सरकारी कर्मचारी की मौत पर 20% रकम माता-पिता को भी, असम में नया नियम


डेस्क: भारत में बीते कुछ दिनों से किसी सरकारी कर्मचारी की मौत पर मिलने वाले मुआवजे के बंटवारे को लेकर काफी विवाद देखने को मिला है। लोगों के बीच ये बात चर्चा का विषय रही है कि कर्मचारी की मौत के बाद मुआवजे में से कुछ हिस्सा उसके माता-पिता को भी मिले। अब इस मामले पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बड़ा ऐलान किया है। असम सरकार ने मुआवजे की राशि के बंटवारे के लिए नया नियम लाने का फैसला किया है।


असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि असम में किसी सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद मुआवजे की राशि का बंटवारा 80:20 के रेशियों में किया जाएगा। सीएम हिमंत ने बताया कि मुआवजे की 80 प्रतिशत राशि मृतक के पति/पत्नी को और 20 प्रतिशत राशि माता-पिता को दी जाएगी।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि मुआवजे के 80:20 के रेशियों में बंटवारे का नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा। सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने इस फैसले के कारण बारे में बात करते हुए कहा है कि हम नहीं चाहते कि दुख की घड़ी में परिवार बंट जाएं।

असम के मुख्यमंत्री ने जानकारी दी है कि सरकारी ट्रांसफर और पोस्टिंग भ्रष्टाचार का एक बड़ा स्रोत हैं। इसे समाप्त करने के लिए हमारी सरकार एक पोर्टल लाएगी, जिसके माध्यम से कर्मचारी स्वयं अपना ट्रांसफर कर सकेंगे। इसमें सरकारी हस्तक्षेप को न्यूनतम रखा जाएगा। असम सीएम ने ये भी कहा है कि अगले वर्ष असम का 14वां मेडिकल कॉलेज गुवाहाटी में चालू हो जाएगा जबकि 2026 में 3 और मेडिकल कॉलेज चालू हो जाएंगे।
यहूदियों और इजरायलियों ने बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए उठाई आवाज, इजरायल के राजदूत नायोर गिलोन ने जताई चिंता

डेस्क: बांग्लादेश से आई हिंदुओं की तस्वीरों को देख यहूदियों का एक संगठन भड़क गया। इसके बाद भारत में इजरायल के राजदूत नायोर गिलोन बांग्लादेश के हिंदुओं की आवाज बन गए। सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया के एक बड़े यहूदियों के संगठन ने कहा कि यहूदी होने के नाते हम जानते हैं कि कट्टर इस्लामी ताकते कैसे उत्पीड़न करती हैं।


हमने बांग्लादेश से आई तस्वीरें देखी है, जिसमें हिंदुओं के साथ हिंसा हो रही है। हमारी संवेदना उनके साथ है। बांग्लादेश में जो हो रहा है वो कई देशों में हो चुका है। यही कट्टर इस्लाम का चरित्र है। हम चाहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार इस मु्द्दे पर बयान दे।

भारत में इजरायली राजदूत नाओर गिलोन ने देश में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों और अशांति के बीच बांग्लादेश में हिंदुओं और उनके मंदिरों सहित अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की खबरों पर चिंता जताई। गिलोन ने एक पोस्ट में कहा कि मैं बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों और उनके मंदिरों के खिलाफ अत्याचार की खबरों से परेशान हूं।
एलन मस्क ने लिया डोनाल्ड ट्रंप का इंटरव्यू, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति से पूछे ये सवाल

डेस्क: अरबपति और टेस्ला व एक्स के सीईओ एलन मस्क ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का इंटरव्यू लिया और हाल ही में हुए  हत्या के प्रयास के बारे में खुलकर बात की। ट्रंप ने हमले को 'कड़ी चोट' बताया और कहा कि यह एक अवास्तविक स्थिति थी। इंटरव्यू के दौरान जब एक्स के मालिक ने पूछा, "आपके लिए गोलीबारी कैसी रही? तो ट्रंप ने इसका जवाब देते हुए कहा गोलीबारी सुखद नहीं थी और यह बहुत कड़ी चोट थी। यह एक जोरदार झटका था''।


