लाल किले में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की सीट को लेकर विवाद, ओलंपिक पदक विजेताओं के साथ बैठे आए नजर
#congress_leader_rahul_gandhi_sitting_arrangement_controversy

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी हिस्सा लिया। स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राहुल गांधी को ओलंपिक पदक विजेताओं के साथ सबसे आखिरी पंक्ति में बैठे नजर आए। जैसे ही ये तस्वीरें आई, कांग्रेस ने सवाल उठा दिया। अब राहुल गांधी की सीट को लेकर विवाद हो गया है।

प्रोटोकॉल के मुताबिक, लोकसभा में विपक्ष के नेता, जिनका दर्जा कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है, उनको हमेशा आगे की पंक्ति में सीट दी जाती है। जहां फिलहाल भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, शिवराज सिंह चौहान, अमित शाह और एस जयशंकर बैठे थे।

ऐसे में कांग्रेस ने राहुल गांधी की सीट को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा, "रक्षा मंत्रालय इतना खराब व्यवहार क्यों कर रहा है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को चौथी कतार में बैठाया गया है। नेता प्रतिपक्ष का पद किसी भी केंद्रीय मंत्री से बड़ा होता है। लोकसभा में वह प्रधानमंत्री के बाद आते हैं। राजनाथ सिंह जी आप रक्षा मंत्रालय को राष्ट्रीय समारोह का राजनीतिकरण करने की इजाजत कैसे दे सकते हैं। आपसे इसकी उम्मीद नहीं थी।"

कांग्रेस की इस आपत्ति पर रक्षा मंत्रालय का बयान आया है।रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी के लिए आगे की सीट रिजर्व थी, लेकिन उन्होंने अपनी मर्जी से लाइन में पीछे बैठने का फैसला किया।

बता दें कि सफेद कुर्ता-पायजामा पहने राहुल गांधी भारतीय हॉकी टीम के फॉरवर्ड गुरजंत सिंह के बगल में बैठे नजर आ रहे हैं। आगे की रो में मनु भाकर और सरबजोत सिंह जैसे ओलंपिक पदक विजेता बैठे थे।  ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पीआर श्रीजेश सहित टीम के सदस्य भी राहुल गांधी से आगे बैठे थे।

बता दें कि एक दशक में यह पहली बार था जब विपक्ष का कोई नेता स्वतंत्रता दिवस प्रोग्राम के लिए लाल किले पर मौजूद रहा।ऐसे में उसे पीछे बैठे जाने पर विवाद हो गया है।
मंकीपॉक्स वायरस ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित, डब्ल्यूएचओ ने दो साल में दूसरी बार किया ऐलान
#mpox_has_been_declared_a_global_health_emergency

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया  है।साल 2022 के बाद अब दूसरी बार इस बीमारी को वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य आपातकाल बताया गया है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अफ्रीकी महाद्वीप में इन दिनों मंकीपॉक्स संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसे एमपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। इस साल अफ्रीका में 14,000 से अधिक मामले और 524 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। एमपॉक्स के खतरे को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने बुधवार (14 अगस्त) को इसे 'वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल' घोषित कर दिया है।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ . टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने कहा, एमपॉक्स को लेकर आपातकालीन समिति ने बैठक की और मुझे सलाह दी कि यह अंतरराष्ट्रीय चिंता विषय है। मैंने  इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने की सलाह को स्वीकार कर लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन जमीनी स्तर पर काम कर रहा है और प्रभावित देशों और जोखिम वाले अन्य लोगों के साथ काम कर रहा है।

आशंका जताई जा रही है यह बीमारी अफ्रीका के अलावा दूसरे महाद्वीपों तक भी फैल सकती है। साल 2022 के बाद से ही मंकीपॉक्स के कुछ मामले आ रहे हैं, लेकिन केस कम थे तो इस बीमारी पर ध्यान नहीं दिया गया। पिछले साल भी अमेरिका और चीन में मंकीपॉक्स के केस आए थे। इसके बाद 2024 की शुरुआत से ही अफ्रीका के देशों में मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

