राजधानी के सरकारी संस्थानों में किया गया ध्वजारोहण
लखनऊ । स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी लखनऊ में जिलाधिकारी, पुलिस कमांड समेत पूरे थाना और पुलिस कार्यालयों में ध्वजारोहण किया गया।पुलिस कमिश्नरे अमरेंन्द्र कुमार सेंगर ने पुलिस कमांड में, सयुंक्त पुलिस आयुक्त मुख्यालय में जेसीपी आकाश आनंद ने, डीसीपी एडीसीपी, एसीपी समेत, विशेष सुरक्षा बल मुख्यालय, रिजर्व पुलिस लाइन, जीआरपी समेत सभी पुलिस थाना एवं चौकी में ध्वजा रोहण किया गया है।

मंडलायुक्त कार्यालय में कमिश्नर डा. रौशन जैकब, जिलाधिकारी कार्यालय और आवास पर डीएम डा. सूर्यपाल गंगवार ने ध्वाजा रोहण किया। इस अवसर पर देश की एकता की रक्षा करने व उसे मजबूत बनाने में योगदान करने की शपथ ली गई। बेहतर एवं सरहनीय कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों को पदक व प्रशंसा चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा सभी सरकारी संस्थानों में ध्वजारोहण कर लोगों को मिठाई वितरण की गयी।

करुणा शंकर सिंह रजत पदक से सम्मानित

स्वतंत्रता दिवस  के अवसर पर नीरा रावत, ADG112 द्वारा  करुणा शंकर सिंह, प्रभारी मीडिया सेल मुख्यालय 112 को पुलिस महानिदेशक यूपी द्वारा प्रदत्तं रजत पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया ।

मेरठ में एडीजी डीके ठाकुर ने किया ध्वजारोहण

स्वतंत्रता दिवस गुरुवार को मेरठ जनपद में धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक डीके ठाकुर ने अपने कार्यालय में ध्वजारोहण किया।एडीजी डीके ठाकुर ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस पर अपने कार्यालय पर ध्वजारोहण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे देश को स्वतंत्रता अमर बलिदानियों के त्याग और बलिदान के कारण मिली है। इसे संजोकर रखना हम सभी का कर्तव्य है। स्वतंत्रता दिवस पर हमें इसे अक्षुण्ण रखने का संकल्प लेना होगा। इसके लिए सभी को मिलकर कार्य करना पड़ेगा। इस दौरान राष्ट्रगान गाया गया।

कानपुर पुलिस आयुक्त अखिल कुमान ने ध्वजा रोहण कर बीर सपूतों को नमन किया

78वें स्वतंत्रता दिवस पर गुरुवार को पुलिस आयुक्त अखिल कुमार एवं जिलाधिकारी राकेश कुमार ने अपने कैम्प कार्यालय में ध्वजारोहण किया और आजादी के महान बलिदानियों को नमन किया।पुलिस आयुक्त श्री कुमार ने ध्वजारोहण के बाद अपने मातहत अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद एवं नमन करते हुए नागरिक एवं राष्ट्र सुरक्षा में निष्ठापूर्वक कार्यों को पूरा करने के लिए उत्साहवर्धन किया।

स्वतंत्रता दिवस-2024 के अवसर पर पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार द्वारा किया गया ध्वजारोहण
लखनऊ । प्रशान्त कुमार, पुलिस महानिदेशक द्वारा गुरुवार को तिलक मार्ग, स्थित कैम्प कार्यालय, लखनऊ में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया तथा उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें दी गयीं। तत्पश्चात पुलिस महानिदेशक, यूपी द्वारा पुलिस मुख्यालय गोमती नगर विस्तार के प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। पुलिस महानिदेशक यूपी द्वारा सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को शुभकामनायें देते हुए मुख्यालय में नियुक्त निम्न पुलिस कार्मिकों को पदक से अलंकृत किया गया।

‘सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह’
1. राजेश अस्थाना, मुख्य आरक्षी, परिवहन शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।
‘पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 का प्रशंसा चिन्ह’ (गोल्ड)
1. विजय कुमार सिंह, मुख्य आरक्षी, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।
2. बसन्त राम कुशवाहा, कानून एवं व्यवस्था, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।

‘पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 का प्रशंसा चिन्ह’ (सिल्वर)

1. वीरेन्द्र कुमार मिश्र, उपनिरीक्षक, प्रशासन शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 लखनऊ।
2. वेद प्रकाश, ए0एस0आई0 (एम0) प्रशासन शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 लखनऊ।

3. राज कुमार, मुख्य आरक्षी, विधि प्रकोष्ठ मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0  लखनऊ।
4. सर्वजीत, आरक्षी, कानून एवं व्यवस्था, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0       


डीजीपी द्वारा उक्त अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा गया कि भारत को प्यार करने वाले, भारत का सम्मान करने वाले, भारत पर गौरव करने वाले, भारत के लोकतंत्र और संविधान के प्रति आस्था रखने वाले सभी लोगों को स्वतंत्रता के इस पवित्र पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं। उत्तर प्रदेश पुलिस परिवार के हर सदस्य, उनके सम्मानित परिजनों को बधाई। उन सभी शहीद आत्माओ की तपस्या को नमन जिन्होंने कठोर यातनाएं सहीं लेकिन आजादी के परचम को गिरने नहीं दिया।

अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत दुर्दांत अपराधियों से हुई साहसिक मुठभेड़ों मे वर्ष 2017 से अब तक हमारे हमारे 17 बहादुर साथियों ने अपने अमूल्य जीवन का बलिदान दिया है। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं उत्तर प्रदेश पुलिस बल के उन सभी सम्मानित पुलिस कार्मिकों को यूपी पुलिस परिवार की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान देकर उत्तर प्रदेश पुलिस की गरिमा को अभिवर्धित किया।

उन सभी सम्मानित कार्मिकों का अभिनंदन, जिनकी कर्तव्य परायणता, पराक्रम और पुरुषार्थ के चलते उत्तर प्रदेश पुलिस ’परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च    दुष्कृताम’ संकल्प को चरितार्थ कर रही है, जिनके परिश्रम ने उत्तर प्रदेश पुलिस को भारत के श्रेष्ठ पुलिस बल के रूप में स्थापित होने में अपना योगदान दिया है।आजादी मिलने के बाद सबसे बड़ी चुनौती उसको कायम रखने की होती है। ऐसे अनेक देश हैं जिन्हें आजादी तो मिल गई लेकिन कालांतर में वे खंडित हो गए। हम सभी अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि हमारा देश अखण्ड रहते हुए विश्व में एक महाशक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है।

