पीएम मोदी ने पहनी लहरिया प्रिंट की पगड़ी, जाने इस प्रिंट की क्या है खासियत

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प्रधानमंत्री मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर गुरुवार को लालकिले पर तिरंगा फहराया। पंडित नेहरू (17 बार) और इंदिरा गांधी (16 बार) के बाद सबसे ज्यादा 11 बार झंडा फहराने वाले तीसरे पीएम हैं। स्वतंत्रता दिवस पर मोदी का पहनावा हमेशा चर्चा में रहता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2014 से हर स्वतंत्रता दिवस पर रंगीन साफा पहनते रहे हैं। उन्होंने इस बार भी इस परंपरा को बरकरार रखा। इस बार उन्होंने सफेद कुर्ता, चूड़ीदार पायजामा, लाइट ब्लू कलर का बंद गला हाफ जैकेट के साथ राजस्थानी लहरिया पगड़ी पहनी। मोदी ने इस बार नारंगी, पीले और हरे रंग के कॉम्बिनेशन की पगड़ी पहनी।

बता दें कि लहरिया प्रिंट राजस्थान की एक पारंपरिक डिजाइन है। पीएम मोदी लाल किले के प्राचीर से संबोधन के वक्त कई बार राजस्थानी पगड़ी पहन चुके हैं। बीते साल 2023 में भी पीएम मोदी ने राजस्थानी पगड़ी पहनी थी। तब पीएम मोदी ने मल्टी कलर बांधनी प्रिंट वाली राजस्थानी पगड़ी पहनी थी। 2014 के बाद से जबसे बीजेपी सरकार में आई है, तबसे हर साल स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी की पगड़ी की पसंद भारत की समृद्ध विविधता और संस्कृति को दर्शाती है।

लहरिया प्रिंट राजस्थान के पश्चिमी इलाकों के रेगिस्तानी रेत पर बहने वाली हवा से बनने वाली लहरों की प्रतीक है। यही वजह है कि लहरिया प्रिंट में कपड़े के ऊपर आड़ी-तिरड़ी लाइनें होती हैं, जो लहरों की तरह ही दिखती हैं। इस प्रिंट में जिन रंगों का इस्तेमाल होता है, वो भारत की भव्यता को दर्शाता है। शुभ कामों में लहरिया प्रिंट के कपड़े पहनना अच्छा माना है, क्योंकि लहरिया प्रिंट में जिन रंगों का का इस्तेमाल होता है, वो नई शुरूआत के लिए शुभ माने जाते हैं। इस पगड़ी को राजस्थान की शान भी कहा जाता है। 

लहरिया प्रिंट को सबसे पहले 17वीं शताब्दी में ईजाद किया गया था। इसे तैयार करने के लिए टाई एंड डाई तकनीक का इस्तेमाल होता है। इसे काफी मेहनत से तैयार किया जाता है। 17वीं शताब्दी में इजाद होने के बाद 19वीं शताब्दी के अंत तक इसका इस्तेमाल राजस्थान के कई अलग-अलग हिस्सों में होने लगा। उस वक्त भी इसका इस्तेमाल राजघरानों के पुरुषों की पगड़ी बनाने के लिए किया जाता था। ये लहरिया प्रिंट सिर्फ एक डिजाइन नहीं है, इसके पीछे राजस्थान के राजघरानों की सभ्यता छिपी है।

डर पैदा करना जरूरी...राक्षसी लोगों को कड़ी सजा दी जाए...', पीएम मोदी ने लाल किले से ऐसे शब्दों का क्यों किया प्रयोग?