डब्ल्यूएचओ इसलिए भी चिंतित है क्योंकि मंकीपॉक्स के अलग-अलग प्रकोप में मृत्यु दर अलग-अलग देखी गई है। कई बार तो यह 10% से भी अधिक रही है। यह इसलिए अधिक खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि यह संक्रामक बीमारी है। इसलिए डब्ल्यूएचओ ने इसे लेकर सबसे उच्च स्तर का अलर्ट जारी किया है।

मंकीपॉक्स चेचक जैसी एक वायरल बीमारी है। आमतौर इस वायरस से संक्रमण के ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, लेकिन दुर्लभ मामलों में यह घातक हो सकता है। इसके चलते फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं और शरीर पर मवाद से भरे घाव हो जाते हैं। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस फैमिली का ही मेंबर है, जो चेचक (स्मालपॉक्स) के लिए भी जिम्मेदार है। इसका प्रकोप मुख्यरूप से समलैंगिक, बाइसेक्सुअल लोगों में अधिक देखा जाता रहा है। हालांकि रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने एक रिपोर्ट में अलर्ट किया था कि यौन संबंधों के अलावा भी इस संक्रमण को जोखिम कई और तरीके से हो सकता है, जिसको लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है।
भारत ने महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी ठुकराई, जय शाह ने बताई वजह
#india_refused_to_host_womens_t20_world_cup
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) महिला टी20 विश्व कप 2024 की मेजबानी इस बार बांग्लादेश के पास है। लेकिन पड़ोसी में बिगड़े हालातों को देखते हुए लगता है बांग्लादेश से टी20 विश्व कप की मेजबानी छिन सकती है। वहीं आईसीसी भी लगातार बांग्लादेश के हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। दूसरी तरफ रिपोर्ट सामने आई थी कि टी20 विश्व कप की मेजबानी भारत, श्रीलंका या यूएई कर सकते हैं। वहीं अब बड़ी जानकारी सामने आ रही है कि भारत में महिला टी20 विश्व कप 2024 नहीं होगा।

दरअसल, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस वैश्विक प्रतियोगिता की मेजबानी को ठुकरा दिया है। बीसीसाई के सचिव जय शाह ने खुद यह बताया है कि वह इसकी मेजबानी नहीं करेंगे।बीसीसीआई सचिव जय शाह ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने बताया, ‘हमने भारत में महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी की रिक्वेस्ट ठुकरा दी है, जो बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने किया था। हमें अगले साल महिला वनडे वर्ल्ड कप की मेजबानी करनी है। हम ऐसा कोई संकेत नहीं देना चाहते कि भारत वर्ल्ड कप की लगातार मेजबानी करना चाहता है।

*बांग्लादेश पुरुष टीम के अभ्यास पर भी असर*
बांग्लादेश में चल रहे प्रदर्शन के कारण महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 के आयोजन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच बांग्लादेश पुरुष टीम के अभ्यास पर भी असर पड़ा था. देश में हो रहे प्रदर्शन के कारण बांग्लादेश टीम तय शेड्यूल से पहले ही पाकिस्तान के लिए रवाना हो चुकी है। दोनों देशों के बीच दो टेस्ट मैच खेले जाने हैं और यह सीरीज 21 अगस्त को शुरू होगी। पहला बांग्लादेश टीम 17 अगस्त को पाकिस्तान जाने वाली थी, लेकिन अभ्यास, विरोध प्रदर्शन और कई विषयों को ध्यान में रखते हुए टीम 5 दिन पहले ही पाकिस्तान चली गई थी।