हर्ष की बात है कि अपने उत्तर प्रदेश की उसमें बड़ी भूमिका है। उत्तर प्रदेश पुलिस बल के जवानों ने विषम से विषम परिस्थितियों में अपनी जान पर खेलकर कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने का काम किया है।  सभी जानते हैं कि अपना उत्तर प्रदेश, देश में सुशासन का मानक बन गया है। सुशासन की आत्मा ’सुरक्षा’ होती है। प्रदेश में सुरक्षित वातावरण बनाने में, हर नागरिक के मन में सुरक्षा के प्रति विश्वास जगाने में उत्तर प्रदेश पुलिस की असाधारण भूमिका है। आज के इस ऐतिहासिक और पुनीत अवसर पर ऐसे पुलिस बल के जांबाज, कर्मठ, जुझारू और कर्तव्य परायण साथी सम्मानित होने जा रहे हैं।

इस अवसर पर 17 पुलिस कार्मिकों को राष्ट्रपति का वीरता पदक, 04 पुलिस कार्मिकों को विशिष्ट सेवा के लिये पदक एवं 70 पुलिस कार्मिकों को सराहनीय सेवा के लिये पदक प्रदान किये गये है। इसके अतिरिक्त 1013 पुलिस कार्मिकों को गृह मंत्रालय भारत सरकार का अति उत्कृष्ट सेवा पदक, 729 पुलिस कार्मिकों को उत्कृष्ट सेवा पदक, 48 पुलिस कार्मिकों को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह, 201 पुलिस कार्मिकों को   सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह, 429 पुलिस कार्मिकों को पुलिस महानिदेशक का हीरक, स्वर्ण एवं रजत प्रशंसा चिन्ह प्रदान किये गये हैं। इन सभी अलंकृत हुए कार्मिकों एवं उनके सम्मानित परिजनों को मेरी ओर से हार्दिक बधाई!।

मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार व अपराध के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति को धरातल पर उतारने में उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रभावी व अग्रणी भूमिका का निर्वहन किया है।आज उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध की कमर टूट चुकी है। जो अपराधी कल तक भय का कारण थे, आज वे खुद भयभीत हैं। यहां अपराधी बेहाल और आमजन खुशहाल हैं। यह सुखद और गर्व करने वाली स्थिति आप सभी के अथक परिश्रम, अटूट अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा के कारण बन सकी है।उत्तर प्रदेश को माफिया मुक्त एवं दस्यु मुक्त करने एवं अपराधियों पर काल बनकर प्रहार करने के लिए  विशेष रूप से बधाई की पात्र है।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराध पर प्रभावी और परिणामदायक नियंत्रण के लिए अत्यंत नियोजित  तरीके से कार्य किया। माफिया उन्मूलन हेतु प्रदेश स्तर पर बनाई गई एंटी माफिया टास्क फोर्स एवं माफियाओं के विरुद्ध कृत कार्यवाई की प्रत्येक माह शासन एवं पुलिस मुख्यालय स्तर पर नियमित अनुश्रवण से आज प्रदेश मे माफिया एवं उनका नेटवर्क पूर्णतः ध्वस्त हो चुका है। वर्ष 2017 से अब तक, 68 कुख्यात माफियाओं में से 29 और उनके 60 सहयोगियों को दोषी ठहराया गया है, जिनमें से दो को अंतिम दंड - मृत्युदंड - मिला है। यूपी गैंगस्टर्स एक्ट के तहत, माफियाओं की ₹4,038 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त एवं ध्वस्त की गई और इन आपराधिक साम्राज्यों के चंगुल से मुक्त कराई गई है जो अपने आप मे ऐतिहासिक है।

अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण रखने तथा अपराधियों को मा0 न्यायालय में अधिकाधिक सजा कराए जाने के उद्देश्य से विवेचनाओं के गुणवत्तापरक, निष्पक्ष एवं शीघ्र निस्तारण तथा मा0 न्यायालयों में सघन पैरवी हेतु  01.07.2023 से मिशन मोड में ’आपरेशन कन्विक्शन’ प्रारम्भ किया गया। इस अभियान में 01.07.2023 से 04.08.2024 तक 45,097 अभियुक्तों को दोषसिद्ध कराया जा चुका है जिसमें 42 अभियुक्तों को मृत्यु दण्ड, 4481 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 778  अभियुक्तों को 20 वर्ष से अधिक तक की सजा करायी जा चुकी है।

अपराधों में शामिल अभियुक्तों की वास्तविक पहचान एवं उनके चिन्हीकरण हेतु ’ऑपरेशन त्रिनेत्र’ प्रारम्भ किया गया। जिसके क्रम में प्रदेश के समस्त थानों में चिन्हित सार्वजनिक स्थलों पर जनसहयोग से 10 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरों का अधिष्ठापन कराया जा चुका है, जिससे अपराधों के अन्वेषण में उल्लेखनीय मदद मिल रही है।जनता की समस्याओं के समयबद्ध एवं त्वरित निस्तारण व प्रभावी मॉनिटरिंग हेतु च्नइसपब ळतपमअंदबम त्मअपमू च्वतजंस लॉन्च किया गया है।

डायल 112 की सेवा के माध्यम से पुलिस की गतिशीलता, रिस्पांस टाईम में सुधार तथा फुट पेट्रोलिंग के जरिए पुलिस की बढ़ती विजिबिलिटी ने अपराध नियंत्रण के साथ ही जनसंवाद को बढ़ाया है।सामुदायिक पुलिसिंग की दिशा मे एक नयी पहल करते हुए दिनाँक 12.08.2024 को यूपी-112 ने पीड़ितों की समय से मदद और अपराध की रिपोर्ट करने के लिए जन-जागरुकता अभियान ’एक पहल’ की शुरूआत की है। विदित हो कि डायल 112 सेवा को वीमेन पावर लाइन 1090, ळत्च्, फायर सर्विस, महिला हेल्पलाइन 181 सेवा, एम्बुलेंस सेवा 108 व उ.प्र. राज्य परिवहन हेल्पलाइन एवं साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 के साथ एकीकृत किया गया है जिससे हमारी इमरजेंसी हेल्पलाइन देश की सर्वश्रेष्ठ हेल्पलाइन के रूप में स्थापित हुई है।

विवेचनाओं की गुणवत्ता में वृद्धि लाने एवं आधुनिकतम तकनीक से दक्ष वैज्ञानिकों को तैयार करने के उद्देश्य से यूपी राज्य फॉरेन्सिक विज्ञान संस्थान’ की स्थापना लखनऊ में की गई है।यह संस्थान फोरेंसिक के क्षेत्र में प्रशिक्षित जनशक्ति का एक पूल तैयार करने के साथ ही पुलिस कर्मियों एवं न्यायपालिका के सदस्यों को फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में प्रशिक्षित करने का कार्य कर रहा है । सोशल मीडिया के समस्त प्लेटफॉर्म पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अपनी सशक्त उपस्थिति बनाकर एक बेंचमार्क स्थापित किया है जिसकी सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हुई है। हमने कई राज्य पुलिस बलों को उनके अनुरोध पर सोशल मीडिया हैंडलिंग मे प्रशिक्षित करने का भी कार्य किया है।