ट्रंप ने कहा कि जब कान में कुछ लगा तो मैं तुरंत समझ गया था कि यह गोली है। ट्रंप ने आगे कहा कि जिस क्षण गोली लगी और नीचे गिरे तो उनके दिमाग में एकमात्र सवाल था "कितने लोग मारे गए? क्योंकि हमारे पास वहां भारी भीड़ थी।  इसलिए मैंने कहा, 'कितने लोग मारे गए हैं? क्योंकि मुझे पता था कि अन्य गोलियां भी चल रही हैं'।

एलोन मस्क, जिन्होंने पहले डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बिडेन का समर्थन किया था ने अपना समर्थन ट्रंप को दे दिया है। यहां तक कि ट्रंप के अभियान का समर्थन करने के लिए एक सुपर पीएसी भी शुरू किया है। मस्क के समर्थन के बाद ट्रंप ने अपना रुख बदल दिया है। इस साक्षात्कार ने ट्रंप को अपने पारंपरिक आधार से परे व्यापक दर्शकों तक पहुंचने का अवसर प्रदान किया।

मस्क ने कहा कि उन्होंने ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव का समर्थन इसलिए किया है क्योंकि पिछले महीने पेंसिल्वेनिया में हत्या के प्रयास के दौरान ट्रंप ने मुट्ठी बांधते हुए जो जोश दिखाया वह काबिलेतारीफ है। ट्रंप ने कहा था कि हम लड़ेंगे। पीछे नहीं हटेंगे।

बता दें कि मस्क ने ट्रंप के साथ X पर लाइव स्ट्रीम बातचीत सोमवार को रात 8:42 बजे शुरू की, क्योंकि तकनीकी गड़बड़ी के कारण इसमें देरी हुई। पहले यह कार्यक्रम रात 8 बजे शुरू होने वाला था।  मस्क ने कहा कि बातचीत में देरी एक साइबर हमले के कारण हुई। मस्क ने इस देरी के लिए डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस (DDoS) हमले को जिम्मेदार ठहराया, हालांकि इस दावे की पुष्टि नहीं हुई है। 40 मिनट देरी से शुरू हुई इस बातचीत को दस लाख से ज़्यादा लोगों ने लाइव देखा।
एक और लव जिहाद.....अकील ने अखिल बनकर एक हिन्दू महिला को फंसाया, पिता और दोस्तों संग मिलकर किया घिनौना काम, FIR दर्ज


डेस्क: लखनऊ में एक युवक ने अपना नाम बदलकर शादीशुदा युवती का मोबाइल नंबर लिया फिर दोस्ती के बाद उसे झांसे में लेकर बंधक बना लिया. उसने दोस्तों और पिता के साथ मिलकर युवती के साथ बर्बरता की. मामला मोहनलालगंज थाना क्षेत्र का है जहां पर एक कंपनी में पीड़िता के साथ सोनू नाम का लड़का भी काम करता था. उसने पीड़िता का नंबर अकील अहमद को दिया. अकील ने युवती से अखिल बनकर संपर्क किया. 

कुछ ही दिनों में अकील उर्फ अखिल की युवती की दोस्ती हो गई. एक दिन अकील युवती को दूसरी जगह नौकरी दिलाने के नाम पर अपने दोस्त इंतजार अहमद और पिता खलील के साथ अन्य व्यक्ति को लेकर कैसरबाग पहुंचा, जहां युवती भी पहुंची. आरोप है कि यहां अकील की तरफ से आए वकील ने युवती से कागजों पर यह कहकर दस्तखत करा लिए कि यह नौकरी से संबंधित दस्तावेज हैं. युवती के कम पढ़े लिखे होने और वकील के कहने पर उसने दस्तखत कर दिए.    

हस्ताक्षर करने के बाद अकील और उसके पिता खलील लड़की को अपने साथ मोहनलालगंज के गोपाल खेड़ा अपने घर ले गए. यहां पर बंधक बनाकर उसे रखा गया. आरोप है कि उसके साथ दोनों ने रेप किया और उनका साथ अकील की मां ने भी दिया.