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स्वतंत्रता दिवस पर देश आजादी की वर्षगांठ का जश्न मना रहा है। लाल किले में झंडारोहरण के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया।लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने आधी आबादी को उनकी सुरक्षा का भरोसा दिलाया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में महिलाओं पर हो रहें अत्याचारों का जिक्र करते हुए आतताइयों को राक्षस बताते हुए उनके मन मे डर पैदा करने की बात कही।

पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। पीएम मोदी ने सीधे तौर पर कोलकाता कांड का जिक्र तो नहीं किया, मगर उन्होंने रेप की घटना को अंजाम देने वाले को चेता दिया। पीएम मोदी ने साफ-साफ कहा कि पाप करने की सजा फांसी होती है, यह डर पैदा करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि बेटियों पर अत्याचार हो रहे हैं, हमें गंभीरता से सोचना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को जल्द से जल्द सजा हो, ऐसा विश्वास पैदा करना जरूरी है।

राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो-पीएम मोदी

लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा,’ हर सेक्टर में हम महिलाओं का दमखम देख रहे हैं। मगर दूसरी तरफ कुछ चिंता की बातें भी आती हैं। आज लाल किले से फिर एक बार अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के नाते हमें गंभीरता से सोचना होगा कि हमाारी माताओं, बहनों और बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके प्रति देश का आक्रोश है। जन सामान्य का आक्रोश है। इस आक्रोश को महसूस कर रहा हूं। इसलिए देश को, समाज को और हमारे राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो, राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।

राक्षसी कृत्य करने वालों की खबरें सामने आना जरूरी- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, महिलाओं के प्रति अपराधों की तुरंत जांच हो। कृत्य करने वालों को ज्यादा से ज्यादा, सख्त से सख्त और जल्दी से जल्दी सजा हो। जब ऐसी राक्षसी मनोवृत्ति को सजा होती है तो वह नजर नहीं आती कोने में कहीं पड़ी रहती है। ऐसे राक्षसी कृत्य करने वालों को होने वाली सजाओं के बारे में खबरें अब सामने आना जरूरी है, ताकि लोगों को पता चले कि ऐसे कृत्यों का क्या परिणाम होता है।

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गांधी मैदान से सीएम नीतीश कुमार ने किया यह बड़ा एलान, झंडोतोलन के बाद 13 झांकियों ने दिखाया अद्भुत प्रदर्शन

डेस्क : आज देश अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इसे लेकर पूरे देश के साथ बिहार में भी जश्न का माहौल है। राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगातार 18वीं बार झंडा फहराकर रिकॉर्ड बनाया। वहीं इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा एलान किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार रोजगार और नौकरी को लेकर काम कर रही है। पांच लाख लोगों को अब तक नौकरी दी जा चुकी है, जबकि दो लाख पदों के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि 10 लाख नौकरी देने का वादा किया गया था, जबकि अब तक 12 लाख लोगों को बहाल करने की प्रक्रिया जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार के अवसर मुहैया कराने में भी बिहार सरकार लगातार काम कर रही है। 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले एक साल में हमारी सरकार 10 लाख और रोजगार के अवसर मुहैया कराने जा रही है। 

वहीं झंडोतोलन के बाद गांधी मैदान में 13 झांकियों ने अद्भुत प्रदर्शन दिखाया। जिसे सबने सराहा। वहीं झांकियों के प्रदर्शन के बाद उन्हें पुरस्कृत भी किया गया। 

पहला पुरस्कार बिहार शिक्षा परियोजना को मिला। वहीं दूसरा पुरस्कार जीविका को दिया गया। तीसरा पुरस्कार दो विभागों को दिया गया। उद्योग विभाग और बिहार अग्निशमन सेवा को तीसरा पुरस्कार मिला। अन्य झांकियों ने भी पटना के गांधी मैदान में रौकन बिखेरी।

युवाओं के लिए पीएम मोदी का बड़ा ऐलान,मेडिकल क्षेत्र में 5 साल में 75 हजार सीटें बढ़ाई जाएंगी

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पीएम मोदी ने लाल किले से बड़ा ऐलान किया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत बनाने के संकल्प को दोहराते हुए कई अहम घोषणाएं की। जिसमें एक बड़ी घोषणा मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक युवाओं के लिए भी की। पीएम मोदी ने कहा कि 5 साल में देश में मेडिकल की 75000 सीटें बढ़ाई जाएंगी। बता मौजूदा समय में देश भर में एमबीबीएस की सीटें 1 लाख से अधिक हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले दस साल में एमबीबीएस की सीटें एक लाख बढ़ा दी जाएंगी। हर साल देश के 25 हजार युवा मेडिकल की पढ़ाई करने विदेश जा रहे हैं। मेडिकल की सीटों में इजाफे के बाद वे देश में ही रहकर पढ़ाई कर सकेंगे और डॉक्टर बनने के अपने सपने पूरे कर सकेंगे।

अभी इतनी हैं सीटें?