शासन द्वारा प्रदेश के प्रत्येक जनपद में अत्याधुनिक एवं समस्त संसाधनों से सुसज्जित सोशल मीडिया सेंटर की स्थापना की स्वीकृति दी गई थी जिसमें प्रथम चरण में 10 जनपदों में निर्माण कार्य पूर्ण कर उन्हें क्रियाशील किया जा चुका है। पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर द्वारा देश में सर्वप्रथम एक अभिनव प्रयोग करते हुए सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर आत्महत्या किए जाने से संबंधित पोस्ट का संज्ञान लेकर मेटा कम्पनी के सहयोग से अब तक पिछले दो वर्षो मे 470 व्यक्तियों के जीवन की रक्षा की जा चुकी है जिसके लिये वो बधाई के पात्र हैं।

भारतीय लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 को कुशल पुलिस प्रबन्धन व सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था से सद्भावपूर्ण वातावरण में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्वक सकुशल सम्पन्न कराए गए हैं। पुलिस बल को और बेहतर, सक्षम एवं मजबूत बनाने के लिये समय-समय पर उच्च मापदंडो के साथ निष्पक्ष एवं पारदर्शी पुलिस भर्ती प्रक्रिया विभिन्न पदों पर उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा पूर्ण कुशलता, पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ की गयी है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी के 60,244 पदों पर भर्ती की कार्यवाही प्रचलित है। बदलते समय के साथ दृष्टिगत यूपी पुलिस ने स्वयं को अपडेट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  के कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश पुलिस ने त्मवितउ, च्मतवितउ, ज्तंदेवितउ मंत्र को आत्मसात कर अपराधों की बदलती प्रकृति और शैली के अनुरूप खुद को तैयार किया है। अत्याधुनिक संसाधनों से लैस, तकनीकी दक्षता से युक्त, आधुनिकतम नवीनतम आधारभूत ढांचे और विश्वस्तरीय फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं की उपलब्धता, नियमित अंतराल पर उत्कृष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम आदि आधुनिक, अनुशासित उत्तर प्रदेश पुलिस की पहचान बन गए हैं। किसी भी समाज मे  महिला सुरक्षा की स्थिति उस समाज की कानून-व्यवस्था का मापक होती है।

विगत 07 वर्षों में उ0प्र0 शासन द्वारा महिलाओं, बालिकाओं की सुरक्षा एवं सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए अनेकों योजनायें तथा अभियान संचालित किये गये हैं जिनके अत्यन्त सुखद परिणाम सामने आये हैं। मिशन शक्ति अभियान के फलस्वरूप आज पूरे प्रदेश में मातृशक्ति स्वयं को सुरक्षित, सम्मानित, सशक्त व आत्मविश्वास से परिपूर्ण महसूस कर रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश महिलाओं के विरुद्ध अपराध में सजा दिलाने में 70.8 की दर से देश में प्रथम स्थान पर है। वरीयता क्रम में यह शीर्ष स्थान पूरी संवेदनशीलता के साथ किए गए अविराम प्रयासों का परिणाम है।

विदित हो कि प्रदेश के 1546 थानों में कुल 20,000  महिला पुलिस कर्मियों को नियुक्त करते हुए 10,000 महिला बीटों का आवंटन किया गया है। इसके साथ ही प्रत्येक थानों मे महिला हेल्प डेस्क एवं प्रत्येक जनपद में महिला थाना के अतिरिक्त एक अन्य थाने में महिला थानाध्यक्ष की तैनाती की पहल ने महिला पुलिस कर्मियों को आत्मविश्वास से भर दिया है और थाने का वातावरण पूर्व से अधिक जनकेंद्रित हुआ है। अब आधी आबादी बिना किसी संकोच के अपनी बात थाने में कह पाती है।

आज आपका उत्तर प्रदेश 18 सेफ सिटी वाला देश का पहला राज्य है जो पब्लिक सेफ्टी के उत्कृष्ट मानदंड स्थापित कर रहा है। यूपी पुलिस के परिश्रम, समर्पण, उपलब्धियों और बलिदान की भावना को चंद आंकड़ों में बयान कर पाना संभव नहीं है। मुस्कुराता हुआ, आत्मविश्वास से भरा हुआ, सुरक्षित महसूस करता उत्तर प्रदेश हमारे भागीरथी प्रयासों की दास्तान कह रहा है।स्वाधीनता संग्राम में युवा राष्ट्र भक्तों ने स्वराज्य के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था। आज के पावन अवसर पर हम सभी पुलिस अधिकारियों को सुराज्य के लिए अपने जीवन को समर्पित करने का संकल्प लेना चाहिये।

आज उत्तर प्रदेश पुलिस मे हो रही ऐतिहासिक भर्तियों के कारण युवा साथियों की संख्या बढ़ रही है। हमारे युवा पुलिस अधिकारी वर्ष 2047 मे स्वाधीनता की 100 वीं वर्षगाँठ के ऐतिहासिक पल के साक्षी होंगे। मैं अपने युवा साथियों का आह्वान करता हूं कि आप सभी वर्ष 2047 के भारत की अत्याधुनिक एवं निजनतपेजपब पुलिसिंग के संकल्प की सिद्धि के लिए अपने आपको तैयार करें।

मैं अपेक्षा करता हूं कि आप सभी अपनी ईमानदारी, कठिन परिश्रम, अटूट निष्ठा और उत्तम आचरण से पुलिस की छवि को जनता में उज्ज्वल बनाकर एक मित्र पुलिस, रक्षक पुलिस के रूप में कानून व्यवस्था के उत्कृष्ट मानक स्थापित करेंगे। आपके पूर्ण समर्पण के बिना एक सशक्त, संवेदनशील और सहयोगी पुलिस के लक्ष्य की सिद्धि सम्भव नहीं है। मैं पुनः सभी अमर बलिदानियों को नमन करते हुए आप सभी को स्वतंत्रता दिवस के पुनीत अवसर पर अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

विकसित भारत के लिए राष्ट्र प्रथम की भावना जरूरी : योगी आदित्यनाथ


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गुरुवार को अपने सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर ध्वजारोहण के पश्चात विधानसभा पहुंचे पहुंचे। विधान भवन के गेट नंबर—एक पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ध्वजारोहण किया। इस दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्प की वर्षा की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। यूपी, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, सिक्किम, जम्मू कश्मीर और मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों के कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं।
विधान भवन पर मुख्यमंत्री योगी ने किया ध्वजारोहण