पीड़िता के अनुसार, बीते 17 जनवरी के बाद अकील के पिता खलील ने उसे हरिकंसगढ़ में एक किराए के कमरे में रख दिया. यहां अकील, उसके दोस्त इंतजार अहमद, पिता खलील और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति ने उसके साथ बारी-बारी से रेप किया. इसके एवज में अकील अपने दोस्तों से पैसा लेता था. अकील ने जबरदस्ती पीड़िता को कथित तौर पर गोमांस खाने और रोजा रखने के लिए दबाव बनाया.

इन्हीं सबके बीच जब अकील अजमेर गया तब किसी तरीके से पीड़िता वहां से निकलकर अपने पति के पास पहुंची. मगर यह सिलसिला यहीं नहीं रुका. इधर जब अकील अजमेर से वापस आया तो उसने पीड़िता को फोन किया और धमकी देकर उसे वापस मोहनलालगंज बुलाया. डर के कारण पीड़िता मोहनलालगंज गई. फिर अकील उसे एक बाग में ले गया, जहां उसने कथित तौर पर उसके साथ आप्राकृतिक तरीके से यौन संबंध बनाया और बुरी तरीके से मारा पीटा.

इस पूरी घटना की जानकारी पीड़िता ने अपने पति को दी. पीड़िता के पति ने बताया कि जब वे लोग थाने पर एफआईआर दर्ज करवाने गए, तो पुलिस ने उल्टा उन्हीं के ऊपर दबाव बनाया. पीड़िता के पति ने बताया कि उसको और उसकी पत्नी को पुलिस द्वारा मानसिक प्रताड़ना दी गई. लगातार केस वापस लेने का दबाव बनाया गया. साथ ही साथ उसकी पत्नी को कॉल गर्ल कहकर संबोधित किया.    

पीड़िता की तरफ से उसके वकील द्वारा जब मदद की गई, तब जाकर पुलिस ने एफआईआर लिखी. पीड़िता के वकील ने बताया कि मामले में धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम के तहत धाराएं नहीं लगाई गईं. जबकि, पीड़िता की तरफ से दी गई तहरीर में साफ बताया गया है कि उसे गोमांस खिलाया गया, उसे रोजा रखने के लिए दवाब बनाया जाता था. फिलहाल, पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

मोहनलालगंज पुलिस ने बताया कि धारा 376 डी, 420, 342, 323, 506 और 377 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है. पीड़ित लड़की का 161 कलम बंद बयान लिया गया है.

पेरिस ओलंपिक में खिलाड़ियों को मिल रहे ऐसे मेडल, सिर्फ इतने ही दिन में सामने आई सच्चाई



डेस्क: पेरिस ओलंपिक 2024 का आयोजन फ्रांस की राजधानी पेरिस में किया जा रहा है। ओलंपिक में इस बार कुल 10,500 एथलीटों ने हिस्सा लिया। इन सभी एथलीटों का टारगेट अपने देश के लिए मेडल जीतना था। इसी बीच आपको बता दें कि भारत ने इस बार ओलंपिक में कुल एक सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। ओलंपिक में दिए जा रहे इन मेडलों में पेरिस में स्थित एफिल टॉवर के धातु को भी जोड़ा गया है। जोकि बीच में हेक्सागॉन आकार का है। ओलंपिक का समापन 11 अगस्त को होने वाला है। पेरिस ओलंपिक में पिछले दो सप्ताह में कई विवाद देखने को मिले, जिसमें विनेश फोगट को अयोग्य ठहराए जाने से लेकर सीन नदी में प्रदूषित पानी तक शामिल है। इसी बीच अमेरिका एक एथलीट ने मेडल की गुणवत्ता को लेकर एक बड़ा मुद्दा उठा दिया है।


ओलंपिक में इस बार स्केटबोर्ड में कांस्य पदक जीतने वाले अमेरिका के न्याजा ह्यूस्टन ने कुछ दिनों में अपने कांस्य पदक के खराब होने की कई तस्वीरें साझा की हैं। आपको बता दें कि 29 वर्षीय इस खिलाड़ी ने ला कॉनकॉर्ड में नेलबिटर फाइनल में स्केटबोर्डिंग में कांस्य पदक जीता था। उनके अमेरिकी साथी जैगर ईटन ने रजत पदक जीता जबकि जापान के युतो होरिगोम ने स्वर्ण पदक जीता। न्याजा ह्यूस्टन के मेडल की गुणवत्ता सिर्फ 10 दिन में खराब हो गई।


