर चुकी है। उन्हें तीन दिन की रिमांड पर रायपुर जेल में रखा जाएगा। इस मामले में आगे की सुनवाई और कानूनी प्रक्रियाओं की दिशा पर भी नजर रखी जाएगी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता हर्षवर्धन परगनिहा ने मीडिया को बताया कि उनके मुवक्किल को न्यायिक रिमांड पर भेजने का आदेश आया है और इस पर वे आगे की कानूनी कार्यवाही करेंगे।

विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी: पूर्व सीएम बघेल बोले- कांग्रेस नेताओं को फंसाने की हो रही साजिश
रायपुर- पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेताओं को फंसाने की साजिश हो रही है। पुलिस को राजनीतिक दबाव में आकर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। भाजपा से जुड़े एक भी नेता से पूछताछ नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पूर्व विधायक सनम जांगड़े से पूछताछ क्यों नहीं हुई है।


पूर्व सीएम बघेल ने कहा कि विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी का कांग्रेस पुरजोर विरोध करती है। इस मामले में विधिक सलाह लेंगे और राजनीतिक कदम भी उठाएंगे।

बता दें कि बलौदाबाजार आगजनी-हिंसा मामले में नोटिस की तामीली नहीं करने पर बलौदाबाजार पुलिस ने आज कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को गिरफ्तार किया। विधायक यादव पर बलौदाबाजार में हिंसा भड़काने का आरोप लगा है। विधायक के गिरफ्तारी का विरोध करने सैकड़ों की संख्या में जुटे कांग्रेस कार्यकर्ता नारेबाजी करते नजर आए। गिरफ्तारी से पहले कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने कार के ऊपर चढ़कर सीना ठोककर और सतनाम का झंडा लहराया। इस दौरान संविधान की किताब भी लहराते हुए अपने समर्थकों का आभार जताया। साथ ही कहा कि हम लड़ेंगे और जीतेंगे।

दरअसल, सतनामी समाज के प्रदर्शन के दौरान 10 जून को बलौदाबाजार जिले के कलक्ट्रेट परिसर में आगजनी की घटना हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने 150 से अधिक दोपहिया और 10 चार पहिया वाहनों को आग के हवाले किया था। कलेक्टर और एसपी कार्यालय में कई दस्तावेज जलकर खाक हुए थे।
हेल्पिंग हैंड्स क्लब ने पुलिस कर्मियों के साथ मनाया ‘राखी विथ रक्षक’, SSP सहित जवान हुए शामिल

रायुपर-  सामाज सेवी संस्था हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन की तरफ से आज 17 अगस्त को पुलिस लाइन में प्री राखी इवेंट ‘राखी विथ रक्षक’ का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बटालियन, पीटीएस, पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, जीआरपीएफ सभी को आमंत्रित किया गया. पूरे प्रदेश से हेल्पिंग हैंड्स की बहनों ने रायपुर पहुंचकर देश के रक्षक भाइयों को तिलक लगाया और आरती कर रक्षा सूत्र बांधा. इस मौके पर हेल्पिंग हैंड्स द्वारा संस्कृति प्रोग्राम भी रखा गया.

वहीं हेल्पिंग हैंड्स के संरक्षक मनोज गोयल और उपाध्यक्ष उदित अग्रवाल ने बताया की पूरी टीम पिछले 1 महीने से इस आयोजन की तैयारी में लगी थी. उन्होंने कहा हमारी रक्षा हेतु तीज त्योहारों में भी हमारे सैनिक और पुलिस भाई घर नहीं जा पाते इसलिए उनके सम्मान में उनके साथ हमारी महिला विंग की बहने पूरे प्रदेश से आकर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया.