स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारा तिरंगा आन-बान-शान का प्रतीक है। यह वर्ष भारत के लिए ऐतिहासिक है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसी साल 22 जनवरी को श्रीराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा कर स्थापित किया है। उनके नेतृत्व में बिना भेदभाव के देश के सभी राज्यों का विकास हो रहा है। कभी बीमारू राज्य के रूप में पहचान रखने वाला उत्तर प्रदेश 9.2 प्रतिशत जीडीपी के साथ देश में दूसरी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। सात वर्ष में 56 लाख से अधिक गरीबों को पीएम आवास दिया गया। 2 करोड़ 65 लाख से अधिक जल का कनेक्शन, 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन बांटा जा रहा है। शौचालय बने हैं, उज्ज्वला गैस कनेक्शन दिया गया है। 100 विकास खंडों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना की घोषणा, 10 लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री मोदी के संकल्पों को दोहराने के लिए तत्पर हैं। प्रत्येक परिवार को फैमिली आईडी उपलब्ध करा रही है। हमारा युवा प्रतिभाशाली है। उसके लिए शिक्षा और रोजगार पर विशेष प्रयास कर रही है। इस मौके पर नई योजना की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत 10 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा। 50 लाख युवाओं के रोजगार के नए सृजन को गति मिलेगी। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार के सात साल में साढ़े छह लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए दो करोड़ से अधिक टैबलेट बांटे गए हैं। इस साल 20 लाख से अधिक बच्चों ने परिषदीय विद्यालयों में दाखिला लिए हैं। उन्होंने कहा कि एक मंडल एक विश्वविद्यालय की संकल्पना साकार हो रही है। अब हम एक जनपद एक विश्वविद्यालय की ओर बढ़ रहे हैं। लखनऊ में अटल बिहारी चिकित्सा विश्वविद्यालय बन कर तैयार है। मेरठ में प्रदेश का पहला खेल विश्वविद्यालय बन रहा है। हमारे अन्नदाता किसानों का ही योगदान है कि उप्र देश में 20 फीसदी से अधिक खाद्यान्न उपलब्ध करा रहा है। अबतक 31 सिंचाई परियोजना पूर्ण हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी ने इसी प्रकार प्रदेश के विकास के बारे में बताते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। प्रधानमंत्री मोदी के 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य के साथ उत्तर प्रदेश ने एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य रखा है। उप्र का निर्यात 86 हजार करोड़ से बढ़कर दो लाख करोड़ पहुंच गया है। विगत सात साल में 16 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा गया है। आज हमारा राज्य एक्सप्रेसवे प्रदेश के रूप में पहचाना जाता है। जेवर एयरपोर्ट के साथ उप्र पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा वाला देश का इकलौता राज्य बन गया है। पूर्वांचल समेत कई अन्य जिलों में इंसेफेलाइटिस से हजारों बच्चों की मौत होती थी। आज हमारी सरकार ने इससे होने वाली मौत पर रोक लगा दी है। 2023 में 48 करोड़ पर्यटक उत्तर प्रदेश में आये हैं। यह देश में सर्वाधिक है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महाकुम्भ 2025 के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। 2019 के कुम्भ में स्वच्छता को विशेष महत्व दिया गया था। कानून व्यवस्था के बारे में यूपी ने पिछले सात सालों में इतिहास रचा है। आज प्रदेश दंगा मुक्त है। अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई से माफिया राज समाप्त हुआ है। उत्तर प्रदेश के बारे में लोगों की धारणा बदली है। विकास, सुशासन, कानून व्यवस्था के साथ ही अर्थव्यवस्था पर भी हमारी सरकार कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील करते हुए कहा कि छल, कपट और स्वार्थी लोगों से सजग रहना होगा। बंगाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमें विभाजनकारी ताकतों को पहचानना होगा। प्रधानमंत्री मोदी का 'पंचप्रण' का आह्वान हमारा मार्गदर्शन करता है। इन संकल्पों की पूर्ति से 2047 में भारत दुनिया की महाशक्ति बनाना है। जब हम आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहे होंगे तो विकसित भारत होगा। इसके लिए हम सबको राष्ट्र प्रथम के संकल्प के साथ जुड़ना होगा। आज 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हम सबको संकल्प लेना है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शहीदों को नमन भी किया। इसके पूर्व उन्होंने लखनऊ के कालीदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर ध्वजारोहण किया और उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम सब जानते हैं कि आज से 77 वर्ष पूर्व यह देश आज ही दिन स्वतंत्र हुआ था। सैकड़ों वर्षो तक पराधीनता का वह कालखंड अचानक एक दिन में नहीं आया। एक लम्बे संघर्ष के उपरांत, एक लम्बें आन्दोलन के उपरांत यह दिन हम सबको प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि आज का यह दिवस हम सबके लिए आजादी के नायकों, महानायकों के सपनों को साकार करने का दिवस है। आज का यह अवसर भारत माता के उन महान सपूतों को स्मरण करने के साथ ही हम सबको उन संकल्पों के साथ ही जुड़ने का अवसर प्राप्त करता है। यह हमारा सौभाग्य है कि आजादी के अमृत काल के तृतीय चरण में हम सब प्रवेश कर चुके हैं। इस देश का यशस्वी नेतृत्व आजादी काल के इस प्रथम दशक में दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक सुरक्षित व समृद्ध भारत के रूप के मिले हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष के दौरान एक नए भारत का दर्शन किया है। यह नया भारत एक भारत भी है तो श्रेष्ठ भारत भी है। 10 वर्ष में भारत ने अभूतपूर्व प्रगति प्रत्येक क्षेत्रों में की है। देश की प्रगति के साथ हम भी सहभागी बन सकें। आजादी के अमृत महोत्सव में प्रधानमंत्री मोदी ने हर भारतवासी को 'पंच प्रण' का स्मरण कराया था। यह 'पंच प्रण' आजादी के उन्हीं संकल्पों को पूरा करेगा।
मुख्यमंत्री योगी ने सरकारी आवास पर फहराया तिरंगा, प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने सरकारी आवास पर ध्वजारोहण किया। ध्वजारोहण के बाद मुख्यमंत्री योगी के साथ कई अधिकारियों ने सामूहिक राष्ट्रगान किया। इसके पूर्व मुख्यमंत्री योगी ने स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश के सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

मुख्यमंत्री योगी ने सोशल मीडिया एकाउण्ट 'एक्स' पर अपने संदेश में कहा है कि भारत की स्वाधीनता के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्ष, त्याग और बलिदान का आदरपूर्वक स्मरण करना हम सभी का कर्तव्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमृत काल में 'पंच प्रण' के माध्यम से देशवासियों से विकसित भारत, गुलामी के हर एक अंश से मुक्ति, अपनी विरासत के प्रति गर्व, एकता और एकजुटता तथा नागरिक कर्तव्यों के पालन का आवाह्न किया है। विकसित भारत के निर्माण के लिए आवश्यक है कि हम सब प्रधानमंत्री जी के 'पंचप्रण' के संकल्प को अंगीकार करते हुए कार्य करें।

उन्होंने अपने संदेश में आगे लिखा है कि प्रधानमंत्री के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के मंत्र के अनुरूप प्रदेश सरकार के सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी एवं समग्र विकास के लिए कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार गांव, गरीब, किसान, मजदूर, महिला, नौजवान सहित सभी वर्गो के लिए कल्याण के लिए कृतसंकल्पित है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संदेश में प्रदेशवासियों से अपील किया है कि अधिकारों और कर्तव्यों के समन्वय से भारत को समृद्ध बनाते हुए, दुनिया की एक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने और आने वाली पीढ़ी के भविष्य को उज्जवल बनाने में योगदान दें।उन्होंने कहा कि देश के उज्जवल भविष्य को लेकर जो संकल्प देश के महान स्वातंत्रता संग्राम सेनानियों,वीर सपूतों और वीरांगनाओं का था, वहीं हम सबका संकल्प होना चाहिए।

सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक रेलवे ने चारबाग़ रेलवे स्टेशन का किया निरीक्षण

लखनऊ । स्वतंत्रता दिवस पर्व पर यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक रेलवे प्रशांत वर्मा, अनुभाग लखनऊ द्वारा पर्याप्त पुलिस बल के साथ रेलवे स्टेशन चारबाग़ पर बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस उपाधीक्षक रेलवे  विकास पांडे, जीआरपी व आरपीएफ, ए०एस०चेक टीम व डॉग स्क्वाड टीम द्वारा चारबाग़ रेलवे स्टेशन पर आने जाने वाली ट्रेनों में चेकिंग कर प्लेटफॉर्म, सर्कुलेटिंग एरिया का भ्रमण व निरीक्षण करके रेलवे स्टेशन की सुरक्षा का जायजा लेकर संबंधित को सुरक्षा के संबंध में निर्देशित किया।

यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर अनुभाग लखनऊ के समस्त रेलवे स्टेशन की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, सुरक्षा व्यवस्था एवं भीड़ नियनत्रण के दृष्टिगत विस्तृत पुलिस प्रबन्ध कराया गया, पुलिस फोर्स को ब्रीफ कर ड्यूटी प्वाइंट पर सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। स्टेशनो पर लगातार जीआरपी व ए०एस० चैक टीम,बीडीएस टीम व डॉग स्क्वाड टीम लगातार सरकुलेटिंग एरिया, पार्किंग, पार्सल घर, प्लेटफार्म, पार्किंग में खड़े दोपहिया वाहनों, सदिग्ध व्यक्ति व वस्तु व ज्वलनशील पदार्थ की निरतंर चेकिंग की जा रही है।
सीएम योगी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर बलिदान हुए निर्दोष नागरिकों को दी श्रद्धांजलि
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मानवीय त्रासदी में बलिदान हुए सभी निर्दोष नागरिकों को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर लिखा कि विश्व को 'वसुधैव कुटुंबकम्' के आत्मीय भाव से परिचित कराने वाली हमारी भारत मां को आज ही के दिन, वर्ष 1947 में निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए विभाजन की त्रासदी की ओर ढकेला गया था।

सीएम ने लिखा कि यह मात्र देश का विभाजन नहीं, बल्कि मानवता का विभाजन था। इस अमानवीय निर्णय से असंख्य निर्दोष नागरिकों को अपने प्राण गंवाने पड़े, विस्थापन का दंश झेलना पड़ा, यातनाएं सहनी पड़ीं। इस अमानवीय त्रासदी में बलिदान हुए सभी निर्दोष नागरिकों को आज 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर विनम्र श्रद्धांजलि !।
पश्चिम बंगाल में महिला डाॅक्टर से दुष्कर्म व हत्या की घटना में उप्र के रेजीडेंट डाक्टरों का जोरदार प्रदर्शन
लखनऊ। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आजी मेडिकल कालेज में महिला डाक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना काे लेकर लखनऊ में चिकित्सकों का विरोध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। सोमवार की तरह मंगलवार को भी उत्तर प्रदेश में रेजीडेंट डाक्टरों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदेश में पांच हजार से ज्यादा रेजीडेंट डाक्टरों ने प्रदर्शन कर ममता सरकार में महिलाओं से अत्याचार व अपराधाें काे लेकर अपनी नाराजगी जतायी।

केजीएमयू में सुबह से रेजीडेंट डॉक्टर चले गए हड़ताल पर

लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कालेज के रेजीडेंट डाक्टरों ने मंगलवार की सुबह के वक्त हड़ताल कर दी। इससे मरीजों व उनके परिजनों को खासा दिक्कतों को सामना करना पड़ा है। आवश्यक चिकित्सकीय सेवाओं पर असर ना पड़े, इसके लिए सीनियर डाक्टरों के ऊपर कार्य का दायित्व बढ़ा दिया गया।

किंग जार्ज मेडिकल कालेज की तरह ही लोहिया संस्थान व संजय गांधी पीजीआई में भी कोलकाता केस का खासा असर दिखाया दिया। जहां रेजीडेंट डाक्टरों ने एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और कार्य बहिस्कार कर अपनी नाराजगी जतायी। इस दौरान चिकित्सा सेवा अधिकारियों ने उनसे बातचीत कर कार्य पर वापस लौटने की अपील की।

सरकार से तत्काल ही डाक्टरों के हित में आवश्यक निर्णय लेने की मांग की

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में दूसरे दिन भी रेजीडेंट डाक्टरों का प्रदर्शन जारी रहा। रेजीडेंट डाक्टरों ने सरकार से तत्काल ही डाक्टरों के हित में आवश्यक निर्णय लेने की मांग की। जिससे डाक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। गोरखपुर के रेजीडेंट डाक्टर विशाल ने कहा कि डाक्टर अपने को असुरक्षित मानकर प्रदर्शन कर रहे है।

सरकार विश्वास दिलाये कि डाक्टरों की सुरक्षा पुष्ट है।मंगलवार की सुबह से आगरा के एसएन मेडिकल कालेज में डाक्टरों की हड़ताल का खासा असर देखने को मिला। डाक्टरों ने दो घंटे तक कार्य रोके रखा, इससे मरीज और उनके परिजनों को बेहद कठनाईयों को सामना करना पड़ा। इस अवसर पर सीनियर डाक्टरों की ओर से ओपीडी सेवा को सम्भाला गया।

रेजीडेंट डाक्टरों ने हड़ताल की घोषणा

प्रदेश के विभिन्न जनपदों झांसी, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी इत्यादि के चिकित्सकीय संस्थानों, मेडिकल कालेजों में डाक्टरों ने कार्य रोककर, प्रदर्शन किया है। रेजीडेंट डाक्टरों ने हड़ताल की घोषणा भी है। कोलकाता की घटना पर डाक्टरों में बेहद आक्रोश व्याप्त है। इस दौरान ओपीडी सेवा पूरी तरह से प्रभावित हुई है। चूंकि रेजीडेंट डॉक्टर मरीज ही नहीं देख रहे है। अस्पताल में अगर कोई डॉक्टर मरीज देख रहा तो जूनियर डाक्टर इसका विरोध करने पर उतर आये है। जिसकी वजह से इसका खामिजा मरीज व उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है।
खटाखट वाले फिर निकल गए पिकनिक मनाने : सीएम योगी