न्याजा ह्यूस्टन ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि जब ये ओलंपिक पदक बिल्कुल नए होते हैं, तो ये बहुत अच्छे लगते हैं, लेकिन जब उन्होंने इस मेडल को कुछ देर तक पहने रखा और इसपर पसीना लगा तब पता चला कि ये उतने उच्च गुणवत्ता वाले नहीं होते, जितना की सोचा जाता है। उन्होंने अपने वीडियो में कहा कि मेडल खुरदरी दिख रही है। यहां तर कि सामने का हिस्सा भी थोड़ा-थोड़ा टूटने लगा है। इसके अलावा उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा कि मुझे नहीं पता... ओलंपिक पदक की गुणवत्ता को थोड़ा और बढ़ाना होगा। उन्होंने यह भी लिखा कि मुझे लगता है कि पदक केस में रखे जाने चाहिए।
पेरिस ओलंपिक 2024 के क्लोजिंग सेरेमनी में मनु भाकर के साथ पीआर श्रीजेश होंगे भारत के ध्वजवाहक


डेस्क: पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत जहां 26 जुलाई को ओपनिंग सेरेमनी के साथ हुई थी तो वहीं 11 अगस्त को क्लोजिंग सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा। भारतीय ओलंपिक संघ की तरफ से ये जानकारी दी गई है कि क्लोजिंग सेरेमनी में भारत की तरफ से ध्वजवाहक की जिम्मेदारी शूटिंग में 2 ब्रॉन्ज मेडल जीतने वालीं मनु भाकर के साथ हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश संभालेंगे। इससे पहले ओपनिंग सेरेमनी में भारत के लिए पीवी सिंधु ने जहां महिला ध्वजवाहक की भूमिका अदा की थी तो वहीं शरत कमल ने पुरुष ध्वजवाहक की जिम्मेदारी को संभाला था।

इंडियन ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने दोनों ही एथलीट के नामों का ऐलान करने के साथ अपने बयान में कहा कि श्रीजेश काफी भावुक थे जब उन्हें ध्वजवाहक के रूप में चुना गया। उनके साथ शेफ-डी-मिशन गगन नारंग और भारतीय दल भी क्लोजिंग सेरेमनी में शामिल होगा। श्रीजेश ने भारतीय हॉकी टीम के लिए 2 दशक तक योगदान दिया है। वहीं पीटी ऊषा ने पुरुष ध्वजवाहक के लिए पहले जैवलिन थ्रो में सिल्वर मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा से बात की थी लेकिन उन्होंने श्रीजेश को ये जिम्मेदारी देने का आग्रह किया।

भारत अब तक पेरिस ओलंपिक में 5 पदक जीतने में कामयाब हुआ है जिसमें से 2 पदकों में मनु भाकर की अहम भूमिका रही। मनु ने जहां 10 मीटर एयर पिस्टल के इवेंट में ब्रॉन्ज तो वहीं दूसरा कांस्य पदक उन्होंने 10 मीटर मिक्सड पिस्टल के इवेंट में जीता था। पीआर श्रीजेश को लेकर बात की जाए तो पेरिस ओलंपिक में उन्होंने गोलकीपर के रूप में काफी अहम भूमिका अदा की जिससे भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को भी मात देने में कामयाब हो सकी थी।
पाकिस्तान ने गोल्ड मेडल जीतकर खत्म किया ओलंपिक मेडल का सूखा, आखिरी बार इतने साल पहले इस खेल में जीता था



डेस्क : पाकिस्तान के अरशद नदीम ने आखिरकार वो कर दिया, जो सालों से कोई भी एथलीट नहीं कर पाया था। ओलंपिक शुरू होने से पहले जब पता चला कि पाकिस्तान अपने केवल 7 ही एथलीट पेरिस भेज रहा है तो जिस एक खिलाड़ी से सबसे ज्यादा उम्मीदें थी, वो अरशद नदीम ही थे। वे उस पर खरे भी उतरे हैं और गोल्ड जीतने में कामयाबी हासिल कर ली। लेकिन क्या आपको पता है कि पाकिस्तान ने आखिरी बार ओलंपिक में मेडल कब जीता था और किस खेल में जीता था, चलिए आपको बताते हैं।