इस आयोजन में आईजी संज्ञा शर्मा, रायपुर एसएसपी संतोष सिंह, डीएसपी गुरजीत सिंह सहित बड़ी संख्या में पुलिस ने हिस्सा लिया. एसएसपी संतोष सिंह ने कार्यक्रम को लेकर कहा की पुलिस अमला हर त्योहार में, हर समय हमारी सुरक्षा के लिए तत्पर रहते है. समाज का हित और उसकी रक्षा ही हमारा उद्देश्य होता है.एसएसपी संतोष सिंह ने बताया कि इस आयोजन में ऐसे लोगों को सम्मानित किया गया जो अपनी जान पर खेल कर दूसरों को बचाते है साथ ही संगठन के लोगों का भी सम्मान किया गाया. पुलिस भी इससे उत्साहित है कि समाज का एक संगठन उनके साथ आकर रखी सेलिब्रेट कर रही है.

हेल्पिंग हैंड्स क्लब के कार्यक्रम का रमेश अग्रवाल ,सुधीर अग्रवाल, रजत अग्रवाल, शारदा अग्रवाल, अध्यक्ष भारती मोदी, सचिव बबिता अग्रवाल सहित समस्त क्लब के सदस्यों ने मिलकर सफल आयोजन किया.

120 फीट ऊंचे शिवलिंग का हुआ महाभिषेक

राजनांदगांव- सावन के पवित्र माह में राजनांदगांव की धरती पर एक अद्वितीय धार्मिक आयोजन देखने को मिला। यहां मां पाताल भैरवी के प्रांगण में बर्फानी सेवाश्रम समिति और राष्ट्रीय उत्सव समिति द्वारा एशिया के सबसे ऊंचे 120 फीट शिवलिंग का भव्य महाअभिषेक किया गया। इस विशाल शिवलिंग के अभिषेक के लिए एक 500 फीट ऊंची क्रेन को बुलाया गया था, जिसकी सहायता से विशेष रूप से बने गए एक विशाल कलश को क्रेन के माध्यम से मंदिर के ऊपर ले जाकर अभिषेक किया गया। इस नज़ारे को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर प्रांगड़ में मौजूद थी।

रात्रि 8 बजे शुरू हुए इस महाअभिषेक में विशाल कलश को क्रेन के माध्यम से मंदिर के ऊपर ले जाकर अभिषेक किया गया। इस मौके पर एक लाख लीटर से अधिक पानी और 6 हजार लीटर दूध से शिवलिंग का अभिषेक किया गया। इसके अतिरिक्त, शिवलिंग पर कनेर, धतूरा और अन्य प्रकार के फूलों से पुष्पवर्षा भी की गई। अंत मे शिवलिंग पर लेजर लाइटिंग के माध्य से शिव की आकृति बनाई गई, और लेजर शो किया गया। आयोजनकर्ता द्वारा डीजे साउंड सिस्टम की व्यवस्था भी की गई थी, इस दौरान शिव के भक्ति गीतों पर शिव भक्त थिरकते नजर आए। भक्तों ने श्रद्धा और उत्साह के साथ इस आयोजन में भाग लिया।

महाअभिषेक के दौरान, बर्फानी आश्रम के 11 पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण किया गया, और जैसे ही क्रेन से जल और दूध से भरे कलश को चढ़ाया गया, भक्त “बोल बम” और “हर हर महादेव” के नारे लगाते हुए झूम उठे। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष देर रात तक इस आयोजन के साक्षी बने।

पर्यावरण सुरक्षा के लिए पहल : 18 अगस्त से नंदनवन जंगल सफारी होगा प्लास्टिक फ्री

रायपुर-     जंगल सफारी को पूर्ण रूप से प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए वन मंत्री केदार कश्यप के निर्देश और प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्रानी सुधीर अग्रवाल के मार्गदर्शन में पर्यावरण संरक्षण के लिए जंगल सफारी प्रबंधन ने अहम कदम उठाया है।