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान अप्रैल-मई के महीने में आपने खटाखट स्कीम के बारे में सुना होगा। लोगों से एक-एक लाख रुपये के बॉन्ड भरवाए गए थे। हर महीने 8500 रुपये भेजने का वायदा किया गया था, लेकिन खटाखट स्कीम वालों का देश में अता-पता नहीं है। खटाखट वाले लोग चुनाव खत्म होते ही फिर से पिकनिक मनाने के लिए निकल गए हैं।सीएम योगी ने कहा कि जब चुनाव का मौसम आएगा तो खटाखट वाले लोग समाज को विभाजित करने और अराजकता फैलाने के लिए फिर आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब बिना किसी सिफारिश और लेन-देन के उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी प्राप्त करना संभव है। विगत साढ़े सात वर्ष से हमारी सरकार आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी ने 1036 अभ्यर्थियों के दिये नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लोकभवन सभागार में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत चयनित 1036 अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा चयन आयोग के द्वारा 2012 से 2017 के बीच 26394 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया संपन्न हुई थी। इसमें 13469 पदों पर सामान्य, 6966 पदों पर ओबीसी, 5634 पदों पर एससी और 327 पदों पर एसटी वर्ग के युवाओं का चयन हुआ था। इसमें ओबीसी का जो प्रतिशत है, वह केवल 26.38 प्रतिशत था। वहीं हमारी सरकार में उत्तर प्रदेश लोक सेवा चयन आयोग के माध्यम से 46,675 भर्तियां हुईं। इसमें ओबीसी के कुल 17929 अभ्यर्थी चयनित हुए, जिनका प्रतिशत 38.41 है। ओबीसी, एससी और एसटी के प्रतिशत को अगर जोड़ लिया जाए तो डबल इंजन सरकार में 60 प्रतिशत से ज्यादा अभ्यर्थियों का चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा चयन आयोग के माध्यम से हुआ है।

युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले को एेसी सजा देंगे जो बनेगी नजीर

सीएम योगी ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से पूर्ववर्ती सरकार (वर्ष 2012 से 2017) के बीच कुल 19312 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था, जबकि वर्ष 2017 से 2024 के बीच डबल इंजन सरकार में 42 हजार 409 से अधिक युवाओं को चयन प्रक्रिया से जोड़ा गया है। हमारी सरकार में संविधान के द्वारा निर्धारित आरक्षण की पूरी व्यवस्था का पालन करते हुए उन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया है। आज यह सभी युवा प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि आज प्रदेश में पारदर्शी एवं निष्पक्ष तरीके से भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि डबल इंजन सरकार में अगर किसी ने प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया तो वह ऐसी सजा देंगे, जो देश और दुनिया के सामने नजीर बनेगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास कोई कार्य नहीं है, वह अफवाह फैलाकर युवाओं को गुमराह कर रहे हैं।

2017 के पहले उत्तर प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था

सीएम योगी ने कहा कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था। प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में छठवें-सातवें नंबर पर थी, लेकिन अब यहां का युवा देश के किसी भी राज्य में जाता है तो गर्व से खुद को उत्तर प्रदेश का बताता है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में दूसरे नंबर पर है। उत्तर प्रदेश देश के किसी भी राज्य के तुलना में सबसे अच्छी आर्थिक प्रगति करने वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्पों को तेजी के साथ आगे बढ़ा रहा है। किसानों, महिलाओं और गरीबों से जुड़ी योजनाओं को प्रभावी ढंग से धरातल पर उतारने में उत्तर प्रदेश की गिनती देश के अग्रणी राज्यों में होती है। सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में 'मिशन रोजगार' के अंतर्गत समय-समय पर नियुक्ति पत्र वितरण के कार्यक्रम संपन्न हो रहे हैं।

इन पदों पर नियुक्त हुए अभ्यर्थी

सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत चयनित 536 सहायक शोध अधिकारी (सांख्यिकी), 235 सहायक सांख्यिकीय अधिकारी, 213 कनिष्ठ सहायक, लेखा लिपिक, मंडी पर्यवेक्षक श्रेणी-2, मंडी निरीक्षक, 15 नक्शानवीस/मानचित्रक और 37 मानचित्रकार सहित कुल 1036 युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इन युवाओं को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पर्यावरण, वन, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन, मंडी परिषद, मत्स्य विभाग, अर्थ एवं संख्या प्रभाग, सहकारिता विभाग, नगर एवं ग्राम्य नियोजन, पर्यटन विभाग, लघु सिंचाई और संस्थागत वित्त में नियुक्ति मिली है।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, मत्स्य विकास मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद, उद्यान एवं कृषि विपणन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह, वन जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ अरुण कुमार सक्सेना, जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद, पर्यावरण, वन जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री केपी मलिक, संसदीय कार्य चिकित्सा शिक्षा के राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह समेत अनेक गणमान्य मौजूद रहे।
अब स्कूलों में बच्चों को फटकारना, चिकोटी काटना, चाटा मारना व परिसर में दौराना पड़ेगा भारी, शिक्षा विभाग ने जारी किया शासनादेश



लखनऊ । अब यूपी के स्कूलों में बच्चों को नहीं दिया जायेगा कोई दंड, शारीरिक व मानसिक दंड न देने के निर्देश जारी, बच्चों को फटकारना परिसर में दौड़ना प्रतिबंधित, चिकोटी काटना, चाटा मारना प्रतिबंधित, घुटनों के बल बैठना भी हुआ प्रतिबंधित, क्लास रूम में अकेले बंद करना भी हुआ प्रतिबंधित। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सरकार के निर्देश पर जारी किया शासनादेश। इस शासनादेश से शिक्षा विभाग में खलबली मच गयी है।

शिक्षा विभाग से जारी किया गया है यह शासनादेश

शासनादेश में बताया गया है कि बच्चों को शारीरिक दण्ड दिये जाने पर चिन्ता व्यक्त करते हुए बच्चों एवं उनके अधिकारों के प्रति असंवेदनशीलता तथा हिंसक संस्कृति का द्योतक मानते हुए हिंसा को पूर्णतया प्रतिबन्धित किया है। इसके साथ ही बच्चों को शारीरिक दण्ड में यथा- बच्चों को झाड़ना, फटकारना, परिसर में दौड़ना, चिकोटी काटना, छड़ी से पिटना, चिकोटी काटना, चाटा मारना, चपत जमाना, घुटनों के बल बैठाना, यौन शोषण, प्रताड़ना, क्लासरूम में अकेले बन्द कर देना, बिजली का झटका देना एवं अन्य सभी प्रकार के वे कृत्य जो अपमानित करके नीचा दिखाने, शारीरिक एवं मानसिक रूप से आघात पहुॅचाने और अन्ततः मृत्यु कारित करने वाले हों, सम्मिलित है ।