एक वक्त ऐसा भी था, जब हॉकी में भारत की तूती बोलती थी। पाकिस्तान का भी हॉकी में शानदार प्रदर्शन रहता था। उसमें भी कई ओलंपिक मेडल हॉकी में जीते हैं। पाकिस्तान ने इससे पहले साल 1992 में आखिरी बार ओलंपिक में मेडल जीता था। उस वक्त भी उनकी हॉकी टीम ने ही ब्रॉन्ज जीतने में सफलता हासिल की थी। इसके बाद से हर साल एथलीट ओलंपिक में प्रतिभाग तो करते थे, लेकिन मेडल दूर की कौड़ी हुआ करती थी।

इस बार अरशद नदीम ने सालों से चला आ रहा सूखा खत्म कर दिया है। उन्होंने जैवलिन थ्रो में न केवल मेडल जीता है, बल्कि गोल्ड जीता है। ऐसे में इस वक्त वे पाकिस्तान के सबसे बड़े हीरो बनकर उभरे हैं। ओलंपिक जैसे खेल में गोल्ड जीतना कोई आसान काम नहीं होता, ये हम सभी जानते ही हैं। अरशद नदीम ने जैवलिन थ्रो में 92.97 मीटर का थ्रो किया। इसके साथ ही उनका गोल्ड पक्का हो गया। वहीं भारत ने नीरज चोपड़ा ने इसी इवेंट में सिल्वर अपने नाम किया है। नीरज का थ्रो 89.45 मीटर का था।

पाकिस्तान ने इससे पहले पूरे ओलंपिक के इतिहास में कुल 10 ही मेडल जीते थे। अब उनको 11वां मेडल नसीब हुआ है। पाकिस्तान ने साल 1956 में पहली बार ओलंपिक मेडल जीता था, जो सिल्वर था। इसके बाद 1976 तक लगातार कोई ना कोई मेडल उनकी झोली में आता रहा। साल 1992 में बार्सिलोना में खेले गए ओलंपिक के बाद उनका डिब्बा गोल हो गया। अब एक बार फिर से नदीम ने पाकिस्तान की वापसी कराई है। देखना होगा कि आने वाले वक्त में पाकिस्तान ओलंपिक में कैसा प्रदर्शन करता है।
विनेश फोगाट और देश के लिए बड़ी खुशखबरी, अब सिल्वर मेडल मिलने की संभावना




डेस्क: भारतीय महिला रेसलर एथलीट विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल गोल्ड मेडल मैच से ठीक पहले तय वजन सीमा से 100 ग्राम वजन अधिक होने की वजह से उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया था। इस फैसले के बाद जहां भारतीय ओलंपिक संघ ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी तो वहीं विनेश भी काफी निराश हुईं। विनेश फोगाट ने इस फैसले को लेकर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CSA) अपील की थी कि उन्हें कम से कम सिल्वर मेडल दिया जाए जिस पर अब सीएसए ने उनकी अपील को स्वीकार कर लिया है। हालांकि इस पर आखिरी फैसला आना अभी बाकी है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि उन्हें ओलंपिक मेडल मिल सकता है।

पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट ने जब गोल्ड मेडल मैच के लिए अपनी जगह को पक्का किया था तब वह भारत की पहली महिला रेसलर बन गई थीं जो ओलंपिक के इतिहास में किसी भी किलोग्राम कैटेगिरी का फाइनल मुकाबला खेलने जा रहीं थी, लेकिन मेडल मैच की सुबह जब उनका वजन मापा गया तो वह तय सीमा से 100 ग्राम अधिक था ऐसी स्थिति में विनेश को मुकाबले के लिए अयोग्य करार दे दिया गया था। विनेश ने अपने वजन को कम करने के लिए मुकाबले से एक रात पहले जॉगिंग, साइकलिंग करने के साथ अपने बाल और नाखून तक काटे लेकिन फिर भी वह सिर्फ 100 ग्राम वजन अधिक होने की वजह से चूक गईं।