जंगल सफारी के निदेशक धम्मशिल गणवीर ने बताया कि अब से जंगल सफारी में आगंतुकों को प्लास्टिक अंदर ले जाने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही सफारी में प्लास्टिक पैकेजिंग वाले उत्पादों की बिक्री भी प्रतिबंधित होगी। प्लास्टिक के कारण पर्यावरण पर होने वाले दुष्परिणामों के बारे में सतत रूप से पर्यटको को जागरूक किया जा रहा है और जलवायु परिवर्तन के उपायों अन्तर्गत रिसाइकल, रियूज, रिड्यूस के साथ पर्यावरण अनुकूल जीवन पद्धति को आत्मसात् करने पर्यटकों को अवगत कराया जा रहा है। प्लास्टिक के बेतहाशा उपयोग से पर्यावरण को छति पहुँच रही है शासन द्वारा भी प्लास्टिक के उपयोग को लगातार हतोत्साहित की जा रही है।

आम नागरिको के लिए मंगलवार से रविवार तक सुबह 9 बजे से सायं 4 बजे तक खुला रहेगा

नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी मे आम नागरिक मंगलवार से रविवार तक प्रतिदिन सुबह 9 बजे से सायं 4 बजे तक भ्रमण कर सकते है। जंगल सफारी सोमवार को आम नागरिकों के लिए बंद रहेगा।

राष्‍ट्रीय मधुमक्‍खी दिवस : जंगल सफारी में विद्यार्थियों ने किया भ्रमण

रायपुर-  नंदनवन जू एवं जंगल सफारी, नवा रायपुर में राष्‍ट्रीय मधुमक्‍खी दिवस के अवसर पर "पोलिंनेटर्स प्यूपल एंड प्लेनेट कंसर्वे टुडे फॉर सस्टेनबल टुमारो " थीम पर आधारित शैक्षणिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ।

कार्यक्रम में मानव जीवन में मधुमक्खियों की महत्वपूर्ण भूमिका से प्रतिभागियों को अवगत कराया गया। कार्यक्रम में नवा रायपुर के हायर सेकंडरी स्कूल राखी के 53 छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया। प्रतिभागियों को मधुमक्खियों के बारे में प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रदान की गई । मधुमक्खियों की पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ और जैव विविधता पर उनका प्रभाव,भारत में पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की मधुमक्खियाँ की प्रजापति और उनकी विशेषताएँ, मधुमक्खी पालन, मधुमक्खियों के जीवन चक्र आदि के बारे में विस्तार से बताया गया। छात्रों ने अत्यधिक रुचि और उत्साह के साथ भाग लिया और प्रश्न पूछ कर अपनी जिज्ञासा भी व्यक्त की कार्यक्रम में जंगल सफारी की ओर से अधिकारीगण चंद्रमणी साहू , हिमांशु प्रधान, और उपेंद्र साहू शामिल हुए।

जंगल सफारी के संचालक धम्मशील गणवीर ने बताया कि नंदनवन जू एवं जंगल सफारी द्वारा वन मंत्री केदार कश्यप के दिशा निर्देशानुसार वन्यजीव और पर्यावरण संरक्षण मुद्दों पर विभिन्न मोड्यूल तैयार कर स्कूली विद्यार्थियों को पर्यावरण और प्रकृति के प्रति जागरूक करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे है।

फसलों पर जीवित जीवों के हानिकारक प्रभाव को कम करने की दिशा में बेहतर काम कर रहा है राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान: डॉ. रमन सिंह

रायपुर-    छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज राजधानी रायपुर के समीप ग्राम बरौंडा में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान द्वारा आयोजित लाभार्थी किसान सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल हुए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह सहित अतिथियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर ’एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत प्रबंधन संस्थान परिसर में रूद्राक्ष का पौधा रोपण किया। डॉ सिंह ने इस दौरान प्रतीक स्वरूप पांच किसानों को कृषि यंत्र पावर रिपर, तेलघानी यंत्र, स्पेयर पंप का वितरण किया।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने लाभार्थी किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान साथी जैविक तनाव या बायोटिक स्ट्रेस जैसी गंभीर परिस्थिति से निपटने के लिए रणनीति बनाकर आधुनिक तकनीक के माध्यम से बेहतर कार्य कर रहे हैं। जैविक तनाव से तात्पर्य पौधे पर जीवित जीवों के हानिकारक प्रभाव से है, जिसमें कीड़े, कवक, बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगजनक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कृषि में जैविक तनावों पर बुनियादी, रणनीतिक और अनुकूल अनुसंधान के माध्यम से छत्तीसगढ़ की भूमि से अधिक से अधिक अन्न उपार्जित कर प्रदेश में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कर पायें इस उद्देश्य से 7 अक्टूबर, 2012 को इस संस्थान की यहां आधारशिला रखी गई थी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संस्थान को 28 सितंबर 2021 को राष्ट्र को समर्पित किया था। तब से लेकर अब तक इस संस्थान ने कई अनुसंधान किये, कृषि जगत में निरंतर छत्तीसगढ़ के किसानों की बेहतर फसल के लिए काम किये और ढेरों उपलब्धियां अर्जित की हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि देश में जैविक स्ट्रेस से सालाना लगभग 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपये की कृषि उपज का नुकसान होता है।