*अब श्रीलंका या यूएई की ओर नजर*
अक्टूबर में होने वाले आईसीसी महिला टी20 विश्व कप 2024 में ज्यादा समय नहीं बचा है। यह टूर्नामेंट 3-20 अक्टूबर तक 2 मैदानों में खेला जाना है। लेकिन उससे पहले बांग्लादेश हो रही हिंसा से वहां के हालात खराब होते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में इस टूर्नामेंट के बांग्लादेश में होने को लेकर संशय बना हुआ है। अगर बांग्लादेश महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी नहीं करता तो अब यह टूर्नामेंट श्रीलंका या यूएई में ही होगा। श्रीलंका में अक्टूबर में बारिश होती है। इस कारण यूएई का रुख किया जा सकता है।
“भारत 2036 में ओलंपिक गेम्स की मेजबानी की तैयारी कर रहा है” लाल किले से बोले पीएम मोदी
#pm_narendra_modi_says_indias_dream_to_host_olympics_2036
भारत ने अभी तक ओलंपिक खेलों का आयोजन नहीं किया है। नरेंद्र मोदी जब से सत्ता में आए हैं तब से कई बार कह चुके हैं कि वह भारत में ओलंपिक खेलों का आयोजन करना चाहते हैं। आज लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने बड़ी बात कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि देश इस खेल महाकुंभ के आयोजन के लिए तैयारी कर रहा है।पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन के दौरान वहां उपस्थित ओलंपिक विजेताओं का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का जिक्र करते हुए कहा, आज हमारे साथ इस तिरंगे के नीचे वो नौजवान बैठे हैं, जिन्होंने ओलंपिक की दुनिया में भारत का परचम लहराया है। मैं अपने सभी खिलाड़ियों को 140 करोड़ देशवासियों की ओर से धन्यवाद देता हूं। पीएम मोदी ने कहा, हम नए सपने और नए संकल्प और अत्यंतिक पुरुषार्थ के साथ नए लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आगे बढ़ेंगे। इस विश्वास के साथ मैं उनको शुभकामनाएं देता हूं। आने वाले कुछ दिनों में भारत का बहुत बड़ा दस्ता पैरालंपिक्स के लिए पेरिस रवाना होगा। मैं सभी पैरालंपिक खिलाड़ियों को भी शुभकामनाएं देता हूं।

पीएम मोदी ने कहा, 'हिंदुस्तान का सपना है कि 2036 में जो ओलंपिक हों, वह हिंदुस्तान की धरती पर हों। उसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं, आगे बढ़ रहे हैं।'

बता दें कि भारत 2036 में होने वाले खेलों के महाकुंभ की मेजबानी हासिल करने की कोशिश कर रहा, लेकिन अब इस रेस में उसे चुनौती देने एक और देश आ गया है। मिस्र भी ओलंपिक-2036 की मेजबानी की दावेदारी पेश करेगा।
डिप्टी सीएम व जिला प्रभारी मंत्री विजय सिन्हा ने शहीद खुदीराम बोस मैदान में किया झंडोत्तोलन, राज्य और केन्द्र सरकार की योजनाओं की दी जानकारी

मुजफ्फरपुर : आज देश अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इसे लेकर पूरे देश के साथ बिहार में भी जश्न का माहौल है। राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगातार 18वीं बार झंडा फहराकर रिकॉर्ड बनाया। 

इधर मुजफ्फरपुर में डिप्टी सीएम व जिला प्रभारी मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने जिला में 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शहीद खुदीराम बोस मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में झंडोत्तोलन कर परेड की सलामी ली।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने केंद्र और बिहार सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से आमजन को होने वाले लाभ से अवगत कराया। 

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

अत्यंत धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाया जाएगा 78 वां स्वाधीनता दिवस,मुख्य समारोह शहीद खुदीराम बोस स्टेडियम में होगा आयोजित

 

78 वां स्वाधीनता दिवस समारोह अत्यंत धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। मुख्य समारोह शहीद खुदीराम बोस स्टेडियम में आयोजित है

जहां माननीय उपमुख्यमंत्री सह जिला प्रभारी मंत्री द्वारा झंडोत्तोलन किया जाएगा तथा उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया जाएगा। समारोह के सफल एवं सुचारु आयोजन हेतु सभी प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गई है। जिलाधिकारी द्वारा अधिकारियों की टीम के साथ समारोह स्थल पर लगातार भ्रमण कर सभी तैयारी का जायजा लिया जा रहा है।

स्वाधीनता दिवस के शुभ अवसर पर जिलाधिकारी ने जिलावासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। आयुक्त कार्यालय जिलाधिकारी कार्यालय सहित अन्य सरकारी कार्यालयों में झंडोंत्तोलन का कार्यक्रम है।