विनेश फोगाट डिसक्वालीफाई होने के बाद जहां काफी निराश थीं तो वहीं उन्होंने 8 अगस्त की सुबह कुश्ती से अपने संन्यास का भी ऐलान कर दिया। विनेश ने रेसलिंग में कॉमनवेल्थ से लेकर एशियन गेम्स में पदक जीते हैं। वहीं उन्हें भारत सरकार की तरफ से साल 2016 में जहां अर्जुन पुरस्कार मिला था तो साल 2020 में विनेश को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार भी मिला था। उनका संन्यास लेना पूरे देश के लिए एक बड़ा झटका रहा। हालांकि अब उम्मीद लगाई जा रही है कि CSA का फैसला विनेश के हित में आए और उन्हें मेडल मिल जाए। ऐसा होता है तो यह पूरे भारत के लिए गर्व का पल होगा।
पेरिस ओलंपिक 2024: अमन सेहरावत की सीधे सेमीफाइनल में एंट्री, विरोधी को किया चारोखाने चित्त


डेस्क: भारत के एक और रेसलर ने पेरिस में भारत का झंडा गाड़ दिया है। उन्होंने 57 किलो भारवर्ग में लगातार दो मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में एंट्री कर ली है। अब अमन सेहरावत ओलंपिक मेडल से बस एक जीत दूर हैं। यानी अगर वे फाइनल में एंट्री करते हैं तो उनका गोल्ड या फिर सिल्वर पक्का हो जाएगा। उन्होंने अल्बानिया के जेलिमखान अबकारोव को शानदार तरीके से हराकर इस मुकाबले को अपने नाम करने में कामयाबी हासिल की।


अमन सेहरावत अल्बानिया के जेलिमखान अबकारोव को बुरी तरह से हराया। उन्होंने जेलिमखान अबकारोव को उस वक्त हरा दिया, जब मुकाबले में दो मिनट से ज्यादा का वक्त बचा हुआ था। उन्होंने विरोधी को एक भी अंक नहीं लेने दिया। उन्होंने बहुत की कम वक्त में अबकारोव पर लीड ले ली। इसके बाद कुछ ही सेकेंड में लीड 11.0 हो गई। इसके बाद विरोधी एथलीट ने रिव्यू भी लिया, लेकिन इसका कोई भी फायदा नहीं हुआ। नियमों के अनुसार अगर कोई पहलवान विरोधी पर 10 अंकों की बढ़त ले लेता है तो फिर मुकाबला वहीं पर खत्म हो जाता है। इसलिए समय शेष रहते ही अमन को विजेता घोषित कर दिया गया।

इससे पहले अमन सेहरावत ने प्री क्वार्टर फाइनल में मैसेडोनिया के व्लादिमीर एगोरोव को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। उन्होंने तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर मुकाबला 10-0 से जीता और दुनिया के 38वें नंबर के पहलवान को पटकनी दे दी। अमन सेहरावत दुनिया में छठे स्थान पर हैं। इससे पहले के मुकाबले की शुरुआत शांत रही। इस बीच जैसे ही अमन को मौका मिला। उन्होंने लेग अटैक से अपना खाता खोला। जैसे ही अमन ने व्लादिमीर को रिंग से बाहर धकेला 2-0 की बढ़त एक और अंक तक बढ़ गई। इसके बाद अमन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। प्रतिद्वंद्वी को एक और टेकडाउन के कारण तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर उन्हें विजेता घोषित किया गया।

अमन की जीत पूरे भारत के लिए बड़ी राहत की बात है। बुधवार को विनेश फोगट के साथ जो हुआ उसके बाद। वह फाइनल में यूएसए की सारा हिल्डेब्रांट के खिलाफ स्वर्ण पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाली थीं, लेकिन 49 किलोग्राम वर्ग में केवल 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। हालांकि, अभी भी उनके रजत पदक जीतने की उम्मीद है क्योंकि उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की है।
पेरिस ओलंपिक 2024 में भी भारत बनाम पाकिस्तान, आज इतने बजे से शुरू होगा मुकाबला