सरकारी मेडिकल काॅलेजों में एमबीबीएस की कुल 55,648 और प्राइवेट काॅलेजों में 50,685 एमबीबीएस की सीटें हैं। जिन पर इस बार दाखिला होना है। नीट यूजी 2024 काउंसलिंग राउंड 1 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 14 अगस्त से शुरू है, जो 20 अगस्त तक चलेगी। पहले राउंड के लिए सीट आवंटन का रिजल्ट 23 अगस्त को जारी किया जाएगा। नीट यूजी काउंसलिंग का आयोजन कुल चार राउंड में किया जाएगा।

पीएम मोदी ने लाल किले से बांग्लादेश का किया जिक्र, बोले-भारत चाहता है पड़ोसी देश शांति की राह पर रहे

देश आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। पूरे देश में उत्साह का माहौल है। प्रधानमंत्री मोदी ने 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया।

मेरा हर पल देश के लिए- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि मेरा हर पल देश के लिए है। मेरा कर्ण-कर्ण मां भारती के लिए है। तीसरे कार्यकाल में तीन गुना गति से काम करूंगा। आपने मुझे जो जिम्मेदारी दी है, उसे मैं पूरा करूंगा।मैं चुनौतियों से डरता नहीं हूं. मैं आपके बेहतर भविष्य के लिए हूं।

वन नेशन वन इलेक्शन पर बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए देश को आगे आना होगा। भारत की प्रगति के लिए इस सपने को पूरा करना होगा। मैं सभी पार्टियों से अपील करता हूं कि वो आगे आएं।

सेकुलर सिविल कोड समय की मांग: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि सेकुलर सिविल कोड समय की मांग है। धर्म के आधार पर भेदभाव मुक्ति जरूरी है। परिवारवाद और जातिवाद से मुक्ति जरूरी है। गलत कानूनों का आधुनिक समाज में स्थान नहीं है।

बांग्लादेश पर बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि देश में कुछ लोग भ्रष्टाचार का जय जयकार कर रहे हैं। ये स्वस्थ समाज के लिए चिंता की बात है। भ्रष्टाचारियों में डर का माहौल बनाना जरूरी है। उनपर कार्रवाई होती रहेगी। पीएम मोदी ने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हुआ वो चिंता की बात है। उम्मीद है कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। वहां के हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो। भारत चाहता है कि पड़ोसी देश शांति की राह पर रहे। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा में हमारा शुभचिंतन ही रहेगा।

राक्षसी प्रवृत्ति के व्यक्ति को कड़ी सजा दी जाए: पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “…मैं आज लाल किले से एक बार फिर अपना दर्द व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के तौर पर हमें महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के बारे में गंभीरता से सोचना होगा – इसके खिलाफ आक्रोश है मैं इस आक्रोश को महसूस कर सकता हूं। देश को, समाज को, राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा, महिलाओं के खिलाफ अपराधों की त्वरित जांच हो, इन राक्षसी कृत्यों को अंजाम देने वालों को जल्द से जल्द सख्त सजा मिले। ये विश्वास जगाने के लिए जरूरी है। समाज से मैं यह भी कहना चाहूंगा कि जब महिलाओं पर बलात्कार और अत्याचार की घटनाएं होती हैं तो उस पर व्यापक चर्चा होती है, लेकिन जब ऐसी राक्षसी प्रवृत्ति के व्यक्ति को सजा दी जाती है तो वह खबरों में नहीं दिखती, बल्कि एक कोने तक ही सीमित रहती है। समय की मांग है कि सजा पाने वालों पर व्यापक चर्चा की जाए ताकि यह पाप करने वाले समझें कि इससे फांसी होती है, मुझे लगता है कि यह डर पैदा करना बहुत जरूरी है।