मुख्य समारोह स्थल पर ध्वजारोहण के उपरांत महादलित टोलों में आयोजित झंडोत्तोलन कार्यक्रम में अधिकारीगण शामिल होंगे। 

उसके उपरांत, राज्य एवं राष्ट्र स्तर पर विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पुरस्कार पाने वाले मुजफ्फरपुर जिला के व्यक्तियों को माननीय उपमुख्यमंत्री सह जिला प्रभारी मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा के कर कमलों के द्वारा स्वाधीनता दिवस के मौके पर नगर भवन में समारोहपूर्वक सम्मानित किया जाएगा। 

इसके अतिरिक्त शाम में स्कूली बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजित है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का देश के नाम संबोधन, बोलीं- देश अपना संपूर्ण गौरव फिर से हासिल करेगा
#president_draupadi_murmu_addressed_the_nation


78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार, 14 अगस्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया।राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी का यह पर्व हमें उन दिनों की याद दिलाता है, जब देश के लिए कई लोगों ने बलिदान दिया। हमारे स्वाधीनता सैनानियों ने हमें नई अभिव्यक्ति प्रदान की। सरदार पटेल, बोस, भगत सिंह, बाबा साहेब अंबेडकर जैसे कई अन्य लोग थे, जिनके बलिदान की सराहना होती रही है। उन्होंने कहा, सभी देशवासी उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं। लहराते तिरंगे को देखना हमारे हृदय को उत्साह से भर देता है। ये महान देश का हिस्सा होने की खुशी को व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम अपने परिवार के साथ अलग-अलग त्योहार मनाते हैं, उसी तरह हम अपने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को भी अपने उस परिवार के साथ मनाते हैं जिसके सदस्य हमारे सभी देशवासी हैं। आजादी के त्योहार में शामिल होने वाले सभी देशवासी हमारा परिवार हैं।

मुर्मू ने कहा कि हम उस परंपरा का हिस्सा हैं जो स्वाधीनता सेनानियों के सपनों और उन भावी पीढ़ियों की आकांक्षाओं को एक कड़ी में पिरोती है जो आने वाले वर्षों में हमारे देश को अपना संपूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी। बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। अगले साल उनकी 150वीं जयंती का उत्सव राष्ट्रीय पुनर्जागरण में उनके योगदान को और अधिक गहराई से सम्मान देने का अवसर होगा।

*विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का जिक्र*
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, आज, 14 अगस्त को, हमारा देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है। यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है। जब हमारे महान राष्ट्र का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा। लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले, हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं और उन परिवारों के साथ एक-जुट होकर खड़े होते हैं जो छिन्न-भिन्न कर दिए गए थे।

*महिला सशक्तिकरण का किया जिक्र*
राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, समावेशी भावना, हमारे सामाजिक जीवन के हर पहलू में दिखाई देती है। अपनी विविधताओं और बहुलताओं के साथ, हम एक राष्ट्र के रूप में, एकजुट होकर, एक साथ, आगे बढ़ रहे हैं। मैं दृढ़ता के साथ यह मानती हूं कि भारत जैसे विशाल देश में, कथित सामाजिक स्तरों के आधार पर कलह को बढ़ावा देने वाली प्रवृत्तियों को खारिज करना होगा। महिलाओं को केंद्र में रखते हुए सरकार द्वारा अनेक विशेष योजनाएं भी लागू की गई हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उद्देश्य महिलाओं का वास्तविक सशक्तीकरण सुनिश्चित करना है।

*नई संहिता स्वाधीनता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि*
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘इस वर्ष जुलाई से भारतीय न्याय संहिता को लागू करने में, हमने औपनिवेशिक युग के एक और अवशेष को हटा दिया है। नई संहिता का उद्देश्य, केवल दंड देने की बजाय, अपराध-पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है। मैं इस बदलाव को स्वाधीनता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में देखती हूं।