डेस्क : पेरिस में खेले जा रहे ओलंपिक 2024 में आज का दिन काफी ज्यादा अहम होने वाला है। बुधवार का दिन तो अच्छा नहीं गया। पहले विनेश फोगाट फाइनल से बाहर हो गईं, वो भी 100 ग्राम वजन की वजह से। वहीं रात होते होते मीराबाई चानू भी मेडल लेकर नहीं आ पाईं, जिनसे इस बार भी कम से कम सिल्वर मेडल की उम्मीद की जा रही थी। अब आज भारत अपने तीन मेडल को 5 में तब्दील कर सकता है। पहले भारतीय हॉकी टीम का ब्रॉन्ज मेडल मैच स्पेन से होगा, वहीं रात में जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा एक्शन में नजर आएंगे। नीरज से गोल्ड की उम्मीद की जा रही है। इस बीच पड़ोसी मुल्क यानी पाकिस्तान के भी अरशद नदीम उनके सामने होंगे। यानी कुल मिलाकर देखा जाए तो ओलंपिक में भी आज भारत बनाम पाकिस्तान होना है।


नीरज चोपड़ा इस वक्त सभी जुबां पर हैं। वैसे तो ओलंपिक शुरू होने से पहले ही वे चर्चा में आ गए थे, लेकिन आज जब रात में उनका मुकाबला होना है तो सभी केवल नीरज की ही बात कर रहे हैं। जैवलिन थ्रो के क्वालीफाइंग राउंड में उन्होंने इतनी दूर भाला फेंका, इससे उम्मीदें और भी बढ़ना लाजिमी है। क्वालीफाइंग राउंड में नीरज चोपड़ा नंबर एक पर रहे, लेकिन पाकिस्तान के अरशद नदीम ने भी अच्छा प्रदर्शन किया और वे नंबर चार पर रहे। वैसे तो इस बार नदीम ने नीरज ने कम दूर भाला फेंका, लेकिन उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 90 मीटर का रहा है, जहां तक नीरज अभी तक भाला फेंकने में कामयाब नहीं हो पाए हैं।


नीरज चोपड़ा नंबर वन, चौथे स्थान पर अरशद नदीम
पेरिस ओलंपिक के क्वालीफाइंग राउंड की बात करें तो नीरज ने 89.34 मीटर दूर भाला फेंका था, जो सबसे ज्यादा था। ग्रेनेडा के पीटर एंडरसन ने 88.63 मीटर तक भाला फेंका और वे दूसरे स्थान पर रहे। जर्मनी के वेबर जूलियन ने 87.76 मीटर भाला फेंका और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। बात अगर पाकिस्तान के अरशद नदीम की करें तो उन्होंने 86.59 मीटर भाला फेंका और वे इस लिस्ट में चौथे स्थान पर थे। हालांकि ये भी जानना जरूरी है कि क्वालीफाइंग राउंड में एथलीट अपने सर्वश्रेष्ठ नहीं देते हैं। उन्हें एक मार्क दिया जाता है, वहां पर भाला पहुंच जाए तो काम हो जाता है। जो इस बार 84 मीटर का था। इससे कई एथलीट ने आसानी से पार कर लिया था। फाइनल के लिए अपना बेस्ट बचाकर रखा जाता है।


भारत को रेसलिंग में विनेश फोगाट, हॉकी में भी गोल्ड की उम्मीद थी, जो अब टूट चुकी है। अब सारी आशाएं और उम्मीदें नीरज चोपड़ा पर टिकी हैं। आज रात में करीब 12 बजकर 55 मिनट पर नीरज चोपड़ा एक्शन में होंगे। कुल 12 एथलीट ने फाइनल में अपनी जगह पक्की की है। यानी मोटे तौर पर मानकर चलिए कि रात करीब एक बजे तक पता चल जाएगा कि नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए कौन सा मेडल जीता है। नीरज चोपड़ा ने साल 2020 के टोक्यो ओलंपिक में भी गोल्ड मेडल जीता था। यानी अगर वे एक और गोल्ड जीत जाते हैं तो भारत के लिए ऐसा करने वाले पहले एथलीट हो जाएंगे। भारत ने हॉकी में तो बैक टू बैक गोल्ड जीते हैं, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी एक एथलीट ने लगातार दो बार गोल्ड जीता हो, ऐसे में नीरज भारत के और भी ज्यादा स्टार बनने से बस चंद कदम की दूरी पर हैं।