शासनादेश के बारे में बच्चों को जागरूक करने का निर्देश

उक्त शासनादेश में राष्ट्रीय बालक अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा समस्त राज्यों के शिक्षा विभाग को निम्नवत् निर्देश दिये गये है। समस्त बच्चों को व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से अवगत कराया जाये कि उन्हें शारीरिक दण्ड के विरोध में अपनी बात कहने का अधिकार है। इसे संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में भी लाया जाये ।प्रत्येक स्कूल जिसमें छात्रावास, जेजे होम्स, बाल संरक्षण गृह एवं अन्य सार्वजनिक संस्थाएं भी सम्मिलित है, में एक ऐसा फोरम बनाया जाये जहां बच्चे अपनी बात रख सकें। ऐसे संस्थानों को किसी एनजीओ की सहायता भी लेनी चाहिए ।

हर स्कूल में एक होनी चाहिए शिकायत पेटिका
शासनादेश के मुताबिक प्रत्येक स्कूल में एक शिकायत पेटिका भी होनी चाहिए जिसमें छात्र शिकायती पत्र अनाम शिकायती पत्र भी डाल सकें ।अभिभावक शिक्षक समिति अथवा समान प्रकृति की कोई अन्य समिति नियमित रूप से प्राप्त शिकायतों एवं कृत कार्रवाई की मासिक समीक्षा करें।अभिभावक शिक्षक समिति को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए कि वे प्राप्त शिकायतों पर बिना समय गवाये तत्परता से कार्यवाही करें ताकि कोई दारूण स्थिति न उत्पन्न हो सके। दूसरे शब्दों में अभिभावक शिक्षक समिति को शिकायत की गम्भीरता पर अपने विवेक का प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं है।

अब शारीरिक दंड मिलने पर बच्चे कर सकते हैं शिकायत

अभिभावकों के साथ-साथ बच्चों को भी शारीरिक दण्ड के विरोध में भयमुक्त होकर अपनी आवाज उठाने के लिए अधिकृत किया जाये वगैर इस बात से भयाकान्त हुए कि इससे स्कूलों में बच्चों की भागीदारी पर कुप्रभाव पड़ेगा ।शिक्षा विभाग ब्लाक स्तर जनपद स्तर एवं राज्य स्तर पर ऐसी प्रक्रिया स्थापित करे जिससे बच्चों की शिकायतों एवं उन पर कृत कार्रवाई की समीक्षा की जा सके ।उक्त निर्देशों का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये ।

किसी बच्चे का मानिसक उत्पीड़न नहीं किया जाएगा

निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अध्याय 4 के बिन्दु सं0 17 ( 1 ) व ( 2 ) में निम्नलिखित प्राविधान किया गया है - 17 (1) में किसी बालक को शारीरिक दंड नहीं दिया जाएगा या उसका मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जाएगा। 17 ( 2 ) में जो कोई उपधारा (1) के उपबंधों का उल्लंघन करेगा, वह ऐसे व्यक्ति का लागू सेवा नियमों के अधीन अनुशासनिक कार्यवाई का दायी होगा। निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अध्याय 6 के बिन्दु सं0 31 ( 1 ) व 32 ( 1 ) में निम्नलिखित प्राविधान किया गया है झ्र 31 ( 1 ) में बालक के शिक्षा के अधिकार को मानिटर करना तथा बिन्दु सं0 32 ( 1 ) में शिकायतों को दूर करने का प्राविधान निर्धारित किया गया है।

जाति, धर्म, लिंग के आधार पर नहीं किया जाएगा का भेदभाव

उत्तर प्रदेश शासन, शिक्षा अनुभाग-5 के संख्या 2510 / 79-5-2011-29/09, लखनऊ, 27 जुलाई, 2011 के द्वारा उ०प्र० निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 प्रख्यापित की गयी है। उक्त नियमावली के भाग तीन नियम 5 के उपनियम 3 व 4 में निम्न प्राविधान किये गये नियम (3) स्थानीय प्राधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी होगा कि विद्यालय में किसी बालक के साथ जाति, वर्ग, धर्म अथवा लिंग आधारित दुर्व्यवहार या भेदभाव न किया जाय तथा नियम ( 4 ) स्थानीय प्राधिकारी यह सुनिश्चित करेगा कि कक्षा में, मध्याह्न भोजन के दौरान, खेल के मैदानों में, सामान्य पेयजल एवं प्रसाधन सुविधाओं के प्रयोग में एवं प्रसाधनों अथवा कक्षाओं की सफाई में कमजोर एवं साधनहीन वर्ग के बालकों के साथ कोई विभेदकारी अथवा अलगाववादी व्यवहार न किया जाय ।

बाल हेल्पलाइन पर दर्ज करा सकेंगे अपनी शिकायत

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अथवा यथास्थिति शिक्षा अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (आर०ई०पी०ए०) द्वारा पत्र / दूरभाष / एस०एम०एस० के माध्यम युक्त सर्वसुलभ बाल हेल्प लाईन स्थापित की जायेगी तथा जो इस अधिनियम के अधीन अधिकारों के उल्लंघन के सम्बन्ध में पीड़ित बालक अथवा संरक्षक की शिकायत दर्ज करने के लिए मंच के रूप इस रीति से कार्य करेगी कि उसकी पहचान अभिलिखित की जायेगी, किन्तु उसे प्रकट नहीं किया जायेगा ।

इस तरह सुनी जाएगी बच्चों की शिकायत

प्रारम्भिक रूप से कोई शिकायत ग्राम शिक्षा समिति / वार्ड शिक्षा समिति को उसके सदस्य सचिव के माध्यम से की जायेगी। ग्राम शिक्षा समिति / वार्ड शिक्षा समिति के विनिश्चय के पश्चात् अपील, यथास्थिति विकास खण्ड स्तरीय सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी / नगर शिक्षा अधिकारी को की जा सकती है। द्वितीय अपील उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अधिनियम, 1972 की धारा-10 के अधीन ग्रामीण क्षेत्र से सम्बन्धित मामलों के लिए जिला पंचायत को और धारा 10- क के अधीन नगरीय क्षेत्र से सम्बन्धित मामलों के लिए नगरपालिका को की जा सकती है। समस्त शिकायतों का अनुश्रवण, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद् द्वारा ऑनलाइन क्रियाविधि के आधार पर पारदर्शी और तत्परतापूर्ण कार्यवाही के माध्यम से किया जायेगा ।


प्रदेश के विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को उनके अधिकारों से परिचित कराने तथा उनके प्रति भेदभाव न किये जाने के सम्बन्ध में " सुरक्षा एवं संरक्षा प्रशिक्षण मॉड्यूल" राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा तैयार किया गया है। इस मॉड्यूल के अन्तर्गत अध्यापकों को वृहद रूप से छात्र - छात्राओं के सुरक्षा एवं संरक्षा के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी है । जिसके अन्तर्गत मुख्यतः निम्नलिखित विषय बिन्दुओं को सम्मिलित किया गया है- सुरक्षा एवं संरक्षाः अभिप्राय एवं आयाम, विद्यालय स्तर पर स्वस्थ एवं सुरक्षित वातावरण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, साइबर सुरक्षा एवं अन्य सुरक्षा सम्बन्धी मुद्दे, कानूनी प्रावधान एवं नीतियाँ, शिकायत निवारण तंत्र, विभिन्न स्तरों पर हितधारक, उनकी जिम्मेदारियाँ एवं अपेक्षाएँ, सुरक्षा संरक्षा किट एवं आकस्मिक चिकित्सा, बाल सुरक्षा एवं संरक्षा समिति, सुरक्षा योजना निर्माण के चरण जिसके प्रथम अध्याय में विस्तृत से दण्ड के विविध प्रकारों का विवरण दिया गया ।