*भारत बना 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था', राष्ट्रपति मुर्मू*
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, हम अपने संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। हमारे नव-स्वाधीन राष्ट्र की यात्रा में गंभीर बाधाएं आई हैं। न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुता के संवैधानिक आदर्शों पर दृढ़ रहते हुए, हम इस अभियान के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि भारत, विश्व-पटल पर अपना गौरवशाली स्थान पुनः प्राप्त करे. वर्ष 2021 से वर्ष 2024 के बीच 8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल करके, भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल है। इससे न केवल देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और हम शीघ्र ही विश्व की तीन शीर्षस्थ अर्थ-व्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। यह सफलता किसानों और श्रमिकों की अथक मेहनत, नीति-निर्माताओं और उद्यमियों की दूरगामी सोच तथा देश के दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर ही संभव हो सकी है। हमारे अन्नदाता किसानों ने उम्मीदों से बेहतर कृषि उत्पादन सुनिश्चित किया है। ऐसा करके, उन्होंने भारत को कृषि-क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और हमारे देशवासियों को भोजन उपलब्ध कराने में अमूल्य योगदान दिया है।
रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज को अमेरिका ने नहीं दिया वीजा, जानें क्या है वजह

अयोध्या में रामलला की मूर्ति बनाने वाले मुर्तिकार अरुण योगीराज और उनके परिवार को अमेरिका ने वीजा देने से इंकार कर दिया। उन्होंने एसोसिएशन ऑफ कन्नड़ कूट ऑफ अमेरिका के एक कार्यक्रम, विश्व कन्नड़ कंनवेंशन-2024 में भाग लेने के लिए आवेदन किया था।अरुण योगीराज के मुताबिक इनवाइट मिलने के बाद ही उन्‍होंने वीजा के लिए अप्‍लाई किया था। अमेरिकी अंबेसी को संपर्क कर उन्‍होंने अपने डॉक्‍यूमेंट दिए। अब अचानक उन्‍हें इस बात की जानकारी दी गई है कि उनकी अर्जी रिजेक्‍ट कर दी गई है।

अरुण को 20 दिन की यात्रा पर अमेरिका जाना था।अरुण योगीराज को एसोसिएशन ऑफ कन्नड़ कूटस ऑफ अमेरिका (AKKA) द्वारा आयोजित विश्व कन्नड़ सम्मेलन (डब्ल्यूकेसी 2024) में हिस्सा लेने लेने के लिए बुलाया गया था। ये कार्यक्रम 30 अगस्त से 1 सितंबर, 2024 तक वर्जीनिया के ग्रेटर रिचमंड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होना है। सम्मेलन का उद्देश्य कन्नड़ संस्कृति और विरासत का जश्न मनाना है। क्योंकि, उन्होंने राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला की प्रसिद्ध मूर्ति बनाई थी, इसलिए उन्हें सम्मान के तौर पर शामिल होने के लिए बुलाया गया था।

अरुण योगीराज के अनुसार उन्होंने वीजा संबंधित सभी डॉक्यूमेंट जमा किए थे, इसके वाबजूद भी उन्हें वीजा नहीं दिया गया। राम लला की मूर्ति बनाने के लिए मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज के वीजा आवेदन को अस्वीकार करने के लिए यूएस ने कोई आधिकारिक कारण भी नहीं बताया है।10 अगस्त को बिना किसी कारण का हवाला दिए उनके आवेदन को कैंसल कर दिया गया था।

इस साल की शुरुआत में अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस मंदिर में भगवान रामलला की मूर्ति स्थापित की गई है, जिसे अरुण योगीराज ने बनाया है। अरुण योगीराज की कई पीढ़ियां मूर्तियां बनाने का काम करती रही हैं, लेकिन रामलला की मूर्ति बनाकर अरुण देश-दुनिया में काफी लोकप्रिय हो गए हैं।
साउथ अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मॉर्ने मॉर्कल बने टीम इंडिया के नए गेंदबाजी कोच, जानें कब से शुरू होगा कॉन्ट्रैक्ट
#morne_morkel_appointed_as_team_india_bowling_coach
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्कल को भारतीय टीम का गेंदबाजी कोच बनाया गया है। मोर्कल का करार एक सितंबर से शुरू होगा।गौतम गंभीर की मांग पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने साउथ अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मॉर्ने मॉर्कल को टीम इंडिया का नया गेंदबाजी कोच नियुक्त किया है। बोर्ड ने पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को टीम इंडिया का मुख्य कोच नियुक्त किया था, लेकिन सहायक स्टाफ की घोषणा नहीं की थी।अभिषेक नायर और रयान टेन डोश्टे को बतौर असिस्टेंट कोच टीम में शामिल किया गया। वहीं अब भारत को उनका नया बॉलिंग कोच भी मिल गया।