भारत में जैविक स्ट्रैस के कारण सभी वस्तुओं में 30-35 प्रतिशत नुकसान होता है, वैश्विक स्तर पर, कीटों के कारण फसल उत्पादन का 10 से 28 प्रतिशत तक नुकसान होता है। एक ओर जहाँ अन्न के आभाव में बहुत सारे देश भुखमरी की स्थिति से गुजर रहे हैं तब दूसरी तरफ इतनी बड़ी संख्या में फसलों का नुकसान यह दिखाता है कि जैविक तनाव कृषि के लिए कितनी बड़ी समस्या है। इस समस्या के समाधान के लिए इस संस्थान द्वारा रणनीति बनाकर और तकनीकी रूप से बेहतर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संस्थान द्वारा अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत कुल 3966 कृषक परिवारों और जनजातीय उप-योजना के तहत कुल 3324 कृषक परिवारों को शामिल किया गया है। प्रदेश के 13 जिलों जशपुर, रायगढ़, कांकेर, राजनांदगांव, बस्तर, महासमुंद, गरियाबंद, कोरबा, सरगुजा, धमतरी, बलौदाबाजार- भाटापारा, दुर्ग और रायपुर अंतर्गत कुल 333 गांवों को परियोजनाओं का लाभ दिया गया है। उन्होंने संस्थान द्वारा किसानों को समर्थन प्रदान करने के साथ ही अनुसंधान और युवाओं को कृषि के प्रति सजग बनाने की दिशा में किये जा रहे कार्यों की सराहना की।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से केन्द्र सरकार प्रतिवर्ष किसानों को 6000 रूपये का आर्थिक सहयोग प्रदान कर रही है, तीसरी बार शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले ’पीएम किसान सम्मान निधि’ की 17वीं किश्त जारी कर, किसानों के बैंक खातों में 20,000 करोड़ रूपये अंतरित की। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना, पीकेवीवाई (परंपरागत कृषि विकास योजना), किसान क्रेडिट कार्ड जैसी ढेरों योजनाओं के माध्यम से श्री मोदी ने देश के अन्नदाताओं के हाथ मजबूत कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में डेढ़ दशक की हमारी सरकार में हमने देश में पहली बार किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराकर एक कीर्तिमान स्थापित किया। छत्तीसगढ़ की प्रमुख फसल धान को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था को कंप्यूटर तथा ऑनलाइन प्रणाली से जोड़ा। धान खरीदी की पारदर्शी व्यवस्था के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से संपूर्ण मॉनिटरिंग करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बनाया।

प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने 3100 रूपये प्रति क्विंटल की दर से, 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदने की गारंटी को पूरा करते हुए 32 हजार करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य की राशि का तत्काल भुगतान किसानों को किया। 24 लाख 75 हजार किसानों को कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत अंतर की राशि 13 हजार 320 करोड़ रुपए की राशि दी। इस साल खरीफ सीजन में 145 लाख मी. टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है।

पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस, सुशासन दिवस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 13 लाख किसानों के बैंक खाता में 3716 करोड़ रुपए का बकाया धान बोनस की राशि अंतरित कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को भी पूरा किया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि राजधानी रायपुर के समीप स्थित राष्ट्रीय स्तर का यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान द्वारा देश और प्रदेश के किसानों के हित में रणनीति बनाकर जैविक तनाव को कम करने की दिशा में बेहतर काम किया जा रहा है। संस्थान द्वारा किसानों की समृद्धि और उत्पादन में वृद्धि के लिए जैविक कारणों को ढूंढ कर उनका समाधान निकाला जा रहा है। इसके साथ ही देश और प्रदेश के विद्यार्थियों को कृषि मैनेजमेंट की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान कर देश को उन्नति के राह पर ले जा रहे हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष तथा आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह को प्रदेश में कृषि संस्थान सहित आईआईएम, आईआईटी स्थापित करने का श्रेय देते हुए कहा कि यह उनके कुशल नेतृत्व और दूरदृष्टि का परिणाम है कि आज छत्तीसगढ़ में भी उच्च स्तरीय राष्ट्रीय स्तर के संस्थान स्थापित है।

छत्तीसगढ़ के किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हुए है। किसान खेती-किसानी की ओर अग्रसर हुए है। उन्होंने कहा कि किसानों को सिर्फ धान की खेती नहीं करनी चाहिए, जिसे अन्य फसल प्रभावित हो। उन्हें अन्य पारंपरिक खेती-किसानी की ओर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य किए जा रहे हैं।

किसान लाभार्थी सम्मेलन को संबोधित करते हुए धरसींवा विधायक अनुज शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर का संस्थान छत्तीसगढ़ में होना गौरव की बात है और यह खुशी की बात है कि इस संस्थान की स्थापना कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रीत्व काल में हुआ था। यह संस्थान छत्तीसगढ़वासियों के हित में उनके दूरदृष्टि परिणाम है। उन्होंने किसानों को इस संस्थान से जुड़कर समृद्ध किसान बनने की अपील की।

कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डॉ. पी.के. घोष, डॉ. संजय शर्मा ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक, प्रशासनिक अधिकारी, प्राध्यापकगण तथा बड़ी संख्या में किसान और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मियावाकी पद्धति से पौधारोपण कर किया वन महोत्सव का शुभारंभ

रायपुर-     मनेंद्रगढ़ जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर में ‘‘एक पेड़ मां के नाम‘‘अभियान के तहत वन महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन वन विभाग द्वारा किया गया। आयोजन में कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मियावाकी पद्धति के माध्यम से परिसर में पौधारोपण कर वन महोत्सव का शुभारंभ फीता काटकर किया।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वनमण्डालाधिकारी ने वन महोत्सव के माध्यम से जिले में मियावाकी पद्धति के बारे में बताया। आज बड़े-बड़े मेट्रो सिटी में इस पद्धति के माध्यस से वानिकी किया जा रहा है। एक-एक मीटर के दूरी पर सघन वृक्षारोपण किया जा रहा है। जिससे घना वन मिलता है। जिससे हमें शुद्ध हवा मिलता है। 30 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है। इतना ही वायु और ध्वनि प्रदूषण भी सोखता है। हमारा मनेंद्रगढ़ अर्बन हिट आईलैण्ड बन सकता है। जिले के लोगों ने कॉॅफी मात्रा में पौधारोपण किया है। इसी प्रकार खाली स्थानों में और अधिक पौधारोपण करने की आवश्यकता है। जिससे हमें स्वस्थ पर्यावरण का लाभ मिलेगा। हमारे जिले में इस बार बारिश अच्छी हुई है। पौधारोपण के लिए हमें पर्याप्त मात्रा में आर्द्रता और नमी मिलेगी। उन्होंने जिले जनप्रतिनिधियों , अधिकारियों, महतारी वंदन के हितग्राहियों तथा स्कूल के छात्र एवं छात्राओं को अधिक से अधिक पेड़ लगाने का आह्वान किया।