अब बच्चे के साथ यह काम नहीं कर पाएंगे शिक्षक

विद्यालयों में शारीरिक भावात्मक उत्पीड़न के सामाजिक उत्पीड़न उत्पीड़न के सामान्य रूप (शिक्षक रूप में के रूप में यौन क्षेत्र में 'सुरक्षा एवं संरक्षा तथा यौन उत्पीड़न / लैंगिक अपराध भेदभाव, बच्चों को अश्लील भेदभाव सामग्री दिखाना, बच्चों उत्पीड़न, जातिगत उत्पीड़न, लैंगिक (महिला और पुरूष), के निजी अंगों को आधार छूना, बच्चों व्यवहारात्मक, पर भेदभाव, या आधारित पंच मारना, नोचना, मौखिक धक्का देना, लात मानसिक मारना, थप्पड़ मारना, मनोवैज्ञानिक कान ऐंठना, हाथ दुर्व्यवहार, बच्चे को वर्ण, रंग केआकार आपत्तिजनक तस्वीर भेदभाव, लेना, आपत्तिजनक से / छड़ी से / लोहे गंभीर की रॉड से मारना, भावात्मक उँगली के पोर पर मानसिक मारना, बच्चे की पीठ पहुँचाना, बन्द कमरे अपमानजनक तरीके पर मारना, एक बच्चे व अंधेरे कमरे में से जाति के नाम से सदमा पैतृक व्यवसाय, गतिविधियाँ करना, विडियो बनाना, दुपट्टा खींचना, जब बच्चो को बन्द करना, पुकारना, पैतृक पेशे लड़कियाँ घर / बच्चे को लम्बे समय के के लिए कुर्सी से बाँध देना व बच्चे को डराना / घमकाना आदि ।

दूसरे बच्चे के सिर से लड़ाना भी पड़ेगा भारी
आधार पर विद्यालय जा रही हों तो उन पर भद्दी टिप्पणी करना, लड़कों द्वारा लड़कियों को नजरिये से अपमानित करना, अलग बैठाना, कक्षा में पीछे बैठने के लिए कहना, मिड-डे-मील गलत के लिए एक साथ न बैठाना, वंचित वर्ग के बच्चों द्वारा कोई प्रश्न पूछने पर अध्यापक के सिर को दूसरे बच्चे के सिर से लड़ाना, बच्चे को किताब कॉपी न लाने के लिये के लिये खड़ा करना, बच्चे के सिर पर वज़न रखकर बच्चे के साथ बुरा खड़ा करना, बच्चे को व्यवहार करना जैसे कुर्सी के आकार आँखें तरेरना, कक्षा से में / मुर्गा बनाकर / धूप बाहर करना, कक्षा में में खड़ा करना / बच्चे नज़रअंदाज करना, द्वारा उत्तर न देना को खेल के मैदान के बच्चों को बार-बार आदि । चारों तरफ या टोक कर यह विद्यालय के चारों अहसास दिलाना कि तरफ दौड़ाना, बच्चे वो किसी काम को उठक-बैठक नहीं है, बच्चों को एक से थप्पड करवाना, बच्चे के दूसरे
सिर को दीवार से मरवाना व अपशब्दों लड़ाना ।

शिक्षकों को इनके बारे में दिया जाएगा प्रशिक्षण

अतः जनपदों के समस्त निजी प्रबन्धतन्त्र द्वारा संचालित विद्यालयों को प्रशिक्षण मॉड्यूल की सॉफ्ट प्रति प्रेषित करते हुए यह निर्देश प्रेषित करे कि प्रशिक्षण मॉड्यूल में दिये गये बच्चों के सुरक्षा संरक्षा से सम्बन्धित विभिन्न आयामों से सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित कराना सुनिश्चित करें । परिषदीय विद्यालयों में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष सभी शिक्षक / शिक्षिकाओं को ऑफ लाइन मोड में उक्त प्रशिक्षण प्रदान करने की कार्यवाही पूर्ण की जाये एवं इसके साथ ही यदि शिक्षक / शिक्षिकायें अवशेष रहते है तो उन्हें ऑनलाइन मोड में बी०आर०सी०/ संकुल की बैठक के माध्यम से सुरक्षा एवं संरक्षा के विभिन्न मॉडयूल के आयामों पर आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया जाये। यदि किसी शिक्षक द्वारा दिये गये निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में प्राविधानित दण्डों के बारे में भी अवगत कराया जाये ।

प्रेमिका से मिलने पहुंचा प्रेमी, परिजनों ने कराई शादी, फिर पहुंची पुलिस

लखनऊ। यूपी के जनपद जालौन में आजीबों-गरीब घटना देखने को मिली। यहां के  सिरसा कलार थाने में एक प्रेमी अपनी विवाहिता प्रेमिका से मिलने पहुंचा। विवाहिता के परिजनों ने दोनों को एक साथ पकड़ लिया और दोनों की शादी करा दी। मामले ने जब तूल पकड़ा तो पुलिस पहुंची। इस दाैरान दाेनाें परिवाराें के बीच चली बातचीत में समझौता हाे गया। बाद में युवक के परिजन अपनी बहू को साथ ले गए। यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा।


जानकारी के लिए बता दें कि जालौन के सिरसा कलार थाना अंतर्गत पिथऊपुर निवासी मंयक चंदेल का पड़ोस के एक गांव निवासी 22 वर्षीय शादीशुदा युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती कई महीनों से मायके में ही रह रही है। दोनों के प्रेम प्रसंग के बारे में घर वालों को भी पता चल गया था। इसीलिए साेमवार की देर रात प्रेमी मयंक विवाहित प्रेमिका से मिलने गांव पहुंचा, तो परिजनों ने दोनों को पकड़ लिया। इसके बाद घर ले जाकर दोनों की शादी करा दी। प्रेमी युवक के घर वालों को जब इस बात की जानकारी हुई ताे उन्हाेंने मामले की सूचना पुलिस को दी गई।



मगंलवार की सुबह पुलिस की माैजूदगी में आपसी बातचीत के द्वारा दोनों परिवाराें में समझौता हाे गया और युवक के परिवार वाले बहू काे साथ विदा करा ले गए। थानाध्यक्ष ब्रजेश बहादुर सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है। अगर कोई समस्या आएगी तो कार्रवाई की जाएगी। इसमें अब दोनों पक्षों की तरफ से कोई विवाद नहीं रहा है। वहीं दूसरी तरफ प्रेमी-प्रेमिका की यह शादी क्षेत्र में चर्चा का विषय बन ई है।