क्रिकबज के अनुसार, मोर्ने मॉर्केल के भारतीय क्रिकेट टीम के नए बॉलिंग कोच का कॉन्ट्रैक्ट 1 सितंबर से शुरू होने वाला है। इस बात की जानकारी क्रिकबज को बीसीसीआई सचिव जय शाह ने दी है। मोर्ने मोर्केल शुरू से ही भारत के बॉलिंक कोच बनने की रेस में सबसे आगे चल रहे थे। मोर्केल आईपीएल में भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर के साथ कोचिंग स्टाफ में काम कर चुके हैं। दोनों लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ जुड़े हुए थे।इससे पहले, गंभीर और मोर्कल कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) टीम में भी तीन सीजन तक एक दूसरे के साथ काम कर चुके हैं।

मोर्कल का भारतीय टीम के साथ गेंदबाजी कोच के रूप में पहला काम बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली दो मैचों की टेस्ट सीरीज होगा। दोनों टीमों के बीच यह सीरीज 19 सितंबर से शुरू होगी। मोर्कल के नाम की चर्चा महीने भर से चल रही थी, लेकिन अब आधिकारिक रूप से उन्होंने म्हांब्रे की जगह ले ली है। इसके साथ ही बीसीसीआई ने विदेशी कोच नहीं बनाने के अपने चलन में करीब एक दशक बाद बदलाव किया है। पूर्व मुख्य कोच डंकन फ्लेचर के बाद पहली बार कोई विदेशी भारतीय कोचिंग टीम का हिस्सा होगा।

आपको बता दें कि इंटरनेशनल क्रिकेट में भी मोर्ने मोर्केल को कोचिंग का अनुभव है। वह पाकिस्तान क्रिकेट टीम के बॉलिंग कोच रह चुके हैं। मोर्केल के टीम इंडिया के साथ जुड़ने के बाद भारत की तेज गेंदबाजी पहले से और बेहतर नजर आ सकती है।
'आरोपियों को बचाने की कोशिश', कोलकाता रेप-हत्या मामले पर राहुल गांधी ने तोड़ी चुप्पी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या पर दुख और आक्रोश व्यक्त किया और कहा कि देश भर में चिकित्सा समुदाय और महिलाओं के बीच असुरक्षा बढ़ रही है। गुरुवार रात की घटना के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में गांधी ने मामले से निपटने की आलोचना की और शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाया।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, “कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की जघन्य घटना से पूरा देश स्तब्ध है। जिस तरह से उनके खिलाफ क्रूर और अमानवीय कृत्य की परतें खुल रही हैं, उससे डॉक्टर समुदाय और महिलाओं में असुरक्षा का माहौल है।” उन्होंने आरोपियों को बचाने के कथित प्रयासों पर भी निशाना साधा और  कहा कि इससे "अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल" खड़े होते हैं।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर मेडिकल कॉलेज जैसी जगह में डॉक्टर सुरक्षित नहीं हैं, तो माता-पिता अपनी बेटियों को पढ़ाई के लिए बाहर कैसे भेज सकते हैं? निर्भया कांड के बाद बने सख्त कानून भी ऐसे अपराधों को रोकने में असफल क्यों हैं, मुझे आश्चर्य हुआ।

राहुल गांधी ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय संवाद और ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।उन्होंने कहा, "हाथरस से लेकर उन्नाव और कठुआ से लेकर कोलकाता तक महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रही घटनाओं पर हर पार्टी को, समाज के हर वर्ग को गंभीर चर्चा करनी होगी और ठोस कदम उठाने होंगे।"

बलात्कार और हत्या का मामला, जिसके कारण डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया, अब कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही है। घटना 8 अगस्त को हुई, जिसके बाद  पूरे देश में आक्रोश का माहौल है।  डॉक्टर्स स्ट्राइक पर है और न्याय की मांग कर रहे हैं।