इसके साथ ही उन्होंने वनमण्डलाधिकारी को जिले में पौधारोपण कार्यक्रम को अभियान के मिशन मोड में करने कहा। जिससे हम अपनी आने वाली पीढ़ी को शुद्ध एवं स्वच्छ हवा प्रदान कर सके। पर्यावरण एवं वानिकी की उपलब्ध बताते उन्होंनेे कहा कि माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरूघासीदास तमोर पिंगला के रूप में जिले को बड़ा उपहार दिया है। जिसकी स्वीकृति कैबिनेट में मिल चुकी है। यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। उन्होंने सभी को पौधारोपण एवं पर्यावरण की रक्षा करने के हरसंभव उपाय करने को कहा। पृथ्वी के पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए वृक्षों का होना आवश्यक है। इसके लिए सभी लोगों को ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ‘‘एक पेड़ मां के नाम‘‘ अभियान का शुभारंभ पर्यावरण एवं जलवायु को बेहतर करने के उद्देश्य से किया गया है। अतः सभी जिलेवासी इस अभियान में शामिल होकर इसे सफल बनाएं। पौधारोपण कार्य केवल वनक्षेत्र न किया जाये बल्कि वनक्षेत्र के बाहर निजी एवं शासकीय भूमियों जैसे आंगनबाड़ी, पुलिस चौंकी, उद्यान, अस्पताल, शमशान, शासकीय परिसर, छात्रावास, स्कूल परिसरों आदि स्थानों में भी किया जावेगा।

वनमण्डलाधिकारी मनीष कश्यप ने मियावाकी पद्धति के बारे में बताते हुये कहा कि इस विधि का प्रयोग कर के घरों के आस-पास खाली पड़े स्थान (बैकयार्ड) को छोटे बगानों या जंगलों में बदला जा सकता है। मियावाकी पद्यति के प्रणेता जापानी वनस्पतिशास्त्री अकीरा मियावाकी हैं। इसके माध्यम से जिले के छोटे-छोटे स्थानों पर मिनी फॉरेस्ट के रूप में विकसित करना है। जिससे जिले को हिट वेव से बचाया जा सके। इस पद्धति से प्लांटेशन तीन से चार में बढ़ जाता है।

मुख्यमंत्री की पहल पर राज्य में मजबूत अधोसंरचना निर्माण के लिए विकास कार्यों की लगातार मिल रही स्वीकृति

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशानुसार राज्य में मजबूत अधोसंरचना निर्माण के लिए सड़कें, पुल-पुलिया के साथ ही स्कूल, छात्रावास सहित अन्य शासकीय भवनों के निर्माण आदि के लिए राज्य शासन द्वारा लगातार स्वीकृति दी जा रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर ही जशपुर क्षेत्र के लिए 15 विभिन्न सड़कों के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।

लोक निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जशपुर क्षेत्र में भुड़केला से लवानदी तक 2.10 किमी की लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 38 लाख 77 हजार रूपए, बालाछापर-आरा-सकरडेगा मार्ग से छोटा बनई पहुंच मार्ग 2.40 किमी निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 57 लाख 84 हजार रूपए, बघियाकानी से शिवमंदिर तक मार्ग लंबाई 0.60 किमी निर्माण कार्य हेतु 87 लाख 21 हजार रूपए, ठेठेटांगर से बरंगजोर मार्ग 1.18 किमी निर्माण कार्य हेतु 1 करोड़ 44 लाख 89 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। इसी प्रकार एस.एच.17 में 15/10 से घुईडांड मार्ग 1.70 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 01 करोड़ 93 लाख 06 हजार रूपए, गड़ाकटा-दुलदुला मार्ग के किमी 10/4 से ग्राम रजौटी पहुंच मार्ग लंबाई 1.68 किमी. निर्माण कार्य हेतु 1 करोड़ 87 लाख 33 हजार रूपए, कंदाडोड़हा से घुमरा पहुंच मार्ग लंबाई 0.80 किमी निर्माण कार्य हेतु 78 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।