महिला अत्याचार पर बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि बेटियों पर अत्याचार हो रहे हैं। सरकारों को महिला अत्याचार को गंभीरता से लेना चाहिए। महिलाओं के प्रति अपराधों की गंभीरता से जांच होनी चाहिए देश में आक्रोश है। जल्दी सजा पर चर्चा करना जरूरी है, जिससे दोषियों में डर पैदा हो।

नालंदा में आन बान और शान से लहराया तिरंगा, प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज

नालंदा : आज 15 अगस्त को 78 वां स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर बिहारशरीफ के सोगरा स्कूल के मैदान में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जहां प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर अमर जवानों को याद किया। 

इसके पूर्व उन्होंने नालंदा पुलिस के परेड का निरीक्षण किया । इस मौके पर उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता को पाने के लिए आज से 77 साल पहले आजादी के दीवाने कैसे होंगे जो देश के लिए अपनी कुर्बानी देने में भी पीछे नहीं हटे । यही कारण है कि हमने आजाद देश में सांस लिए । ऐसे भारत माता के वीर सपूतों को हम नमन करते हैं । जिससे वह कुछ इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया। 

इस मौके पर सांसद कौशलेंद्र कुमार, मेयर अनीता देवी, जिला परिषद अध्यक्ष तनुजा कुमारी, डीएम शशांक शुभंकर, एसपी अशोक मिश्रा के अलावा कई लोग मौजूद थे। 

नालंदा से राज

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के गांधी मैदान में लगातार 18वीं बार झंडा फहराकर सीएम नीतीश कुमार ने बनाया रिकॉर्ड, किया यह बड़ा एलान

पटना : आज देश अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इसे लेकर पूरे देश के साथ बिहार में भी जश्न का माहौल है। राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगातार 18वीं बार झंडा फहराकर रिकॉर्ड बनाया। 

इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले आजादी के लिए शहीद हुए लोगों को नमन किया। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में बिहार का अहम योगदान है। हम बिहार के लोगों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी नौकरी को लेकर बड़ा दावा करते हुए कहा कि बिहार में 10 लाख नौकरी देने का काम उन्होंने शुरू किया है। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले 12 लाख युवाओं का नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले यह आंकड़ा 10 लाख का रखा गया था। विभिन्न क्षेत्रों में बिहार में 24 लाख लोगों को रोजगार दिया जा चुका है। उन्होंने तेजस्वी यादव की ओर संकेत करते हुए कहा कि कुछ लोग इधर-उधर की बातें करते रहते हैं।

इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह में 13 झांकियां भी निकाली गई। इन झांकियों के जरिए सरकार की विकासात्मक और लोक कल्याणकारी योजनाओं, समाज सुधार अभियान और महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों को दिखाया गया. सुरक्षा के दृष्टिकोण से झांकी की संरचना की ऊंचाई अधिकतम 15 फीट निर्धारित की गई है। 

वहीं, गांधी मैदान की सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। 98 मजिस्ट्रेट और 1000 से अधिक पुलिसकर्मी इस दौरान सुरक्षा में तैनात रहें। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पूरे गांधी मैदान को चार सेक्टर में बांटा गया है। हर सेक्टर की जिम्मेदार अलग-अलग अधिकारी को सौंपी गई है। गांधी मैदान में अस्थाई नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है।

सीएम नीतीश कुमार ने 78वें स्वतंत्रता दिवस की राज्य और देशवासियों को दी हार्दिक बधाई, गांधी मैदान में फहराएंगे तिरंगा

डेस्क : आज देश अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इसे लेकर पूरे देश के साथ बिहार में भी जश्न का माहौल है। राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में सीएम नीतीश कुमार सुबह 9 बजे झंडा फहराएंगे।

इस पहले बीते बुधवार को मुख्यमंत्री ने 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राज्यवासियों और देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही सीएम नीतीश कुमार स्वतंत्रता संग्राम में आहूति देने वाले वीर सपूतों को नमन किया।

मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी आहूति देने वाले तमाम वीर सपूतों एवं स्वतंत्रता संग्राम के सभी सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि उनकी शहादत और कुर्बानियां अमर हैं। उनके संघर्ष और कुर्बानी के कारण ही हम सबको आजादी का यह महान तोहफा मिल पाया है। मुख्यमंत्री ने राज्य एवं देशवासियों से अपील की है कि वे आपसी भाईचारा, मेल-जोल, सद्भाव, सहिष्णुता का वातावरण बनाए रखें।

देश की आजादी अक्षुण्ण रखने के लिये आज के दिन हम सब यह संकल्प लें कि हम अपनी एकता-अखंडता बनाये रखेंगे और देश को प्रगति, समृद्धि एवं विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे। देश का नाम दुनिया में रौशन करते रहेंगे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का देश के नाम संबोधन, बोलीं- देश अपना संपूर्ण गौरव फिर से हासिल करेगा

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78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार, 14 अगस्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया।राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी का यह पर्व हमें उन दिनों की याद दिलाता है, जब देश के लिए कई लोगों ने बलिदान दिया। हमारे स्वाधीनता सैनानियों ने हमें नई अभिव्यक्ति प्रदान की। सरदार पटेल, बोस, भगत सिंह, बाबा साहेब अंबेडकर जैसे कई अन्य लोग थे, जिनके बलिदान की सराहना होती रही है। उन्होंने कहा, सभी देशवासी उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं। लहराते तिरंगे को देखना हमारे हृदय को उत्साह से भर देता है। ये महान देश का हिस्सा होने की खुशी को व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम अपने परिवार के साथ अलग-अलग त्योहार मनाते हैं, उसी तरह हम अपने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को भी अपने उस परिवार के साथ मनाते हैं जिसके सदस्य हमारे सभी देशवासी हैं। आजादी के त्योहार में शामिल होने वाले सभी देशवासी हमारा परिवार हैं।

मुर्मू ने कहा कि हम उस परंपरा का हिस्सा हैं जो स्वाधीनता सेनानियों के सपनों और उन भावी पीढ़ियों की आकांक्षाओं को एक कड़ी में पिरोती है जो आने वाले वर्षों में हमारे देश को अपना संपूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी। बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। अगले साल उनकी 150वीं जयंती का उत्सव राष्ट्रीय पुनर्जागरण में उनके योगदान को और अधिक गहराई से सम्मान देने का अवसर होगा।

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का जिक्र

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, आज, 14 अगस्त को, हमारा देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है। यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है। जब हमारे महान राष्ट्र का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा। लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले, हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं और उन परिवारों के साथ एक-जुट होकर खड़े होते हैं जो छिन्न-भिन्न कर दिए गए थे।

महिला सशक्तिकरण का किया जिक्र

राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, समावेशी भावना, हमारे सामाजिक जीवन के हर पहलू में दिखाई देती है। अपनी विविधताओं और बहुलताओं के साथ, हम एक राष्ट्र के रूप में, एकजुट होकर, एक साथ, आगे बढ़ रहे हैं। मैं दृढ़ता के साथ यह मानती हूं कि भारत जैसे विशाल देश में, कथित सामाजिक स्तरों के आधार पर कलह को बढ़ावा देने वाली प्रवृत्तियों को खारिज करना होगा। महिलाओं को केंद्र में रखते हुए सरकार द्वारा अनेक विशेष योजनाएं भी लागू की गई हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उद्देश्य महिलाओं का वास्तविक सशक्तीकरण सुनिश्चित करना है।