इसी तरह मयाली रिसोर्ट से देवबोरा बस्ती पहुंच मार्ग 1.26 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 1 करोड़ 27 लाख 41 हजार, बालाछापर-आरा-सकरडेगा मार्ग से कारीताला 2.00 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 25 लाख 71 हजार रूपए, खरवाटोली से बांधाटोली 2.00 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 33 लाख 99 हजार रूपए, बेलसोंगा से रनपुर पहुंच मार्ग लंबाई 1.38 किमी निर्माण हेतु 01 करोड़ 70 लाख 95 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी प्रकार मुख्यमार्ग सिंगीबहार से रघराटोली 1.12 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 01 करोड़ 88 लाख 36 हजार रूपए, डिपाटोली (सिंगीबहार) से धवईटोली तक 1.36 किमी लंबी सड़क निर्माण हेतु 02 करोड़ 03 लाख 95 हजार रूपए, बहराखैर से जुड़वाईन लंबाई 1.63 किमी निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 29 लाख 96 हजार रूपए एवं जशपुर के एन.एच. 73 खड़सा से कोमड़ो तक 1.94 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 45 लाख 68 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।

दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण में प्रभावी साबित होगा सीआरसी का नया भवन- केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार खटीक

रायपुर-   केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार खटीक और प्रदेश के महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने आज राजनांदगांव के ग्राम ठाकुरटोला में दिव्यांगजन कौशल विकास पुनर्वास और सशक्तिकरण समेकित क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) का निरीक्षण किया। उन्होंने सीआरसी के पुराने भवन का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर सांसद संतोष पाण्डेय, कलेक्टर संजय अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग उपस्थित रहे।

केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि देश में दिव्यांगजनों के पुर्नवास एवं विशेष शिक्षा के लिए 10 राष्ट्रीय संस्थान तथा 25 सीआरसी चलाये जा रहे हैं। यह प्रदेश का पहला सीआरसी सेंटर राजनांदगांव में पुराने भवन में संचालित है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नये भवन का निर्माण कराया गया है। इस केन्द्र के माध्यम से दिव्यांगजनों के लिए दी जा रही सेवाओं को और अधिक प्रभावी तरीके से उपलब्ध कराई जाएगी। यहां फिजियोथैरेपी के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध होगा। दिव्यांगजनों को ज्यादा अच्छी सुविधाएं मिलगी। ज्यादा मशीनें उपलब्ध करवायेंगे। डिप्लोमा कोर्स के साथ-साथ डिग्री कोर्स, प्रोफेशनल कोर्स प्रारंभ किए जाएंगे। यहां के विद्यार्थी दिव्यांगजनों के क्षेत्र में विशेषज्ञ तौर पर सेवाएं दे सकेंगे। यह सीआरसी दिव्यांगजनों के लिए व्यावहारिक केन्द्र बनने वाला है। साथ ही मानसिक एवं बौद्धिक दिव्यांग बच्चों का ईलाज एवं उनको सशक्त बनाने के लिए कार्य किया जा सकेगा, जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय प्रति आभार प्रकट किया। सीआरसी भवन में सुविधाओं का विस्तार हेतु 11 करोड़ रूपए हॉस्टल के लिए दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीआरसी में सुविधा एवं गुणवत्ता बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते है कि सबका साथ सबका विकास की मंशा के साथ हमें दिव्यांगजन को भी सशक्त बनाने की जरूरत है। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्ष 2047 में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना लेकर चल रहे हैं। इस सपने को साकार करने के लिए सीआरसी को सशक्त बनाना है। दिव्यांगजनों से संबंधित सभी संस्थानों को सशक्त बनाया जा रहा है।

समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि यह सीआरसी दिव्यांगजनों के लिए वरदान साबित होगा। दिव्यांगजनों को सशक्त करने की दिशा में केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा कार्य किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सीआरसी नया भवन राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम पंचायत ठाकुरटोला में निर्माण किया गया है। यह भवन 32 करोड़ की लागत से लगभग 2 मंजिला सर्व सुविधायुक्त बनाया गया है। इस भवन में कुल 35 कमरे हैं, जिसमें भूतल में 17 कमरे, पहली मंजिल में 18 कमरे का निर्माण किया गया है। इस अवसर पर आलोक सोठी, सीआरसी निदेशक स्मिता महोबिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।