नई संहिता स्वाधीनता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘इस वर्ष जुलाई से भारतीय न्याय संहिता को लागू करने में, हमने औपनिवेशिक युग के एक और अवशेष को हटा दिया है। नई संहिता का उद्देश्य, केवल दंड देने की बजाय, अपराध-पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है। मैं इस बदलाव को स्वाधीनता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में देखती हूं।

भारत बना 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था', राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, हम अपने संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। हमारे नव-स्वाधीन राष्ट्र की यात्रा में गंभीर बाधाएं आई हैं। न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुता के संवैधानिक आदर्शों पर दृढ़ रहते हुए, हम इस अभियान के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि भारत, विश्व-पटल पर अपना गौरवशाली स्थान पुनः प्राप्त करे. वर्ष 2021 से वर्ष 2024 के बीच 8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल करके, भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल है। इससे न केवल देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और हम शीघ्र ही विश्व की तीन शीर्षस्थ अर्थ-व्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। यह सफलता किसानों और श्रमिकों की अथक मेहनत, नीति-निर्माताओं और उद्यमियों की दूरगामी सोच तथा देश के दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर ही संभव हो सकी है। हमारे अन्नदाता किसानों ने उम्मीदों से बेहतर कृषि उत्पादन सुनिश्चित किया है। ऐसा करके, उन्होंने भारत को कृषि-क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और हमारे देशवासियों को भोजन उपलब्ध कराने में अमूल्य योगदान दिया है।

रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज को अमेरिका ने नहीं दिया वीजा, जानें क्या है वजह

अयोध्या में रामलला की मूर्ति बनाने वाले मुर्तिकार अरुण योगीराज और उनके परिवार को अमेरिका ने वीजा देने से इंकार कर दिया। उन्होंने एसोसिएशन ऑफ कन्नड़ कूट ऑफ अमेरिका के एक कार्यक्रम, विश्व कन्नड़ कंनवेंशन-2024 में भाग लेने के लिए आवेदन किया था।अरुण योगीराज के मुताबिक इनवाइट मिलने के बाद ही उन्‍होंने वीजा के लिए अप्‍लाई किया था। अमेरिकी अंबेसी को संपर्क कर उन्‍होंने अपने डॉक्‍यूमेंट दिए। अब अचानक उन्‍हें इस बात की जानकारी दी गई है कि उनकी अर्जी रिजेक्‍ट कर दी गई है।

अरुण को 20 दिन की यात्रा पर अमेरिका जाना था।अरुण योगीराज को एसोसिएशन ऑफ कन्नड़ कूटस ऑफ अमेरिका (AKKA) द्वारा आयोजित विश्व कन्नड़ सम्मेलन (डब्ल्यूकेसी 2024) में हिस्सा लेने लेने के लिए बुलाया गया था। ये कार्यक्रम 30 अगस्त से 1 सितंबर, 2024 तक वर्जीनिया के ग्रेटर रिचमंड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होना है। सम्मेलन का उद्देश्य कन्नड़ संस्कृति और विरासत का जश्न मनाना है। क्योंकि, उन्होंने राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला की प्रसिद्ध मूर्ति बनाई थी, इसलिए उन्हें सम्मान के तौर पर शामिल होने के लिए बुलाया गया था।

अरुण योगीराज के अनुसार उन्होंने वीजा संबंधित सभी डॉक्यूमेंट जमा किए थे, इसके वाबजूद भी उन्हें वीजा नहीं दिया गया। राम लला की मूर्ति बनाने के लिए मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज के वीजा आवेदन को अस्वीकार करने के लिए यूएस ने कोई आधिकारिक कारण भी नहीं बताया है।10 अगस्त को बिना किसी कारण का हवाला दिए उनके आवेदन को कैंसल कर दिया गया था।

इस साल की शुरुआत में अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस मंदिर में भगवान रामलला की मूर्ति स्थापित की गई है, जिसे अरुण योगीराज ने बनाया है। अरुण योगीराज की कई पीढ़ियां मूर्तियां बनाने का काम करती रही हैं, लेकिन रामलला की मूर्ति बनाकर अरुण देश-दुनिया में काफी लोकप्रिय हो गए हैं।